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hindi_2022_10743 | 'कांग्रेस में युवाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए', मल्लिकार्जन खड़गे की अपील | मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आज युवा देश में कांग्रेस के योगदान से अनजान हैं, इसलिए जरूरी है कि उन्हें भूतकाल से अवगत कराया जाये। उन्होंने कहा कि गोपाल कृष्ण गोखले 39 साल की उम्र में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष बने। | बेंगलुरु: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को अपील की कि पार्टी नेतृत्व को संगठन में युवाओं को प्राथमिकता देने के साथ उनका उत्साहवर्धन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज युवा देश में कांग्रेस के योगदान से अनजान हैं, इसलिए जरूरी है कि उन्हें भूतकाल से अवगत कराया जाये। खड़गे ने कहा, ‘‘मैं एक चीज कहना चाहता हूं, अब युवाओं को प्राथमिकता दें, सुरजेवाला साब, (कांग्रेस महासचिव और कर्नाटक में एआईसीसी प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला) युवाओं को सर्वाधिक प्राथमिकता दी जानी चाहिए।’’यहां पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा कि गोपाल कृष्ण गोखले 39 साल की उम्र में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष बने। इसी तरह राजीव गांधी 41 में, इंदिरा गांधी 42 में और सुभाष चंद्र बोस 41 सल की उम्र में एआईसीसी अध्यक्ष बने।खड़गे पूर्व मंत्री एमबी पाटिल के चेयरमैन के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के अवसर पर बोल रहे थे। पाटिल को कर्नाटक कांग्रेस की अभियान समिति का चेयनमैन बनाया गया है।(इनपुट- एजेंसी) |
hindi_2022_10744 | राष्ट्रीय आपदा है रोजगार की कमी, सरकार कर रही है खोखले वादे: राहुल गांधी | कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि देश में रोजगार की कमी राष्ट्रीय आपदा बन चुकी है, लेकिन केंद्र सरकार सिर्फ खोखले वादे कर रही है। | नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि देश में रोजगार की कमी राष्ट्रीय आपदा बन चुकी है, लेकिन केंद्र सरकार सिर्फ खोखले वादे कर रही है। उन्होंने एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘रोज़गार की कमी एक ऐसी राष्ट्रीय आपदा है जो गहराती जा रही है। मोदी सरकार सिर्फ़ खोखले वादे करना जानती है, समाधान करना नहीं।’’ कांग्रेस नेता ने जो खबर शेयर की उसमें कहा गया है कि गत सितंबर महीने के मुकाबले अक्टूबर महीने में रोजगार के अवसर में करीब 60 फीसदी की गिरावट आई है। इससे पहले राहुल गांधी ने बुधवार को सरकार पर महंगाई कंट्रोल न कर पाने के आरोप लगाए थे। राहुल गांधी ने महंगाई के मुद्दे को लेकर आरोप लगाया था कि ‘चौतरफा महंगाई की मार’ के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। प्याज एवं बीज की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण किसानों के परेशान होने का दावा करने वाली एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने ट्वीट किया था, "एक तरफ़ किसान पर दोहरी मार- महंगे बीज और कम दाम पर उपज की ख़रीद। दूसरी तरफ़ उपभोक्ता पर चारों तरफ़ से महंगाई की मार। ज़िम्मेदार सिर्फ़ मोदी सरकार!"इसके साथ ही, राहुल गांधी ने लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के अपने घर लौटने में आई दिक्कत से जुड़ा एक वीडियो शेयर कर केंद्र और बिहार सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘‘जब लाखों मज़दूर बहन-भाई देश के विभिन्न हिस्सों से बिहार-उत्तर प्रदेश की ओर भूखे, प्यासे पैदल चलने पर मजबूर हो गए, तब मोदी-नीतीश सरकारों ने ये शर्मनाक बर्बरता की। कांग्रेस पार्टी सरकार में नहीं है, फिर भी हमने इस अत्याचार के ख़िलाफ़ मज़दूर भाइयों की मदद की। यही सच है।’’ |
hindi_2022_10745 | विधायकों ने छोड़ा था कांग्रेस का साथ आज हुए बीजेपी में शामिल | बीजेपी महासचिव राम माधव, बीजेपी उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा और मणिपुर सीएम वीरेन सिंह ने मणिपुर के पांच नेताओं को बीजेपी ज्वाइन कराया जो कांग्रेस के विधायक थे और इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन किया है। | नई दिल्ली। बीजेपी महासचिव राम माधव, बीजेपी उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा और मणिपुर सीएम वीरेन सिंह ने मणिपुर के पांच नेताओं को बीजेपी ज्वाइन कराया जो कांग्रेस के विधायक थे और इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन किया है। राम माधव ने कहा कि कांग्रेस ने प्रलोभन और षडयंत्र के द्वारा मणिपुर सरकार गिराने की लगातार कोशिश की है। राजस्थान और मध्यप्रदेश को लेकर जो आरोप लगाते हैं, वो सबकुछ कांग्रेस ने असल में मणिपुर में किया है।देश के टॉप बैंकों के पर्सनल लोन की दरें, जानिए किस बैंक से मिलेगा सबसे सस्ता लोनमणिपुर विधानसभा में पिछले दिनों पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित रहकर अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा नीत एन बीरेन सिंह सरकार की जीत आसान करने वाले कांग्रेस के आठ में से पांच विधायकों ने बुधवार (19 अगस्त) को यहां बीजेपी का दामन थाम लिया। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, पार्टी महासचिव राम माधव और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वैजयंत जय पांडा की उपस्थिति में पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में सभी पांचों पूर्व विधायकों ने बुधवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस अवसर पर माधव ने कांग्रेस पर बीरेन सिंह सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया और दावा किया कि अब उनकी सरकार स्थिर है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने मणिपुर में बीरेन सिंह की सरकार गिराने के तमाम प्रयास किए। यहां तक कि हमारे विधायकों को प्रलोभन तक दिया गया और षडयंत्र रचा गया। दरअसल, कांग्रेस जो आरोप राजस्थान और मध्य प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रमों को लेकर हमारे ऊपर लगा रही थी, वही काम वह मणिपुर में कर रही थी।' कैबिनेट का फैसला, प्राइवेट हाथों में जाएंगे जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्टउन्होंने कहा कि कांग्रेस के तमाम प्रयास विफल हुए। बीरेन सिंह सरकार विधानसभा में खुद विश्वास मत लेकर आई और जीत हासिल की। उन्होंने कहा, 'ये सरकार स्थायी रूप से चलेगी। डेढ़ साल का बचा कार्यकाल तो पूरा करेगी ही साढ़े छह साल हमारी सरकार चलेगी। हम अगला चुनाव जीतेंगे और फिर से सरकार में आएंगे।' माधव ने दावा किया कि कांग्रेस के षडयंत्रों से राज्य के कांग्रेस विधायकों में असंतोष था। इसी का परिणाम है कि उसके विधायक भाजपा में आ रहे हैं। सुशांत सिंह राजपूत केस CBI के हवाले, सुप्रीम कोर्ट ने पटना में दर्ज FIR को सही मानाज्ञात हो कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मंगलवार (18 अगस्त) को सिंह पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए विधानसभा के एक दिवसीय सत्र से दूर रहने वाले छह विधायकों के साथ पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की थी। इन विधायकों ने कांग्रेस के साथ-साथ विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। भाजपा-नीत सरकार ने राज्य विधानसभा में 16 के मुकाबले 28 वोट से विश्वास मत जीता था। कांग्रेस के आठ विधायकों ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लिया था। बीरेन सिंह की जीत लगभग तय मानी जा रही थी लेकिन कांग्रेस के आठ विधायकों के अनुपस्थित रहने से उनका रास्ता और आसान हो गया। मणिपुर में 60 सदस्यीय विधानसभा है।सवारियों से भरी बस को अगवा करने वाला प्रदीप है कई सौ बसों का मालिक? पुलिस ने निकाली उसकी पूरी डिटेल |
hindi_2022_10746 | पाकिस्तान को FATF में ब्लैकलिस्ट करा सकता है भारत के हाथ लगा यह बड़ा सबूत | जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने वाली पाकिस्तान की एजेंसियों और आतंकवादियों के बीच साठगांठ का बड़ा सबूत हाथ लगा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने एक नया दस्तावेज हासिल किया है, जो पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के साथ आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन की करीबी की पुष्टि करता है। | नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने वाली पाकिस्तान की एजेंसियों और आतंकवादियों के बीच साठगांठ का बड़ा सबूत हाथ लगा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने एक नया दस्तावेज हासिल किया है, जो पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के साथ आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन की करीबी की पुष्टि करता है। यह दस्तावेज अक्टूबर में फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की मीटिंग से पहले भारत के हाथ लगा है। इसलिए उम्मीद की जा रहा है कि एफएटीएफ में पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कराया जा सकता है।भारत में कई हमलों के लिए जिम्मेदार प्रतिबंधित आतंकी संगठन के ISI के साथ संबंधों के स्पष्ट प्रमाण मिलने से भारतीय एजेंसियां बहुत उत्साहित हैं। भारतीय एजेंसियों का मानना है कि इस दस्तावेज से FATF में पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने में मजबूती मिलेगी।बता दें कि पाकिस्तान की खुफिया निदेशालय, इस्लामाबाद की ओर से हाल ही में जारी दस्तावेज भारतीय एजेसिंयों के हाथ लगे हैं। दस्तावेज के मुताबिक, प्रतिबंधित आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख सैयद मुहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाहुद्दीन 'आधिकारिक तौर पर' पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई के साथ काम कर रहा है।निदेशक/कमांडिंग अधिकारी वजाहत अली खान के नाम से जारी इस पत्र में कहा गया है, 'यह प्रमाणित है कि सैयद मुहम्मद यूसुफ शाह, इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई, इस्लामाबाद) के साथ काम कर रहे हैं। वह इस विभाग के अधिकारी हैं। सलाहुद्दीन के वाहन का विवरण साझा करते हुए निर्देश है कि उन्हें सुरक्षा की मंजूरी दे दी गई है और अनावश्यक रूप से रोका नहीं जाना चाहिए।' इसमें यूसुफ शाह को हिजबुल मुजाहिदीन का अमीर यानी मुखिया बताया गया है। सलाहुद्दीन के लिए जारी किया पत्र 31 दिसंबर, 2020 तक मान्य है। |
hindi_2022_10747 | Shri Badrinath Dham: बद्रीनाथ धाम में फिर एक महिला यात्री की मौत, एक व्यक्ति का शव भी मिला, इन बातों का रखें ध्यान | बद्रीनाथ धाम में एक महिला तीर्थयात्री ने हार्ट अटैक से दम तोड़ दिया। वहीं पुलिस ने कंचन गंगा के समीप बद्रीनाथ हाईवे के किनारे एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद किया है। | Shri Badrinath Dham: बद्रीनाथ धाम में एक महिला तीर्थयात्री ने हार्ट अटैक से दम तोड़ दिया। वहीं पुलिस ने कंचन गंगा के समीप बद्रीनाथ हाईवे के किनारे एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद किया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल गोपेश्वर भेज दिया गया है। पुलिस के अनुसार, मंगलवार देर रात बद्रीनाथ में राजस्थान के अलवर की रहने वाली महिला तीर्थयात्री रामप्यारी (79) की अचानक तबियत खराब हो गई। उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बद्रीनाथ ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।सीएमओ डॉ. एसपी कुड़ियाल ने बताया कि महिला तीर्थयात्री की हृदय गति रुकने से मौत हुई है। वहीं, मंगलवार रात को बद्रीनाथ थाना पुलिस को बद्रीनाथ हाईवे पर कंचन गंगा के समीप एक व्यक्ति के अचेत अवस्था में पड़े होने की सूचना मिली। जिस पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस उसे बद्रीनाथ के अस्पताल ले गई, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। मृतक का बांया हाथ कंधे से कटा हुआ है। थानाध्यक्ष केसी भट्ट ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है।केदारनाथ में बढ़ रही यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए शासन की ओर से प्रतिदिन दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या का निर्धारण कर दिया गया है। यात्रियों की संख्या का निर्धारण का ट्रांसपोर्टरों ने भी मिली-जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है। शासन की ओर से केदारनाथ में यात्रियों के दर्शन करने की क्षमता 15 हजार और यमुनोत्री में दर्शन करने की क्षमता पांच हजार कर दी गई है। यात्रियों की संख्या निर्धारण करने के बाद पंजीकरण काउंटर पर अब यात्रियों को दर्शन करने की तारीख मिल रही है। आईएसबीटी स्थित चारधाम यात्रा पंजीकरण काउंटर पर केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को 20 मई की तिथि मिल रही थी। टीजीएमओ कंपनी के सचिव हिम्मत सिंह रावत ने बताया कि एक ओर से सरकार 30 लाख यात्रियों का आने का दावा कर रही है। वहीं केदारनाथ में एक दिन में दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या 15 हजार तय करने से बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को परेशानी होगी। जो यात्री अपना प्लान बनाकर अपने घर से चले हैं। यदि ऋषिकेश पंजीकरण के दौरान उन्हें 15 दिन बाद की तिथि दर्शन के लिए मिलती है तो वह परेशान हो जाएंगे।इनपुट: आईएएनएस |
hindi_2022_10748 | Noida Metro ने बनाया रिकॉर्ड, कोविड लॉकडाउन के बाद लौट रही रौनक | Noida Metro Rail Corporation के 10 स्टेशनों को दोनों तरफ से खोला गया है, जिनमें सेक्टर 51, सेक्टर 50, सेक्टर 76, विशेष निर्यात जोन, सेक्टर 83, सेक्टर 137, सेक्टर 142, नॉलेज पार्क- 2, परी चौक और डिपो स्टेशन शामिल हैं। | नोएडा. दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 51 को ग्रेटर नोएडा के परि चौक और डिपो स्टेशन से जोड़ने वाली नोएडा मेट्रो की एक्वा लाइन पर अब रौनक लौटने लगी है। नोएडा मेट्रो में अब यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा महसूस किया जा सकता है। पिछली 15 नंबवर को यात्री संख्या के मामले में नोएडा मेट्रो ने एक रिकॉर्ड बनाया है।कोरोना वायरस लॉकडाउन के पश्चात सेवाएं शुरू होने के बाद 15 नवंबर को एक दिन में सबसे ज्यादा 26,554 लोगों ने नोएडा मेट्रो रेल की एक्वा लाइन पर यात्रा की। नोएडा मेट्रो रेल कार्पोरेशन (NMRC) मीडिया प्रभारी ने बताया कि सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन से सबसे ज्यादा 10,035 लोगों ने मेट्रो रेल की सवारी की।उन्होंने बताया कि Noida Metro Rail Corporation के 10 स्टेशनों को दोनों तरफ से खोला गया है, जिनमें सेक्टर 51, सेक्टर 50, सेक्टर 76, विशेष निर्यात जोन, सेक्टर 83, सेक्टर 137, सेक्टर 142, नॉलेज पार्क- 2, परी चौक और डिपो स्टेशन शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 12 अन्य स्टेशनों के दोनों ओर जल्दी खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि एनएमआरसी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए यात्रियों को सुरक्षित यात्रा मुहैया करा रहा है। |
hindi_2022_10749 | Rajat Sharma's Blog: महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर, सिर्फ लॉकडाउन ही विकल्प नहीं | महाराष्ट्र के कम से कम 15 जिले ऐसे हैं जहां हालात पिछले साल से भी ज्यादा खराब हो गए हैं। पहले देश में कोरोना का हर पांचवां मरीज महाराष्ट्र से होता था लेकिन फिलहाल जो स्थिति है उसमें हर तीन में दो मरीज महाराष्ट्र से है। | देशभर में पिछले 111 दिनों में पहली बार कोरोना के मामले 40 हजार के आंकड़े को पार कर 40,944 तक पहुंच गए हैं। यह सभी के लिए चिंता की बात है। इस साल एक दिन में कोरोना वायरस के इतने मामले पहली बार सामने आए हैं। कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या में 19 हजार की बढ़ोतरी हुई है जो कि पिछले साल सितंबर महीने के बाद सबसे बड़ा इजाफा है। कोरोना के मामले पिछले 9 दिनों से लगातार बढ़ रहे हैं। 17 राज्यों में यह बढ़ोतरी देखने को मिल रही है जिसमें महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित है। पिछले तीन दिनों में 54 हजार से ज्यादा मामले सामने आने के साथ ही शुक्रवार को कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 2.9 लाख हो गई। महाराष्ट्र में हालात बहुत खराब हैं। यहां कोरोना के 25,681 नए मामले सामने आए हैं। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या हमारे मुल्क में कोरोना की दूसरी लहर आ चुकी है?मैं आपको इतना कन्फर्म कर सकता हूं कि महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो चुकी है लेकिन फिलहाल देश के अन्य राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर जैसी कोई बात नहीं है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि देश में रोजाना कोरोना के जितने मामले आ रहे हैं उनमें से दो-तिहाई से ज्यादा मामले अकेले महाराष्ट्र के हैं। महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों और जिलों तक में कोरोना के नए मामलों का विस्फोट देखा जा रहा है। सीएसआईआर (वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद) के महानिदेशक शेखर सी मांडे का कहना है कि ये महाराष्ट्र के लोगों के लिए रेड अलर्ट है। अगर अभी न सुधरे तो फिर पिछले साल सितंबर जैसे हालात हो सकते हैं। सीएसआईआर की बात पर गौर करना इसलिए जरूरी है क्योंकि यह पूरे देश में बीमारी/महामारी के पैटर्न पर नजर रखता है। कोरोना के किस स्ट्रेन के मामले कहां ज्यादा आ रहे हैं? किस इलाके में कोरोना के फैलने का पैटर्न क्या है? सीएसआईआर आंकड़ों का विश्लेषण कर इन सवालों का जवाब वैज्ञानिक आधार पर देता है, फिर रिसर्च के रिजल्ट के हिसाब से सरकार को आगे की रणनीति बनाने की सलाह देता है। मांडे ने शुक्रवार को इंडिया टीवी को बताया कि वास्तव में महामारी की 'दूसरी लहर' महाराष्ट्र में आ चुकी है। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर अभी भारत के अन्य हिस्सों में आने वाली है। जबतक यह महामारी खत्म हो नहीं जाती है तबतक कोविड गाइडलाइंस का पालन सभी के लिए जरूरी है। आखिर महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर कैसे आई, कहां से आई ? असल में महाराष्ट्र के कम से कम 15 जिले ऐसे हैं जहां हालात पिछले साल से भी ज्यादा खराब हो गए हैं। इन जिलों में कोरोना वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है। हालात का अंदाजा आपको आंकड़ा देखकर होगा। पिछले साल जब कोरोना पीक पर था, उस वक्त देश में एक दिन में 90 हजार के करीब मामले सामने आ रहे थे। उस वक्त भी महाराष्ट्र में एक दिन में ज्यादा से ज्यादा 24 हजार मामले आते थे। 1 सितंबर 2020 को महाराष्ट्र में एक दिन में सबसे ज्यादा, करीब 25 हजार मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन शुक्रवार को यहां 26 हज़ार नए मामले सामने आए और ये अभी तक एक दिन में कोरोना के मरीजों की सबसे बड़ी संख्या है। पहले देश में कोरोना का हर पांचवां मरीज महाराष्ट्र से होता था लेकिन फिलहाल जो स्थिति है उसमें हर तीन में दो मरीज महाराष्ट्र से है। मुंबई, नागपुर, पुणे जैसे शहरों का सबसे बुरा हाल है।आपको बता दूं कि पिछले दो दिनों में मुंबई में करीब 6 हज़ार नए कोरोना के मरीजों का पता चला है। गुरुवार को मुंबई में 2,800 से ज्यादा मामले आए जबकि शुक्रवार को 3 हजार से ज्यादा नए मरीजों का पता चला। अब मन में ये सवाल भी उठता है कि आखिर महाराष्ट्र में ऐसा क्या हो रहा है जिसके कारण कोरोना फुल स्पीड से बढ़ रहा है? इसका जवाब बिल्कुल आसान है।असल में लोगों ने कोरोना से डरना छोड़ दिया। लोग मास्क लगाना भूल गए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग खत्म हो गई है। इसी का असर ये है कि मुंबई में एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी धारावी कोरोना से मुकाबला करने के मामले में दुनिया के लिए उदाहरण बन गया था, अब वही धारावी फिर से कोरोना का घऱ बन गया है। धारावी में 30 से ज्यादा मामले आए हैं लेकिन इसके बाद भी यहां लोग बेखौफ होकर बिना मास्क लगाए आराम से मार्केट में घूम रहे हैं। मेरा मानना है कि इसके लिए अगर सिर्फ जनता को दोष दिया जाए तो ये ठीक नहीं है, क्योंकि आमतौर पर मुश्किल वक्त में, हालात को देखते हुए सरकार को कड़े फैसले लेने चाहिए। अगर लोगों को तकलीफ से बचाने के लिए कुछ पाबंदियां लगानी है तो उसकी तैयारी पहले से होनी चाहिए। पहले से सारे विकल्पों पर विचार होना चाहिए। लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने ऐसा नहीं किया और अब जब हालात बिगड़ने लगे तो हड़बड़ी में फैसले लिए जा रहे हैं। कहीं लॉकडाउन है, कुछ शहरों पर वीकेंड पर लॉकडाउन है, कुछ जगहों पर कर्फ्यू लगाया है, कहीं नाईट कर्फ्यू है तो कहीं मास्क न पहनने वालों से जुर्माना वसूला जा रहा है। लेकिन मुश्किल ये है कि इसके बाद भी कोई असर नहीं हो रहा है। शुक्रवार की रात अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में हमने दिखाया कि मुंबई के भीड़-भाड़ वाले दादर मार्केट में लोग बिना मास्क के कैसे घूम रहे थे। कई लोगों के पास मास्क था लेकिन उसे वे अपनी जेब में रखे हुए थे और कैमरा देखते ही उन्होंने जल्दी से मास्क पहन लिया। महामारी से न तो महाराष्ट्र की जनता ने सबक लिया और न ही सरकार की आंख खुली। अब जब कोरोना ने फिर से हमला किया है तो सरकारऔर BMC दोनों परेशान है। कोरोना के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए अब BMC ने दादर की फूल और सब्जी मंडी को शिफ्ट करने का फैसला लिया है। इसे बीकेसी और सोमैया ग्राउंड में शिफ्ट किया जा सकता है। इसके अलावा BMC ने मुंबई में नाइट कर्फ्यू लगाने की सिफारिश भी सरकार के पास भेजी है। हमारे यहां एक कहावत है कि घर जलने के बाद जागे तो क्या जागे। BMC का रवैया ऐसा ही है। जब कोरोना फैल गया तो कदम उठा रहे हैं। मार्केट में भीड़ पहले भी थी इसलिए मार्केट को पहले भी शिफ्ट किया जा सकता था। खैर...जब जागे तब सबेरा। लेकिन दादर मार्केट के दुकानदार इसका विरोध कर रहे हैं।दुकानदारों का कहना है कि पिछले साल के आर्थिक उथल-पुथल के बाद बड़ी मुश्किल से जिंदगी पटरी पर आ रही है लेकिन सरकार मार्केट को शिफ्ट करके गाड़ी को फिर डिरेल करना चाहती है।अगर मार्केट शिफ्ट किया गया तो दुकानदार बर्बाद हो जाएंगे। इंडिया टीवी के संवाददाता ने मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर से जब इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि लोगों की चिंता ठीक है-'लेकिन जब रोजगार और जिंदगी में से किसी एक चुनना हो तो जिंदगी को ही चुनेंगे। अगर जिंदगी रही तो दुकानदारी फिर चल निकलेगी। इसलिए अगर लोग खुद नहीं सुधर रहे तो फिर सरकार सख्ती करके उन्हें सुधारेगी। क्योंकि जान तो बचानी है।'मुंबई की मेयर ने प्रोएक्टिव रोल प्ले किया है लेकिन उन्हें यह कदम पहले उठाना चाहिए था। अब वो जितना चाहें सख्ती कर लें, कोरोना तो फैल चुका है। महाराष्ट्र के कई शहरों में पिछले साल मई के महीने जैसी तस्वीरें दिखने लगी है। जैसे उस वक्त लॉकडाउन के दौरान पुलिस ड्रोन कैमरों से इलाकों पर नजर रखती थी अब फिर वही हो रहा है। उधर, पुणे में एक दिन में 5 हज़ार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ-साथ नासिक,औरंगाबाद, नांदेड़, अमरावती, अकोला, नंदूरबार और जलगांव जैसे जिलों में भी इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है। नागपुर में हालात बेहद खऱाब हैं। पिछले एक हफ्ते में यहां कोरोना के 18 हज़ार नए मरीज सामने आए हैं, जिसमें से पिछले तीन दिनों में ही 10 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। शुक्रवार को भी यहां 3 हज़ार से ज्यादा नए मरीजों का पता चला। ये हाल तब है, जब नागपुर में 21 मार्च तक लॉकडाउन लगा हुआ है। जरूरी सेवाओं को छोड़कर बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं। इसके बाद भी बहुत से लोग हालात को नहीं समझ रहे हैं। बहुत से दुकानदार चोरी-छिपे दुकान खोलते हैं। बहुत से लोग छोटी-छोटी गलियों में घर से बाहर घूमते रहते हैं। इसलिए ऐसे लोगों पर नजर रखने के लिए अब ड्रोन कैमरों की मदद ली जा रही है। नागपुर में कई मरीज ऐसे हैं जिनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव है लेकिन वो एसिमटोमैटिक (जिनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं है) हैं। चूंकि पहले कोरोना के मामले बढ़ने की रफ्तार कम थी इसलिए अधिकारियों ने भी होम क्वारंटीन वाले मरीजों पर ध्यान नहीं दिया। नतीजा ये हुआ कि कई लोग होम क्वारंटीन के नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। घर से बाहर निकलकर दूसरे लोगों को संक्रमित करने के कैरियर बन रहे थे, लेकिन अब जब कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज हो चुकी है तो एक बार फिर प्रशासन की नींद टूटी है। अब फिर से होम क्वारंटीन वाले स्टिकर्स घरों के बाहर लगाए जा रहे हैं। ये हिदायत दी जा रही है कि अगर कोई मरीज होम क्वांरटीन के नियम तोड़कर बाहर निकला तो ऐसे मरीजों पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बाद भी लोग सुधरने को तैयार नहीं हैं। इसकी एक तस्वीर मुंबई के चारकोप इलाके से सामने आई है जिसमें मास्क को लेकर चेकिंग अभियान के दौरान हाथापाई हो गई। दरअसल, बीएमसी की तरफ से कई जगह महिला मार्शलों को तैनात किया गया है। मुंबई में मास्क नहीं पहनने पर 200 रुपए का चालान है और इसी को लेकर एक महिला और मार्शल के बीच विवाद हो गया। महिला ने मास्क नहीं लगाया था, पहले तनातनी हुईऔर फिर हाथापाई तक नौबत पहुंच गई। अब अश्विनी चव्हाण नाम की महिला मार्शल ने मारपीट को लेकर शिकायत दर्ज करवाई है। ऐसी कई घटनाएं महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाके में हुई हैं। ये सिर्फ इत्तेफाक नहीं है कि जब देश में कोरोना क प्रकोप शुरू हुआ था तब भी सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में आए थे। और अब जबकि देश के ज्यादातर हिस्सों में कोरोना का प्रकोप कम हुआ, तब भी सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में है। यहां कोरोना की 'दूसरी लहर' देखने को मिल रही है। पहले सरकार लापरवाह थी, फिर लोग भी बेपरवाह हो गए और नतीजा ये हुआ कि महाराष्ट्र में हालात खराब हो गए। राज्य सरकार समय-पर नियमों को लेकर सख्ती कर सकती थी और लोग भी अपनी ओर से भी मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग और हाथों को सैनिटाइज करने के नियम का पालन कर सकते थे। जब मामले बढ़े तो डर बढ़ा और फिर सरकार और लोग कुछ दिन लिए रास्ते पर आए लेकिन पिछले तीन चार महीने से फिर से फुल लापरवाही का दौर शुरू हो गया। महाराष्ट्र के लोग कहने लगे कि अब थक गए हैं। लोगों ने मास्क लगाना बंद कर दिया।दो गज की दूरी रखना बंद हो गया और लोगों के दिल और दिमाग से कोरोना का डर खत्म को गया। मुझे लगता है यही वजह है कि तीन महीने में महाराष्ट्र के 15 जिलों में कोरोना एक बार फिर इतनी तेजी से फैल गया है। मेरा मानना है इसकी दूसरी बड़ी वजह है राजनीतिक अस्थिरता। महाराष्ट्र में 3 दलों की गठबंधन सरकार है। कोई किसी की सुनता नहीं। सभी दल अपने-अपने मंत्रियों के साथ रहते हैं और मंत्री एक-दूसरे की टांग खींचने में लगे रहते हैं। पिछले साल भर में कोरोना के काल में महाराष्ट्र की सरकार ने इतनी सारी राजनीतिक समस्याओं का सामना किया है कि नेताओं के पास कोरोना पर पूरा ध्यान देने का वक्त नहीं है। अब जबकि मामला हाथ से निकल गया तो उद्धव ठाकरे कह रहे हैं कि आप मेरी बात नहीं मानेंगे तो लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। वो डराने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, मुझे नहीं लगता कि आज की परिस्थितियों में लॉकडाउन एक विकल्प है। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 19 मार्च, 2021 का पूरा एपिसोड |
hindi_2022_10750 | डॉक्टर की शादी में शामिल हुए राजनाथ, 20 साल पहले ली थी उसकी पढ़ाई की जिम्मेदारी | मंत्री के कार्यालय ने कहा कि पिछले दो दशकों में सिंह ने अपने बेटे की तरह लड़के की देखभाल की और उसकी शिक्षा तथा अन्य आवश्यकताओं में उसकी हर तरह से मदद की। | नई दिल्ली. लगभग 20 साल पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में राजनाथ सिंह ने पिता को खोने वाले एक प्रतिभाशाली अनुसूचित जाति के युवा बृजेंद्र की शिक्षा की ज़िम्मेदारी ली थी। 20 साल बाद अब उसकी शादी हुई, जिसमें केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। शादी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के उसके गांव में हुई। यह बात 2002 की है जब बृजेन्द्र ने आठवीं कक्षा की परीक्षा में टॉप किया था और तब उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने यह जानने के बाद कि उसके पिता का निधन हो गया, उसकी शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी ली थी।पढ़ें- अखिलेश यादव को झटका! करीबी नेता ने छोड़ी पार्टी, पत्नी पर सपा कार्यकर्ताओं की अभद्र टिप्पणी से हुए आहतपढ़ें- सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट डालने पर होगी 5 साल की जेल? जानिए क्या है इस दावे की सच्चाईनई दिल्ली. लगभग 20 साल पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में राजनाथ सिंह ने पिता को खोने वाले एक प्रतिभाशाली अनुसूचित जाति के युवा बृजेंद्र की शिक्षा की ज़िम्मेदारी ली थी। 20 साल बाद अब उसकी शादी हुई, जिसमें केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। शादी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के उसके गांव में हुई। यह बात 2002 की है जब बृजेन्द्र ने आठवीं कक्षा की परीक्षा में टॉप किया था और तब उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने यह जानने के बाद कि उसके पिता का निधन हो गया, उसकी शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी ली थी।पढ़ें- अखिलेश यादव को झटका! करीबी नेता ने छोड़ी पार्टी, पत्नी पर सपा कार्यकर्ताओं की अभद्र टिप्पणी से हुए आहतबृजेन्द्र की शादी में शिरकत करने पर खुशी जताते हुए सिंह ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा, "जब मैं उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री था तो एक बच्चे की पढ़ाई लिखाई की ज़िम्मेदारी मैंने उठायी थी। वह बच्चा पढ़ लिख कर डॉक्टर बना। आज उसी डा. बृजेंद्र के विवाह समारोह में उसके घर जाकर शामिल हुआ और उसे अपनी शुभकामनाएँ दीं। मेरे लिए निश्चित रूप से यह एक बड़े संतोष और आनंद का क्षण है। सिंह ने कहा कि यह उनके लिए बहुत संतोष और खुशी का क्षण था।"पढ़ें- भारतीय रेलवे ने लोकल पैंसेंजर्स के लिए किया छोटी दूरी की कई ट्रेनों का ऐलान, देखिए पूरी लिस्टपढ़ें- कुत्तों को खाना खिलाने पर विवाद, अदालत ने AWBI से दखल देने को कहामंत्री के कार्यालय ने कहा कि पिछले दो दशकों में सिंह ने अपने बेटे की तरह लड़के की देखभाल की और उसकी शिक्षा तथा अन्य आवश्यकताओं में उसकी हर तरह से मदद की।पढ़ें- गुड न्यूज! 80 हजार से ज्यादा युवाओं को ट्रेनिंग देगी योगी सरकार, प्रशिक्षण के दौरान दिया जाएगा अलाउंसपढ़ें- लगातार बढ़ रही हैं पीएम मोदी की उपलब्धियां, अब मिलने वाला है एक और इंटरनेशल अवॉर्ड |
hindi_2022_10751 | रामनवमी, हनुमान जयंती का जुलूस यहां नहीं तो क्या पाकिस्तान में निकलेगा: गिरिराज सिंह | उन्होंने कहा कि यह भारत में अब नहीं चलने वाला है। भारत में सहिष्णुता है। अब हमारी परीक्षा न लें अब परीक्षा लेने का समय नहीं रहा। | कटिहार: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने देश के कई राज्यों में रामनवमी और हनुमान जयंती के दौरान धार्मिक जुलूस पर हुए पथराव की घटनाओं पर निशाना साधते हुए कहा कि राम नवमी और हनुमान जयंती की शोभायात्रा या जुलूस यहां नहीं निकलेगा तो क्या बंग्लादेश, अफगानिस्तान, पाकिस्तान या अन्य देशों में निकलेगा। भाजपा के फायर ब्रांड नेता और बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह कटिहार में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा, "मैं देश के उन तमाम वैसे लोगों से पूछना चाहता हूं कि जो देश में धार्मिक उन्माद फैलाते हैं और जब तथाकथित सेक्यूलर पार्टी के लोग सेक्यूलर बातें कहकर यह कहते हैं कि गंगा जमुनी तहजीब है। आज तक कभी मोहर्रम के जुलूस पर तो हमले नहीं हुऐ। कोई बता दे। ये वही लोग हैं जो भारत में शरिया कानून लाना चाहते हैं। ये वही लोग है जो देश को तबाह और बर्बाद करना चाहते हैं। ये जिन्ना के डीएनए वाले हैं। ये ओवैसी हों या कोई और लोग हों।" उन्होंने कहा कि यह भारत में अब नहीं चलने वाला है। भारत में सहिष्णुता है। अब हमारी परीक्षा न लें अब परीक्षा लेने का समय नहीं रहा।भाजपा नेता ने कहा कि आजादी के बाद देश में बड़ी संख्या में मस्जिद बनाई गई और मुसलमानों की आबादी में कई गुना बढ़ोतरी हुई। लेकिन कहीं से भी इस पर कोई विरोध दर्ज नहीं कराया गया। कोई आपत्ति नहीं दर्ज की गई। इस बीच, पाकिस्तान में बड़ी संख्या में मंदिरों को तोड़ दिया गया। भाजपा नेता ने कहा कि अब धैर्य जवाब दे रहा है।सोमवार की शाम पत्रकारों से बातचीत के दौरान गिरिराज सिंह ने कहा कि रामनवमी और हनुमान जयंती का जुलूस अगर अपने देश में नहीं निकाला जाए तो पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान में निकाला जाए। उन्होंने कहा कि 1947 में एक बार देश का बंटवारा हो चुका है। हमें ऐसी गलती दोबारा नहीं होने देना चाहिए।इनपुट-आईएएनएस |
hindi_2022_10752 | Corona Cases: यूपी के इन जिलों में मास्क नहीं पहनना पड़ सकता है भारी, CM योगी ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश | उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे कुछ राज्यों में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर राज्य की राजधानी लखनऊ समेत सात जिलों में सार्वजनिक स्थलों पर मास्क लगाने को फिर से अनिवार्य कर दिया गया है। | उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे कुछ राज्यों में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर राज्य की राजधानी लखनऊ समेत सात जिलों में सार्वजनिक स्थलों पर मास्क लगाने को फिर से अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि प्रदेश की सीमा से लगे कुछ राज्यों में कोविड संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के जिलों में इसके प्रभाव के मद्देनजर गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर और बागपत के साथ-साथ राजधानी लखनऊ में भी सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाने को अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार ने कोविड-19 के मामलों में खासी गिरावट होने के मद्देनजर इस महीने के शुरू में मास्क लगाने से छूट दे दी थी। ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के जिलों में कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में गौतमबुद्ध नगर में कोविड के 65 और गाजियाबाद में 20 नये मरीज मिले हैं। इसके अलावा राजधानी लखनऊ में भी 10 नये मरीज पाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी आदेश दिये 'एनसीआर के जनपदों में कोविड रोधी टीकाकरण से छूटे लोगों को चिन्हित कर उन्हें टीका लगाया जाए। लक्षणयुक्त लोगों की जांच कराई जाए।' मुख्यमंत्री ने कहा कि एनसीआर में कोविड संक्रमित पाए गए मरीजों के नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान कोविड के ओमीक्रोन स्वरूप की ही पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा, 'विशेषज्ञों के अनुसार, संभव है कि संक्रमण के मामलों में इजाफा हो लेकिन अस्पताल में भर्ती होने अथवा मरीज के अति गंभीर होने की स्थिति नहीं होगी। फिर भी लोगों को कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के लिए जागरूक किया जाए।' |
hindi_2022_10753 | सावधान! देशभर में मिले कोरोना के 89 हजार से ज्यादा मरीज, 24 घंटे में 714 की मौत | हेल्थ मिनिस्ट्री द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देशभर में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 89 हजार 129 नए मरीज सामने आए हैं और 714 लोगों की मौत हो गई है। पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण को माते देने वालों की संख्या 44 हजार 202 है। | नई दिल्ली. देशभर में कोरोना संक्रमण के मामलों में बहुत तेजी से इजाफा हो रहा है। पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना संक्रमण के 89 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं और 700 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। हेल्थ मिनिस्ट्री द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देशभर में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 89 हजार 129 नए मरीज सामने आए हैं और 714 लोगों की मौत हो गई है। पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण को माते देने वालों की संख्या 44 हजार 202 है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए लेटेस्ट आकंड़ों के बाद पिछले साल से अबतक देश में कोरोना संक्रमण के कुल 1 करोड़ 23 लाख 92 हजार 260 मरीज सामने आ चुके हैं। इन मरीजों में से 1 करोड़ 15 लाख 69 हजार 241 इस बीमारी को मात देने में सफल रहे हैं जबकि 1 लाख 64 हजार 110 लोगों की मौत हो गई। इस वक्त देश में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 5 लाख 58 हजार 909 है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देशभर में अबतक 7 करोड़ 30 लाख 54 हजार 295 लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जा चुकी है।जानिए आपके राज्य में कितने मामले |
hindi_2022_10754 | रिहाना हो या मिया खलीफा, सारे लोगों के साथ मिलना और देश के खिलाफ प्रोपेगेंडा है राहुल गांधी का काम: संबित पात्रा | किसानों के विरोध प्रदर्शन पर बीजेपी ने सियासत करने का आरोप लगाया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी चाहते हैं कि गोली चले, लाशें बिछ जाएं। उन्होंने कहा कि न राहुल कुछ कृषि के बारे में जानते हैं और न रिहाना, दोनों को नहीं पता रबी और खरीफ फसलें क्या होती हैं, मगर दोनों ट्वीट कर रहे हैं। | नई दिल्ली: किसानों के विरोध प्रदर्शन पर बीजेपी ने सियासत करने का आरोप लगाया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी चाहते हैं कि गोली चले, लाशें बिछ जाएं। उन्होंने कहा कि न राहुल कुछ कृषि के बारे में जानते हैं और न रिहाना, दोनों को नहीं पता रबी और खरीफ फसलें क्या होती हैं, मगर दोनों ट्वीट कर रहे हैं, आप बताइए कहां थे ये लोग जब कैलिफोर्निया के अंदर महात्मा गांधी के बुत को तोड़ दिया गया तब तो कोई भी ट्वीट नहीं कर रहा था। 84 के दंगों पर कोई ट्वीट नहीं करता, किसी ने कश्मीरी पंडितों के मानव अधिकार के लिए ट्वीट नहीं किया, दिल्ली पुलिस के जवानों के हाथ कट गए लेकिन किसी ने ट्वीट नहीं किया और आज राहुल और रिहाना ट्वीट कर रहे हैं।संबित पात्रा ने कहा, "ये राहुल गांधी जो रह रहकर विदेश जाते हैं, आज बिल्कुल स्पष्टता के साथ बताता हूं, यह खुलासा भी हुआ है, वहां वे षडयंत्र करते हैं और भारत विरोधी तत्वों के साथ बैठक करके प्रपंच रचते हैं। हिंदुस्तान को बदनाम करने के लिए और हिंदुस्तान को विवादों में धकेलने के लिए। चाहे रिहाना हो चाहे मिया खलीफा हो, ये सारे लोगों ने जो ट्वीट किया हुआ है, ये सारे लोगों के साथ किस प्रकार मिलना, प्रपंच करना और हिंदुस्तान के खिलाफ प्रोपेगेंडा करना, यह राहुल गांधी का काम है और यही करते हैं विदेश में जाकर।"उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता चोरी चोरी चीन में जाकर प्रोपेगेंडा करके आए थे और आज चीन-चीन कर रहे थे, डिफेंस बजट पर बोल रहे थे। पात्रा ने कहा कि मोदी सरकार ने डिफेंस के लिए जितना काम किया है, पिछली किसी भी सरकार ने नहीं किया है। 10 साल तक आपने राफेल को रोककर रखा।संबित पात्रा ने कहा कि जो लोग प्रोपेगेंडा करने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें हिंदुस्तान के लोकतंत्र के बारे में जानना होगा, ये 3 किसान बिल संसद में पूरी प्रक्रिया और बहस के बाद ही पास हुए हैं। सांसदों ने चर्चा करके पास किया। आप इनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी गए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून को लेकर कमेटी निर्धारित की है और इसके माध्यम से सुनवाई होगी। आपके लिए संसद भी छोटी है और सुप्रीम कोर्ट भी छोटी है, राहुल जी रिहाना जी भारत के संसद को नहीं समझती, मिया खलीफा नहीं समझती, लेकिन आप तो समझते हैं। राहुल गांधी इस प्रकार का भ्रम फैलाने की कोशिश वो न करें। ये भी पढ़ें |
hindi_2022_10755 | क्या गांधी परिवार ने टीका लगवाया है? कोवैक्सीन विवाद पर BJP ने किया कांग्रेस से सवाल | कोवैक्सिन में बछड़े का सीरम मिलाए जाने के आरोपों पर अब सियासत तेज हो गई है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कोवैक्सीन पर भ्रम फैलाकर कांग्रेस ने बड़ा पाप किया है। | नई दिल्ली: कोवैक्सिन में बछड़े का सीरम मिलाए जाने के आरोपों पर अब सियासत तेज हो गई है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कोवैक्सीन पर भ्रम फैलाकर कांग्रेस ने बड़ा पाप किया है, मैं कांग्रेस नेताओं खासकर सोनिया, प्रियंका और राहुल से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने अपनी वैक्सीन ली है या नहीं।संबित पात्रा ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी एक ही सवाल कांग्रेस पार्टी से पूछती है, सोनिया जी, राहुल जी और प्रियंका जी आप तीनों ही कांग्रेस पार्टी हैं, आप बताएं कि कब आपने अपना पहली या दूसरी डोज ली है। क्या गांधी परिवार वैक्सिनेटिड है या नहीं, गांधी परिवार कोवैक्सीन पर विश्वास करता है या नहीं। यह सवाल समूचे हिंदुस्तान का है।"उन्होंने कहा कि पूरे विश्व का सबसे बड़ा वैक्सीन ड्राइव भारत में चल रहा है और कांग्रेस पार्टी चाहती है कि इस वैक्सीन ड्राइव को डीरेल किया जाए। कोवैक्सीन को लेकर कई बार कांग्रेस नेताओँ ने सवाल उठाए थे। छत्तीसगढ़ की सरकार ने यहां तक कह दिया था कि हम कोवैक्सीन नहीं लेंगे। राजस्थान में वैक्सीन को कचरे में फेंक दिया गया है।विवाद सामने आने के बाद कोवैक्सिन निर्माता भारत बायोटेक ने भी अपना जवाब जारी किया है। कंपनी ने कहा है कि लोगों को जो वैक्सीन की डोज लगाई जा रही है, उस फाइनल डोज में बछड़े का सीरम इस्तेमाल नहीं किया गया है। भारत बायोटेक ने बताया कि नवजात बछड़े के सीरम का इस्तेमाल वायरल वैक्सीन बनाने में इस्तेमाल किया गया। इसका इस्तेमाल सेल्स की ग्रोथ के लिए किया गया पर कोरोनावायरस के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया गया और न ही इसे फाइनल फॉर्मूलेशन में यूज किया गया।ये भी पढ़ें |
hindi_2022_10756 | UP News: घायल छात्र को हॉस्पिटल ले जा रहे कांस्टेबल की दुर्घटना में मौत | बाराबंकी में शनिवार देर रात एक निजी विश्वविद्यालय के छात्रों के दो गुटों में भोजनालय के बाहर आपस में मारपीट हो गई। इससे विवाद हो गया जिसमें 25 वर्षीय सुयश और 26 वर्षीय आलोक घायल हो गए। | UP News: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक दुखद घटना में, एक घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जा रहे पुलिस कांस्टेबल की बाइक आवारा सांड से टकरा गई जिसमें कांस्टेबल और घायल व्यक्ति दोनों की मौत हो गई। खबरों के मुताबिक, शनिवार देर रात एक निजी विश्वविद्यालय के छात्रों के दो गुटों में भोजनालय के बाहर आपस में मारपीट हो गई। इससे विवाद हो गया जिसमें 25 वर्षीय सुयश और 26 वर्षीय आलोक घायल हो गए।अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पूर्णेंदु सिंह ने कहा, सुयश की विश्वविद्यालय के छात्रों के एक ग्रुप के साथ दुश्मनी थी। सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद वे एक विवाद में पड़ गए। सुयश और आलोक को अस्पताल ले जाया गया, जहां सुयश ने दम तोड़ दिया।इलाज के दौरान कांस्टेबल की मौतएक दूसरे घायल को अस्पताल ले जाने वाले आरक्षक राजकुमार पांडे लौटते समय दुर्घटना के शिकार हो गए। पुलिस अधिकारी ने कहा कि उनकी बाइक को आवारा सांड ने टक्कर मार दी।एएसपी ने कहा कि कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।(इनपुट- IANS) |
hindi_2022_10757 | स्मृति ईरानी ने कहा, 2024 में कांग्रेस को रायबरेली सीट खाली करनी पड़ेगी | केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस यदि भाजपा समर्थकों को प्रताड़ित करती रही तो 2019 की तरह 2024 में रायबरेली से इन्हें सीट खाली करनी पड़ जाएगी। | अमेठी: केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस यदि भाजपा समर्थकों को प्रताड़ित करती रही तो 2019 की तरह 2024 में रायबरेली से इन्हें सीट खाली करनी पड़ जाएगी। केंद्रीय मंत्री व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी अपने संसदीय क्षेत्र में शनिवार को जवाहर नवोदय विद्यालय मैदान में आयोजित विकास योजनाओं के लोकार्पण शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रही थीं। कहा कि अमेठी में पांच दशक तक विकास का जो काम नहीं हो सका वह अब हो रहा है। गांधी परिवार ने सिर्फ अमेठी की भोली जनता का शोषण करने का काम किया है। कहा कि यदि हमारे कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया गया तो 2024 में हम रायबरेली भी ले लेंगे।उन्होंने कहा कि राजनीति में तमाम लोग जनप्रतिनिधि बनते हैं। अमेठी में कमल खिलाने के लिए हमारे कार्यकर्ताओं ने संघर्ष किया। स्मृति ने कहा कि मैंने पिपरी के लोगों से बांध का वादा किया था। मैंने उसे पूरा किया। कांग्रेस ने मेडिकल कॉलेज के नाम पर जमीन हड़प ली। भाजपा सरकार ने मेडिकल कालेज और ट्रामा सेंटर बनवाया।उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि, "अमेठी की जनता ने बहुत बड़ा काम किया है। उनका सौभाग्य है कि उन्हें ऐसी सांसद मिलीं। पिछले सांसद ने अपने कार्यकाल में एक पत्र नहीं लिखा। जबकि स्मृति ने सांसद न होते हुए भी सबसे अधिक पत्र लिखे। राहुल गांधी और अखिलेश यादव रबी और खरीफ का अंतर नहीं बता सकते। इन लोगों ने पाली बाजार का पुल नहीं बनवाया। जबकि एक-दूसरे के समर्थन से सरकार चलाते रहे। दिल्ली से चले पैसे से दलाल मजबूत होते थे। हमारी सरकार ने सड़कों को मजबूत किया।" |
hindi_2022_10758 | केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने हामिद अंसारी पर कसा तंज! दिया बड़ा बयान | पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी ने कहा था, हाल के वर्षों में उभरी कुछ प्रवृत्तियां और प्रथाएं नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर अलग करना चाहती हैं। | नयी दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘भारत बैशिंग ब्रिगेड’ इन दिनों देश की संस्कृति, संकल्प और संविधान की ‘लिचिंग करने’ की स्पर्धा में लगा हुआ है।नकवी ने यह बयान उस वक्त दिया है जब हाल ही में ‘इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल’ द्वारा आयोजित एक परिचर्चा में अंसारी ने कहा था कि हाल के वर्षों में उन्होंने उन प्रवृत्तियों और प्रथाओं के उद्भव का अनुभव किया है, जो नागरिक राष्ट्रवाद के सुस्थापित सिद्धांत को लेकर विवाद खड़ा करती हैं और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की एक नयी एवं काल्पनिक प्रवृति को बढ़ावा देती हैं।पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी ने यह भी कहा था, ‘वह नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर अलग करना चाहती हैं, असहिष्णुता को हवा देती हैं और अशांति एवं असुरक्षा को बढ़ावा देती हैं।’ अंसरी के इस बयान की पृष्ठभूमि में नकवी ने कहा, ‘ऐसा महसूस हो रहा है कि कुछ लोग भारत के संस्कार, संकल्प, संस्कृति, संविधान की ‘सांप्रदायिक लिंचिंग’ की ‘सुपारी’ लेकर काम कर रहे हैं। भारत के खिलाफ दुष्प्रचार सिंडिकेट की ‘मोदी बैशिंग सनक’, ‘भारत बैशिंग साजिश’ बनती जा रही है।’बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि मोदी सरकार के समावेशी विकास, सर्वस्पर्शी सशक्तिकरण के सफल परिणामों से परेशान कुछ लोग अल्पसंख्यकों को लेकर दुनिया के सामने तथ्यों-तर्कों और जमीनी हकीकत के विपरीत ‘झूठ के झाड़ से सच के पहाड़’ को परास्त करने का ‘पाखंडी प्रयास’ कर रहे हैं। नकवी के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने ‘तुष्टीकरण के छल’ को ‘समावेशी सशक्तिकरण के बल’ से ध्वस्त किया है, जिसका परिणाम है कि आज समाज के सभी वर्ग सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण के बराबर के हिस्सेदार-भागीदार बन रहे हैं।नकवी ने अंसारी का नाम लिए बगैर कहा, ‘कुछ लोग पाकिस्तान प्रायोजित संस्था के मंच से भारत की संस्कृति, संस्कार और समावेशी संकल्प पर भ्रम पैदा करने की भारत विरोधी साजिश का हिस्सा बन रहे हैं।’ /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_10759 | कल से करतारपुर के लिए फिर शुरू होगा रजिस्ट्रेशन, गुरुवार को 250 यात्रियों का पहला जत्था करेगा दर्शन | पंजाब से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और उनसे अनुरोध किया कि गुरुपर्व से पहले करतारपुर कॉरिडोर को पुन: खोला जाए। इससे पहले कांग्रेस पार्टी के नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी श्रद्धालुओं के वास्ते करतारपुर गलियारे को खोलने की मांग कर चुके हैं। | चंडीगढ़. करतारपुर कॉरिडोर लगभग 20 महीने के बाद एक बार फिर से श्रद्धालुओं के लिए खुलने जा रहा है। बुधवार से करतारपुर गुरुद्वारे में दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू होने जा रहा हैं और गुरुवार को 250 श्रद्धालुओं का पहला जत्था दर्शन के लिए रवाना होगा। इस बारे में गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा फैसला लेते हुए कल 17 नवंबर से करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने का फैसला किया है। इससे बड़ी संख्या में सिख तीर्थयात्रियों को फायदा होगा। यह निर्णय श्री गुरु नानक देव जी और हमारे सिख समुदाय के प्रति मोदी सरकार की अपार श्रद्धा को दर्शाता है।आपको बता दें कि पंजाब से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और उनसे अनुरोध किया कि गुरुपर्व से पहले करतारपुर कॉरिडोर को पुन: खोला जाए। इससे पहले कांग्रेस पार्टी के नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी श्रद्धालुओं के वास्ते करतारपुर गलियारे को खोलने की मांग कर चुके हैं।कोविड-19 महामारी की वजह से मार्च 2020 में करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के लिए यात्रा को निलंबित कर दिया गया था। इस गलियारे से श्रद्धालु भारत से पाकिस्तान के करतारपुर साहिब गुरुद्वारा तक के लिए बिना वीजा के सीमा पार कर सकते हैं। करतारपुर कॉरिडोर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के अंतिम विश्राम स्थल रहे गुरुद्वारा करतारपुर साहिब (पाकिस्तान) को गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ता है। |
hindi_2022_10760 | आलाकमान ने नहीं स्वीकारा सिद्धू का त्यागपत्र, इस्तीफों की झड़ी के बीच आज होगी पंजाब कैबिनेट की बैठक | बता दें कि 73 दिन पहले पंजाब कांग्रेस की कमान संभालने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने चार लाइन का इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा दिया। सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में सिद्धू ने कहा है कि वो पंजाब के भविष्य के साथ समझौता नहीं कर सकते इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं। | नई दिल्ली: पंजाब में जबरदस्त सियासी ड्रामा हुआ। कैप्टन अमरिन्दर सिंह चंडीगढ़ से दिल्ली के लिए निकले लेकिन कैप्टन दिल्ली पहुंचते इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा दिल्ली पहुंच गया। वहीं, कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। शीर्ष नेतृत्व ने राज्य नेतृत्व से पहले अपने स्तर पर मामले को सुलझाने को कहा है। इस बीच पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर कैप्टन समर्थक खेमा ऐक्टिव हो गया है। कैप्टन के समर्थक विधायकों ने उनसे आलाकमान पर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करवाने का दबाव बनाने की मांग की है।कैप्टन एक बार फिर सिद्धू पर हमलावरसिद्धू के त्यागपत्र के बाद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह एक बार फिर से सिद्धू पर हमलावर हो गए हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू को लेकर कहा, "ऐसा होने को लेकर मैंने पहले ही कह दिया था।" कैप्टन ने सिद्धू को अस्थिर व्यक्ति बताते हुए कहा कि वे पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्य के लिए अनफिट हैं। कैप्टन ने ट्वीट किया, "मैंने आपको पहले ही बताया था.... वह (सिद्धू) एक स्थिर व्यक्ति नहीं है और न ही वह पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्य के लिए फिट है।"सिद्धू के इस्तीफे के बाद इन्होंने भी दे दिया त्यागपत्रपंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद मंत्रियों और पार्टी के पदाधिकारियों ने भी इस्तीफा दे दिया। सिद्धू के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पद से गुजराल इंदर चहल, पंजाब कैबिनेट की मंत्री रजिया सुल्ताना, पंजाब सरकार के शिक्षा मंत्री परगट सिंह, कांग्रेस के महासचिव पद से योगिंदर ढींगरा और पंजाब कांग्रेस के महासचिव (प्रभारी प्रशिक्षण) के पद से गौतम सेठ ने इस्तीफ़ा दे दिया है। इस उठा-पटक के बीच बुधवार सुबह 10.30 बजे पंजाब कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है।'पंजाब के भविष्य के साथ समझौता नहीं कर सकते'बता दें कि 73 दिन पहले पंजाब कांग्रेस की कमान संभालने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने चार लाइन का इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा दिया। सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में सिद्धू ने कहा है कि वो पंजाब के भविष्य के साथ समझौता नहीं कर सकते इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं। हालांकि सिद्धू ने अपनी चिट्ठी में ये भी लिखा है कि वो कांग्रेस के लिए काम करते रहेंगे। सिद्धू की उम्मीद के मुताबिक चन्नी उनकी लाइन पर नहीं चल रहेसिद्धू ने इस्तीफे में ये नहीं लिखा है कि वो किस बात से नाराज हैं लेकिन जानकारों का कहना है कि ये सही है कि राहुल गांधी ने सिद्धू की जिद के कारण कैप्टन अमरिन्दर सिंह को हटाने का फैसला किया। ये भी सही है कि सिद्धू के कहने पर ही चरणजीत सिंह चन्नी को चीफ मिनिस्टर बनाया लेकिन मुश्किल ये है कि चन्नी सिद्धू की उम्मीद के मुताबिक उनकी लाइन पर नहीं चल रहे हैं।सिद्धू की नाराजगी की सबसे बड़ी वजह उनकी राय न लिया जानापता ये लगा कि सिद्धू की नाराजगी की सबसे बड़ी वजह चन्नी मंत्रिमंडल के गठन और मंत्रियों के पोर्टफोलियो बंटवारे में सिद्धू की राय न लिया जाना है। सिद्धू डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा को होम मिनिस्ट्री दिए जाने के खिलाफ थे लेकिन रंधावा को पंजाब का होम मिनिस्टर बनाया गया। सिद्धू, राणा गुरजीत सिंह को मिनिस्टर बनाने के खिलाफ थे लेकिन उन्हें चन्नी ने अपनी मंत्रिमंडल में शामिल किया। सिद्धू चाहते थे कि पंजाब कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत सिंह नागरा को मंत्री बनाया जाए लेकिन नागरा को चन्नी ने अपनी कैबिनेट में जगह नहीं दी।सिद्धू का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआइसके बाद भी सिद्धू खामोश थे लेकिन जब चन्नी ने पुलिस डिपार्टमेंट में फेरबदल किया, ब्यूरोक्रेसी में अपने पंसद की अफसरों की तैनाती की तो भी सिद्धू से नहीं पूछा। इसके बाद चन्नी ने एपीएस देयोल को एडवोकेट जनरल बनाने का फैसला कर दिया। इससे सिद्धू का सब्र जबाव दे गया। उन्होंने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेज दिया लेकिन सिद्धू का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ। इस मामले पर न सोनिया गांधी की तरफ से कोई रिएक्शन आया और न ही राहुल गांधी इस मुद्दे पर कुछ बोले। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_10761 | कोविड प्रतिबंध 28 फरवरी तक बढ़ाए गए, देश के 407 जिलों में संक्रमण दर 10% से ज्यादा होने पर MHA ने लिया फैसला | मौजूदा कोविड प्रतिबंधों को 28 फरवरी तक बढ़ाते हुए भल्ला ने मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा, ‘‘यह अब भी चिंता का विषय है कि 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 407 जिलों में संक्रमण की दर 10 प्रतिशत से अधिक है। इसलिए, कोविड के मौजूदा रुख को देखते हुए सावधानी और सतर्कता बनाए रखने की जरूरत है।" | नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को मौजूदा कोविड-19 रोकथाम उपायों को 28 फरवरी तक बढ़ा दिया। मंत्रालय ने वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के कारण संक्रमण में तेजी से वृद्धि और 407 जिलों में संक्रमण दर के 10 प्रतिशत से अधिक रहने को लेकर यह फैसला किया है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में कहा कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 22 लाख से अधिक हो गयी है, हालांकि ज्यादातर मरीज जल्दी ठीक हो रहे हैं और कम मरीज अस्पतालों में हैं।मौजूदा कोविड प्रतिबंधों को 28 फरवरी तक बढ़ाते हुए भल्ला ने मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा, ‘‘यह अब भी चिंता का विषय है कि 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 407 जिलों में कोरोना संक्रमण की दर 10 प्रतिशत से अधिक है। इसलिए, कोविड के मौजूदा रुख को देखते हुए सावधानी और सतर्कता बनाए रखने की जरूरत है।" भल्ला ने एक बार फिर कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सभी सावधानियों का पालन करना चाहिए और ढिलायी नहीं बरतनी चाहिए।उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर, 2021 को एक पत्र में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा उल्लिखित मानक ढांचे तथा स्थिति के आकलन के आधार पर, स्थानीय और जिला प्रशासन को त्वरित और उचित रोकथाम उपाय जारी रखना चाहिए। भल्ला ने कहा कि स्थानीय स्तर पर संक्रमण के मामले और मरीजों के अस्पतालों में भर्ती होने की स्थिति के आधार पर स्थानीय प्रतिबंधों को लागू करना और हटाना चाहिए।उन्होंने जोर दिया कि जांच, संक्रमित लोगों के संपर्कों का पता लगाना, उपचार, टीकाकरण और कोविड-उपयुक्त व्यवहार के पालन की पांच-सूत्री रणनीति पर लगातार ध्यान केंद्रित रखना चाहिए। भल्ला ने कहा कि सभी सार्वजनिक क्षेत्रों और सभाओं में मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे कोविड मानदंडों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को मौजूदा कोविड-19 रोकथाम उपायों को 28 फरवरी तक बढ़ा दिया। मंत्रालय ने वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के कारण संक्रमण में तेजी से वृद्धि और 407 जिलों में संक्रमण दर के 10 प्रतिशत से अधिक रहने को लेकर यह फैसला किया है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में कहा कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 22 लाख से अधिक हो गयी है, हालांकि ज्यादातर मरीज जल्दी ठीक हो रहे हैं और कम मरीज अस्पतालों में हैं।मौजूदा कोविड प्रतिबंधों को 28 फरवरी तक बढ़ाते हुए भल्ला ने मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा, ‘‘यह अब भी चिंता का विषय है कि 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 407 जिलों में कोरोना संक्रमण की दर 10 प्रतिशत से अधिक है। इसलिए, कोविड के मौजूदा रुख को देखते हुए सावधानी और सतर्कता बनाए रखने की जरूरत है।" भल्ला ने एक बार फिर कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सभी सावधानियों का पालन करना चाहिए और ढिलायी नहीं बरतनी चाहिए।उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर, 2021 को एक पत्र में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा उल्लिखित मानक ढांचे तथा स्थिति के आकलन के आधार पर, स्थानीय और जिला प्रशासन को त्वरित और उचित रोकथाम उपाय जारी रखना चाहिए। भल्ला ने कहा कि स्थानीय स्तर पर संक्रमण के मामले और मरीजों के अस्पतालों में भर्ती होने की स्थिति के आधार पर स्थानीय प्रतिबंधों को लागू करना और हटाना चाहिए।उन्होंने जोर दिया कि जांच, संक्रमित लोगों के संपर्कों का पता लगाना, उपचार, टीकाकरण और कोविड-उपयुक्त व्यवहार के पालन की पांच-सूत्री रणनीति पर लगातार ध्यान केंद्रित रखना चाहिए। भल्ला ने कहा कि सभी सार्वजनिक क्षेत्रों और सभाओं में मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे कोविड मानदंडों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। |
hindi_2022_10762 | वरुण गांधी ने किसानों के समर्थन में किया ट्वीट, योगी को पत्र लिख की ये मांग | घटनास्थल खीरी जिले के पड़ोसी संसदीय क्षेत्र पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने सोमवार को मुख्यमंत्री को लिखा अपना पत्र ट्विटर पर साझा किया जिसमें उन्होंने घटना की सीबीआई जांच की मांग के साथ ही पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा दिये जाने की भी सिफारिश की है। | लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने लखीमपुर खीरी के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में किसानों समेत आठ लोगों की मौत के मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर घटना के संदिग्धों को तत्काल चिह्नित कर हत्या का मुकदमा दर्ज करने और उच्चतम न्यायालय की निगरानी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है।घटनास्थल खीरी जिले के पड़ोसी संसदीय क्षेत्र पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने सोमवार को मुख्यमंत्री को लिखा अपना पत्र ट्विटर पर साझा किया जिसमें उन्होंने घटना की सीबीआई जांच की मांग के साथ ही पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा दिये जाने की भी सिफारिश की है।वरुण गांधी ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए लिखा, “इस घटना में संलिप्त तमाम संदिग्धों को तत्काल चिह्नित कर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत हत्या का मुकदमा कायम कर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए। इस विषय में आदरणीय सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में सीबीआई द्वारा समयबद्ध सीमा में जांच करवाकर दोषियों को सजा दिलवाना ज्यादा उपयुक्त होगा।”आगे उन्होंने लिखा, “इसके अलावा पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा भी दिया जाए। कृपया यह भी सुनिश्चित करने का कष्ट करें कि भविष्य में किसानों के साथ इस प्रकार का कोई भी अन्याय या ज्यादती न हो।”किसानों के हक में लगातार मुख्यमंत्री से पत्राचार कर रहे भाजपा सांसद ने खीरी की घटना के दूसरे ही दिन लिखे गये अपने पत्र में साफ कहा है, ''तीन अक्टूबर को खीरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को निर्दयता पूर्वक कुचलने की जो हृदय विदारक घटना हुई है, उससे सारे देश के नागरिकों में एक पीड़ा और रोष है।''गांधी ने कहा, “इस घटना से एक दिन पहले ही देश ने अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी जी की जयंती मनाई थी। अगले ही दिन लखीमपुर खीरी में हमारे अन्नदाताओं की जिस घटनाक्रम में हत्या की गई वह किसी भी सभ्य समाज में अक्षम्य है।” उन्होंने पत्र में लिखा, “आंदोलनकारी किसान भाई हमारे अपने नागरिक हैं। यदि कुछ मुद्दों को लेकर किसान भाई पीड़ित हैं और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं तो हमें उनके साथ बड़े ही संयम एवं धैर्य के साथ बर्ताव करना चाहिए। हमें हर हाल में अपने किसानों के साथ केवल और केवल गांधीवादी व लोकतांत्रिक तरीके से कानून के दायरे में ही संवेदनशीलता के साथ पेश आना चाहिए।'' उन्होंने आगे लिखा, '' इस घटना में शहीद हुए किसान भाइयों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिजनों के प्रति अपनी शोक संवेदना प्रकट करता हूं।''गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी के विरोध में रविवार को वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया और इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री मिश्रा का बेटा जिस एसयूवी में सवार था, उसी ने किसानों को कुचल दिया। हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज किया है। |
hindi_2022_10763 | 'बॉक्सिंग रिंग में लवलीना की सफलता भारतीयों को देगी प्रेरणा', कांस्य पदक जीतने पर पीएम मोदी ने दी बधाई | लवलीना का पदक पिछले नौ वर्षों में भारत का ओलंपिक मुक्केबाजी में पहला पदक है। लवलीना ओलंपिक मुक्केबाजी प्रतियोगिता फाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज बनने के लिए चुनौती पेश कर रही थी लेकिन विश्व चैंपियन बुसेनाज ने उनका सपना तोड़ दिया। | नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक्स में भारतीय महिला बॉक्स लवलीना बोरगोहेन को कांस्य पदक मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रिंग में लवलीना ने शानदार प्रदर्शन दिखाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बॉक्सिंग रिंग में लवलीना की सफलता से कई भारतीयों को प्रेरणा मिलेगी, उन्होंने कहा कि 'लवलीना की दृढ़ता और दृढ़ संकल्प सराहनीय है। कांस्य पदक जीतने पर उन्हें बधाई। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।लवलीना को तोक्यो ओलंपिक के महिला वेल्टरवेट वर्ग (69 किग्रा) के सेमीफाइनल में तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ शिकस्त का सामना करना पड़ा। उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘बहुत शानदार मुकाबला किया लवलीना बोरगोहेन। बॉक्सिंग रिंग में उनकी सफलता कई भारतीयों को प्रेरित करती है। उनकी दृढ़ता और संकल्प प्रशंसनीय है। कांस्य पदक जीतने पर उन्हें बधाई। भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं।’नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक्स में भारतीय महिला बॉक्स लवलीना बोरगोहेन को कांस्य पदक मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रिंग में लवलीना ने शानदार प्रदर्शन दिखाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बॉक्सिंग रिंग में लवलीना की सफलता से कई भारतीयों को प्रेरणा मिलेगी, उन्होंने कहा कि 'लवलीना की दृढ़ता और दृढ़ संकल्प सराहनीय है। कांस्य पदक जीतने पर उन्हें बधाई। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।लवलीना को मिले कांस्य पदक के साथ ही तोक्यो खेलों में भारत के हाथ तीसरा पदक लगा। इससे पहले भारोत्तोलन में मीराबाई चानू ने रजत जबकि बैडमिंटन में पीवी सिंधू ने कांस्य पदक जीता। लवलीना का पदक पिछले नौ वर्षों में भारत का ओलंपिक मुक्केबाजी में पहला पदक है। आपको बता दें कि लवलीना का पदक पिछले नौ वर्षों में भारत का ओलंपिक मुक्केबाजी में पहला पदक है। लवलीना ओलंपिक मुक्केबाजी प्रतियोगिता फाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज बनने के लिए चुनौती पेश कर रही थी लेकिन विश्व चैंपियन बुसेनाज ने उनका सपना तोड़ दिया। भारतीय मुक्केबाज के पास तुर्की की खिलाड़ी के दमदार मुक्कों और तेजी का कोई जवाब नहीं था। इस बीच हड़बड़ाहट में भी लवलीना ने गलतियां की।क्वार्टर फाइनल में लवलीना हालांकि चीनी ताइपै की पूर्व विश्व चैंपियन नीन चिन चेन को हराकर पहले ही पदक पक्का कर चुकी थी। असम की 23 वर्षीय लवलीना ने विजेंदर सिंह (बीजिंग 2008) और एमसी मैरीकोम (लंदन 2012) की बराबरी की। विजेंदर और मैरीकोम दोनों ने कांस्य पदक जीते थे। तुर्की की मुक्केबाज 2019 चैंपियनशिप में विजेता रही थी जबकि उस प्रतियोगिता में लवलीना को कांस्य पदक मिला था। तब इन दोनों के बीच मुकाबला नहीं हुआ था। |
hindi_2022_10764 | अदालत से चालाकी पड़ी विधायक को भारी, फर्जी कोरोना रिपोर्ट देने पर केस दर्ज | संत कबीर नगर जिले की स्थानीय अदालत के आदेश पर मेहदावल के भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला शनिवार को दर्ज किया गया। | गोरखपुर (उत्तर प्रदेश): संत कबीर नगर जिले की स्थानीय अदालत के आदेश पर मेहदावल के भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला शनिवार को दर्ज किया गया। अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दीपकांत मणि के आदेश के अनुसार विधायक को जब एक मामले में पेश होने के लिए कहा गया तो उसने अदालत में फर्जी कोविड-19 जांच रिपोर्ट पेश की। अदालत के आदेश के अनुसार, अदालत अपनी कार्यवाही नहीं पूरी कर पा रही थी, क्योंकि विधायक पिछले चार वर्षों से उपस्थित नहीं हो रहे थे और जब अदालत ने उनको पेश होने का आदेश दिया, तो उन्होंने फर्जी कोविड-19 जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने अदालत को बताया कि विधायक निजी प्रयोगशाला की कोविड-19 जांच रिपोर्ट के बाद वह अपने घर में ही पृथकवास में चले गये थे। हालांकि, गृह पृथकवास के दौरान विधायक की देखभाल करने वाली टीम के सदस्य डॉ विवेक कुमार श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि गृह पृथकवास की अवधि के दौरान विधायक घर पर मौजूद नहीं थे और उनसे मोबाइल फोन पर भी संपर्क नहीं किया जा सका था। खलीलाबाद कोतवाली प्रभारी कोतवाल मनोज कुमार पांडे ने कहा कि अदालत के आदेश पर विधायक राकेश सिंह बघेल और मुख्य चिकित्साधिकारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 467,468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है। |
hindi_2022_10765 | कांग्रेस नेताओं को पंजाब की उथल-पुथल के अन्य जगहों पर भी असर होने की आशंका | कांग्रेस नेता अब विभिन्न गुटों में बंटे राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पंजाब के घटनाक्रम के संभावित प्रभाव को लेकर “देखों और इंतजार करो” की नीति अपना रहे हैं। पंजाब के अलावा केवल यही दो राज्य हैं, जहां पार्टी अपने दम पर सत्ता में है। | नई दिल्ली. पंजाब में तेजी से बदले घटनाक्रम का कांग्रेस पर व्यापक असर होने की आशंका है क्योंकि पार्टी के अंदरूनी सूत्रों को आशंका है कि अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के रूप में जिस "अप्रिय" तरीके से बाहर किया गया वह अन्य राज्यों में असंतोष का आधार बन जाएगा। ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव और प्रियंका चतुर्वेदी सहित कई पार्टी नेताओं के बाहर निकलने के बाद से कांग्रेस में असंतोष के सुर मुखर होते जा रहे हैं।कांग्रेस नेता अब विभिन्न गुटों में बंटे राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पंजाब के घटनाक्रम के संभावित प्रभाव को लेकर “देखों और इंतजार करो” की नीति अपना रहे हैं। पंजाब के अलावा केवल यही दो राज्य हैं, जहां पार्टी अपने दम पर सत्ता में है। पार्टी में बेचैनी को दर्शाते हुए, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को उम्मीद जताई कि अमरिंदर सिंह “ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो” और जोर देकर कहा कि हर कांग्रेसी को देश के हित में सोचना चाहिए। कांग्रेस ने पिछले साल राजस्थान में सचिन पायलट द्वारा किये गए विद्रोह का डटकर मुकाबला किया और गहलोत के नेतृत्व वाली अपनी सरकार को बचाने में कामयाब रही, हालांकि राज्य इकाई में अब भी असंतोष व्याप्त है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “पंजाब के घटनाक्रम का अन्य जगहों पर असर होने की संभावना है। पार्टी के भीतर मतभेद बढ़ सकते हैं तथा इससे पार्टी और कमजोर होगी।”एक अन्य नेता ने कहा कि पंजाब में लिए गए फैसले “आत्मघाती” हैं और इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।पार्टी के एक दिग्गज नेता ने कहा, “नेताओं की आकांक्षाएं अक्सर पूरी किए जाने के लिहाज से बहुत अधिक होती हैं। यदि आप सभी आकांक्षाओं को समायोजित करने का प्रयास करते हैं, तो कांग्रेस के भीतर संघर्ष बढ़ेगा, जैसा कि पंजाब में विधायकों को मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलने के लिए एक मंच देकर किया गया था।”सूत्रों ने कहा कि अगस्त 2020 में पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठनात्मक बदलाव की मांग करने वाले जी-23 नेताओं का समूह भी पंजाब में शुरू किए गए परिवर्तनों के परिणाम देखने के लिए इंतजार कर रहा है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के एक पूर्व पदाधिकारी ने कहा कि जब पार्टी का कोई दिग्गज नेता खुलेआम असंतोष जताता है तो ऐसे में स्थितियां और गंभीर हो सकती हैं। उनका इशारा अगले कुछ महीनों में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए अमरिंदर सिंह द्वारा संभावित विद्रोह की ओर था।नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक नेता ने कहा कि जिस तरह से पंजाब के मामलों को संभाला गया, उसे देख उन्हें पार्टी पर “तरस आता” है। अंदरूनी कलह का सामना कर रहे राज्यों में से एक के पूर्व मंत्री ने आशंका जताते हुए कहा, “इससे और अधिक आंतरिक असंतोष व गुटबाजी हो सकती है।”एक अन्य नेता ने महसूस किया कि पंजाब का दांव बहुत बड़ा था, यह देखते हुए कि अगर कांग्रेस 2022 में अन्य चुनावों वाले राज्यों के साथ यह राज्य हार जाती है, तो पार्टी के लिए 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले खोई हुई जमीन को वापस पाना मुश्किल होगा। पार्टी नेतृत्व पर असंतोष को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए पार्टी के एक पुराने नेता ने अफसोस जताते हुए कहा, “आजकल कांग्रेस में योग्यता और वफादारी को नुकसानदेह माना जाता है।”पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, “सेनापति बदले जा रहे हैं- उत्तराखंड, गुजरात, पंजाब...पुरानी कहावत है: सही समय पर उठाया गया एक छोटा कदम भविष्य की कई बड़ी समस्याओं से बचाता है, लेकिन क्या यह होगा?” उनका इशारा कांग्रेस शासित पंजाब में अचानक किए गए नेतृत्व परिवर्तन को लेकर था।पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमरिंदर सिंह की आहत भावनाओं को जल्द ही शांत किया जाएगा। “कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा एक अप्रिय और कठिन स्थिति थी। इसके प्रभाव अभी तक सामने नहीं आए हैं। कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “उम्मीद है कि पार्टी और राज्य में उनके योगदान को देखते हुए उनकी आहत भावनाओं को उनके कद और गरिमा के अनुरूप उपयुक्त तरीके से शांत किया जा सकता है। यह पार्टी के हित में होगा।”पंजाब के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि यह बहुत दुखद है कि अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा दे दिया और उम्मीद जताई कि गतिरोध को हल करने के लिए कुछ किया जा सकता है। खुर्शीद ने कहा, “हम सभी एकता और आशा की दिशा में काम कर रहे हैं और प्रार्थना करते हैं कि हम अपने व्यक्तिगत मतभेदों को दूर करें और पार्टी को और मजबूत करें।”छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के बीच तनातनी खुलकर सामने आई है, जिसमें देव कांग्रेस की जीत के समय तय हुए “ढाई साल के मुख्यमंत्री” वाले फॉर्मूले को लागू करने की मांग कर रहे थे।कांग्रेस छोड़ने वाले वरिष्ठ नेताओं की गाथा 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले शुरू हुई, जब पार्टी ने हरियाणा के दिग्गज वीरेंद्र सिंह और राव इंद्रजीत सिंह को भाजपा के खेमे में जाने दिया। असम कांग्रेस के दिग्गज नेता हिमंत बिस्वा सरमा 2015 में भाजपा में शामिल हुए और अब असम के मुख्यमंत्री हैं।यूपीए शासन में कुछ अन्य प्रमुख कांग्रेस नेताओं और पूर्व केंद्रीय मंत्रियों ने पार्टी छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए, उनमें एसएम कृष्णा और जयंती नटराजन शामिल हैं। कृष्णा कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं और नटराजन यूपीए में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री थी। उत्तराखंड से कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, उत्तराखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष यशपाल आर्य और पूर्व मंत्री सतपाल महाराज ने भी भाजपा में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी। |
hindi_2022_10766 | मुकेश अंबानी के घर एंटिलिया के पास लावारिस गाड़ी में मिला विस्फोटक | देश के सबसे अमीर शख्स और उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर एक लावारिस स्कॉर्पियो में जिलेटिन की छड़ें मिलने से हड़कंप मच गया। | मुंबई: देश के सबसे अमीर शख्स और उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर एक लावारिस स्कॉर्पियो में जिलेटिन की छड़ें मिलने से हड़कंप मच गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्कॉर्पियो में ये जिलेटिन की छड़ें मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर एंटीलिया के पास मिली हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर के पास इन छड़ों के मिलने की सूचना के बाद बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वॉड और पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। बताया जा रहा है कि यह स्कॉर्पियो कार काफी देर से मुकेश अंबानी के घर के पास खड़ी थी, और जांच में इसका नंबर भी फर्जी पाया गया था। इसके बाद बम स्कवॉड को मौके पर बुलाया गया जिसने जिलेटिन की छड़ें बरामद कीं।रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुकेश अंबानी के घर के पास खड़ी स्कॉर्पियो को जब्त कर लिया गया है और क्राइम ब्रांच द्वारा मामले की जांच की जा रही है। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि कार में विस्फोटकों को क्यों रखा गया था। पुलिस ने इस बारे में बात करते हुए कह है कि यदि जरूरत पड़ी तो अंबानी परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी जाएगी। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस बारे में कहा, 'मुंबई में मुकेश अंबनी के घर से कुछ दूरी पर एक स्कॉर्पियो मिली है, जिसमें कुछ जिलेटिन पाया गया है। इस मामले की पूरी जांच मुंबई क्राइम ब्रांच कर रहा है। जो भी असलियत है, जल्द से जल्द सामने आएगी।'इससे पहले उन्होंने कहा था कि इलाके में सीसीटीवी कैमरे से निगरानी होती है। कुछ सुरक्षाकर्मियों ने वहां पर वाहन को देखा जिसके बाद पुलिस को सूचित किया गया। उन्होंने कहा कि वाहन को पुलिस सुरक्षित स्थान पर ले गयी। वाहन के मालिक का पता लगाया जा रहा है। गामदेवी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत कार्मिकल रोड पर एक संदिग्ध स्कॉर्पियो कार खड़ी मिली। पुलिस को इसकी सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस और बन निरोधक दस्ते की टीमें पहुंच गईं। स्कॉर्पियों में जिलेटिन की 20 छड़ें मिलने के बाद अब आसपास खड़ी हर कार की तलाशी ली जा रही है। एंटिलिया के आसपास सादी वर्दी में भी पुलिसवाले भी मौजूद हैं।रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाड़ी में जिलेटिन की छड़ें मिलने के बाद स्कॉर्पियो को अंबानी के घर के पास से टो कर लिया गया। बता दें कि जिलेटिन एक विस्फोटक सामग्री है। तकनीकी भाषा में इसे नाइट्रोसेल्यूलोज या गन कॉटन भी बोला जाता है। इसका इस्तेमाल पहाड़ों और चट्टानों को तोड़ने के लिए किया जाता है। यह एक उच्च क्षमता वाला विस्फोटक है और इसके इस्तेमाल के दौरान काफी सावधानी रखनी पड़ती है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_10767 | इस राज्य में पांच जनवरी तक जारी रहेगा रात्रि कर्फ्यू, New Year का जश्न मनाने की भी अनुमति नहीं | शिमला, मंडी, कांगड़ा और कुल्लू जिलों में रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू प्रभावी रहेगा। इससे पहले राज्य सरकार ने रात्रि कर्फ्यू को 23 नवंबर से 15 दिसंबर तक बढ़ाने का फैसला लिया था। | शिमला: हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने के लिए लगी पाबंदियां पांच जनवरी तक जारी रहेंगी। प्रदेश सरकार ने वायरस की रोकथाम के लिये शिमला, कुल्लू, कांगड़ा और मंडी जिलों में रात्रि कर्फ्यू को पांच जनवरी तक बढ़ा दिया है, लिहाजा इन जिलों में नव वर्ष का जश्न मनाने की अनुमति नहीं होगी। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में सोमवार को यहां हुई बैठक में रात्रि कर्फ्यू बढ़ाने का फैसला लिया गया।भारद्वाज ने कहा कि शिमला, मंडी, कांगड़ा और कुल्लू जिलों में रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू प्रभावी रहेगा। इससे पहले राज्य सरकार ने रात्रि कर्फ्यू को 23 नवंबर से 15 दिसंबर तक बढ़ाने का फैसला लिया था। सरकारी कार्यालयों में सप्ताह के छठे दिन भी कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था रहेगी। शादी-समारोहों में 50 से अधिक व्यक्ति शामिल नहीं हो सकेंगे।पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार के 27 दिसंबर को तीन साल पूरे हो रहे हैं। इसी उपलक्ष्य पर राज्य अतिथिगृह पीटरहॉफ में वर्चुअल प्रोग्राम होगा। सरकार ने निर्णय लिया है कि पांच जनवरी तक पहले की तरह ही किसी भी समारोह में 50 लोगों के ही शामिल होने की शर्त कायम रहेगी।इस बीच प्रदेश में 10 और कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो गई है। कांगड़ा जिले में दो संक्रमितों की मौत हो गई। धर्मशाला अस्पताल में मनियारा पालमपुर के 54 वर्षीय संक्रमित व्यक्ति और सहौड़ा कांगड़ा के 61 वर्षीय संक्रमित बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। शिमला के रामपुर स्थित खनेरी अस्पताल में 60 वर्षीय संक्रमित महिला की मौत हो गई। मंडी में चार संक्रमितों की मौत हो गई।मृतकों में मंडी शहर की पैलेस कॉलोनी के 74 वर्षीय बुजुर्ग, बालीचौकी पंजैंई निवासी 56 वर्षीय व्यक्ति, बिलासपुर के रोड़ा सैक्टर निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग और हमीरपुर से रेफर दहोटा भोरंज निवासी 95 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई। शिमला में 66 और 71 वर्षीय दो बुजुर्ग महिलाओं ने दम तोड़ा। ऊना में आजाद नगर निवासी 72 वर्षीय संक्रमित बुजुर्ग की मौत हो गई। |
hindi_2022_10768 | उत्तर प्रदेश: जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए नामांकन दाखिल, 3 जुलाई को मतदान | उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर निर्वाचन के लिए शनिवार को प्रदेश के जिलों में अध्यक्ष के उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया। | लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर निर्वाचन के लिए शनिवार को प्रदेश के जिलों में अध्यक्ष के उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया। राज्य निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में अध्यक्ष जिला पंचायत के निर्वाचन के लिए आज (26 जून) नामांकन पत्र दाखिल करने की तारीख तय की थी। प्रदेश के विभिन्न जिलों में मिली खबर के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, अपना दल (एस) और राष्ट्रीय लोकदल समेत निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपना पर्चा दाखिल किया है। बलिया से मिली खबर के अनुसार, बलिया में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आज भाजपा की सुप्रिया चौधरी व सपा से आनन्द चौधरी ने नामांकन पत्र दाखिल किया। सपा उम्मीदवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने अपना समर्थन दिया है। गाजीपुर में भारतीय जनता पार्टी की सपना सिंह तथा समाजवादी पार्टी की कुसुमलता यादव के अलावा रेखा ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया। बदायूं से मिली खबर के अनुसार, बाहुबली पूर्व विधायक डीपी यादव के भतीजे की पत्नी वर्षा यादव ने भाजपा से जबकि समाजवादी पार्टी की ओर से पूर्व विधायक सिनोद शाक्य की पत्नी सुनीता शाक्य ने पर्चा भरा है। फिरोजाबाद में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में जिला निर्वाचन अधिकारी चंद्र विजय सिंह ने बताया कि समाजवादी पार्टी से रुचि यादव ने सुबह अपना नामांकन पत्र दाखिल किया वहीं दोपहर को भाजपा प्रत्याशी हर्षिता सिंह ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। अमेठी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा उम्मीदवार के रूप राजेश अग्रहरि (राजेश मसाला) ने आज नामांकन पत्र दाखिल किया जबकि समाजवादी पार्टी से गौरीगंज के सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह की पत्नी शीलम सिंह ने नामांकन पत्र दाखिल किया है। बागपत में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर एक दिन में ही उम्मीदवार की निष्ठा कई बार बदली। सुबह के वक्त राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की उम्मीदवार रहीं जिस ममता किशोर ने भाजपा का दामन थामा था कुछ ही घंटे बाद उन्होंने अपने घर रालोद में वापसी कर ली है। राष्ट्रीय लोकदल की तरफ से ममता किशोर और भाजपा की तरफ से बबली देवी ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन कर दिया है। ममता किशोर का कहना है कि जबरन उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई गई थी लेकिन अब वो अपने घर वापस आ गई हैं। एटा में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रतिष्ठा पूर्ण चुनाव में आज सपा व भाजपा के प्रत्याशियों ने अध्यक्ष पद के लिए अपना अपना नामांकन किया। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिये सपा की पूर्व घोषित प्रत्याशी रेखा यादव ने कलेक्ट्रेट स्थित जिला निर्वाचन अधिकारी अंकित अग्रवाल के समक्ष अपना नामांकन प्रस्तुत किया। वहीं भाजपा प्रत्याशी विनीता यादव ने अपना नामांकन जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया। गीता देवी ने जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। भदोही की जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने बताया कि जिला पंचायत पद अध्यक्ष पद के लिए अमित कुमार सिंह उर्फ़ प्रिंस ने भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के तौर पर और अनिरुद्ध त्रिपाठी तथा चंद्रभूषण त्रिपाठी ने निर्दल उम्मीदवार के रूप में अपना -अपना पर्चा दाखिल किया है। इसी प्रकार हापुड़ के जिलाधिकारी ने बताया कि इस पद के लिये भाजपा से रेखा नागर व सपा से रुचि यादव ने नामांकन पत्र दाखिल किया । इसी तरह आगरा में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा प्रत्याशी मंजू भदौरिया ने पर्चा दाखिल किया । राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि आगामी 29 जून तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि तीन जुलाई को सुबह 11 बजे से अपराह्न तीन बजे तक मतदान तथा उसके बाद मतगणना होगी। |
hindi_2022_10769 | Video: शराब पीने के दौरान खेल-खेल में चलाई गोली, कैमरे में कैद हुई प्रिंस की मौत | मुज़फरनगर के नई मंडी थाना क्षेत्र के बिलासपुर गांव में ट्यूबवेल पर शराब पार्टी के दौरान देशी तमंचे से फायरिग कर दी। गोली वीडियो बनाने वाले प्रिंस नाम के युवक को जा लगी। | उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फ़रनगर में 'हत्या' का लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल, मुज़फरनगर के नई मंडी थाना क्षेत्र के बिलासपुर गांव में ट्यूबवेल पर शराब पार्टी के दौरान देशी तमंचे से फायरिग कर दी। गोली वीडियो बनाने वाले प्रिंस नाम के युवक को जा लगी। बताया जा रहा है कि मृतक फायरिंग का वीडियो बना रहा था। मुज़फ्फरनगर पुलिस का कहना है कि इस मामले में एक की गिरफ्तारी हो गई है बाकी की गिरफ्तारी अभी बाकी है। जानकारी के अनुसार, मारा गया युवक 19 साल का प्रिंस है। गोली चलाने वाला व्यक्ति प्रिंस का ही अंकल है और देशी पिस्तौल को 'चेक' करने के दौरान यह गोली चली। मुज़फ्फ़रनगर पुलिस के मुताबिक, उक्त प्रकरण के सम्बन्ध में थाना नई मण्डी पर अभियुक्तों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर 01 अभियुक्त की गिरफ़्तारी की जा चुकी है, शेष अभियुक्त की गिरफ्तारी के प्रयास जारी है, विधिक कार्यवाही की जा रही है। हालांकि, वीडियो कब का है इसकी कोई जानकारी अभी तक सामने नहीं आ पाई है। वीडियो किसी खेत में बनाया हुआ नजर आ रहा है। वीडियो में देशी तमंचा शराब पी रहे लोग एक-दूसरे को देते दिखाई दे रहे हैं। इसके बाद शराब पीने के दौरान ही एक युवक ने देशी तमंचे में गोली डाली और ऊपर की तरफ फायरिंग कर दी, जिसके बाद ही वीडियो बना रहे प्रिंस नाम के युवक की मौके पर ही मौत हो गई। शरबा पार्टी के दौरान मौत का ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। ये भी पढ़ें:4 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश के विधानसभा चुनाव का देखिए पूरा शेड्यूल, 2 मई को आएंगे नतीजेफेसबुक और ट्विटर एकाउंट को आधार से जोड़ना पड़ेगा?दिल्ली सहित उत्तर भारत में बढ़े तापमान से कब मिलेगी राहत? जानिए क्या कहता है मौसम विभागशशि थरूर जैसी अंग्रेजी कैसे बोलें? अजीबोगरीब नुस्खे का यह वीडियो बटोर रहा सुर्खियां /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); } var jwconfig_6615449593 = {"file": "https://vod-indiatv.akamaized.net/hls/2021/02/0_77vtk173/master.m3u8","image": "https://resize.indiatv.in/resize/vod/1200_-/2021/02/0_77vtk173.jpg","title": "Super 100: इकोनॉमी ने पकड़ी रफ्तार, अक्टूबर-दिसंबर में 0.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी GDP","height": "440px","width": "100%","aspectratio": "16:9","autostart": false,"controls": true,"mute": false,"volume": 100,"floating": false,"sharing": {"code": "","sites": ["facebook","twitter","email"]},"stretching": "exactfit","primary": "html5","hlshtml": true,"duration": 493,"advertising": {"client": "vast","autoplayadsmuted": true,"skipoffset": 5,"cuetext": "","skipmessage": "Skip ad in xx","skiptext": "SKIP","preloadAds": true,"schedule": [{"offset": "pre","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_PreRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator=","type": "linear"},{"offset": "50%","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_MidRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator="},{"offset": "post","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_PostRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator=","type": "linear"}]}}; var jwvidplayer_6615449593 = ''; jwsetup_6615449593(); function jwsetup_6615449593() {jwvidplayer_6615449593 = jwplayer("jwvidplayer_6615449593").setup(jwconfig_6615449593);jwvidplayer_6615449593.on('ready', function () { ns_.StreamingAnalytics.JWPlayer(jwvidplayer_6615449593, {publisherId: "20465327",labelmapping: "c2=\"20465327\", c3=\"India TV Hindi\", c4=\"null\", c6=\"null\", ns_st_mp=\"jwplayer\", ns_st_cl=\"0\", ns_st_ci=\"0_77vtk173\", ns_st_pr=\"Super 100: इकोनॉमी ने पकड़ी रफ्तार, अक्‍टूबर-दिसंबर में 0.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी GDP\", ns_st_sn=\"0\", ns_st_en=\"0\", ns_st_ep=\"Super 100: इकोनॉमी ने पकड़ी रफ्तार, अक्‍टूबर-दिसंबर में 0.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी GDP\", ns_st_ct=\"null\", ns_st_ge=\"News\", ns_st_st=\"Super 100: इकोनॉमी ने पकड़ी रफ्तार, अक्‍टूबर-दिसंबर में 0.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी GDP\", ns_st_ce=\"0\", ns_st_ia=\"0\", ns_st_ddt=\"2021-02-26\", ns_st_tdt=\"2021-02-26\", ns_st_pu=\"India TV Hindi\", ns_st_cu=\"https://vod-indiatv.akamaized.net/hls/2021/02/0_77vtk173/master.m3u8\", ns_st_ty=\"video\"" });});jwvidplayer_6615449593.on('all', function (r) { if (jwvidplayer_6615449593.getState() == 'error' || jwvidplayer_6615449593.getState() == 'setupError') {jwvidplayer_6615449593.stop();jwvidplayer_6615449593.remove();jwvidplayer_6615449593 = '';jwsetup_6615449593();return; }});jwvidplayer_6615449593.on('error', function (t) { jwvidplayer_6615449593.stop(); jwvidplayer_6615449593.remove(); jwvidplayer_6615449593 = ''; jwsetup_6615449593(); return;});jwvidplayer_6615449593.on('mute', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_6615449593.on('adPlay', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_6615449593.on('adPause', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_6615449593.on('pause', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_6615449593.on('error', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_6615449593.on('adBlock', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_6615449593.on('adSkipped', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);}); } |
hindi_2022_10770 | कश्मीर के कुलगाम में आतंकी हमला, तीन बीजेपी नेताओं की गोली मारकर हत्या | कश्मीर में आतंकियों ने भाजपा के तीन नेताओं की गोली मार कर हत्या कर दी है। इनमें एक युवा मोर्चा के जनरल सेके्रटरी हैं। अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के योर काशीपोरा में BJP के प्रदेश महासचिव फिदा हुसैन को अन्य दो साथी नेताओं समेत गोली मार दी। | जम्मूः कश्मीर में आतंकियों ने भाजपा के तीन नेताओं की गोली मार कर हत्या कर दी है। इनमें एक युवा मोर्चा के जनरल सेके्रटरी हैं और दो अन्य नेता हैं। अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के योर काशीपोरा में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव फिदा हुसैन को अन्य दो साथी नेताओं समेत गोली मार दी। फिदा हुसैन ने अस्पताल ले जाते हुए दम तोड़ दिया जबकि दो अन्य भाजपा नेताओं ने बाद में अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। अन्य मारे गए भाजपा नेताओं की पहचान उमर रमजान हजाम तथा वसीम अहमद के तौर पर की गई है। भाजपा के कश्मीर के मीडिया इंचार्ज मंजूर बट ने इन हत्याओं की पुष्टि की है। कश्मीर में यह पहला अवसर है कि इतने भाजपा नेताओं की आतंकियों ने एक साथ गोली मार कर हत्या की हो। हालांकि दो महीने पहले उन्होंने भाजपा समर्थित सरपंचों की हत्या जरूर कर दी थी।फिदा हुसैन और उमर हाजम काजीगुंड के रहने वाले हैं। हुसैन पर तब हमला किया गया, जब वह कार्यकर्ताओं के साथ घर की ओर जा रहे थे। आतंकवादी एक गाड़ी पर आए, फायरिंग की और फरार हो गए। अधिकारियों ने बताया कि हमले की खबर मिलते ही अतिरिक्त सुरक्षाबलों को घटनास्थल पर भेज दिया गया है जिन्होंने आतंकियों की तलाश में व्याप्क अभियान छेड़ रखा है। |
hindi_2022_10771 | जानिए बुराड़ी का निरंकारी मैदान प्रदर्शनकारी किसानों को क्यों नहीं कर रहा आकर्षित? | किसान अपनी मांगों को लेकर मध्य दिल्ली के रामलीला मैदान या जंतर-मंतर पर रैली करने पर अड़े हैं। आखिर किसान अपना विरोध प्रदर्शन बुराड़ी मैदान में जाकर करने को लेकर अनिच्छुक क्यों हैं? | नई दिल्ली। हजारों किसान दिल्ली के तीन अंतर्राज्यीय सीमा बिंदुओं पर रैली करना जारी रखे हुए हैं, उन्होंने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के बुराड़ी मैदान में जाकर करने के लिए सरकार की तरफ से मिले प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। हालांकि, किसान अभी बुराड़ी के निरंकारी मैदान में ही रखे गए हैं, जहां उनका विरोध-प्रदर्शन जारी है। किसान अपनी मांगों को लेकर मध्य दिल्ली के रामलीला मैदान या जंतर-मंतर पर रैली करने पर अड़े हैं। आखिर किसान अपना विरोध प्रदर्शन बुराड़ी मैदान में जाकर करने को लेकर अनिच्छुक क्यों हैं?बुराड़ी मैदान को निरंकारी मैदान के रूप में भी जाना जाता है। यह मध्य दिल्ली से काफी दूर, बाहरी इलाका माना जाता है। यही वजह है कि बुराड़ी मैदान विरोध स्थल के रूप में किसी भी संगठन को कभी पसंद नहीं आया। संगठनों को लगता है कि अगर उन्हें अपनी आवाज सत्ता के प्रभावशाली लोगों तक पहुंचानी है तो जंतर मंतर या रामलीला मैदान बेहतर विकल्प हैं। जंतर-मंतर शहर के बीचोबीच स्थित है और संसद से केवल 2 किलोमीटर दूर है और सबकी नजर पर चढ़ने वाला विरोध स्थल है। हालांकि यहां इतनी जगह नहीं है कि बहुत भारी भीड़ को संभाल ले। दूसरी ओर, मध्य दिल्ली में स्थित रामलीला मैदान बहुत बड़ी भीड़ को संभाल सकता है। दोनों की तुलना में, बुराड़ी मैदान दिल्ली के सबसे बाहरी किनारे पर स्थित है और इसलिए प्रदर्शनकारियों के पसंदीदा जगहों में शुमार नहीं हो पाया है।साल 2011 में दिल्ली पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के प्रस्तावित अनशन के लिए दिल्ली के बाहरी इलाके में स्थित बुराड़ी मैदान की पेशकश की थी, जिसे नहीं माना गया। अन्ना को आखिरकार रामलीला मैदान में आंदोलन करने की अनुमति दे दी गई, जहां उन्होंने जन लोकपाल कानून के लिए 13 दिनों तक अनशन किया और उनके हजारों समर्थकों ने धरना दिया। लोगों की बड़ी भीड़ देखी गई। रामलीला मैदान जून, 2011 में योगगुरु स्वामी रामदेव की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का भी स्थल रहा है, जिसे उन्होंने विदेशों से काला धन लाने की मांग पूरी कराने के लिए किया था।रामलीला मैदान में कई प्रमुख राजनीतिक रैलियां और शपथ ग्रहण समारोह भी आयोजित किए गए हैं और यह उन लोगों के लिए पसंदीदा स्थान बना हुआ है जो बड़ी भीड़ इकट्ठा करना चाहते हैं। दूसरी ओर, जंतर मंतर को उन लोगों द्वारा पसंद किया गया है, जिन्होंने निर्भया के लिए न्याय की मांग की, पूर्व सैनिकों के लिए 'वन रैंक वन पेंशन' योजना की मांग की, और हाल ही में हाथरस मामले के पीड़िता के लिए न्याय की लड़ाई भी लड़ी।इसलिए, प्रदर्शनकारी किसान बुराड़ी मैदान में जाने से हिचक रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि वे सुर्खियों में नहीं होंगे। कई लोग सोचते हैं कि अगर जंतर-मंतर या रामलीला मैदान में विरोध किया जाए तो उनकी मांगों को बेहतर तरीके से सुना जा सकेगा। यही कारण है कि शनिवार को केवल कुछ सौ किसान ही बुराड़ी मैदान में गए, जबकि हजारों अन्य ने दिल्ली-हरियाणा और दिल्ली-यूपी सीमाओं पर डटे रहने का फैसला किया। |
hindi_2022_10772 | Corona Effect: क्या 31 दिसबंर तक बंद रहेंगे सभी स्कूल और कॉलेज? | लगातार बढ़ते कोरोना मामलों के बीच एक न्यूज चैनल की खबर में दावा किया गया है कि गृह मंत्रालय ने 31 दिसंबर तक स्कूल व कॉलेज बंद करने का फैसला लिया है। जिसके बाद से ही पैरेंट्स और स्टूडेंट्स असमंजस की स्थिति में हैं। | नई दिल्ली. देश में कई राज्यों में कोरोना के मामले एकबार फिर से बढ़े हैं। इन हालातों में विभिन्न राज्यों में प्रशासन ऐतिहाती कदम उठा रहे हैं। लगातार बढ़ते कोरोना मामलों के बीच एक न्यूज चैनल की खबर में दावा किया गया है कि गृह मंत्रालय ने 31 दिसंबर तक स्कूल व कॉलेज बंद करने का फैसला लिया है। जिसके बाद से ही पैरेंट्स और स्टूडेंट्स असमंजस की स्थिति में हैं। न्यूज चैनल द्वारा किए गए इस दावे को सरकार ने पूरी तरह से फर्जी और निराधार बताया है।PIB Fact Check ने ट्वीट कर कहा, "एक खबर में दावा किया जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने 31 दिसंबर तक स्कूल व कॉलेज बंद करने का फैसला लिया है। #PIBFactCheck : यह दावा फ़र्ज़ी है। गृह मंत्रालय ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है।"पढ़ें- Corona Effect: क्या 1 दिसंबर से बंद हो जाएंगी भारतीय रेलवे की सभी ट्रेनें?आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने स्कूल और कॉलेज खोलने का निर्णय लेने का अधिकार राज्य सरकारों को दिया है। विभिन्न राज्य सरकारें अपने यहां माहौल को देखकर केंद्र की गाइडलाइंस के अनुसार स्कूल व कॉलेज खोलने पर फैसला ले सकते हैं। जिसके बाद कई राज्यों में 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल व कॉलेज खोले गए हैं, वहीं कई राज्यों में अभी भी स्कूल व कॉलेज पूरी तरह से बंद हैं।पढ़ें- Corona: यूपी की शादियों में सिर्फ 100 लोगों को अनुमति, सरकार ने जारी किए आदेशगोवा के स्कूलों में शनिवार से दसवीं और बारहवीं की कक्षाएं लगने लगींकोरोना महामारी के कारण करीब आठ महीने से बंद चल रहे गोवा के स्कूलों में शनिवार से दसवीं और बारहवीं की कक्षाएं लगने लगी हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग, हाथ धोने, मास्क पहनने, कक्षाओं में सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने जैसे कोविड-19 संबंधी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का सख्ती से पालन करें। सरकार ने स्कूलों को पुन: खोलने के शुरुआती चरण में 21 नवंबर से दसवीं और बारहवीं कक्षाएं लगाने की अनुमति दी थी।नई दिल्ली. देश में कई राज्यों में कोरोना के मामले एकबार फिर से बढ़े हैं। इन हालातों में विभिन्न राज्यों में प्रशासन ऐतिहाती कदम उठा रहे हैं। लगातार बढ़ते कोरोना मामलों के बीच एक न्यूज चैनल की खबर में दावा किया गया है कि गृह मंत्रालय ने 31 दिसंबर तक स्कूल व कॉलेज बंद करने का फैसला लिया है। जिसके बाद से ही पैरेंट्स और स्टूडेंट्स असमंजस की स्थिति में हैं। न्यूज चैनल द्वारा किए गए इस दावे को सरकार ने पूरी तरह से फर्जी और निराधार बताया है।PIB Fact Check ने ट्वीट कर कहा, "एक खबर में दावा किया जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने 31 दिसंबर तक स्कूल व कॉलेज बंद करने का फैसला लिया है। #PIBFactCheck : यह दावा फ़र्ज़ी है। गृह मंत्रालय ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है।"पढ़ें- Corona Effect: क्या 1 दिसंबर से बंद हो जाएंगी भारतीय रेलवे की सभी ट्रेनें?आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने स्कूल और कॉलेज खोलने का निर्णय लेने का अधिकार राज्य सरकारों को दिया है। विभिन्न राज्य सरकारें अपने यहां माहौल को देखकर केंद्र की गाइडलाइंस के अनुसार स्कूल व कॉलेज खोलने पर फैसला ले सकते हैं। जिसके बाद कई राज्यों में 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल व कॉलेज खोले गए हैं, वहीं कई राज्यों में अभी भी स्कूल व कॉलेज पूरी तरह से बंद हैं।पढ़ें- Corona: यूपी की शादियों में सिर्फ 100 लोगों को अनुमति, सरकार ने जारी किए आदेशगोवा के स्कूलों में शनिवार से दसवीं और बारहवीं की कक्षाएं लगने लगींकर्नाटक में दिसंबर में नहीं खुलेंगे स्कूलकर्नाटक सरकार ने कोरोना की स्थिति के मद्देनजर दिसंबर में स्कूलों को नहीं खोलने का सोमवार को फैसला किया। स्कूलों को फिर से खोले जाने के संबंध में मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसमें फैसला हुआ कि दिसंबर के तीसरे सप्ताह में फिर से बैठक कर इस संबंध में आगे के कदमों पर निर्णय लिया जाएगा।येदियुरप्पा ने कहा, "सभी शैक्षणिक विशेषज्ञों, स्वास्थ्य विभाग की राय थी कि स्कूलों और इंटरमीडिएट कॉलेजों को खोलने के बारे में दिसंबर के अंत में फैसला किया जाए। यह ठीक समय नहीं है क्योंकि कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं और छात्र इससे प्रभावित हो सकते हैं।"मार्च में राष्ट्रीय लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही स्कूल बंद हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 नवंबर को डिग्री और इंजीनियरिंग कॉलेजों को खोला गया लेकिन पांच प्रतिशत छात्र भी कक्षा में नहीं आ रहे हैं। इससे पहले, कर्नाटक में कोविड-19 के लिए तकनीकी परामर्श समिति ने राज्य सरकार से दिसंबर में स्कूलों को नहीं खोलने की सिफारिश की थी। कोविड-19 को लेकर तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) की रविवार को हुई बैठक में कहा गया ‘‘व्यापक विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से फैसला किया गया कि दिसंबर में स्कूलों को नहीं खोलने की सिफारिश की जाए।’’ |
hindi_2022_10773 | भारत में एक हफ्ते में कोरोना के मामले 13 प्रतिशत कम, फिर भी दुनिया में सबसे ज्यादा : WHO | भारत में पिछले एक हफ्ते में कोविड-19 के नये मामलों में 13 प्रतिशत की गिरावट देखी गई लेकिन फिर भी संक्रमण के नये मामले दुनिया भर में सबसे ज्यादा भारत में ही हैं। | संयुक्त राष्ट्र: भारत में पिछले एक हफ्ते में कोविड-19 के नये मामलों में 13 प्रतिशत की गिरावट देखी गई लेकिन फिर भी संक्रमण के नये मामले दुनिया भर में सबसे ज्यादा भारत में ही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यह बात कही है। डब्ल्यूएचओ को राष्ट्रीय अधिकारियों से 16 मई तक प्राप्त कोविड-19 साप्ताहिक महामारी विज्ञान अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक पिछले सप्ताह दुनिया भर में नये मामलों और मौतों में लगातार कमी देखी गई है जहां 48 लाख से कुछ अधिक नये मामले सामने आए और मौत के नये मामले 86,000 से नीचे रहे। पिछले से पिछले हफ्ते के मुकाबले यह क्रमश: 12 प्रतिशत और पांच प्रतिशत घटा है। संगठन ने कहा कि सर्वाधिक नये मामले भारत से (23, 87, 663 नये मामले) सामने आए जो उससे पिछले हफ्ते की तुलना में 13 प्रतिशत घटे हैं। इसके बाद ब्राजील से (4,37,076 नये मामले, तीन प्रतिशत की वृद्धि), अमेरिका (2,35,638 नये मामले, 21 प्रतिशत गिरावट), अर्जेंटीना (1,51,332 नये मामले, आठ प्रतिशत वृद्धि) और कोलंबिया (1,15,834, छह प्रतिशत वृद्धि) से सामने आए हैं। मौत के सर्वाधिक नये मामले भी भारत से ही सामने आए हैं जहां 27,922 नये मामले दर्ज किए गए। प्रति एक लाख आबादी दो नये मरीजों की मौत हो रही है, यह चार प्रतिशत वृद्धि है। इसके बाद नेपाल (1,224 नयी मौतें, प्रति 1,00,000 आबादी 4.2 नयी मौत, 266 प्रतिशत वृद्धि) और इंडोनेशिया (1,125 नयी मौतें, प्रति एक लाख आबादी 0.4 नई मौत, पांच प्रतिशत गिरावट) से सामने आए हैं। डब्ल्यूएचओ द्वारा राष्ट्रीय अधिकारियों से नौ मई तक प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, भारत में सर्वाधिक नये मामले 27,38,957 दर्ज किए जो उससे पहले के सप्ताह से पांच प्रतिशत अधिक है। डब्ल्यूएचओ के अनुमान के मुताबिक, भारत में संक्रमण के कुल मामले 2.46 करोड़ हैं और कुल मौत 2,70,284 है। आंकड़ों में यह भी बताया गया कि पिछले हफ्ते दक्षिण पूर्वी एशिया क्षेत्र में पिछले हफ्ते 25 लाख से अधिक नये मामले सामने आए हैं और 30,000 से अधिक मरीजों की मौत हुई है जो उससे पिछले सप्ताह की तुलना में क्रमश: 12 प्रतिशत और सात प्रतिशत कम है। संगठन ने कहा कि नये मामले सामने आने लगातार नौ हफ्ते तक बढ़ने के बाद घटे हैं हालांकि कुल संख्या वैश्विक महामारी शुरू होने के बाद से अब तक के उच्चतम स्तर पर है। साथ ही कहा कि मौत के मामले लगातार नौंवे हफ्ते में भी बढ़े हैं। इनपुट-भाषा |
hindi_2022_10774 | अजान से नींद में खलल, इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर ने प्रशासन से की शिकायत | इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर ने शिकायत की है अजान की वजह से उनकी नींद में खलल पड़ती है। | प्रयागराज: एक बार फिर अजान से नींद में खलल का मामला सामना आया है। इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर ने शिकायत की है अजान की वजह से उनकी नींद में खलल पड़ती है। वाइस चांसलर डॉ संगीता श्रीवास्तव ने पुलिस और प्रशासन के अफसरों से की शिकायत की है कि लाउडस्पीकर से अजान होने से वे ठीक से सो नहीं पाती हैं, नींद में खलल पड़ती है इसलिए लाउडस्पीकर से अजान पर रोक लगाई जाए। पढ़ें: शर्मनाक: बेटे ने बुजुर्ग मां को मारा थप्पड़, गिरते ही हो गई मौत, CCTV में कैद घटनावाइस चांसलर ने ये चिट्ठी कमिश्नर, डीएम और आईजी समेत कई अफसरों को भेजी है। इस चिट्टी में लिखा है कि रोजाना सुबह की अजान से बहुत दिक्कत होती है। रमजान शुरू होने पर पूरे 1 महीने तक रोजाना सुबह के वक्त की अजान से नींद में खलल पड़ेगा। अपनी चिट्ठी में प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया है। वीसी संगीता प्रयागराज के पॉश इलाके सिविल लाइंस में रहती हैं। उनके घर के पास ही मस्जिद है।पढ़ें: दिल्ली विश्व स्तर पर सबसे प्रदूषित राजधानी, हवा की गुणवत्ता बेहद खराब : रिपोरआपको बता दें कि बॉलीवुड सिंगर सोनू निगम भी इस मुद्दे को उठा चुके हैं जिस पर काफी बवाल हुआ था। उन्होंने कहा था कि लाउडस्पीकर से होने वाली अजान से उनकी नींद खराब होती है। |
hindi_2022_10775 | पंजाब में 31 मार्च तक स्कूल कॉलेज बंद, अंतिम संस्कार में 20 से ज्यादा लोगों को अनुमति नहीं | पंजाब सरकार की तरफ से कोरोना को लेकर जारी की गई नई गाइडलाइंस के अनुसार राज्य के सिनेमा हाल में अब 50 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के बैठने की अनुमति नहीं होगी और एक हॉल में 100 से ज्यादा लोग नहीं बैठ सकेंगे | चंडीगढ़। पंजाब में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला किया है। पंजाब सरकार ने 31 मार्च तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद करने की घोषणा की है इसके अलावा स्कूल और कॉलेजों में पहले से शेड्यूल परीक्षाओं को भी टाल दिया है। राज्य सरकार ने इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। पंजाब सरकार की तरफ से कोरोना को लेकर जारी की गई नई गाइडलाइंस के अनुसार राज्य के सिनेमा हाल में अब 50 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के बैठने की अनुमति नहीं होगी और एक हॉल में 100 से ज्यादा लोग नहीं बैठ सकेंगे। इसके अलावा कोरोना की वजह से 11 सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में घर पर 10 से ज्यादा मेहमानों को बुलाने पर मनाही रहेगी और राज्य में अगले 2 हफ्तों के लिए सभी तरह के सामाजिक आयोजन रोक दिए गए हैं। राज्य में अगले हफ्ते से हर शनिवार को दिन में 11 से 12 बजे के दौरान उन लोगों की याद में मौन रखा जाएगा जो कोरोना की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं और इस दौरान किसी भी गाड़ी के सड़क पर चलने की अनुमति नहीं होगी। राज्य में 11 सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित जिलों में सभी तरह के सामाजिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, हालांकि अंतिम संस्कार के लिए छूट रहेगी लेकिन उसमें 20 से ज्यादा लोगों को अनुमति नहीं होगी। रविवार से यह नियम लागू हो जाएगा। 11 सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित जिलों में रविवार के दिन सिनेमा हाल, मॉल और रेस्टोरेंट को बंद रखने का निर्देश दिया गया है, हालांकि खाने की होम डिलिवरी पर रोक नहीं है, हालांकि जरूरी सेवाओं को इस निर्देश से बाहर रखा गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया है कि डाक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ की भर्तियों के काम को तेजी से पूरा करे। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि राज्य में मौजूदा समय में जितने कोरोना मामले हैं उसमें से 40 प्रतिशत मामले ऐसे हैं जिनकी आयु 30 वर्ष से कम है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि गुरुवार को मुख्यमंत्री स्तर की बैठक में यह तय हुआ है कि सभी स्कूल और कॉलेजों को बंद किया जाए, सिर्फ मेडिकल कॉलेजों के खुलने की अनुमति होगी। राज्य के 11 जिलों में नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया गया है और कर्फ्यू की अवधि रात 9 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक बढ़ाई गई है। |
hindi_2022_10776 | जम्मू-कश्मीर में सामने आए Covid-19 के 97 नए मामले, एक की मौत | जम्मू-कश्मीर में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 97 नए मामले सामने आए जिससे केंद्र शासित प्रदेश में बृहस्पतिवार को संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,27,363 हो गई। वहीं, इस दौरान एक मरीज की मौत हुई। | श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 97 नए मामले सामने आए जिससे केंद्र शासित प्रदेश में बृहस्पतिवार को संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,27,363 हो गई। वहीं, इस दौरान एक मरीज की मौत हुई। अधिकारियों के अनुसार सामने आए नए मामलों में से 10 जम्मू मंडल जबकि 65 कश्मीर मंडल से हैं। अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर जिले में सर्वाधिक 39 मामले मिले जबकि जम्मू जिले में यह आंकड़ा 10 रहा। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में फिलहाल 896 मरीज उपचाराधीन हैं, जबकि 1, 24,498 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि पिछले 24 घंटों में कश्मीर घाटी में एक मरीज की संक्रमण से मौत हुई जिससे मृतक संख्या 1,969 हो गई।वहीं, भारत में एक दिन में कोविड-19 के 22,854 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,12,85,561 हो गई। इस वर्ष एक दिन में सामने आए यह सर्वाधिक नए मामले हैं। आंकड़ों के अनुसार, देश में 76 दिन बाद इतने अधिक नए मामले सामने आए हैं। इससे पहले 25 दिसम्बर को एक दिन में 23,067 नए मामले सामने आए थे। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में 126 और मरीजों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,58,189 हो गई। देश में अभी 1,89,226 लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 1.68 प्रतिशत है।आंकड़ों के अनुसार, कुल 1,09,38,146 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 96.92 प्रतिशत हो गई है। वहीं, कोविड-19 से मृत्यु दर 1.40 प्रतिशत है। देश में पिछले साल सात अगस्त में संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख और 19 दिसम्बर को एक करोड़ के पार चले गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, देश में अभी तक 22,42,58,293 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है। इनमें से 7,78,416 नमूनों की जांच बुधवार को की गई थी। आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में संक्रमण से जिन 126 लोगों की मौत हुई, उनमें से महाराष्ट्र के 54, पंजाब के 17 और केरल के 14 लोग थे। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कुल 1,58,189 लोगों की संक्रमण से मौत हुई है, जिनमें से महाराष्ट्र के 52,610, तमिलनाडु के 12,530, कर्नाटक के 12,379, दिल्ली के 10,931, पश्चिम बंगाल के 10,283, उत्तर प्रदेश के 8,740 और आंध्र प्रदेश के 7,177 लोग थे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की मौत हुई है उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का आईसीएमआर के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।ये भी पढ़ें |
hindi_2022_10777 | Karnataka Masjid Case: कर्नाटक की इस प्रसिद्ध मस्जिद के भी हनुमान मंदिर होने का दावा, प्रशासन से पूजा करवाने की मांग, जानें पूरा मामला | इस मुद्दे को उठाने वाले लोगों का कहना है कि मस्जिद की जगह पर पहले मंदिर था, जिसे बाद में मस्जिद में बदला गया। इसलिए उन्होंने मस्जिद में पूजा करने की इजाजत मांगी है। | Karnataka Masjid Case: यूपी के बनारस में जारी ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के विवाद के दौरान ही कर्नाटक से भी इसी तरह का एक मामला सामने आया है। कर्नाटक में भी एक मस्जिद (Karnataka Masjid) के मंदिर होने के दावे से हड़कंप मच गया है। दक्षिणपंथी समूह के कुछ सदस्यों ने सोमवार को कर्नाटक के मांड्या के डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें ये मांग की गई है कि उन्हें जामिया मस्जिद (Jamia Masjid) में आंजनेय मूर्ति की पूजा करने की इजाजत दी जाए। समूह के सदस्यों का कहना है कि मस्जिद की जगह पर पहले मंदिर था, जिसे बाद में मस्जिद में बदला गया। इसलिए उन्होंने मस्जिद में पूजा करने की इजाजत मांगी है। इन लोगों का कहना है कि मस्जिद आंजनेय मंदिर को बदलकर बनाई गई और इस बात के ऐतिहासिक सबूत भी हैं कि मस्जिद पहले एक मंदिर थी। इन लोगों का ये भी कहना है कि टीपू सुल्तान ने इस बारे में पर्शिया के खलीफा को एक पत्र लिखा था। इसलिए उनकी मांग है कि पुरातत्व विभाग इन डॉक्यूमेंट्स की जांच करे और उस पर विचार करे। मंदिर का दावा करने वाले इन लोगों ने मस्जिद परिसर में बने एक तालाब में नहाने की भी इजाजत मांगी है। गौरतलब है कि यूपी के बनारस में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हंगामा मचा हुआ है। यहां से एक शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है, जिसके बाद जिला प्रशासन ने मस्जिद परिसर के उस हिस्से को सील कर दिया है। कोर्ट ने सील की गई जगह पर किसी भी व्यक्ति के जाने पर रोक लगा दी है। बता दें कि याचिकाकर्ता राखी सिंह के वकील हरिशंकर जैन ने कोर्ट में एक अर्जी दी थी, जिसमें उन्होंने ये दावा किया कि 16 मई को आयोग को मस्जिद परिसर के अंदर एक शिवलिंग मिला। इसलिए इस जगह की सुरक्षा की जाए क्योंकि ये एक अहम सबूत है। कोर्ट ने इस अर्जी को स्वीकार कर लिया और इस जगह की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिलाधिकारी समेत अहम अधिकारियों को सौंप दी। |
hindi_2022_10778 | पीएम नरेंद्र मोदी 20-21 नवंबर को लखनऊ में डीजीपी और आईजीपी के 56वें सम्मेलन में शामिल होंगे | उत्तर प्रदेश में पहली बार हो रही डीजी कॉन्फ्रेंस के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजधानी लखनऊ में 2 दिन का रात्रि विश्राम करेंगे। जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी 19 नवंबर की रात करीब 8:45 पर अमौसी एयरपोर्ट पर लैंड करेंगे। इसके बाद रात्रि विश्राम के लिए सीधे राजभवन पहुंचेंगे। | नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 20 और 21 नवंबर को पुलिस मुख्यालय लखनऊ में पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षकों (आईजीपी) के 56वें सम्मेलन में शामिल होंगे। बता दें कि, साल 2014 से ही प्रधानमंत्री DGP सम्मेलन में गहरी दिलचस्पी ले रहे हैं। पहले की सिम्बॉलिक उपस्थिति के उलट अब वह सम्मेलन के सभी सत्रों में भाग लेते हैं और स्वतंत्र और अनौपचारिक चर्चाओं को प्रोत्साहित करते हैं। उत्तर प्रदेश में पहली बार हो रही डीजी कॉन्फ्रेंस के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजधानी लखनऊ में 2 दिन का रात्रि विश्राम करेंगे। जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी 19 नवंबर की रात करीब 8:45 पर अमौसी एयरपोर्ट पर लैंड करेंगे। इसके बाद रात्रि विश्राम के लिए सीधे राजभवन पहुंचेंगे। एसपीजी की टीम ने बीते बुधवार को पुलिस मुख्यालय, पीएम के आने-जाने के रूट, कार्यक्रम स्थल समेत तमाम उन स्थानों का दौरा व निरीक्षण किया, जहां-जहां पीएम जाएंगे या गुजरेंगे। जानकारी के मुताबिक अभी तक 19 नवंबर की रात राजभवन के अलावा पीएम का कहीं और जाने का कार्यक्रम नहीं है। पीएम मोदी शुक्रवार को यूपी के महोबा में 6250 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इनमें अर्जुन सहायक परियोजना, रतौली वियर परियोजना, भवानी बांध शामिल है। 3250 करोड़ की इन परियोजनाओं से महोबा, हमीरपुर, बांदा व ललितपुर में लगभग 65000 हेक्टेअर भूमि की सिंचाई में मदद मिलेगी और क्षेत्र में पेयजल भी उपलब्ध होगा। इसके अलावा पीएम मोदी अटल एकता पार्क का भी उद्घाटन करेंगे।झांसी में पीएम मोदी 19 नवंबर को सेना के तीनों कमानों को सौंपेंगे स्वदेशी रक्षा उपकरणप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेना के तीनों कमानों के प्रमुखों को आगामी शुक्रवार को झांसी में आत्मनिर्भर भारत के तहत तैयार स्वदेशी रक्षा उपकरण सौंपेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से डिजाइन और विकसित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) को वायु सेना प्रमुख को, भारतीय स्टार्टअप द्वारा डिजाइन और विकसित किए गए ड्रोन व यूएवी को थल सेनाध्यक्ष को और डीआरडीओ द्वारा डिजाइन किए गए तथा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा नौसेना के जहाजों के लिए निर्मित उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट को नौसेनाध्यक्ष को सौंपेंगे। मोदी इसके साथ ही झांसी में 400 करोड़ की रक्षा औद्योगिक गलियारा परियोजना का शिलान्यास करेंगे। |
hindi_2022_10779 | गुजरात में अब तक है चक्रवात ताउते का 'आफ्टर इफेक्ट', 450 गांवों में बहाल नहीं हुई बिजली आपूर्ति | गुजरात सरकार ने बुधवार को कहा कि राज्य में चक्रवाती तूफान ताउते के प्रकोप के एक हफ्ते से अधिक समय बाद भी करीब 450 गांव बिजली आपूर्ति बहाल होने का इंतजार कर रहे हैं और यह काम चल रहा है। | अहमदाबाद: गुजरात सरकार ने बुधवार को कहा कि राज्य में चक्रवाती तूफान ताउते के प्रकोप के एक हफ्ते से अधिक समय बाद भी करीब 450 गांव बिजली आपूर्ति बहाल होने का इंतजार कर रहे हैं और यह काम चल रहा है। गिर-सोमनाथ जिले में 17 मई की रात को तूफान ताउते आया था और उसने 24 घंटे से अधिक समय तक गुजरात के अनेक हिस्सों को प्रभावित किया। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बुधवार को गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा कि जोरदार हवाओं से बिजली के खंभे गिर गये थे जिसकी वजह से 10,447 गांवों में बिजली चली गयी। उन्होंने कहा, ‘‘छह दिन में सभी सड़कों को साफ कर लिया गया। अब एक भी गांव संपर्क से कटा नहीं है। कुल 10,447 गांवों में तूफान के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो गयी थी जिनमें से करीब 9,900 गांवों में बिजली बहाल कर ली गयी है वहीं बाकी 450 गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए प्रयास जारी हैं।’’गुजरात अभी तक पूरी तरह से चक्रवाती तूफान ताउते के प्रकोप से बाहर भी नहीं निकल पाया है कि एक और चक्रवाती तूफान 'यास' ने बंगाल में आफत मचा दी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि चक्रवात ‘यास’ के कारण मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों की वजह से राज्य में कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए और तीन लाख मकान क्षतिग्रस्त हुए।बनर्जी ने बताया कि मछलियां पकड़ने गए एक व्यक्ति की दुर्घटनावश मौत हो गई। बनर्जी ने लोगों को सचेत किया कि तूफान के कारण समुद्र में ऊंची लहरें उठती रहेंगी। उन्होंने दावा किया कि बंगाल चक्रवात से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 15,04,506 लोगों को संवेदनशील स्थानों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना जिलों में प्रभावित इलाकों का जल्द ही हवाई सर्वेक्षण करूंगी।’’ उन्होंने बताया कि अभी सरकार के पास चक्रवात के कारण हुए नुकसान संबंधी प्रारंभिक आंकड़े हैं। बनर्जी ने कहा कि नुकसान संबंधी सटीक जानकारी मिलने में कम से कम 72 घंटे लगेंगे। चक्रवात ‘यास’ के कारण नदियों में जलस्तर बढ़ने से पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना के कई इलाकों में बुधवार को पानी भर गया तथा नारियल के पेड़ों के शिखरों को छूतीं समुद्र की लहरें और बाढ़ के पानी में बहती कारें दिखाई दीं। चक्रवात के कारण समुद्र में दो मीटर से अधिक ऊंची लहरें उठीं और पूर्वी मेदिनीपुर में दीघा एवं मंदारमणि और दक्षिण 24 परगना में फ्रेजरगंज और गोसाबा चक्रवात से प्रभावित हुए।‘यास’ के बुधवार सुबह करीब नौ बजे तट पर टकराने के साथ ही उत्तरी ओडिशा एवं पड़ोसी पश्चिम बंगाल में भीषण चक्रवाती तूफान ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया जहां इस दौरान 130-140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य पुलिस एवं स्वयंसेवक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। |
hindi_2022_10780 | Lata Mangeshkar: मोदी की वेबसाइट पर लता मंगेशकर के साथ उनके 'खास रिश्ते' को याद किया गया | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वेबसाइट पर ''एक खास रिश्ता'' शीर्षक के साथ साझा किए गए लेख में कहा गया, ''लता दीदी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपार स्नेह था।'' | नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वेबसाइट पर रविवार को स्वर कोकिला लता मंगेशकर और उनके ''खास रिश्ते'' को याद किया गया। इसमें कहा गया कि महान गायिका ने वर्ष 2013 में कहा था कि वह मोदी को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देखने की ईश्वर से प्रार्थना करती हैं। वेबसाइट पर ''एक खास रिश्ता'' शीर्षक के साथ साझा किए गए लेख में कहा गया, ''लता दीदी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपार स्नेह था।''इसमें कहा गया, ''लता दीदी स्वर्गलोक के लिए प्रस्थान कर चुकी हैं। यह भारतीय फिल्म उद्योग के शानदार और मधुर युग का अंत है। उनकी भावपूर्ण आवाज पूरे देश में गूंजी और देश में लाखों दिल जीते। अपने प्रशंसकों द्वारा 'स्वर कोकिला' के रूप में बुलाए जाने पर, लता दीदी ने उनके साथ एक विशेष अमूर्त रिश्ता साझा किया। लता दीदी को अपने प्रशंसकों से ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी से भी बेहद लगाव था।''इसमें कहा गया कि मोदी और लता दीदी के जन्मदिन का महीना एक ही है। वह प्यार से मोदी को 'नरेन्द्र भाई' कहकर बुलाती थीं। वर्ष 2013 में, जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब लता और उनके परिवार ने पुणे में एक सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया था, जिसे उनके दिवंगत पिता दीनानाथ मंगेशकर की याद में बनाया गया था। अस्पताल लता दीदी के दिल के बहुत करीब था क्योंकि इसे उनके दिवंगत पिता की याद में बनाया गया था।कार्यक्रम का वीडियो साझा करते हुए लेख में कहा गया, ''कार्यक्रम के दौरान लता दीदी ने कहा था, ''मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि हम नरेंद्र भाई को प्रधानमंत्री के रूप में देखें।'' लेख के मुताबिक, वह हर साल रक्षाबंधन के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी को शुभकामनाएं देती थीं। अपने एक वीडियो संदेश में लता ने इस बात पर दु:ख व्यक्त किया था कि वह कोविड महामारी के कारण मोदी को राखी नहीं भेज सकीं।इसके मुताबिक, वर्ष 2019 में 'मन की बात' के एक एपिसोड में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के साथ टेलीफोन पर एक बातचीत साझा की थी, जो उन्होंने अमेरिका की यात्रा पर जाने से पहले लता के साथ की थी। तब मोदी ने इस बातचीत को ''एक छोटे भाई का अपनी बड़ी बहन से प्यार से बात करने जैसा'' करार दिया था। लेख के मुताबिक, मोदी ने इसी बातचीत में लता के साथ अपने घनिष्ठ स्नेही संबंधों का जिक्र किया। उन्होंने याद किया था कि जब भी उन्हें लता दीदी से मिलने का अवसर मिला तो उन्होंने (लता) हमेशा गुजराती व्यंजन खिलाया।इसके मुताबिक, लता ने यह भी कहा था कि उन्होंने अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री की मां का आशीर्वाद लिया था। वेबसाइट पर कहा गया, ''लता दीदी का निधन वास्तव में देश के लिए एक दुखद दिन है। लेकिन, उनकी आवाज अब भी पूरे देश में गूंजेगी। इस साल बीटिंग रिट्रीट समारोह में प्रधानमंत्री के कहने पर 'ऐ मेरे वतन के लोगों' की धुन बजाई गई। लता दीदी द्वारा गाया गया यह गीत हर भारतीय के दिल में देशभक्ति की भावना भर देता है।'' |
hindi_2022_10781 | एम्बुलेंस न होने के चलते किसी की मौत की खबर मिली तो होगी कठोर कार्रवाई: योगी आदित्यनाथ | उत्तर प्रदेश में मरीजों और तीमारदारों को मुसीबतों का सामना न करना पड़े इसके लिए सीएम योगी ने शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को एम्बुलेंस संचालन की व्यवस्थाओं की सतत निगरानी करने के आदेश दिए हैं। | लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मरीजों और तीमारदारों को मुसीबतों का सामना न करना पड़े इसके लिए सीएम योगी ने शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को एम्बुलेंस संचालन की व्यवस्थाओं की सतत निगरानी करने के आदेश दिए हैं। प्रदेश के सभी जनपदों में मरीजों को समय से एंबुलेंस की सेवा मिले, इसके लिए मुख्यमंत्री ने एम्बुलेंस की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में मरीजों और उनके परिजन का उत्पीड़न न हो इस बात का ध्यान रखा जाए। उन्होंने बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि एम्बुलेंस न होने के चलते अगर किसी की असमय मृत्यु की सूचना मिली, तो दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।ज्ञात हो कि प्रदेश के 9 जिलों में बीते 24 घंटों में कोरोना का एक भी एक्टिव केस नहीं मिला वहीं, अब एक्टिव कोविड केस की संख्या 729 ही रह गई है। जो दूसरे प्रदेशों के मुकाबले काफी कम है। रोजना ढाई लाख से तीन लाख टेस्ट करने वाले यूपी में नए केस की संख्या में हर दिन गिरावट दर्ज की जा रही है। जनपद अलीगढ़, अमरोहा, बस्ती, एटा, हाथरस, कासगंज, कौशांबी, महोबा और श्रावस्ती में अब कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। सर्वाधिक कोविड टेस्टिंग करने वाले राज्य यूपी में अब तक 06 करोड़ 52 लाख से अधिक कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है।बीते 24 घंटों में 02 लाख 44 हजार से अधिक की गई जांचों में महज 42 नए मरीजों की पुष्टि हुई। इस दौरान 91 लोगों ने कोरोना को मात दी है। बता दें कि किसी भी जिले में दोहरे अंक में नए केस की पुष्टि नहीं हुई। वहीं, 55 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं मिला। केवल 20 जनपदों में ही इकाई अंक में मरीजों की पुष्टि हुई है। पॉजिटिविटी रेट 0.01 फीसदी व रिकवरी रेट 98.6 फीसदी दर्ज किया गया है। कानपुर में बीते दिन संक्रमित पाए गए 22 लोगों की गहन कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की गई। इनके परिजनों समेत संपर्क में आए लगभग 1,400 लोगों की कोविड टेस्टिंग कराई गई, जिसमें एक भी पॉजिटिव मरीज की पुष्टि नहीं हुई।ट्रिपल टी, टीकाकरण और ठोस निर्णयों के चलते प्रदेश में कोविड संक्रमण की रफ्तार थम गई है। प्रदेश में टीकाकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। अब तक प्रदेश में 04 करोड़ 71 लाख से अधिक कोविड वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। प्रदेश के 03 करोड़ 94 लाख से अधिक लोगों ने कम से कम कोविड की एक खुराक ले ली है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_10782 | Rajat Sharma’s Blog: केंद्र को किसानों की शंकाएं दूर करनी चाहिए | मुझे लगता है कि किसानों की शंकाओं को दूर करने के लिए कुछ और क्लेरीफिकेशन देने की जरूरत है। हर पहलू को स्पष्ट करने और किसानों की बात सुनने की जरूरत है। | नए कृषि कानून को लेकर किसानों के विरोध की आड़ में कुछ विपक्षी दलों द्वारा सड़कों पर ड्रामेबाजी की जा रही है। सोमवार को कड़ी सुरक्षा वाले दिल्ली के इंडिया गेट के पास राजपथ पर पंजाब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने एक ट्रैक्टर में आग लगा दी। पुलिस के भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बावजूद सुबह करीब 7.30 बजे कुछ कारों के काफिले के साथ एक ट्रक राजपथ पर पहुंचा जिसमें एक पुराना ट्रैक्टर था। ट्रक से ट्रैक्टर को सड़क पर उतारा गया और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के कोई कदम उठाने से पहले ही ट्रैक्टर में आग लगा दी। दमकलकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर आग की लपटों को बुझाया।इस पूरी घटना का वीडियो पंजाब यूथ कांग्रेस के फेसबुक पेज पर लाइव किया गया था और कुछ प्रदर्शनकारियों ने वीडियो को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी पोस्ट किया था। दिल्ली पुलिस ने यूथ कांग्रेस के पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन पंजाब यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष बरिंदर ढिल्लों फरार है।इंडिया टीवी के रिपोर्टर्स जब ट्रैक्टर से जुड़े सारे तथ्यों को जोड़ते हुए मामले की तह तक पहुंचे तब पता चला कि यह ट्रैक्टर पंजाब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता संदीप भुल्लर के नाम पर रजिस्टर्ड था। भुल्लर ने यह ट्रैक्टर दस दिन पहले ही एक किसान से खरीदा था। चूंकि कुछ दिन पहले (20 सितंबर को) पंजाब के फरीदकोट में और डेरा बस्सी में विरोध प्रदर्शन के दौरान ट्रैक्टर को आग लगाने की तस्वीरें आई थी। जब पुराने वीडियो को देखा गया तो उससे पता चला कि जिस ट्रैक्टर को डेरा बस्सी में जलाया गया था, उसी ट्रैक्टर में दिल्ली में आग लगाई गई। ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन नंबर भी मैच कर गया। आधे जले हुए ट्रैक्टर को एक ट्रक में दिल्ली लाया गया था, और फिर सोमवार को इंडिया गेट के पास इसमें आग लगा दी गई।कांग्रेस द्वारा विभिन्न राज्यों में इस तरह की फर्जी ड्रामेबाजी आम लोगों के मन में एक ऐसी धारणा बनाने के लिए की जा रही है ताकि लोगों को यह लगे कि किसान नए कृषि कानून के विरोध में अपने ट्रैक्टर जला रहे हैं। फिलहाल किसानों का विरोध प्रदर्शन केवल पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों तक ही सीमित रह गया है और स्थानीय नेताओं, बिचौलियों और कमीशन एजेंट्स जिनकी कमाई नए कृषि कानूनों के कारण बुरी तरह से प्रभावित हो रही है, प्रदर्शनकारी किसानों का हर तरह से समर्थन कर रहे हैं, हर स्तर पर उनकी मदद भी कर रहे हैं। पंजाब और हरियाणा में आम किसानों को अफवाहों के जरिए गुमराह किया जा रहा है। किसानों से कहा जा रहा है कि एपीएमसी (कृषि उपज विपणन समिति) की मंडियां बंद हो जाएंगी और सरकार किसानों की उपज के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) तय करना बंद कर देगी। केंद्र सरकार ने समय-समय पर इन अफवाहों को निराधार बताया और खारिज कर दिया।पंजाब में किसानों के विरोध प्रदर्शन की अगुवाई खुद वहां के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कर रहे हैं। वे सोमवार को पंजाब में शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव खटकर कलां में 45 विधायकों और छह सांसदों के साथ धरने पर बैठे। इन लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और नए कानूनों को किसानों के गले में फांसी का फंदा बताया। उन्होंने कहा कि इससे जनवितरण प्रणाली पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। कैप्टन ने कहा कि जिन राज्यो में इस तरह के कानून पहले से लागू हैं, जहां मंडियों को पहले ही खत्म किया जा चुका है, वहां के किसानों की हालत सरकार को देखनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या कॉरपोरेट घराने गरीबों को सब्सिडी पर अनाज देंगे? कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार नए कृषि कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों को यह नहीं बताया कि उनकी अपनी पार्टी कांग्रेस ने 2019 के चुनाव घोषणापत्र में एपीएमसी से मुक्त करने का वादा किया था। वो सारी बातें जो कांग्रेस ने उस वक्त अपने चुनाव घोषणापत्र में कही थीं, अमरिंदर ने उसका जिक्र नहीं किया। हालांकि ये भी सही है कि कांग्रेस के नेता आज से नहीं बल्कि पिछले दस साल से मंडियों को खत्म करने के पक्ष में दलीलें दे रहे थे। उस वक्त बीजेपी के लोग इसका विरोध करते थे। लेकिन अब बीजेपी की सरकार ने जब वही स्टैंड ले लिया जो पहले कांग्रेस का था, तो कांग्रेस अपने पुराने स्टैंड को किसान विरोधी क्यों बता रही है? कांग्रेस क्यों कृषि बिल का जोरदार विरोध कर रही है?यहां तक कि बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी और केंद्र की एनडीए सरकार में शामिल शिरोमणि अकाली दल भी एनडीए से अलग हो गया। शिरोमणि अकाली दल के नेताओं को नए कृषि कानून पर अपना जनाधार खिसकता हुआ नजर आया, उन्हें लगा कि इससे उनका किसानों का वोट बैंक टूट जाएगा इसलिए एनडीए से नाता तोड़ लिया। मैंने अपने रिपोर्टर को पंजाब और हरियाणा के गांवों में भेजा और सीधे किसानों से बात करने को कहा। किसानों का कहना है कि अगर मंडी खत्म हुई, आढ़तिए खत्म हुए तो नुकसान किसानों का होगा। क्योंकि किसानों का आढ़तियों से पीढ़ियों का रिश्ता होता है। बुरे वक्त में या जरूरत के वक्त में आढ़तिए किसानों की मदद करते हैं। अगर आढ़तिए खत्म हो गए तो किसान कहां जाएंगे।ऐसा लग रहा है कि देश की कृषि में बदलाव को लेकर सरकार की बात अबतक पंजाब और हरियाणा के किसानों तक नहीं पहुंची है। किसान ये कह रहे हैं कि कुछ सालों तक कंपनियां उनकी फसल ज्यादा दाम में खरीदेंगी। जब मंडियां खत्म हो जाएंगी तो फिर कंपनियों की मोनोपॉली (एकाधिकार) होगी और फिर किसान औने-पौने दामों पर अपनी फसलें बड़ी-बड़ी कंपनियों को बेचने के लिए मजबूर होंगे। मुझे लगता है कि किसानों की शंकाओं को दूर करने के लिए कुछ और क्लेरीफिकेशन देने की जरूरत है। हर पहलू को स्पष्ट करने और किसानों की बात सुनने की जरूरत है। क्योंकि जहां-जहां अटकलें लगाई जाती हैं, वहां अविश्वास बढ़ता है और इससे बचने का जितनी जल्दी उपाय करेंगे उतना बेहतर होगा। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 28 सितंबर, 2020 का पूरा एपिसोड /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); } var jwconfig_8676653221 = {"file": "https://indiatv-vh.akamaihd.net/i/vod/0_ekn44386_,20,21,22,.mp4.csmil/master.m3u8","image": "https://thumbs.indiatvnews.com/vod/0_ekn44386_big_thumb.jpg","title": "आज की बात रजत शर्मा के साथ | 28 सितंबर, 2020","height": "440px","width": 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hindi_2022_10783 | Hathras Case: क्या दलितों की अनदेखी करने लगी हैं मायावती? | बसपा अध्यक्ष के करीबी सूत्रों का दावा है कि मायावती को धूल से एलर्जी है, इसलिए वह ग्रामीण इलाकों में नहीं जाती हैं। सक्रिय राजनीति करने वालों के आगे ऐसा कारण हालांकि टिकता नहीं है। | लखनऊ. उत्तर प्रदेश के हाथरस की 19 वर्षीय दलित लड़की की मौत के बाद पिछले एक हफ्ते में लगभग हर राजनेता ने पीड़िता के घर तक पहुंचने की कोशिश की है। वहीं खुद को दलितों का निर्विवाद नेता कहने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती की मामले से अनुपस्थिति चौंकाने वाली है। वैसे वह नियमित रूप से इस घटना के बारे में ट्वीट कर रही हैं और कार्रवाई की मांग कर रही है, लेकिन घटनास्थल पर उनकी अनुपस्थिति ने उनके अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक गलत संदेश भेजा है। वैसे जो लोग मायावती को सालों से देख रहे हैं, उनके लिए मायावती का ऐसा व्यवहार आश्चर्यचकित करने वाला नहीं है। वे अपने खुद के कार्यकाल में भी उन लोगों से मिलने के लिए बाहर नहीं निकली थीं, जो उस समय अत्याचारों के शिकार हुए थे।ऐसी घटनाओं पर नजर डालें तो 2014 में बदायूं में दो दलित चचेरी बहनों को दुष्कर्म के बाद एक पेड़ से लटका दिया गया था, तब भी मायावती उनके शोक संतप्त परिवारों से मिलने के लिए अपने घर से बाहर नहीं निकलीं थीं। जबकि उस समय बसपा विपक्ष में थी और समाजवादी पार्टी सत्ता में थी। ऐसे में मायावती दलितों के बीच अपने आधार को मजबूत करने के लिए इस घटना का बखूबी इस्तेमाल कर सकती थीं। लेकिन उन्होंने एक बयान जारी कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली थी।बसपा अध्यक्ष के करीबी सूत्रों का दावा है कि मायावती को धूल से एलर्जी है, इसलिए वह ग्रामीण इलाकों में नहीं जाती हैं। सक्रिय राजनीति करने वालों के आगे ऐसा कारण हालांकि टिकता नहीं है। इसके अलावा मायावती अपनी पार्टी में किसी पर इतना भरोसा भी नहीं करतीं कि ऐसे मौकों पर वे उसे अपने प्रतिनिधि के तौर पर भेज सकें, बल्कि पार्टी में कोई नेता ज्यादा सक्रिय होने की कोशिश करता है तो उसे बाहरा का रास्ता दिखा दिया जाता है। यही वजह है कि कभी भी बसपा का जिला स्तर पर कोई विरोध प्रदर्शन या अन्य कार्यक्रम नहीं दिखाई देता है।बसपा के एक वरिष्ठ विधायक कहते हैं, "बहनजी के साथ एक समस्या है कि वह पुराने समय में ही जी रही हैं और उन्हें यह महसूस नहीं हो रहा है कि चीजें बदल गई हैं। दलितों की नई पीढ़ी सत्ता में भागीदारी चाहती है। इस पर अगर कोई भी उन्हें सुझाव देने की कोशिश करता है, तो यह ईशनिंदा से कम नहीं है।"यही वजह है कि अब भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को उप्र में बढ़त मिली है, जो धीरे-धीरे ही सही, उप्र की दलित राजनीति में अपनी जगह बना रहे हैं। उदाहरण के लिए, हाथरस की घटना में आजाद ग्राउंड जीरो पर पहुंचे और पीड़ित परिवार के साथ घंटों तक रहे, जबकि मायावती ने ट्वीट कर अपनी चिंता व्यक्त कर दी। जाहिर है, उस ट्वीट को अधिकांश दलितों ने देखा भी नहीं होगा। अगर मायावती को लगता है कि दलितों के पास बसपा के अलावा कोई विकल्प नहीं है तो ये शायद उनकी भूल साबित होगी। उनकी जगह भीम आर्मी अपनी पकड़ बना रही है।भीम आर्मी में शामिल हुए बसपा के एक पूर्व नेता कहते हैं, "चंद्रशेखर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए केवल एक फोन कॉल की दूरी पर हैं। वह हमेशा उपलब्ध रहते हैं, जबकि मायावती के तो किसी से मिलने की उम्मीद ही नहीं की जा सकती। ना ही उन्होंने पार्टी में कोई दूसरा नेता उभरने दिया। ऐसे में संकट के समय हम उन पर निर्भर नहीं रह सकते। अब उनके भाई आनंद और भतीजे आकाश भी उन्हीं के नक्शेकदम पर हैं और यह बसपा को उसके अंत तक ले जाएगा।"पढ़ें- India China Tension: चीन के साथ लंबे समय तक जारी रह सकता है विवाद? वायुसेना प्रमुख ने दी अहम जानकारीपढ़ें- अटल सुरंग के उद्घाटन से बौखलाया चीन, बोला- युद्ध के दौरान...पढ़ें- चीन से जारी विवाद के बीच भारत ने म्यांमार के साथ किया महत्वपूर्ण समझौतापढ़ें- AAP के कोरोना पॉजिटिव विधायक पहुंचे हाथरस पीड़िता के घरपढ़ें- मजेदार हुआ बिहार चुनाव, अकेले चुनाव लड़ेगी LJP, जानिए कैसी हो सकती है भविष्य की तस्वीरपढ़ें- बिहार चुनाव: नीतीश के नेतृत्व को नकारने के बाद चिराग पासवान का खुला पत्र |
hindi_2022_10784 | UP के गांव में मिला जला हुआ पूजा पंडाल, सुरक्षा बल तैनात | गांव वालों ने प्राचीन अष्टभुजा देवी मंदिर में एक विशेष पूजा और यज्ञ के लिए पंडाल सजाया था और यह पंडाल मंगलवार को पूरी तरह से जला हुआ पाया गया। जैसे ही यह खबर गांव में जंगल की आग की तरह फैली तो सैकड़ों ग्रामीणों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। | प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ जिले के गोंडे गांव और आसपास के इलाकों में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। दरअसल, यहां एक 'पूजा पंडाल' जला हुआ मिला। जिसके बाद गांव में अतिरिक्त बलों को तैनात कर दिया गया है। गांव वालों ने प्राचीन अष्टभुजा देवी मंदिर में एक विशेष पूजा और यज्ञ के लिए पंडाल सजाया था और यह पंडाल मंगलवार को पूरी तरह से जला हुआ पाया गया।जैसे ही यह खबर गांव में जंगल की आग की तरह फैली तो सैकड़ों ग्रामीणों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया और पूजा पंडाल को जलाने के लिए जिम्मेदार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। अंचल अधिकारी (नगर) अभय पांडे ने बुधवार को कहा, शुरुआती जांच में पता चला है कि नशे के आदी लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया होगा। हालांकि, हम मामले की जांच कर रहे हैं।उन्होंने कहा, दिल्ली और कुछ अन्य स्थानों पर हाल के सांप्रदायिक दंगों और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जारी कानून और व्यवस्था के संबंध में निर्देशों के मद्देनजर, गांव में अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं। वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। यह भी पता चला है कि कुछ लोगों ने अधूरी जानकारी के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस घटना को लेकर कई पोस्ट किए हैं जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए।प्रतापगढ़ पुलिस ने सोशल मीडिया यूजर्स को सख्त चेतावनी दी है कि पोस्ट करने से पहले वेरिफाई करें अन्यथा कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। पुलिस अधिकारी ने कहा, हम सोशल मीडिया पर नजर बनाए हुए हैं। भ्रम फैलाने वाले पोस्ट या तस्वीरों को अपलोड करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।(इनपुट- IANS) |
hindi_2022_10785 | Cyclone Nivar: चक्रवाती तूफान निवार हुआ तेज, बुधवार को तमिलनाडु, पुड्डुचेरी तट पार करेगा | Cyclone Nivar: मौसम विभाग के अनुसार हवा में आई अचानक तेजी से इसकी रफ्तार 80-90 किमी प्रति घंटे होने की संभावना है जो मंगलवार को दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और तमिलनाडु के पुडुचेरी तट से दूर चली गई। | चेन्नई. बंगाल के दक्षिण-पश्चिम खाड़ी पर बने दबाव के कारण चक्रवाती तूफान निवार तेज हो गया है। यह पुडुचेरी के 410 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व और चेन्नई के 450 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में है। यह जानकारी भारत के मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को दी। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में इस गंभीर चक्रवाती तूफान के और तेज होने की आशंका है। यह बुधवार शाम 8 बजे के आसपास कराईकल और ममल्लापुरम के बीच तमिलनाडु और पुदुचेरी के तटों को 100-110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पार कर जाएगा।मौसम विभाग के अनुसार हवा में आई अचानक तेजी से इसकी रफ्तार 80-90 किमी प्रति घंटे होने की संभावना है जो मंगलवार को दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और तमिलनाडु के पुडुचेरी तट से दूर चली गई। बुधवार को हवा के 100-110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार और 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली फुहारों के साथ दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और तमिलनाडु और पुदुचेरी के साथ-साथ बहने की संभावना है। इन क्षेत्रों में समुद्र की स्थिति बहुत उतार-चढ़ाव वाली होने की संभावना है। लिहाजा इस अवधि में मछुआरों को इन समुद्री क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी जाती है।Puducherry में धारा 144 लागू Cyclone Nivar के खतरे को देखते हुए Puducherry प्रशासन ने धारा 144 लागू करने का फैसला किया है। पुड्डूचेरी के जिला मजिस्ट्रेट ने पूरे पुड्डूचेरी इलाके में Cyclone Nivar के खतरे के मद्देनजर आज रात 9 बजे से 26 नवंबर सुबह 6 बजे तक धारा 144 लागू करने का फैसला लिया है। इस दौरान सभी दुकानें और संस्थान बंद रहेंगे। सिर्फ दूध डेयरी, पेट्रोल स्टेशनों और दवाई की दुकानों को कामकाज की अनुमति दी गई है। (with inputs from IANS/ANI)चेन्नई. बंगाल के दक्षिण-पश्चिम खाड़ी पर बने दबाव के कारण चक्रवाती तूफान निवार तेज हो गया है। यह पुडुचेरी के 410 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व और चेन्नई के 450 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में है। यह जानकारी भारत के मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को दी। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में इस गंभीर चक्रवाती तूफान के और तेज होने की आशंका है। यह बुधवार शाम 8 बजे के आसपास कराईकल और ममल्लापुरम के बीच तमिलनाडु और पुदुचेरी के तटों को 100-110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पार कर जाएगा।मौसम विभाग के अनुसार हवा में आई अचानक तेजी से इसकी रफ्तार 80-90 किमी प्रति घंटे होने की संभावना है जो मंगलवार को दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और तमिलनाडु के पुडुचेरी तट से दूर चली गई। बुधवार को हवा के 100-110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार और 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली फुहारों के साथ दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और तमिलनाडु और पुदुचेरी के साथ-साथ बहने की संभावना है। इन क्षेत्रों में समुद्र की स्थिति बहुत उतार-चढ़ाव वाली होने की संभावना है। लिहाजा इस अवधि में मछुआरों को इन समुद्री क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी जाती है।Puducherry में धारा 144 लागू |
hindi_2022_10786 | Facebook के जरिए आपका दोस्त मांगने लगे पैसे तो हो सकता है फ्रॉड, इन 4 तरीकों से बचें | आजकल फेसबुक (Facebook) में फेक प्रोफाइल बनाकर आपके दोस्तों से पैसे मांगने वाले मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने इसको लेकर लोगों को 4 तरीके बताएं हैं जिससे आप ऑनलाइन फ्रॉड से बच सकते हैं। | नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन फ्रॉड के बढ़ते मामलों को लेकर लोगों को सावधान किया है। अगर आप भी सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं तो ये खबर आपके काम की है। दरअसल, आजकल फेसबुक (Facebook) में फेक प्रोफाइल बनाकर आपके दोस्तों से पैसे मांगने वाले मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने इसको लेकर लोगों को 4 तरीके बताएं हैं जिससे आप ऑनलाइन फ्रॉड से बच सकते हैं। दिल्ली पुलिस के ट्वीटर अकाउंट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, फेसबुक पर आपकी फेक प्रोफ़ाइल बना कर आपके मित्रों से पैसे मांगने वाले फ्रॉड तेज़ी से बढ़ रहे हैं। पुलिस कंप्लेंट के साथ-साथ आप ख़ुद उस फेक प्रोफ़ाइल को फेसबुक इस लिंक पर क्लिक करके रिपोर्ट कर सकते हैं। ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के ये हैं 4 तरीकेये भी सावधानी बरतें |
hindi_2022_10787 | Hyderabad Rains: लौटते मानसून की बारिश में डूबा हैदराबाद, हादसों में 11 लोगों की मौत, यातायात ठप परीक्षाएं कैंसिल | दक्षिण भारत के सबसे बड़े शहरों में एक हैदराबाद में पिछले 24 घंटों से बारिश का कहर जारी है। इस आसमानी आपदा से अब तक 11 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। | देश के मैदानी इलाकों में मानसून की वापसी जारी है। इस बीच यह लौटता मानसून तटीय राज्यों में काफी कहर बरपा रहा है। दक्षिण भारत के सबसे बड़े शहरों में एक हैदराबाद में पिछले 24 घंटों से बारिश का कहर जारी है। इस आसमानी आपदा से अब तक 11 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसमें से 9 लोगों की मौत तो बदलागुड़ा के मोहम्मदिया हिल्स में दीवार गिरने से हुई। शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया है। बारिश के चलते यातायात पूरी तरह से ठप है। वहीं ओस्मानिया यूनिवर्सिटी ने बारिश के चलते 14 और 15 अक्टूबर को होने वाली परीक्षाएं पोस्टपोन कर दी हैं। हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ट्वीट कर एक दीवार गिरने से 9 लोगों की मौत होने की जानकारी दी। ओवैसी ने ट्वीट कर बताया कि भारी बारिश के कारण बंदलागुड़ा के मोहम्मदिया हिल्स में दीवार गिरने से नौ लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि निजी बाउंड्री वॉल गिरने से 9 लोगों की मौत हो गई और 2 घायल हो गए।Image Source : PTIHyderabad Rainsएक अलग घटना में, एक 40 वर्षीय महिला और उसकी 15 वर्षीय बेटी की मौत हो गई। भारी बारिश के कारण मंगलवार को इब्राहिमपटनम इलाके में उनके पुराने घर की छत गिर गई थी। भारी बारिश से हैदराबाद का जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। अट्टापुर मेन रोड, मुशीराबाद, टोली चौकी क्षेत्र और दम्मीगुडा समेत कई इलाके पानी में डूब गए। सड़कों पर जलभराव की वजह से यातायात सेवा भी ठप हो गई। तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने बताया कि हैदराबाद में पिछले 24 घंटे में 20 सेमी बारिश हुई है। एलबी नगर में 24 घंटे में 25 सेंटीमीटर बारिश हुई है। हैदराबाद समेत अन्य शहरों में बारिश के बाद हालात पर मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही सभी जिला प्रशासन को सतर्क रहने का आदेश दिया गया है।बारिश की वजह से उस्मानिया यूनिवर्सिटी और जवाहर लाल नेहरू टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने 14 और 15 अक्टूबर को होने वाली परीक्षाओं को टाल दिया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि अब अगली डेट पर परीक्षा होगी। |
hindi_2022_10788 | ‘लव जिहाद’ जैसे मसले को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद | गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को जौनपुर में विधानसभा उपचुनाव के प्रचार के दौरान कहा था कि उनकी सरकार लव जिहाद को सख्ती से रोकेगी। शादी के लिए धर्म परिवर्तन आवश्यक नहीं है और इसके लिए उनकी सरकार कानून बनाएगी। | प्रयागराज (उत्तर प्रदेश): साधु-संतों के संगठन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने रविवार को कहा कि ‘लव जिहाद’ जैसे मसले को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, ‘‘परिषद ‘लव जिहाद’ को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के बयान का समर्थन करता है और इस मसले को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है ।’’ गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को जौनपुर में विधानसभा उपचुनाव के प्रचार के दौरान कहा था कि उनकी सरकार लव जिहाद को सख्ती से रोकेगी। शादी के लिए धर्म परिवर्तन आवश्यक नहीं है और इसके लिए उनकी सरकार कानून बनाएगी। महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, "अगर संतों का मत जानना चाहें तो ऐसे लोगों को बीच चौराहे पर फांसी की सजा होनी चाहिए। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी एक निर्णय में कहा है कि केवल शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं है। मुख्यमंत्री योगी ने लव जिहाद के बारे में जो कहा है, उसका हम सभी साधु संत स्वागत और समर्थन करते हैं।" |
hindi_2022_10789 | प्रणब मुखर्जी के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं, अभी-भी वेंटिलेटर पर: अस्पताल | पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ है और वह अभी वेंटिलेटर पर ही हैं। सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल ने रविवार को यह जानकारी दी। | नयी दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ है और वह अभी वेंटिलेटर पर ही हैं। सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल ने रविवार को यह जानकारी दी। 84 वर्षीय मुखर्जी का उपचार कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि उनकी हालत स्थिर है। मुखर्जी को 10 अगस्त को दिल्ली छावनी स्थित इस अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसी दिन उनके मस्तिष्क की सर्जरी हुई थी। उन्हें कोविड-19 जांच में संक्रमण की पुष्टि भी हुई थी। डॉक्टरों ने बताया कि इसके बाद उनके फेफड़ों में संक्रमण हो गया, जिसका इलाज किया जा रहा है। अस्पताल ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रणब मुखर्जी की हालत में आज सुबह तक कोई बदलाव नहीं आया है। वह गहरे कोमा में हैं और अभी वेंटिलेटर पर हैं। उनकी हालत स्थिर है।’’ मुखर्जी 2012 से 2017 तक भारत के 13वें राष्ट्रपति थे। |
hindi_2022_10790 | झारखंड: हजारीबाग मेडिकल कॉलेज से 186 ऑक्सीजन सिलेंडर और रेगुलेटर गायब | झारखंड के हजारीबाग स्थित ‘हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल’ से 186 ऑक्सीजन सिलेंडर एवं 60 रेगुलेटर गायब होने के मामले में पुलिस ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन कर जांच शुरू कर दी है | हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग स्थित ‘हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल’ से 186 ऑक्सीजन सिलेंडर एवं 60 रेगुलेटर गायब होने के मामले में पुलिस ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन कर जांच शुरू कर दी है और प्राथमिकी में नामज़द एक वार्ड बॉय समेत पांच लोगों से पूछताछ की जा रही है। हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि हजारीबाग मेडिकल कॉलेज से बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन सिलेंडरों एवं रेगुलेटरों के गायब होने के मामले में हजारीबाग के अनुमंडल पुलिस अधिकारी महेश प्रजापति के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया है और उन्होंने मामले में जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक पुलिस ने अस्पताल के वार्ड बॉय सुरेन्द्र कुमार यादव समेत पांच लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वर्तमान समय में डेढ़ सौ से अधिक कोविड मरीजों का इलाज चल रहा है। पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस से 60 लोगों की मौतझारखंड में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण से 60 लोगों की मौत हुई है जबकि कोविड-19 के 2507 नए मामले आए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार को जारी बुलेटिन के अनुसार, राज्य में कोरोना वायरस से सभी तक कुल 3,18,009 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इनमें से 2,79,946 लोग अभी तक ठीक होकर अपने घरों को लौट चुके हैं, 33,524 लोगों का फिलहाल इलाज चल रहा है जबकि 4539 लोगों की संक्रमण से मौत हुई है। बुलेटिन के अनुसार, राज्य में पिछले 24 घंटों में 55,172 नमूनों की जांच की गयी जिनमें से 2507 में संक्रमण की पुष्टि हुई। मंगलवार को रांची में संक्रमण के 292 नये मामले आए हैं, जबकि पूर्वी सिंहभूम में 392 और हजारीबाग में 215 नये मामले आए हैं। भाषा |
hindi_2022_10791 | असम में आंधी, बारिश और बिजली गिरने से आठ लोगों की मौत | सरकारी बुलेटिन के मुताबिक आंधी और वर्षा के कारण जनहानि होने के साथ-साथ कई मकान भी क्षतिग्रस्त हो गये और जगह-जगह पेड़ एवं बिजली के खंभे उखड़ गये। | गुवाहाटी : असम में विभिन्न स्थानों पर बिजली गिरने, आंधी और भारी वर्षा के कारण दो बच्चों समेत कम से कम आठ लोगों की मौत हो गयी। शनिवार का एक सरकारी बुलेटिन में यह जानकारी दी गयी। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार बृहस्पतिवार से असम के कई हिस्सों में ‘बोरदोइसिला’ ने सराबोर कर दिया। राज्य में गर्मियों के मौसम में आंधी के साथ होने वाली वर्षा को ‘बोरदोइसिला’ कहा जाता है। सरकारी बुलेटिन के मुताबिक आंधी और वर्षा के कारण जनहानि होने के साथ-साथ कई मकान भी क्षतिग्रस्त हो गये और जगह-जगह पेड़ एवं बिजली के खंभे उखड़ गये। एएसडीएमए के अनुसार शुक्रवार को डिब्रूगढ़ में प्रचंड आंधी के कारण चार लोगों की जान चली गयी। उनमें 12 साल एक बच्चा भी शामिल हैं।प्राधिकरण ने कहा कि बारपेटा जिले में बृहस्पतिवार को आंधी और बारिश के कारण तीन व्यक्तियों की मौत हो गयी, जबकि गोलपारा जिले में 15 साल के एक किशोर की जान चली गई। बारिश से पिछले दो दिनों में कम से कम 7,378 मकान एवं अन्य ढांचे क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनपुट-भाषा |
hindi_2022_10792 | भारत में Omicron के अब तक 25 मामले आए, अधिकतर मरीजों में हल्के लक्षण | महामारी पर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सरकार ने कहा कि भारत में Omicron वेरिएंट के अब तक 25 मामले सामने आ चुके हैं। राजस्थान में नौ, गुजरात में तीन, महाराष्ट्र में 10, कर्नाटक में दो और दिल्ली में एक व्यक्ति में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है। | नयी दिल्ली: कोरोना वायरस के नए वेरिएंट Omicron ने एक बार फिर लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस वेरिएंट की संक्रामकता और फैलने की रफ्तार को लेकर लगातार डराने वाले दावे किए जा रहे हैं। इसी बीच सरकार ने कहा है कि भारत में अब तक इस वेरिएंट के 25 मामलों का पता चला है और सभी मामलों में मुख्य रूप से हल्के लक्षण देखे गए हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, चिकित्सकीय रूप से, Omicron अभी तक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर बोझ नहीं डाल रहा है, लेकिन सतर्कता बनाए रखनी होगी। महामारी पर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सरकार ने कहा कि भारत में Omicron वेरिएंट के अब तक 25 मामले सामने आ चुके हैं। राजस्थान में नौ, गुजरात में तीन, महाराष्ट्र में 10, कर्नाटक में दो और दिल्ली में एक व्यक्ति में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, ‘‘अब तक Omicron वेरिएंट से संक्रमित मरीजों में मुख्य रूप से हल्के लक्षण देखे गए हैं।’’ सरकार के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यह रेखांकित किया है कि वैक्सीनेशन दर में वृद्धि के साथ विश्व स्तर पर लोक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों का अनुपालन कम हो रहा है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सरकार को अभी तक कोविड-19 के खिलाफ बच्चों को वैक्सीन देने के लिए वैक्सीनेशन पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) से कोई सिफारिश नहीं मिली है। बता दें कि देश में 86.2 प्रतिशत वयस्कों को कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक मिल चुकी है, 53.5 प्रतिशत को दोनों खुराक दी जा चुकी हैं। देश के 19 जिलों में कोविड-19 की साप्ताहिक संक्रमण दर पांच से 10 प्रतिशत के बीच है जबकि तीन राज्यों के आठ जिलों में यह दर 10 प्रतिशत से अधिक है। इस बीच अब Omicron वेरिएंट को लेकर एक और जानकारी सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार B.1.1.529 वेरिएंट ने खुद को दो वंशावली में विभाजित कर दिया है। ये वेरिएंट दो वंशों BA.1 और BA.2 में विभाजित हो गया है। वायरोलॉजिस्ट का कहना है कि BA.2 के कई मामले दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा पाए गए हैं।BA.1 जहां मूल वंश है वहीं, BA.2 में करीब 24 म्यूटेशन मिले हैं। ओमिक्रॉन में लगभग 50 से भी ज्यादा म्यूटेशन हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन का वंश में विभाजन वैज्ञानिकों के लिए दिलचस्प विषय है क्योंकि ये महामारी विज्ञान को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी। एक्सपर्ट्स ने इसे आम आदमी के लिए खतरनाक नहीं बताया है। |
hindi_2022_10793 | कोरोना टीका लगाने के लिए करें स्वास्थ्यकर्मियों की पहचान, केंद्र ने राज्यों से कहा | केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वह एक बार टीका उपलब्ध हो जाने की स्थिति में कोविड-19 टीकाकरण अभियान को अंजाम देने के लिए डॉक्टरों, दवा विक्रेताओं, एमबीबीएस और बीडीएस इंटर्न सहित स्वास्थ्यकर्मियों की पहचान करें। | नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वह एक बार टीका उपलब्ध हो जाने की स्थिति में कोविड-19 टीकाकरण अभियान को अंजाम देने के लिए डॉक्टरों, दवा विक्रेताओं, एमबीबीएस और बीडीएस इंटर्न सहित स्वास्थ्यकर्मियों की पहचान करें। केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा है कि एमबीबीएस और बीडीएस इंटर्न सहित नर्सों, सहायक नर्सों और दवा विक्रेताओं की टीकाकरण अभियान को अंजाम देने के लिए पहचान की जाए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव वंदना गुरनानी ने कहा कि राज्य उपरोक्त श्रेणियों से सेवानिवृत्त कर्मियों की भी पहचान कर सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, कोरोना वायरस रोधी टीका उपलब्ध होने जाने की स्थिति में, इसे विशेष कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत वितरित किया जाएगा। इस काम में मौजूदा सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) से संबंधित प्रक्रिया, प्रौद्योगिकी और नेटवर्क का पालन किया जाएगा। यह यूआईपी के समानांतर चलेगा। सूत्रों के अनुसार, टीकाकरण अभियान में स्वास्थ्यकर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी। डॉक्टरों, एमबीबीएस छात्रों, नर्सों और आशा वर्करों सहित अग्रिम पंक्ति के लगभग एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों की पहचान की गई है जिन्हें उपलब्ध होते ही यह टीका लगाया जाएगा। |
hindi_2022_10794 | अशोक गहलोत को लेकर कांग्रेस में बनी आम सहमति या बनी रहेगी यथास्थिति? | पिछले साल नेतृत्व के मुद्दे पर टकराव के बाद सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया ताकि पार्टी में यथास्थिति बनी रहे। उसके बाद से नए नेतृत्व का चुनाव अब तक नहीं हो पाया है। | नई दिल्ली. राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में बगावत झेल चुकी 'दिशाविहीन' कांग्रेस पार्टी में एक बार फिर से नेतृत्व का मुद्दा चर्चाओं में है। पिछले चुनाव के बाद से पार्टी ऑटो पायलट मोड पर चल रही है। पार्टी के कई नेता ये सवाल पूछ रहे हैं कि पार्टी का बॉस कौन है - सोनिया गांधी, राहुल गांधी या प्रियंका गांधी वाड्रा? कोई स्पष्टता नहीं होने से कांग्रेस नेता अब खुल कर नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर सवाल उठा रहे हैं।पढ़ें- कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ेंगी सोनिया गांधी- सूत्रपिछले साल नेतृत्व के मुद्दे पर टकराव के बाद सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया ताकि पार्टी में यथास्थिति बनी रहे। उसके बाद से नए नेतृत्व का चुनाव अब तक नहीं हो पाया है। वहीं, संभावित उम्मीदवार को लेकर अनौपचारिक रूप स पार्टी के अंदर बातचीत होती रही, लेकिन हुआ कुछ नहीं। क्या इस बार भी ऐसा ही होगा? क्या फिर पार्टी में यथास्थिति बनी रहेगी?पढ़ें- Coronavirus: अरविंद केजरीवाल बोले- दिल्ली में काबू में हालातपिछली बार चर्चा थी कि पार्टी में एक कार्यकारी अध्यक्ष होगा और क्षेत्रीय स्तर पर उपाध्यक्ष होंगे जो पार्टी में जान फूंकने का काम करेंगे। ऐसा कुछ नहीं हुआ, क्योंकि पार्टी 'फैमिली फस्ट' सोच का शिकार हो गई।पढ़ें- सोनिया और राहुल के तलवे चाटने वाला वफादार और सही बात करने वाला गद्दार: शिवराज सिंह चौहानकांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए जो नाम चल रहे हैं, उनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी नाम शामिल है जो सचिन पायलट की बगावत झेल चुके हैं। गहलोत के पास संगठन का अनुभव भी है। इसके अलावा कमलनाथ हैं, जनकी अग्निपरीक्षा मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव में होगी। रेस में पिछली लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, हरियाणा के भूपिंदर हुड्डा और मनीष तिवारी भी हैं।जानकारों का मानना है कि पार्टी में अब गैर गांधी परिवार के नेता के अध्यक्ष पद बनने का वक्त आ गया है। ये बात इससे भी साफ हो जाती है कि राहुल गांधी ने ही 2019 चुनाव में हार के बाद इसके लिए मांग की थी। पार्टी के संगठन को मजबूत करना और चुनाव के जरिए पार्टी के पदों पर नियुक्ति एक बड़ी चुनौती है, जिसके लिए गहलोत की क्षमता को नकारा नहीं जा सकता। गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने तक पार्टी के महासचिव (संगठन) थे।अगर गहलोत अध्यक्ष बनते हैं तो सचिन पायलट के लिए राजस्थान में रास्ता साफ हो सकता है। गहलोत को अहमद पटेल और राहुल गांधी दोनों नेताओं का समर्थन प्राप्त है और वो एक सबकी सहमति से बनने वाले अध्यक्ष हो सकते हैं। अगर ऐसा नहीं हुआ और यथा स्थिति बनी रही तो 'फैमिली फस्ट' वाली सोच फिर से हावी हो सकती है। आने वाले समय में बिहार में चुनाव हैं उसके बाद पश्चिम बंगाल, पंजाब, असम, केरल, तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में मतदान। देश की सबसे पुरानी पार्टी दिशाहीन फिलहाल बनी हुई है और के रल, पंजाब और असम को छोड़ कर देश के अन्य भागों में इसकी उपस्थिति न के बराबर है।लोकतंत्र में एक मजबूत विपक्ष का होना भी उतना ही जरूरी है। लेकिन राहुल गांधी के अध्यक्ष पद बनने से इनकार करने के बाद कांग्रेस पार्टी 'सस्पेंडेंड एनीमेशन' में है। अब वक्त आ गया है कि पार्टी खुद अपने अंदर लोकतंत्र को जीवित करे और 'फैमिली फस्ट' की मानसिकता से बाहर निकले। अगर इस साल भी ऐसा ही हुआ, जैसा पिछले साल हुआ था तो पार्टी और कमजोर हो सकती है। |
hindi_2022_10795 | किसान सोमवार को ‘विश्वासघात दिवस’ मनाएंगे, राकेश टिकैत ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा | किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि भारत सरकार ने दिल्ली में जो भी वादा किया है उसे पूरा करें। हम चुनाव से अलग हैं हमारा एक मत है हम भी किसी को दे देंगे। मैं किसी का समर्थन नहीं कर रहा। जनता सरकार से ख़ुश होगी तो उन्हें वोट देगी, नाराज़ होगी तो किसी और को वोट देगी। | नोएडा (उत्तर प्रदेश): केंद्र पर किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सोमवार को कृषि मुद्दों पर देश भर में ‘‘विश्वासघात दिवस’’ मनाया जाएगा। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने रविवार को दावा किया कि नौ दिसंबर को सरकार द्वारा किए गए वादों के एक पत्र के आधार पर दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन को वापस ले लिया गया था, लेकिन वादे अधूरे रह गए। राकेश टिकैत ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सरकार द्वारा किसानों से वादाखिलाफी के खिलाफ 31 जनवरी को देशव्यापी ‘‘विश्वासघात दिवस’’ मनाया जाएगा। सरकार के नौ दिसंबर के जिस पत्र के आधार पर आंदोलन स्थगित किया गया था, सरकार ने उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है।’’किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि भारत सरकार ने दिल्ली में जो भी वादा किया है उसे पूरा करें। हम चुनाव से अलग हैं हमारा एक मत है हम भी किसी को दे देंगे। मैं किसी का समर्थन नहीं कर रहा। जनता सरकार से ख़ुश होगी तो उन्हें वोट देगी, नाराज़ होगी तो किसी और को वोट देगी।बता दें कि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की मुख्य मांगों को लेकर नवंबर 2020 में किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। किसानों ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों पर एक साल से अधिक समय तक सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 में विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने दिसंबर में दिल्ली की सीमाओं को खाली कर दिया। |
hindi_2022_10796 | Booster Dose for 18+: 10 अप्रैल से 18+ को भी लगेगी बूस्टर डोज, दूसरी खुराक लिए 9 महीने पूरे होने जरूरी | स्वास्थ्य मंत्रालय ने 18+ वाली आबादी को बूस्टर डोज उपलब्ध करा दी है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक निजी टीकाकरण केंद्रों पर अब 10 अप्रैल से 18 से अधिक उम्र वाले लोगों के लिए एहतियाती खुराक (बूस्टर डोज) उपलब्ध होगी। | नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय ने 18+ वाली आबादी को बूस्टर डोज उपलब्ध करा दी है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक निजी टीकाकरण केंद्रों पर अब 10 अप्रैल से 18 से अधिक उम्र वाले लोगों के लिए एहतियाती खुराक (बूस्टर डोज) उपलब्ध होगी। जिनकी आयु 18 वर्ष है और उन्हें कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक लिए 9 महीने से अधिक हो चुके हैं, वे निजी टीकाकरण केंद्रों पर बूस्टर डोज ले सकते हैं।स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि सरकारी टीकाकरण केंद्रों के माध्यम से चल रहे मुफ्त टीकाकरण कार्यक्रम के तहत कोरोना वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज, पात्र आबादी के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंट लाइन वर्कर्स और 60 से ज्यादा उम्र की आबादी के लिए बूस्टर डोज जारी रहेगी और इसमें और तेजी लाई जाएगी।बता दें कि देश में सभी 15+ आबादी में से लगभग 96 प्रतिशत को कम से कम कोरोना वैक्सीन की की पहली खुराक मिल चुकी है, जबकि 15+ आबादी में से लगभग 83 प्रतिशत ने दोनों खुराक प्राप्त की हैं। |
hindi_2022_10797 | Ajay Kothiyal Resigns: उत्तराखंड में AAP को बड़ा झटका, CM पद के उम्मीदवार रहे कर्नल कोठियाल ने पार्टी छोड़ी | आम आदमी पार्टी ने फरवरी में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव कर्नल कोठियाल के चेहरे पर लड़ा था, लेकिन उसे सभी 70 सीटों पर बुरी तरह हार का सामना करना पडा। गंगोत्री सीट से चुनाव मैदान में उतरे कोठियाल की जमानत भी जब्त हो गई थी। | Ajay Kothiyal Resigns: साल की शुरुआत में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार रहे कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। कोठियाल ने अपना इस्तीफा आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेज दिया है। आप ने फरवरी में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव कर्नल कोठियाल के चेहरे पर लड़ा था, लेकिन उसे सभी 70 सीटों पर बुरी तरह हार का सामना करना पडा। गंगोत्री सीट से चुनाव मैदान में उतरे कोठियाल की जमानत भी जब्त हो गई थी।इस्तीफे की बताई ये वजहचुनाव से पहले उत्तराखंड के लोगों के लिए कई निशुल्क योजनाओं का ऐलान करने के बावजूद आप प्रदेश में खाता खोलने में विफल रही। केजरीवाल को लिखे अपने पत्र में कर्नल कोठियाल ने कहा, ''मैं 19 अप्रैल 2021 से लेकर 18 मई 2022 तक आम आदमी पार्टी का सदस्य रहा हूं। पूर्व सैनिकों, अर्धसैनिक बलों के पूर्व कर्मियों, बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं और बुद्धिजीवियों को ध्यान में रखते हुए मैं 18 मई को अपना इस्तीफा आपको भेज रहा हूं।''हाल में कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हुए वरिष्ठ नेता जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि कर्नल कोठियाल का पार्टी छोड़ने का निर्णय व्यक्तिगत है। आप की राज्य इकाई के समन्वयक बिष्ट ने कहा, ''वह (कोठियाल) पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं। त्यागपत्र देने का उनका निर्णय व्यक्तिगत है क्योंकि उन्होंने इसके लिए कोई कारण नहीं बताया है। उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।''बताया जा रहा है कि चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी द्वारा अपने साथ किए जा रहे कथित 'व्यवहार' से कर्नल खुश नहीं थे। उत्तराखंड में पार्टी के प्रदर्शन का विश्लेषण करने के लिए हाल में दिल्ली में हुई बैठक में भी कर्नल कोठियाल को नहीं बुलाया गया था। |
hindi_2022_10798 | तेलंगाना: कोरोना से हुई थी पति की मौत, महिला ने घर की छत से छलांग लगा की खुदकुशी | तेलंगाना में पति की कोविड-19 संक्रमण के कारण मौत होने के 2 दिन बाद पत्नी ने कथित तौर पर अपने घर की छत से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। | हैदराबाद: तेलंगाना में पति की कोविड-19 संक्रमण के कारण मौत होने के 2 दिन बाद पत्नी ने कथित तौर पर अपने घर की छत से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि महिला अपने पति की मौत के बाद से ही डिप्रेशन में थी। पुलिस द्वारा शनिवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद महिला के 58 वर्षीय पति को उनके घर में ही पृथकवास में रखा गया था। उन्होंने बताया कि आइसोलेशन में रहने के दौरान ही महिला के पति की गुरुवार को मौत हो गई।पुलिस ने बताया कि अपने पति की मौत के बाद 55 वर्षीय महिला यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाईं और अपने घर की छत से छलांग लगाकर अपनी जान दे दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दंपति की कोई संतान नहीं है। मृत महिला अंबेडकर नगर की रहने वाली थी और एएस राव नगर की एक सुपर मार्केट में काम करती थीं। पुलिस ने कहा कि मौत के संबंध में एक मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया है।पुलिस के मुताबिक, महिला के पति का अंतिम संस्कार ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए शुक्रवार को किया था। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस के चलते लोगों के द्वारा आत्महत्या करने की काफी खबरें सामने आई हैं। इसके अलावा कोरोना के चलते उपजी परिस्थितियों ने भी लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर छोड़ा है, जिसके चलते लोग आत्महत्या जैसा घातक कदम उठा ले रहे हैं। |
hindi_2022_10799 | आपत्तिजनक बयान पर कांग्रेस MLA ने मांगी माफी, कहा था- 'जब रेप होना ही है तो...' | पूर्व मंत्री केआर रमेश कुमार अपने इस बयान के लिए अपनी ही पार्टी के विधायकों सहित विभिन्न वर्गों के निशाने पर आ गए थे। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे पास अब भी ऐसे जनप्रतिनिधि हैं जो महिलाओं के प्रति दुर्भावना रखते हैं और उनके प्रति इस तरह की मानसिकता रखते हैं। | बेलगावी (कर्नाटक): कर्नाटक विधानसभा में ‘जब बलात्कार अपरिहार्य हो तो इसका आनंद लें’, कह कर विवाद पैदा करने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक एवं विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने ‘बिना सोचे समझे’ की गई अपनी टिप्पणी के लिए शुक्रवार को माफी मांगी। रमेश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘मैं आज विधानसभा में ‘बलात्कार' को लेकर की गई अपनी असंवेदनशील और लापरवाहीपूर्ण टिप्पणी के लिए सभी से ईमानदारी से माफी मांगना चाहता हूं। मेरा इरादा इस जघन्य अपराध को मामूली या हल्का बनाना नहीं था, बल्कि बिना सोचे समझे की गई टिप्पणी थी। मैं अब से अपने शब्दों को सावधानी से चुनूंगा।’’कर्नाटक विधानसभा में बृहस्पतिवार को बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान पर चर्चा के दौरान कई विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में लोगों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए बोलने का मौका चाहते थे। विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने खुद को मुश्किल में पाया क्योंकि वह जल्द से जल्द चर्चा को समाप्त करना चाहते थे जबकि विधायक समय बढ़ाने पर जोर दे रहे थे। कागेरी ने हंसते हुए कहा, ‘‘मैं ऐसी स्थिति में हूं जहां मुझे आनंद लेना है और मुझे ‘हां, हां’ कहना है। इस समय मुझे ऐसा ही लगता है कि मुझे स्थिति को नियंत्रित करना छोड़ देना चाहिए और कार्यवाही को व्यवस्थित तरीके से चलने देना चाहिए और सभी से अपनी बात जारी रखने के लिए कहना चाहिए।’’विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी एक ही शिकायत है कि सदन का कामकाज नहीं हो रहा है। इस पर रमेश कुमार ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘‘एक कहावत है- जब बलात्कार को रोका नहीं जा सके तो........और मजे लीजिए। ठीक इसी स्थिति में आप हैं।’’ पूर्व मंत्री अपने इस बयान के लिए अपनी ही पार्टी के विधायकों सहित विभिन्न वर्गों के निशाने पर आ गए। खानपुर से कांग्रेस की विधायक अंजलि निंबालकर ने इस पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सदन को इस तरह के घृणित और शर्मनाक व्यवहार के लिए पूरी नारी जाति, इस देश की हर मां, बहन और बेटी से माफी मांगनी चाहिए।’’कांग्रेस की एक अन्य विधायक सौम्या रेड्डी ने भी अपने ट्वीट में इस बयान की निंदा करते हुए कहा, ‘‘यह ठीक नहीं है। इस पर माफी मांगने की जरूरत है।’’राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने अपने ट्वीट में इस बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे पास अब भी ऐसे जनप्रतिनिधि हैं जो महिलाओं के प्रति दुर्भावना रखते हैं और उनके प्रति इस तरह की मानसिकता रखते हैं। उन्होंने लिखा, ‘‘यह वाकई घृणित है। अगर वे सदन में बैठकर इस तरह की बात करते हैं तो वे अपने जीवन में महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार करते होंगे?’’(इनपुट- भाषा) |
hindi_2022_10800 | टीका उत्सव: PM मोदी ने देशवासियों को कोरोना से लड़ने के लिए दिया चार सूत्रीय फॉर्मूला | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर देश में रविवार से चार दिनों तक टीका उत्सव मनाने की शुरुआत हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर देशवासियों को पत्र लिखकर कोरोना से लड़ाई के लिए चार सूत्रीय फॉर्मूला दिया है। | नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर देश में रविवार से चार दिनों तक टीका उत्सव मनाने की शुरुआत हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर देशवासियों को पत्र लिखकर कोरोना से लड़ाई के लिए चार सूत्रीय फॉर्मूला दिया है। उन्होंने पत्र में 'मेरे प्यारे देशवासियों' के संबोधन के साथ कहा है कि आज 11 अप्रैल यानि ज्योतिबा फुले जयंती से हम देशवासी 'टीका उत्सव' की शुरुआत कर रहे हैं। ये 'टीका उत्सव' 14 अप्रैल यानि बाबा साहेब आंबेडकर जयंती तक चलेगा। उन्होंने कहा कि ये उत्सव, एक प्रकार से कोरोना के खिलाफ दूसरी बड़ी जंग की शुरुआत है। इसमें हमें व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ ही सामाजिक स्वच्छता पर विशेष बल देना है।प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना से लड़ाई के लिए चार सूत्रीय फॉमूर्ला दिया। उन्होंने कहा, "हमें ये चार बातें, जरूर याद रखनी है। ईच वन-वैक्सीनेट वन, यानि जो लोग कम पढ़े-लिखे हैं, बुजुर्ग हैं, जो स्वयं जाकर टीका नहीं लगवा सकते, उनकी मदद करें। ईच वन-ट्रीट वन, यानि जिन लोगों के पास उतने साधन नहीं हैं, जिन्हें जानकारी भी कम है, उनकी कोरोना के इलाज में सहायता करें। ईच वन- सेव वन, यानि मैं स्वयं भी मास्क पहनूं और इस तरह स्वयं को भी सेव करूं और दूसरों को भी सेव करूं, इस पर बल देना है।"प्रधानमंत्री मोदी ने चौथी बात भी बताई। उन्होंने कहा, "और चौथी अहम बात, किसी को कोरोना होने की स्थिति में, 'माइक्रो कन्टेनमेंट जोन' बनाने का नेतृत्व समाज के लोग करें। जहां पर एक भी कोरोना का पॉजिटिव केस आया है, वहां परिवार के लोग, समाज के लोग 'माइक्रो कन्टेनमेंट जोन' बनाएं। भारत जैसे सघन जनसंख्या वाले हमारे देश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई का एक महत्वपूर्ण तरीका 'माइक्रो कन्टेनमेंट जोन' भी है।"प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को लिखे पत्र में कहा है कि एक भी पॉजिटिव केस आने पर हम सभी का जागरूक रहना, बाकी लोगों की भी टेस्टिंग कराना बहुत आवश्यक है। इसके साथ ही जो टीका लगवाने का अधिकारी है, उसे टीका लगे, इसका पूरा प्रयास समाज को भी करना है और प्रशासन को भी।प्रधानमंत्री मोदी ने वैक्सीन की बर्बादी रोकने की भी अपील की। उन्होंने कहा, "एक भी वैक्सीन का नुकसान ना हो, हमें ये सुनिश्चित करना है। हमें जीरो वैक्सीन वेस्ट की तरफ बढ़ना है। इस दौरान हमें देश की वैक्सीनेशन क्षमता के ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन की तरफ बढ़ना है। ये भी हमारी कपैसिटी बढ़ाने का ही एक तरीका है।"प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमारी सफलता इस बात से तय होगी कि 'माइक्रो कन्टेनमेंट जोन' के प्रति कितनी जागरूकता हम लोगों में है। हमारी सफलता इस बात से तय होगी कि जब जरूरत न हो, तब हम घर से बाहर न निकलें। हमारी सफलता इस बात पर तय होगी कि जो टीका लगवाने का अधिकारी है, उसे टीका लगे। हमारी सफलता इस बात पर तय होगी कि हम मास्क पहनने और अन्य नियमों का किस तरह पालन करते हैं। मुझे पूरा विश्वास है, इसी तरह जनभागीदारी से, जागरूक रहते हुए, अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए, हम एक बार फिर कोरोना को नियंत्रित करने में सफल होंगे।" |
hindi_2022_10801 | आम्रपाली परियोजनाओं के लिये 1500 करोड़ की रकम को अंतिम मंजूरी, NBCC को 150 करोड़ | आम्रपाली मामले में सुप्रीम कोर्ट को सोमवार को बताया गया कि सात बैंकों के समूह ने 1,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालने को अंतिम मंजूरी दे दी है। इसमें से 150 करोड़ रुपये सीधे नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) को दिये गये हैं। | नई दिल्ली: आम्रपाली मामले में सुप्रीम कोर्ट को सोमवार को बताया गया कि सात बैंकों के समूह ने 1,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालने को अंतिम मंजूरी दे दी है। इसमें से 150 करोड़ रुपये सीधे नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) को दिये गये हैं। न्यायाधीश यू यू ललित और न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी की पीठ के समक्ष अदालत द्वारा मामले में नियुक्त प्रशासक (कोर्ट रिसीवर) आर वेंकटरमानी ने सूचित किया कि बकाया राशि जारी नहीं की जा सकी है। क्योंकि बैंकों ने कहा कि पैसा जारी करने के लिये उन्हें पूर्व शर्त के रूप में बैनामा को अपने पास गिरवी रखने की जरूरत होगी। शीर्ष अदालत को बताया गया कि 23 जुलाई, 2019 के फैसले में इस न्यायालय की टिप्पणियों के संदर्भ में कुछ स्पष्टीकरण मांगे गये हैं। वेंकटरमानी के अनुसार, शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि आम्रपाली समूह की कंपनियों के पक्ष में सभी पट्टें रद्द किये जाते हैं। इसका मतलब होगा कि कोई भी स्वामित्व अधिकार का दस्तावेज नहीं होगा जिसे बैंकों के पास जमा किया जा सके।‘कोर्ट रिसीवर’ और बैंकों के समूह की तरफ से पेश वकील ने कहा कि यदि आम्रपाली समूह की कंपनियों का नाम ‘कोर्ट रिसीवर’ द्वारा रिप्लेस किया जा सके तो स्थिति बदल सकती है। इस पर पीठ ने कहा कि फैसले में इस्तेमाल की जाने वाली जो बातें हैं, वह ‘कोर्ट रिसीवर’ में निहित’ हैं। न्यायालय ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों को आम्रपाली परियोजनाओं से संबंधित पट्टा विलेखों को वापस लेने का निर्देश दिया। साथ ही इन विलेखों को ‘कोर्ट रिसीवर’ को उपलब्ध कराने को कहा ताकि उसे समूह में शामिल बैंकों के पास रखा जा सके। पीठ ने कहा कि जो भी जरूरी हो, उसे सात दिनों में पूरा किया जाए। |
hindi_2022_10802 | असम-मिजोरम हिंसा पर राहुल का अरोप, गृह मंत्री ने देश को फिर निराश किया | कांग्रेस नेता ने दावा किया, "गृह मंत्री ने लोगों के जीवन में घृणा और अविश्वास का बीज बोकर एक बार फिर देश को निराश किया है। भारत अब भयावह नतीजों से दोचार हो रहा है।" | नई दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने असम-मिजोरम सीमा विवाद के अचानक बढ़ने से भड़की हिंसा में कई लोगों के मारे जाने पर दुख जताते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि गृह मंत्री अमित शाह ने "लोगों के जीवन में घृणा और अविश्वास का बीज बोकर" एक बार फिर देश को निराश किया है।उन्होंने हिंसा से जुड़ा एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, "जो लोग मारे गए हैं, उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।"कांग्रेस नेता ने दावा किया, "गृह मंत्री ने लोगों के जीवन में घृणा और अविश्वास का बीज बोकर एक बार फिर देश को निराश किया है। भारत अब भयावह नतीजों से दोचार हो रहा है।"गौरतलब है कि असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के अचानक बढ़ने के दौरान हुई हिंसक झड़प में असम पुलिस के छह जवानों की मौत हो गई और एक पुलिस अधीक्षक समेत 60 अन्य घायल हो गए। दोनों पक्षों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे की पुलिस को जिम्मेदार ठहराया और केंद्र के दखल की मांग की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की और उनसे विवादित सीमा पर शांति बहाल करने कहा है। |
hindi_2022_10803 | अब कुत्ते पालने के लिए कराना होगा रजिस्ट्रेशन, नहीं तो लगेगा जुर्माना | नोएडा प्राधिकरण ने पालतू कुत्तों को लेकर एक नई नीति बनाई है, जिसमें पालतू कुत्तों को पालने के लिए एक रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक होगा। | गौतमबुद्धनगर: नोएडा प्राधिकरण ने पालतू कुत्तों को लेकर एक नई नीति बनाई है, जिसमें पालतू कुत्तों को पालने के लिए एक रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक होगा। अगर आप पालतू कुत्ता पालने का शौक रखते हैं तो अब आपको अपने कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। वहीं रजिस्ट्रेशन की फीस 500 रुपये प्रति कुत्ता होगी। रजिस्ट्रेशन का हर साल रिन्यूवल कराना होगा। रजिस्ट्रेशन न कराने पर मालिकों को 5 हजार रुपये जुर्माना लगेगा।इस योजना को पेट डॉग रजिस्ट्रेशन स्कीम नाम दिया जा सकता है। इस योजना को सुचारु रूप से चलाने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने एजेंसी का चयन करना शुरू कर दिया है। दरअसल, एजेंसी जिले में सभी पालतू कुत्तों का आंकड़ा इकट्ठा करेगी और उनके समय-समय पर वैक्सीनेशन लगे हैं या नहीं, ये भी सुनिश्चित करेगी।एजेंसी पालतू जानवरों का रिकॉर्ड रखेगी और पालतू कुत्तों से संबंधित सभी समस्याओं पर भी नजर बनाएगी। साथ ही, इन सभी चीजों की मॉनिटरिंग के लिए पालतू कुत्ते के गले में एक पट्टा बांधा जाएगा, जिसमें एक चिप लगाई जाएगी, ताकि पालतू कुत्ते की पहचान आसानी से की जा सके।हाल ही में हुई नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड की बैठक में इस योजना के बारे में चर्चा हुई थी। नोएडा प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी इंदु प्रकाश सिंह ने बताया, "एजेंसी का काम होगा कि जितने भी नोएडा प्राधिकरण की सीमा के अंदर पालतू कुत्ते हैं, उनका 500 रुपये प्रति कुत्ता रजिस्ट्रेशन कराना होगा। वहीं कुत्ते से संबंधित पूरी जानकारी रखनी होगी, एंजेसी समय-समय पर कुत्तों की वेक्सिनेशन भी कराएगी।"उन्होंने कहा, "रजिस्ट्रेशन होने के बाद एक चिप कुत्तों को लगाई जाएगी। उससे कहीं से अगर किसी की पालतू कुत्तों को लेकर शिकायत मिलती है तो एजेंसी उस चिप की मदद से कुत्ते के बारे में आसानी से जानकारी निकाल सकेंगे। जन मानस की सुविधा के लिए ये योजना बनाई गई है, इससे प्राधिकरण को ये भी जानकारी मिलेगी कि जिले में कितने पालतू कुत्ते हैं और कितने आवारा कुत्ते हैं।"हालांकि ये देखा गया है कि अक्सर कुत्ता जब बूढ़ा हो जाता है तो उसके मालिक उसे छोड़ देते हैं। कुछ लोग अपने कुत्तों को अग्रेसिव ट्रेनिंग देते हैं, जिससे अक्सर कुत्तों के काटने की शिकायत आती है। इस योजना से इस तरह की शिकायतों पर काफी रोक लगेगी, वहीं कुत्तों से संबंधित समस्याओं को आसानी से सुलझाया भी जा सकेगा। |
hindi_2022_10804 | लखनऊ एयरपोर्ट पर धरना खत्म, लखीमपुर खीरी के लिए निकले राहुल गांधी | लखीमपुर खीरी जाने के लिए दिल्ली से लखनऊ पहुंचे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को एयरपोर्ट पर ही पुलिस ने रोक लिया था, जिसके बाद वह लखनऊ एयरपोर्ट पर ही धरने पर बैठ गए थे। हालांकि, अब यह धरना खत्म हो गया है और राहुल गांधी लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गए हैं। | लखनऊ: लखीमपुर खीरी जाने के लिए दिल्ली से लखनऊ पहुंचे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को एयरपोर्ट पर ही पुलिस ने रोक लिया था, जिसके बाद वह लखनऊ एयरपोर्ट पर ही धरने पर बैठ गए थे। हालांकि, अब यह धरना खत्म हो गया है और राहुल गांधी लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गए हैं। वह पहले सीतापुर जाएंगे और वहां से प्रियंका गांधी को साथ लेकर लखीमपुर खीरी पहुंचेंगे।गौरतलब है कि राहुल गांधी लखनऊ एयरपोर्ट से अपनी गाड़ियों से लखीमपुर खीरी जाने के लिए अड़े थे जबकि पुलिस और प्रशासन उन्हें अपनी गाड़ियों के जरिए ले जाना चाहता था। इसी को लेकर करीब 20 मिनट तक लखनऊ एयरपोर्ट ड्रामा चला। राहुल गांधी धरने पर बैठ गए। लेकिन, अब राहुल गांधी के नेतृत्व में 5 सदस्यीय कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल लखनऊ हवाई अड्डे से लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गया है।धरने के वक्त मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा था कि 'हमें अपनी गाड़ी में लखीमपुर खीरी जाना है लेकिन ये (पुलिस) चाहते हैं कि हम इनके साथ इनकी गाड़ी में जाए। इसका मतलब है कि ये कुछ न कुछ बदमाशी कर रहे हैं इसलिए हम लोग यहां बैठे हुए हैं।'राहुल गांधी ने आगे कहा था कि 'हमें अपनी गाड़ी में लखीमपुर खीरी जाना है। ये चाहते हैं कि हम इनके साथ इनकी गाड़ी में जाएं। देश का नागरिक हूं, आप मुझे क्यों नहीं जाने दे रहे हैं? पहले इन्होंने कहा कि आप अपनी गाड़ी में जा सकते हैं, अब बोल रहे हैं कि आप पुलिस की गाड़ी में जाएंगे।'उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचने के बाद पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी-अपनी तरह से लखीमपुर खीरी में हुई घटना में मारे गए किसानों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है।पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिन किसानों की मौत हुई है, पत्रकार समेत प्रत्येक के परिवार को हम पंजाब सरकार की तरफ से 50 लाख रुपये देंगे।उन्होंने आगे कहा, "मैं आज राहुल गांधी के नेतृत्व में लखनऊ पहुंचा हूं। घटनास्थल पर जाना है। किसानों और पत्रकारों को मार गिराया गया है। मुझे दुख है कि किस तरह योजना बनाकर हमला हुआ। किसानों को मारा जाएगा तो हम चुप नहीं बैठ सकते।"चन्नी के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों के साथ पूरा हिंदुस्तान खड़ा हुआ है। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से प्रत्येक पीड़ित किसानों के परिवार को 50 लाख रुपए और पीड़ित पत्रकार के परिवार को भी 50 लाख रुपये दिए जाएंगे। |
hindi_2022_10805 | तृणमूल सांसद शांतनु सेन को सस्पेंड करने का प्रस्ताव पेश करेगी सरकार: सूत्र | सरकार गुरुवार को राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से कागज छीनने के आरोप में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद शांतनु सेन को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश करेगी। | नई दिल्ली: सरकार गुरुवार को राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से कागज छीनने के आरोप में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद शांतनु सेन को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश करेगी। सूत्रों ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कुछ विपक्षी सांसदों ने सदन स्थगित होने के बाद भी एक मंत्री सहित सत्ता पक्ष के सदस्यों के साथ ‘दुर्व्यवहार’ किया। सेन ने राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों से कागज छीन लिया और उसके टुकड़े कर हवा में फेंक दिए।घटना के समय वैष्णव उच्च सदन में पैगसस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों और इस मामले में विपक्ष के आरोपों पर बयान दे रहे थे। सूत्रों ने बताया कि सरकार शुक्रवार को सेन को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश करेगी। केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन के प्रस्ताव पेश करने की उम्मीद है। पहचान जाहिर नहीं करने का अनुरोध करते हुए एक केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हम राज्यसभा के सभापति से संपर्क कर उनके (विपक्षी सांसदों) के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं क्योंकि उनका व्यवहार संसदीय मर्यादा के लिए नुकसानदेह है।’सूत्रों ने कहा कि राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी विपक्षी सदस्यों के पास पहुंचे और उन्हें आश्वासन दिया कि मंत्री अपना बयान देने के बाद उनके सवालों का जवाब देंगे, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। वैष्णव पूरा बयान नहीं पढ़ पाए तो इसे पटल पर रख दिया गया और इसके बाद सदन को स्थगित कर दिया गया। हालांकि, दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक होने के कारण सदन में स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। शांतनु सेन ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने राज्यसभा में उन्हें अपशब्द कहे और वह मारपीट करने वाले थे, लेकिन सहयोगियों ने उनको बचा लिया।सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने संसद में विपक्ष के आचरण की निंदा की है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों द्वारा उनके बयान की प्रति छीनने एवं उन्हें फाड़ने की गुरुवार को कड़ी आलोचना की। नड्डा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के सांसदों का आचरण लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ एवं निंदनीय है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘संसद की गरिमा के खिलाफ काम करने का टीएमसी का लंबा इतिहास रहा है। शोरगुल करना, पत्रों को फाड़ना उनकी संस्कृति है। बीजेपी इसका कड़ा विरोध करती है।’ /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_10806 | 94 साल के हुए आडवाणी, PM मोदी और अमित शाह ने घर जाकर दी जन्मदिन की बधाई | पीएम मोदी पिछले साल 2020 में भी लाल कृष्ण आडवाणी के जन्मदिन पर उनके घर पहुंचे थे और केक कट किया था। तब उन्होंने ट्वीट करके कहा था, "मेरे जैसे कार्यकर्ताओं के लिए आडवाणी जी का सहयोग और मार्गदर्शन अमूल्य है। राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान अपार है।" | नई दिल्ली: भाजपा के फायर ब्रांड नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उनके घर पहुंचे और जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं।इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट करके आडवाणी को जन्मदिन की बधाई दी थी। पीएम ने ट्वीट में लिखा, "आदरणीय आडवाणी जी को जन्मदिन की बधाई। उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की प्रार्थना करता हूं। लोगों को सशक्त बनाने और हमारे सांस्कृतिक गौरव को बढ़ाने की दिशा में उनके कई प्रयासों के लिए राष्ट्र उनका ऋणी रहेगा।"पीएम मोदी पिछले साल 2020 में भी लाल कृष्ण आडवाणी के जन्मदिन पर उनके घर पहुंचे थे और केक कट किया था। तब उन्होंने ट्वीट करके कहा था, "मेरे जैसे कार्यकर्ताओं के लिए आडवाणी जी का सहयोग और मार्गदर्शन अमूल्य है। राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान अपार है।" पीएम मोदी इस बार भी आडवाणी के जन्मदिन पर उनके घर पहुंचे।सभी नेताओं ने मिलकर लाल कृष्ण आडवाणी का जन्मदिन मनाया और केट कट किया। बता दें कि आडवाणी 94 साल के हो गए हैं। |
hindi_2022_10807 | किसानों के साथ आई शिवसेना, भारत बंद को दिया समर्थन | महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने केन्द्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर बीते 11 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा आठ दिसंबर को बुलाए गए भारत बंद को रविवार को अपना समर्थन दे दिया। | मुंबई: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने केन्द्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर बीते 11 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा आठ दिसंबर को बुलाए गए भारत बंद को रविवार को अपना समर्थन दे दिया। राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई ने रविवार रात को बताया, ''शिवसेना के अध्यक्ष तथा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे किसान-विरोधी तथा श्रमिक-विरोधी केन्द्रीय कानूनों के खिलाफ हैं। हम भारत बंद का समर्थन करते हैं।'' इससे पहले दिन में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने मुंबई में मुख्यमंत्री ठाकरे से मुलाकात की। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि ठाकरे ने किसानों के प्रदर्शन को लेकर अकाली दल के रुख का समर्थन किया है। बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर डटे हजारों किसानों के प्रतिनिधियों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है।दिल्ली की सीमाओं पर बैठ किसान कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम- 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम- 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम- 2020 का विरोध कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि इन तीनों कानूनों को वापस लिया जाए।किसानों का दावा है कि ये कानून उनकी फसलों की बिक्री को विनियमन से दूर करते हैं। किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र द्वारा हाल ही में लागू किए गये कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। उनकी दलील है कि कालांतर में बड़े कॉरपोरेट घराने अपनी मर्जी चलायेंगे और किसानों को उनकी उपज का कम दाम मिलेगा। किसानों को डर है कि नए कानूनों के कारण मंडी प्रणाली के एक प्रकार से खत्म हो जाने के बाद उन्हें अपनी फसलों का समुचित दाम नहीं मिलेगा।ऐसे में नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का आज रविवार (6 दिसंबर) को 11वां दिन है। शनिवार को किसान नेताओं और सरकार के बीच हुई 5वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही। शनिवार को करीब 5 घंटे चली बैठक में सरकार और किसान अपने-अपने पक्ष पर अड़े रहे लेकिन बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। फिर तय हुआ कि अब किसानों और सरकार के बीच 9 दिसंबर को बातचीत होगी। अब सबकी निगाहें अब 9 दिसंबर को सरकार के साथ होने वाली किसानों की बातचीत पर भी टिकी हैं। हालांकि, इससे पहले 8 दिसंबर को किसानों का प्रस्तावित भारत बंद है। |
hindi_2022_10808 | आंख उठाने से भी डरेगा दुश्मन! जानिए- कब तक आ रहा है S-400 मिसाइल सिस्टम | रूस के सरकारी शस्त्र निर्यातक रोसोबोरोनएक्पोर्ट के एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि भारत को सतह से हवा में मार करने वाली विमान भेदी अत्याधुनिक एस-400 मिसाइल प्रणाली की पहली खेप रूस से इस साल अक्टूबर-दिसंबर में मिल जाएगी। | मॉस्को/नई दिल्ली: रूस के सरकारी शस्त्र निर्यातक रोसोबोरोनएक्पोर्ट के एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि भारत को सतह से हवा में मार करने वाली विमान भेदी अत्याधुनिक एस-400 मिसाइल प्रणाली की पहली खेप रूस से इस साल अक्टूबर-दिसंबर में मिल जाएगी। रोसोबोरोनएक्पोर्ट के सीईओ अलेक्जेंडर मिखेयेव ने ‘इंटरफेक्स’ समाचार समिति से कहा, ‘‘हर चीज तय समय के अनुसार चल रही है।’’ उन्होंने बताया कि विमान भेदी एस-400 मिसाइल प्रणालियों की पहली खेप इस साल अक्टूबर-दिसंबर में भारत को मिल जाएगी। एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की रूस की सबसे उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणाली है। ‘ट्रायम्फ’ मिसाइल प्रणाली 400 किलोमीटर की दूरी से शत्रु विमानों, मिसाइलों और यहां तक कि ड्रोन को भी नष्ट कर सकती है। एजेंसी ने बताया कि भारतीय विशेषज्ञ रूस पहुंए गए हैं और उन्होंने जनवरी 2021 में एस-400 संबंधी प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया है। उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2018 में भारत ने रूस के साथ पांच अरब डॉलर में एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाई खरीदने का करार किया था। भारत ने यह करार अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगाने की धमकी के बावजूद किया था। भारत ने इस मिसाइल प्रणाली को खरीदने के लिए वर्ष 2019 में 80 करोड़ डॉलर की पहली किस्त का भुगतान किया था। |
hindi_2022_10809 | Rajat Sharma’s Blog । कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने का एकमात्र तरीका है मास वैक्सीनेशन | देश में मंगलवार को कोरोना वायरस के 3,82,315 नए मामले सामने आए जबकि संक्रमण की वजह से 3780 लोगों की जान गई, जो एक दिन में सर्वाधिक मामले हैं। अबतक यह वायरस देश में 2,26,188 लोगों की मौत का कारण बन चुका है। | देश में मंगलवार को कोरोना वायरस के 3,82,315 नए मामले सामने आए जबकि संक्रमण की वजह से 3780 लोगों की जान गई, जो एक दिन में सर्वाधिक मामले हैं। अबतक यह वायरस देश में 2,26,188 लोगों की मौत का कारण बन चुका है। कुल एक्टिव मामलों का आंकड़ा बढझ़कर 34,87,229 तक पहुंच गया है। वहीं पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना से 3,38,439 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं।दिल्ली में मंगलवार को कोविड के 19,953 नए मामले सामने आए और 338 मौतें हुईं। महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान 51,880 नए मामले और 891 मौतें हुईं। कर्नाटक में 44,631 नए मामले और 292 मौतें हुईं, उत्तर प्रदेश में 25,858 नए मामले और 352 मौतें हुईं, राजस्थान में 16,974 नए मामले और 154 मौतें हुईं हैं। अन्य राज्यों में, बिहार ने 14,794 नए मामले दर्ज किए, छत्तीसगढ़ 15,785, मध्य प्रदेश 12,236, पश्चिम बंगाल 17,639, गुजरात 13,050, पंजाब 7,601, और हरियाणा में 15,786 नए मामले सामने आए। उत्तर प्रदेश सरकार ने महामारी के प्रसार को रोकने के लिए आज 'कोरोना कर्फ्यू' को 10 मई तक बढ़ा दिया।इस बीच, वैक्सीनेशन में गिरावट दर्ज की गई है क्योंकि प्राइवेट अस्पतालों ने अभी तक इसके सप्लाई को लेकर वैक्सीन निर्माताओं के साथ टाई-अप नहीं किया है। इस वक्त सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि देश में हर व्यक्ति वैक्सीन लगवाना चाहता है लेकिन इतनी बड़ी तादात में वैक्सीन है नहीं। अपोलो मैक्स और फोर्टिस जैसे टॉप प्राइवेट अस्पतालों में अब वैक्सीन सीमित मात्रा में बचे हैं। मंगलवार को पूरे देश में 38,54,442 कोविड वैक्सीन की खुराक दी गई। अब तक, 16.05 करोड़ भारतीयों को टीका लगाया गया है।इस बीच, दिल्ली-एनसीआर और कई अन्य राज्यों में ऑक्सीजन के लिए मारामारी जारी है। सख्त कदम उठाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा कि दिल्ली को आवंटित ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए आदेश का पालन नहीं करने के लिए इसके खिलाफ अवमानना कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए? आज दिल्ली हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार से कहा कि किसी भी कीमत पर दिल्ली को सात सौ मिट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जाए। कोर्ट ने कल केन्द्र सरकार के अफसरों को कोर्ट में हाजिर होकर जबाव देने को कहा है। हाईकोर्ट ने कहा सरकार ऑस्ट्रिच की तरह अपना सिर रेत में डाल सकते हैं लेकिन कोर्ट ऐसा नहीं कर सकता। केंद्र ने आज सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपील दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट के नोटिस को रद्द करने की मांग की।दिल्ली की ही तरह यूपी में भी ऑक्सीजन के लिए मारामारी है। मंगलवार को, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति न होने से कोविड मरीजों की मौत आपराधिक कृत्य जैसा है। कोविड मरीजों की मौत उनके लिए किसी नरसंहार से कम नहीं है जिन्हें लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पाया कि "ऑक्सीजन सिलेंडर की भारी जमाखोरी और जरूरतमंद लोगों का उत्पीड़न हो रहा है"।इंडिया टीवी रिपोर्टर रूचि कुमार ने बाताया कि ऑक्सीजन रिफिंग प्लांट्स के बाहर लाइन लगना अब तो आम बात है। रूचि खुद उनका पूरा परिवार कोरोना की चपेट में आ चुका है लेकिन इसके बाद भी लोगों की तकलीफ सरकार तक पहुंचाने के लिए रोज बाहर निकलती हैं। रूचि का कहना है कि ऑक्सीजन रिफिलिंग सेंटर्स के बाहर कई ऐसे लोग मिलते हैं जो रात से ही लाइन में लग जाते हैं। इनका कहना है कि सारे कागज़ दिखाने के बावजूद ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। इनका इल्जाम है कि अस्पतालों के नाम पर ऑक्सीजन डाइवर्ट कर दी जाती है और जब तक इनका नंबर आता है तब तक किसी के लिए कुछ बचता नहीं।यूपी सरकार पिछले कुछ दिनों से हॉस्पिटल में बेड्स बढ़ाने के इंतजाम कर रही है। आज उस वक्त आशा की एक किरण नजर आई जब DRDO ने लखनऊ में अपना 500 बेड का अटल बिहार वाजपेयी कोविड केयर सेंटर शुरू किया। इसमें 150 वेंटिलेटर आईसीयू बेड हैं और 350 ऑक्सीजन बेड हैं। सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा के मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ इस केंद्र का संचालन करेंगे। भारतीय नौसेना का आईएनएस ऐरावत सिंगापुर से 3,650 ऑक्सीजन सिलेंडर, 8 आईएसओ टैंक और चिकित्सा उपकरण लेकर भारत आ रहा है।दूसरी ओर, ऑक्सीजन और अस्पताल में बेड की कमी के कारण कोविड-19 रोगियों की मौत जारी है। इंडिया टीवी ने पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से आई एक तस्वीर दिखाई जहां एक साथ करीब 40 से ज्यादा लोगों का अंतिम संस्कार किया गया। बंगाल के चार जिलों दार्जिलिंग, कलिमपोंग, नॉर्थ दिनाजपुर और जलपाईगुड़ी से इन डेडबॉडीज को अंतिम संस्कार के लिए यहां लाया गया था। इसमें तो कोई शक नहीं है कि फिलहाल हमारे देश में वैक्सीन की कमी है। अभी वैक्सीन का प्रोडक्शन उतना नहीं है जितने की जरूरत है। हमारे यहां वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अपना प्रोडक्शन बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं। इसके लिए नए प्लांट लगाए जा रहे हैं लेकिन वैक्सीन का प्रोडक्शन थोड़ा high end होता है इसलिए इसके प्लांट को फंक्शनल करने में वक्त लगता है। इस समय कोशिश की जा रही है कि दुनिया में जहां भी वैक्सीन मौजूद है चाहे वो स्पूतनिक हो फाइजर हो या मॉडर्ना उसे जितनी मात्रा में खरीदा जा सकता है, खरीद लिया जाए क्योंकि वैक्सीनेशन के अलावा कोई दूसरा उपाय भी नहीं है। हमें उम्मीद है कि एक बार सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में भारी मात्रा में वैक्सीन की आपूर्ति हो जाने के बाद स्थिति बेहतर होगी।इसी तरह, कोविड मरीजों में लंग्स इंफेक्शन में वृद्धि के कारण ऑक्सीजन की मांग बढ़ रही है। आज कल कोरोना का जो नया म्यूटेंट है उसमें लंग्स का इंफेक्शन बहुत तेजी से होता है इसीलिए ऑक्सीजन की भारी मात्रा में जरुरत पड़ती है। दिल्ली में तो ऑक्सीजन का संकट सबसे ज्यादा है जहां, कुछ मामलों में, फ्लैटों में रहने वाले पूरा परिवारों कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं। इनमें से अधिकांश लोगों को तुरंत ऑक्सीजन की जरुरत पड़ रही है। शायद ही कोई ऐसा हॉस्पिटल होगा जहां एक भी ICU बेड खाली हो। ICU बेड फुल होने का मतलब होता है और भी ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत। ICU वेंटिलेटर सिलेंडर से सीधे ऑक्सीजन के रोगियों की तुलना में अधिक ऑक्सीजन कंज्यूम करते हैं। उम्मीद करते हैं कि दिल्ली-एनसीआर में अगले दो से तीन दिनों में ऑक्सीजन सप्लाई की स्थिति दुरुस्त कर ली जाएगी। |
hindi_2022_10810 | जॉनसन एंड जॉनसन ने 12 से 17 वर्ष के बच्चों पर कोविड टीके का अध्ययन करने के लिए आवेदन किया | भारत में जेएंडजे के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने 12 से 17 वर्ष के बच्चों पर कोविड वैक्सीन का अध्ययन करने के लिए 17 अगस्त, 2021 को सीडीएसईओ के समक्ष आवेदन दाखिल किया है।’’ | नयी दिल्ली। दवा निर्माता कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (जेएंडजे) ने 12 से 17 वर्ष के बच्चों पर अपने कोविड टीके का अध्यन करने के लिए भारतीय दवा नियामक के समक्ष आवेदन दाखिल किया है। अमेरिकी कंपनी ने कहा कि वह अपने कोविड टीके की वैश्विक पहुंच को सुविधाजनक बनाने और बच्चों की अधूरी जरूरतों को पहचानने के लिए प्रतिबद्ध है।भारत में जेएंडजे के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने 12 से 17 वर्ष के बच्चों पर कोविड वैक्सीन का अध्ययन करने के लिए 17 अगस्त, 2021 को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएसईओ) के समक्ष आवेदन दाखिल किया है।’’ प्रवक्ता ने कहा कि हर्ड इम्युनिटी को प्राप्त करने के लिए यह बहुत जरुरी है कि कोविड-19 वैक्सीन का चिकित्सीय परीक्षण आगे बढ़ता रहे।उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी कोविड वैक्सीन को सभी आयु समूहों के लिए समान रूप से आसान बनाने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण कार्य के लिए गहराई से प्रतिबद्ध हैं।’’ उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार ने भारत में जॉनसन एंड जॉनसन की एक खुराक वाले कोविड टीके के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी है।बता दें कि, भारत में आपातकालीन उपयोग के लिए अब तक सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, रूस के स्पुतनिक वी, मॉडेर्ना और जे एंड जे को मंजूरी दी जा चुकी है। |
hindi_2022_10811 | 11 साल से फरार था ट्रक लुटेरा इनामी बदमाश, अलीगढ़ पुलिस ने किया गिरफ्तार | अलीगढ़ पुलिस ने 11 साल से फरार चल रहे शातिर लुटेरे करन पुत्र बेबडा उर्फ बलवीर को गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम ने 11 साल से फरार 25 हजार रुपये के ईनामी फरार शातिर ट्रक लुटेरे को गिरफ्तार कर अभूतपूर्व कार्यवाही की है। | अलीगढ़: अलीगढ़ पुलिस ने 11 साल से फरार चल रहे शातिर लुटेरे करन पुत्र बेबडा उर्फ बलवीर को गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम ने 11 साल से फरार 25 हजार रुपये के ईनामी फरार शातिर ट्रक लुटेरे को गिरफ्तार कर अभूतपूर्व कार्यवाही की है। बदमाश को अवैध तमंचे और कारतूस के साथ मुखबिर की सूचना पर कानपुर एटा रोड पर राधे-राधे होटल के पास से गिरफ्तार किया गया।बता दें कि 2010 में सीमेंट से भरे ट्रक को करन ने लूटा था। तभी से यह आरोपी फरार चल रहा था। यह फर्जी आधार कार्ड व नाम बदलकर इस्ते सालों से रह रहा था। यह मामला थाना मडराक क्षेत्र के कानपुर-एटा रोड़ का बताया जा रहा है।आरोपी द्वारा वर्ष 2010 में अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर दिनांक 15.01.2010 की रात में थाना मडराक क्षेत्र के आगरा अलीगढ़ रोड पर अपने ट्रक से सीमेंट से भरे हुए ट्रक को आगे ओवरट्रेक कर गाडी को रुकवा लिया था। उसके ड्राइवर से 12500 रुपये और एक नोकिया मोबाईल व उसका ट्रक UP21N 5015 जिसमें 699 बोरी भरी थी को मारपीट कर लूट लिया था। आरोपी करन के विरुद्ध मफरुरी में आरोप पत्र प्रेषित किया गया था तब से थाना मडराक अलीगढ़ में वांछित चल रहा था। |
hindi_2022_10812 | कोरोना की संभावित तीसरी लहर का खतरा, ISCCM ने केंद्र से गंभीर देखभाल इकाइयां स्थापित करने का आग्रह किया | बता दें कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार तैयारी कर रही है। सरकार ने एक दिन में पांच लाख तक कोविड मामलों से निपटने के लिए स्वास्थ्य देखभाल ढांचे को तैयार किया है। | नयी दिल्ली: इंडियन सोसाइटी फॉर क्रिटिकल केयर मेडिसीन (आईएससीसीएम) ने कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका जताते हुए केंद्र सरकार से प्रशिक्षित कर्मियों से लैस एवं पूर्ण रूप से क्रियाशील गंभीर मरीज देखभाल इकाइयां स्थापित करने का शनिवार को अनुरोध किया। आईएससीसीएम ने अपना 28वां स्थापना दिवस मनाते हुए दो दिवसीय अनुसंधान सम्मेलन का अयोजन किया, जिसका उद्देश्य भारतीय चिकित्सकों को निकट भविष्य में क्लिनिकल अनुसंधान के अग्रिम पंक्ति में लाने की कोशिश करना है। आईएससीसीएम ने एक बयान में कहा कि सत्र में अस्पतालों में गंभीर मरीज देखभाल इकाइयों के महत्व पर जोर दिया गया, जो नाजुक स्थिति वाले मरीजों को बचाने में जीवनरेखा के तौर पर काम करती हैं और कुशल चिकित्सा कर्मी व तकनीकी रूप से अद्यतन सुविधाओं को वहां काफी जरूरत होती है। बयान के मुताबिक सत्र में 450 से अधिक चिकित्सकों, विशेषज्ञों, नर्सों और तकनीशियनों ने हिस्सा लिया। आईएससीसीएम के अध्यक्ष डॉ दीपक गोविल ने कहा, ‘‘गंभीर मरीज देखभाल विशेषज्ञों, नर्सों और तकनीशियनों की देश में भारी कमी है जो महामारी के दौरान खुल कर सामने आई।’’उन्होंने कहा, ‘‘गहन चिकित्सा देखभाल को आम आदमी के लिए कहीं अधिक पहुंच योग्य और वहनीय बनाना चाहिए।’’ बता दें कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार तैयारी कर रही है। सरकार ने एक दिन में पांच लाख तक कोविड मामलों से निपटने के लिए स्वास्थ्य देखभाल ढांचे को तैयार किया है।संक्रमण के मामलों में संभावित वृद्धि के मद्देनजर भारत की तैयारियों का विवरण साझा करते हुए नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 मरीजों के लिए देश में 8.36 लाख बिस्तर उपलब्ध हैं और इसके अलावा कोविड-19 देखभाल केंद्रों में करीब 10 लाख (9,69,885) पृथक-वास वाले बिस्तर उपलब्ध हैं। |
hindi_2022_10813 | झाड़ू लगाते हुए प्रियंका गांधी का VIDEO वायरल, हिरासत के विरोध में उठाया कदम | कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह झाड़ू लगाते हुए नजर आ रही हैं। प्रियंका को आज तड़के यूपी पुलिस ने हिरासत में लिया। | सीतापुर: कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह झाड़ू लगाते हुए नजर आ रही हैं। प्रियंका गांधी यूपी पुलिस की हिरासत में हैं, उन्हें गेस्ट हाउस के जिस कमरे में रखा गया है वहां वो खुद झाड़ू लगाती नजर आईं। प्रियंका को आज तड़के यूपी पुलिस ने हिरासत में लिया। प्रियंका गांधी को सीतापुर में रखा गया है। प्रियंका गांधी ने हिरासत में लिए जाने का विरोध झाड़ू लगाकर किया।देखें वीडियो-इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा में चार किसानों के मारे जाने के बाद मौके पर जा रही पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को हिरासत में लिए जाने को लेकर को कहा कि प्रियंका पीछे नहीं हटने वाली हैं और “हम इस अहिंसक लड़ाई में अन्नदाताओं को जिताकर रहेंगे।” उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रियंका, मैं जानता हूं तुम पीछे नहीं हटोगी- तुम्हारी हिम्मत से वे डर गए हैं। न्याय की इस अहिंसक लड़ाई में हम देश के अन्नदाता को जिता कर रहेंगे।’’कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रियंका गांधी की ‘गिरफ़्तारी’ व आंदोलन किसानों के न्याय की गूंज को और मज़बूती देगा। लखीमपुर खीरी के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के बाद सोमवार तड़के मौके पर जा रहीं प्रियंका गांधी वाद्रा को रास्ते में सीतापुर में हिरासत में ले लिया गया। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बताया कि वाद्रा तथा कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा समेत कुछ वरिष्ठ नेता लखीमपुर खीरी जा रहे थे। तभी तड़के करीब पांच बजे रास्ते में उन्हें सीतापुर में हिरासत में ले लिया गया। |
hindi_2022_10814 | जेपी नड्डा ने भाजपा महासचिवों की बैठक बुलाई, आगामी विधानसभा चुनावों पर चर्चा संभव | भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने इस सप्ताहांत पार्टी महासचिवों की दो दिवसीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब सहित पांच राज्यों में 2022 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा संभावित है। | नयी दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने इस सप्ताहांत पार्टी महासचिवों की दो दिवसीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब सहित पांच राज्यों में 2022 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा संभावित है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कोविड-19 की दूसरी लहर की शुरुआत के बाद यह पहली ऐसी बैठक होगी जिसमें सभी नेता स्वयं उपस्थित रहेंगे। बैठक शनिवार को आरंभ होगी।सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में चुनावी राज्यों की रणनीति के अलावा कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति और इसके मद्देनजर पार्टी द्वारा चलाए जा रहे ‘‘सेवा ही संगठन’’ अभियान की भी समीक्षा की जाएगी। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रबंधन को लेकर सरकार आलोचनाओं से घिरी हुई है और विपक्षी दल सरकार की घेराबंदी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।इस बैठक का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि पिछले दिनों भाजपा के संगठन महासचिव बी एल संतोष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधामोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश का दौरा कर वहां के विधायकों के साथ अलग-अलग बैठकें की थीं। सिंह उत्तर प्रदेश के प्रभारी भी हैं। अगले साल की शुरुआत में जिन राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं उनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब के अलावा गोवा और मणिपुर भी शामिल हैं।बता दें कि, वर्ष 2022 के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इनमें पंजाब को छोड़कर सभी राज्यों में भाजपा सत्ता में है। सूत्रों ने बताया कि बैठक में पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में पिछले दिनों संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर भी चर्चा हो सकती है। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के भाजपा के सभी प्रयास विफल हुए थे। हालांकि 77 सीटें जीतकर वह राज्य की प्रमुख विपक्षी दल जरूर बन गई।उम्मीद की जा रही कि बैठक में भाजपा के सभी आठों महासचिव-भूपेंद्र यादव, सी टी रवि, दुष्यंत गौतम, डी पुरंदेश्वरी, अरुण सिंह, दिलीप सैकिया, कैलाश विजयवर्गीय, तरूण चुग और बी एल संतोष उपस्थित रहेंगे। |
hindi_2022_10815 | Exclusive: आर्टिकल 370 हटने के बाद कितना बदला जम्मू-कश्मीर? LG मनोज सिन्हा ने पाकिस्तान के लिए कही ये बात | इंडिया टीवी को दिए एक्सक्लूसिव साक्षात्कार में मनोज सिन्हा ने कहा कि जमीनी स्तर पर अनुच्छेद 370 हटाने का असर दिख रहा है। जम्मू-कश्मीर की जनता बड़ा बदलाव देख रही है। जम्मू-कश्मीर में बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देन है। | नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म करने की दूसरी सालगिरह को लेकर इंडिया टीवी के सीनियर एडिटर देवेंद्र पराशर के साथ खास बातचीत की। इंडिया टीवी को दिए एक्सक्लूसिव साक्षात्कार में मनोज सिन्हा ने कहा कि जमीनी स्तर पर अनुच्छेद 370 हटाने का असर दिख रहा है। जम्मू-कश्मीर की जनता बड़ा बदलाव देख रही है। जम्मू-कश्मीर में बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देन है। जम्मू-कश्मीर में बदलाव दिखने लगा है, 2 साल में 7 नए मेडिकल कॉलेज बने हैं और जोजिला टनल का शिलान्यास भी पीएम मोदी ने किया था।पाकिस्तान जैसे देश हमें सबक नहीं दे सकते- सिन्हामनोज सिन्हा ने इंडिया टीवी को दिए एक्सक्लूसिव साक्षात्कार में कहा कि जम्मू-कश्मीर में कोई भूमिहीन हीं होगा। देश के किसी राज्य में ऐसी ट्रांसपेरेंसी नहीं है, जमीन नौकरी का अधिकार यहां सुरक्षित है। 2 साल में ऐसे काम हुए हैं जो कई साल में नहीं हुए। सिन्हा ने आगे कहा कि हमारे अंदरुनी मामले में किसी को सलाह देने का हक नहीं है। पाकिस्तान जैसे देश हमें सबक नहीं दे सकते। इंडिया टीवी को दिए एक्सक्लूसिव साक्षात्कार में मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था बेहतर हुई है। कश्मीर बहुत तेजी से बदल रहा है। जम्मू-कश्मीर में बदलाव प्रधानमंत्री की देन है। जम्मू-कश्मीर में 2 कैंसर इंस्टीट्यूट भी पीएम की देन है। 7 नए राष्ट्रीय राजमार्ग स्वीकृत किए गए हैं। दो साल में NIFT का कायाकल्प हुआ है। जम्मू-कश्मीर में दो साल में 7 नए मेडकल कॉलेज बने। 'मोदी सरकार हर राज्य में हर वर्ग के लिए काम कर रही है'मनोज सिन्हा ने इंटरव्यू में कहा कि देश में ऐसी सरकार है जो किसी से भेदभाव नहीं करती है। मोदी सरकार हर राज्य में हर वर्ग के लिए काम कर रही है। पीएम पंचायती राज व्यवस्था दुरुस्त करना चाहते हैं। जम्मू-कश्मीर में दो AIIMS काम करने जा रहे हैं। किसानों का जीवन बदलने की मोदी सरकार में कोशिश हो रही है। जम्मू-कश्मीर के जिन इलाकों में शौफ था वहां के युवा अब स्पोटर्स में आ रहे हैं। हमने फिल्म पॉलिसी की भी घोषणा की है। जानिए LG ने जम्मू-कश्मीर में रोजगार को लेकर क्या कहा?जम्मू-कश्मीर में रोजगार को लेकर बोलते हुए सिन्हा ने कहा कि 2600 युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। साढ़े 8 हजार कैंडिडेट्स के रिजल्ट जारी कर दिए गए हैं। जम्मू-कश्मीर में जॉब में डिस्टि्रक्ट कैडर को तवज्जों दी जा रही है। कश्मीरी पंडितों का भी रिजल्ट निकल गया है। 50 हजार युवाओं को इस साल वित्तीय मदद मिलेगी। 18 से 35 साल की महिलाओं को वित्तीय मदद दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में अब हर काम को जिम्मेदारी के साथ पूरा किया जाता है- मनोज सिन्हाजम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इंडिया टीवी को दिए विशेष इंटरव्यू में कहा कि जम्मू-कश्मीर में पैसे की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर में आज जमीन और नौकरी का अधिकार सुरक्षित है। पीएम सेल्फ एंप्लाइमेंट के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में बेस्ट इंडस्ट्रियल पॉलिसी लाए हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के योगदान से ये पॉलिसी बनी है। इस पॉलिसी से 8 से 10 लाख लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा। 10 से 15 साल से यहां प्रोजेक्ट पूरे नहीं हुए थे। पहले परियोजना शुरू होती थी पर अप्रूवल नहीं होता था। अब हर काम को जिम्मेदारी के साथ पूरा किया जाता है। योजनाओं के बारे में अब पब्लिक को भी पता होता है। देश की एकता और अखंडता को लेकर कोई समझौता नहीं होगा- मनोज सिन्हाजम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विशेष इंटरव्यू में कहा कि भारत के खिलाफ कोई खड़ा नहीं हो सकता है। देश की एकता और अखंडता को लेकर कोई समझौता नहीं होगा। जम्मू-कश्मीर संपन्न, सुरक्षित और शांतिपूर्ण बन रहा है। कोरोना काल में धार्मिक नेताओं ने सहयोग दिया। जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर अनुच्छेद 3701 हटाने का असर साफ दिखाई दे रहा है। 2 साल में ऐसे कई काम हुए जो कई सालों में नहीं हो सके। |
hindi_2022_10816 | दिल्ली हिंसा मामले में 20 किसान नेताओं को नोटिस, पुलिस ने तीन दिनों में मांगा जवाब | ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किया है। इन नेताओं से दिल्ली पुलिस ने तीन दिनों में जवाब मांगा है। | नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किया है। इन नेताओं से दिल्ली पुलिस ने तीन दिनों में जवाब मांगा है। दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली को लेकर पुलिस के साथ हुए समझौते को तोड़ने के लिए योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर एस.राजेवाल समेत कम से कम 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किया है। पुलिस ने इन नेताओँ को 3 दिनों में जवाब देने के लिए कहा है।गृह मंत्री अमित शाह घायल जवानों से मिलेंगेवहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज उत्तरी दिल्ली के उन दो अस्पतालों का दौरा करेंगे जहां 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में घायल हुए पुलिस कर्मियों को भर्ती कराया गया है। अमित शाह हिंसा में घायल दिल्ली पुलिस के जवानों और अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।पढ़ें:-Rajat Sharma's Blog: किसान नेता आंदोलन खत्म करें और देश से माफी मांगेंएक फरवरी का प्रस्तावित संसद मार्च रद्दउधर, कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में दरारें दिखने के बीच बुधवार को किसान संगठनों ने एक फरवरी का प्रस्तावित संसद मार्च रद्द कर दिया। उसी दिन संसद में बजट पेश किया जाना है। किसान संगठनों का यह फैसला राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर परेड के दौरान भारी हिंसा के एक दिन बाद आया है। एक दिन पहले हुयी हिंसा में करीब 400 पुलिस कर्मी घायल हो गए थे। किसान नेताओं ने हालांकि आरोप लगाया है कि मंगलवार की घटनाओं के पीछे एक साजिश थी और उन्होंने इस संबंध में जांच कराए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ उनका आंदोलन चलता रहेगा और 30 जनवरी को देश भर में जनसभाएं और भूख हड़ताल की जाएंगी।पढ़ें:- Kisan Andolan: गाजीपुर सीमा से लगातार घर लौट रहे हैं प्रदर्शनकारी, रात को कट गई थी बिजली की सप्लाईकांग्रेस ने किसानों को हिंसा के लिए उकसायाभाजपा ने आरोप लगाया कि गणतंत्र दिवस के दिन किसान संगठनों की ओर से आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान कांग्रेस ने किसानों को हिंसा के लिए उकसाया। पार्टी ने यह आरोप भी लगाया कि चुनाव में पराजित लोग इकट्ठा होकर देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। किसान संगठनों की ओर से एक दिन पहले आयोजित ट्रैक्टर परेड के बेकाबू हो जाने और इस दौरान हिंसा की घटनाओं का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि भारत कभी भी लाल किले पर अपने तिरंगे के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने किसानों के आंदोलन को हमेशा उकसाने की कोशिश की।इनपुट-भाषा |
hindi_2022_10817 | फिरोजाबाद: पिता ने ही बेटी को मौत के घाट उतारा, फिर लिखा दिया छेड़छाड़ में हत्या का मुकदमा | पुलिस ने फिरोजाबाद हत्याकांड में सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया है कि लड़की को बदमाशों ने नहीं बल्कि खुद उसके पिता ने मारा है। | फिरोजाबाद (उप्र): फिरोजाबाद के रसूलपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत प्रेमनगर में एक 12वीं कक्षा की छात्रा की गोली मारकर हत्या का मामला सामने आया था। इस मामले में पिता की तहरीर में पुलिस ने 3 लोगों को हिरासत में भी ले लिया था लेकिन अब पुलिस ने मामले में सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया है कि लड़की को बदमाशों ने नहीं बल्कि खुद उसके पिता ने मारा है। लड़की के लड़के से फोन पर बात करने से उसका पिता नाराज था। लड़की की हत्या करने के बाद पिता ने तीन लोगों पर आरोप लगाया था। पिता का कहना था कि इन्हीं तीन लोगों ने घर मे घुसकर उसकी बेटी का कत्ल किया था क्योंकि इनके छेड़खानी करने का लड़की विरोध करती थी लेकिन जांच मे पिता के आरोप ग़लत निकले और वह ही अपनी बेटी का कातिल निकला।बता दें कि घटना 23 अक्टूबर देर रात हुई। पुलिस के मुताबिक बेटी की हत्या के बाद पिता ने 3 लोगों के खिलाफ तहरीर दी थी कि वे छात्रा पर स्कूल से आते वक्त फब्तियां कसते थे। पिता के मुताबिक जब बेटी ने उनका विरोध किया तो उसे घर में घुसकर गोली मारी गई। फिलहाल पुलिस ने हत्या का राज फाश करते हुए बताया है कि उसने खुद अपनी बेटी को मारा।मामला फिरोजाबाद के थाना रसूलपुर क्षेत्र के प्रेम नगर का है। यहां के डाक बंगला गली नंबर 2 में रहने वाली नाबालिग छात्रा की 23 अक्टूबर को सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लड़की के परिवार ने खुद फोन कर पुलिस को मामले की सूचना दी थी और बताया कि छात्रा जब स्कूल से लौट रही थी तो रास्ते में खड़े तीन शोहदों ने उस पर अभद्र टिप्पणी की। छात्रा ने हिम्मत दिखाते हुए इसका जवाब भी दिया जिसके बाद तीनों बदमाश देर रात उसके घर पहुंचे और छात्रा के सिर में गोली मार दी। मौके पर पहुंचे एसएसपी ने पिता की तहरीर लेने के बाद मामले के खुलासे की बात कही थी। पिता की तहरीर पर पुलिस ने कुछ लोगों को हिरास्त में भी ले लिया था। हालांकि अब पुलिस ने मामले को सुलझाते हुए बताया है कि पिता ने झूठी तहरीर दी थी और खुद ही बेटी को गोली मारी थी। |
hindi_2022_10818 | भारत-चीन सीमा विवाद पर सेना प्रमुख का बड़ा बयान, जमकर की सैनिकों की तारीफ | आर्मी चीफ मनोज मुकंद नरवणे ने कहा कि पिछला साल हमारे देश और सशस्त्र बलों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था। सशस्त्र बल बड़ी कुशलता से उत्तरी सीमाओं पर बहादुरी से हर हालात में डटे रहे औऱ इन हालातों में महामारी का भी सफलतापूर्वक मुकाबला किया। | नई दिल्ली. लद्दाख में भारत और चीन के विवाद LAC पर शुरू हुआ विवाद अबतक जारी है। लद्दाख में भारत ने चीन को इस विवाद की शुरुआत से अबतक कई मोर्चों पर पटखनी दी है लेकिन विवाद अभी भी जारी है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच कई राउंड की बातचीत हो चुकी है लेकिन विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। लद्दाख में तनाव के हालातों के बीच आर्मी चीफ मनोज मुकंद नरवणे ने कहा कि पिछला साल हमारे देश और सशस्त्र बलों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था। सशस्त्र बल बड़ी कुशलता से उत्तरी सीमाओं पर बहादुरी से हर हालात में डटे रहे औऱ इन हालातों में महामारी का भी सफलतापूर्वक मुकाबला किया। मुझे गर्व है कि इसे पूरा करने में हमें हमारे दिग्गजों का समर्थन था।पढ़ें- आनंद विहार, गोरखपुर और बांद्रा वाया लखनऊ, रेलवे चलाएगा स्पेशल ट्रेनें, ये रही पूरी डिटेलपढ़ें- मरीजों के बिस्तर पर कुत्ते कर रहे 'मौज', चैन से सो रहा है अस्पताल प्रशासननई दिल्ली. लद्दाख में भारत और चीन के विवाद LAC पर शुरू हुआ विवाद अबतक जारी है। लद्दाख में भारत ने चीन को इस विवाद की शुरुआत से अबतक कई मोर्चों पर पटखनी दी है लेकिन विवाद अभी भी जारी है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच कई राउंड की बातचीत हो चुकी है लेकिन विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। लद्दाख में तनाव के हालातों के बीच आर्मी चीफ मनोज मुकंद नरवणे ने कहा कि पिछला साल हमारे देश और सशस्त्र बलों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था। सशस्त्र बल बड़ी कुशलता से उत्तरी सीमाओं पर बहादुरी से हर हालात में डटे रहे औऱ इन हालातों में महामारी का भी सफलतापूर्वक मुकाबला किया। मुझे गर्व है कि इसे पूरा करने में हमें हमारे दिग्गजों का समर्थन था।पढ़ें- आनंद विहार, गोरखपुर और बांद्रा वाया लखनऊ, रेलवे चलाएगा स्पेशल ट्रेनें, ये रही पूरी डिटेलइस मौके पर थल सेना प्रमुख मनोज मुकंद नरवणे ने घोषणा की कि साल 2021 को गोल्डन विक्ट्री ईयर के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा, "कुछ दिग्गजों (सेना के पूर्व अधिकारियों) ने निराशा व्यक्त की थी कि साल 1971 की लड़ाई के 50 साल पूरे होने पर ज्यादा महत्व नहीं दिया गया। मैं यह कहना चाहता हूं कि 1971 के युद्ध की जीत को चिह्नित करने के लिए इस पूरे वर्ष को 'Golden Victory Year' के रूप में मनाया जाएगा। देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।पढ़ें- उत्तर भारत में शीत लहर, ठंड से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली का ठंड बुरा हालपढ़ें- Coronavirus Vaccination in Delhi: अरविंद केजरीवाल बोले- दिल्ली पूरी तरह तैयार, बताया पूरा प्लानउन्होंने आगे कहा कि दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में एक छोटा स्मारक बनाया जाएगा। इस स्मारक को 1971 के युद्ध में वीरत पुरस्कार प्राप्त करने वाले सैनिकों के गांव की मिट्टी और उन स्थानों की मिट्टी से बनाया जाएगा, जहां पर उस समय जीत हासिल की गई थी। सेना प्रमुख मनोज मुकंद नरवणे ने ये बातें Veterans' Day के मौके पर कहीं। जनरल नरवणे ने कहा कि भारतीय सेना हमेशा Veterans के कल्याण के लिए काम करती रहेगी। उन्होंने कहा कि सेना से सेवानिवृत्ति के बाद, सभी दिग्गज देश और समाज की प्रगति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। आप सेना के एक राजदूत होने के नाते एक सच्चे देशभक्त और जिम्मेदार नागरिक के उदाहरण स्थापित कर रहे हैं। आपके द्वारा निर्धारित उच्च मानक हमारे युवाओं को प्रेरित करेंगे।पढ़ें दिल्ली में न घुस पाए कोई मुर्गी, अध्यापकों को बॉर्डर पर किया गया नियुक्तपढ़ें- चलती ट्रेन से बाहर देख रही थी महिला, पति ने दे दिया धक्का, दो महीने पहले ही हुई थी शादी |
hindi_2022_10819 | कोरोना के कारण अपनों को खोने वाले परिवारों को 50 हजार की आर्थिक मदद करेगी योगी सरकार | उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, प्रदेश सरकार उन परिवारों की मदद करेगी जिनमें कोरोना संक्रमण की वजह से अपने मौत हुआ है। ऐसे परिवारों को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद की जाएगी। | लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना संक्रमण की वजह से जान गंवाने वाले लोगों के परिवार की आर्थिक मदद का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, प्रदेश सरकार उन परिवारों की मदद करेगी जिनमें कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हुई है। ऐसे परिवारों को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद की जाएगी। एक सरकारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम को निर्देश दिया कि संक्रमण के कारण असमय काल-कवलित हुए लोगों के परिजनों को अब 50 हजार रुपये राहत राशि के तौर पर दिए जाएंगे।आपको बता दें कि आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिजन को राहत राशि वितरित करने के लिए जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में समिति गठित करने और विस्तृत दिशानिर्देश जारी करने के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि एक भी पात्र परिवार इस राहत राशि से वंचित न रहे। इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश यथाशीघ्र जारी कर दिए जांए और जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाए। बयान के अनुसार प्रदेश के कुल 75 जिलों में से इस समय 42 जिले कोविड-19 संक्रमण से मुक्त हो गये हैं जबकि 16 जिलों में सिर्फ एक-एक मरीज है। राज्य में अब उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 119 रह गई है।अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने रविवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी। बयान के अनुसार राज्य के कानपुर नगर, लखीमपुर-खीरी, जौनपुर, बलिया, देवरिया, बाराबंकी, अयोध्या, सोनभद्र, अमरोहा, चन्दौली, प्रतापगढ़, कुशीनगर, उन्नाव, बदायूं, सुल्तानपुर, बिजनौर, इटावा, हरदोई, शामली, ललितपुर, हापुड़, सीतापुर, गोंडा, रामपुर, बस्ती, बहराइच, मीरजापुर, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, एटा, बागपत, मऊ, संतकबीरनगर, चित्रकूट, फतेहपुर, कानपुर देहात, हमीरपुर, कौशाम्बी, श्रावस्ती, महोबा, कासगंज और हाथरस जिलों में कोविड का एक भी मरीज नहीं है। ये जिले कोविड-19 संक्रमण से मुक्त हैं। |
hindi_2022_10820 | मणिपुर के लोग और मैं चाहता हूं कि अफ्सफा हटा दिया जाए: एन.बिरेन सिंह | मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि अफ्सपा को केंद्र की सहमति से क्रमिक रूप से हटाया जा सकता है। लेकिन, हमें अवश्य याद रखना चाहिए कि म्यांमा में राजनीतिक स्थिरता नहीं है और हमारे देश की सीमा उसके साथ लगी हुई है।’’ | नयी दिल्ली: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने रविवार को कहा कि उनके राज्य के लोग और वह खुद भी चाहते हैं कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफ्सपा) हटा दिया जाए, लेकिन ऐसा केंद्र की सहमति से किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता बताते हुए सिंह ने कहा, ‘‘हम एक सीमावर्ती राज्य हैं और म्यांमा के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं। मुझे राष्ट्रहित भी देखना होगा।’’ राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले, अफ्सपा हटाने की मांग जोर पकड़ रही है।बिरेन सिंह ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मेरे सहित मणिपुर के लोग चाहते हैं कि अफ्सपा को हटा दिया जाए लेकिन केंद्र सरकार की परस्पर सहमति के बाद क्योंकि राष्ट्र की सुरक्षा हमारे लिए पहली प्राथमिकता है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि अफ्सपा को केंद्र की सहमति से क्रमिक रूप से हटाया जा सकता है। लेकिन, हमें अवश्य याद रखना चाहिए कि म्यांमा में राजनीतिक स्थिरता नहीं है और हमारे देश की सीमा उसके साथ लगी हुई है।’’चुनावी राज्य में भारतीय जनता पार्टी के प्रथम मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चुनाव बड़े बदलाव को प्रदर्शित करेंगे और उनकी पार्टी सीटों की अपनी संख्या दोगुनी करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम दो-तिहाई बहुमत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हमारा कोई चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं है लेकिन जरूरत पड़ने पर चुनाव बाद गठबंधन किया जा सकता है।’’ उन्होंने इस बार शांति, विकास और सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्व को भाजपा का मुख्य चुनावी मुद्दा बताते हुए यह बात कही।कांग्रेस के 28 विधायक होने के बावजूद अपने महज 21 विधायकों के साथ भाजपा ने दो स्थानीय दलों, एनपीपी और एनपीएफ के सहयोग से 2017 में सरकार बनायी थी। राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में, 27 फरवरी और तीन मार्च को चुनाव होने हैं। मतगणना 10 मार्च को होगी।अफ्सफा हटाने की मांग को लेकर राज्य में कई आंदोलन हुए हैं। मणिपुर की इरोम शर्मिला का अनशन भी इसका एक मुख्य उदाहरण है, जो देश में सबसे लंबे समय तक चला था। अफ्सफा हटाना, एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है और पड़ोसी राज्य नगालैंड में सैन्य कर्मियों की गोलीबारी में 14 आम लोगों के मारे जाने को लेकर एक बार फिर यह एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।सिंह ने कहा, ‘‘हम एक सीमावर्ती राज्य हैं और म्यांमा के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं। मुझे राष्ट्रहित को भी देखना होगा। लेकिन एक मणिपुरी होने और मणिपुर का मुख्यमंत्री होने के नाते, मैं चाहता हूं कि अफ्सफा हटा दिया जाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन साथ ही, जमीनी हकीकत का आकलन किये बगैर ऐसा करना संभव नहीं है। केंद्र सरकार से परामर्श किये बगैर, यह संभव नहीं है।’’ सिंह ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई है और उग्रवाद 90 प्रतिशत तक घट गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर सरकार म्यांमा में मणिपुरी उग्रवादियों के साथ सार्थक वार्ता करने की भी कोशिश कर रही है।’ |
hindi_2022_10821 | Rajat Sharma’s Blog: पीएम मोदी ने कैसे दुनिया भर में भारत का मान बढ़ाया | 135 करोड़ भारतीयों के नेता के रूप में मोदी की व्हाइट हाउस में बायडेन के साथ हुई मीटिंग ने दुनिया भर की बड़ी शक्तियों का ध्यान आकर्षित किया है। | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन के साथ अपनी पहली व्यक्तिगत मुलाकात की। व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में यह मुलाकात पहले से निर्धारित थी और इसके लिए एक घंटे का वक्त तय किया गया था। लेकिन जब दोनों नेता मिले तो यह मुलाकात 90 मिनट से ज्यादा समय तक चली। इस मीटिंग के बाद भारत और अमेरिका की तरफ से एक संयुक्त बयान जारी किया गया जिसमें दोनों नेताओं की ओर से कहा गया कि, अमेरिका और भारत वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई में एक साथ खड़े हैं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव (UNSCR) 1267 प्रतिबंध समिति द्वारा प्रतिबंधित समूहों सहित सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करेंगे। इसके साथ ही 26/11 मुंबई हमलों के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान किया गया। सूत्रों के मुताबिक, 'दोनों नेताओं ने छद्म आतंकवाद की निंदा की और आतंकवादी समूहों को साजोसामान, वित्तीय या सैन्य सहयोग न देने पर जोर दिया जिसका इस्तेमाल आतंकवादी हमले करने या उसकी योजना बनाने में किया जा सकता है।' मोदी और बायडेन के बीच द्विपक्षीय वार्ता के दौरान काउंटर टेररिज्म पर ज्यादा जोर था। वहीं, अफगानिस्तान में पाकिस्तान द्वारा निभाई गई नुकसानदेह भूमिका और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस पर संज्ञान लेने की जरूरतों पर भी दोनों देशों के बीच सहमति बनी। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, जो कि इस द्विपक्षीय वार्ता के समय वहां मौजूद थे, ने कहा 'पाकिस्तान जो अपने आप को एक सूत्रधार (अफगानिस्तान में अमेरिका के लिए) के रूप में पेश कर रहा है, कई मायनों में उन समस्याओं को पैदा करने वाला है जिससे हम अपने पड़ोस में निपट रहे हैं।’ श्रृंगला ने कहा कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति बायडेन के बीच भारत-अमेरिका द्विपक्षीय बैठक और ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान तथा अमेरिका के क्वाड शिखर सम्मेलन दोनों के दौरान अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका पर और सावधानीपूर्वक नजर रखने पर बात हुई। उन्होंने कहा, 'दोनों चर्चाओं में यह बात स्पष्ट रही कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका पर और सावधानीपूर्वक नजर रखी जाए।' हालांकि उन्होंने इस पर विस्तार से कुछ नहीं बताया। क्वाड शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि यह ग्रुप 'दुनिया की भलाई के लिए एक शक्ति' के तौर पर काम करेगा। साथ ही ये भी घोषणा की गई कि भारत अगले महीने (अक्टूबर) से कोरोना वैक्सीन का निर्यात फिर से शुरू करेगा। भारत अक्टूबर के अंत तक 80 लाख जैनसेन कोरोना वैक्सीन की डोज उपलब्ध कराएगा, जिसका निर्माण भारतीय कंपनी बायोलॉजिकल ई द्वारा क्वाड वैक्सीन इनीशिएटिव के तहत किया जाएगा। भारत इस पहली खेप के 50 प्रतिशत हिस्से का फाइनैंस खुद करेगा। क्वाड देशों ने COVAX के माध्यम से फाइनैंस की जानेवाली वैक्सीन के अलावा वैश्विक स्तर पर 1.2 बिलियन से ज्यादा वैक्सीन डोज दान करने का संकल्प लिया। पीएम मोदी ने एक कॉमन अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रोटोकॉल का प्रस्ताव रखा जिसमें कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को मान्यता देना भी शामिल था। इस प्रस्ताव की क्वाड के नेताओं ने खूब सराहना की। जापान भारत के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन और दवाओं से जुड़े भारतीय हेल्थकेयर सेक्टर में 100 मिलियन डॉलर के निवेश को बढ़ाने का काम करेगा। पीएम मोदी और बायडेन की द्विपक्षीय वार्ता का मुख्य फोकस चीन था। अमेरिका के राष्ट्रपति ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की तरफ से पेश चुनौती का जिक्र किया। हालांकि क्वाड के संयुक्त बयान में चीन का खुले तौर पर नाम नहीं लिया गया, लेकिन क्वाड नेताओं के बीच चीन की हरकतों और क्षमताओं को लेकर एक समझ नजर आ रही थी। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा समर्थित अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में क्वाड देशों को चेतावनी दी थी कि अगर वे 'चीन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर हद से आगे बढ़ेंगे तो वह उन्हें दंडित करने में कोई संकोच नहीं करेगा। ग्लोबल टाइम्स ने इस संपादकीय को व्हाइट हाउस में मोदी-बायडेन की मीटिंग की पूर्व संध्या पर प्रकाशित किया था। अखबार ने अपने संपादकीय में कहा, ‘अमेरिका क्वाड और AUKUS को चीन पर लगाम कसने वाले कुटिल गिरोहों में बदलने का इरादा रखता है। हम अन्य क्षेत्रीय देशों से अपील करते हैं कि वे वॉशिंगटन के बहकावे में न आएं। उन्हें चीन के खिलाफ अमेरिका के भू-राजनीतिक प्यादे या वॉशिंगटन के लिए बलि का बकरा बनने से इनकार कर देना चाहिए।’ संपादकीय का लहजा साफ तौर पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार के मूड को दर्शाता है। भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के अमेरिका के करीब आने से चीन चिढ़ा हुआ है। दूसरी ओर, अफगानिस्तान में सत्ता हथियाने के लिए तालिबान की मदद करने और उसे उकसाने में पाकिस्तान की भूमिका के विश्व शक्तियों के संज्ञान में आने के बाद उसे अमेरिका ने बुरी तरह से खारिज कर दिया है। प्रधानमंत्री इमरान खान अभी तक राष्ट्रपति जो बायडेन से मुलाकात नहीं कर पाए हैं। वहीं दूसरी तरफ, 135 करोड़ भारतीयों के नेता के रूप में प्रधानमंत्री मोदी की व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बायडेन के साथ हुई मीटिंग ने दुनिया भर की बड़ी शक्तियों का ध्यान आकर्षित किया है। गले लगाने के इरादे से एक-दूसरे के पास आने की बायडेन और मोदी की तस्वीरों और वीडियो ने साफ तौर से अमेरिकी नीति निर्माताओं के बीच भारत के रूतबे और बढ़े हुए कद का सबूत है। अन्य पूर्व भारतीय प्रधानमंत्रियों की वॉशिंगटन यात्राओं के दौरान अब तक ऐसा देखने को नहीं मिला था। मोदी इससे पहले 2014 और 2016 में दो बार बायडेन से मिल चुके हैं। उस समय बायडेन अमेरिका के उपराष्ट्रपति हुआ करते थे। दोनों नेताओं के बीच संबंध हमेशा सौहार्दपूर्ण रहे हैं। जब बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति थे, तब मोदी 4 बार अमेरिका गए थे। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मोदी के काफी अच्छे रिश्ते रहे हैं। मोदी ने खुद 2019 में मेरे शो 'सलाम इंडिया' में इस बात का जिक्र किया था कि कैसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें अमेरिकी इतिहास के मशहूर लम्हों की एक झलक दिखाने के लिए खुद पूरा व्हाइट हाउस घुमाया था। शुक्रवार को, बायडेन ने भारत-अमेरिका संबंधों में एक नया अध्याय शुरू किया और दोनों देशों के सामने कुछ सबसे कठिन चुनौतियों का सामना करने के लिए, जिनमें कोविड महामारी और एक आक्रामक विश्व शक्ति के रूप में चीन के उभार का खतरा शामिल हैं, इन संबंधों को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने का वादा किया। दोनों नेताओं ने किसी अन्य देश का जिक्र करने से परहेज किया, लेकिन उनका फोकस साफ था। बायडेन ने भारत में पूर्वजों के बारे में एक पुरानी कहानी दोहराता हुए कहा कि उन्होंने सुना है कि मुंबई में 5 बायडेन हुआ करते थे। उन्होंने कहा, 'मजाक से हटकर बात की जाए तो भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत और घनिष्ठ होना ही है।' अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ मोदी की द्विपक्षीय वार्ता, और क्वाड चौकड़ी के बीच सबसे पुराने नेता के रूप में उनकी भागीदारी ने एक बात को रेखांकित किया है: कि भारत उपमहाद्वीप की भूराजनीति पर हावी है, और अमेरिका भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को एक उच्च स्तर पर ले जाने की जरूरत को समझता है। पाकिस्तान, जो कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद दुनिया के सामने अपना प्रभाव फैला रहा था, अब एक मुश्किल विकल्प का सामना कर रहा है: उसे यह तय करना है कि वह किसकी तरफ जाएगा- अमेरिका या चीन? अफगानिस्तान में 2 दशकों तक अमेरिकी सेना के ‘सहयोगी’ के रूप में मदद करने के बाद अब सच्चाई सबके सामने आ गई है। पाकिस्तान ने ही पूरे तालिबान नेतृत्व को पनाह दी, तालिबान के लड़ाकों को ट्रेनिंग दी, और अमेरिकी सेना की वापसी के बाद जब तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता संभाली तब उसकी पूरी मदद की और उसे बढ़ावा दिया था। अमेरिका अब अब यह बात मानता है कि भारत दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले लोकतंत्र के रूप में, एक बड़ी ताकत है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। भारत को विश्व भू-राजनीति के केंद्र में लाने का श्रेय अपने पिछले 7 सालों के शासन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए अथक प्रयासों को जाता है। अमेरिका ने महसूस किया है कि भारत के पास ज्ञान की शक्ति का एक विशाल भंडार है, जिसकी अमेरिकी उद्योग को आवश्यकता है। भारत टीकों का दुनिया का सबसे बड़ा निर्माता है, और भारतीय कंपनियां पूरी दुनिया में अपनी मौजूदगी को जाहिर कर रही हैं। भारत को अब और नजरअंदाज करना मुश्किल है। इसके अलावा, भारत में एक अरब से ज्यादा उपभोक्ता हैं, जो कि अमेरिकी निवेश के लिए एक मौके की तरह हैं। मुझे याद है कि जब मोदी अभी प्रधानमंत्री नहीं बने थे, तो सबसे ज्यादा सवाल उनकी विदेश नीति की क्षमता को लेकर खड़े किए गए थे। किसी ने कहा कि एक ‘चायवाला’ दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों से कैसे बात करेगा, किसी ने कहा कि वह गुजरात के अलावा कुछ नहीं जानते तो विदेश नीति कैसे चलाएंगे। कुछ लोगों ने सवाल किया कि क्या ओबामा उन्हें अमेरिका जाने के लिए वीजा देंगे। पिछले 7 सालों में मोदी ने इन सभी विरोधियों को पूरे विश्वास के साथ करारा जवाब दिया है। लगातार 3 अमेरिकी राष्ट्रपतियों बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रंप और जो बायडेन ने जिस तरह से मोदी का व्हाइट हाउस में स्वागत किया, उससे हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हो गया। मोदी ने अपनी व्यावहारिक राजनीति और व्यक्तिगत केमिस्ट्री से दुनिया के नेताओं को चौंका दिया है। यह देखकर अच्छा लगता है कि विदेश में रहने वाले भारतीय मोदी की इसलिए जमकर तारीफ करते हैं कि उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री के कद को ऊंचाई दी है। मोदी की लगातार विदेश यात्राओं के ने विदेश में रहने वाले भारतीयों को उन देशों के लोगों की नज़र में इज्जत बढ़ाई है। मोदी आज दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेताओं में से एक हैं। वह बार-बार कहते हैं कि उन्हें यह दर्जा इसलिए मिला है क्योंकि भारत की 135 करोड़ जनता उनके पीछे है। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 24 सितंबर, 2021 का पूरा एपिसोड /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 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hindi_2022_10822 | Coronavirus: देश में कोरोना की रिकवरी दर 75% के पार, मृत्यु दर घटकर 1.85%, लेकिन लगातार बढ़ रहे मामले | कोरोना के मामलों की पहचान के लिए देश में टेस्टिंग को लगातार बढ़ाया जा रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार अबतक देश में कुल 3.59 करोड़ से ज्यादा टेस्ट हो चुके हैं। रविवार को देशभर में 609917 कोरोना टेस्ट किए गए हैं। | नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार फैल रहा है लेकिन इसके साथ कोरोना वायरस से रिकवरी की दर में भी तेजी से सुधार हो रहा है और साथ में मृत्यु दर भी लगातार कम हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों यानि रविवार सुबह 8 बजे से लेकर सोमवार सुबह 8 बजे तक देशभर में कोरोना वायरस के 61408 नए मामले सामने आए हैं जिसके बाद देश में अब कुल कोरना वायरस मामलों का आंकड़ा बढ़कर 31.06 लाख हो गया है।हालांकि कोरोना से ठीक हने वाले लोगों की रफ्तार भी तेजी से बढ़ रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना से 57469 लोग ठीक हुए हैं और अबतक कुल 23,38,035 लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। देश में कोरोना वायरस का रिकवरी रेट बढ़कर 75.26 प्रतिशत हो गया है। लेकिन देश के कुल कोरोना मरीजों में अभी भी 7.10 लाख से ज्यादा एक्टिव मामले हैं।कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने के साथ इसकी वजह से जान गंवाने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है, हालांकि मृत्यु दर में पहले के मुकाबले काफी कमी आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस के की वजह से 836 लोगों की जान गई है और अबतक यह जानलेवा वायरस देश में कुल 57469 लोगों की मौत का कारण बन चुका है। कोरोना वायरस की मृत्यु दर घटकर अब 1.85 प्रतिशत रह गई है।कोरोना के मामलों की पहचान के लिए देश में टेस्टिंग को लगातार बढ़ाया जा रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार अबतक देश में कुल 3.59 करोड़ से ज्यादा टेस्ट हो चुके हैं। रविवार को देशभर में 609917 कोरोना टेस्ट किए गए हैं।वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के मामलों की बात करें तो दुनियाभर में कुल मामलों का आंकड़ा बढ़कर 2.35 करोड़ के पार पहुंच गया है, अबतक दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से 8.12 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि पूरी दुनिया में 1.6 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से ठीक भी हो चुके हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले अमेरिका में हैं जहां पर 58.74 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 1.80 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, इसके बाद ब्राजील में 36.05 लाख से ज्यादा केस सामने आए हैं और 1.14 लाख से ज्यादा की जान गई है। रूस में भी 9.56 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 16 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। |
hindi_2022_10823 | महज 37 फीसदी हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर्स को लग पाई हैं कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज | अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी इस रिपोर्ट के अनुसार, 16 जनवरी को जोर शोर से इस श्रेणी वैक्सीन दिए जाने के साथ शुरू हुए कोरोना वैक्सीनेशन में महज 2.36 करोड़ हेल्थ वर्कर्स ने रजिस्टर करवाया। यदि पंजीकृत स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन वर्कर्स की संख्या पर के हिसाब से ही देखा जाए तो अबतक सिर्फ 47 फीसदी पूरी तरह से वैक्सीनेटड हो पाए हैं, जो कि आधे से भी कम है। | नई दिल्ली. देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने हाहाकार मचाया हुआ है। इस वक्त एक्सपर्ट्स कोरोना से बचाव के लिए बनाए गए प्रोटोकॉल्स के पालन और कोरोना वैक्सीन पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। देश में दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम चल भी रहा है। हालांकि आपको जानकर हैरानी होगी कि सबसे पहले चरण में हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर्स को कोरोना की डोज दिए जाने के बावजूद अपने 3 करोड़ के अनुमानित लक्ष्य से काफी पीछे है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक सिर्फ 37 फीसदी हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज दी गई हैं, जबकि 91 लाख को सिर्फ पहली डोज ही लगी है।अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी इस रिपोर्ट के अनुसार, 16 जनवरी को जोर शोर से इस श्रेणी वैक्सीन दिए जाने के साथ शुरू हुए कोरोना वैक्सीनेशन में महज 2.36 करोड़ हेल्थ वर्कर्स ने रजिस्टर करवाया। यदि पंजीकृत स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन वर्कर्स की संख्या पर के हिसाब से ही देखा जाए तो अबतक सिर्फ 47 फीसदी पूरी तरह से वैक्सीनेटड हो पाए हैं, जो कि आधे से भी कम है। अधिकारियों का कहना है कि कई राज्य इस प्राथमिक समूह को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित नहीं कर पाए, जिस वजह से प्रारंभिक चरण के दौरान टीकाकरण की धीमी गति थी। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा टीकों की सुरक्षा और प्रभावकारिता के बारे में गहन जागरूकता अभियान के बाद कई प्रसिद्ध डॉक्टर और सार्वजनिक हस्तियां ने टीका लगवाया और देश के लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए उत्साहित किया लेकिन फिर भी कुछ लोग ऐसे थे जो संकोच में थे और अपने शॉट्स के लिए आगे नहीं आए।अधिकारियों ने कहा कि कुछ लोग मान बैठे हैं कि उनके पास एंटीबॉडीज हैं क्योंकि उन्हें अबतक कोरोना संक्रमण नहीं हुआ। मनीपाल अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर सुदर्शन भलाल ने ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों के बीच वैक्सीन के संकोच का कोई औचित्य नहीं है। यदि किसी स्वास्थ्यकर्मी को वैक्सीन को लेकर झिझक है, तो समाज में बड़े स्तर पर टीकाकरण के लिए प्रेरित करना बहुत मुश्किल होगा और अगर इस श्रेणी का टीकाकरण नहीं हुआ तो इसके कुछ परिणाम भी हो सकते हैं।रविवार सुबह 7 बजे तक दी गई, कोरोना डोज की कुल संख्या 12.26 करोड़ है। 45 से 60 के बीच के 10.8 लाख और 60 से ऊपर 38.9 लाख लोगों को दो खुराक के साथ पूरी तरह से टीका लगाया गया है। वर्तमान में, आठ राज्यों में अब तक दी गई कुल खुराक का 59.5% डोज लगाई गई हैं। 1 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज लगाने वालों में महाराष्ट्र (1,21,39,453), उत्तर प्रदेश (1,07,12,739), राजस्थान (1,06,98,771) और गुजरात (1,03,37,448) शामिल हैं। लेकिन अगर बार इन राज्यों की आबादी के अनुसार कि जाए तो यहां कवरेज रेट काफी कम है। महाराष्ट्र औऱ यूपी में 60 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने के मामले में ज्यादा बेहतर काम नहीं हुआ है। |
hindi_2022_10824 | महबूबा मुफ्ती को एक बार फिर किया गया नजरबंद, अगले आदेश तक हाउस अरेस्ट | पुलिस ने बताया कि हैदरपुरा इलाके में हुई मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी और उसके स्थानीय साथी मोहम्मद आमिर के साथ दो आम नागरिक- अल्ताफ भट और मुदस्सिर गुल मारे गये। इस इलाके में कथित रूप से एक अवैध कॉल सेंटर और आतंकी ठिकाना था। | श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ्ती को एक बार फिर नजरबंद कर दिया गया है। घाटी में बढ़ती आतंकी घटनाएं और सुरक्षाबल के ताबड़तोड़ एनकाउंटर के बीच प्रशासन ने ये बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने यह फैसला घाटी में बढ़ती आतंकी घटनाएं और सुरक्षाबल के ताबड़तोड़ एनकाउंटर के बीच लिया है।इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि सोमवार को हुई मुठभेड़ में तीन नागरिक मारे गए हैं। महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘मैं विरोध कर रही हूं क्योंकि यह सरकार उग्रवाद के नाम पर नागरिकों को मारती है। कोई नहीं जानता कि आतंकवादी मारे जा रहे हैं या नहीं। हाल ही में तीन नागरिक मारे गए हैं। सरकार ने मांग के बावजूद उनके शव परिजनों को सौंपने से इनकार कर दिया।'उन्होंने सुरक्षा बलों की गोलीबारी में आम नागरिकों के मारे जाने के खिलाफ यहां प्रदर्शन भी किया और मृतकों के शवों को उनके परिजनों को सौंपे जाने की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफ्स्पा) जब से प्रभाव में आया है, बेगुनाहों की मौत की कोई जवाबदेही नहीं रही है। सोमवार को एक आतंकवाद निरोधक अभियान के दौरान सुरक्षा बलों की गोलीबारी में दो आम नागरिक समेत चार लोग मारे गये थे। पुलिस ने बताया कि हैदरपुरा इलाके में हुई मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी और उसके स्थानीय साथी मोहम्मद आमिर के साथ दो आम नागरिक- अल्ताफ भट और मुदस्सिर गुल मारे गये। इस इलाके में कथित रूप से एक अवैध कॉल सेंटर और आतंकी ठिकाना था। पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर रेंज) विजय कुमार ने दावा किया कि गुल आतंकवादियों का करीबी सहयोगी था और भट के मालिकाना हक वाले परिसर में कॉल सेंटर चला रहा था। भट आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। मोहम्मद आमिर के पिता लतीफ मगराय ने अपने बेटे के आतंकवादी होने के अधिकारियों के दावे को खारिज कर दिया। महबूबा ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ पार्टी के गांधीनगर स्थित मुख्यालय में प्रदर्शन किया। उनके हाथ में पोस्टर था जिस पर लिखा था, ‘‘हमें मारना बंद करो, हैदरपुरा मामले की जांच करो और शव परिवारों को सौंपे जाएं’’। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को मुख्य मार्ग की ओर बढ़ने से रोक लिया। |
hindi_2022_10825 | खुशखबरी! मुंबई-लखनऊ रूट के यात्रियों के लिए अच्छी खबर, रेलवे ने दिया यह स्पेशल गिफ्ट, जानिए डिटेल | रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। उत्तर रेलवे ने लोकमान्य तिलक से लखनऊ के बीच 02107/02108 त्यौहार स्पेशल ट्रेन को जारी रखने का फैसला किया है। | नई दिल्ली: रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। उत्तर रेलवे ने लोकमान्य तिलक से लखनऊ के बीच 02107/02108 त्यौहार स्पेशल ट्रेन को आगे भी जारी रखने का फैसला किया है। इस ट्रेन को 6 फरवरी से 31 मार्च तक चलाया जाएगा। उत्तर रेलवे की तरफ से जारी सूचना के मुताबिक लोकमान्य तिलक टर्मिनस से लखनऊ के बीच चलनेवाली ट्रेन संख्या 02107 हफ्ते में तीन दिन (सोमवार, बुधवार और शनिवार) चलेगी और इसे 6 फरवरी से 31 मार्च तक चलाया जाएगा। पढ़ें: एटीएम से कैश निकालने जा रहे हैं तो एकदम अलर्ट रहिए, वरना.. आपके साथ भी हो सकता है ऐसा कुछ....वहीं लखनऊ से वापसी में लोकमान्य तिलक टर्मिनस ट्रेन संख्या 02108 हफ्ते में तीन दिन (मंगवार, गुरुवार और शनिवार) को चलेगी। यह ट्रेन07 फरवरी से 01 अप्रैल तक चलाई जाएगी। इस ट्रेन को विस्तार देने से मुंबई और लखनऊ के बीच सफर करनेवाले यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी।पढ़ें: किसानों की ट्रैक्टर रैली में हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार, जानिए कोर्ट ने क्या कहाआपको बता दें कि उत्तर रेलवे ने जहां राजधानी एक्सप्रेस की फ्रीक्वेंसी बढ़ा दी है वहीं स्पेशल ट्रेन को आगे भी अगले आदेश तक चलाते रहने का फैसला किया है। उत्तर रेलवे की तरफ से जारी सूचना के मुताबिक यात्रियों की सुविधा के लिए 02503/02504 नई दिल्ली-डिब्रुगढ़ राजधानी एक्सप्रेस को हफ्ते में पांच दिन चलाने का फैसला किया है। यह ट्रेन अबतक हफ्ते में एक ही दिन चलती थी। इस ट्रेन को हफ्ते में पांच दिन बढ़ा देने से इस रूट के यात्रियों को काफी सहूलियत होगी।पढ़ें: प्रियंका गांधी के काफिले की गाड़ियां आपस में टकराईं, हापुड़ रोड पर हुआ हादसारेलवे नियमित परिचालन के लिए हर तरह से तैयारसरकार ने बुधवार को कहा कि भारतीय रेलवे कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति पर गहन नजर रखे हुए है और नियमित रेलगाड़ी परिचालन बहाल करने के लिये हर प्रकार से तैयार है। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिये भारत सरकार द्वारा जारी मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार भारतीय रेलवे ने 23 मार्च 2020 से सभी नियमित यात्री गाड़ियों को रोक दिया था। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेशों के अनुपालन के क्रम में 1 मई 2020 से श्रमिक विशेष गाड़ियां चलाने के बाद 12 मई से राजधानी विशेष गाड़ियां और 1 जून 2020 से अन्य विशेष गाड़ियां चलायी गयीं। गाड़ियों की संख्या में चरणबद्ध तरीके से वृद्धि की गई थी। गोयल ने कहा कि भारतीय रेलवे कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति पर गहन नजर रखे हुए है और नियमित गाड़ी परिचालन बहाल करने के लिये हर प्रकार से तैयार है। |
hindi_2022_10826 | Alert: रेलवे का कई स्पेशल ट्रेन चलाने का किया ऐलान, देखें रुट और बुकिंग का तरीका | पूर्वोत्तर रेलवे ने गोरखपुर से पाटलिपुत्र और लखनऊ से चेन्नई जाने वाले यात्रियों के लिए ट्रेनें चलाने की घोषणा कर दी है। रेलवे के इस फैसले से यात्रियों ने राहत की सांस ली है। | नई दिल्ली: पूर्वोत्तर रेलवे ने गोरखपुर से पाटलिपुत्र और लखनऊ से चेन्नई जाने वाले यात्रियों के लिए ट्रेनें चलाने की घोषणा कर दी है। रेलवे के इस फैसले से यात्रियों ने राहत की सांस ली है। भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा 05080/05079 गोरखपुर-पाटलिपुत्र-गोरखपुर स्पेशल 13 जनवरी से 31 मार्च तक प्रत्येक सोमवार, बुधवार, शुक्रवार एवें रविवार को सप्ताह में पांच दिन चलाई जाएगी। यह जानकारी रेलवे प्रशासन ने दी है। आप ट्रेन की बुकिंग IRCTC की वेबसाइट (https://www.irctc.co.in/nget/train-search) पर जाकर कर सकते है। Image Source : @NERAILWAYGKPAlert: रेलवे ने 13 जनवरी से स्पेशल ट्रेन चलाने का लिया फैसलाचेन्नई सेन्ट्रल-लखनऊ जं द्विसाप्ताहिक स्पेशललखनऊ से चेन्नई जाने वाले यात्रियों के लिए रेल प्रशासन ने 06093 एमजीआर चेन्नई सेन्ट्रल-लखनऊ जं द्विसाप्ताहिक स्पेशल ट्रेन 12 से 30 जनवरी तक तथा 06094 लखनऊ जं.-एमजीआर चेन्नई सेंट्रल द्विसाप्ताहिक स्पेशल ट्रेन 14 से 1 फरवरी तक संचालित करने का फैसला लिया है। ट्रेन 06093 एमजीआर चेन्नई सेंट्रल-लखनऊ जं. द्विसाप्ताहिक स्पेशल ट्रेन 12 से 30 जनवारी तक प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को चेन्नई सेंट्रल से सुबह 5.15 बजे प्रस्थान कर लखनऊ जं. दूसरे दिन रात 8.20 बजे पहुंचेगी। वापसी में 06094 लखनऊ जं-एमजीआर चेन्नई सेंट्रल द्विसाप्ताहिक स्पेशल ट्रेन 14 जनवरी से 1 फरवरी तक प्रत्येक बृहस्पतिवार एवं सोमवार को लखनऊ जं से शाम 4.20 बजे पस्थान कर तीसरे दिन एमजीआर चेन्नई सेंट्रल सुबह 6.50 बजे पहुंचेगी। यह स्पेशल ट्रेन मार्ग में एमजीआर चेन्नई सेंट्रल, सुल्लुरपेटा, Nayadupetta, गुडूर, नेल्लोर, कवाली, Singaraykonda, ओंगोल, चिराला, बापतला, Nidubrolu, तेनाली, नया गुंटूर, विजयवाड़ा, Erupalem, खम्मम, Dornakal, Mahbubabad, Kesamudram, वारंगल, Jamikunta, Peddapali, रामगुंडम, Mancheral, Belampalli, सिरपुर कागजनगर, Balharashah, चंद्रपुर, सेवाग्राम, नागपुर, मुल्ताई, अमला, बेतुल, घोड़ाडोंगरी, इटारसी, भोपाल, बीना, Lalitpur, झांसी, उरई, कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशनों पर रुकेगी। |
hindi_2022_10827 | गुरुग्राम में सोहना रोड पर निर्माणाधीन पुल गिरा | सोहना रोड़ पर एक 6 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड फ्लाईओवर बनाया जा रहा है। इसी फ्लाईओवर का एक हिस्सा भरभरा कर गिरा है। | गुरुग्राम. दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में सोहना रोड़ पर एक निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिरा है। बता दें कि सोहना रोड़ पर एक 6 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड फ्लाईओवर बनाया जा रहा है। इसी फ्लाईओवर का एक हिस्सा भरभरा कर गिरा है। हालांकि, गनीमत की बात ये हैं कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की अभी तक कोई खबर नहीं है। इस वक्त गुरुग्राम पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है। |
hindi_2022_10828 | CBSE Class 12 Results: विशेषज्ञ बोले- कक्षा 12 में उच्च अंकों के चलते कॉलेज में दाखिला लेने में 'कठिनाई' संभव | सीबीएसई की 12वीं कक्षा के परिणाम में अब तक की सबसे अधिक उत्तीर्ण प्रतिशत ने शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों का ध्यान खींचा है और उनका कहना है कि उच्च स्कोर के चलते कॉलेज में दाखिला एक ''कठिन काम'' बन सकता है। | नयी दिल्ली। सीबीएसई की 12वीं कक्षा के परिणाम में अब तक की सबसे अधिक उत्तीर्ण प्रतिशत ने शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों का ध्यान खींचा है और उनका कहना है कि उच्च स्कोर के चलते कॉलेज में दाखिला एक ''कठिन काम'' बन सकता है। कुछ विशेषज्ञों ने रेखांकित किया कि कथित रूप से ''बढ़े'' हुए अंक राज्य बोर्ड के छात्रों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं, जिनके लिए कॉलेज में दाखिला लेने के अवसर और भी कम हो जाएंगे।केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शुक्रवार को इस साल के 12वीं कक्षा के नतीजे घोषित किये, जिसमें पहली बार सर्वाधिक 99.37 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए। इस बार भी लड़कियों ने लड़कों को पछाड़ा। लड़कों के मुकाबले 0.54 प्रतिशत अधिक लड़कियां उत्तीर्ण हुई। पिछले साल के उत्तीर्ण प्रतिशत 88.78 फीसदी के मुकाबले इस साल उत्तीर्ण प्रतिशत में 10 फीसदी की वृद्धि हुई है।मशहूर शिक्षाविद सुनीता गांधी ने कहा, '' स्कूलों को दिशा-निर्देश दिए गए कि वे पिछले वर्षों के मुकाबले करीब दो फीसदी तक अंकों में इजाफा कर सकते हैं। अगर ऐसा है तो 70,000 से अधिक छात्रों ने कैसे इस साल 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये? एक स्कूल का औसत 80 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है। यह विसंगति वास्तव में एक रहस्य है, जिसकी जांच संबंधित अधिकारियों को करने की आवश्यकता है।''उन्होंने कहा, '' उन स्कूलों का परिणाम इस साल बेहद खराब रहा जिन्होंने दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया। कई को मैं जानती हूं जिन्होंने दिशा-निर्देशों का पालन किया और वे दो फीसदी के दायरे में रहे। सीबीएसई द्वारा तय प्रक्रिया के बावजूद कई स्कूल कैसे इससे दूर रहे? इससे छात्रों में भी काफी निराशा है। इससे कॉलेज दाखिलों पर भारी प्रभाव पड़ेगा।'' इस बार 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या पिछले वर्ष के 38,686 के मुकाबले बढ़कर 70,004 हो गई है। हालांकि, 90-95 प्रतिशत के बीच अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या 1,57,934 से घटकर 1,50,152 रह गई है।सेठ आनंद राम जयपुरिया ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन शिशिर जयपुरिया का मानना है कि बेहतरीन परिणाम संकेत देते हैं कि कॉलेज में प्रवेश एक 'कठिन' कार्य होगा। डीपीएस इंदिरापुरम की प्रिंसिपल संगीता हजेला के अनुसार, 95 प्रतिशत और उससे अधिक अंक वाले वर्ग में छात्रों की संख्या लगभग दोगुनी होना निश्चित रूप से ध्यान देने योग्य है और 'कॉलेजों के लिए अपनी सीटों के बंटवारे पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।' |
hindi_2022_10829 | बीते सात दिनों में सामने आए कोविड-19 के कुल मामलों में से 50 प्रतिशत से ज्यादा केरल से | केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में बीते सात दिनों में सामने आए कोविड-19 के कुल मामलों में से आधे से ज्यादा केरल में मिले हैं। महामारी पर एक संयुक्त मीडिया ब्रीफिंग के दौरान एक अधिकारी ने कहा कि बीते दो हफ्तों में देश के नौ राज्यों के 37 जिलों में कोविड-19 के दैनिक नए मामलों की संख्या बढ़ रही है। | नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में बीते सात दिनों में सामने आए कोविड-19 के कुल मामलों में से आधे से ज्यादा केरल में मिले हैं। महामारी पर एक संयुक्त मीडिया ब्रीफिंग के दौरान एक अधिकारी ने कहा कि बीते दो हफ्तों में देश के नौ राज्यों के 37 जिलों में कोविड-19 के दैनिक नए मामलों की संख्या बढ़ रही है। इनमें केरल के 11 जिले और तमिलनाडु के सात जिले भी शामिल हैं। अधिकारी ने कहा कि देश भर में 11 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के 44 जिलों में साप्ताहिक संक्रमण दर 10 प्रतिशत से ज्यादा है। उन्होंने कहा कि भारत में बीते सात दिनों में सामने आए कोविड-19 संक्रमण के कुल मामलों में से 51.51 प्रतिशत केरल में दर्ज किए गए। केंद्र सरकार के मुताबिक पांच राज्यों- हिमाचल प्रदेश, पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश- में कोविड-19 के प्रसार को बताने वाली प्रजनन संख्या (आर-नंबर) एक से ज्यादा है। उसने कहा कि कुछ राज्यों में प्रजनन संख्या का बढ़ना चिंता का विषय है, यद्यपि देश में कोविड-19 के मामलों में स्थिरता आई है, महामारी नियंत्रण उपायों को लागू करने के महत्वपूर्ण कारण हैं। सरकार ने कहा कि नौ अगस्त तक सार्स-सीओवी-2 वायरस का डेल्टा प्लस वेरिएंट भारत में 86 नमूनों में पाया गया है, जिसमें से महाराष्ट्र में 34 नमूने शामिल हैं।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 147 दिन बाद एक दिन में कोविड-19 के सबसे कम 28,204 नए मामले सामने आए हैं। देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,19,98,158 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मामलों की संख्या 139 दिन बाद सबसे कम 3,88,508 हुई। इसके मुताबिक देश में संक्रमण से 373 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,28,682 हो गई है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_10830 | मीडिया द्वारा खबरों को साम्प्रदायिकता का रंग देने से देश की छवि खराब हो रही है: उच्चतम न्यायालय | गौरतलब है कि, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपनी याचिका में निजामुद्दीन स्थित मरकज में धार्मिक सभा से संबंधित ‘‘फर्जी खबरें’’ फैलाने से रोकने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने का केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। | नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोशल मीडिया मंचों और वेब पोर्टल्स पर फर्जी खबरों पर गुरुवार को गंभीर चिंता जतायी और कहा कि मीडिया के एक वर्ग में दिखायी जाने वाली खबरों में साम्प्रदायिकता का रंग होने से देश की छवि खराब हो रही है। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ फर्जी खबरों के प्रसारण पर रोक के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका सहित कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दाखिल की याचिकागौरतलब है कि, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपनी याचिका में निजामुद्दीन स्थित मरकज में धार्मिक सभा से संबंधित ‘‘फर्जी खबरें’’ फैलाने से रोकने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने का केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। पीठ ने कहा, ‘‘समस्या यह है कि इस देश में हर चीज मीडिया के एक वर्ग द्वारा साम्प्रदायिकता के पहलू से दिखायी जाती है। आखिरकार इससे देश की छवि खराब हो रही है। क्या आपने (केन्द्र) इन निजी चैनलों के नियमन की कभी कोशिश भी की है।’’सोशल मीडिया केवल ‘‘शक्तिशाली आवाजों’’ को सुनता है- उच्चतम न्यायालयउच्चतम न्यायालय सोशल मीडिया तथा वेब पोर्टल्स समेत ऑनलाइन सामग्री के नियमन के लिए हाल में लागू सूचना प्रौद्योगिकी नियमों की वैधता के खिलाफ विभिन्न उच्च न्यायालयों से लंबित याचिकाओं को सर्वोच्च अदालत में स्थानांतरित करने की केंद्र की याचिका पर छह हफ्ते बाद सुनवाई करने के लिए भी राजी हो गया। केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘‘न केवल साम्प्रदायिक बल्कि मनगढ़ंत खबरें भी हैं और वेब पोर्टल्स समेत ऑनलाइन सामग्री के नियमन के लिए आईटी नियम बनाए गए हैं।’’ उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया केवल ‘‘शक्तिशाली आवाजों’’ को सुनता है और न्यायाधीशों, संस्थानों के खिलाफ बिना किसी जवाबदेही के कई चीजें लिखी जाती हैं।कोई भी यूट्यूब पर चैनल शुरू कर सकता है- सीजेआई रमणसीजेआई रमण ने कहा, ‘‘मुझे यह नहीं पता चला कि ये सोशल मीडिया, ट्वीटर और फेसबुक आम लोगों को कहां जवाब देते हैं। वे कभी जवाब नहीं देते। कोई जवाबदेही नहीं है। वे खराब लिखते हैं और जवाब नहीं देते तथा कहते हैं कि यह उनका अधिकार है। वे केवल शक्तिशाली लोगों की परवाह करते हैं और न्यायाधीशों, संस्थानों या आम आदमी की नहीं, हमने यही देखा है। हमारा यही अनुभव है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वेब पोर्टल्स और यूट्यूब चैनलों पर फर्जी खबरों तथा छींटाकशीं पर कोई नियंत्रण नहीं है। अगर आप यूट्यूब देखेंगे तो पाएंगे कि कैसे फर्जी खबरें आसानी से प्रसारित की जा रही हैं और कोई भी यूट्यूब पर चैनल शुरू कर सकता है।’’ शीर्ष न्यायालय ने जमीयत को अपनी याचिका में संशोधन की अनुमति दीशीर्ष न्यायालय ने जमीयत को अपनी याचिका में संशोधन की अनुमति दी और उसे सॉलिसिटर जनरल के जरिए चार हफ्तों में केंद्र को देने को कहा जो उसके बाद दो सप्ताह में जवाब दे सकते हैं। सुनवाई शुरू होने पर मेहता ने याचिकाओं पर सुनवाई से दो हफ्तों का स्थगन मांगा। पिछले कुछ आदेशों का जिक्र करते हुए पीठ ने केंद्र से पूछा कि क्या उसने सोशल मीडिया पर ऐसी खबरों के लिए कोई नियामक आयोग गठित किया हे। एक मुस्लिम संगठन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने ऑनलाइन सोशल मीडिया के नियमन के लिए बनाए नए नियमों पर कानून अधिकारी की दलीलों से सहमति जतायी। पीठ ने मेहता की उस याचिका पर संज्ञान लिया कि कुछ उच्च न्यायालयों ने नए आईटी नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर निर्णय नहीं दिया है तथा इन्हें उच्चतम न्यायालय को स्थानांतरित किया जाए। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह याचिकाओं को स्थानांतरित करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर मौजूदा याचिकाओं के साथ सुनवाई करेगा। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने निजामुद्दीन स्थित मरकज में एक धार्मिक सभा से संबंधित ‘‘फर्जी खबरों’’ को फैलाने से रोकने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की है। जमीयत ने आरोप लगाया कि तबलीगी जमात की दुर्भाग्यपूर्ण घटना का इस्तेमाल पूरे मुस्लिम समुदाय को ‘‘बुरा दिखाने’’ तथा कसूरवार ठहराने के लिए किया जा रहा है तथा उसने मीडिया को ऐसी खबरें प्रकाशित/प्रसारित करने से रोकने का भी अनुरोध किया। |
hindi_2022_10831 | तमिलनाडु में पीएम ने पुलवामा के शहीदों को दी श्रद्धांजलि, जानिए भाषण की बड़ी बातें | पीएम मोदी ने कहा कि दो साल पहले पुलवामा हमला हुआ था। हम उस हमले में जान गंवाने वाले अपने सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं, हमें अपने सुरक्षा बलों पर गर्व है। उनकी बहादुरी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। | चेन्नई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तमिलनाडु में थे। यहां उन्होंने भारतीय सेना के अध्यक्ष जनरल एम.एम. नरवणे को अर्जुन मेन बैटल टैंक(एमके-1ए) सौंपा। यहां एक कार्यक्रम में संबोधन के दौरान उन्होंने दो साल पहले कश्मीर के पुलवामा में शहादत देने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि दो साल पहले पुलवामा हमला हुआ था। हम उस हमले में जान गंवाने वाले अपने सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं, हमें अपने सुरक्षा बलों पर गर्व है। उनकी बहादुरी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। आइए आपको बतातें हैं पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण की बड़ी बातें। |
hindi_2022_10832 | आ गई कोरोना टेस्टिंग की बहुत सस्ती किट, 15 मिनट में देगी रिपोर्ट | देश कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहा है। बड़ी संख्या में नए केस मिल रहे हैं। इसके लिए देश में बहुत बड़े स्तर पर कोरोना के टेस्ट हो रहे हैं। ऐसे में एक नई कोरोना टेस्ट किट (Rapid Antigen Test Kit) विकसित की गई है, जिसकी कीमत काफी कम है। | नई दिल्ली: देश कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहा है। बड़ी संख्या में नए केस मिल रहे हैं। इसके लिए देश में बहुत बड़े स्तर पर कोरोना के टेस्ट हो रहे हैं। ऐसे में एक नई कोरोना टेस्ट किट (Rapid Antigen Test Kit) विकसित की गई है, जिसकी कीमत काफी कम है। इसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत डीएसटी की मदद से मुंबई की स्टार्टअप पतंजलि फार्मा ने तैयार किया है। पतंजलि फार्मा द्वारा बनाई गई यह जांच किट गोल्ड स्टेंडर्ड आरटीपीसीआर (RT-PCR Test Kit) और वर्तमान में मौजूद रैपिड एंटीजन टेस्ट किट का विकल्प साबित हो सकती है। इस किट को तैयार करने में आईआईटी, बॉम्बे ने भी मदद की है। इस किट से टेस्ट का खर्च महज 100 रुपये आता है। सिर्फ इतना ही नहीं, इसकी रिपोर्ट भी 10 से 15 मिनट में मिल जाती है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की एक पहल सेंटर फॉर ऑगमेंटिंग वॉर विद कोविड-19 हेल्थ क्राइसिस (सीएडब्ल्यूएसीएच) ने जुलाई, 2020 में कोविड-19 रैपिड निदान विकसित करने के लिए स्टार्टअप का समर्थन किया था। पतंजलि फार्मा के निदेशक डॉ विनय सैनी ने बताया कि एसआईएनई, आईआईटी बंबई के साथ स्टार्टअप को इनक्यूबेट किया और 8-9 महीनों के भीतर अनुसंधान और विकास प्रयोगशालाओं के साथ-साथ उत्पादों को विकसित किया। उन्होंने आवश्यक लाइसेंस के लिए आवेदन किया और विभिन्न कोविड केंद्रों में उत्पादों का मूल्यांकन और सत्यापन किया ताकि उनकी प्रभावकारिता को जानने और उसमें और सुधार किया जा सके।डॉ विनय सैनी ने उत्पाद के विकास की यात्रा के बारे में बोलते हुए कहा, "कोविड-19 रोगियों और वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम (वीटीएम) के नमूनों में हमारे उत्पादों का आंतरिक सत्यापन करना एक अद्भुत अनुभव था, जिसमें कोविड रोगियों के नासोफेरींजल स्वैब शामिल थे। मैं अपनी टीम के सदस्यों के साथ मुंबई में विभिन्न कोविड केंद्रों पर विकसित उत्पादों के कई मूल्यांकन के लिए उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए उनके साथ मौजूद था।"स्टार्टअप ने जून, 2021 की शुरूआत में तेजी से कोविड-19 एंटीजन परीक्षण शुरू करने की योजना बनाई है। रैपिड कोविड-19 परीक्षण (10 से 15 मिनट) ग्रामीण क्षेत्रों, डॉक्टर के क्लीनिक और ऐसे क्षेत्र जहां पैथोलॉजी और डायग्नोस्टिक लैब उपलब्ध नहीं हैं, ऐसे संसाधन में कोविड -19 के शीघ्र निदान के लिए सहायक होंगे। यह परीक्षण किट सस्ती है और महामारी को नियंत्रित करने में मददगार होगी।वर्तमान में, वे रैपिड कोविड -19 एंटीबॉडी परीक्षण, डीएसटी सीड ग्रांट और ब्रिक्स देशों के साथ रैपिड टीबी टेस्ट, कोविड-19 इग्निशन ग्रांट के माध्यम से सीआरआईएसपीआर आधारित कोविड 19 परीक्षण- फ्लोरिडा विश्वविद्यालय, यूएसए के साथ आईयूएसएसटीएफ के तहत इंडो यूएस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।(इनपुट- IANS) |
hindi_2022_10833 | गोरखनाथ मंदिर पर हमले की जांच अब NIA पर निर्भर, बोले ADG प्रशांत कुमार | उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को कहा कि जहां तक गोरखनाथ मंदिर हमले की घटना की जांच का सवाल है, तो उसके स्तर पर ‘‘कुछ भी लंबित नहीं है’’ और अब यह मामला राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) पर निर्भर है। | लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को कहा कि जहां तक गोरखनाथ मंदिर हमले की घटना की जांच का सवाल है, तो उसके स्तर पर ‘‘कुछ भी लंबित नहीं है’’ और अब यह मामला राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) पर निर्भर है। नाथ संप्रदाय की सर्वोच्च पीठ गोरक्षनाथ मंदिर में हमले के मामले में पूछे जाने पर अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, ‘‘हमारी ओर से कुछ भी लंबित नहीं है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या एनआईए जांच अपने हाथ में लेगी, उन्होंने कहा, ‘‘यह उन पर (एनआईए) निर्भर है कि वह जांच अपने हाथ में लें। हमारी ओर से कुछ भी लंबित नहीं है। एनआईए को इस संबंध में निर्णय लेना है।’’ गौरतलब है कि गोरखनाथ मंदिर में तीन अप्रैल की शाम आईआईटी स्नातक अहमद मुर्तजा अब्बासी ने मंदिर परिसर में जबरन घुसने की कोशिश की और सुरक्षाकर्मियों पर धारदार हथियार से हमला किया था, जिससे प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) के दो आरक्षी (कांस्टेबल) घायल हो गए थे। सुरक्षाकर्मियों ने उसे जल्द ही काबू में कर गिरफ्तार कर लिया था। गोरखनाथ मंदिर हमला मामले में शनिवार को आरोपी अब्बासी के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) लगाया गया। मामले की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने शनिवार को आरोपी अब्बासी को गोरखपुर में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) की अदालत में पेश किया था और अदालत ने अब्बासी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं। योगी अक्सर मंदिर में आते जाते रहते हैं। |
hindi_2022_10834 | अल्लाह हू अकबर क्यों कहा? रोज 400 लोग फोन करके पूछ रहे हैं यही सवाल: राकेश टिकैत | इस बीच पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों की राज्य सरकार के साथ बातचीत फिर विफल हो गई है। इन किसानों का कहना है कि राज्य सरकार के साथ उनकी बातचीत लगातार दूसरे दिन बेनतीजा रही है और वे करनाल में लंबा प्रदर्शन कर सकते हैं। | नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए थे जिसके बाद से उनके पास रोजाना फोन आ रहे हैं। इंडिया टीवी से बात करते हुए राकेश टिकैत सवाल किया कि क्या अल्लाह हू अकबर कहना या हर हर महादेव कहना देश में प्रतिबंधित हैं? उन्होंने बताया कि पिछले 4-5 दिन से लोग फोन कर उन्हें गाली दे रहे हैं।इंडिया टीवी से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा, "अल्लाह हू अकबर कहना या हर हर महादेव कहना क्या देश में प्रतिबंधित हैं। जो लोग हमारे बयान कि क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं, उन्होंने हमारे फोन नंबर सोशल मीडिया पर डाल रखे हैं और बोल रखा है कि नंबर राकेश टिकैत का है और उसको यही शब्द कहो। पिछले 4-5 दिन से वे लोग गाली देते हैं हमको।"उन्होंने आगे कहा, "फोन पर वे लोग गाली देते हैं और कहते हैं कि आपने अल्लाह हू अकबर क्यों कहा हर हर महादेव क्यों कहा। देश में जब टिकैत साबह थे उस समय भी यह नारे लगते थे। अगर हमने ऊपर से हर हर महादेव कहा तो सामने वाली भीड़ अल्लाह हू अकबर कहती थी और हमने अल्लाह हू अकबर कहा तो भीड़ हर हर महादेव कहती थी।"इस बीच पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों की राज्य सरकार के साथ बातचीत फिर विफल हो गई है। इन किसानों का कहना है कि राज्य सरकार के साथ उनकी बातचीत लगातार दूसरे दिन बेनतीजा रही है और वे करनाल में लंबा प्रदर्शन कर सकते हैं।राकेश टिकैत ने कहा, "हम सिंघु और टिकरी बॉर्डर की तरह यहां स्थायी तौर पर प्रदर्शन कर सकते हैं।" टिकैत ने बताया कि हमारी आज प्रशासन के साथ 3 घंटे मीटिंग हुई। सरकार SDM आयुष सिन्हा पर कोई भी कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है, ऐसे में हमने तय किया है कि हमारा धरना प्रदर्शन जारी रहेगा, हमारा धरना स्थल यही रहेगा। हम चाहते हैं कि अधिकारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई हो।ये भी पढ़ें |
hindi_2022_10835 | कोविड से अनाथ हुए बच्चों और विधवा महिलाओं के लिए योगी सरकार का बड़ा ऐलान | सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार ने कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए हर महीने चार हजार रुपये की मदद देने वाली योजना की शुरुआत की है। | लखनऊ. कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश में बड़ा तांडव मचाया था। इस दौरान 2.5 लाख से ज्यादा लोगों की कोरोना के कारण मौत हुई। उत्तर प्रदेश में भी कोरोना ने कई बच्चों के मां-बाप छीन लिए और वो अनाथ हो गए। अब यूपी की योगी सरकार ने ऐसे बच्चों के लिए बड़ा ऐलान किया है।सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार ने कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए हर महीने चार हजार रुपये की मदद देने वाली योजना की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा ये बच्चों को मदद के दौर पर दिया जाने वाला पैसा उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा। सरकार ऐसे बच्चों की शिक्षा के लिए भी काम कर रही है।उन्होंने ये भी जानकारी दी कि यूपी सरकार कोरोना के कारण विधवा हुई महिलाओं की बेहतरी के लिए भी काम कर रही है। उन्होंने बताया कि ऐसी महिलाओं को पेंशन देने के लिए कैंप लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि कोविड के कारण विधवा हुई महिलाओं को पेंशन दिए जाने के अलावा उनके कौशल के आधार पर उन्हें रोजगार भी दिया जाएगा। ये उन्हें आत्म निर्भर बनने में मदद करेगा। सीएम योगी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और यूपी सरकार ऐसे लोगों के साथ खड़ी है। |
hindi_2022_10836 | अन्नदाता दिल्ली की सीमाओं पर काले कानून खत्म करने की गुहार लगा रहे हैं: कांग्रेस | कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस ने फैसला किया है कि किसानों के समर्थन में 15 जनवरी को हर प्रांतीय हेडक्वार्टर पर कांग्रेस पार्टी किसान अधिकार दिवस के रूप में एक जनआंदोलन तैयार करेगी, धरना प्रदर्शन और रैली के बाद राजभवन तक मार्च करेंगे। | नई दिल्ली: कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस ने फैसला किया है कि किसानों के समर्थन में 15 जनवरी को हर प्रांतीय हेडक्वार्टर पर कांग्रेस पार्टी किसान अधिकार दिवस के रूप में एक जनआंदोलन तैयार करेगी, धरना प्रदर्शन और रैली के बाद राजभवन तक मार्च करेंगे। रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि लाखों अन्नदाता 40 दिन से अधिक से दिल्ली की सीमाओं पर काले कानून खत्म करने की गुहार लगा रहे हैं, हाड़ कंपाती सर्दी, बारिश, ओलों में 60 से अधिक अन्नदाता ने दम तोड़ दिया। PM के मुंह से देश पर कुर्बान होने वाले उन किसानों के लिए सात्वंना का एक शब्द भी नहीं निकला। Image Source : @RSSURJEWALAअन्नदाता दिल्ली की सीमाओं पर काले कानून खत्म करने की गुहार लगा रहे हैं: कांग्रेसकिसानों को ‘तारीख पे तारीख’ देना सरकार की रणनीति: राहुल गांधीइससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान संगठनों और सरकार के बीच आठवे दौर की बातचीत के भी बेनतीजा रहने के बाद शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुएर आरोप लगाया था कि ‘तारीख पे तारीख देना’ उसकी रणनीति है। उन्होने ट्वीट कर कहा था, ‘‘नीयत साफ़ नहीं है जिनकी, तारीख़ पे तारीख़ देना स्ट्रैटेजी है उनकी!’’ गौरतलब है कि सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच तीन कृषि कानूनों को लेकर शुक्रवार को आठवें दौर की वार्ता बेनतीजा रही। तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े किसान नेताओं ने शुक्रवार को सरकार से दो टूक कहा था कि उनकी ‘‘घर वापसी’’ तभी होगी जब वह इन कानूनों को वापस लेगी। सरकार ने कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करने की मांग खारिज करते हुए इसके विवादास्पद बिन्दुओं तक चर्चा सीमित रखने पर जोर दिया। किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाए। अपनी मांगों को लेकर हजारों किसान दिल्ली के निकट पिछले करीब 40 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार का कहना है कि ये कानून कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के कदम हैं और इनसे खेती से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी तथा किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकते हैं। |
hindi_2022_10837 | Hathras: भीम आर्मी का सीएम योगी पर बड़ा हमला, चंद्रशेखर ने कह दी बड़ी बात | दलित कार्यकर्ता, 19 वर्षीय हाथरस मामले की पीड़िता के परिवार के साथ उसके घर जा रहे थे लेकिन बीच रास्ते में ही उन्हें रोक दिया गया। | सहारनपुर. आजाद समाज पार्टी के प्रमुख और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने उत्तर प्रदेश में दलितों के विरुद्ध अपराधों को लेकर संवैधानिक मशीनरी के विफल होने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। आजाद ने कहा कि स्थानीय पुलिस के आदेश पर उन्हें यहां उनके घर पर नजरबंद कर दिया गया है और उन्होंने ‘धरना’ शुरू किया है।दलित कार्यकर्ता, 19 वर्षीय हाथरस मामले की पीड़िता के परिवार के साथ उसके घर जा रहे थे लेकिन बीच रास्ते में ही उन्हें रोक दिया गया। मंगलवार को इस युवती की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गयी। करीब एक पखवाड़े पहले उत्तर प्रदेश के हाथरस में उसके साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया था।आजाद समाज पार्टी के पदाधिकारियों के अनुसार, आजाद को अगली शाम सहारनपुर उनके घर लाया गया और घर पर नजरबंद कर दिया गया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ मैं अपने घर पर ही धरने पर बैठा हूं, अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में दलितों के साथ अन्याय किया जा रहा है। अब तक अपराधियों को संरक्षण देने वाले एवं अमानवीय कृत्य करने वाले हाथरस के झूठे जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को हटाया नहीं गया है। ऐसे लोगों से न्याय की उम्मीद कैसे की जा सकती है?’’उन्होंने लिखा, ‘‘ हाथरस, आजमगढ़, बुलंदशहर,मेरठ, बलरामपुर उत्तर प्रदेश का हर जिला दुष्कर्म के नाम से शर्मसार हो रहा है। संवैधानिक मशीनरी पूर्णतः फेल है। योगी आदित्यनाथ से सरकार नहीं संभाली जा रही। राष्ट्रपति महोदय प्रदेश में जल्द से जल्द राष्ट्रपति शासन की घोषणा करें।’’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हाथरस में सरकारी कर्मी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार जिले में प्रशासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को हटाए। |
hindi_2022_10838 | सरकार संसद में लाएगी एंटी ट्रैफिकिंग बिल, हर जिले में बनाया जाएगा एंटी ट्रैफिकिंग यूनिट- स्मृति ईरानी | स्मृति ईरानी ने बच्चों और महिलाओं की ट्रैफिकिंग पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, “वह बच्चों और महिलाओं की ट्रैफिकिंग को लेकर संवेदनशील हैं और इस दिशा में कानून बनाने के लिए प्रयासरत हैं। भारत सरकार संसद में एंटी ट्रैफिकिंग बिल लाएगी।” | नई दिल्ली. कोरोना महमारी की वजह से बच्चों पर मड़राते वैश्विक संकट पर चर्चा के लिए आयोजित दो दिवसीय लॉरियेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन समिट को संबोधित करते हुए भारत की महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबीन ईरानी ने देश के बच्चों के प्रति अपनी संवेदनशीलता और बाल अधिकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में आयोजित इस सम्मेलन में उन्होंने नोबेल विजेताओं और वैश्विक नोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार बच्चों के हितों को प्राथमिकता देती है।स्मृति ईरानी ने बच्चों और महिलाओं की ट्रैफिकिंग पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, “वह बच्चों और महिलाओं की ट्रैफिकिंग को लेकर संवेदनशील हैं और इस दिशा में कानून बनाने के लिए प्रयासरत हैं। भारत सरकार संसद में एंटी ट्रैफिकिंग बिल लाएगी।” स्मृति जुबीन ईरानी ने आगे कहा, “कोविड से पहले बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए उनकी सरकार ने कठोर कानून बनाया। इस कानून के तहत चाइल्ड पार्नोग्राफी का उपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई पर खास ध्यान दिया गया है। अब भारत सरकार बच्चों को कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिल कर हर संभव प्रयास कर रही है। ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए हर जिले में एंटी ट्रैफिकिंग यूनिट बनाया जा रहा है।”उन्होंने कहा, “बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के प्रति वह गंभीर हैं और उद्योगों की सप्लाई-चेन यानी आपूर्ति श्रृंखला बालश्रम मुक्त हो, इस दिशा में सरकार काम कर रही है। लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 से प्रभावित बच्चों का चिंता भारत सरकार को है और वह उनकी हर संभव मदद कर रही है।” |
hindi_2022_10839 | पीएम मोदी ने किसानों से कृषि मंत्री का पत्र पढ़ने का किया आग्रह, देशवासियों से की ये अपील | कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच किसानों के नाम केंद्रीय कृषि मंत्री के लिखे पत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। | नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच किसानों के नाम केंद्रीय कृषि मंत्री के लिखे पत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा है कि 'कृषि मंत्री जी ने किसान भाई-बहनों को पत्र लिखकर अपनी भावनाएं प्रकट की हैं, एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है। सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें। देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।'बता दें कि, कृषि कानूनों को लेकर 22 दिन से जारी किसान आंदोलन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को किसानों के नाम एक खुला पत्र लिखा है। कृषि मंत्री ने 8 पन्नों के अपने पत्र में केंद्र के नए कृषि कानूनों की खूबियां गिनाई हैं। अपने पत्र में कृष मंत्री ने दोहराया है कि सरकार एमएसपी पर लिखित गारंटी देने को तैयार है, साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ किसान संगठनों में कृषि कानूनों को लेकर भ्रम पैदा किया गया है।किसानों के नाम अपने 8 पन्ने के पत्र में तोमर ने कहा है कि सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के मंत्र पर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने बिना किसी भेदभाव सभी का हित करने का प्रयास किया। पिछले छह वर्षों का इतिहास इसका साक्षी है। तोमर ने कहा कि सरकार एमएसपी पर लिखित में आश्वासन देने को तैयार है। उन्होंने एक बार फिर साफ किया कि एमएसपी जारी है और जारी रहेगी। बता दें कि, केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ कई किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर 22 दिन से डटे हुए हैं। किसानों की मांग है कि इन कानूनों को रद्द कर दिए जाए। किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई भी नतीजा नहीं निकल सका है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_10840 | Kisan Andolan: क्या चुनाव लड़ेंगे राकेश टिकैत? इंडिया टीवी से कही ये बात | राकेश टिकैत ने इंडिया टीवी की संवाददाता अर्चना सिंह से बात करते हुए कहा कि वो अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि वो संसद नहीं जाएंगे बल्कि सड़क पर लड़कर ही किसान संगठनों के लिए कानून बनवाएंगे। इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल पर भी बात की। राकेश टिकैत ने कहा कि वो बंगाल भी जाएंगे और राज्य व केंद्र सरकार दोनों से वहां के किसानों के मसले पर सवाल करेंगे। | नई दिल्ली. देश की राजधानी नई दिल्ली की सीमाओं पर किसान संगठनों का आंदोलन जारी है। गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत कर रहे हैं। 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद ये आंदोलन लगभग समाप्त हो चुका था, लेकिन राकेश टिकैत ने इसमें एकबार फिर से जान फूंक दी। राकेश टिकैत के बहाने अब कई सियासी दल अपनी खोई हुई सियासी जमीन तलाशने में लगे हैं। कई लोग कयास लगा रहे हैं कि वो सियासत में एकबार फिर से किस्मत आजमा सकते हैं लेकिन राकेश टिकैत ने ऐसी किसी भी संभावना से इंकार किया है।पढ़ें- Kisan Andolan: जाटों को लेकर BJP चिंतित! समझाने के लिए झोंकेगी पूरी ताकत, बनाया ये प्लानराकेश टिकैत ने इंडिया टीवी की संवाददाता अर्चना सिंह से बात करते हुए कहा कि वो अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि वो संसद नहीं जाएंगे बल्कि सड़क पर लड़कर ही किसान संगठनों के लिए कानून बनवाएंगे। इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल पर भी बात की। राकेश टिकैत ने कहा कि वो बंगाल भी जाएंगे और राज्य व केंद्र सरकार दोनों से वहां के किसानों के मसले पर सवाल करेंगे।पढ़ें- कुएं में गिर गया था सांप, फिर लोगों ने किया ऐसा काम, जिसे देखकर आप कहेंगे- 'इंसानियत अभी जिंदा है'सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक अपनी बात पहुंचाएंगे किसान संगठनकृषि कानून को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर पिछले 80 दिनों से ज्यादा समय से किसानों का प्रदर्शन जारी है, ऐसे में तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में बॉर्डर खाली होने की खबर पर किसानों में आक्रोश नजर आने लगा है, वहीं किसानों ने अब अपनी अगली रणनीति के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की रणनीति बनाई है। गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा, "हम समूचे मीडिया से गुस्सा नहीं हैं, लेकिन मीडिया का एक वर्ग लगातार भ्रामक और झूठी खबरें फैला रहा है।"नई दिल्ली. देश की राजधानी नई दिल्ली की सीमाओं पर किसान संगठनों का आंदोलन जारी है। गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत कर रहे हैं। 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद ये आंदोलन लगभग समाप्त हो चुका था, लेकिन राकेश टिकैत ने इसमें एकबार फिर से जान फूंक दी। राकेश टिकैत के बहाने अब कई सियासी दल अपनी खोई हुई सियासी जमीन तलाशने में लगे हैं। कई लोग कयास लगा रहे हैं कि वो सियासत में एकबार फिर से किस्मत आजमा सकते हैं लेकिन राकेश टिकैत ने ऐसी किसी भी संभावना से इंकार किया है।पढ़ें- Kisan Andolan: जाटों को लेकर BJP चिंतित! समझाने के लिए झोंकेगी पूरी ताकत, बनाया ये प्लानराकेश टिकैत ने इंडिया टीवी की संवाददाता अर्चना सिंह से बात करते हुए कहा कि वो अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि वो संसद नहीं जाएंगे बल्कि सड़क पर लड़कर ही किसान संगठनों के लिए कानून बनवाएंगे। इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल पर भी बात की। राकेश टिकैत ने कहा कि वो बंगाल भी जाएंगे और राज्य व केंद्र सरकार दोनों से वहां के किसानों के मसले पर सवाल करेंगे।पढ़ें- कुएं में गिर गया था सांप, फिर लोगों ने किया ऐसा काम, जिसे देखकर आप कहेंगे- 'इंसानियत अभी जिंदा है'सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक अपनी बात पहुंचाएंगे किसान संगठनपढ़ें- खुशखबरी! भारतीय रेलवे 22 फरवरी से चलाने जा रहा है 35 नई unreserved special trains, ये रही लिस्टउन्होंने कहा- किसानों के बेटों को एक्टिव किया जा रहा है, जो किसान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नहीं है, उनकी आईडी बनाकर उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद वह रोज बॉर्डर से कृषि विषयों पर पोस्ट करेंगे और यहां की सच्चाई कोने-कोने तक पहुंचाएंगे। उन्होंने आगे कहा, हाल ही में जो बॉर्डर खाली होने की खबरें चलाई गई हैं, उसके बाद हम लोगों ने ये रणनीति बनाई है। हमारी लड़ाई अब सिर्फ सरकार से ही नहीं, बल्कि उन लोगों से भी है जो इस आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। सोशल मीडिया के इस जमाने में कुछ भी छिपता नहीं है, फिर भी ये अपनी आदत से लाचार हैं या उन्हें सरकार के तरफदार होने का सबूत पेश करने की मजबूरी रहती है।पढ़ें- तस्वीरें: लद्दाख में पैंगोंग झील के पास से वापस लौटते चीन के सैनिक |
hindi_2022_10841 | कौन थे केशुभाई पटेल? दो बार गुजरात के सीएम रहे लेकिन कभी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए | केशुभाई पटेल का जन्म 24 जुलाई 1928 में हुआ था। वह गुजरात की राजनीति का एक बड़ा नाम थे। वह राजनीतिक रूप से सक्रिय उस पटेल समुदाय से आते थे जो गुजरात की सियासत और सरकार गठन में हमेशा ही बड़ा रोल निभाता रहा है। | गांधीनगर: केशुभाई पटेल का जन्म 24 जुलाई 1928 में हुआ था। वह गुजरात की राजनीति का एक बड़ा नाम थे। वह राजनीतिक रूप से सक्रिय उस पटेल समुदाय से आते थे जो गुजरात की सियासत और सरकार गठन में हमेशा ही बड़ा रोल निभाता रहा है। केशुभाई 1980 से वर्ष 2012 तक भारतीय जनता पार्टी के सदस्य रहे थे और भाजपा से ही गुजरात के दो बार मुख्यमंत्री भी रहे। हालांकि, 2012 में उन्होंने भाजपा से रिश्ता तोड़ा और गुजरात परिवर्तन पार्टी का गठन कर अपनी ही राह पर निकल पड़े थे। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में केशुभाई पटेल का पहला कार्यकाल 14 मार्च 1995 से 21 अक्टूबर 1995 तक था। करीब सात महीने सीएम की कुर्सी पर रहने के बाद यह कुर्सी उनसे छिन गई और फिर गुजरात का मुख्यमंत्री सुरेश चंद्र मेहता को बनाया गया। लेकिन, अभी केशुभाई पटेल को एक और बार गुजरात का मुख्यमंत्री बनना था। वह दूसरी बार 4 मार्च 1998 को गुजरात के मुख्यमंत्री बनाए गए और सीएम के रूप में इस बार उनका कार्यकाल 6 अक्टूबर 2001 तक चला।फिर जब 2001 में गुजरात के अंदर भाजपा को दो उपचुनावों में करारी हार मिली तो मुख्यमंत्री के रूप काम कर रहे केशुभाई पटेल की कुर्सी फिर हिली और तब नरेंद्र मोदी (मौजूदा प्रधानमंत्री) को गुजरात का मुख्यमंत्री बना दिया गया। तब मोदी के गुजरात को मुख्यमंत्री बनने से केशुभाई नाराज हुए और उन्होंने इसका जमकर विरोध भी किया। वह विद्रोह पर उतर आए थे। हालांकि, इसके बाद भी वह लंबे वक्त तक भाजपा के साथ जुड़े रहे।माना जाता है कि 2007 के गुजरात चुनावों में केशुभाई पटेल ने भाजपा के विरोध में पटेल समुदाय को वोट करने की अपील की थी। लेकिन, उनकी अपील फेल साबित और पटेल बहुल सौराष्ट्र में भाजपा को पहले से भी अधिक बड़ी सफलता मिली। तब केशुभाई पटेल को अपनी राजनीतिक हार का अहसास हुआ। यह साफ संकेट था कि पटेल समुदाय के बीच उनका जनधार घट रहा है। भाजपा ने उन्हें पार्टी विरोधी क्रियाकलापों के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था।2012 में उन्होंने भाजपा से अलग होकर गुजरात परिवर्तन पार्टी का गठन किया लेकिन जब चुनावों में उनका पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा तो 2014 में उन्होंने अपना पार्टी का विलय भाजपा में कर दिया। राज्यसभा सदस्य भी रह चुके केशुभाई पटेल अब दुनिया में नहीं है। हार्ट अटैक के बाद उन्हें अहमदाबाद के स्टर्लिगं अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई, वे 92 वर्ष के थे। |
hindi_2022_10842 | Climate Change: फरवरी 2022 रहा 5वां सबसे गर्म, 2021 पांचवां सबसे गर्म साल, पढ़िए चौंकाने वाली रिपोर्ट | गर्मी अपने शुरुआती दौर में ही डराने लगी है। दुनिया की कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि हर नए साल के साथ दुनिया का तापमान बढ़ रहा है। साल 2022 का फरवरी माह अब तक का पांचवा सबसे गर्म फरवरी का महीना रहा। वहीं 2021 रिकॉर्ड 5वां सबसे गर्म साल था। | Climate Change: मार्च माह में ही जिस तरह से देश में प्रचंड गर्मी का आगाज हुआ, उससे हर कोई डर रहा है कि अभी पूरा गर्मी का मौसम बाकी है, तो आगे क्या होगा। दुनिया की कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि हर नए साल के साथ दुनिया का तापमान बढ़ रहा है। दुनिया की बात करें तो आंकड़े चौंकाने वाले हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 का फरवरी माह दुनिया का अब तक का पांचवा सबसे गर्म फरवरी का महीना रहा। वहीं कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस के अनुसार 2021 रिकॉर्ड 5वां सबसे गर्म वर्ष था। पढ़िए बढ़ते तापमान और उससे उपजने वाली चुनौतियों पर एक्सक्लूसिव रिपोर्ट।आमतौर पर तापमान होली के बाद से धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो जाता है। लेकिन इस बार हालात बदले हुए नजर आए। मार्च का महीने में हीट वेव यानी लू चलने की भविष्यवाणी तो पहले ही की जा चुकी थी। दरअसल, पिछले पांच सालों से ग्लोबल वार्मिंग के चलते गर्म होती धरती का तापमान बढ़ता ही जा रहा है, जिसका एक और सबूत एक बार फिर इस साल की शुरुआत में ही फिर से सामने आया है।नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) ने मार्च में जारी अपनी रिपोर्ट में बताया कि फरवरी 2022 का महीना इतिहास का पांचवा सबसे गर्म फरवरी का महीना था। इस वर्ष फरवरी 2022 का औसत तापमान 20वीं सदी के औसत तापमान से 0.81 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था, जबकि फरवरी 2016 में तापमान 1.26 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया था। यदि इतिहास के 10 सबसे गर्म फरवरी के महीनों को देखें तो उनमें से आठ तो पिछले दशक में ही सामने आए हैं। इससे पहले फरवरी 2020 में तापमान 1.16 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था, जबकि फरवरी 2017 में 1.02, फरवरी 2015 में 0.87, फरवरी 1998 में 0.87 और फरवरी 2019 में 0.85 डिग्री सामान्य से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया था।उत्तराखंड और हिमाचल में मार्च में सामान्य से 7 से 8 डिग्री अधिक तापमान दर्ज किया गया है। 20 मार्च के बाद गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, विदर्भ और तेलंगाना में 39-41 डिग्री तक तापमान रिकॉर्ड किया गया। पर्यावरणविद डॉ. सीमा जावेद बताती हैं कि गर्मी और उमस मानव सहनशीलता की सीमा के पार हो गई है। वैश्विक स्तर पर वर्ष 2021 पांचवा सबसे गर्म साल रहा, मगर यह 2015 और 2018 के मुकाबले कुछ ही ज्यादा गर्म था, लेकिन इस साल 2022 इसको मात कर देगा और यह अनुमान है कि गर्मी सहनशीलता की हद पार कर जायेगी। दिल्ली , बिहार- पटना, लखनऊ , हैदराबाद में जलवायु परिवर्तन के चलते गर्मी में असहनीय तपिश, जानलेवा गर्मी जैसी चरम मौसमी स्थितियां बन चुकी हैं।जलवायु परिवर्तन पर पर संयुक्त राष्ट्र के इंटर गवर्मेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की ताज़ा रिपोर्ट में खासकर भारत के लिए कई चिंताएं सामने आई हैं। रिपोर्ट की मानें तो भारत एक ऐसा देश है जो आर्थिक रूप से जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित है। भारत को सदी के अंत तक 45-50 मिलियन लोग जोखिम में होंगे। रिपोर्ट में साफ़ कहा गया है कि भारत उन स्थानों में से है जहां आने वाले निकट भविष्य में गर्मी और उमस मानव सहनशीलता की सीमा को पार कर जाएगी। और वह तपिश की असहनीय परिस्थितियों का अनुभव करेगा। 1. औद्योगिक क्रांति के बाद से विकास की अंधी दौड़ में सवार होकर दुनिया में इक्कीसवीं सदी तक बेहिसाब ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन किया गया। नतीजतन पृथ्वी की सतह के तापमान को बढ़ाते हुए ग्लोबल वार्मिंग को जन्म दिया। 2. औद्योगिक क्रांति के पहले का तापमान प्री इंडस्ट्रियल स्तर (1850-1900) औसत वैश्विक तापमान को दर्शाता है। 1880 के बाद से औसत वैश्विक तापमान में लगभग एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। 3. पिछले 30 वर्षों (1991 से 2020) के दौरान दर्ज तापमान प्री इंडस्ट्रियल स्तर से करीब 0.9 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। 4. लैंसेट काउंटडाउन 2021 की रिपोर्ट के अनुसार कि इस सदी के अंत तक दुनिया में तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 2.7-3.1 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाने के रास्ते पर है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के एक विश्लेषण के मुताबिक साल 2021 में ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ा कार्बन इमीशन 6% बढ़ गया। इससे भी तापमान में बढ़ोतरी हुई।कई पर्यावरणविदों की राय है कि यदि समय रहते धरती के बढ़ते तापमान पर काबू नहीं पाया, तो तापमान बढ़ने से ध्रुवों की बर्फ पिघलने लगेगी। इसका नतीजा यह होगा कि दुनिया के कई तटीय शहर और तटीय देशों के बहुत बड़े इलाके जलमग्न हो जाएंगे। |