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Rajat Sharma’s Blog: हॉकी में ब्रॉन्ज से चूकने वाली बेटियों को पीएम मोदी ने कैसे दिया दिलासा
किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि कोई प्रधानमंत्री खिलाड़ियों की इतनी परवाह करेगा। सबसे बड़ी बात ये है कि हारी हुई टीम से कौन बात करता है? ये बदले हुए भारत की तस्वीर है जहां हार-जीत का नहीं, प्रतिभा का सम्मान किया जाता है।
इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर लोगों ने शुक्रवार को पीएम मोदी का एक ऐसा जेस्चर देखा जिसकी उम्मीद एक स्टेटसमैन से की जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस जेस्चर से पता चलता है कि वह वास्तव में बाकी लोगों से अलग हैं। टोक्यो ओलंपिक में भारत और ब्रिटेन के बीच महिला हॉकी में ब्रॉन्ज मेडल के लिए मुकाबला हो रहा था। पूरे देश को लड़कियों से ब्रॉन्ज मेडल जीतने की उम्मीद थी। हमारी टीम ने आखिरी मिनट तक बहुत बढ़िया खेला लेकिन वह 3-4 के अंतर से ब्रॉन्ज मेडल से चूक गई। हमारी टीम भले ही यह मुकाबला नहीं जीत सकी और मेडल हासिल नहीं कर पाई, लेकिन इस टीम ने पूरे देश का दिल जीत लिया। मैच खत्म होने के बाद हार से निराश होकर वे टर्फ पर ही बैठकर रोने लगीं। इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आ गया। यह वीडियो कॉल थी और सामने पीएम मोदी थे। इन लड़कियों के पास शब्द नहीं थे। प्रधानमंत्री मोदी जब फोन पर उनके प्रदर्शन की तारीफ कर उनका हौंसला बढ़ा रहे थे, उस वक्त भी ज्यादतर लड़कियां रो रही थीं। प्रधानमंत्री ने कहा, आप सब निराश क्यों हैं? आपलोग रोना बंद कीजिए। पूरे देश को आप पर गर्व है। इतने वर्षों के बाद भारत के खेलों की पहचान हॉकी का पुनर्जन्म हुआ है।' प्रधानमंत्री मोदी इन बेटियों के साथ बिल्कुल एक पिता की तरह बात कर रहे थे। प्रधानमंत्री का ये रुख देखकर इन खिलाड़ियों की आंखों में आंसू आ गए और गला रूंधने लगा। प्रधानमंत्री ने कहा, 'चिंता मत करिए, पूरा देश आपके साथ खड़ा है। आपने जो मेहनत की है, जो पसीना बहाया है, भले ही मेडल ना ला सका हो.. लेकिन ये मेहनत और आपका जज्बा देश की करोड़ों बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।' देखते ही देखते ये वीडियो पूरे देश में वायरल हो गया। मैं चाहूंगा कि प्रधानमंत्री मोदी और महिला हॉकी टीम की खिलाड़ियों की ये पूरी बातचीत पूरे देश को सुननी चाहिए। मुझे पूरा विश्वास है कि टोक्यो ओलंपिक में महिला हॉकी खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक नजीर बनेगा। किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि हमारी लड़कियां क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया जैसी विश्वस्तरीय टीम को हरा देंगी, लेकिन इन लड़कियों ने वो कर दिखाया जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। ओलंपिक इतिहास में पहली बार भारत की महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल में पहुंची। भले ही इन्हें मेडल जीतने में कामयाबी नहीं मिली लेकिन इनकी यह कोशिश आनेवाले समय में हमारे युवाओं को प्रेरित करती रहेंगी। टीम की खिलाड़ियों से बात करते हुए पीएम मोदी ने नवनीत की आंख के ऊपर चोट के बारे में पूछा। उन्होंने पूछा कि नवनीत को ज्यादा चोट तो नहीं लगी। किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि कोई प्रधानमंत्री खिलाड़ियों की इतनी परवाह करेगा। मोदी ने यह भी नोट किया कि कैसे सलीमा टेटे मैच के दौरान गेंद लेकर तेजी से दौड़ रही थीं। वंदना ने कितनी मेहनत की, ये भी उन्हें पता था। सबसे बड़ी बात ये है कि हारी हुई टीम से कौन बात करता है? ये बदले हुए भारत की तस्वीर है जहां हार जीत का नहीं, प्रतिभा का सम्मान किया जाता है। एथलीटों के परिश्रम का सम्मान किया जाता है। मोदी ने एक मिसाल कायम की है। सिर्फ मोदी ने नहीं बल्कि उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी महिला हॉकी टीम से बात की। ओडिशा सरकार ने पुरुष और महिला दोनों हॉकी टीमों को स्पॉन्सर किया था और सभी खिलाड़ियों के भोजन, प्रशिक्षण और अन्य खर्चे उठाए। इसलिए जब नवीन पटनायक ने फोन किया तो सभी खिलाड़ियों ने उन्हें धन्यवाद कहा। अफगानिस्तान में जंग जिस समय प्रधानमंत्री मोदी हमारे हॉकी खिलाड़ियों से बात कर रहे थे, अफगानिस्तान से तालिबान और अफगान डिफेंस फोर्स के बीच भीषण लड़ाई की खबरें आ रही थीं। तालिबान ने ईरान की सीमा से लगे निमरोज की प्रांतीय राजधानी जरांज पर कब्जा कर लिया है। भारत के सीमा सड़क संगठन (BRO) ने 150 मिलियन डॉलर (लगभग 1117 करोड़ रुपये) की लागत से अफगानिस्तान में 218 किलोमीटर लंबे जरांज-डेलाराम हाईवे का निर्माण किया था। यह हाईवे एक ऐसे हाईवे में जाकर मिला है जो दक्षिण में कंधार, पूर्व में गजनी और काबुल, उत्तर में मजार-ए-शरीफ और पश्चिम में हेरात को जोड़ता है। रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण यह हाईवे ईरान के चाबहार बंदरगाह से भी जुड़ा है, जहां से भारत के पास एक ऐसा वैकल्पिक सड़क मार्ग था जिसके जरिए पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हुए बिना अफगानिस्तान तक पहुंच सकता था। भारत ने कोविड महामारी के दौरान चाबहार बंदरगाह से अफगानिस्तान में 75,000 टन गेहूं भेजा था। अफगानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत ने शुक्रवार को कहा कि पिछले एक महीने के दौरान तालिबान द्वारा 1,000 से अधिक नागरिकों की हत्या के साथ ही जंग अब एक बेहद ही खतरनाक दौर में चली गई है। शुक्रवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक हाई-प्रोफाइल मर्डर हुआ। तालिबान के लड़ाकों ने अफगान सरकार के शीर्ष मीडिया प्रवक्ता दावा खान मेनापाल को काबुल के पास उनकी कार के अंदर गोली मार दी। मेनापाल उस समय नमाज़ अदा करने के लिए मस्जिद जा रहे थे। शुक्रवार को इंडिया टीवी के डिफेंस एडिटर मनीष प्रसाद कैमरामैन बलराम यादव के साथ अफगान एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से मजार-ए-शरीफ पहुंचे। उतरते ही उन्होंने देखा कि वहां फायरिंग हो रही है। मजार-ए-शरीफ, अफगानिस्तान का चौथा सबसे बड़ा शहर है और उज्बेकिस्तान बॉर्डर से केवल 55 किमी दूर है। यह ताजिकिस्तान की सीमा के भी करीब है। अफगान सेना के कमांडरों ने मनीष को बताया कि जिस जगह पर जंग हो रही है वह स्ट्रैटजिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण जगह है और अगर वहां तालिबान का कब्जा हो गया तो वह मज़ार-ए-शरीफ पर पहुंच जाएगा। मजार-ए-शरीफ पर कब्जा करने के बाद तालिबान आसानी से काबुल तक पहुंच सकता है। जब मनीष कैमरे पर रिपोर्टिंग कर रहे थे तो दूर से फायरिंग की आवाजें भी आ रही थीं। मैं मनीष और बलराम की हिम्मत की तारीफ करना चाहता हूं, जो युद्ध क्षेत्र से पल-पल की अपडेट भेजते रहे हैं। मैं उनकी सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं और मैंने उनसे कहा है कि रिपोर्टिंग के दौरान अनावश्यक जोखिम न लें। तालिबान की नीति और नीयत ठीक नहीं है। उन्होंने पिछले एक महीने में कई सोशल मीडिया ऐक्टिविस्ट्स, फोटोग्राफरों और रिपोर्टरों की जान ली है और बेशर्मी ने इन हत्याओं का श्रेय लिया है। जब तक मनीष और बलराम युद्ध क्षेत्र में हैं, मैं आपको उनके द्वारा भेजे गए पल-पल के अपडेट दिखाता रहूंगा। इस बीच हेलमंड प्रोविंस की गलियों तक में गोलियां चल रही हैं और भीषण जंग जारी है। तालिबान ने यहां के 10 में से 9 जिलों पर कब्जा कर लिया है। शहर अभी भी अफगान सेना के नियंत्रण में है और पिछले 8 दिनों से जंग जारी है। सैकड़ों महिलाएं अपने बच्चों को लेकर हेलमंड से कंधार की ओर भाग गई हैं और तालिबान के हमलों से खुद को बचाने के लिए गांवों में छिपने को मजबूर हैं। यहां चल रही जंग में अब तक तालिबान के 100 से ज्यादा लड़ाके मारे जा चुके हैं। गोगरा हाईट्स से पीछे हटे भारत और चीन शुक्रवार को लद्दाख से एक अच्छी खबर आई। दोनों सेनाओं के कोर कमांडरों के बीच 12 दौर की बातचीत के बाद अंतत: भारत और चीन दोनों की फौज 4 और 5 अगस्त को गोगरा हाइट्स से शांतिपूर्वक वापस अपनी पुरानी पोजिशन पर लौट आई। इस संबंध में एक बयान जारी किया गया। असल में सेना के पीछे हटने के कारण लगभग 5 किलोमीटर लंबे नो-पेट्रोलिंग बफर जोन का निर्माण हुआ है। दोनों तरफ के अस्थायी ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया है और दोनों तरफ के सैनिक अपनी पुरानी पोस्ट पर लौट आए हैं। इस बार पेट्रोलिंग प्वाइंट 17A यानी ईस्टर्न लद्दाख की गोगरा पोस्ट से चीन की सेना के जवान पीछे हटे हैं।भारत की फौज ने ग्राउंड पर इसकी पुष्टि कर ली है। फरवरी के बाद दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने की ये दूसरी घटना है। फरवरी में पैंगोंग लेक के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर दोनों देशों की सेना पीछे हटी थी। आपको बता दूं कि इस वक्त भी गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स और डेपसांग में अभी भी दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। इस मुद्दे पर आगे के दौर में बातचीत होगी। ईस्टर्न लद्दाख में और LAC के वेस्टर्न सेक्टर में फिलहाल भारत और चीन के 50 हजार से 60 हजार जवान मौजूद हैं। गलवान घाटी में जहां पिछले साल हिंसक झड़प हुई थी वहां अब दोनों देशों की तरफ से केवल 30 सैनिकों को तैनात रखा गया है। वहीं दूसरी लेयर में दोनों तरफ से 50 जवान तैनात हैं। गोगरा हाइट्स से सैनिकों को पीछे हटाना एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन हमें अपनी आंखें खुली रखनी होंगी। लेकिन ये सिलसिला अभी लंबा चलेगा। चीन की हमेशा से आदत रही है कि वो अपने दोस्तों और दुश्मनों के धैर्य की परीक्षा लेता रहता है। अगर कोई डर जाए तो उसे और आंखें दिखाता है और कोई उसे आंखें दिखाए तो पीछे भी हट जाता है। पिछले दो वर्षों के दौरान चीन के साथ सीमा पर टकराव में भारत एक पल के लिए भी नहीं झुका। सरहद पर फौज की तैनाती और मजबूत की, टैंकों और लड़ाकू विमानों को तैनात किया। इस दौरान भारत ने लद्दाख में अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत किया। सरहद पर हमारी फौज की तैयारी और ताकत चीन से जरा भी कम नहीं है। चीन गोगरा में पीछे हटने को तैयार हुआ है तो इसके लिए कई लेवल पर काम हुआ। चीन से डिप्लोमेटिक चैनल के जरिए भी बात हुई। हाल ही में ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में SCO (शंघाई सहयोग संगठन) की बैठक में भारत और चीन दोनों के रक्षा मंत्री मौजूद थे। इस बातचीत से इतर दोनों देशों के बीच लद्दाख पर भी चर्चा हुई। इस बातचीत का असर कोर कमांडर्स की मीटिंग में दिखाई दिया। लेकिन ये मानकर चलना चाहिए कि चीन से झगड़े आसानी से या जल्दी नहीं सुलझते हैं। चीन का भारत ही नहीं, बल्कि कई एशियाई देशों के साथ सीमा विवाद हैं और सब जगह ये झगड़े लंबे चलते हैं। भारत के साथ भी चीन का टकराव कोई नई बात नहीं है, काफी वक्त से चल रहा है। चीन से डील करते वक्त हर कदम संभालकर रखना पड़ता है। एक पुरानी कहावत है कि दूध का जला छांछ को भी फूंक-फूंककर पीता है। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 05 अगस्त, 2021 का पूरा एपिसोड /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); } var jwconfig_6400739795 = {"file": 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hindi_2022_10644
भारत ने 40 देशों को कोरोना का टीका उपलब्ध कराया, 34 देश हैं कतार में: एस जयशंकर
उन्होंने कहा कि भारत के अपने लोगों के साथ-साथ दुनिया का टीकाकरण करना भारत के लिए एक नैतिक जिम्मेदारी के रूप में आता है, इसके लिए 'पूरे विश्व को देश पर भरोसा' है।
नई दिल्ली: कोरोनोवायरस वैक्सीन- दुनिया की सबसे अधिक मांग वाली वस्तुओं में से एक- अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति के लिए एक नई मुद्रा बन गई है, जिसमें भारत को अपने प्रतिस्पर्धी चीन पर एक 'बड़ा हाथ' लगता है। एक बेमिसाल वैक्सीन निर्माण शक्ति के साथ, भारत अपने पड़ोसी, मित्रवत और प्रतिष्ठित लोगों को लाखों खुराक दे रहा है। हाल ही में, पड़ोसी देशों जैसे कि दक्षिण एशिया में नेपाल और श्रीलंका ने काफी मात्रा में शॉट्स प्राप्त किए हैं, जबकि लगभग 40 देशों को भारत के सद्भावनापूर्ण इरादे का फायदा मिला है। हालांकि, भारत धीमे होने के मूड में नहीं है और 34 और देशों को खुराक की पेशकश करेगा, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक विशेष बातचीत के दौरान आईएएनएस को सूचित किया। उन्होंने कहा कि लगभग 34 देश कुछ दिनों के भीतर भारत से कोविड के टीके प्राप्त करने की कतार में हैं।जयशंकर ने आईएएनएस को बताया, हमने लगभग 40 देशों को टीके प्रदान किए हैं और लगभग 34 उन्हें प्राप्त करने के लिए कतार में हैं। हमने अगले कुछ दिनों के भीतर टीके प्राप्त करने वाले लोगों की सूची को अंतिम रूप दे दिया है। उन्होंने कहा कि भारत के अपने लोगों के साथ-साथ दुनिया का टीकाकरण करना भारत के लिए एक नैतिक जिम्मेदारी के रूप में आता है, इसके लिए 'पूरे विश्व को देश पर भरोसा' है। जयशंकर ने कहा, दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निमार्ता कंपनी होने के नाते, यह स्वाभाविक है कि भारत न केवल अपनी जनसंख्या का टीकाकरण करेगा, बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी इसका विस्तार करेगा।जब उनसे उन देशों के बारे में पूछा गया जो आगे लाभान्वित होंगे, तो उन्होंने कहा कि वे दुनिया भर में बिखरे हुए हैं। जयशंकर ने आईएएनएस को बताया, इसमें हमारे पड़ोसी देश, दक्षिण एशियाई राष्ट्र, खाड़ी क्षेत्र के देश, ऑस्ट्रेलिया के पास छोटे द्वीप और दक्षिण अमेरिकी देश शामिल हैं। इसलिए मैं कहूंगा कि हम दुनिया भर के देशों में पहुंच रहे हैं।भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुविधा का भी एक हिस्सा है, जिसमें देश के साथ-साथ 81 अन्य निचले और मध्यम आय वाले देशों को भी टीके प्राप्त होंगे। ऐसा ही एक प्रेषण 26 फरवरी को किया गया था जब कोविशिल्ड की लगभग 6,00,000 खुराकें घाना के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पुणे कारखाने से भेज दी गई थीं, जो भारत में इसका निर्माण कर रहा है।
hindi_2022_10645
The Kashmir files फिल्म पर अखिलेश यादव का पहला रिएक्शन, जानें क्या कहा
The Kashmir files : अखिलेश यादव ने देश-दुनिया में लोकप्रियता बटोर रही फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अगर 'द कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्म बन सकती है, तो अक्टूबर 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा पर भी एक फिल्म होनी चाहिए। अखिलेश की यह टिप्पणी बुधवार शाम सीतापुर में एक समारोह से इतर पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में आई। अखिलेश ने कहा, "आपका सीतापुर लखीमपुर खीरी का पड़ोसी जिला है। अगर कश्मीर पर फिल्म बनी है तो लखीमपुर खीरी कांड पर भी फिल्म बनाई जा सकती है।"3 अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी जिले में हिंसा भड़क उठी थी, जब कथित तौर पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे की एक एसयूवी ने चार किसानों और एक पत्रकार को कुचल दिया था। इसके बाद हुई हिंसा में तीन अन्य मारे गए। हिंसा तीन कृषि कानूनों के विरोध के दौरान हुई थी।हाल ही में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के बाद अखिलेश का लखनऊ से बाहर यह पहला दौरा था, जिसमें सपा ने 111 सीटें जीती थीं, जबकि उसके दो सहयोगियों (राष्ट्रीय लोक दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) ने मिलकर 14 सीटें हासिल की थीं। भाजपा 255 सीटों के साथ सत्ता में लौटी और उसके दो सहयोगियों (अपना दल-एस और निषाद पार्टी) को एक साथ 18 सीटें मिलीं। अखिलेश ने कहा कि उनकी पार्टी ने चुनावों में नैतिक जीत हासिल की है।उन्होंने कहा, "चुनावों में सपा और सहयोगियों की नैतिक जीत हुई। जनता सपा को भाजपा के विकल्प के रूप में मानती है। हमारी सीटों और वोट शेयर में काफी वृद्धि हुई है। दूसरी ओर, भाजपा की सीटों में कमी आई है। भाजपा की सीटें भविष्य में कम होंगी। उन्होंने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी के बुनियादी मुद्दे जो युवाओं को चिंतित करते हैं, वे अभी भी वहीं हैं।इनपुट-आईएएनएस
hindi_2022_10646
मीनाक्षी लेखी ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को बताया मवाली
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए उन्हें मवाली बता दिया है। उनकी तरफ से कहा गया है किसान सिर्फ बिचौलियों की मदद कर रहे हैं।
नई दिल्ली: विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए उन्हें मवाली बता दिया है। उनकी तरफ से कहा गया है किसान सिर्फ बिचौलियों की मदद कर रहे हैं। मीनाक्षी लेखी ने प्रेस वार्ता में कहा, "वे किसान नहीं मवाली हैं। इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था, आपराधिक गतिविधियां थी, उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया।"बता दें कि संसद में मानसून सत्र के बीच केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने मध्य दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। पुलिस ने मध्य दिल्ली के चारों ओर सुरक्षा बढ़ा दी है और वाहनों की आवजाही पर कड़ी नजर रखी जा रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अधिकतम 200 किसानों को नौ अगस्त तक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है। संसद भवन इससे कुछ ही मीटर की दूरी पर है। पुलिस की सुरक्षा के साथ 200 किसानों का एक समूह बसों में सिंघू बॉर्डर से जंतर-मंतर पहुंचे। किसान यहां अपनी पहचान उगागर करने वाले बैज पहने और हाथ में अपनी यूनियनों के झंडे लिए हुए नजर आए। प्रदर्शन पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होना था, लेकिन किसान यहां 12 बजकर 25 मिनट पर पहुंचे। किसान नेता शिव कुमार कक्का ने बताया कि रास्ते में पुलिस ने उन्हें तीन जगह रोका और उनके आधार कार्ड देखे। जंतर-मंतर पर किसानों ने नारेबाजी की और सरकार से तीनों कानून रद्द करने की मांग की। प्रदर्शन कर रहे किसान जंतर-मंतर के एक छोटे से हिस्से में मौजूद हैं और पुलिस ने दोनों ओर अवरोधक लगा रखे हैं। दिल्ली पुलिस के कई दल धरना स्थल की ओर जाने वाली सड़कों पर तैनात है, जबकि त्वरित कार्य बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक विशेष इकाई, ढाल और डंडों के साथ घटनास्थल पर मौजूद है। पानी की बौछारें करने के वाले टैंक वहां मौजूद हैं और मेटल डिटेक्टर गेट की व्यवस्था भी की गई है। पेयजल के दो टैंकर भी मौके पर मौजूद हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को इस बारे में एक शपथपत्र देने के लिए कहा गया है, जिसमें कहा जाए कि कोविड-19 के सभी नियमों का पालन किया जाएगा और आंदोलन शांतिपूर्ण होगा। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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PFI केस: ED ने लखनऊ कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट
कोर्ट में दायर चार्जशीट के मुताबिक, केए राउफ शरीफ ने बताया कि उसने साल 2013-2014 में सीएफआई जॉइन की थी लेकिन उसके बाद साल 2015-2016 में वह पीएफआई का मेंबर बन गया था और 2017-2018 तक रहा।
लखनऊ/नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लखनऊ कोर्ट में PFI मामले में चार्जशीट दाखिल की है। कोर्ट में दायर चार्जशीट के मुताबिक, केए राउफ शरीफ ने बताया कि उसने साल 2013-2014 में सीएफआई जॉइन की थी लेकिन उसके बाद साल 2015-2016 में वह पीएफआई का मेंबर बन गया था और 2017-2018 तक रहा। 2019 जनवरी में वो फिर से सीएफआई में गया और नेशनल जनरल सेक्रेटरी का पद संभाला। राउफ ने बताया जी वो सीएफआई और पीएफआई दोनों में 2015-16 से 2017-18 तक मेंबर रहा है।राउफ ने बताया कि वो पीएफआई के मेंबर और आफिस पदाधिकारियों के संपर्क में था, जिनमें पूर्व केरल स्टेट प्रेजिडेंट और मौजूदा पीएफआई के नेशनल सेक्रेटरी वीपी नसरुद्दीन, पूर्व पीएफआई नेशनल सेरेक्टरी और मौजूदा पीएफआई जनरल सेक्रेट्री अनीस अहमद, पीएफआई एनइसी मेंबर केएम शरीफ, पूर्व पीएफआई चेयरमैन और मौजूदा पीएफआई एनईसी मेंबर पी कोया, पीएफआई एनईसी मेंबर अधिवक्ता मोहम्मद यूसुफ, पूर्व पीएफआई चेयरमैन और मौजूदा पीएफआई एनईसी ई अबूबकर और एएस इस्माइल के संपर्क में था।इससे साबित होता है कि वो पीएफआई की टॉप लीडरशिप के संपर्क में था, उसका इनसे लिंक साबित होता है। राउफ ने आगे बताया कि सीएफआई, पीएफआई की स्टूडेंट संगठन है, जिसके चलते सीएफआई के प्रेजिडेंट का चुनाव पीएफआई की नेशनल बॉडी करती है। ये बात पीएफआई और सीएफआई के लिंक को साबित करती है और इससे ये साबित होता है कि पीएफआई का सीएफआई पर पूरा कंट्रोल है।राउफ पिछले 7 साल से CFI और PFI का एक्टिव वर्कर है और इसी के चलते CFI के 50 से 60 हजार मेंबर में से उसे 2018 में CFI की नेशनल कमेटी में सेलेक्ट किया गया और उसके बाद उसे CFI का नेशनल जनरल सेक्रेटरी बनाया गया। जांच में पता चला और ये राउफ का कबूलनामा भी है कि वो दिसंबर 2018 में ओमान गया था और जनवरी 2019 में रेस इंटर नेशनल LLC को बतौर जरनल मैनेजर जॉइन भी किया।अपने कबूलनामे में राउफ ने बताया कि ये नौकरी उसे नोफाल शरीफ ने ओमान की सल्तनत के जरिये दिलवाई थी। नोफाल शरीफ ओमान में PFI का मेंबर है। नोफाल को ये अपने एक दोस्त, जो CFI का ओमान में एक मेंबर फरहाद के जरिये जानता है। राउफ ने अपनी स्टेटमेंट में ये भी बताया कि उन्होंने गल्फ़ देशों से PFI के लिए मोटा फंड भी इकठ्ठा किया था। ये पूरा फंड कैश में इकठ्ठा किया गया था।PFI के ठिकानों पर तीन दिसंबर 2020 को रेड्स के दौरान जो कागजात बरामद हुए थे, उनमें गल्फ़ देशों में मौजूद मेंबर्स के नाम और उनकी डिटेल्स लिखी हुई थी। उस लिस्ट में गल्फ़ देशों में PFI की डिस्ट्रिक्ट एक्सिक्यूटिव कमेटी के ओमान में सेक्रेटरी नोफाल का भी नाम था। रेड में एक और कागज़ बरामद हुआ था, जिसमें लिखा हुआ था कि गल्फ़ देशों में मौजूद अपने सदस्यों को फंड इकठ्ठा करने का बाकायदा टारगेट दिया गया था, जिसमें लिखा था कि आबू धाबी से कम से कम AED 12.5 लाख इकठ्ठा करने है, जिसका चार परसेंट यानी AED 50 हज़ार सात अगस्त 2020 तक इकठ्ठा हो चुका था।चार्जशीट में ED ने दावा किया है कि PFI गल्फ़ देशों से, जिनमें UAE, कतर, सऊदी अरेबिया, ओमान, कुवैत, बहरीन आदि का नाम शामिल है, फंड इकठ्ठा कर रही थी। राउफ ने अपने बयान में बताया कि PFI की भारत की कमेटी में कुछ लीडर्स गल्फ़ देशों में मौजूद डिस्ट्रिक्ट एक्सिक्यूटिव कमेटी को कोआर्डिनेट करते थे और साथ ही PFI ने अकाउंटेंट की एक फ़ौज भी रखी हुई थी, जिनका जिम्मा था कि गल्फ़ देशों से आ रहे फंड को कैसे जायज़ ठहराना है। जांच के दौरान ये भी पता चला था कि विदेशों से आ रहा ये पैसा PFI के किसी भी बैंक एकाउंट में जमा नहीं किया जाता था। जांच में यह भी पाया गया कि यह सारा फंड विदेशों से हवाला और बाकि दूसरे अवैध नेटवर्क के जरिए हिंदुस्तान में लाया गया। राउफ के कबूलनामे और रेड्स के दौरान मिले कागजातों से ये स्थापित होता है कि विदेशों में मौजूद PFI मेंबर्स के द्वारा जो फंड इकठ्ठा किया गया वो हिंदुस्तान में अवैध तरीके से भेजा गया। अभी तक कि जांच में ये पता चला है कि दिसंबर 2018 से जनवरी 2019 के बीच राउफ ने ओमान में अपने बेहद करीबी नोफाल के साथ मिलकर इंटरनेशनल ट्रेड के नाम पर जो फंड हिंदुस्तान भेजा वो दरअसल देश विरोधी गतिविधियों, प्रोपेगैंडा, रेडिकल और आतंकी साजिशों में इस्तेमाल किया गया।राउफ ने बताया कि साल 2020 से 21 के बीच कोरोना काल में मास्क के बिज़नेस डील में उसने नोफाल 24 लाख 26 हज़ार 500 रुपये अपने ICICI बैंक के एकाउंट में जमा करवाये थे। हालांकि, राउफ का कहना था कि ये पैसा मास्क की बिज़नेस डील में आया था लेकिन वो इसे साबित नहीं कर पाया। वहीं, राउफ की पेन ड्राइव से कुछ डाक्यूमेंट्स बरामद हुए जिनका टाइटल था "Mask Trading From Rauf Shareef", इस डॉक्यूमेंट के हिसाब से जो सप्लायर था वो राउफ था और रिसीवर नोफाल था। इस कागजात के बारे में राउफ ने पूछताछ में बताया कि ये उन मास्क की डिटेल्स है जोकि नोफाल ने ओमान में बेचे थे लेकिन जया मोहन की वजह से कन्साइनमेंट को पहुँचने में देरी हो गयी थी।
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गोरखपुर में उपद्रव के आरोप में 9 गिरफ्तार, योगी के शपथ वाले दिन हुआ था बवाल
यूपी में योगी आदित्यनाथ के सीएम पद की शपथ लेने वाले दिन यानी 25 मार्च को गोरखपुर में हुए उपद्रव के आरोप में पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में कई समाजवादी पार्टी के नेता हैं।
लखनऊ। यूपी में योगी आदित्यनाथ के सीएम पद की शपथ लेने वाले दिन यानी 25 मार्च को गोरखपुर में हुए उपद्रव के आरोप में पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में कई समाजवादी पार्टी के नेता हैं। पुलिस ने उपद्रवियों की पहचान ड्रोन कैमरे की रिकॉर्डिंग से की है। वहीं पुलिस ने 56 लोगों के खिलाफ नामजद और 200 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया है। कहा जा रहा है कि, समाजवादी पार्टी के नेताओं ने योगी के शपथ वाले दिन गोरखपुर में दंगे की साजिश रची थी। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ में जिस दिन योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे, उसी दिन गोरखपुर जनपद के चौरीचौरा क्षेत्र (Chauri Chaura) को आग में झोंकने की साजिश रची गई थी। 25 मार्च को योगी आदित्यनाथ ने इकाना स्टेडियम में दूसरी बार यूपी के सीएम पद की शपथ ली थी। उसी दिन चौरीचौरा के एक सैनिक की मौत के बाद उसे शहीद का दर्जा दिलाने के लिए भारी हंगामा हो गया। इस दौरान पुलिस की सरकारी गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया। हालत ये थी कि प्रशासनिक अधिकारियों को भी पब्लिक का आक्रोश देखकर पीछे हटना पड़ा। मामले में पुलिस की कार्रवाई के बाद फैलहा सहित आसपास गांवों में सन्नाटा फैल गया है। आला अधिकारियों के निर्देश पर बवाल करने वालों की पहचान के लिए पुलिस भोपा बाजार की दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालने के बाद कार्रवाई कर रही है।
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Omicron Variant Live Updates: देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मिले 5 नए मामले, कुल संक्रमितों की संख्या हुई 38
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इसकी जानकारी दी है। विशेषज्ञ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय देश में ओमिक्रॉन के लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दे रहा है।
नई दिल्लीः देश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के केस बढ़ते जा रहे हैं। आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़ और कर्नाटक, नागपुर के बाद अब इस खतरनाक वायरस ने केरल में भी दस्तक दे दी है। यहां रविवार को ब्रिटेन से लौटे एक पुरुष यात्री में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई है। साथ ही उनके संपर्क में आई उनकी पत्नी और मां भी कोरोना पॉजिटिव पाई गईं हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इसकी जानकारी दी है। विशेषज्ञ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय देश में ओमिक्रॉन के लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दे रहा है। देश में अबतक ओमिक्रॉन के 38 केस सामने आ चुके हैं-कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के आंध्र प्रदेश और चंडीगढ़ में आज एक-एक केस सामने आया है। महाराष्ट्र के नागपुर में ओमिक्रॉन का नया मामले सामने आया है। देश में अब तक कुल 38 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। अब तक महाराष्ट्र में 18, राजस्थान में 9, गुजरात में 3, कर्नाटक में 3, दिल्ली में 2, चंडीगढ़, आंध्र प्रदेश और केरल में 1-1 संक्रमित मामले आए हैं।
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Safoora Zargar को अपने बच्चे की देखभाल के लिए मायके जाने की अनुमति
Safoora Zargar: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मानवीय आधार पर 23 जून को उन्हें जमानत दे दी थी क्योंकि उस समय वह 23 हफ्ते की गर्भवती थीं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने अभियोजन के आपत्ति नहीं जताने पर जरगर को बृहस्पतिवार से उन्हें हरियाणा में अपने मायके जाने की इजाजत दे दी।
नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगा के मामले में गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत मुकदमे का सामना कर रही सफूरा जरगर (Safoora Zargar) को अपने बच्चे की समुचित देखभाल के लिए दो महीने के वास्ते अपने मायके जाने की इजाजत दे दी। जरगर मामले में जमानत पर हैं और 12 अक्टूबर को उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया।दिल्ली उच्च न्यायालय ने मानवीय आधार पर 23 जून को उन्हें जमानत दे दी थी क्योंकि उस समय वह 23 हफ्ते की गर्भवती थीं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने अभियोजन के आपत्ति नहीं जताने पर जरगर को बृहस्पतिवार से उन्हें हरियाणा में अपने मायके जाने की इजाजत दे दी। अदालत ने जरगर को गूगल मैप के जरिए अपना पता भी देने को कहा ताकि जांच अधिकारी उनकी उपस्थिति और स्थान की पड़ताल कर सके।न्यायाधीश ने जरगर को उच्च न्यायालय द्वारा जमानत के समय दिए गए सभी निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया। जरगर की ओर से पेश अधिवक्ता रितेश दुबे ने अदालत से कहा कि जरगर स्वास्थ्य लाभ कर रही हैं और उन्हें अपने बच्चे की देखभाल करनी है। इसके लिए वह दो महीने के वास्ते मायके जाना चाहती हैं। पुलिस की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने कहा कि उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है और अदालत आवश्यक शर्तें लगा सकती है।
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चुनाव से पहले किसान आंदोलन फिर होगा शुरू? 31 जनवरी को मनाएंगे वादाखिलाफी दिवस
किसान नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि लखीमपुर खीरी में जो घटना हुई थी, हम 21 तारीख से वहां पर 3-4 दिन के लिए जाएंगे। वहां पर पीड़ितों से मुलाक़ात करेंगे। जो किसान जेल में है, हम उनसे भी मिलेंगे।
नई दिल्ली: कृषि कानून व अन्य मांगों पर किसान और सरकार के बीच सहमति के बाद किसान आंदोलन स्थगित तो हुआ, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को सरकार को लेकर नाराजगी व्यक्त की है। मोर्चा की हुई समीक्षा बैठक में किसानों ने आगे की रणनीति बताते हुए कुछ बड़े फैसले किए हैं। शनिवार को बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया कि हरियाणा को छोड़कर किसी भी राज्य में मुकदमे और मुआवजे को लेकर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए हम 31 जनवरी को वादाखिलाफी दिवस के रूप में मनाएंगे। किसान नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि लखीमपुर खीरी में जो घटना हुई थी, हम 21 तारीख से वहां पर 3-4 दिन के लिए जाएंगे। वहां पर पीड़ितों से मुलाक़ात करेंगे। जो किसान जेल में है, हम उनसे भी मिलेंगे। किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि आंदोलन की समाप्ति के बाद आज सरकार के वादों की समीक्षा के दौरान यह महसूस किया गया कि सरकार ने एमएसपी पर अब तक कोई कमेटी नहीं बनाई है, किसान संगठनों से भी कोई संपर्क नहीं किया गया है। सरकार ने किसानों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने के अपने वादे पर भी अमल नहीं किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा को छोड़कर बाकी किसी भी राज्य ने किसानों के खिलाफ दर्ज किसे अब तक वापस नहीं लिए हैं और ना ही मुआवजे को लेकर कोई ऐलान किया है। युद्धवीर सिंह ने कहा कि इसलिए सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ किसान एक बार फिर से 31 जनवरी को पूरे देश के जिला मुख्यालय, ब्लॉक मुख्यालय और तहसीलों पर प्रदर्शन करेंगे और पुतले फूंकेंगे। इसके बाद भी अगर सरकार बातचीत नहीं करती है तो और अड़ियल रवैया अख्तियार कर बैठी रहती है तो 1 फरवरी से मिशन यूपी शुरू किया जाएगा। किसान नेताओं ने कहा कि 1 फरवरी से उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड चुनाव में संयुक्त किसान मोर्चा मिशन यूपी की शुरूआत करेगा। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता युद्धवीर सिंह ने साफ कर दिया है कि, यदि 31 जनवरी तक किसानों को किये गए वायदों को पूरा नहीं किया गया तो 1 फरवरी से मिशन यूपी और उत्तराखंड शुरू किया जाएगा।इसके अलावा किसानों ने लखीमपुर खीरी मामले के ऊपर भी बैठक में चर्चा की है। किसानों की नाराजगी है कि सरकार ने मंत्री को अभी तक बर्खास्त नहीं किया, क्योंकि सरकार को वोट बैंक की चिंता है, वहीं पीड़ित किसानों के ऊपर 302 लगाकर जेलों में डाला गया है। उन्होंने आगे बताया कि, इसलिए 21 जनवरी को राकेश टिकैत के नेतृत्व में संयुक्त किसान मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल लखीमपुर खीरी के लिए रवाना होगा। इसके बाद पीड़ितों, अधिकारियों से भी मुलाकात करेगा। इसके अलावा यदि इस मामले पर सुनवाई नहीं होती तो वहीं से पक्का मोर्चा लगाने की शुरूआत की जाएगी और तब तक वह मोर्चा रहेगा जब तक न्याय नहीं मिलता।(function(d, s, id) { var js, fjs = d.getElementsByTagName(s)[0]; if (d.getElementById(id)) return; js = d.createElement(s); js.id = id; js.src = "//connect.facebook.net/en_US/sdk.js#xfbml=1&version=v2.6&appId=950244791661208"; fjs.parentNode.insertBefore(js, fjs);}(document, "script", "facebook-jssdk")); दरअसल, कृषि कानून को रद्द होने के बाद कुछ अन्य मांगों पर सरकार के साथ किसानों को सहमति बनी जिसके बाद किसानों ने दिल्ली की सीमाओं को खाली करने का बड़ा फैसला किया था। वहीं किसानों ने यह ऐलान किया था कि 15 जनवरी को सरकार और किसानों के समझौते पर सरकार ने क्या क्या फैसला लिया इसकी समीक्षा करने के लिए बैठक की जाएगी। (इनपुट- IANS)
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Oxygen Express: तेज होगी ऑक्सीजन की आपूर्ति, राष्ट्रीय इस्पात निगम के कारखाने से महाराष्ट्र के लिए निकली आक्सजीन एक्सप्रेस
भारतीय रेल कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई के तहत ऑक्सीजन एक्सप्रेस का संचालन कर रही है। लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) टैंकरों के साथ पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस विशाखापट्टनम से मुंबई के लिए अपनी पहली यात्रा शुरू करने जा रही है।
नई दिल्ली। भारतीय रेल कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई के तहत ऑक्सीजन एक्सप्रेस का संचालन कर रही है। लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) टैंकरों के साथ पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस विशाखापट्टनम से मुंबई के लिए अपनी पहली यात्रा शुरू करने जा रही है। विशाखापट्टनम पर एलएमओ से भरे टैंकरों की भारतीय रेल की रो-रो सेवा के माध्यम से भेजा जा रहा है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस की तेज आपूर्ति में ग्रीन कॉरिडोर से सहायत मिल रही है। लखनऊ से वाराणसी तक की 270 किमी की दूरी 62.35 किमी प्रति घंटे की गति से 4 घंटे 20 मिनट में तय करने के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया था।राष्ट्रीय इस्पात निगम के कारखाने से महाराष्ट्र के लिए निकली आक्सजीन एक्सप्रेस सरकारी क्षेत्र के उपक्रम राष्ट्रीय इस्पात निगम लि. (आरआईएनएल) ने गुरुवार को कहा कि उसके विशाखापत्तपनम कारखाने से चिकित्सकीय उपयोग लायक 100 टन आक्सीजन महाराष्ट्र के लिए प्रस्थान कर चुकी है। कंपनी ने ट्वीटर पर कहा, ‘ आरआईएनएल के विशाखापत्तनम कारखाने से पहली अक्सीजन एक्सप्रेस महाराष्ट्र के लिए छूट चुकी है। इसमें 100 टन तरल चिकित्सकीय आक्सीजन लदा है जो वहां कोविड19 के मरीजों की जरूरत के लिए है।’ आरआईएनएल अब तक हर रोज 100 टन तरल आक्सीजन आंध्र प्रदेश और अन्य पड़ोसी राज्यों को भेज रहा था। एक सप्ताह में कंपनी ने उपचार के काम के लिए करीब 800 टन आक्सीजन की आपूर्ति की है। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा , ‘हम मांग आने पर प्रतिदिन 100 से 150 टन आक्सीजन की आपूर्ति कर सकते हैं।एक अन्य ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने उत्तर प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत पूरी करने के लिए वाराणसी के रास्ते लखनऊ से बोकारो के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी है। ट्रेन की यात्रा के लिए लखनऊ से वाराणसी के बीच एक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया था। ट्रेन ने 270 किलोमीटर की दूरी 62.35 किमी प्रति घंटा की औसत गति के साथ 4 घंटे 20 मिनट में तय की थी। ट्रेनों के माध्यम से ऑक्सीजन की ढुलाई लंबी दूरियों पर सड़क परिवहन की तुलना में तेज है। ट्रेनें एक दिन में 24 घंटे तक चल सकती हैं, लेकिन ट्रक के चालकों को आराम आदि की जरूरत होती है।यह खुशी की बात हो सकती है कि टैंकरों की लोडिंग/ अनलोडिंग को आसान बनाने के लिए एक रैम्प की जरूरत होती है। कुछ स्थानों पर रोड ओवर ब्रिज्स (आरओबी) और ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) की ऊंचाई की सीमाओं के कारण, रोड टैंकर का 3320 मिमी ऊंचाई वाला टी 1618 मॉडल 1290 मिमी ऊंचे फ्लैट वैगनों पर रखे जाने के लिए व्यवहार्य पाया गया था। रेलवे ने बीते साल लॉकडाउन के दौरान भी आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई की और आपूर्ति श्रृंखला को बना रखा तथा आपात स्थिति में राष्ट्र की सेवा जारी रखी।
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UP कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने किसानों के बीच की लंगर सेवा, कहा- 'पसीने से फसल सींचकर देश का पेट भरते हैं किसान'
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने किसानों के बीच लंगर सेवा की और कहा कि वह अपने खून की आखिरी बूंद तक किसानों के साथ संघर्ष करते रहेंगे।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने किसानों के बीच लंगर सेवा की और कहा कि वह अपने खून की आखिरी बूंद तक किसानों के साथ संघर्ष करते रहेंगे। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बीते करीब दो महीनों से भी ज्यादा वक्त से दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन कर रहे हैं। कांग्रेस भी इन कानूनों की वापसी की मांग कर रही है।ऐसे में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों का साथ देने का ऐलान किया। उन्होंने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, "पसीने से फसल सींचकर देश का पेट भरने वाले किसानों के साथ अपने खून की आखिरी बूंद तक संघर्ष करता रहूंगा।"वहीं, उन्होंने वीडियो में कहा, "जिस सरकार ने मेरे ऊपर 3 महीने में 55 केस दर्ज किए, 1 साल में 50 बार गिरफ्तार किया, क्या वह मुकदमों से डरेगा।" उन्होंने कहा, "राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता इस किसान आंदोलन के साथ खड़ा है और इनकी जायज मांगों के साथ खड़ा है। इन कानूनों को सरकार को हर हाल में रद्द करना पड़ेगा।"इस ट्वीट से ठीक पहले उन्होंने किसानों के बीच लंगर सेवा का एक वीडियो भी ट्वीट किया था। वीडियो में वह वह किसानों को खाना परोसते नजर आ रहे हैं। वीडियो गाजीपुर बॉर्डर का है। उन्होंने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, "गाजीपुर बॉर्डर पर सत्याग्रही किसान भाइयों की लंगर सेवा।" इसके बाद उन्होंने वहां किसानों के बीच खाने की तस्वीरें भी साझा की। बता दें कि अजय कुमार लल्लू शुक्रवार को भी गाजीपुर बॉर्डर आए थे और किसानों को समर्थन दिया था। किसानों को समर्थन देने के बाद अजय कुमार लल्लू ने कहा था, "अब तक 68 दिन में 170 से अधिक किसानों ने इस आन्दोलन की सफलता के लिए शहादत दी है।" उन्होंने कहा था, "भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूरी तरह तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाये हुए है। सरकार किसानों को केवल तारीख पर तारीख देती रही है किन्तु उसकी मंशा समाधान का नहीं रहा। वह किसानों को थकाओ और भगाओ की साजिश करती रही है। यही कारण है कि 11 बार किसानों के साथ बैठक के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला।"अजय कुमार लल्लू ने कहा, "सरकार अपने चंद उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए हठधर्मिता, अड़ियल रूख और अहंकार के माध्यम से किसानों के विरूद्ध षडयंत्र के तहत वार्ता का ढोंग करती रही और अपमानित भी करती रही। जिसका पर्दाफाश हो चुका है। भाजपा सरकार का किसान विरोधी चेहरा बेनकाब हो चुका है।"
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Weather Forecast: चमोली, तपोवन में कैसा रहेगा मौसम का हाल? मौसम विभाग ने दिया बड़ा अपडेट
उत्तराखंड के चमोली जिले में आए जल प्रलय में मरने वालों का आंकड़ा 33 तक पहुंचा गया है। तपोवन में 93 श्रमिक अभी भी लापता हैं। इसी बीच मौसम विभाग ने चमोली में बारिश और बर्फबारी का अलर्ट दिया है जिससे स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
नई दिल्ली: उत्तराखंड के चमोली जिले में आए जल प्रलय में मरने वालों का आंकड़ा 33 तक पहुंचा गया है। तपोवन में 93 श्रमिक अभी भी लापता हैं। इन्हें बचाने के लिए राहत और बचाव का काम तेजी से किया जा रहा है। इसी बीच मौसम विभाग ने चमोली में बारिश और बर्फबारी का अलर्ट दिया है जिससे स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मौसम विभाग के मुताबिक एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है जिसके चलते उत्तराखंड के उत्तरी भाग में खास तौर पर चमोली जिले में कुछ जगहों पर 09 और 10 फरवरी को दोपहर को हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है।मौसम विभाग के मुताबिक 09 और 10 फरवरी को न्यूनतम तापमान 02 डिग्री सेल्सियस के करीब रह सकता है। बयान में कहा गया है कि तपोवन और जोशीमठ में बारिश या बर्फबारी की संभावना नहीं है। मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहेगा। हालात को देखते हुए आईटीबीपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को हाई अलर्ट पर रखा गया है। एयरफोर्स को भी अलर्ट कर दिया गया है। आईटीबीपी और तीन एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं। इन्हें एयरलिफ्ट करके मौके पर ले जाया जा रहा है।बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को हिमखंड टूटने से नदियों में आई विकराल बाढ़ ने आठ साल पहले की केदारनाथ आपदा की भयावह यादें फिर से ताजा कर दीं। हांलांकि, गनीमत यह रही कि वर्ष 2013 की तरह इस बार बारिश नहीं थी और आसमान पूरी तरह साफ था जिससे हेलीकॉप्टर उड़ाने में मौसम बाधा नहीं बना जिससे एसडीआरएफ की टीमें जल्द ही प्रभावित स्थान पर पहुंच गईं और बचाव अभियान तुरंत शुरू कर दिया गया।Image Source : IMDउत्तराखंड के चमोली जिले में आए जल प्रलय में मरने वालों का आंकड़ा 33 तक पहुंचा गया है। बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार शाम को आपदाग्रस्त तपोवन क्षेत्र पहुंचे थे और उन्होंने मंगलवार सुबह क्षेत्र का हवाई दौरा किया और हादसे में घायल हुए लोगों से अस्पताल में मुलाकात की तथा उनका हालचाल जाना। रविवार को पहाड़ से गिरी लाखों टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक बाढ़ आ गई और इससे ऋषिगंगा और तपोवन-विष्णुगाड बिजली परियोजनाओं में काम करने वाले और आसपास रहने वाले करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए। एनटीपीसी की सुरंग में भारी मलबा होने तथा उसके घुमावदार होने के कारण बचाव और राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं इसके बावजूद सुरंग का आधे से ज्यादा रास्ता अब तक साफ किया जा चुका है और अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही वहां फंसे लोगों से संपर्क हो सकेगा।ये भी पढ़ें
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बढ़ते कोरोना के बीच अच्छी खबर, 7 से 13 जनवरी के बीच भारत की ‘आर-वैल्यू’ गिरकर 2.2 हुई
भारत में ‘आर-वैल्यू’ 7 जनवरी से 13 जनवरी के बीच 2.2 दर्ज की गई जो पिछले दो हफ्तों से कम है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के प्रारंभिक विश्लेषण में यह बात सामने आई है।
नयी दिल्ली: देश में क्या कोरोना का खतरा कम हो रहा है? बढ़ते कोरोना मामलों के बीच एक राहत भरी खबर आयी है। दो हफ्ते लगातार बढ़ने के बाद 'आर वैल्यू' में गिरावट दर्ज की गई है। इस बीच आईआईटी मद्रास के विश्लेषण ने एक और राहतभरी खबर दी है। आईआईटी के डिपार्टमेंट ऑफ मैथमैटिक्स एंड सेंटर फॉर एक्सिलेंस फॉर कम्प्यूटेशन मैथमैटिक्स एंड डेटा साइंस के प्रोफेसर नीलेशन एस उपाध्याय और प्रोफेसर एस सुंदर के विश्लेषण में भारत के 4 मेट्रो शहरों के आर वैल्यू के बारे में बताया गया है। ज्यादातर विश्लेषक मान रहे हैं कि भारत में कोरोना की पीक जल्द ही आ सकती है। भारत में ‘आर-वैल्यू’ 7 जनवरी से 13 जनवरी के बीच 2.2 दर्ज की गई जो पिछले दो हफ्तों से कम है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के प्रारंभिक विश्लेषण में यह बात सामने आई है। प्रो.नीलेश एस. उपाध्याय और प्रो. एस. सुंदर की अध्यक्षता में आईआईटी मद्रास के गणित विभाग और ‘सेंटर ऑफ एक्सेलेंस फॉर कम्प्यूटेशनल मैथेमैटिक्स एंड डेटा साइंस’ के विश्लेषण के अनुसार, इस दौरान मुंबई की आर वैल्यू 1.3, दिल्ली की 2.5, चेन्नई की 2.4 और कोलकाता की 1.6 थी। आईआईटी मद्रास में गणित विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. जयंत झा ने कहा कि आर वैल्यू संपर्क दर और अपेक्षित समय अंतराल पर निर्भर करता है, जिसमें संक्रमण हो सकता है। जानिए क्या होती है आर वैल्यू? (What is R Value)‘आर-वैल्यू’ यह इंगित करती है कि कोविड-19 कितनी तेजी से फैल रहा है। आसान वैज्ञानिक भाषा में समझें तो ‘आर-वैल्यू’ यह दर्शाती है कि एक संक्रमित व्यक्ति औसतन कितने लोगों को संक्रमित करता है। दूसरे शब्दों में कहें तो इससे यह पता चलता है कि वायरस कितनी तेजी से फैल रहा है। यदि यह वैल्यू एक से नीचे चली जाती है तो महामारी को समाप्त माना जाता है। अगर किसी कोरोना संक्रमित की आर वैल्यू एक है, तो उसकी ओर से किसी 1 और व्यक्ति को संक्रमित किए जाने का खतरा है। उधर अगर किसी व्यक्ति की आर वैल्यू तीन है, तो वह तीन लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकता है। आमतौर पर कोरोना के बड़े स्तर पर फैलने के दौरान इंसानों की आर वैल्यू ज्यादा होती है और लगातार बढ़ते इस आंकड़े को रोकने के लिए सरकारें प्रतिबंधों-कर्फ्यू या लॉकडाउन जैसे कदम उठाती हैं। बताया गया है कि 25 दिसंबर से 31 दिसंबर तक पूरे भारत में आर वैल्यू 2.9 तक पहुंच गई थी, जबकि 1 जनवरी से 6 जनवरी तक यह आंकड़ा 4 तक पहुंच गया था। यानी इस दौरान कोई एक पीड़ित औसत तौर पर अपने साथ चार और को कोरोना संक्रमित कर सकता था। विशेषज्ञों के मुताबिक, प्रत्येक नमूने का जीनोम अनुक्रमण (सीक्वेंसिंग) करना संभव नहीं है लेकिन इस बात पर जोर दिया कि वायरस की यह लहर मुख्यत: ओमिक्रॉन के कारण ही है। जानिए देश में कोरोना के अभी कितने मामले आ चुके हैंदेश में कोविड-19 के 2,71,202 नये मामले आने के बाद देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 3,71,22,164 हो गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, इनमें कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के 7,743 मामले भी शामिल हैं। देश में पिछले 24 घंटों में ओमिक्रॉन के 1,702 नये मामले सामने आए, जो अब तक एक दिन में सामने आए मामलों के लिहाज से सर्वाधिक हैं और शनिवार से इसमें 28.17 प्रतिशत की वृद्धि हुई। (इनपुट- भाषा)
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Rajat Sharma’s Blog: गंगा में तैरती, रेत में दफनाई लाशों का सच
जब मैंने पहली बार नदी में तैरती और नदी के किनारे रेत में दबी लाशों की तस्वीरें देखीं तो मेरे मन में पहला सवाल आया था: लोग इतने क्रूर और असंवेदनशील कैसे हो सकते हैं?
आज मैं एक संवेदनशील और भावनात्मक मुद्दे पर बात करना चाहता हूं जो लगभग प्रत्येक भारतीय की आत्मा से जुड़ा है। अब जबकि महामारी की दूसरी लहर स्पष्ट रूप से कमजोर पड़ती जा रही है, इस बारे में एक निष्पक्ष नजरिया रखा जा सकता है कि मई के पहले दो हफ्तों के दौरान उन्नाव, कानपुर और प्रयागराज से लेकर बिहार के बक्सर और पटना में 100 से ज्यादा लाशें गंगा नदी में तैरती हुई क्यों मिली थीं। प्रयागराज में गंगा के किनारे रेत में अभी भी सैकड़ों शव दबे हैं, जिनका अब अंतिम संस्कार किया जा रहा है।जब मैंने पहली बार नदी में तैरती और नदी के किनारे रेत में दबी लाशों की तस्वीरें देखीं तो मेरे मन में पहला सवाल आया था: लोग इतने क्रूर और असंवेदनशील कैसे हो सकते हैं? लोग अपने प्रियजनों के शवों को नदी में कैसे बहा सकते हैं, या उन्हें रेत में कैसे दफना सकते हैं? क्या लोगों को जरा भी होश नहीं है? आमतौर पर हिंदू धर्म में तो इस उम्मीद में धार्मिक अनुष्ठान करने के बाद शव का दाह संस्कार किया जाता है कि मृतात्मा को मोक्ष की प्राप्ति हो।जब गंगा में शवों के तैरने की खबर आई तो कई तरह के स्पष्टीकरण दिए गए। कुछ लोगों ने कहा, चूंकि कोविड के कारण काफी लोगों की जान गई है इसलिए मृतकों के रिश्तेदार डर गए हैं कि यदि वे अंतिम संस्कार के समय बॉडी को छूएंगे तो वायरस उन्हें भी अपनी चपेट में ले लेगा। इसी डर के चलते शवों को या तो नदी में बहा दिया गया या दफना दिया गया। मुझे इस स्पष्टीकरण पर यकीन नहीं हो रहा था क्योंकि गंगा नदी में जो लाशें तैरती हुई मिली थीं उनमें से अधिकांश को कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक पॉलीथिन में नहीं लपेटा गया था। इससे साफ था कि ये शव अस्पताल के मुर्दाघर से नहीं आए थे।दूसरी बात ये सुनने को मिली कि इतनी तादाद में मौते हुई हैं कि श्मशान में लकड़ियां मंहगी हो गई हैं, सामग्री मंहगी हो गई हैं, इसलिए दाह संस्कार करने का खर्चा इतना ज्यादा आ रहा है कि लोगों ने शवों को गंगा में बहा दिया या दफना दिया। लेकिन बाद में पता चला कि अगर परिवार वाले गरीब हैं, या कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार करने से डर रहे हैं तो ऐसे में प्रशासन मदद करता है। यह सच है कि कोरोना से मरने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही थी, लेकिन ये मानने को मेरा जी नहीं चाहता था कि लोग अपने प्रियजनों के शवों को पानी में बहाने या दफनाने की हद तक चले जाएंगे।मजबूरी चाहे जो हो, इस संवेदनशील मुद्दे पर जमकर राजनीति की गई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा से लेकर अखिलेश यादव की पार्टी तक के लोगों ने पूछा कि गंगा में तैरती लाशों के लिए कौन जिम्मेदार है? प्रवक्ताओं ने तो कहा कि सरकार को शर्म आनी चाहिए? ऐसे सवालों को उठाने में कुछ भी गलत नहीं था, लेकिन जब गंगा में तैरती या नदी के किनारे दफनाई गई लाशों की तस्वीरें न्यॉयार्क टाइम्स, वॉशिंगटन पोस्ट में और गार्जियन जैसे अंतर्राष्ट्रीय अखबारों में छपीं, और इंटरनेट पर वायरल हुईं, तो काफी हाहाकार मचा। लेकिन इस मूल प्रश्न का जवाब ढूंढ़ने की कोशिश किसी ने नहीं की कि लोग अपने प्रियजनों की लाशों को गंगा में क्यों बहाएंगे या नदी किनारे क्यों दफनाएंगे।इंडिया टीवी के रिपोर्टरों और रिसर्चरों ने तथ्यों की गहराई से छानबीन की, और मृतकों के रिश्तेदारों से बात की ताकि यह पता लगाया जा सके कि ऐसी कौन सी मजबूरियां थीं जिसके चलते उन्होंने शवों को नदी में बहा दिया या फिर रेत में दफना दिया। ऐसा क्या था जिसकी वजह से लोगों ने अपनों का दाह संस्कार करने की बजाय शवों पर 'रामनामी' कपड़ा डालकर उन्हें नदी के किनारे दफना दिया? हम कह सकते हैं कि जितनी भयानक तस्वीरें सामने आई थीं, उतना ही डराने वाला यह सवाल भी था।मैं आपको एक हिंदी अखबार में छपी खबर पढ़कर बताता हूं। यह उन्नाव जिले की खबर है। अखबार ने लिखा- उन्नाव में गंगा में बहती मिली 104 लाशों से सनसनी, घाट पर पहुचा प्रशासन। लोगों ने परिजनों के शवों को प्रवाहित किया, स्थानीय प्रशासन ने आनन-फानन में जेसीबी बुलवाकर लाशों को नदी किनारे रेत में दफन करवाया। शासन से मिलने वाले पैसे से अन्तिम संस्कार हुआ। लाशों को दफनाने का विरोध करने पहुंचे राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका। प्रशासन ने कहा, विरोध करने वालों के खिलाफ होगी सख्त कारवाई।आपको लगेगा यह 2 हफ्ते पहले कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रकोप से मरने वालों के बारे में लिखी गई खबर है। लेकिन इसका जवाब है बिल्कुल ‘नहीं’। यह अखबार 14 जनवरी 2015 का है। यह घटना आज से 6 साल पहले की है। उस समय भी ऐसी ही खबरें छपी थी, ऐसी ही तस्वीरें दिखाई दी थीं। 14 जनवरी 2015 को ही हिंदी के एक बड़े अखबार दैनिक जागरण में छपा था कि उन्नाव में गंगा में 100 से ज्यादा लाशें उतराती हुई मिलीं। इस खबर से तहलका मच गया। IG, पुलिस और प्रशासन के लोग घटनास्थल पर पहुंचे। जेसीबी बुलवा कर शवों को दफनाया गया। उस खबर में यह भी लिखा था कि कैसे चील, कौए और सियार लाशों को खा रहे हैं। यह जनवरी 2015 की बात है, और आपको जानकर हैरानी होगी कि उस समय बीजेपी के नेता इन लाशों पर सवाल उठा रहे थे। बीजेपी के स्थानीय सांसद साक्षी महाराज ने केंद्र से इस मामले की जांच कराने की मांग की थी। उन्होंने शक जताया था कि हो सकता है ये लाशें कन्नौज और फर्रूखाबाद से बहकर उन्नाव आईं हों।इसी तरह की खबरें इस महीने अखबारों में छपीं। इस बार समाजवादी पार्टी के नेताओं ने बीजेपी की सरकार को घेरते हुए वही सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने मरने वालों की संख्या को छिपाने के लिए लाशों रेत के नीचे दबा दिया।पिछले 6 सालों में सिर्फ वक्त बदला है, सरकार बदली है, विपक्ष में रही पार्टियां बदल गई हैं, लेकिन लाशों की संख्या बढ़ी है। सच्चाई यह है कि गंगा में लाशें तब भी थीं, गंगा के किनारे दफनाए गए शव तब भी थे, और आज भी हैं। बुधवार की सुबह जागरण अखवार ने 2018 में दफनाई गईं और 2021 में दफनाई गईं लाशों की 2 तस्वीरें एक साथ छापीं। जब ये तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल होने लगीं, तब इंटरनेट पर पोस्ट करने वालों ने यह जानने की भी जहमत नहीं उठाई कि वे लाशें इसी महीने दफनाई गई हैं, या 3 साल पहले दफनाई गई थीं।नदी की रेत में दफनाई गई लाशों की तस्वीरों के चलते पिछले दो हफ्ते से भारत की अंतरराष्ट्रीय मीडिया में बदनामी हो रही थी। इसे इस तरह पेश किया जा रहा है जैसे भारतीयों के पास इतना पैसा भी नहीं है कि वे अपनों का ठीक से दाह संस्कार भी कर सकें। लोगों को दाह संस्कार के लिए लकड़ी नहीं मिल रही है और वे शवों को गंगा में बहा रहे हैं या नदी किनारे रेत में दफना रहे हैं। दुनिया के अखबारों में बड़ी-बड़ी बैनर हेडलाइंस छपीं और इन लाशों के वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गए। लंदन के द टेलिग्राफ, द गार्जियन और लॉस एंजिलिस टाइम्स जैसे अखबारों ने इन तस्वीरों को छापा और भारत को एक विशाल कब्रिस्तान घोषित कर दिया। कुछ अखबारों ने तो दावा किया कि कोरोना से अब तक 10 लाख भारतीयों की जान जा चुकी है, तो किसी ने 5 लाख लोगों के मरने की आशंका जताई। चूंकि खबरें दिल दहलाने वाली थीं, क्योंकि तस्वीरें झकझोर देने वाली थीं, क्योंकि शक की कोई गुंजाइश नहीं थी, क्योंकि ये केवल दावे नहीं थे बल्कि उन दावों का समर्थन करने वाली तस्वीरें थीं, इसलिए इन खबरों का व्यापक असर हुआ।मैंने अपनी संवाददाता रूचि कुमार को प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर घाट पर भेजा। वह आसपास के गावों में गईं और लोगों से बात की। कुल मिलाकर यह साफ थआ कि लोगों की मौत हुई हैं, और उनकी लाशों को रेत में दफनाया गया है या गंगा में बहाया गया है। स्थानीय लोगों ने माना कि पिछले सालों की तुलना में इस बार गंगा में बहकर आने वाली लाशों की संख्या ज्यादा है। अधिकांश ग्रामीणों ने कहा कि परिजनों द्वारा अपने प्रियजनों के शवों को गंगा में बहा देना या नदी किनारे रेत में दफना कर कब्र पर ‘रामनामी’ ओढ़ा देना काफी पुरानी परंपरा का हिस्सा है। ग्रामीणों ने कहा कि हालांकि आमतौर पर हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है, लेकिन महामारी या बड़ी संख्या में मौतें होने की हालत में उन्हें नदी में बहाया या नदी के किनारे रेत में दफनाया भी जा सकता है।गंगा में लाशें पहले भी बहाई जाती थीं और उस समय कोई सवाल नहीं उठाता था। चूंकि इस बार कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते भारत में रोजाना बड़ी संख्या में मौतें हो रही थीं, इसलिए दुनिया के अखबारों का ध्यान इन लाशों के दफनाए जाने पर केंद्रित हो गया था। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने यह दिखाने के लिए कि अधिकांश भारतीय इतने गरीब हैं कि दाह संस्कार का खर्च नहीं उठा सकते, रेत में दबे लोगों की छवियों को प्रकाशित करके इसे एक बड़ी कहानी बना दिया, जो गलत था। तथ्य यह है कि गरीब परिवारों को स्थानीय प्रशासन से दाह संस्कार का खर्च मिलता है, लेकिन चूंकि यह महामारी का समय था, इसलिए उन्होंने अपने मृतकों को विसर्जित करने या दफनाने का विकल्प चुना। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की ओर से भारतीयों को ‘संवेदनहीन’ कहना गलत था। मैं केवल इतना कह सकता हूं कि हमारे लोग न तो ‘संवेदनशून्य’ हैं और न ही वे आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हैं। कुछ रीति-रिवाज या परंपराएं हैं जिनका वे पालन करते हैं, और उनका पालन करना कोई अपराध नहीं है। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 26 मई, 2021 का पूरा एपिसोड
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राहुल गांधी, प्रशांत किशोर, बीजेपी के दो मंत्रियों और लवासा के फोन नंबर थे निशाने परः रिपोर्ट
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, भारतीय जनता पाार्टी (बीजेपी) के मंत्रियों अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल, पूर्व निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर उन लोगों में शामिल हैं, जिनके फोन नंबरों को इजराइली स्पाइवेयर के जरिये हैकिंग के लिये सूचीबद्ध किया गया था।
नयी दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, भारतीय जनता पाार्टी (बीजेपी) के मंत्रियों अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल, पूर्व निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर उन लोगों में शामिल हैं, जिनके फोन नंबरों को इजराइली स्पाइवेयर के जरिये हैकिंग के लिये सूचीबद्ध किया गया था। एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने सोमवार को यह जानकारी दी। 'द वायर' न्यूज पोर्टल ने पैगसस प्रोजेक्ट नामक अंतरराष्ट्रीय संयुक्त पड़ताल के खुलासे के दूसरे भाग में बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे तथा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अभिषेक बनर्जी और भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर अप्रैल 2019 में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट की कर्मचारी और उसके रिश्तेदारों से जुड़े 11 फोन नंबर हैकरों के निशाने पर थे। सरकार ने पैगसस का इस्तेमाल कर भारतीयों की जासूसी की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं। लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिये गए अपने बयान में सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है। वायर ने कहा है कि हाल ही में मंत्री बने वैष्णव का नंबर भी इजरायल स्थित एनएसओ समूह के एक ग्राहक द्वारा 2017-2019 के दौरान निगरानी के लिए संभावित लक्ष्य के रूप में सूचीबद्ध 300 सत्यापित भारतीय नंबरों में था। पैगसस मामले में लोकसभा में वैष्णव के बयान के बावजूद मानसून सत्र के पहले दिन संसद में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस ने इस प्रकरण को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त करने तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की जांच की मांग की तो बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दल पर निशाना साधा और दावा किया कि पैगसस जासूसी मामले से सत्तारूढ़ दल या मोदी सरकार को जोड़े जाने का एक भी साक्ष्य नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कड़े बयान में कहा कि कथित जासूसी के बारे में रिपोर्ट को कुछ लोगों ने आगे बढ़ाया है जिनका एकमात्र उद्देश्य विश्व स्तर पर भारत को अपमानित करने के लिए हर संभव प्रयास करना है। शाह ने कहा, ‘‘यह विघटनकारियों की अवरोधकों के लिए रिपोर्ट है। विघटनकारी वैश्विक संगठन हैं जो भारत की प्रगति को पसंद नहीं करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अवरोधक भारत में राजनीतिक खिलाड़ी हैं जो नहीं चाहते कि भारत उन्नति करे। भारत के लोग इस क्रोनोलॉजी और संबंध को अच्छे से समझते हैं।’’ 'द वायर' ने पड़ताल के नए भाग को जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी द्वारा इस्तेमाल किए गए कम से कम दो मोबाइल फोन नंबरों को इजरायल के निगरानी प्रौद्योगिकी विक्रेता समूह एनएसओ के एक आधिकारिक भारतीय ग्राहक द्वारा संभावित लक्ष्य के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। एमनेस्टी इंटरनेशनल की तकनीकी लैब द्वारा इस सूची से लिए गए फोन के क्रॉस-सेक्शन के फोरेंसिक निरीक्षण ने 37 उपकरणों में पैगसस स्पाइवेयर की उपस्थिति की पुष्टि की है, जिनमें से 10 भारत में हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि गांधी उन लोगों में शामिल नहीं हैं जिनके फोन नंबरों की जांच की गई क्योंकि उनके पास अब वे हैंडसेट नहीं हैं जिनका इस्तेमाल उन्होंने उस समय किया था जब उनके नंबर को 2018 के मध्य से 2019 के मध्य तक निशाना बनाने के लिये चुना था। रिपोर्ट के अनुसार फोरेंसिक जांच नहीं होने की सूरत में निश्चित रूप से यह स्थापित करना संभव नहीं है कि पैगसस को गांधी को निशाना बनाने के लिये कहा गया था या नहीं। 'द वायर' ने कहा कि गांधी और केंद्रीय मंत्रियों वैष्णव और प्रहलाद सिंह पटेल के अलावा जिन लोगों के फोन नंबरों को निशाना बनाने के लिये सूचीबद्ध किया गया उनमें चुनाव पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के संस्थापक जगदीप छोकर और शीर्ष वायरोलॉजिस्ट गगनदीप कांग शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार सूची में राजस्थान की मुख्यमंत्री रहते वसुंधरा राजे सिंधिया के निजी सचिव और संजय काचरू का नाम शामिल था, जो 2014 से 2019 के दौरान केन्द्रीय मंत्री के रूप में स्मृति ईरानी के पहले कार्यकाल के दौरान उनके विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) थे।इस सूची में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े अन्य जूनियर नेताओं और विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया का फोन नंबर भी शामिल था। समाचार पोर्टल ने कहा कि सूची से पता चलता है कि चुनाव के कामकाज से जुड़े कई लोगों को भी संभावित निगरानी के लिए निशाने पर रखा गया था जिसमें लवासा भी शामिल हैं। लवासा 3 सदस्यीय चुनाव आयोग के एकमात्र सदस्य थे, जिन्होंने इस बात को माना था कि 2019 के आम चुनाव के लिए प्रचार करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया था। गांधी ने द वायर को बताया कि उन्हें अतीत में संदिग्ध व्हाट्सएप संदेश प्राप्त हुए थे और वह समय समय पर नंबर बदलते रहते थे, जिससे उन्हें निशाना बनाना उनके लिये थोड़ा मुश्किल हो जाता था। इस खबर पर उनकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने द वायर से कहा, "लक्षित निगरानी जिसके बारे में आप बता रहे हैं, वह मेरे संबंध में या विपक्ष के अन्य नेताओं या कानून का पालन करने वाले किसी अन्य भारतीय नागरिक के संबंध में अवैध और निंदनीय है।'' /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 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पीएम नरेंद्र मोदी के दिल में बसता है जम्मू-कश्मीर: अमित शाह
जम्मू-कश्मीर के औद्योगिक विकास के लिए सेंट्रल सेक्टर स्कीम के तहत 28,400 करोड़ रुपये की मंजूरी का हवाला देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए केंद्रशासित प्रदेश कैसे 'विशेष स्थान' रखता है।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के औद्योगिक विकास के लिए सेंट्रल सेक्टर स्कीम के तहत 28,400 करोड़ रुपये की मंजूरी का हवाला देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए केंद्रशासित प्रदेश कैसे 'विशेष स्थान' रखता है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा दी गई मंजूरी की सराहना करते हुए, शाह ने कहा कि यह योजना जम्मू और कश्मीर के कुटीर उद्योग, हस्तशिल्प, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए एक वरदान साबित होगी।अमित शाह ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद और अलगाववाद से छुटकारा दिलाकर जम्मू और कश्मीर में विकास शुरू किया है। मंत्रिमंडल द्वारा जम्मू और कश्मीर के औद्योगिक विकास के लिए 28,400 करोड़ रुपये की केंद्रीय क्षेत्र की योजना का अनुमोदन मोदीजी के दिल में जम्मू और कश्मीर के विशेष स्थान को दर्शाता है।"गृह मंत्री ने कहा कि यह विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में नई एमएसएमई इकाइयों की स्थापना के साथ-साथ मौजूदा इकाइयों के विस्तार को प्रोत्साहित करेगा और जम्मू और कश्मीर में समृद्धि की एक नई सुबह की शुरुआत करेगा।उन्होंने कहा, "यह अभूतपूर्व निवेश को आकर्षित करेगा और लगभग 4.5 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करेगा। इससे युवाओं का कौशल विकास होगा और मौजूदा उद्योगों को मजबूती मिलेगी, जिससे जम्मू और कश्मीर देश के अन्य क्षेत्रों की तरह सक्षम हो जाएगा।"
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राज्यसभा से सस्पेंड 8 सांसद पूरी रात धरने पर बैठे रहे, सुबह उपसभापति हरिवंश उनके लिए चाय लेकर पहुंचे
राज्यसभा से निलंबित 8 सांसद रातभर धरने पर बैठे रहे, धरना अब भी जारी है। इस बीच राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश उनके लिए सुबह की चाय और नाश्ता लेकर पहुंचे।
नई दिल्ली: विपक्ष ने रविवार को राज्यसभा में हुए हंगामे के चलते सोमवार को आठ विपक्षी सदस्यों को निलंबित किए जाने को लेकर सरकार पर हमला बोला तथा इस कदम के विरोध में संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। सोमवार को राज्यसभा से निलंबित 8 विपक्षी सांसद रातभर धरने पर बैठे रहे, धरना अब भी जारी है। इस बीच राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश उनके लिए सुबह की चाय और नाश्ता लेकर पहुंचे। बता दें कि उपसभापति से असंसदीय व्यवहार करने की वजह से ही सांसदों को निलंबित किया गया है। इन सांसदों ने रविवार को कृषि बिलों के विरोध में राज्यसभा में हंगामा किया था। सदन की रूलबुक फाड़ दी और माइक तोड़ने की कोशिश भी की थी।देखें वीडियो-धरने पर बैठे सांसदों ने अपने-अपने घरों से तकिया और कंबल ही नहीं, बल्कि मच्छर भगाने की दवा भी मंगवा ली। इमरजेंसी के लिए मौके पर एक एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई है। एक सांसद ने बताया कि विपक्ष के नेताओं के घरों से बारी-बारी से खाने-पीने की चीजें आ रही हैं, ताकि धरने पर बैठे लोगों का शुगर लेवल कम नहीं हो। शिवसेना के संजय राउत, एनसीपी की सुप्रिया सुले, डीएमके की कनिमोझी और तिरुचि सिवा धरना दे रहे सांसदों के लिए इडली लेकर पहुंचे।निलंबित किए गए आठ सांसदों में कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा), तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य शामिल हैं। निलंबित सांसदों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, सीपीआई के ई करीम, आप के संजय सिंह और माकपा के केके रागेश शामिल हैं। संजय सिंह ने कहा, ‘‘देश के किसानों जाग जाओ। भाजपा की सरकार ने आपकी जिंदगी को अडाणी-अंबानी को गिरवी रख दी है। जाग जाओ और इस काले कानून का विरोध करो। हम संसद में प्रदर्शन कर रहे हैं और आप इसके बाहर करो। भाजपा सरकार ने किसानों के खिलाफ काले कानून को पारित किया है। हमें विधेयक का विरोध करने के लिए निलंबित किया गया है।’’आप नेता ने कहा, ‘‘इसलिए हम यहां धरने पर बैठे हैं और तब तक बैठे रहेंगे जब तक भाजपा सरकार आकर नहीं बताती कि क्यों लोकतंत्र का गला घोंटकर इस काले कानून को पारित किया गया है।’’
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असम विधानसभा चुनाव: शाम 7 बजे तक 82.15% मतदान, तीसरे चरण की 40 सीटों पर वोटिंग संपन्न
Assam Elections: असम में 40 विधानसभा सीटों के लिए मतदाता प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो गया है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
गुवाहाटी. असम चुनाव में आज तीसरे और आखिरी चरण के लिए मतदान प्रक्रिया संपन्न हो गई। वोटर टर्न आउट ऐप के मुताबिक, असम में शाम 7 बजे तक 82.15 प्रतिशत मतदान हुआ। असम में 40 विधानसभा सीटों के लिए पर मतदाता प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो गया है। इस चरण में नेडा के संयोजक और राज्य के मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सहित 337 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में सील हो गया है। इस चरण में बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के तीन सहित 12 जिलों की सीटों पर जमकर वोटिंग हुई। चुनाव आयोग द्वारा मनोबल बढ़ाने के लिए गोलपारा में महिला पोलिंग कर्मियों को "मेखला चादोर्स" (एक लोकप्रिय असमिया साड़ी) दिया गया। कई मतदान केंद्रों पर सबसे पहले मतदान करने वालों और बुजुर्ग नागरिकों को गामोसा (सफेद और लाल रंग का गमछा जैसा पारंपरिक कपड़ा) दिया गया और कई जगह पर पौधे दिए गए। राज्य में सुरक्षित और निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए सेंट्रल आर्मड पुलिस फोर्स की 320 कंपनियों को तैनात किया गया। इन 320 कंपनियों में से 30 कंपनियां स्ट्रांग रूम ड्यूटी और लॉ एंड ऑर्डर जिम्मा संभालेंगी। हर पोलिंग बूथ पर एक कांस्टेबल और एक होम गार्ड की भी तैनाती की गई है। इस चुनाव में कुल 79,19,641 मतदाता मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे, जिनमें से 40,11,539 पुरुष और 39,07,963 महिलाएं हैं। मतदान के लिए 11,401 केंद्र बनाए गए हैं और कुल 45,604 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है।जानिए तीसरे चरण की 40 सीटों पर कहां कितना हुआ मतदान गुवाहाटी. असम चुनाव में आज तीसरे और आखिरी चरण के लिए मतदान प्रक्रिया संपन्न हो गई। वोटर टर्न आउट ऐप के मुताबिक, असम में शाम 7 बजे तक 82.15 प्रतिशत मतदान हुआ। असम में 40 विधानसभा सीटों के लिए पर मतदाता प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो गया है। इस चरण में नेडा के संयोजक और राज्य के मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सहित 337 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में सील हो गया है। इस चरण में बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के तीन सहित 12 जिलों की सीटों पर जमकर वोटिंग हुई। चुनाव आयोग द्वारा मनोबल बढ़ाने के लिए गोलपारा में महिला पोलिंग कर्मियों को "मेखला चादोर्स" (एक लोकप्रिय असमिया साड़ी) दिया गया। कई मतदान केंद्रों पर सबसे पहले मतदान करने वालों और बुजुर्ग नागरिकों को गामोसा (सफेद और लाल रंग का गमछा जैसा पारंपरिक कपड़ा) दिया गया और कई जगह पर पौधे दिए गए। राज्य में सुरक्षित और निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए सेंट्रल आर्मड पुलिस फोर्स की 320 कंपनियों को तैनात किया गया। इन 320 कंपनियों में से 30 कंपनियां स्ट्रांग रूम ड्यूटी और लॉ एंड ऑर्डर जिम्मा संभालेंगी। हर पोलिंग बूथ पर एक कांस्टेबल और एक होम गार्ड की भी तैनाती की गई है। इस चुनाव में कुल 79,19,641 मतदाता मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे, जिनमें से 40,11,539 पुरुष और 39,07,963 महिलाएं हैं। मतदान के लिए 11,401 केंद्र बनाए गए हैं और कुल 45,604 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है।Abhayapuri North- 61.79%Abhayapuri South (Sc)- 63.21%Baghbar- 73.00%Barama- 67.00%Barkhetry- 72.41%Barpeta- 66.78%Bhabanipur- 60.50%Bijni- 72.11%Bilasipara East- 72.10%Bilasipara West- 73.20%Boko Sc- 71.25%Bongaigaon- 68.18%Chapaguri- 67.00%Chaygaon- 71.37%Chenga- 71.66%Dharmapur- 72.67%Dhubri- 74.60%Dispur - 59.00%Dudhnai- 66.40%Gauhati East- 55.00%Gauhati West- 64.00%Gauripur- 74.00%Goalpara East- 67.50%Goalpara West- 70.40%Golakganj- 72.00%Gossaigaon- 70.05%Hajo- 70.34%Jaleswar- 73.17%Jalukbari- 64.00%Jania- 71.34%Kokrajhar East- 64.00%Kokrajhar West- 72.14%Mankachar- 74.72%Palasbari- 66.70%Patacharkuchi- 60.20%Salmara South- 78.09%Sarukhetri- 66.12%Sidli- 72.10%Sorbhog- 70.31%Tamulpur- 66.00%
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Chauri Chura Incident: महामना ने 150 लोगों को फांसी से बचाया था, PM मोदी ने किया प्रणाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आजादी की लड़ाई के दौरान घटी चौरी चौरा की ऐतिहासिक घटना के शताब्दी समारोह की शुरुआत की। पीएम मोदी ने इस मौके पर एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आजादी की लड़ाई के दौरान घटी चौरी चौरा की ऐतिहासिक घटना के शताब्दी समारोह की शुरुआत की। पीएम मोदी ने इस मौके पर एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 100 साल पहले चौरी चौरा में जो हुआ वह सिर्फ एक आगजनी की घटना, एक थाने में आग लगा देने की घटना नहीं थी। चौरी चौरा का संदेश बहुत बड़ा और व्यापक था, अनेक वजहों से पहले जब भी चौरी चौरा की बात हुई, उसे एक मामूली आगजनी के संदर्भ में ही देखा गया, लेकिन आगजनी किन परिस्थितियों में हुई क्या वजह थी, यह भी उतनी महत्वपूर्ण है। आग थाने में नहीं बल्कि जन जन के दिलों में लग चुकी थी, उस इतिहास को आज देश के इतिहास में स्थान देने का जो प्रयास हो रहा है वह प्रशंसनीय है।उन्होंने कहा, आज चौरी चौरा की शताब्दी पर एक डाक टिकट भी जारी किया गया है, आज से शुरू हो रहे ये कार्यक्रम पूरे साल आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान चौरी चौरा के साथ हर गांव और हर क्षेत्र के बीच बलिदानियों को याद किया जाएगा। इस साल जब देश अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, उस समय ऐसे समारोह का होना इसे और भी प्रासंगिक बना देता है। चौरी चौरा देश के सामान्य मानवी का स्वत: स्फूर्त संग्राम था। इस संग्राम की जितनी चर्चा होनी चाहिए थी उतनी नहीं हो पायी। इस संग्राम के शहीदों और क्रांतिकारियों को भले ही इतिहास में प्रमुखता से जगह नहीं दी गई है, लेकिन आजादी के लिए उनका खून देश की माटी में मिला हुआ है जो हमें हमेशा प्रेरणा देता है।पीएम ने कहा, वे सब मां भारती की वीर संतान थे, आजादी के आंदोलन में संभवत: ऐसी कम ही घटनाएं होंगी जिसमें किसी एक घटना पर 19 स्वतंत्रता सैनानियों को फांसी के फंदे पर लटका दिया गया। अंग्रजी हुकूमत तो सैंकड़ों स्वतंत्रता सैनानियों को फांसी देने पर तुली हुई थी, लेकिन बाबा राघव दास और महामना मालवीय जी के प्रयासों की वजह से करीब 150 लोगों को फांसी से बचा लिया गया था। इसलिए आज का दिन विषेश रूप से बाबा राघवदास और महामना मदन मोहन मालवीय जी को भी प्रणाम करने का है।आगे उन्होंने कहा, इस पूरे अभियान से हमारे छात्र छात्राओं और युवाओं को प्रतियोगिता के माध्यम से भी जोड़ा जा रहा है, युवा जो अध्ययन करेंगे उससे उन्हें इतिहास के कई अनकहे पहलू पता चलेंगे। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालयय ने भी आजादी के 75 साल पूरे होने पर युवा लेखकों पर स्वतंत्रता सैनानियों पर किताब लिखने के लिए शोध पत्र लिखने के लिए आमंत्रित किया है, चौरी चौरा संग्राम के कितने ही ऐसे वीर सैनानी हैं जिनके जीवन को आप देश के सामने ला सकते हैं। चौरी चौरा शताब्दी कार्यक्रमों को स्थानीय कला संस्कृति और आत्मनिर्भरता से जोड़ने का प्रयास किया गया है। यह प्रयास भी हमारे स्वतंत्रता सैनानियों के प्रति हमारी श्रद्धांजलि होगी।Image Source : INDIA TVचौरी चौरा शताब्दी महोत्सव में स्वतंत्रता सैनानियों को श्रद्धांजलि दी गई और साथ में सैनानियों के परिजनों को सम्मानित किया गयापीएम ने कहा, सामुहिकता की जिस शक्ति ने गुलामी की बेड़ियो को तोड़ा था वही शक्ति भारत को दुनिया की बड़ी ताकत भी बनाएगी, सामुहिकता की यही शक्ति आत्मनिर्भर भारत अभियान का मूलभूत आधार है, इस देश को 130 करोड़ देशवासियों के लिए भी आत्मनिर्भर बना रहे हैं और पूरे वैश्विक परिवार की भलाई के लिए भी।
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Omicron Variant LIVE Updates: देश में 18 नए केस के साथ ओमिक्रॉन वेरिएंट से अब तक 21 लोग संक्रमित, PM मोदी बोले- 50% आबादी को डबल डोज देना मील का पत्थर
दक्षिण अफ्रीका से निकला ओमिक्रॉन अब तक दुनिया के 40 से ज्यादा देशों में फैल चुका है इसमें यूरोप से लेकर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे तमाम देश शामिल है। भारत में ओमिक्रॉन के 21 मरीज सामने आ चुके हैं।
देश के कई हिस्सों में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मरीज मिलने से चिंता बढ़ गई है। राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और राजधानी दिल्ली में ओमिक्रॉन वैरिएंट पहुंच चुका है लिहाजा अब कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ा दी गई है। सभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। देशभर में ओमिक्रॉन के 21 मरीज सामने आ चुके हैं जबकि शनिवार को देश में सिर्फ 4 ओमिक्रॉन वेरिएंट के मरीज थे। महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के अबतक कुल 8 मामले सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र के पुणे में एक ही परिवार के 6 लोगों में ओमिक्रॉन वेरिएंट की पुष्टि हुई है। दिल्ली-गुजरात में एक-एक और कर्नाटक से 2 मालमे सामने आ चुके हैं। बता दें कि अफ्रीका से निकला ओमिक्रॉन अब तक दुनिया के 40 से ज्यादा देशों में फैल चुका है इसमें यूरोप से लेकर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे तमाम देश शामिल है। ब्रिटेन में अब तक ओमिक्रॉन के 160 मरीज मिल चुके हैं ये भारत के लिए बडा खतरा बन सकता है, क्योंकि यहां बडी संख्या में भारतीय रहते हैं और कारोबार के संबंध में रोजाना सैकड़ों लोग भारत से इंग्लैंड और इंग्लैंड से भारत का दौरा करते हैं।
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"14 दिन क्या 1 दिन में मुख्तार अंसारी को यूपी भेज देते" सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पंजाब की प्रतिक्रिया
सुखजिंदर रंधावा जेल मंत्री पंजाब ने मुखतार अंसारी को पंजाब से यूपी जेल भेजने के फैसले पर कहा कि यह जो गुंडे बदमाश है इनको ग्लोरिफाई नहीं करना चाहिए।
नई दिल्ली: सुखजिंदर रंधावा जेल मंत्री पंजाब ने मुखतार अंसारी को पंजाब से यूपी जेल भेजने के फैसले पर कहा कि यह जो गुंडे बदमाश है इनको ग्लोरिफाई नहीं करना चाहिए। मेरे ख्याल से सुप्रीम कोर्ट ने 2 हफ्ते का टाइम ज्यादा दे दिया है अगर 1 दिन का टाइम भी देते तो हम उसको ट्रांसफर कर देते हमारे जेल डिपार्टमेंट में ना कोई आदमी अपनी मर्जी से अंदर जा सकता है और ना ही बाहर आ सकता है। उन्होनें कहा कि जब भी मेरे पास सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आएगा, मैं उसको इमीडिएट उसे इंप्लीमेंट करूंगा। इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार के लिए यह बड़ी बेशर्मी की बात है कि सुप्रीम कोर्ट को यह कहना पड़ रहा है कि इस खूंखार अपराधी को यूपी भेज दिया जाए उन्होंने कहा कि इस बात का भी पता लगना चाहिए कि सरकार की इस कुख्यात अपराधी को पंजाब में रखने की क्या मंशा थी। मुख्तार 2005 से जेल में बंद है। कृष्णानन्द राय की हत्या के मामले में बरी होने के बाद मुखतार पंजाब चला गया। पहले मुख्तार पर 47 मुकदमे दर्ज थे जिनमे वह 14 में बरी हुआ, 29 में चार्जशीट हो गई, 7 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लग गई है और 4 केस वापस ले लिए गए है। पंजाब के रोपड़ में रंगदारी के मुकदमे में मुख्तार करीब डेढ़ साल पहले रोपड़ जेल गया था फिर यूपी नही आया। यूपी में चल रहे मामलों में मुखतार की कोर्ट में पेशी की कई बार पुलिस ने कोशिश की लेकिन कामयाबी नही मिली। अभी गाज़ीपुर जिले के मुहम्मदाबाद कोतवाली में फर्ज़ी दस्तावेज़ के ज़रिए असलहे का लाइसेंस लेने का मुकदमा है जिसकी सुनवाई प्रयागराज के MP MLA कोर्ट में चल रही है, यहां की पुलिस तीन बार सम्मन लेकर रोपड़ जेल जा चुकी है लेकिन मुख्तार अंसारी बीमारी की आड़ में कोर्ट में पेश नही हुआ। अक्टूबर 2020 में भी पुलिस प्रयागराज की MP MLA कोर्ट का सम्मन लेकर रोपड़ जेल गई थी। लेकिन मुखतार पेश नही हुआ।रूपनगर के सीविल सर्जन के दफ्तर से मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट से मुखतार कोर्ट में पेश होने से बच गया। रिपोर्ट के मुताबिक मुखतार को स्लिप डिस्क, डायबीटीज़ और डिप्रेशन की शिकायत है और तीन महीने तक बेड रेस्ट की ज़रूरत है। प्रयागराज के MP mla कोर्ट में मुखतार पर दस मुकदमे चल रहे है। मुख्तार की तरफ से प्रयागराज के जिला जज के यहां अपील की गई है कि कोर्ट में पेशी से उसे छूट दी जाए क्योंकि यूपी के जेल में उसकी मुन्ना बजरंगी की तरह हत्या हो सकती है।मुखतार के ऊपर जो मुकदमे चल रहे है उनमें हत्या जैसे संगीन मुकदमे भी है। इलाहबाद हाईकोर्ट में मुख्तार पर हत्या का मुकदमा चल रहा है, जहां आरोप है कि मुखतार बीमारी का बहाना बनाकर पेश नही हो रहा। अगस्त 2009 में मऊ के यूनियन बैंक चौराहे पर अजय प्रकाश उर्फ मन्ना सिंह की हत्या कर दी गई थी, मन्ना की तो मौके पर मौत हो गई बाद में मन्ना के साथी राजेश राय की मौत हो गई। मुखतार पर जेल से हत्त्या कराने का आरोप लगा। मन्ना सिंह ने मुखतार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया, सेशन कोर्ट से इस मामले में मुख्तार बरी हो गया अब मन्ना सिंह के भाई अशोक सिंह ने हाईकोर्ट में अपील की है लेकिन मुखतार पेशी पर नही आ रही है। इस मामले के गवाह राम सिंह मौर्य को मार्च 2010 में मऊ के RTO दफ्तर में भीड़भाड़ वाले जगह पर मार दिया गया। इसमें मौर्य का सुरक्षाकर्मी भी मारा गया, इन दोनों हत्याओं के इल्ज़ाम भी मुखतार पर है और इस मामले में प्रयागराज की MP MLA कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस केस में भी मुखतार पेश नही हो रहा और प्रयागराज के जिला जज के यहां अपील की है कि इस संबंध में पर्सनल पेशी से छूट मिले।
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जंगल में बीज इकट्ठा कर रहे ग्रामीणों पर भालू का हमला, 4 को मार वहीं बैठ गया जानवर और फिर...
कोरिया जिले के पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद वह और जिले के कलेक्टर घटनास्थल पहुंचे थे। सिंह ने बताया कि हमला करने के बाद मादा भालू मृतकों के करीब ही बैठ गई थी।
कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में मादा भालू के हमले में दो महिलाओं समेत चार ग्रामीणों की मौत हो गई तथा तीन अन्य ग्रामीण घायल हो गए हैं। कोरिया जिले के वन विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि भालू द्वारा हमले की घटना जिले के देवगढ़ वन परिक्षेत्र के अंतर्गत अंगवाही गांव के जंगल में रविवार शाम को हुई।अधिकारियों ने बताया कि अंगवाही गांव के ग्रामीण जंगल में हर्रा बीज एकत्र करने गए थे। शाम करीब पांच बजे जब ग्रामीण घर वापस लौट रहे थे तब अचानक मादा भालू ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में चार ग्रामीणों की मौत हो गई तथा तीन ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद घटनास्थल के लिए वन विभाग के दल को रवाना किया गया। बाद में दल ने घायलों को जिला अस्पताल बैकुंठपुर भेजा। कोरिया जिले के पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद वह और जिले के कलेक्टर घटनास्थल पहुंचे थे। सिंह ने बताया कि हमला करने के बाद मादा भालू मृतकों के करीब ही बैठ गई थी। जिससे बचाव कार्य शुरू करने में देरी हुई। वहीं हमले के दौरान एक ग्रामीण पेड़ पर चढ़ गया था। उसे जेसीबी मशीन की मदद से पेड़ से नीचे उतारा गया।उन्होंने बताया कि बाद में जब भालू जंगल के भीतर चली गई तब शवों को देर रात करीब एक बजे वहां से निकाला गया तथा पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि वन विभाग भालू पर नजर रखे हुए है। उन्होंने बताया कि मादा भालू अपने बच्चों के साथ है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मृतकों के परिजनों को 25-25 हजार रूपए तात्कालिक सहायता राशि दी गई है। शेष राशि 5.75 लाख रुपए सभी अपौचारिकता पूर्ण होने के बाद दी जाएगी। (भाषा)
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झारखंड में तेज रफ्तार कार पेड़ से टकराई, 4 लोगों की मौत
झारखंड में एक सड़क हादसे में 4 लोगों की मौत होने की खबर है। यह हादसा कार दुर्घटना में हुआ। जानकारी के अनुसार झारखंड के देवघर जिले में एक कार के पेड़ से टकराने पर शुक्रवार को चार लोगों की मौत हो गई।
देवघर। झारखंड में एक सड़क हादसे में 4 लोगों की मौत होने की खबर है। यह हादसा कार दुर्घटना में हुआ। जानकारी के अनुसार झारखंड के देवघर जिले में एक कार के पेड़ से टकराने पर शुक्रवार को चार लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। पुलिस ने यह जानकारी दी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हादसे के पीड़ित बिहार के कटिहार जिले के निवासी हैं। हादसा मोहनपुर पुलिस थाना क्षेत्र में हुआ। थाना प्रभारी प्रेम प्रदीप ने बताया कि चालक के तेज रफ्तार कार पर से नियंत्रण खोने के कारण यह हादसा हुआ। जान गंवाने वालों में एक महिला भी शामिल है। गंभीर रूप से घायलों में एक बच्चा शामिल है, जिसे नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। बताया जाता है कि सभी लोग साहिबगंज के जीरवाबाड़ी से देवघर के बाबाधाम मंदिर में पूजा करने जा रहे थे। इसी दौरान कार जैसे ही देवघर के मोहनपुर थाना अंतर्गत जमुनिया के पास पहुंची यह बड़ा हादसा हो गया है। घटना के बाद इलाके में लोगों भीड़ जमा हो गई।मिली जानकारी के अनुसार कार साहिबगंज के जीरवाबाड़ी से आ रही थी। इसी दौरान स्कॉर्पियो चालक को नींद आने से वजह से जमुनिया जंगल के पास गाड़ी की पेड़ में जोरदार टक्कर हो गई।
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अंडरवर्ल्ड पर ED की बड़ी कार्रवाई, दाऊद इब्राहिम की बहन के घर समेत कई जगहों पर छापेमारी
ED अधिकारी दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के घर पर भी पहुंचे और यहां उन्होंने सर्च ऑपरेशन चलाया। महाराष्ट्र की राजधानी में लगभग 10 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के अंतर्गत की जा रही है।
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की है। ED ने मुंबई के कई ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया। अंडरवर्ल्ड से ताल्लुक रखने वाले कई लोगों के घर और दफ्तरों पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। ED मनी लॉन्ड्रिंग और उसके पीछे पॉलिटिकल कनेक्शन की जांच कर रही है। फिलहाल ED की तरफ से किसी नाम की पुष्टि नहीं की गई है। दाऊद इब्राहिम के हवाला, मनी लांड्रिंग और ड्रग्स ट्रैफिकिंग को लेकर एनआईए ने 15 दिन पहले मामला दर्ज किया था।इस मामले में प्रॉपर्टी डील, मनी लांड्रिंग और हवाला ट्रांजेक्शन को लेकर इनपुट शेयर किए गए थे जिसके बाद आज तड़के सुबह 4 बजे से ईडी का सर्च ऑपरेशन डी कंपनी से जुड़े लोगों पर किया जा रहा है। फिलहाल इस मामले में अबी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है और न ही किसी को हिरासत में लिया है।ED अधिकारी दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के घर पर भी पहुंचे और यहां उन्होंने सर्च ऑपरेशन चलाया। महाराष्ट्र की राजधानी में लगभग 10 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के अंतर्गत की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि एक नेता से जुड़े कुछ परिसरों पर भी छापा मारा गया है। उन्होंने कहा कि ईडी को प्राप्त कुछ खुफिया जानकारी और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है।
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चीन के वामपंथी नेता की CPI(M) ने की प्रशंसा, BJP ने किया पलटवार
पश्चिम बंगाल और केरला में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीएम) पर जमकर निशाना साधा है।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल और केरला में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीएम) पर जमकर निशाना साधा है। बीजेपी ने सीपीएम के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि चीन का समर्थन लेफ्ट फ्रंट की प्राथमिकताओं में से है। बीजेपी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कम्यूनिस्टों को ना तो देश के नागरिकों से सहानुभूति है और ना ही यहां के सैनिकों से। भाजपा ने शुक्रवार को चीन के पूर्व सुधारवादी नेता डेंग शियाओ पिंग को श्रद्धंजलि देने के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को आड़े हाथों लिया और चीन का समर्थन करने का आरोप लगाया। माकपा की पुडुचेरी इकाई ने शुक्रवार को शियाओ पिंग की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की थी।वाम दल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘24 साल पहले 19 फरवरी 1997 को कॉमरेड शियाओ पिंग का निधन हुआ था। वह एक क्रांतिकारी वामपंथी थे जो 1978 से 1989 तक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के नेता रहे। सीपीसी ने चीनी विशेषताओं के साथ चीनी समाजवाद का नेतृत्व किया जो मार्क्सवाद-लेनिनवाद और माओ के सिद्धांत से मार्गदर्शित था।’’इस पर निशाना साधते हुए भाजपा ने कहा, ‘‘प्रिय पश्चिम बंगाल और केरल। वामा मोर्चे की प्राथमिकताएं बिल्कुल स्पष्ट है-चीन का समर्थन। पुरानी हो चुकी वामपंथी विचारधारा, वामपंथी पाखंड और वामपंथी निरंकुशता को खारिज कीजिए। उनकी संवेदना ना तो हमारे जवानों के साथ है ना ही हमारे नागरिकों के साथ।’’ज्ञात हो कि केरल में वाम मोर्चे की सरकार है जिसका नेतृत्व माकपा कर रही है। भाजपा वहां की राजनीति में लंबे समय से पैर पसारने में लगी हुई है। लंबे समय तक पश्चिम बंगाल में शासन कर चुके वामपंथी दल इस बार वहां विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर तीसरा मोर्चो बनाने की कोशिशों में है। माना जा रहा है कि वहां मुख्य मुकाबला सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच है।आने वाले समय में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) को लेकर केरल और पश्चिम बंगाल में माहौल गर्मा सकता है क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम के बाद सीएए लागू करने के संकेत दिए हैं। जिसके बाद से केरल और बंगाल में सियासी माहौल गर्म हो गया है।
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भारतीय रेलवे ने दी गुड न्यूज, किया कई ट्रेनों का ऐलान, ये रही पूरी डिटेल
Railway News: भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेनों का ऐलान वडोदरा-जामनगर, नांदेड-श्रीगंगानगर, मुंबई सेंट्रल- वलसाड रूट पर किया गया है। इन ट्रेनों में यात्रा के दौरान पैसेंजर्स को कोविड-19 को रोकने के लिए बनाए गए प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
नई दिल्ली. भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सहूलियत को देखते हुए कई और नई स्पेशल ट्रेनों का ऐलान किया है। भारतीय रेलवे द्वारा इन ट्रेनों का ऐलान वडोदरा-जामनगर, नांदेड-श्रीगंगानगर, मुंबई सेंट्रल- वलसाड रूट पर किया गया है। इन ट्रेनों में यात्रा के दौरान पैसेंजर्स को कोविड-19 को रोकने के लिए बनाए गए प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। भारतीय रेलवे द्वारा चलाई जाने वाली इन विशेष ट्रेनों की अधिक जानकारी के लिए आप www.enquiry.indianrail.gov.in पर विजिट कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं भारतीय रेलवे द्वारा किन ट्रेनों का ऐलान किया गया है।पढ़ें- भारतीय रेलवे ने लोकल पैंसेंजर्स के लिए किया छोटी दूरी की कई ट्रेनों का ऐलान, देखिए पूरी लिस्टपढ़ें- डॉक्टर की शादी में शामिल हुए राजनाथ, 20 साल पहले ली थी उसकी पढ़ाई की जिम्मेदारीनई दिल्ली. भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सहूलियत को देखते हुए कई और नई स्पेशल ट्रेनों का ऐलान किया है। भारतीय रेलवे द्वारा इन ट्रेनों का ऐलान वडोदरा-जामनगर, नांदेड-श्रीगंगानगर, मुंबई सेंट्रल- वलसाड रूट पर किया गया है। इन ट्रेनों में यात्रा के दौरान पैसेंजर्स को कोविड-19 को रोकने के लिए बनाए गए प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। भारतीय रेलवे द्वारा चलाई जाने वाली इन विशेष ट्रेनों की अधिक जानकारी के लिए आप www.enquiry.indianrail.gov.in पर विजिट कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं भारतीय रेलवे द्वारा किन ट्रेनों का ऐलान किया गया है।पढ़ें- भारतीय रेलवे ने लोकल पैंसेंजर्स के लिए किया छोटी दूरी की कई ट्रेनों का ऐलान, देखिए पूरी लिस्टपढ़ें- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे 'मन की बात'पढ़ें- सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट डालने पर होगी 5 साल की जेल? जानिए क्या है इस दावे की सच्चाई
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नहीं रहे केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, उनके नाम है एक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
रामविलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 में हुआ था। उनका पैतृक गांव खगड़िया जिले के अलौली स्थित शहरबन्नी गांव है। उनकी शादी 1960 में राजकुमारी देवी के साथ हुई थी। बाद में 1981 में उस पत्नी को तलाक देकर दूसरी शादी 1983 में रीना शर्मा से की।
पटना: केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का गुरुवार को दिल्ली में निधन हो गया है। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और दिल्ली के एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती थे। उनके बेटे चिराग पासवान ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। वे 74 साल के थे। रामविलास पासवान ने खगड़िया के काफी दुरुह इलाके शहरबन्नी से निकलकर दिल्ली की सत्ता तक का सफर अपने संघर्ष के बूते तय किया।रामविलास पासवान के नाम एक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है। वे हाजीपुर से 1977 में 4.25 लाख वोटों से जीते थे। 1989 में उन्होंने फिर 5.05 लाख वोटों से जीतकर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया था। पिछले 50 सालों में 9 बार सांसद रह चुके पासवान शतरंज को अपना फेवरेट खेल बताते थे। वे कहते थे कि उन्होंने हमेशा सही कदम उठाए, जिसकी वजह से वे कई सरकारों के साथ रहे। उन्होंने छह पीएम की कैबिनेट में मंत्री रहने का भी रिकॉर्ड बनाया। 1989 में वो पहली बार केन्द्रीय श्रम मंत्री बनाए गए। 1996 से 2015 तक केन्द्र में सरकार बनाने वाले सभी राष्ट्रीय गठबंधन चाहे यूपीए हो या एनडीए, का वह हिस्सा बने। इसी कारण लालू प्रसाद ने उनको ‘मौसम विज्ञानी’ का नाम दिया था। वह खुद भी स्वीकारने लगे थे कि वह जहां रहते हैं सरकार उन्हीं की बनती है। मतलब राजीतिक मौसम का पुर्वानुमान लगाने में वे माहिर थे।रामविलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 में हुआ था। उनका पैतृक गांव खगड़िया जिले के अलौली स्थित शहरबन्नी गांव है। उनकी शादी 1960 में राजकुमारी देवी के साथ हुई थी। बाद में 1981 में उस पत्नी को तलाक देकर दूसरी शादी 1983 में रीना शर्मा से की। उनकी दोनों पत्नियों से तीन पुत्रियां और एक पुत्र है। उन्होंने कोसी कॉलेज खगड़िया और पटना यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। पटना विश्वविद्यालय से उन्होंने एमए और लॉ ग्रेजुएट की डिग्री ली। वह नॉनवेज पसंद करते हैं। मछली उनकी पहली पसंद है।
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शेहला रशीद के पिता ने कहा- 'देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है बेटी, मेरी जान को भी खतरा'
JNU छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद के पिता ने अपनी बेटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शेहला रशीद के पिता अब्दुल राशीद ने अपनी ही बेटी से जान का खतरा होने की बात कही है।
नई दिल्ली/श्रीनगर: JNU छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद के पिता ने अपनी बेटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शेहला रशीद के पिता अब्दुल राशीद ने अपनी ही बेटी से जान का खतरा होने की बात कही है। अब्दुल राशीद ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी शेहला रशीद से जान को खतरा है। इतनी ही नहीं उन्होंने शेहला रशीद पर टेरर फंडिंग को लेकर भी आरोप लगाए। यह सब उन्होंने जम्मू-कश्मीर के डीजीपी को पत्र लिखकर कहा है।शेहला रशीद के पिता अब्दुल राशीद ने पत्र में कहा कि उनकी बेटी को विदेश से फंड मिलता है। शेहला जानबूझकर कश्मीर में गड़बड़ी करना चाहती है। वह देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है। 3 पन्नों के अपने पत्र में अब्दुल राशीद ने लिखा कि एंटी नेशनल गतिविधियों में शामिल है। हालांकि, इस सब पर शेहला रशीद ने भी अपनी सफाई दी। शेहला रशीद का कहना है कि उनके पिता डोमेस्टिक वायलेंस करते थे और यह उनका एक स्टंट है। उन्होंने कहा कि आरोप 'आधारहीन, घृणित' बताया है। शेहला रशीद ने एक बयान कर कहा कि परिवार में ऐसा नहीं होता, जैसा मेरे पिता ने किया है। उन्होंने मेरे साथ-साथ मेरी मां और बहन पर भी बेबुनियाद आरोप लगाए हैं।शेहला रशीद ने एक ट्वीट कर अपने पिता को 'बीवी-बीटर' और एक अपमानजनक, नापाक आदमी कहा। शेहला ने कहा कि हमने उनके (अपने पिता) खिलाफ कार्रवाई का फैसला लिया है और यह यह स्टंट उसी की प्रतिक्रिया है।वहीं, इस पूरे मामले को लेकर पुलिस ने भी प्रतिक्रिया दी। कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने कहा कि शेहला के पिता के दावे के मद्देनजर उनके पत्र को सत्यापन के लिए श्रीनगर के एसएसपी को भेज दिया है।
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दुनिया में फिर लौटा कोरोना: चीन के शंघाई में अब तक 87 मौतें, अफ्रीका-अमेरिका में भी नए मामले
कोरोना फिर दुनियाभर में पैर पसार रहा है। चीन में हालात बुरे हैं। यहां शंघाई में कोरोना से पिछले 24 घंटे में 39 मौतें हुई हैं, जबकि 21,058 संक्रमित भी मिले हैं।
Corona Cases in World: कोरोना फिर दुनियाभर में पैर पसार रहा है। चीन में हालात बुरे हैं। यहां शंघाई में कोरोना से पिछले 24 घंटे में 39 मौतें हुई हैं, जबकि 21,058 संक्रमित भी मिले हैं। शंघाई में अब मरने वालों की संख्या बढ़कर 87 तक पहुंच गई है। वहीं कोरोना से जर्मनी और फ्रांस में मौतों की संख्या में एक हफ्ते में इजाफा हुआ है। कोरोना का ग्राफ अफ्रीका और अमेरिका में भी तेजी से बढ़ रहा है।चीन के शंघाई में कोरोना से अबतक कुल 87 लोगों की मौत हुई हैं, जिनकी औसत आयु लगभग 81 वर्ष थी। नगरपालिका स्वास्थ्य आयोग ने रविवार को यह जानकारी दी।। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने आयोग के हवाले से कहा कि मृतकों में सबसे बुजुर्ग 101 साल के थे। जिन लोगों का इस महामारी से निधन हुआ है, उनमें गंभीर स्वास्थ्य समस्यां जैसे कि घातक ट्यूमर, कोरोनरी हृदय रोग और उच्च रक्तचाप इत्यादि थी। शंघाई में गंभीर हालत में 157 कोविड मरीज हैं और 18 गंभीर हालत में नामित अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। पिछले 24 घंटों में, शंघाई ने 1,401 स्थानीय रूप से प्रसारित कोविड -19 मामलों और 19,657 स्थानीय असिम्प्टोमटिक मामलों की पुष्टि की।शंघाई हेल्थ कमीशन के मुताबिक मृतकों की औसत उम्र 79 साल है, जो कुछ न कुछ बीमारियों से पीड़ित थे। मार्च से अब तक शंघाई में 87 मौतें हो चुकी हैं। चीन में कोरोना को लेकर जीरो कोविड पॉलिसी लागू है। बता दें, चीन के वुहान शहर से ही पहली बार कोरोना का मामला सामने आया था।वर्ल्डोमीटर की रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस में पिछले 24 घंटे में 58,000 और अमेरिका (US) में करीब 12,000 केस मिले हैं। साउथ कोरिया में सबसे अधिक 64,725 नए केस सामने आए हैं। मौत की संख्या की बात करें तो , फ्रांस में 40 और US में 14 लोगों की जान गई है।पिछले वर्ष के मध्य में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जून 2022 तक हर देश में कोविड-19 के खिलाफ 70% वैक्सीन लगाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य आगे बढ़ाया था। उसका कहना था कि महामारी के अंत के लिए ऐसा जरूरी है। अब स्पष्ट हो चुका है कि दुनिया लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएगी। कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कम आय वाले अधिकतर देश लक्ष्य से बहुत पीछे रह जाएंगे। अमेरिकी सहायता बंद होने और सरकारों, दानदाताओं की प्राथमिकताओं में बदलाव की वजह से एSसा होगा।अफ्रीका के चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो वैक्सीनेशन अभियान पटरी से उतर गया है। विश्व के सबसे अधिक गरीब 82 देशों में केवल कुछ देशों में 70% वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा हो सका है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी डेटा के अनुसार कई देश तो 20% से नीचे हैं। इसके विपरीत विश्व के दो तिहाई अमीर देशों में 70% वैक्सीन (अमेरिका में 66%) लग चुकी है।विशेषज्ञ कहते हैं, वैश्विक अभियान अधूरा छोड़ने से नए खतरनाक वैरिएंट का उदय हो सकता है। पूर्वी यूरोप और मध्य पू‌र्व सहित विश्व के विभिन्न भागों में अभी हाल के महीनों में वैक्सीनेशन की दर बहुत कम हो गई है। यह लगभग 35 प्रतिशत है। अफ्रीका में 17 प्रतिशत से कम वैक्सीन लगाई गई है।
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यूपी: योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, लखनऊ में पुलिस इंस्पेक्टर के घर पर चला बुलडोजर
प्रशासन की इस कार्रवाई पर एडीजी कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाई कानूनी तरीके से की जाती हैं और कानूनी नोटिस देने के बाद ही अवैध निर्माण को तोड़ा जाता है। हम अतिक्रमण में शामिल किसी के भी खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
लखनऊ: यूपी में योगी सरकार की बुलडोजर वाली कार्रवाई जारी है। ताजा मामला लखनऊ से सामने आया है, जहां एक व्यवसायी की हत्या के आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह के घर को प्रशासन ने बुलडोजर के जरिए तोड़ा है। ये पुलिस इंस्पेक्टर पिछले साल गोरखपुर के एक होटल में पुलिस की छापेमारी के दौरान कानपुर के व्यवसायी मनीष गुप्ता की मौत में कथित रूप से शामिल था।प्रशासन की इस कार्रवाई पर एडीजी कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाई कानूनी तरीके से की जाती हैं और कानूनी नोटिस देने के बाद ही अवैध निर्माण को तोड़ा जाता है। हम अतिक्रमण में शामिल किसी के भी खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। बता दें कि कानपुर के व्यवसायी मनीष गुप्ता की बीते साल गोरखपुर में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। चार्जशीट में जो आरोप लगाए गए हैं, उसके मुताबिक, 27 सितंबर को इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, उप निरीक्षक अक्षय मिश्रा, विजय यादव और तीन अन्य पुलिसकर्मी कथित रूप से होटल के कमरे में गए। इस कमरे में कानपुर के व्यवसायी मनीष गुप्ता अपने दोस्तों के साथ मौजूद थे। इस दौरान पुलिस और मनीष गुप्ता के बीच बहस हुई, जिसके बाद पुलिस ने उनकी पिटाई की। पुलिस की पिटाई से मनीष घायल हो गए और उन्हें पुलिस ने अधमरी हालत में अपनी गाड़ी में रखा और फिर उसे मानसी हॉस्पिटल ले गए। इसके बाद मनीष को बीआरडी हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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Tejinder Singh Bagga: हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद देर रात घर पहुंचे बग्गा, जानिए क्या रहा पूरा घटनाक्रम?
दिल्ली भाजपा के नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा दिन भर चले हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद शुक्रवार देर रात अपने घर पहुंच गए।
Tejinder Singh Bagga: दिल्ली भाजपा के नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा दिन भर चले हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद शुक्रवार देर रात अपने घर पहुंच गए। पंजाब पुलिस के साथ दिल्ली और हरियाणा पुलिस की दिनभर चली गहमागहमी के बाद शुक्रवार रात 12:30 बजे तजिंदर पाल बग्गा को गुरुग्राम स्थित द्वारका अदालत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट स्वयं सिद्धा त्रिपाठी के समक्ष पेश किया गया। मजिस्ट्रेट के सामने बग्गा की मेडिकल रिपोर्ट भी पेश की गई, जिसमें उनकी पीठ व हाथ में चोटें पाई गईं। बग्गा ने मजिस्ट्रेट से कहा कि वह अपने घर जाना चाहते हैं, जिसके बाद अदालत ने उन्हें पुलिस सुरक्षा में घर भेजा।देर रात घर पहुंचने पर बड़ी संख्या में समर्थकों ने तजिंदर पाल बग्गा का स्वागत किया. मजिस्ट्रेट के सामने पेशी से पहले बग्गा की दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में मेडिकल कराया गया। अदालत ने उन्हें घर छोड़ने के अलावा हरिनगर थाने के एसएचओ से सुरक्षा का ध्यान रखने के लिए कहा। पंजाब पुलिस के वकीलों की टीम ड्यूटी मजिस्ट्रेट स्वयं सिद्धा त्रिपाठी की सोसायटी के बाहर खड़ी थी, लेकिन उन्हें तजिंदर पाल बग्गा की पेशी व घर लौटने की भनक तक नहीं लगी। देर रात 1 बजे तक पंजाब पुलिस के वकील मजिस्ट्रेट की सोसायटी के बाहर खड़े रहे। दिल्ली पुलिस के जरिए उन्हें पता लगा कि बग्गा की मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेशी हो चुकी है और वह अपने घर जा चुके हैं।पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि उसने मोहाली में दर्ज एक मामले में बीजेपी की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को सुबह दिल्ली में उनके आवास से गिरफ्तार किया। हालांकि, बग्गा को दिल्ली से मोहाली ले जा रहे पंजाब पुलिस की गाड़ियों को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में रोक दिया गया और पंजाब पुलिस की गाड़ियों को कुरुक्षेत्र के पीपली पुलिस थाने ले जाया गया। पंजाब पुलिस की टीम को रोके जाने के सवाल पर हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, 'ऐसी जानकारी मिली है कि बग्गा को उनके आवास से जबरन उठाया गया। हमें इन चीजों को सत्यापित और इसकी पुन: जांच करनी होगी।'इसके बाद, दिल्ली पुलिस की एक टीम ने ‘बेहद नाटकीय घटनाक्रम’ में कुरुक्षेत्र में बग्गा को पंजाब पुलिस से अपने संरक्षण में ले लिया। कुरुक्षेत्र के एक पुलिस अधिकारी ने फोन पर बताया कि दिल्ली पुलिस की एक टीम कुरुक्षेत्र पहुंची और बग्गा को अपने साथ लेकर राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना हो गई। हालांकि, बग्गा की गिरफ्तारी के पीछे की वजह और इसकी कानूनी वैधता के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आयी है। पंजाब पुलिस ने दावा किया कि 5 नोटिस भेजे जाने के बावजूद बग्गा जांच में शामिल नहीं हुए थे, जिसके बाद उन्हें कानून की उचित प्रक्रिया के बाद सुबह उनके घर से गिरफ्तार किया गया।बग्गा को पंजाब पुलिस द्वारा उठाकर ले जाने से लेकर नाटकीय घटनाक्रम के बाद वापस घर आने के बाद तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के पिता प्रीतपाल सिंह बग्गा ने बताया कि हमें चिंता थी कि नाजायज़ तरीके से पंजाब पुलिस बेटे को पकड़कर ले गई थी। पंजाब में उसके लिए हर तरह का ख़तरा हो सकता था। अब पुलिस जो आनी थी वो आ चुकी है, उनका ड्रामा खत्म हो गया। अब हम केजरीवाल के घर जाएंगे और उनसे बात करेंगे।पंजाब पुलिस ने तेजिंदर को ले जाते समय कैसा व्यवहार किया, इस बारे में भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने बताया कि मुझे न पटका पहनने का मौका दिया, न चप्पल पहनने का मौका दिया और मुझे पुलिस जीप के अंदर फेंक दिया। ये अवैध तरीके से ये अपहरण पंजाब पुलिस द्वारा किया गया था। लोकल पुलिस को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई।
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बाबरी विध्वंस केस: CM योगी ने कहा- 'सत्यमेव जयते' के अनुरूप हुई सत्य की जीत
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि 'सत्यमेव जयते' के अनुरूप सत्य की जीत हुई है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि 'सत्यमेव जयते' के अनुरूप सत्य की जीत हुई है। मुख्यमंत्री योगी के सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा, “यह फैसला स्पष्ट करता है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर वोट बैंक की राजनीति के लिए देश के पूज्य संतों, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं, विश्व हिंदू परिषद से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं समाज से जुड़े विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों को बदनाम करने की नीयत से उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाकर बदनाम किया गया।” बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस षड्यंत्र के लिए जिम्मेदार लोग देश की जनता से माफी मांगें। गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी।बता दें कि सीबीआई ने कुल 49 लोगों को आरोपी बनाया था, जिनमें 17 की मौत हो चुकी है जबकि बाकि 32 के नाम मुकदमे में थे। मामले के जिन 17 आरोपियों का निधन हो चुका है उनमें शिवसेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे, विश्व हिंदु परिषद के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णुहरी डालमिया, मोरेश्वर सावें, महंत अवैद्यनाथ, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि, बैकुंठ लाल शर्मा, परमहंस रामचंद्र दास, डॉ. सतीश नागर, डीबी राय, रमेश प्रताप सिंह, हरगोविंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास, राम नारायण दास, विनोद कुमार और राजमाता सिंधिया हैं।वहीं, जिन 32 लोगों के नाम अभी मुकदमे में थे, उनमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ. राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश शर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दुबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण शरण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, रामचंद्र खत्री, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमर नाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, महाराज स्वामी साक्षी, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धर्मेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ और धर्मेंद्र सिंह गुर्जर शामिल हैं।
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मेघालय के साथ भी असम का सीमा विवाद, बिजली के खंभे लगाने से रोका
असम के मुख्य शहर गुवाहाटी के खानापारा इलाके में राज्य की जमीन पर मेघालय द्वारा बिजली के खंभे लगाने के कथित प्रयास के कारण सोमवार को अंतरराज्यीय सीमा पर तनाव बढ़ गया।
गुवाहाटी:असम के मुख्य शहर गुवाहाटी के खानापारा इलाके में राज्य की जमीन पर मेघालय द्वारा बिजली के खंभे लगाने के कथित प्रयास के कारण सोमवार को अंतरराज्यीय सीमा पर तनाव बढ़ गया। असम के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस बारे में सूचना मिलने पर असम पुलिस और नागरिक प्रशासन के अधिकारी अंतरराज्यीय सीमा के करीब खानापारा पहुंचे और मेघालय के अधिकारियों से चर्चा की। अधिकारी ने बताया कि पड़ोसी राज्य इसके बाद बिजली का खंभा नहीं लगाने पर सहमत हुआ। अधिकारी ने बताया, ‘‘मामले को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाया गया और अब स्थिति नियंत्रण में है।’’ इलाके में असम सरकार पहले से ही बिजली की आपूर्ति कर रही है। इस संबंध में मेघालय सरकार का बयान उपलब्ध नहीं है। असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद वर्षों से चल रहा है। दो दिन पहले मेघालय की राजधानी शिलांग में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच हुई बैठक में भी यह मुद्दा उठा। सोमवार की घटना ऐसे वक्त हुई जब पूर्वोत्तर के पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद एक खूनी संघर्ष में बदल गया। मिजोरम के साथ राज्य की ‘‘संवैधानिक सीमा’’ की रक्षा करते हुए असम पुलिस के कम से कम पांच कर्मियों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। दोनों पक्षों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे की पुलिस को जिम्मेदार ठहराया और केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की। इससे पहले, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया था कि झड़प में छह पुलिसकर्मियों की मौत हुई। बाद में सोमवार देर रात असम सरकार ने एक बयान में मृतक संख्या में संशोधन किया और कहा कि पांच पुलिसकर्मियों की मौत हुई जबकि 50 से ज्यादा जवान घायल हुए हैं।असम के कछार जिले के अधिकारियों ने कहा कि संघर्ष में 10 अन्य लोग भी जख्मी हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने क्रमशः असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों, हिमंत बिस्वा सरमा और जोरमथांगा से बात की और उनसे विवादित सीमा पर शांति सुनिश्चित करने और सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने का आग्रह किया। अमित शाह ने पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत में सीमा विवादों को सुलझाने की आवश्यकता को रेखांकित किया था जिसके दो दिन बाद यह घटना सामने आई है।
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UP: कानपुर में जीका वायरस से दहशत, मिले 6 और मरीज
कानपुर में जीका वायरस के मामलों की कुल संख्या बढ़कर अब 10 हो गई है। चिकित्सा टीमों ने अब तक शहर के चकेरी इलाके में जीका वायरस प्रभावित इलाकों से 645 संदिग्ध रोगसूचक, बुखार से पीड़ित और गर्भवती महिलाओं के नमूने इक्ठ्ठे किए हैं।
कानपुर (यूपी): उत्तर प्रदेश के कानपुर के चकेरी इलाके में 6 और लोग जीका वायरस पॉजिटिव हो गए है। शहर में जीका वायरस के मामलों की कुल संख्या बढ़कर अब 10 हो गई है। लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) लैब की रविवार को आई रिपोर्ट में एक गर्भवती महिला और दो पुरुषों समेत चार महिलाओं में जीका वायरस का संक्रमण पाया गया है। कानपुर के जिलाधिकारी विशाख जी. अय्यर, स्वास्थ्य और नागरिक विभागों की एक टीम के साथ क्षेत्र का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंचे।चिकित्सा टीमों ने अब तक शहर के चकेरी इलाके में जीका वायरस प्रभावित इलाकों से 645 संदिग्ध रोगसूचक, बुखार से पीड़ित और गर्भवती महिलाओं के नमूने इक्ठ्ठे किए हैं। उनके नमूने लखनऊ में केजीएमयू लैब और पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) भेजे गए हैं। उत्तर प्रदेश के संचारी रोग विभाग के निदेशक जीएस बाजपेयी ने कहा कि कांशीराम अस्पताल में एक विशेष वार्ड बनाया गया है, जहां लखनऊ के जीका वायरस के मरीजों को भर्ती किया गया है। वार्ड में मरीजों को मच्छरदानी के अंदर रखा गया है।कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ), नेपाल सिंह ने कहा, "सभी संक्रमित व्यक्ति वायु सेना स्टेशन क्षेत्र के बाहर के हैं। वे चकेरी के हरजिंदर नगर लाल बांग्ला, पूनम टॉकीज, लालकुर्ती कैंट, ओमपुरवा और काली बाड़ी इलाकों में रहने वाले नागरिक हैं। सभी प्रभावित इलाकों में चिकित्सा और नागरिक टीमों द्वारा एंटी-लार्वा स्प्रे किया जा रहा है।" उन्होंने कहा कि सभी 6 मरीजों को होम क्वारंटीन में रखा गया है और उनका इलाज शुरू हो गया है।सिंह ने कहा, "सभी मरीज बिना लक्षण वाले हैं। उनके परिवारों को भी जांच रिपोर्ट आने तक घर पर रहने की सलाह दी गई है। संक्रमित व्यक्तियों के घरों के आसपास करीब 400 घरों को कंटेनमेंट एरिया बनाया गया है। फॉगिंग और एंटी लार्वा का लगातार छिड़काव किया जा रहा है। एक बार जब उनका क्रॉस निगेटिव टेस्ट हो जाएगा तो परिवार के सदस्यों का आइसोलेशन खत्म हो जाएगा।"शनिवार को वायुसेना के दो कर्मचारियों समेत तीन और लोग जीका वायरस से संक्रमित पाए गए। 23 अक्टूबर को पहले संक्रमित मामले का पता चलने के बाद केंद्र ने राष्ट्रीय वेक्टर-जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और राम मनोहर लोहिया अस्पताल से एक उच्च-स्तरीय बहु-अनुशासनात्मक टीम भेजी थी, जिसमें एक कीटविज्ञानी, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ शामिल हैं।इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जीका वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखने का निर्देश दिया है। सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, राज्य का स्वास्थ्य विभाग बड़े पैमाने पर स्वच्छता, राज्यव्यापी निगरानी अभियान, लार्वा विरोधी रसायनों के छिड़काव, फॉगिंग और स्वच्छता अभियान का व्यापक अभ्यास कर रहा है। वायरल फीवर, वेक्टर जनित बीमारियों और अन्य लक्षणों वाले मरीजों की पहचान करने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर जांच कर रहे हैं।
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उत्तर प्रदेश: BJP विधायक के काफिले पर हमला
कुछ अज्ञात उपद्रवियों ने एसयूवी गाड़ी के पीछे का शीशा तोड़ दिया जिसमें विधायक प्रसाद बैठे थे। पुलिस अधिकारी ने कहा, "विधायक घायल नहीं हुए, लेकिन उनकी सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है और एक मामला दर्ज किया गया है।"
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के सलेमपुर से भाजपा विधायक काली प्रसाद के काफिले पर देवरिया जिले में अज्ञात बदमाशों ने हमला कर दिया। पुलिस ने घटना के संबंध में छह लोगों को हिरासत में लिया है। सोमवार देर शाम हुई इस घटना में विधायक सुरक्षित बच गए।देवरिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) श्रीपत मिश्रा के अनुसार, भाजपा विधायक चकरवा बहोरदास के पास एक पार्टी सदस्य से मिलने के बाद लौट रहे थे, जैसे ही उनके काफिले ने सलेमपुर थाना क्षेत्र के प्राणछपरा गांव में एक जुलूस को पार किया, उन पर हमला हो गया।कुछ अज्ञात उपद्रवियों ने एसयूवी गाड़ी के पीछे का शीशा तोड़ दिया जिसमें विधायक प्रसाद बैठे थे। पुलिस अधिकारी ने कहा, "विधायक घायल नहीं हुए, लेकिन उनकी सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है और एक मामला दर्ज किया गया है।" एसपी ने कहा कि यह पता लगाने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम भेजी गई है कि एसयूवी का पिछले हिस्से का शीशा कैसे टूटा।
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मई तक भारत में 64 लाख लोग हुए थे कोरोना पॉजिटिव, ICMR के सीरो सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा
देश में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ने का सिलसिला जारी है। भारत में कुल संक्रमितों की संख्या 45.50 लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है और 76 हजार से ज्यादा लोग इस बीमारी की वजह से अपनी जान गंवा बैठे हैं।
नई दिल्ली: देश में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ने का सिलसिला जारी है। रोजाना कोरोनावायरस के रिकॉर्ड नए मामले सामने आ रहे हैं और इसकी वजह से मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है। भारत में कुल संक्रमितों की संख्या 45.50 लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है और 76 हजार से ज्यादा लोग इस बीमारी की वजह से अपनी जान गंवा बैठे हैं। इस बीच एक ऐसा आंकड़ा सामने आया है जिसे देखकर आप हैरान हो जाएंगे। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कुछ दिन पहले नेशनल सीरोलॉजिकल सर्वे कराया था जिसके नतीजे सामने आ गए हैं। इसमें मई की शुरुआत तक 64 लाख (64,68,388) लोगों के कोरोना वायरस के संपर्क में आने की बात सामने आ गई है। अगर इसको प्रतिशत में देखा जाएं तो ये 0.73 फीसदी वयस्कों के कोरोना से संक्रमित होने की बात है।सीरो सर्वे के मुताबिक आरटी-पीसीआर से एक कन्फर्म पॉजिटिव मामला सामने आ रहा था जबकि मई के दौरान उस समय 82 से लेकर 130 कोरोना संक्रमण के के मामले सामने आ रहे थे। बता दें कि जब ये सर्वे कराया गया तो उस समय देश में लॉकडाउन भी लगा हुआ था। सीरो सर्वे के मुताबिक जिन जगहों पर संक्रमण के मामले उस समय सामने नहीं आए उसके पीछे भी असल वजह ये है कि उन इलाकों में टैस्टिंग फैसलिटी नहीं थी और वहां कोरोना के टेस्ट ज्यादा संख्या में नहीं हुए।ये सर्वे 11 मई से लेकर 4 जून तक के समय के बीच कराया गया और 28,000 लोगों को इस दौरान कवर किया गया जिनके ब्लड सैंपल में एंटीबॉडीज मिलीं जो कि कोविड कवच एलीसा किट के उपयोग से आती है। इस सर्वे में 18 साल से ऊपर के वयस्क लोगों का सैंपल लिया गया था और सर्वे का सैंपल साइज 28,000 था।देश के 21 राज्यों के 70 जिलों में जाकर 700 गांव या वार्ड में इस नेशनल सीरोलॉजिकल सर्वे को किया गया था। इनमे से 181 यानी 25.9 फीसदी शहरी इलाके थे। 18 से 45 साल के बीच के व्यस्कों के लिए किए गए टेस्ट के बीच पॉजिटिवटी देखे तो 43.3 फीसदी लोग पॉजिटिव रहे। 46-60 साल के आयु ग्रुप में से 39.5 फीसदी लोग पॉजिटिव रहे और 60 साल से ऊपर के आयु ग्रुप में 17.2 फीसदी पॉजिटिव मामले दिखे।
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कुरान की कुछ आयतें हटाने के लिए SC में याचिका, शाहनवाज हुसैन ने वसीम रिजवी की निंदा की
बीजेपी नेता और बिहार सरकार में मंत्री सैयद शाहनवाज़ हुसैन ने कुरान की कुछ आयतों को हटाने के लिए SC में याचिका दाखिल करने के लिए यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी की निंदा की है।
पटना: बीजेपी नेता और बिहार सरकार में मंत्री सैयद शाहनवाज़ हुसैन ने कुरान की कुछ आयतों को हटाने के लिए SC में याचिका दाखिल करने के लिए यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी की निंदा की है। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि उनकी पार्टी उन लोगों के खिलाफ है जो किसी भी धार्मिक ग्रंथ का अपमान करते हैं। आपको बता दें कि शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है। अपनी याचिका में वसीम रिजवी ने कहा है कि कुरान की इन आयतों से आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है। वसीम रिजवी का कहना है कि मदरसों में बच्चों को कुरान की इन आयतों को पढ़ाया जा रहा है, जिससे उनका ज़हन कट्टरपंथ की ओर बढ़ रहा है। उनकी इस पीआईएल पर विवाद पैदा हो गया है क्योंकि कई मुस्लिम मौलानाओं का कहना है कि कुरान से कुछ भी नहीं हटाया जा सकता।पढ़ेंः जम्मू में PIA लिखा विमान के आकार का गुब्बारा मिला, सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटींवसीम रिजवी ने अपनी पीआईएल में कहा है कि कुरान की इन 26 आयतों में हिंसा की शिक्षा दी गई है और कोई भी ऐसी तालीम जो आतंकवाद को बढ़ावा देती है, उसे रोका जाना चाहिए। रिजवी ने कहा है कि देशहित मे कोर्ट को इन आयतों को हटाने के आदेश देने चाहिए। उन्होंने कहा कि इन आयतों को कुरान में बाद में शामिल किया गया है। रिजवी का कहना है कि मोहम्मद साहब के बाद पहले खलीफा हजरत अबू बकर, दूसरे खलीफा हजरत उमर और तीसरे खलीफा हजरत उस्मान ने कुरान की आयतों को इकट्ठा करके उसे किताब की शक्ल में जारी किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा कि इन तीनों खलीफाओं ने अपनी ताकत का इस्तेमाल करके इस तरह की आयतों को डाल दिया।पढ़ेंः देशभर में कोरोना के 24,492 नए मामले सामने आए, 24 घंटे में 131 लोगों की मौतवसीम रिजवी की इस पीआईएल पर मुस्लिम समुदाय में काफी गुस्सा देखा जा रहा है। समुदाय के कई नेताओं और मौलानाओं ने रिजवी की जनहित याचिका की सख्त निंदा की है और इसका विरोध किया है। मुस्लिम मौलानाओं का कहना है कि कुरान से कुछ भी हटाया नही जा सकता। मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि याचिका ने करोड़ो मुसलमानों के जज्बातों को ठेस पहुंचाई है। वहीं, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि 26 आयतें हटाना तो दूर की बात है, क़ुरान से एक शब्द या एक बिंदु भी नहीं निकाला जा सकता। मौलानाओं ने सरकार से वसीम रिजवी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक चलेगा: सूत्र
सूत्रों ने बताया कि शीतकालीन सत्र में, परिसर और मुख्य संसद भवन में प्रवेश करने वालों को हर समय मास्क पहनना होगा और उन्हें कोविड जांच से गुजरना पड़ सकता है। इस बार शीतकालीन सत्र का कुछ खास महत्व है क्योंकि यह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले होगा।
नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक चलेगा। सूत्रों ने ये जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि सत्र के दौरान कोविड-19 के सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जायेगा। सत्र के दौरान लगभग 20 बैठक होने की संभावना है और यह क्रिसमस से पहले समाप्त हो जाएगा। महामारी के मद्देनजर, संसद का शीतकालीन सत्र पिछले साल आयोजित नहीं किया गया था और इसके बाद के सभी सत्रों-- बजट और मानसून सत्रों-- की अवधि में भी कोविड के कारण कटौती की गई थी।सूत्रों ने कहा कि हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि सत्र 29 नवंबर से शुरू हो सकता है और 23 दिसंबर के आसपास समाप्त होगा। हालांकि, लोकसभा और राज्यसभा दोनों की बैठक एक ही समय पर होगी और सदस्य शारीरिक दूरी के मानदंडों का पालन करेंगे। पहले कुछ सत्रों में, दोनों सदनों की कार्यवाही अलग-अलग समय पर होती थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संसद परिसर के अंदर अधिक लोग मौजूद न हों।सूत्रों ने बताया कि शीतकालीन सत्र में, परिसर और मुख्य संसद भवन में प्रवेश करने वालों को हर समय मास्क पहनना होगा और उन्हें कोविड जांच से गुजरना पड़ सकता है। इस बार शीतकालीन सत्र का कुछ खास महत्व है क्योंकि यह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले होगा। इन चुनावों को 2024 के आम चुनावों के लिए ‘सेमीफाइनल’ के रूप में देखा जा रहा है। शीतकालीन सत्र में दो महत्वपूर्ण वित्त विधेयक पेश कर सकती है सरकारसरकार संसद के शीतकालीन सत्र में वित्तीय क्षेत्र से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयक ला सकती है। इनकी घोषणा बजट में हुई थी। इनमें से एक विधेयक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को सुगमता से पूरा करने से संबंधित है। इसके अलावा सरकार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली न्यास (एनपीएस) को पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) से अलग करने के लिए पीएफआरडीए, अधिनियम, 2013 में संशोधन का विधेयक भी ला सकती है। इससे पेंशन का दायरा व्यापक हो सकेगा।नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक चलेगा। सूत्रों ने ये जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि सत्र के दौरान कोविड-19 के सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जायेगा। सत्र के दौरान लगभग 20 बैठक होने की संभावना है और यह क्रिसमस से पहले समाप्त हो जाएगा। महामारी के मद्देनजर, संसद का शीतकालीन सत्र पिछले साल आयोजित नहीं किया गया था और इसके बाद के सभी सत्रों-- बजट और मानसून सत्रों-- की अवधि में भी कोविड के कारण कटौती की गई थी।सूत्रों ने कहा कि हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि सत्र 29 नवंबर से शुरू हो सकता है और 23 दिसंबर के आसपास समाप्त होगा। हालांकि, लोकसभा और राज्यसभा दोनों की बैठक एक ही समय पर होगी और सदस्य शारीरिक दूरी के मानदंडों का पालन करेंगे। पहले कुछ सत्रों में, दोनों सदनों की कार्यवाही अलग-अलग समय पर होती थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संसद परिसर के अंदर अधिक लोग मौजूद न हों।सूत्रों ने बताया कि शीतकालीन सत्र में, परिसर और मुख्य संसद भवन में प्रवेश करने वालों को हर समय मास्क पहनना होगा और उन्हें कोविड जांच से गुजरना पड़ सकता है। इस बार शीतकालीन सत्र का कुछ खास महत्व है क्योंकि यह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले होगा। इन चुनावों को 2024 के आम चुनावों के लिए ‘सेमीफाइनल’ के रूप में देखा जा रहा है। शीतकालीन सत्र में दो महत्वपूर्ण वित्त विधेयक पेश कर सकती है सरकारसूत्रों ने बताया कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में सरकार बैंकिंग नियमन अधिनियम, 1949 में संशोधन संबंधी विधेयक ला सकती है। इसके अलावा बैंकों के निजीकरण के लिए बैंकिंग कंपनीज (अधिग्रहण और उपक्रमों का स्थानांतरण) अधिनियम, 1970 और बैंकिंग कंपनीज (अधिग्रहण एवं उपक्रमों का स्थानांतरण) अधिनियम, 1980 में संशोधन करने की जरूरत होगी।
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क्या सुनील जाखड़ की कांग्रेस से होगी छुट्टी? जानें, सियासी गलियारों में क्यों हो रही है ये चर्चा
पंजाब चुनाव के दौरान सुनील जाखड़ ने आरोप लगाया था कि उन्हें हिंदू होने की वजह से पंजाब का मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया।
नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस के कद्दावर नेता सुनील जाखड़ की पार्टी से छुट्टी हो सकती है। पिछले हफ्ते हुई कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति की बैठक में सुनील जाखड़ और के. वी. थॉमस पर क्या कार्रवाई की जानी चाहिए, इसको लेकर चर्चा हुई थी। पार्टी ने दोनों ही नेताओं को एक हफ्ते का कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इन दोनों नेताओं को एक हफ्ते के भीतर पार्टी की अनुशासनात्मक समिति के सामने अपनी बात रखने को कहा गया था।बता दें कि के. वी. थॉमस ने तो पार्टी के अनुशासनात्मक कमेटी को अपना जवाब भेजा लेकिन सुनील जाखड़ ने अनुशासनात्मक समिति द्वारा दिए गए शो कॉज नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया। अनुशासनात्मक समिति की बैठक अब जल्द होगी, और सूत्रों की मानें तो पार्टी से उनके निलंबन की कार्यवाही भी अनुशासनात्मक कमेटी द्वारा की जा सकती है। सुनील जाखड़ और केवी थॉमस दोनों पर पार्टी विरोधी बयानबाजी का आरोप है।पंजाब चुनाव के दौरान सुनील जाखड़ ने आरोप लगाया था कि उन्हें हिंदू होने की वजह से पंजाब का मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया जबकि ज्यादातर विधायक उनके समर्थन में थे, वहीं, दूसरी ओर केवी थॉमस कांग्रेस अध्यक्ष के निर्देश के बावजूद कन्नूर में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे।दोनों नेताओं के खिलाफ केंद्रीय नेतृत्व को राज्य की इकाई द्वारा चिट्ठी लिखी गई थी। जाखड़ और थॉमस, दोनों नेताओं को एक सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया गया था। कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति की अगली बैठक जल्द होने वाली है, जिसमें दोनों नेताओं के भविष्य को लेकर फैसला किया जाएगा।
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उत्तर प्रदेश: 200 रुपये के लिए शख्स की हत्या, जिस्म में दागी गोली
अलीगढ़ शहर के सिविल लाइन्स बाजार इलाके में भीड़-भाड़ वाले बाजार में आरोपी ने कथित तौर पर 200 रुपये नहीं देने पर 30 वर्षीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी।
अलीगढ़: अलीगढ़ शहर के सिविल लाइन्स बाजार इलाके में भीड़-भाड़ वाले बाजार में आरोपी ने कथित तौर पर 200 रुपये नहीं देने पर 30 वर्षीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि तीन बच्चों का पिता अंसार अहमद सिविल लाइन्स थाना क्षेत्र के शमशाद बाजार में पंचर बनाने की दुकान चलाता था और शनिवार को आसिफ नामक आरोपी ने उसकी हत्या कर दी। पुलिस अधीक्षक (नगर) अभिषेक कुमार ने संवाददातओं को बताया कि आरोपी नशे का आदी है और घटना को अंजाम देने के बाद भागने में कामयाब रहा। पुलिस के मुताबिक शनिवार को आसिफ मोटरसाइकिल मांगने अहमद की दुकान पर आया था, लेकिन अहमद ने उसे मना कर दिया। पुलिस ने बताया कि इसके बाद आसिफ दोबारा अहमद की दुकान पर आया, 200 रुपये मांगे, जिसे पीड़ित ने देने से मना कर दिया, इसके बाद आसिफ ने जेब से तमंचा निकाला और अहमद के सिर में गोली मार दी। उन्होंने बताया कि गोली मारने के बाद आसिफ वहां खड़ी मोटरसाइकिल पर सवार होकर फरार हो गया।पुलिस ने बताया कि आसिफ नाम के आरोपी ने शनिवार को अंसार अहमद (30) की गोली मार कर हत्या कर दी थी। उन्होंने बताया कि आसिफ ने पूछताछ में बताया कि उसने अंसार से उधार पैसे मांगे थे लेकिन उसने बेइज्जती कर दी थी। पुलिस के मुताबिक आसिफ ने यह भी स्वीकार किया कि उसने घटना के समय शराब पी रखी थी। पुलिस अधीक्षक नगर अभिषेक कुमार ने बताया कि आसिफ के पास से एक देसी तमंचा और लूटा गया दो पहिया वाहन बरामद किया है। उन्होंने बताया कि यह दोपहिया वाहन उसने हत्या कर भागते समय एक युवक से छीनी थी। इससे पहले पुलिस ने बताया था कि सिविल लाइन इलाके में बाजार में अंसार अली (30) की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। उन्होंने बताया कि पीड़ित ने आसिफ नाम के व्यक्ति को कथित तौर पर दो सौ रूपये देने से मना कर दिया था। पुलिस ने बताया कि अंसार पंचर बनाने का काम करता था
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अक्टूबर तक राम मंदिर की नींव और दिसंबर 2023 तक 'गर्भगृह' हो जाएगा तैयार: VHP
अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर की नींव का काम इस साल सितंबर के अंत या अक्टूबर के पहले सप्ताह तक पूरा हो जाएगा और राम लला को दिसंबर 2023 तक मंदिर के 'गर्भगृह' में प्रतिष्ठित कर दिया जाएगा, तब भक्त दर्शन कर सकेंगे।
नागपुर: अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर की नींव का काम इस साल सितंबर के अंत या अक्टूबर के पहले सप्ताह तक पूरा हो जाएगा और राम लला को दिसंबर 2023 तक मंदिर के 'गर्भगृह' में प्रतिष्ठित कर दिया जाएगा, तब भक्त दर्शन कर सकेंगे। विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक नेता ने सोमवार को नागपुर में यह जानकारी दी। पत्रकारों से बात करते हुए VHP के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांडे ने यह भी कहा कि मंदिर के निर्माण में थोड़ा समय लगेगा लेकिन दिसंबर 2023 तक 'गर्भगृह' तैयार हो जाएगा और भक्तों के लिए पूजा अनुष्ठान तथा दर्शन की शुरुआत हो जाएगी।उन्होंने कहा, "अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण समय से पहले चल रहा है। मंदिर की नींव सितंबर के अंत तक या अक्टूबर के पहले सप्ताह में पूरी हो जाएगी। भगवान राम लला दिसंबर 2023 तक 'गर्भगृह' में विराजमान हो जाएंगे।"इससे पहले राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने कहा था कि 400 फीट लंबी और 300 फीट चौड़ी लगभग 50 फीट गहरी नींव में निर्माण सामग्री के 10 इंच मोटे मिश्रण की लगभग 50 परतें बिछाई जाएंगी। मिश्रा के अनुसार, 2.77 एकड़ में फैली नींव भूमि पर एक के ऊपर एक भवन निर्माण सामग्री मिश्रण की छह परतें रखी गई हैं। उन्होंने बताया था कि इस साल दिसंबर में मिर्जापुर के गुलाबी पत्थरों से मंदिर के बेस प्लिंथ का काम शुरू हो जाएगा।गौरतलब है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का जिम्मा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2020 में राम जन्मभूमि पर भूमि पूजन किया था।
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बरेली आश्रम में ईसाई लड़के और मुस्लिम लड़की ने हिंदू रीति-रिवाजों से की शादी
हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने शादी में भाग लिया और उनमें से कुछ ने नूर के भाई की भूमिका निभाई।
बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में स्थित अगस्त्य मुनि के आश्रम में बुधवार को एक अनूठी शादी देखने को मिली। आश्रम में एक ईसाई दूल्हे ने अपनी मुस्लिम दुल्हन की मांग भरकर 7 फेरे लिए और जन्म-जन्मांतर तक साथ निभाने की कसमें खाईं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंदू धर्म अपनाने के बाद ईसाई लड़के सुमित और मुस्लिम लड़की नूर ने सनातन धर्म के रीति-रिवाजों के अनुसार शादी कर ली। दोनों की शादी बुधवार की रात को अगस्त्य मुनि आश्रम में हुई और वहीं से नूर अपने पति के साथ विदा हो गईं।‘दंपति के परिवारों ने इस शादी में भाग नहीं लिया था’हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने शादी में भाग लिया और उनमें से कुछ ने नूर के भाई की भूमिका निभाई। इस अनूठी शादी में कन्यादान मंदिर के महंत ने किया तो गोद भराई की रस्म हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने पूरी की। दरअसल, दंपति के परिवारों ने इस शादी में भाग नहीं लिया था। सुमित ने बताया कि वह 3 साल पहले नूर से मिले थे और दोनों में प्यार हो गया। सुमित ने कहा कि दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन चूंकि वह ईसाई धर्म से ताल्लुक रखते थे, और नूर मुस्लिम थी, इसलिए ऐसा होना काफी मुश्किल था।शादी के फेरे लेते वक्त नूर और सुमित हुए थे भावुकसुमित ने आगे बताया, ‘मैं सनातन धर्म से प्रभावित था और इस विषय पर कुछ किताबें भी पढ़ी थीं। नूर भी प्रभावित हुई और हमने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी करने का फैसला किया।’ नूर ने कहा, ‘हमने हिंदू युवा वाहिनी लोगों से संपर्क किया और उन्होंने हमारी मदद की।’ शादी के फेरे लेते वक्त नूर और सुमित काफी भावुक हो गए थे। बता दें कि नूर ने अपना नाम बदलकर निशा रख लिया है। उन्होंने कहा, ‘वह बालिग हैं और अपना भला-बुरा खुद सोच सकती है।’ दंपति ने कहा कि वे अब शनिवार से अपना पहला नवरात्रि व्रत रखेंगे। (IANS)
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और MLA पीटी थॉमस का निधन, राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि
थॉमस का निधन सुबह वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में हुआ। उनका अग्न्याशय संबंधी बीमारी का इलाज चल रहा था। इस साल अप्रैल में लगातार दूसरी बार थ्रीक्काकारा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे।
कोच्चि (केरल): कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं विधायक पीटी थॉमस का बुधवार को तमिलनाडु के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि थॉमस का निधन सुबह वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में हुआ। उनका अग्न्याशय संबंधी बीमारी का इलाज चल रहा था।थॉमस, इस साल अप्रैल में लगातार दूसरी बार थ्रीक्काकारा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। 2009 से 2014 तक वह इडुक्की निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद भी रहे। वह केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के कार्यकारी अध्यक्ष थे। थॉमस के निधन पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।थॉमस का जन्म 1950 में हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत केरल छात्र संघ (केएसयू) के एक कार्यकर्ता के रूप में की। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में केएसयू, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सहित कई पदों पर सेवाएं दीं।(इनपुट- एजेंसी)
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बिना सिर के शरीर का क्या फायदा? कांग्रेस बीमार है और उसका इलाज करना चाहिए: शिवसेना
सामना ने लिखा कि इसी प्रकार जब कांग्रेस सत्ता में थी तब जितिन प्रसाद को केंद्रीय मंत्री बनाया गया। हालांकि, वह बाद में बीजेपी में शामिल हो गए और उन्हें बीजेपी नीत उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बनाया गया।
मुंबई: पंजाब में मचे राजनीतिक घमासान पर शिवसेना ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। शिवसेना ने कहा है कि कांग्रेस को पूर्णकालिक अध्यक्ष की जरूरत है। बिना सिर के शरीर का क्या फायदा? कांग्रेस बीमार है और उसका इलाज करना चाहिए। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर व्याप्त भ्रम पंजाब में राजनीतिक संकट के लिए उतना ही जिम्मेदार है, जितना कि बीजेपी। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने दावा किया कि हालांकि, राहुल गांधी कांग्रेस के समक्ष उत्पन्न मुद्दों का सामाधान करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन पार्टी के पुराने नेताओं का उन्हें रोकने के लिए बीजेपी के साथ गुप्ता समझौता है और इसलिए वे पार्टी को डुबाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं।शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में कहा, ‘‘कांग्रेस को पूर्णकालिक अध्यक्ष की जरूरत है। बिना सिर के शरीर का क्या फायदा? कांग्रेस बीमार है और उसका इलाज करना चाहिए, लेकिन इलाज सही है या गलत उसकी समीक्षा की जानी चाहिये।’’ संपादकीय में शिवसेना ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी किले की मरम्मत करना चाहते हैं। किले का रंग-रोगन करने का प्रयास कर रहे हैं। सीलन, गड्ढों को भरना चाहते हैं, परंतु पुराने लोग राहुल गांधी को ऐसा करने नहीं दे रहे। राहुल गांधी को रोकने के लिए इन लोगों ने अंदर से बीजेपी जैसी पार्टी से हाथ मिला लिया है, ऐसा अब पक्का हो गया है। कांग्रेस को डुबाने की सुपारी कांग्रेसियों ने ही ली है यह मान्य है, परंतु कांग्रेस को स्थायी अध्यक्ष दो। पार्टी का सेनापति नहीं है तो लड़ें कैसे?’’शिवसेना ने कहा, ‘‘पुराने प्रसिद्ध कांग्रेसियों की यह मांग भी गलत नहीं है। कांग्रेस पार्टी में नेता कौन है यह सवाल ही है। गांधी परिवार है, परंतु नेता कौन? अध्यक्ष कौन? इस बारे में भ्रम होगा, तो उसे दूर करना चाहिए।’’ गौरतलब है कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली शिवसेना कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ मिलकर महा विकास आघाड़ी सरकार चला रही है। सामना ने लिखा है, ‘‘पंजाब में दलित मुख्यमंत्री बनाकर राहुल गांधी ने एक जोरदार कदम बढ़ाया, उसे उनके प्रिय सिद्धू ने रोक दिया। कांग्रेस पार्टी में बकवास करनेवालों की कमी न होने के बावजूद सिद्धू जैसे बाहरी बकवास करनेवालों पर फाजिल विश्वास करने की आवश्यकता नहीं थी।’’पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और हाल में कांग्रेस से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन फालेरो की आलोचना करते हुए शिवसेना ने कहा, ‘‘पंजाब में गड़बड़ी शुरू रहने के दौरान गोवा के लोकप्रिय कांग्रेसी लोग पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में चले गए। उनमें पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन फालेरो हैं। वैसे अमरिंदर, लुईजिन फालेरो आदि को पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री जैसा सर्वोच्च पद देने के बाद भी ये लोग कांग्रेस छोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। यह बेशर्मी की हद है।’’सामना ने लिखा कि इसी प्रकार जब कांग्रेस सत्ता में थी तब जितिन प्रसाद को केंद्रीय मंत्री बनाया गया। हालांकि, वह बाद में बीजेपी में शामिल हो गए और उन्हें बीजेपी नीत उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बनाया गया। शिवसेना ने कहा कि कई साल तक कांग्रेस देश की सत्ता में रही है और फिलहाल कुछ राज्यों में शासन कर रही है। हालांकि, बीजेपी के सत्ता में आने और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से पार्टी मुश्किल का सामना कर रही है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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यूपी कांग्रेस विधायक दल की नेता बनीं अराधना मिश्रा, पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने जारी किया पत्र
अराधना मिश्रा साल 2017 में भी कांग्रेस विधायक दल की नेता चुनी गई थीं। उन्हें प्रियंका गांधी का करीबी माना जाता है। गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने केवल 2 सीटों पर जीत हासिल की है।
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव में रामपुर खास से कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल करने वाली अराधना मिश्रा 'मोना' को बड़ी जिम्मेदारी मिली है। अराधना मिश्रा को यूपी कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया है। रविवार को कांग्रेस के महासचिव और सांसद केसी वेणुगोपाल ने पत्र जारी कर अराधना की आधिकारिक नियुक्ति की घोषणा की। अराधना मिश्रा साल 2017 में भी कांग्रेस विधायक दल की नेता चुनी गई थीं। उन्हें प्रियंका गांधी का करीबी माना जाता है। केसी वेणुगोपाल ने इस पत्र में लिखा है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने आपको (अराधना मिश्रा) यूपी कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना है। गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने केवल 2 सीटों पर जीत हासिल की है। जिसमें रामपुर खास से अराधना मिश्रा और महाराजगंज के फरेंदा से वीरेंद्र चौधरी जीते थे। बता दें कि 403 सीटों पर हुए इस चुनाव में बीजेपी गठबंधन को 273 सीटें मिलीं और सपा गठबंधन को 125 सीटें मिलीं। वहीं बसपा को इस चुनाव में केवल एक सीट ही मिल पाई।बता दें कि यूपी में कांग्रेस की हालत बीते कुछ सालों से ज्यादा अच्छी नहीं है। साल 2017 के विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस को केवल 7 सीटें मिली थीं। बीते चुनाव में कांग्रेस और सपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था। इसके बावजूद पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा।
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मालेगांव ब्लास्ट केस: योगी आदित्यनाथ का नाम लेने का दबाव बना रही थी ATS, गवाह ने कोर्ट को बताया
मालेगांव बम धमाकों के गवाह ने कोर्ट को बताया कि उसे ATS के द्वारा टॉर्चर किया गया था क्योंकि पहले इस पूरे मामले की जांच भी एटीएस की टीम ही कर रही थी।
मालेगांव ब्लास्ट 2008 के 7 आरोपी UAPA और IPC के तहत ट्रायल पर हैं। मालेगांव बम धमाकों के गवाह ने कोर्ट को बताया कि उसे ATS के द्वारा टॉर्चर किया गया था क्योंकि पहले इस पूरे मामले की जांच भी एटीएस की टीम ही कर रही थी। इसके अलावा गवाह ने कोर्ट के सामने खुलासा किया कि जांच एजेंसी ने उसके ऊपर योगी आदित्यनाथ और 4 अन्य आरएसएस से जुड़े लोगों का नाम लेने का दवाब बनाया था।मालेगांव ब्लास्ट के मुख्य आरोपी के तौर पर 4 और कुल 7 लोगों का नाम सामने आया था। चार मुख्य आरोपी थे- साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित, रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय और स्वामी दयानंद पांडे। धमाकों की शुरुआती जांच महाराष्ट्र ATS की तरफ से करने के बाद उस पर UAPA की धारा लगाई गई थी। फिर यह केस NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी) को सौंप दिया गया था। जिसके बाद इस मामले में कर्नल पुरोहित और साध्वी समेत कुल 7 आरोपियों पर आतंकी साजिश रचने के आरोप तय हुआ था। ATS ने जांच में पाया कि इसके आरोपियों के तार 2006 मालेगांव ब्लास्ट से भी जुड़े थे।बता दें, मालेगांव, महाराष्ट्र के ज़िले नासिक का गांव है। इसके भीकू चौक पर नूरजी मस्जिद के पास 29 सितंबर, 2008 को ये ब्लास्ट तब हुआ, जब लोग नमाज पढ़ने जा रहे थे। ये बम एक मोटरसाइकिल में रखा था। धमाके के पीछे कट्टरपंथी हिंदू संगठनों का हाथ होने की बात सामने आई थी। जिसकी शुरुआती जांच महाराष्ट्री की एटीसी टीम को सौंप दी गई थी। धमाकों में सात लोग मारे गए थे और करीब 80 लोग घायल हुए थे।आरोपियों पर क्या आरोप तय हुए थेइन सभी पर UAPA की धारा 18 (आतंकी वारदात को अंजाम देना) और 16 (आतंकी वारदात को अंजाम देने की साजिश करना) के अलावा विस्फोटक कानून की धारा 3, 4, 5 और 6 के तहत आरोप तय हुए थे। 25 अप्रैल, 2017 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर और उनके छह सहयोगियों को जमानत दे दी थी। प्रज्ञा आठ साल से जेल में बंद रहीं। इसके बाद कर्नल पुरोहित को भी नौ साल जेल में बिताने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2017 में जमानत दे दी थी।दिसंबर 2017 में साध्‍वी प्रज्ञा, कर्नल, रमेश उपाध्‍याय और अजय र‍हीकर समते चारों आरोपियों से मकोका और यूएपीए की धारा 17, 20 और 13 हटा दी गई थी। जिसके बाद उनपर सिर्फ अनलॉफुल एक्टिविटी (प्रिवेंशन) एक्‍ट (यूएपीए) की धारा 18 और अन्‍य धाराओं में केस चला। शिव नारायण कालसांगरा और श्‍याम साहू सभी आरोपों से बरी हो गए थे। इस मामले में सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं और स्‍पेशल एनआईए कोर्ट ने उनकी जमानत अवधि बढ़ा दी है।कब-कब किस-किस ने की जांचमामले की शुरुआती जांच महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते एटीएस ने की और उसने नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बाद में जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया था। एनआईए को जांच की जिम्मेदारी 2011 में सौंपी गई थी। बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति नरेश पाटिल और न्यायमूर्ति एन डब्ल्यू सामब्रे की पीठ ने नौ लोगों को दोषमुक्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई फिर से की थी।एनआईए ने कोर्ट को 286 गवाहों और 216 अलग-अलग दस्तावेजों की एक लिस्ट सौंपी थी। सातों आरोपियों पर आतंकी साजिश रचने का आरोप तय हो गया था। जिसके ट्रायल के लिए अदालत ने इसकी सुनवाई 12 नवंबर 2018 तक के लिए टाल दी थी।कैसे फंसे थे कर्नलमालेगांव विस्फोट मामले में जेल में बंद उपाध्याय के लिए कहा जाता था कि उन्होंने एक अतिवादी हिंदूवादी संगठन अभिनव भारत बनाया, पुरोहित भी इस संगठन में शामिल हुए। पुरोहित पर सेना का 60 किलो आरडीएक्स चोरी करने, अभिनव भारत को फंडिंग करने और संगठन के लोगों को ट्रेनिंग देने का आरोप भी लगा। कहा यह भी गया कि इसी आरडीएक्स के एक छोटे से हिस्से का इस्तेमाल मालेगांव ब्लास्ट में किया गया।
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कोरोना वायरस मामलों का आंकड़ा पहुंचा 43.70 लाख, 24 घंटे में 1115 लोगों की गई जान
कोरोना मरीजों की पहचान के लिए देशभर में टेस्टिंग लगातार बढ़ाई जा रही है, मंगलवार को देशभर में 11.54 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट हुए हैं और कुल कोरोना वायरस टेस्टिंग का आंकड़ा अब बढ़कर 5.18 करोड़ को पार कर चुका है। दुनियाभर में अमेरिका के बाद भारत में ही सबसे ज्यादा कोरोना टेस्ट हो रहे हैं।
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार फैलता ही जा रहा है और रोजाना भारी संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं, इसके अलावा अब कोरोना की वजह से मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ने लगा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ो के मुताबिक पिछले 24 घंटे यानि मंगलवार सुबह 8 बजे से लेकर बुधवार सुबह 8 बजे तक देशभर में कोरोना वायरस के 89698 नए मामले सामने आए हैं और देश में अब कुल कोरोना वायरस मामलों का आंकड़ा बढ़कर 43,70,120 हो गया है।कोरोना की वजह से जान गंवाने वालों की संख्या में पिछले 24 घंटों के दौरान बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस की वजह से 1115 लोगों की जान गई है और अबतक यह जानलेवा वायरस देशभर में कुल 73890 लोगों की जान ले चुका है।लेकिन देश में कोरोना वायरस से ठीक होने वाले लोगों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिस वजह से कोरोना के एक्टिव मामलों में ज्यादा इजाफा नहीं हो रहा और रिकवरी रेट लगातार ऊपर उठ रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना से 74894 लोग पूरी तरह से ठीक हुए हैं। देशभर में अबतक कुल 3398844 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं और एक्टिव मामलों का मौजूदा आंकड़ा 89698 है। देश में कोरोना वायरस का रिकवरी रेट बढ़कर 77.77 प्रतिशत तक पहुंच गया है।कोरोना मरीजों की पहचान के लिए देशभर में टेस्टिंग लगातार बढ़ाई जा रही है, मंगलवार को देशभर में 11.54 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट हुए हैं और कुल कोरोना वायरस टेस्टिंग का आंकड़ा अब बढ़कर 5.18 करोड़ को पार कर चुका है। दुनियाभर में अमेरिका के बाद भारत में ही सबसे ज्यादा कोरोना टेस्ट हो रहे हैं। वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के मामलों की बात करें तो दुनियाभर में कुल मामलों का आंकड़ा बढ़कर 2.73 करोड़ के पार पहुंच गया है, अबतक दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से 9.01 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि पूरी दुनिया में 1.98 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से ठीक भी हो चुके हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले अमेरिका में हैं जहां पर 65.14 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 1.94 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद भारत का स्थान है और भारत के बाद तीसरे नंबर पर ब्राजील है जहां पर 41.65 लाख मामले सामने आए हैं और 1.27 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई है। रूस में भी 10.35 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 17 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है।
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केरल, महाराष्ट्र से आने वालों के लिए RT-PCR जांच रिपोर्ट अनिवार्य, कर्नाटक सरकार का फैसला
कर्नाटक सरकार ने शनिवार को एक विशेष निगरानी उपाय की घोषणा करते हुए केरल और महाराष्ट्र से राज्य में आने वालों के लिये आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा।
बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार ने शनिवार को एक विशेष निगरानी उपाय की घोषणा करते हुए केरल और महाराष्ट्र से राज्य में आने वालों के लिये आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा। सरकार द्वारा जारी एक परिपत्र के मुताबिक, टीकाकरण की स्थिति के बावजूद इन दोनों राज्यों से आने वालों को आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी और यह 72 घंटे से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मख्य सचिव जावेद अख्तर के हस्ताक्षर वाले परिपत्र में कहा गया है, “यहां संशोधित विशेष निगरानी उपाय को अधिसूचित किया जाता है, जिसका मौजूदा कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए पड़ोसी राज्य केरल और महाराष्ट्र से आने वालों को सख्ती से अनुपालन करना होगा।”परिपत्र में कहा गया कि विमान, बस, ट्रेन या व्यक्तिगत वाहनों से कर्नाटक आने वाले सभी यात्रियों के लिये यह प्रमाण-पत्र दिखाना अनिवार्य होगा। इसमें कहा गया कि केरल और महाराष्ट्र से यहां आने वाली सभी उड़ानों से आने वालों के लिये यह अनिवार्य होगा।इसमें कहा गया, “एयरलाइंस को सिर्फ उन्हीं लोगों को बोर्डिंग पास जारी करना चाहिए, जिनके पास 72 घंटे से ज्यादा पुरानी आरटी-पीसीआर निगेटिव जांच रिपोर्ट न हो।” इसमें कहा गया कि रेलवे अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिये जिम्मेदार होंगे कि ट्रेन से सफर कर रहे इन दो राज्यों से आने वाले सभी यात्रियों के पास आरटी-पीसीआर निगेटिव जांच रिपोर्ट हो।
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Coronavirus Vaccine: 2 जनवरी से देशभर में वैक्सीनेशन का Dry Run
देश के सभी राज्यों में कोरोना की वैक्सिन का ड्राई रन 2 जनवरी 2021 से शुरू होगा। ये ड्राई रन राज्यों की कुछ चुनिंदा जगहों पर होगा। इससे पहले 28 और 29 दिसंबर को 4 राज्यों में ड्राई रन किया गया था, जो कामयाब रहा था।
नई दिल्ली. साल 2020 में कोरोना संक्रमण ने जमकर तांडव मचाया लेकिन अब सभी को उम्मीद है कि कोरोना का ये हाहाकर साल 2020 की तरह जल्द ही अस्त हो जाएगा। भारत में भी कोरोना वैक्सीनेशन जल्द ही शुरू होने के आसार है। नए साल पर वैक्सीनेशन से पहले इस अभियान से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। पूरे देश में कोरोना वैक्सीन का ड्राय रन 2 जनवरी से शुरू होगा। इस ड्राय रन में देश के सभी राज्य शामिल होंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय की हाई लेवल मीटिंग में वैक्सीन के ड्राय रन का फैसला हुआ। इससे पहले 28 और 29 दिसंबर को 4 राज्यों में ड्राय रन किया गया था।पढ़ें- New Year: गोवा में नाइट कर्फ्यू नहीं लेकिन राज्य सरकार कर रही है ये कामपढ़ें- पुलिस वाले से मांगे सिगरेट के पैसे, पहली मिली गालियां, फिर मिली मौतदेश के सभी राज्यों में कोरोना की वैक्सिन का ड्राई रन 2 जनवरी 2021 से शुरू होगा। ये ड्राई रन राज्यों की कुछ चुनिंदा जगहों पर होगा। इससे पहले 28 और 29 दिसंबर को 4 राज्यों में ड्राई रन किया गया था, जो कामयाब रहा था। इसके अलावा बड़ी खबर ये है कि सरकार ने वैक्सीनेशन के लिए 83 करोड़ सिरिंज खरीदने के ऑर्डर दिए हैं। ऑर्डर की गई सिरिंज का इस्तेमाल कोविड वैक्सीनेशन और यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम में होगा। इसके अलावा 35 करोड़ एक्स्ट्रा सिरिंज की खरीद के लिए बोलियां मंगाई गई हैं।पढ़ें- PM Awas Yojana: योगी सरकार यूपी के लोगों को देने जा रही है बहुत बड़ा तोहफापढ़ें- माता वैष्णो देवी के भक्तों को रेलवे ने दी सौगात, शुरू होने जा रही है वंदेभारत एक्सप्रेसपीएम मोदी ने दिया 'दवाई भी, कड़ाई भी' का मंत्रप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 का टीका आने के बाद भी लोग लापरवाही ना बरतें। राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि देश में कोविड-19 के नए मामलों की संख्या में कमी आई है। पीएम मोदी ने कहा, "मैं कहता था कि "जब तक दवा नहीं, तब तक ढिलाई नहीं लेकिन 2021 का मंत्र होगा "दवाई भी, कड़ाई भी"।"नई दिल्ली. साल 2020 में कोरोना संक्रमण ने जमकर तांडव मचाया लेकिन अब सभी को उम्मीद है कि कोरोना का ये हाहाकर साल 2020 की तरह जल्द ही अस्त हो जाएगा। भारत में भी कोरोना वैक्सीनेशन जल्द ही शुरू होने के आसार है। नए साल पर वैक्सीनेशन से पहले इस अभियान से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। पूरे देश में कोरोना वैक्सीन का ड्राय रन 2 जनवरी से शुरू होगा। इस ड्राय रन में देश के सभी राज्य शामिल होंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय की हाई लेवल मीटिंग में वैक्सीन के ड्राय रन का फैसला हुआ। इससे पहले 28 और 29 दिसंबर को 4 राज्यों में ड्राय रन किया गया था।पढ़ें- New Year: गोवा में नाइट कर्फ्यू नहीं लेकिन राज्य सरकार कर रही है ये कामपढ़ें- पुलिस वाले से मांगे सिगरेट के पैसे, पहली मिली गालियां, फिर मिली मौतदेश के सभी राज्यों में कोरोना की वैक्सिन का ड्राई रन 2 जनवरी 2021 से शुरू होगा। ये ड्राई रन राज्यों की कुछ चुनिंदा जगहों पर होगा। इससे पहले 28 और 29 दिसंबर को 4 राज्यों में ड्राई रन किया गया था, जो कामयाब रहा था। इसके अलावा बड़ी खबर ये है कि सरकार ने वैक्सीनेशन के लिए 83 करोड़ सिरिंज खरीदने के ऑर्डर दिए हैं। ऑर्डर की गई सिरिंज का इस्तेमाल कोविड वैक्सीनेशन और यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम में होगा। इसके अलावा 35 करोड़ एक्स्ट्रा सिरिंज की खरीद के लिए बोलियां मंगाई गई हैं।पढ़ें- PM Awas Yojana: योगी सरकार यूपी के लोगों को देने जा रही है बहुत बड़ा तोहफापढ़ें- माता वैष्णो देवी के भक्तों को रेलवे ने दी सौगात, शुरू होने जा रही है वंदेभारत एक्सप्रेसपीएम मोदी ने दिया 'दवाई भी, कड़ाई भी' का मंत्रपीएम मोदी ने कहा कि देश में कोविड-19 के टीकाकरण कार्यक्रम की तैयारी आखिरी चरण में है। उन्होंने कहा, "हम भारत में चिकित्सा शिक्षा में सुधार के लिए मिशन मोड में काम कर रहे हैं। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के गठन के बाद स्वास्थ्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। आयुष्मान भारत योजना के जरिए गरीब लोगों का 30,000 करोड़ रुपये से अधिक धन बचाया गया।"
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Sushant Singh Rajput Case: बिहार पहुंचने के बाद महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस का बड़ा बयान
उन्होंने कहा है कि सुशांत की मौत का मामला चुनावी मुद्दा नहीं, बल्कि आम आदमी से जुड़ा मुद्दा है, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दिवंगत अभिनेता को न्याय मिले।
पटना. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस बिहार की राजधानी पटना में है। बिहार पहुंचने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने पहली बार सुशांत सिंह राजपूत मामले पर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि सुशांत की मौत का मामला चुनावी मुद्दा नहीं, बल्कि आम आदमी से जुड़ा मुद्दा है, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दिवंगत अभिनेता को न्याय मिले।बिहार को वही सरकार आगे ले जा सकती है, जो केंद्र के साथ चलेगी: फडणवीसमहाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के नेता देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि बिहार को वही सरकार आगे ले जा सकती है, जो प्रधानमंत्री मोदी के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ेगी। वह सरकार राज्य का विकास नहीं कर सकती, जो केंद्र के साथ संघर्ष करेगी। पटना में भाजपा मीडिया सेंटर के उद्घाटन के मौके पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में फडणवीस ने कहा कि बिहार में राजग की सरकार बहुत अच्छे तरीके से काम कर रही है। लगातार जनसेवा के माध्यम से लोग को सहायता पहुंचा रही है।पटना. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस बिहार की राजधानी पटना में है। बिहार पहुंचने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने पहली बार सुशांत सिंह राजपूत मामले पर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि सुशांत की मौत का मामला चुनावी मुद्दा नहीं, बल्कि आम आदमी से जुड़ा मुद्दा है, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दिवंगत अभिनेता को न्याय मिले।बिहार को वही सरकार आगे ले जा सकती है, जो केंद्र के साथ चलेगी: फडणवीसउन्होंने कहा, "बिहार को विकास की डगर पर ले जाने का काम राजग की सरकार ने किया है। विशेष रूप से देश में मोदीजी की सरकार और बिहार में राजग नेतृत्व की नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार के विकास और उत्थान के लिए अलग-अलग परियोजनाओं के माध्यम से बहुत काम किया है। "कोरोना संकट काल की चुनौतियों को अवसर में बदलने के लिए प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि सरकारों के पास चुनौतियां होती है, यहां भी होंगी, लेकिन अपने संसाधनों के साथ चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं, बहुत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के समय जिस प्रकार से नेतृत्व प्रधानमंत्री ने दिया है और विशेष रुप से महामारी के समय भी चुनौती को अवसर में बदलने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए पैकेज दिया है।उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा, "हमें विश्वास है कोरोना महामारी के बाद जो चुनौतियां आने वाली हैं, उसकी पूरी तैयारी है, अवसर में बदलने का पूरा काम इस पैकेज के माध्यम से हो रहा है। विकास के लिए इतना बड़ा पैकेज इसके पहले कभी तैयार नहीं हुआ। पहले पैकेज होते थे, लेकिन सिर्फ कागजों पर होते थे।" उन्होंने कहा कि लोग भी जानते हैं आने वाले दिनों में बिहार को वही सरकार आगे ले जा सकती है जो मोदीजी के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ेगी। इन योजनाओं को अपने लोगों तक पहुंचाएंगी। ना कि वह सरकार जो केंद्र के साथ संघर्ष करेगी।
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ट्रैक्टर रैली हिंसा के पीछे खालिस्तानियों का हाथ, कांग्रेस नेता का बड़ा दावा
दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के पीछे खालिस्तानियों का हाथ है। लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने यह बड़ा दावा किया है। रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि लाल किले पर झंडा लगाने का प्लान कल रात बना था।
नई दिल्ली: दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के पीछे खालिस्तानियों का हाथ है। लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने यह बड़ा दावा किया है। रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि लाल किले पर झंडा लगाने का प्लान कल रात बना था। दिल्ली में दंगे के पीछे सिख फॉर जस्टिस का हाथ है। उन्होनें कहा कि खालिस्तानियों ने किसान आंदोलन को हाइजैक किया। किसान गणतंत्र दिवस परेड (Kisan Republic Day Parade) के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पैरामिलिट्री फोर्सेस (Paramilitary forces) की 15 कंपनियां तैनात करने का फैसला लिया है। स्थिति संभालने के लिए पैरामिलिट्री फोर्सेस यह कंपनियां दिल्ली पुलिस की मदद करेंगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय लगातार दिल्ली में किसानों की हिंसा पर नजर बनाए हुए है। गृह मंत्रालय ने अमित शाह की अध्यक्षता में हाई लेवल बैठक भी की।गृह मंत्रालय (MHA) ने जानकारी देते हुए बताया कि सिंघू, गाजीपुर, टिकरी, मुकरबा चौक, नांगलोई और उनके आस-पास के क्षेत्रों में आज रात 11:59 PM तक इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित रहेंगी। दिल्ली मेट्रो ग्रे लाइन पर सभी स्टेशनों के प्रवेश/निकास द्वार बंद हैं। जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन के प्रवेश / निकास द्वार बंद हैं। दिलशाद गार्डन, झिलमिल और मानसरोवर पार्क मेट्रो स्टेशन के प्रवेश/निकास द्वार बंद हैं।दिल्ली में हुई हिंसा (Farmers violence) को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukta Kisan Morcha) ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की। प्रेस विज्ञप्ति में संयुक्त किसान मोर्चा ने लिखा, "आज के किसान गणतंत्र दिवस परेड में अभूतपूर्व भागीदारी के लिए हम किसानों को धन्यवाद देते हैं। हम उन अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की भी निंदा करते हैं और खेद जताते हैं, जो आज घटित हुई हैं तथा इस तरह के कृत्यों में लिप्त लोगों से हम खुद को अलग करते हैं।"पढ़ें- किसान हिंसा पर आम आदमी पार्टी का आया बड़ा बयान, जानें क्या कहापढ़ें- पुलिस ने किया लाठिचार्ज, लालकिले से प्रदर्शनकारियों को हटायापढ़ें- किसान हिंसा: पुलिस की कई गाड़ियों में तोड़फोड़, पुलिस को पीछे हटना पड़ापढ़ें- शी जिनपिंग ने दी चेतावनी, युद्ध को लेकर भी दिया बड़ा बयान
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Gang Rape : परेडग्राउंड में नाबालिग से कार में गैंगरेप, 10 लाख अनुदान दिलाने का झांसा देकर बुलाया था
पढ़ाई के लिए अनुदान दिलाने के बहाने बुलाकार कार में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। मां का आरोप है कि उसकी बेटी को बहाने से प्रयागराज में दारागंज परेड ग्राउंड पर ले जाकर कार में सामूहिक दुष्कर्म किया गया।
Gang Rape : पढ़ाई के लिए अनुदान दिलाने के बहाने बुलाकार कार में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। मां का आरोप है कि उसकी बेटी को बहाने से प्रयागराज में दारागंज परेड ग्राउंड पर ले जाकर कार में सामूहिक दुष्कर्म किया गया। दारागंज पुलिस ने बताया कि तहरीर के आधार पर दो नामजद व तीन अज्ञात पर केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। प्रयागराज के परेड ग्राउंड में 13 साल की मासूम को तमंचा दिखाकर कार में 5 लोगों ने गैंगरेप किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। उसे 10 लाख सरकारी अनुदान दिलाने के नाम पर पहले मऊआईमा से प्रयागराज बुलाया गया। इसके बाद परेड ग्राउंड में ले जाकर उसके साथ दरिंदगी की गई। दरिंदगी से पहले उसे कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ दिया गया। पीड़ित की मां की तहरीर पर दारागंज पुलिस ने दो ज्ञात और 3 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।मां की ओर से तहरीर देकर बताया गया है कि शनिवार को उसकी 13 वर्षीय बेटी की तबियत बिगड़ गई। जब उसने पूछा तो बेटी ने बताया कि उसके साथ पांच लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया है। यह सुनकर उसके होश उड़ गए। बेटी ने बताया कि कुछ दिनों पहले जब वह उसके साथ निजी काम से कचहरी गई थी तब वहां खुद को एक बड़े अधिकारी का रिश्तेदार बताने वाले विनोद शंकर त्रिपाठी ने पढ़ाई केलिए 10 लाख रुपया सरकारी अनुदान दिलाने की बात कही थी।वह कई दिनों तक उससे फोन पर बात करता रहा। आठ मई को अनुदान के लिए इंटरव्यू कराने की बात कहकर बाइक से अपने एक साथी को भेजा। जो उसे तिलई बाजार मऊआइमा से दारागंज परेड ग्राउंड के पास ले गया। वहां विनोद का रिश्तेदार विजय त्रिपाठी व दो अज्ञात पहले से खड़े थे। उन्होंने उसे लाल रंग की मारुति कार में बैठा लिया और नशीला पदार्थ मिलकर कोल्डड्रिंक पिला दी। जिससे वह विरोध करने की स्थिति में नहीं रही।इसके बाद सभी ने बारी-बारी से उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। साथ ही वीडियो भी बना लिया और शिकायत करने पर वीडियो वायरल करने और परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी। फिर उसे छोड़कर भाग निकले। मां का आरोप है कि घटना के बाद उसकी बेटी थाने गई तो पुलिस ने डांटकर भगा दिया। दारागंज इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश की जा रही है।
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किसानों का रेल रोको आंदोलन, पटरियों के आसपास सुरक्षा बढ़ाई गई
केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के ‘रेल रोको’ आह्वान के बाद ट्रेन की पटरियों के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है।
नई दिल्ली: केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के ‘रेल रोको’ आह्वान के बाद दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों, विशेष रूप से ट्रेन की पटरियों के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ट्रेन की पटरियों के पास कई जगहों पर अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया गया है और गश्त भी बढ़ा दी गई है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई सूचना नहीं है कि रेल अवरोधक राष्ट्रीय राजधानी के अंदर लगाए जाएंगे। लेकिन पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।पढ़ें:- ट्रेनों की पोजिशन जानकर ही घर से निकलें यात्री, कई ट्रेनों का रूट बदलाप्रदर्शन कर रहे किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए पिछले सप्ताह ‘रेल नाकाबंदी’ की घोषणा की थी। मोर्चा ने कहा था कि पूरे देश में दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक रेल रोको अभियान चलाएंगे। रेलवे ने रेलवे संरक्षा विशेष बल की 20 अतिरिक्त कंपनियों को सुरक्षा में तैनात किया है, खास तौर से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल को ध्यान में रखा गया है।पढ़ें:- यात्रीगण ध्यान दें! स्पेशल ट्रेन की बदल गई है टाइमिंग, स्टेशन पहुंचने से पहले रहें अपडेटशांति बनाए रखने की अपीलसंयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शनकारियों से रोल रोको कार्यक्रम के दौरान शांति बनाए रखने की अपील की है। केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन के तहत मोर्चा की तरफ से आज दोपहर 12 से 4 बजे तक देशभर में रेल रोको कार्यक्रम किया जा रहा है। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर 2020 से डेरा डाले किसानों की अगुवाई करने वाले संगठनों का संघ संयुक्त मोर्चा के नेता डॉ. दर्शनपाल ने बुधवार को एक बयान में कहा, "18 फरवरी को देशभर में रोल रोको कार्यक्रम में सभी से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की जाती है। दोपहर 12 से 4 बजे तक रेल रोकने का कार्यक्रम है जिसमें देशभर से समर्थन की उम्मीद है।"पढ़ें:- गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने बनाई आंदोलन की नई रणनीति, अब करेंगे यह कामपढ़ें:- किसान आंदोलन: सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी ने किया दिल्ली पुलिस की टीम पर हमला, बाल-बाल बची SHO की जानइनपुट-भाषा
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रक्षा मामलों की संसदीय समिति की बैठक से राहुल गांधी ने किया वॉकआउट, बॉर्डर के मुद्दे पर करना चाहते थे चर्चा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को रक्षा मामलों की संसदीय स्थाई समिति की बैठक से वॉकआउट कर दिया। यह बैठक संसद भवन में चल रही थी।
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को रक्षा मामलों की संसदीय स्थाई समिति की बैठक से वॉकआउट कर दिया। यह बैठक संसद भवन में चल रही थी। बैठक में सिर्फ डिफेंस से जुड़े मुद्दों पर बात होनी थी। लेकिन सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी बॉर्डर के मुद्दे पर भी चर्चा चाहते थे। राहुल गांधी के वॉकआउट करने के बाद समिति में शामिल कांग्रेस के दूसरे सदस्य भी बैठक से चले गए।सूत्रों के अनुसार, बैठक में राहुल गांधी ने एलओसी की स्थिति, चीन के साथ हुए समझौते और राफेल जेट का मामला उठाया था। राहुल गांधी एलएसी की स्थिति के बारे में भी जानना चाहते थे। इस पर संसदीय समिति के चेयरमैन और बीजेपी नेता जुएल ओरांव भड़क गए। उन्होंने राहुल गांधी को टोका, जिससे नाराज होकर राहुल गांधी मीटिंग बीच में ही छोड़कर चले गए। राहुल गांधी के साथ ही कांग्रेस के दूसरे सांसद भी मीटिंग से बाहर आ गए।इससे पहले दिन में राहुल गांधी ने चीन पर एक ट्वीट किया, जिसे लेकर वह फंस गए। राहुल गांधी ने एक न्यूजपेपर की खबर को आधार बनाकर मोदी सरकार पर हमला बोला था। राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी सरकार ने विदेश और रक्षा नीति को राजनैतिक हथकंडा बना दिया है। भारत इतना असुरक्षित कभी नहीं रहा। राहुल गांधी ने यह ट्वीट एक अखबार की रिपोर्ट का हवाला देकर किया था।रिपोर्ट में पूर्वी लद्दाख में पीएलए के घुसपैठ की खबर छपी थी। हालांकि, भारतीय सेना ने बयान जारी करके इस खबर को पूरी तरह खारिज कर दिया। इंडियन आर्मी ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि पूर्वी लद्दाख में कोई घुसपैठ नहीं हुई। सेना की तरफ से कहा गया कि 14 जुलवाई को छपी यह रिपोर्ट गलत है और झूठी खबर पर आधारित है।सेना की तरफ से कहा गया है कि रिपोर्ट में भारत और चीन के बीच एग्रीमेंट खत्म होने की जो बात लिखी गई है, वो झूठी और निराधार है। सेना ने बयान में कहा है कि भारतीय या चीनी पक्ष ने पूर्वी लद्दाख के उन इलाकों पर कब्जा करने की कोई कोशिश नहीं की है, जहां से वह फरवरी में पीछे हटे थे। क्षेत्र में टकराव के बचे हुए मामलों को सुलझाने के लिए दोनों पक्ष बातचीत कर रहे हैं।
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कर्नाटक में हिजाब के बाद बाइबल पर विवाद: बेंगलुरु के एक स्कूल में बाइबिल लाना जरूरी, हिंदू संगठन ने किया विरोध
कर्नाटक में हिजाब के बाद अब बाइबिल पर विवाद शुरू हो गया है। बेंगलुरु के क्लेरेंस हाई स्कूल प्रबंधन ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि स्कूल में बच्चों को बाइबिल लाना जरूरी है।
बेंगलुरु। कर्नाटक में हिजाब के बाद अब बाइबिल पर विवाद शुरू हो गया है। बेंगलुरु के क्लेरेंस हाई स्कूल प्रबंधन ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि स्कूल में बच्चों को बाइबिल लाना जरूरी है। स्कूल के इस फैसले को लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है।रिपोर्ट के मुताबिक बेंगलुरु के क्लेरेंस हाई स्कूल प्रशासन ने स्टूडेंट्स के पैरेंट्स से एक एप्लीकेशन फॉर्म पर वचन लिया है कि वे अपने बच्चों को बाइबिल स्कूल लाने पर आपत्ति नहीं जताएंगे। स्कूल के इस फैसले को हिंदू संगठनों ने एजुकेशन एक्ट का उल्लंघन बताया है। विवाद के बीच स्कूल का कहना है कि इससे पवित्र ग्रंथ की अच्छी बातें बच्चों को सीखने को मिलती है।हिंदू जनजागृति समिति के राज्य प्रवक्ता मोहन गौड़ा ने दावा किया कि स्कूल गैर-ईसाई छात्रों को बाइबिल पढ़ने के लिए मजबूर कर रहा है। राइट विंग ग्रुप के लोगों ने दावा किया है कि स्कूलों में गैर-ईसाई छात्र भी हैं, जिन्हें जबरन बाइबिल पढ़ने पर मजबूर किया जाता है। हालांकि, स्कूल ने अपने कदम का बचाव किया है।
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क्या नए कानून से सारे किसानों का हुआ नुकसान? गुजरात-महाराष्ट्र के अन्नदाताओं को मिला नए कृषि बिल से फायदा
खेती से जुड़े 3 कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इन तीनों कानूनों से पंजाब, हरियाणा समेत कुछ राज्यों के किसान नाराज हैं। उन्हें चिंता है कि नए कानून से उपज पर मिलने वाला न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म हो सकता है लेकिन क्या नए कानून से सारे किसानों का नुकसान हुआ?
नई दिल्ली: खेती से जुड़े 3 कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इन तीनों कानूनों से पंजाब, हरियाणा समेत कुछ राज्यों के किसान नाराज हैं। उन्हें चिंता है कि नए कानून से उपज पर मिलने वाला न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म हो सकता है लेकिन क्या नए कानून से सारे किसानों का नुकसान हुआ? ये कानून किसानों को नुकसान पहुंचाने वाले हैं या फायदा पहुंचाने वाले ये समझने के लिए अलग अलग राज्यों में इंडिया टीवी के रिपोर्टर्स ने किसानों से बात की। आपको जानकर हैरानी होगी कि ज्यादातर राज्यों में ऐसे किसान मिले जिन्होंने कहा कि नए कानूनों से उन्हें फायदा हुआ है। ऐसे ही कुछ किसान महाराष्ट्र में मिले जहां बीजेपी की सरकार नहीं है। महाराष्ट्र के नासिक में गेहूं, गन्ना और धान के अलावा सबसे ज्यादा प्याज होता है। इसके अलावा यहां अंगूर, केले और दूसरी सब्जियां की खेती होती है। ये सब कैश क्रॉप हैं। सबसे ज्यादा नुकसान की गुंजाइश कैश क्रॉप में ही होती है लेकिन नासिक के विनायक हेमाडे ने बताया कि नए कानून के कारण उन्हें कई गुना फायदा हुआ। विनायक हेमाडे नासिक के नांदुर शिंगोटे गांव के रहने वाले हैं। इस बार उन्होंने चार एकड़ में हरे धनिये की खेती की थी जिसपर करीब 40 हजार रुपए की लागत आई। 45 से 50 दिन की मेहनत के बाद फसल तैयार हुई। नए कानून के मुताबिक विनायक हेमाडे ने मंडी जाने के बजाए खेत से ही फसल को बेचने की कोशिश की और वो कामयब रहे। विनायक हेमाडे की फसल को नासिक के व्यापारी ने खेत से ही खरीद लिया और इसके लिए विनायक हेमाडे को 12 लाख पचास हजार रुपए का पेमेंट भी कर दिया। इस बार विनायक को मंडी के चक्कर नहीं लगाने पड़े, मजदूरी और ढुलाई का खर्चा भी बच गया। विनायक हेमाडे ने कहा कि सरकार जो बिल लेकर आई है वो वाकई में किसानों को फायदा पहुंचा रहा है क्योंकि इससे किसान डायरेक्ट अपनी फसल व्यापारी को बेच पा रहा है।ऐसा ही एक उदाहरण गुजरात के मेहसाणा में भी देखने को मिला। मेहसाणा कॉटन की खेती के लिए मशहूर है। इस वक्त मेहसाणा में कॉटन की खरीद हो रही है और ज्यादातर किसान मंडियों में जा रहे हैं लेकिन जिन किसानों को नए कानून की जानकारी है वो मंडी के बजाए सीधे व्यापारियों से भी कॉन्टैक्ट कर रहे हैं। संवाददाता निर्णय कपूर ने बताया कि कृषि कानून बनने के बाद किसानों ने अपने ग्रुप्स बनाए हैं ताकि व्यापारियों के साथ डायरेक्ट बारगेन कर सकें और जब एक बार डील क्लोज़ हो जाती है तो फिर व्यापारी खुद किसानों का माल उठाने के लिए ट्रक्स को भेजते हैं।इस वक्त मेहसाणा के कड़ी इलाके में रोजाना 300 ट्रक कपास लेने के लिए पहुंच रहे हैं। कुछ किसान बिना किसी ग्रुप के डायरेक्ट व्यापारियों से डील कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि वो नए कानून की बजह से मंडी टैक्स से बच गए। पैसा तुरंत मिल रहा है और भाव मंडी से ज्यादा मिल रहा है। मंडी में 20 किलो कपास का रेट 1100 रुपए हैं जबकि कॉटन मिल 20 किलो कपास के 1140 रुपए दे रही है।कुछ ऐसा ही हाल उत्तराखंड में भी है जहां कई नौजवान खेती की तरफ लौट रहे हैं। कोई मशरूम की खेती कर रहा है तो कोई कैप्सिकम यानी शिमला मिर्च उगा रहा है। हरिद्वार के मनमोहन भारद्वाज पहले हॉर्टिकल्चरिस्ट थे लेकिन बाद में वो मशरूम और कैप्सिकम फार्मिंग में आ गए। पिछले कुछ महीनों में मनमोहन भारद्वाज ने 10 एकड़ जमीन पर एक पॉली हाउस में कैप्सिकम और केले की खेती करनी शुरू की। मनमोहन ने कहा कि पहले वो जब मंडियों में अपनी फसल बेचते थे तो उन्हें अपनी फसल का काफी कम दाम मिलता था और पेमेंट में भी देरी होती थी लेकिन नए कानून बनने के बाद वो कहीं नहीं जाते। बड़ी बड़ी कंपनियां उनके खेत पर आती हैं, फसल की कीमत भी ज्यादा मिलती है। मनमोहन भारद्वाज ने बताया कि पहले उन्हें एक किलो हरी शिमला मिर्च के मंडी में 30 रुपए मिलते थे लेकिन अब वो इसे 60 रुपए किलो के हिसाब से बेच रहे हैं। इसी तरह एक किलो कलर्ड कैप्सिकम के भी अब 100 रुपए की बजाए 135 रुपए मिल रहे हैं।
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हिमाचल प्रदेश में ऊंचाई वाले स्थानों पर शुक्रवार से बर्फबारी की संभावना
हरियाणा और पंजाब में न्यूनतम तापमान बृहस्पतिवार को सामान्य से अधिक दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार चंडीगढ़ में न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक है।
चंडीगढ़: हरियाणा और पंजाब में न्यूनतम तापमान बृहस्पतिवार को सामान्य से अधिक दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार चंडीगढ़ में न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक है। हरियाणा के अंबाला में पारा 9.6 डिग्री और करनाल में नौ डिग्री तक रहा। पंजाब के अमृतसर में न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से चार डिग्री अधिक है। लुधियाना में 9.7 डिग्री, जबकि पटियाला में न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं मौसम विज्ञान केंद्र ने बृहस्पतिवार को बताया कि हिमाचल प्रदेश की मध्य और ऊंची पहाड़ियों में चार दिसंबर से बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। हालांकि मैदानी इलाकों और कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों में नौ दिसंबर तक मौसम शुष्क रहेगा । शिमला मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा कि शुक्रवार को ऊंची पहाड़ियों में और सात से नौ दिसंबर तक मध्य पहाड़ियों में बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। सिंह ने कहा कि लाहौल और स्पीति जिले का केलांग शून्य से 6.9 डिग्री सेल्सियस कम तापमान के साथ राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा वहीं किन्नौर जिले के कल्पा में तापामान 1.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि मनाली, कुफरी और डलहौजी में न्यूनतम तापमान क्रमश: 1.8 डिग्री सेल्सियस, 7.7 डिग्री सेल्सियस और 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि शिमला में न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
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लताजी के निधन पर कई हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि, स्वामी रामदेव ने कहा-'सुरों का दिव्य अवतार थीं लता दीदी '
लता मंगेशकर के निधन पर स्वामी रामदेव सहित अन्य कई हस्तियों ने अपनी संवेदना व्यक्त की हैं और अपनी प्रतिक्रिया में उन्हें भगवान का वरदान स्वरूप बताया।
स्वामी रामदेव ने लता मंगेशकर के निधन को अपूरणीय क्षति बताया और कहा कि मैंने दो दशकों में कई बार उनसे संवाद किया। जब भी बात करता था, तो दिव्य अलौकिक उर्जा का स्पंदन महसूस करता था। वे हम सबके लिए भगवान का वरदान स्वरूप थीं। स्वामी रामदेव ने कहा कि जब इतिहास पर नजर डालता हूं तो लता दीदी जैसा व्यक्तित्व कोई दूसरा इस कला-संगीत की दुनिया दिखाई नहीं देता। वे प्रतिभा संपन्न और निर्व्यसनी व्यक्तित्व थीं। ऐसा व्यक्ति बरसों में एक बार अवतरित होता है। वे सुरों का दिव्य अवतार थीं। मैं दीदी के निधन पर उन्हें भावपूर्ण ह्रदय से प्रणाम अर्पित करता हूं अैार उनके मोक्ष के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं।गीत-संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति: मायावतीलता मंगेशकर के निधन पर बसपा सुप्रीमो और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने भी शोक जताया है। उन्होंने कहा कि अपनी सुरीली व मनमोहक आवाज़ से लोगों के दिल-दिमाग़ पर कई दशकों तक राज करने वाली लता मंगेशकर के आज निधन की खबर अति-दुःखद है। गीत-संगीत जगत को अपूरणीय क्षति। उनके परिवार व समस्त प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। कुदरत सभी को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करे।पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायी रहेगा लताजी का जीवन: सोनिया गांधीकांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लता मंगेशकर के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि “स्वर कोकिला लताजी की मधुर आवाज़ आज मौन होने पर स्तब्ध हूं। एक युग का अंत हो गया। उन्होंने आगे कहा कि दिल छू लेने वाली आवाज़, राष्ट्र प्रेम के गीत और लता दीदी का संघर्षमय जीवन सदा पीढ़ियों के लिए प्रेरणा रहेगा। उनकी अंतिम यात्रा में नमन व भावभीनी श्रद्धांजलि।”लता जी वास्तव में भारत की कोकिला थीं: ममता बनर्जीपश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा, "मैं उनके परिवार और दुनियाभर में उनके करोड़ों प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं। मैं उस प्रतिभा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करती हूं जो वास्तव में भारत की कोकिला थीं।"
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आधार कार्ड को लेकर UIDAI ने जारी की महत्तवपूर्ण जानकारी, ऐसे उठाए फायदा
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार कार्ड के संबंध में मंगलवार को बेहद महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। यूआईडीएआई समय समय पर लोगों के लिए अहम जानकारी साझा करता रहता है।
नई दिल्ली: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार कार्ड के संबंध में मंगलवार को बेहद महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। यूआईडीएआई समय समय पर लोगों के लिए अहम जानकारी साझा करता रहता है। यूआईडीएआई ने लोगों से आधार पीवीसी कार्ड बनवाने के लिए कहता आया है क्योंकि यह जल्दी खराब नही होता है। ऐसे में इसबार यूआईडीएआई ने जानकारी देते हुए बताया कि आधार के सभी रूप पहचान के प्रमाण के रूप में समान रूप से मान्य और स्वीकार्य हैं। लोग अपनी सुविधा के अनुसार आधार के किसी भी रूप का उपयोग करना चुन सकते हैं। यूआईडीएआई ने ऐसा पीवीसी आधार कार्ड को लेकर जानकारी देते हुए बताया है।आप यूआईडीएआई द्वारा परिवार के सभी सदस्यों के लिए आधार बनवाने की सुविधा का भी लाभ उठा सकते है। यूआईडीएआई ने कुछ समय पहले आधार पीवीसी कार्ड पेश किया था। पीवीसी आधार कार्ड, एटीएम कार्ड की तरह बना होता है। इसके पानी से खराब होने या टूटने का डर नहीं रहता। आप इसी पीवीसी आधार को परिवार का कोई एक व्यक्ति सभी सदस्यों के लिए अपने मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर बनवा सकता है। पढ़ें- Pradhan Mantri Awas Yojana: पीएम मोदी 6.1 लाख लोगों को भेजेंगे 2691 करोड़ रुपए, लिस्ट में ऐसे चेक करें अपना नामपढ़ें- रेलवे ने आज किया कई ट्रेनें चलाने का ऐलान, देखें ट्रेनों की लिस्ट और बुकिंग का तरीकापहले आधार कार्ड में रजिस्टर्ड नंबर पर ही OTP भेजा जाता था। लेकिन अब बिना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भी OTP की सुविधा है। अब परिवार का कोई सदस्य बाकी सदस्यों के लिए पीवीसी कार्ड के लिए ऑर्डर कर सकता है। अब आपके पास दोनों ही विकल्प मौजूद है। लेकिन आपको बिना रजिस्टर्ड नबंर पर आधार कार्ड का प्रिव्यू देखने की सुविधा नही मिल पाएगी हालांकि रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर सुविधा आपको मिलेगी। ATM कार्ड जैसे आधार के लिए देने होंगे मात्र 50 रुपएATM कार्ड की तरह दिखने वाले इस पीवीसी कार्ड के लिए आपको मात्र 50 रुपए देने होंगे। पैसों का भुगतान करने के बाद यह कॉर्ड स्पीड पोस्ट के जरिये आपके घर तक पहुंच जाएगा। डिलीवरी के लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा।पढ़ें- भीषण ठंड, शीतलहर, भारी बर्फबारी; जानें कई दिनों के मौसम का हालपीवीसी आधार कार्ड की विशेषताएंआधार पीवीसी कार्ड की विशेषताएं यह है कि यह लंबे समय तक चलेगा और यह दिखने में आकर्षक है। इसके अलावा इसमें लेटेस्ट सिक्योरिटी फीचर्स हैं। इसके सिक्योरिटी फीचर्स में होलोग्राम, Guilloche Pattern, घोस्ट इमेज और माइक्रोटेक्स्ट है। पीवीसी कार्ड प्लास्टिक का बना होता है। इस पर आपकी सारी डिटेल्स रहती है। एटीएम कार्ड की तरह इसे आसानी से जेब में रख सकते हैं। पढ़ें- Tandav Web Series: महाराष्ट्र पुलिस ने उठाया बड़ा कदम, सैफ अली खान और अमेजन.....PVC आधार कार्ड के लिए घर बैठे ऐसे करें अप्लाईपढ़ें- दाऊद इब्राहिम ने परिवार के प्रमुख सदस्यों को पाकिस्तान से बाहर भेजा
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पूर्व केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कोरोना का टीका लगवाया, मानवता के हित में वैक्सीन लगवाने की अपील
नोएडा के कैलाश अस्पताल में पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद डॉ महेश शर्मा को कोवीशिल्ड का टीका लगाया गया।
नोएडा: देशभर में कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान आज शुरू हो गया है। इस अभियान के पहले चरण में देश के सभी हिस्सों में हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वारियर्स को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। इसी क्रम में नोएडा के कैलाश अस्पताल में पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद डॉ महेश शर्मा को कोवीशिल्ड का टीका लगाया गया। डॉ. महेश शर्मा से जब यह पूछा गया कि क्या उन्हें टीका लगवाने के बाद किसी तरह की कोई दिक्कत महसूस हुई, उन्होंने बताया कि किसी तरह की दिक्कत या परेशानी उन्हें महसूस नहीं हुई है। ड. शर्मा ने लोगों से अपील की है कि वे राष्ट्रहित और मानवता के हित में टीका जरूर लगवाएं। टीके की विश्वसनीयता से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग अफवाह फैलाने का काम करते हैं, इसलिए अफवाहों न पड़ते हुए राष्ट्रहित और मानवता के हित में टीका जरूर लगवाएं। वहीं उन्होंने इस पूरे अभियान के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की सराहना की और कहा कि प्रधानमंत्री की तैयारी कभी आधी-अधूरी नहीं रहती है। शर्मा ने बताया कि यह टीका उन्होंने सांसद होने के नाते नहीं, अपितु एक डॉक्टर होने के नाते लगवाया है। उनके अनुसार उनका ग्रेटर नोएडा का अस्पताल कोविड-19 अस्पताल है, तथा उन्होंने कोरोना काल में एक डॉक्टर होने के नाते मरीजों का उपचार किया है। उल्लेखनीय है कि शर्मा को कोरोना टीका का दूसरा खुराक उन्हें आगामी 15 फरवरी को दिया जायेगा ।नोएडा के सेक्टर 27 स्थित कैलाश अस्पताल में बने वेव बूथ में आज सुबह शर्मा को कोरोना टीका लगाया गया। टीका लगवाने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि टीकाकरण एक सामान्य प्रक्रिया है और इसके पश्चात खुद को पूरी तरह से सामान्य महसूस कर रहे हैं। किसी भी तरह की उन्हें परेशानी का अनुभव नहीं हो रहा है। यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित और भरोसेमंद है। सांसद ने कहा कि आम जनमानस में टीके को लेकर जो भ्रांतियां फैली हुई हैं वह निराधार हैं और कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी लोग टीका जरूर लगवाएं। उन्होंने कहा कि इस टीके का कोई साइड इफेक्ट नहीं है और दवा के किसी तरह के दुष्प्रभाव से निपटने के लिए सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेहतर इंतजाम किए गए हैं।आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शनिवार को कोविड-19 के खिलाफ विश्‍व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ भारत के सभी राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों के 3006 टीकाकरण केन्‍द्र आपस में जुडें। ज्ञात हो कि पहले चरण के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। पहले दिन तीन लाख से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 के टीके की खुराक दी जाएगी।सरकार के मुताबिक, सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले करीब दो करोड़ कर्मियों और फिर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी। बाद के चरण में गंभीर रूप से बीमार 50 साल से कम उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा। स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों पर टीकाकरण का खर्च सरकार वहन करेगी।इनपुट-भाषा /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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750 KM पैदल चलकर सागर जिले से दिल्ली आए बुजुर्ग से मिले प्रधानमंत्री मोदी
छोटेलाल ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री जी को अपने क्षेत्र के अनुसूचित जाति समाज की परेशानियों के बारे में बताया और देवरी क्षेत्र में कारखाना लगाने को लेकर मांग पत्र सौंपा जिससे वहां के लोगों की रोजगार की समस्या का निवारण हो सके।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने मध्य प्रदेश के सागर जिले के छोटेलाल अहिरवार पैदल ही नई दिल्ली पहुंच गए। छोटेलाल को पीएम मोदी से मिलने के लिए दो दिन का इंतजार भी करना पड़ा और तीसरे दिन जब उनकी मुलाकात हुई तो प्रधानमंत्री ने खुले दिल से छोटेलाल का स्वागत किया और कहा कि मुझसे मिलने के लिए पैदल आने की क्या जरूरत थी इस पर छोटेलाल ने भी जवाब दिया कि पैदल नहीं आता तो शायद मिलना भी न हो पाता।बता दें कि मध्यप्रदेश के ग्राम पिपरिया, जैतपुर, देवरी सागर जिले के रहने वाले 63 वर्षीय छोटेलाल अहिरवार लगातार 22 दिन तक 750 किलोमीटर पैदल चलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। इसकी जानकारी जब केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को मिली तो उन्होंने अपनी गाड़ी भेजकर छोटेलाल अहिरवार को अपने आवास पर बुलाया और उनके रहने खाने की व्यवस्था की। उन्होंने छोटेलाल के बारे में पूरी जानकारी लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय में खुद बात की और छोटेलाल को प्रधानमंत्री से मिलवाने का आग्रह किया।प्रधानमंत्री ने उनके आग्रह को स्वीकार कर छोटेलाल से मुलाकात की और पूरी गर्मजोशी से मिले। छोटेलाल ने बताया कि प्रधानमंत्री जी ने उनसे पूछा कि मुझसे मिलने के लिए दिल्ली पैदल चलकर आने की क्या जरूरत थी? इसका जवाब देते हुए छोटेलाल ने कहा कि अगर वह पैदल नहीं आते तो शायद मिलना भी नहीं होता। जवाब सुनकर प्रधानमंत्री जी ने उन्हें अपने गले से लगा लिया। छोटेलाल ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री जी को अपने क्षेत्र के अनुसूचित जाति समाज की परेशानियों के बारे में बताया और देवरी क्षेत्र में कारखाना लगाने को लेकर मांग पत्र सौंपा जिससे वहां के लोगों की रोजगार की समस्या का निवारण हो सके। इस दौरान पीएम ने उन्हे गरीबों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया।पेशे से मजदूर छोटेलाल 22 दिन तक 750 किलोमीटर पैदल चलने के बाद देवरी से दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने सिर्फ प्रधानमंत्री जी से मिलने के लिए इतनी लंबी पैदल यात्रा की ताकि वे अपने समाज के लोगों की परेशानियों से प्रधानमंत्री जी को अवगत करा सकें।
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15 साल के लड़के ने किया पांच साल की बच्ची से बलात्कार, पॉक्सो के तहत मुकदमा दर्ज
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की बबेरू कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में पांच साल की एक बच्ची के साथ किशोर द्वारा कथित रूप से बलात्कार किये जाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी।
बांदा: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की बबेरू कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में पांच साल की एक बच्ची के साथ किशोर द्वारा कथित रूप से बलात्कार किये जाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी। बबेरू कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) जय श्याम शुक्ला ने बृहस्पतिवार को बताया कि पांच साल की बच्ची के साथ कथित रूप से बलात्कार किये जाने की यह घटना बुधवार की है।उन्होंने बताया कि बच्ची उस समय अपने घर के बाहर अकेले खेल रही थी, तभी पड़ोस में रहने वाला 15 साल का लड़का उसे खेलने के बहाने बहला-फुसलाकर सुनसान जगह ले गया और उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया।उन्होंने बताया कि बच्ची ने अपने घर जाकर अपनी मां से आपबीती बतायी जिसके बाद बृहस्पतिवार को मां की तहरीर पर किशोर के खिलाफ धारा-376 (बलात्कार) और पॉक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा दर्जकर आरोपी किशोर को निगरानी में ले लिया गया है। शुक्ला ने बताया कि बच्ची को आज चिकित्सीय जांच के लिए जिला महिला अस्पताल भेजा गया है। पुलिस ने बताया कि निगरानी में लिए गए किशोर आरोपी की सूचना संबंधित न्यायालय को दे दी गयी है, न्यायालय के आदेश के मुताबिक आगे की कार्यवाही की जाएगी।
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INDIA-AUSTRIA TALKS: विदेश मंत्री एस जयशंकर और ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री एलेक्जेंडर शालेनबर्ग के बीच हुई 'सार्थक' वार्ता
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया, 'ऑस्ट्रियाई विदेशमंत्री शालेनबर्ग के साथ रोचक शाम रही। विस्तृत और सार्थक चर्चा हुई। हमारे द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की गई और नयी आर्थिक संभावनाओं की पहचान की गई।'
नयी दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को अपने ऑस्ट्रियाई समकक्ष एलेक्जेंडर शालेनबर्ग के साथ द्विपक्षीय आर्थिक संबंध के साथ-साथ यूक्रेन पर रूसी हमले के प्रभाव सहित विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। जयशंकर ने ट्वीट कर बातचीत को 'सार्थक' बताया और कहा कि बातचीत मे दौरान नए द्विपक्षीय आर्थिक संभावनाओं की पहचान की गई। शालेनबर्ग शनिवार को तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आए। एस जयशंकर ने ट्वीट किया, 'ऑस्ट्रियाई विदेशमंत्री शालेनबर्ग के साथ रोचक शाम रही, जिन्होंने जीवन के शुरुआती साल दिल्ली में ही बिताए थे। उन्होंने पिछले एक दशक में भारत की प्रगति की अपनी अंतरदृष्टि से सराहना की।' उन्होंने कहा, 'विस्तृत और सार्थक चर्चा हुई। हमारे द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की गई और नयी आर्थिक संभावनाओं की पहचान की गई।' वहीं शालेनबर्ग ने कहा कि- 'हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति सहित क्षेत्रीय सुरक्षा और यूक्रेन पर रूस के हमले का विश्व पर पड़ने वाले असर, चर्चा के विषयों में शामिल थे।' उन्होंने ट्वीट किया, 'धन्यवाद मेरे भारतीय समकक्ष डॉ. एस जयशंकर हमारे द्विपक्षीय संबंधों और आर्थिक सहयोग को मजबूत करने की दिशा में उत्कृष्ट चर्चा के लिए। क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर भी बातचीत हुई जिनमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और रूस-यूक्रेन के युद्ध का वैश्विक असर शामिल था।' गौरतलब है कि ऑस्ट्रिया वर्ष 1995 से ही यूरोपीय संघ का सदस्य है और यूरोप के भारत के साथ संबंधों में अहम कड़ी है। खासतौर पर मध्य और पूर्वी यूरोप के संदर्भ में।
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कोविड-19: देश में 132 दिन बाद उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 4.28 लाख हुई
भारत में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या उल्लेखनीय रूप से घटकर 4.28 लाख रह गई है जो कि 132 दिन के बाद सबसे कम है तथा संक्रमण के कुल मामलों का मात्र 4.51 प्रतिशत है।
नयी दिल्ली। भारत में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या उल्लेखनीय रूप से घटकर 4.28 लाख रह गई है जो कि 132 दिन के बाद सबसे कम है तथा संक्रमण के कुल मामलों का मात्र 4.51 प्रतिशत है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार (2 दिसंबर) को यह जानकारी दी। मंत्रालय के अनुसार 23 जुलाई को उपचाराधीन मरीजों की संख्या 4,26,167 थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट देखने को मिली है। पिछले तीन दिन से देश में प्रतिदिन कोविड-19 के 30,000 के आसपास मामले सामने आ रहे हैं। पिछले चौबीस घंटे में संक्रमण के 36,604 नए मामले सामने आए। इस दौरान कोविड-19 के कुल 43,062 मरीज ठीक हो गए। मंत्रालय ने कहा कि पिछले पांच दिन में ठीक होने वालों की संख्या, प्रतिदिन सामने आने वाले संक्रमण के नए मामलों से ज्यादा हो गई है। मंत्रालय ने कहा कि इससे ठीक होने वाले मरीजों की दर में भी सुधार हुआ है और अब यह 94.03 प्रतिशत है। अब तक कुल 89,32,647 मरीज ठीक हो चुके हैं। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में से 78.35 प्रतिशत लोग दस राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के हैं। महाराष्ट्र में एक दिन में सर्वाधिक 6,290 मरीज ठीक हुए। केरल में 6,151 और दिल्ली में 5,036 लोग ठीक हुए। मंत्रालय ने कहा कि संक्रमण के नए मामलों में से 77.25 प्रतिशत दस राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के हैं। केरल में संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक 5,375 नए मामले सामने आए और इसके बाद4930 नए मामलों के साथ महाराष्ट्र का नंबर रहा। इसके अलावा एक दिन में कोविड-19 से 501 मरीजों की मौत हो गई। मौत के नए मामलों में से 79.84 फीसदी 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सामने आए हैं। महाराष्ट्र में संक्रमण से सर्वाधिक 95 और लोगों की मौत हुई। जबकि दिल्ली और पश्चिम बंगाल में क्रमश 86 और 52 और मरीजों की संक्रमण से मौत हुई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार एक दिन में कोविड-19 के 36,604 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 94,99,413 हो गए। वहीं 501 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,38,122 हो गई।
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Lockdown: हरियाणा में लॉकडाउन 24 मई तक बढ़ाया गया
अनिल विज ने कहा कि हम केंद्र सरकार के लगातार संपर्क में हैं कि हमें ऑक्सीजन की मात्र और बढ़ाई जाए। हमने अपने ऑक्सीजन का ऑडिट करके केंद्र सरकार को भेजा है।
चंडीगढ़. हरियाणा राज्य में लॉकडाउन 24 मई तक बढ़ा दिया गया है। इसकी घोषणा खुद हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने की। उन्होंने ट्वीट कर सूचना दी कि सुरक्षित हरियाणा को 17 मई से 24 मई तक बढ़ाया गया। उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि हरियाणा में पिछले कुछ दिनों से कोरोना मरीजों की संख्या में गिरावट आ रही है।उन्होंने कहा कि राज्य में सक्रिय मामले 1,16,000 के करीब थे जो अब घटकर 96,000 हो गए हैं। प्रतिदिन आने वाले नए मरीजों की संख्या 15,000 के पास थी जो अब घटकर 9,600 पर आ गई है।अनिल विज ने कहा कि हम केंद्र सरकार के लगातार संपर्क में हैं कि हमें ऑक्सीजन की मात्र और बढ़ाई जाए। हमने अपने ऑक्सीजन का ऑडिट करके केंद्र सरकार को भेजा है। अभी जो मिल रहा है हम उसमें अपना गुजारा कर रहे हैं लेकिन अगर हमें और बेड बढ़ाना है तो और ऑक्सीजन की जरूरत है।
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बंगालियों और गैर-बंगालियों को बांटने की कोशिश कर रही BJP: ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को भाजपा पर बंगालियों और गैर-बंगालियों को बांटने का आरोप लगाते हुए राज्य की हिंदी भाषी आबादी से विधानसभा चुनाव में टीएमसी को समर्थन देने की अपील की।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को भाजपा पर बंगालियों और गैर-बंगालियों को बांटने का आरोप लगाते हुए राज्य की हिंदी भाषी आबादी से विधानसभा चुनाव में टीएमसी को समर्थन देने की अपील की। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख बनर्जी ने कहा कि वह राज्य में रह रहे लोगों के लिये कुछ भी करने को तैयार हैं, लेकिन बंगाल में भाजपा को नहीं आने देगीं। बनर्जी ने यहां टीएमसी मुख्यालय में मुख्य रूप से हिंदी-भाषी लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ''भाजपा बंगालियों और गैर-बंगालियों को बांटने की कोशिश कर रही है। उसकी हिंदू-मुस्लिम राजनीति पीछे हो गई है।'' टीएमसी भाजपा पर आगामी विधानसभा चुनाव के लिये ''बाहरियों'' को राज्य में लाने का आरोप लगाती रही है। टीएमसी प्रमुख ने कहा, ''आप पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मैं चाहती हूं कि बंगालियों से अधिक आप हमारे पक्ष में मतदान करें और भविष्य मैं दिखाउंगी कि मैं आपके लिये क्या कर सकती हूं।''
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केरल: राहुल गांधी की ओर से भेजी गई बाढ़ राहत किटें लावारिस पड़ी मिलीं
केरल के वायनाड से सांसद तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की ओर से भेजी गईं बाढ़ राहत किटें यहां नजदीक में नीलम्बूर में एक दुकान में लावारिस पड़ी हुई मिलीं।
मलप्पुरम: केरल के वायनाड से सांसद तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की ओर से भेजी गईं बाढ़ राहत किटें यहां नजदीक में नीलम्बूर में एक दुकान में लावारिस पड़ी हुई मिलीं, जिसपर स्थानीय निवासियों और वामदलों समेत विभिन्न वर्गों ने आक्रोश प्रकट किया है। मंगलवार को जब कुछ लोग एक दुकान को किराए पर लेने के लिये आए तब ये किट यहां पड़ी हुई मिलीं। इन किटों में खाद्य सामग्री, कपड़े और अन्य सामान शामिल हैं। सत्तारूढ़ माकपा की युवा इकाई डीवाईएफआई ने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ विरोध मार्च निकाला और उसके नेताओं से लोगों से माफी मांगने को कहा। नीलम्बूर से विधायक पीवी अनवर (एलडीएफ को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधानसभा सदस्य) ने बुधवार को जिला कलेक्टर के गोपालाकृष्णन से इस मामले की जांच कराने की मांग की। उन्होंने दावा किया कि मामला सामने आने के बाद कांग्रेस नेताओं ने कथित रूप से पूरे विधानसभा क्षेत्र से इस प्रकार का सामान नष्ट कर दिया। अनवर ने वीडियो संदेश के जरिये पत्रकारों से कहा, ''यह नीलम्बूर में इकलौता मामला नहीं है। उसने (कांग्रेस पार्टी) आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिये कई अन्य स्थानों पर खाद्य सामग्री जमा की थी।"पीवी अनवर ने कहा, "यह मामला सामने आने के बाद कांग्रेस नेताओं ने अन्य स्थानों से खाद्य पदार्थों वाली किटों को या तो हटा दिया या नष्ट कर दिया।'' जिला कांग्रेस नेतृत्व ने कहा है कि उसे घटना के बारे में जानकारी नहीं थी और इस मामले की जांच कराई जाएगी। राज्य के नेतृत्व ने अभी इस मामले पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। किटों के कवर पर 'वायनाड सांसद' लिखा था।
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केन्द्र सरकार के पास अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोई योजना नहीं: सचिन पायलट
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने देश की आर्थिक हालत पर चिंता जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार के पास अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिये कोई खाका तैयार नहीं है।
जयपुर: पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने देश की आर्थिक हालत पर चिंता जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार के पास अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिये कोई खाका तैयार नहीं है। पायलट ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैं बहुत चिंतित हूं। सबको मालूम है कि अर्थव्यवस्था में गिरावट तो हो रही है लेकिन चिंता मुझे इस बात की है कि गिरावट रूकने के बाद एक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिये केंद्र सरकार के पास कोई रोड मैप तैयार नहीं है।” उन्होंने कहा कि अभी तक सिर्फ घोषणाएं हो रही हैं। इतने महीने निकल गये। प्रोत्साहन की घोषणाएं वित्तमंत्री ने कीं लेकिन धरातल पर छोटे उद्योगपतियों को, कारखाने चलाने वालों को, मध्यमवर्ग और वेतनभोगी श्रेणी के लोगों को आर्थिक मदद नहीं पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के आंकड़े बहुत चौंकाने वाले हैं लेकिन इसके भविष्य की जो कार्ययोजना है उसके बारे में केन्द्र सरकार को है न तो चिंता है और न ही उसने कोई ठोस नीति अभी तक बनाई है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिये सरकार को एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और अर्थव्यवस्था को पुर्नजीवित करने के लिये क्या कर सकते हैं इस पर सबकी राय लेनी चाहिए। आगामी संसद सत्र के दौरान प्रश्नकाल नहीं होने पर उन्होंने कहा कि सवाल पूछना सबसे बड़ा अधिकार होता है एक सांसद का आप उसको छीन रहे हैं तो फिर संसद चलाने का मतलब क्या है।संसद के सत्र में प्रश्न काल नहीं करवाने का सरकार का यह गलत निर्णय है, सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए। एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को स्पष्टता से देश को बताना चाहिए भारत-चीन सीमा विवाद मामले में अब तक क्या हुआ और आगे क्या करने वाले हैं।
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हरसिमरत कौर ने लोकसभा में कृषि कानूनों, एफसीआई खरीद का मुद्दा उठाया
लोकसभा में मंगलवार को शिरोमणि अकाली दल की सदस्य हरसिमरत कौर बादल ने तीन नये कृषि कानून तथा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा किसानों से खरीद पर भूमि रिकार्ड संबंधी शर्तों का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार पर संघीय ढांचे और राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया ।
नयी दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को शिरोमणि अकाली दल की सदस्य हरसिमरत कौर बादल ने तीन नये कृषि कानून तथा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा किसानों से खरीद पर भूमि रिकार्ड संबंधी शर्तों का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार पर संघीय ढांचे और राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया । हरसिरत ने प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कहा कि सरकार कहती है कि उसने एक विकल्प (तीन कृषि कानूनों के जरिये) दिया है लेकिन इस विकल्प के विरोध में किसान पिछले चार महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे हुए हैं । उन्होंने यह भी दावा किया कि एफसीआई द्वारा खरीद में भूमि का रिकार्ड होने की बात कही गई है। उन्होंने सवाल किया कि जिस राज्य (पंजाब) में 40 प्रतिशत किसान भूमिहीन हो, वे कहां जायेंगे ? उन्होंने कहा, ‘‘हमारे राज्य में एपीएमसी कानून में किसानों को अधिकार दिया गया है लेकिन केंद्र सरकार संघीय ढांचे और राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रही है ।’’ इस पर उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सदस्य (हरसिमरत कौर) अभी तक उनके साथ मंत्रिमंडल में थीं और इन विषयों को स्वीकार कर काम कर रही थीं। उन्होंने कहा कि इस देश की जनता ने संकल्प लिया है कि पारदर्शिता के साथ काम हो। इस संकल्प के अनुरूप ही पूरे देश में पारदर्शी ढंग से एफसीआई के जरिये खरीद चल रही है। गोयल ने कहा, ‘‘ मात्र एक राज्य (पंजाब) है (जो कहता है) कि किसानों को पूरा मूल्य नहीं देंगे। सवाल यह है कि इसका क्या हेतु है ? क्यों वे किसानों का पैसा हड़पना चाहते हैं ? ’’ मंत्री ने अकाली दल की सांसद से कहा कि वह इस बारे में राज्य सरकार से पूछे । उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पूर्ण पारदर्शिता लाना चाहती है । भूमि का रिकार्ड अद्यतन किया जाना चाहिए ताकि इससे पैदावार सहित अन्य चीजों की भी जानकारी मिल सकेगी और गलत जगह पैसा जाने से रोका जा सकेगा । उल्लेखनीय है कि तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले तीन माह से अधिक समय से धरना दे रहे हैं। इन कानूनों को वापस लिये जाने की मांग पर शिरोमणि अकाली दल केंद्र की राजग सरकार से अलग हो गयी थी और हरसिमरत कौर ने केंद्रीय मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था। इनपुट-भाषापढ़ें: बाटला हाउस एनकाउंटर: आरिज खान के दोषी पाए जाने पर सोनिया गांधी, लेफ्ट, ममता और केजरीवाल पर BJP हमलावर​पढ़ें: एंटीलिया के बाहर विस्फोटक मामला: स्कॉर्पियो पार्क करने के बाद PPE किट पहन भागा था संदिग्थ? CCTV में दिखी तस्वीरें
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जितिन प्रसाद का उत्तर प्रदेश में MLC बनना तय, चुनाव से पहले जातीय गणित साधने की कोशिश में BJP: सूत्र
सूत्रों के अनुसार सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव और संगठन महामंत्री सुनील बंसल की बैठक हुई है और उस बैठक में प्रदेश विधान परिषद के संभावित नाम फाइनल किए गए हैं जिनमें जितिन प्रसाद का नाम सबसे ऊपर है।
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए जितिन प्रसाद को को प्रदेश विधान परिषद का सदस्य बनाया जा सकता है। इंडिया टीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 4 सीटों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने संभावित नाम तय किए हैं और उनमें जितिन प्रसाद का नाम सबसे ऊपर है, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी जल्द चारों नामों की घोषणा कर सकती है। जितिन प्रसाद हाल ही में कांग्रेस पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं। सूत्रों के अनुसार सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव और संगठन महामंत्री सुनील बंसल की बैठक हुई है और उस बैठक में प्रदेश विधान परिषद के संभावित नाम फाइनल किए गए हैं जिनमें जितिन प्रसाद का नाम सबसे ऊपर है। कांग्रेस पार्टी में जतिन प्रसाद को उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण चेहरे के तौर पर देखा जाता था, लेकिन अब वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं। विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी भी जातीय समिकरण साधने के लिए जतिन प्रसाद को ब्राह्मण चेहरे के तौर पर दिखा सकती है, यही वजह है कि प्रदेश विधानपरिषद सदस्य के तौर पर उनकी नियुक्ति पर विचार हो रहा है। उत्तर प्रदेश में अलगे साल विधानसभा चुनाव होने जा रहा है और पूर्व में हुए चुनावों में कई बार जाति के आधार पर वोटिंग का ट्रेंड देखने को मिला है। प्रदेश के सभी राजनीतिक दल हर बार की तरह इस बार भी ब्राह्मण वोटों को अपनी तरफ खींचने में लगे हुए हैं। 2011 की जनगणना के हिसाब से उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण जनसंख्या लगभग 12 प्रतिशत है।
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भवानीपुर उपचुनाव: जीत के बाद ममता बनर्जी ने नंदीग्राम का किया जिक्र, BJP प्रत्याशी ने खुद को बताया 'मैन ऑफ द मैच'
भवानीपुर सीट जीतने के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि 'भवानीपुर की जनता का आभार, 2011 में भी भवानीपुर से बड़ी जीत दर्ज की थी। इस बार 58 हाजर से ज्यादा वोटों से जीती हूं। भवानीपुर की जनता ने मेरा दिल जीत लिया है।
कोलकाता: कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि मैंने भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव 58,832 मतों के अंतर से जीता है और निर्वाचन क्षेत्र के हर वार्ड में जीत दर्ज की है। जब बंगाल का चुनाव शुरू हुआ था तब से हमारी पार्टी के खिलाफ बहुत षड़यंत्र हुआ था। केंद्र सरकार ने षड्यंत्र करके हम लोगों को हटाने का बंदोबस्त किया था, लेकिन मैं जनता की आभारी हूं कि जनता ने हमें जिताया। मैंने खुद चुनाव लड़ा था लेकिन अभी वो मामला न्यायालय में है। क्या-क्या षड़यंत्र नहीं हुआ था। मुझे पैर में भी चोट कर दिया गया था ताकि हम चुनाव न लड़ पाएं। उसके बाद उपचुनाव आया। मैं चुनाव आयोग की आभारी हूं कि उन्होंने समय पर चुनाव की घोषणा की।नंदीग्राम सीट नहीं जीत पाने की बहुत सारी वजह थीं- ममता बनर्जीममता बनर्जी ने कहा कि भवानीपुर सीट में लगभग 46 प्रतिशत नॉन बंगाली लोग रहते हैं, उन्होंने भी मुझे वोट दिया। पश्चिम बंगाल के लोग भवानीपुर की ओर देख रहे हैं, जिसने मुझे प्रेरित किया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव में जीत के बाद कोलकाता में अपने आवास के बाहर अपने समर्थकों को बधाई भी दी। भवानीपुर सीट जीतने के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि 'भवानीपुर की जनता का आभार, 2011 में भी भवानीपुर से बड़ी जीत दर्ज की थी। इस बार 58 हाजर से ज्यादा वोटों से जीती हूं। भवानीपुर की जनता ने मेरा दिल जीत लिया है। नंदीग्राम सीट नहीं जीत पाने की बहुत सारी वजह थीं। शेमशेरगंज, जंगीपुर सीट पर TMC को जीत मिली है।' पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भवानीपुर सीट पर 58,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल करने के बाद कहा कि नंदीग्राम में रची गई साजिश का भवानीपुर के लोगों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। चुनाव परिणाम के लिए भवानीपुर और पश्चिम बंगाल के लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं।Image Source : PTITMC supporters flash victory sign outside West Bengal Chief Minister Mamata Banerjees residence during the counting of votes for the Bhawanipur by-elections, at Kalighat in Kolkata on Sunday.इस खेल की मैन ऑफ द मैच मैं हूं- प्रियंका टिबरेवालवहीं चुनाव नतीजों के बाद भाजपा नेता प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि भले वे यह चुनाव जीतीं हैं लेकिन इस खेल की मैन ऑफ द मैच मैं हूं क्योंकि ममता बनर्जी के गढ़ में जाकर चुनाव लड़ा और 25,000 से ज़्यादा मत मिले हैं, उनके उपाध्यक्ष कैमरे पर फर्जी वोटरों को बूथ में घुसाते हुए दिखाई दिए थे।
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असम में Covid-19 के 3,054 नए मामले सामने आए, 7 और लोगों की मौत
असम में कोविड-19 के 3,054 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में शुक्रवार को संक्रमण के मामले बढ़कर 1,18,333 हो गए।
गुवाहाटी: असम में कोविड-19 के 3,054 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में शुक्रवार को संक्रमण के मामले बढ़कर 1,18,333 हो गए। वहीं, सात और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 330 हो गई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बताया कि कामरूप महानगर जिले में सबसे अधिक 735 नए मामले सामने आए। इसके बाद डिब्रूगढ़ में 198, कछार में 192 और होजाई में 176 नए मामले सामने आए।उन्होंने बताया कि संक्रमण से मरने वाले सात मरीजों में थियेटर कलाकार चेतना दास के पति बिमाला नंद दास भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में अभी कुल 29,274 मरीजों का कोरोना वायरस का इलाज जारी है और 88,726 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।सरमा ने बताया कि राज्य में अभी तक 23 लाख से अधिक नमूनों की कोविड-19 की जांच की गई है, जिनमें से 48,846 नमूनों की जांच पिछले 24 घंटे में ही की गई। जोरहाट से भाजपा सांसद तपन कुमार गोगोई और मंगलदोई सीट से दिलीप सैकिया, तेजपुर से एजीपी के विधायक बृंदाबन गोस्वामी और उनकी पत्नी भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।
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Lucknow: LDA की निविदाओं में खत्म होगा मानवीय हस्तक्षेप, सॉफ्टवेयर करेगा तकनीकी परीक्षण
उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया कि इस संबंध में एक बैठक शुक्रवार को हुई है। जिसमें संस्तुतियां उनके समक्ष प्रस्तुत की गई हैं। जिसके आदेश कर के संस्तुतियों को लागू किया जा रहा है। छह बिन्दुओं का आदेश किया गया है।
लखनऊ. विभिन्न सराकरी विभागों की तरफ से जारी किए जाने वाले टेंडरों में आए दिन पक्षपात के आरोप लगाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का लखनऊ विकास प्राधिकरण टेंडर प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी व निष्पक्ष बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। इसी क्रम में LDA के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश के प्रयास अब रंग लाते दिखाई दे रहे हैं। LDA में टेंडर प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी व निष्पक्ष बनाने के संबंध में शुक्रवार को नए आदेश जारी किए गए।LDA के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश द्वारा जारी किए गए आदेशों के तहत अब टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी की आशंकाओं को शून्य कर दिया जाएगा। उपाध्यक्ष ने विगत 29 जून को एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा और लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता राजीव राय की दो सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने अपनी संस्तुतियां पेश की हैं। इन संस्तुतियों के आधार पर आगामी और प्रक्रियारत निविदाओं को पूर्ण करवाया जाएगा। जिसमें सबसे बड़ी बात ये है कि अब निविदाओं का तकनीकी चयन सॉफ्टवेयर के जरिये किया जाएगा। जिससे मानवीय हस्तक्षेप को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा।उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया कि इस संबंध में एक बैठक शुक्रवार को हुई है। जिसमें संस्तुतियां उनके समक्ष प्रस्तुत की गई हैं। जिसके आदेश कर के संस्तुतियों को लागू किया जा रहा है। छह बिन्दुओं का आदेश किया गया है।
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हिमाचल प्रदेश: फैक्ट्री में ब्लास्ट से 6 मजदूरों की मौत, 12 लोग गंभीर रूप से घायल, बचाव कार्य जारी
मृतकों और घायलों के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री मंत्री ऑफिस की तरफ से सहायता राशि की घोषणा भी की गई है। इस हादसे में मरने वाले प्रत्येक मजदूर के परिजनों को प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड से 2 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।
हिमाचल प्रदेश के उना से दिल दहला देने वाली खबर सामने आ रही है। उना के बाथू इंडस्ट्रीयल एरिया में फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट में छह मजदूरों की मौत हो गई है। इस हादसे में बारह मजदूर हताहत हो गए हैं। घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गई है। दमकल विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं और आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं।मृतकों और घायलों के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री मंत्री ऑफिस की तरफ से सहायता राशि की घोषणा भी की गई है। इस हादसे में मरने वाले प्रत्येक मजदूर के परिजनों को प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड से 2 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। इसके अलावा घायलों को 50 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।दूसरी तरफ, उत्तराखंड के टनकपुर-चम्पावत हाईवे पर एक मैक्स गाड़ी के खाई में गिर जाने से उसमें सवार 16 में से 14 लोगों की मौत हो गई। हादसा सूखीढांग-डांडामीनार रोड पर रात में करीब 3 बजकर 20 मिनट पर हुआ। हादसे में गाड़ी का ड्राइवर और एक अन्य शख्स गंभीर रूप से घायल हो गया। घायलों की इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया है।उधर, कुमाऊं के DIG नीलेश आनंद भरणे ने हादसे में 11 लोगों की मौत की पुष्टि की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है।
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Rajat Sharma’s Blog: पीएम मोदी ने अपने भाषण में चीन और पाकिस्तान को दिया कड़ा संदेश
'एलओसी से लेकर एलएसी तक, देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने, देश की सेना ने, उसका उसी भाषा में जवाब दिया है।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार सातवीं बार स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से देश को संबोधित करते हुए अपने भाषण में चीन और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा, 'भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है। इस संकल्प के लिए हमारे जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, ये लद्दाख में दुनिया ने देखा है।.. एलओसी से लेकर एलएसी तक, देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने, देश की सेना ने, उसका उसी भाषा में जवाब दिया है।' हालांकि पीएम मोदी ने अपने भाषण में चीन और पाकिस्तान का नाम नहीं लिया लेकिन उनका इशारा स्पष्ट था। बेहद कड़े और संतुलित स्वर में उन्होंने अपनी बात कही। मोदी ने कहा, 'भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरा देश जोश से भरा हुआ है, संकल्प से प्रेरित है और अटूट श्रद्धा के साथ आगे बढ़ रहा है। मैं आज मातृभूमि पर न्‍यौछावर उन सभी वीर-जवानों को लालकिले की प्राचीर से आदरपूर्वक नमन करता हूं।' प्रधानमंत्री ने कहा, 'आतंकवाद और विस्तारवाद' के खिलाफ भारत की लड़ाई जारी रहेगी। पीएम मोदी ने यह भी कहा, 'आज पड़ोसी सिर्फ वो ही नहीं हैं जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं, बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं। भारत ने पश्चिम एशियाई और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ किस तरह से सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए हैं, इसका उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने यह बात कही। पीएम मोदी के भाषण का मूल विषय आत्मनिर्भरता पर केंद्रित था। उन्होंने आयात को कम करने, स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने, आयात के लिए 100 से अधिक डिफेंस प्रोडक्ट्स की निगेटिव लिस्ट बनाने, किसानों को अपने उत्पादों को कहीं भी बेचने की अनुमति देने पर जोर दिया। वहीं उन्होंने मल्टी मॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास कर सड़क मार्ग, रेलवे, बंदरगाह, हवाई अड्डों के इंटरलिंकिंग की बात कही। ‘वोकल फॉर लोकल’ का जिक्र कर पीएम मोदी ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा भारतीय सामान खरीदने और विदेशी सामानों से दूर रहने की अपील की। पीएम मोदी ने सवालिया लहजे में कहा, हम देश से कब तक कच्‍चा माल विदेश भेजते रहेंगे... raw material कब तक दुनिया में भेजते रहें, और देखिए तो... raw material दुनिया में भेजना और finished goods दुनिया से वापस लाना, ये खेल कब तक चलेगा? हमें वैल्यू एडिशन की ओर बढ़ना होगा... और आत्मनिर्भरता की पहली शर्त है आत्मविश्वास।' प्रधानमंत्री ने देश के सभी नागरिकों को हेल्थ आईडी मुहैया कराने के लिए डिजिटल हेल्थ मिशन और साइबर हमलों का मुकाबला करने के नेशनल साइबर पॉलिसी तैयार करने का ऐलान किया। कोरोना वायरस महामारी पर पीएम मोदी ने कहा, 'देश में COVID के तीन-तीन टीके इस समय टेस्टिंग के चरण में हैं। वैज्ञानिकों से इसकी अंतिम मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है।' उन्होंने कहा कि टीका तैयार हो जाने के बाद कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह पहुंचे, यह तय करने के लिए बड़े पैमाने पर उत्पादन का खाका भी हमने तैयार कर लिया है। मोदी का भाषण इस मायने में दूरदर्शिता से भरा था कि राष्ट्रीय डिजिटल हेल्थ मिशन और नेशनल साइबर पॉलिसी जैसे प्रोजेक्ट आने वाले समय में देशवासियों के जीवन पर असर डालेंगे। इसी तरह, उन्होंने लक्षद्वीप आईलैंड को अंडर सी ऑप्टिकल फाइबर लिंक से जोड़ने का ऐलान किया। यह प्रोजेक्ट वैसा ही है जैसे हाल ही में चेन्नई और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने के काम का उद्घाटन हुआ है। इस काम के पूरा होने से भारत और इन आईलैंडस् के बीच कम्यूनिकेशन आसान हो जाएगा। पीएम मोदी का इस मामले में स्पष्ट विचार है कि कैसे भारतीय किसानों को आजादी के बाद से लगाए गए सभी नियंत्रणों से मुक्त किया जाना चाहिए, ताकि वे अपनी आय को तेजी से बढ़ा सकें। उन्होंने अपने भाषण में यह भी बताया कि कैसे उनकी सरकार महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और समाज के अन्य वंचित तबकों की मदद करना चाहती है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री का भाषण आशावादी था। उन्होंने कहा कि कैसे भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में 7 हजार नए प्रोजेक्ट्स की पहचान की गई है और लगभग 2 करोड़ परिवारों को कैसे नल के जरिये पीने का साफ पानी उपलब्ध कराया गया है। मोदी का यह भाषण लोगों को आश्वस्त करने वाला भाषण था। यह निश्चित रूप से उन लोगों का मनोबल बढ़ानेवाला है जो कोरोना जैसी महामारी और आर्थिक मंदी की दोहरी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। (रजत शर्मा)देखिए, स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा भाषणhttps://www.youtube.com/watch?v=x6nj8hwgvZw
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DRDO की कोरोना दवा के 10000 पैकेट तैयार, सोमवार को होगा डिस्ट्रिब्यूशन
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित एंटी-कोरोना वायरस 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) दवा सोमवार (17 मई) को सुबह 10.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लॉन्च की जाएगी।
नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित एंटी-कोरोना वायरस 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) दवा सोमवार (17 मई) को सुबह 10.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लॉन्च की जाएगी। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा राष्ट्रीय राजधानी के कुछ अस्पतालों में लगभग 10,000 पैकेट वितरण के साथ ही 2-डीजी दवा की पहली खेप लॉन्च की जाएगी। इसके साथ ही कोरोना वायरस के साथ लड़ी जा रही लड़ाई भारत में अब और मजबूत हो जाएगी। बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन भी 2-डीजी दवा की लॉन्च पर उपस्थित रहेंगे। डीसीजीआई ने आपात इस्तेमाल की दी है मंजूरीभारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने बीते दिनों कोरोना मरीजों के इलाज में काम आने वाली डीआरडीओ द्वारा विकसित कोविड रोधी दवा 2-डिऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मुंह के जरिये ली जाने वाली इस दवा को कोरोना वायरस के मध्यम से गंभीर लक्षण मरीजों के इलाज में इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है। जानिए कैसे ले सकते हैं 2-डीजी दवारक्षा मंत्रालय ने बताया कि चिकित्सकीय परीक्षण में सामने आया कि 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों के जल्द ठीक होने में मदद करने के साथ-साथ अतिरिक्त ऑक्सीजन की निर्भरता को कम करती है। इस दवा को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रतिष्ठित प्रयोगशाला नामिकीय औषिध तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (आईएनएमएएस) ने हैदराबाद के डॉ. रेड्डी लेबोरेटरी के साथ मिलकर विकसित किया है। मंत्रालय ने बताया कि 2-डीजी दवा पाउडर के रूप में पैकेट में आती है, इसे पानी में घोल कर पीना होता है।
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अमरनाथ यात्रा की तैयारियां हुईं पूरी, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, जम्मू कश्मीर के DGP ने कही ये बात
इस पवित्र यात्रा को लेकर जम्मू कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस साल की अमरनाथ यात्रा की तैयारियां चल रहीं हैं। इस यात्रा में कितने लोग आएंगे और उनकी सुरक्षा का इंतजाम कैसे होगा, उसकी तैयारी की जा चुकी है।
नई दिल्ली: कोरोना ने बीते 2 सालों में लोगों की जिंदगी पर काफी असर डाला है। लेकिन अब कोरोना से बिगड़े हालात सामान्य हो रहे हैं, जिसकी वजह से आम जनता का जीवन भी सामान्य हो रहा है। इस बीच 30 जून 2022 से एक बार फिर अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हो रही है, जो रक्षा बंधन के दिन खत्म होगी। इस बार की अमरनाथ यात्रा पूरे 43 दिनों तक चलेगी। हालांकि इस दौरान यात्रियों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। इस पवित्र यात्रा को लेकर जम्मू कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस साल की अमरनाथ यात्रा की तैयारियां चल रहीं हैं। इस यात्रा में कितने लोग आएंगे और उनकी सुरक्षा का इंतजाम कैसे होगा, उसकी तैयारी की जा चुकी है। डीजीपी ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर में शांति को खतरे में डालने की कोशिश करता है लेकिन पुलिस और सुरक्षाबल आतंकियों से निपटने के लिए तैयार हैं। इस दौरान सिंह ने ये भी कहा कि हवाला का एक ताजा मामला सामने आया है। ये पैसा एक पूर्व मंत्री को दिया जाना था, जिसे आगे देश विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाना था। हम मामले की जांच कर रहे हैं। बता दें कि दो साल से अमरनाथ यात्रा पर कोरोना की वजह से रोक लगी थी। ऐसे में ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस साल यात्रा में ज्यादा भीड़ होगी। ऐसे में सुरक्षाबलों को भी काफी चौंकन्ना रहना होगा क्योंकि आतंकी ऐसे ही मौकों की तलाश में होते हैं।
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Kisan Andolan: संयुक्त किसान मोर्चा ने किया सस्पेंड तो ये बोले गुरनाम सिंह चढूनी
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि यह संयुक्त किसान मोर्चा के आरोप नहीं हो सकते नहीं बल्कि एक व्यक्ति के हैं। ये हैं कक्का जी (शिवकुमार सिंह) के आरोप जो खुद आरएसएस के एजेंट हैं। वे लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा राष्ट्रीय किसान संघ के प्रमुख रहे हैं।
नई दिल्ली. संयुक्त किसान मोर्चा ने भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी को सस्पेंड कर दिया है। चढूनी पर राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से मिलने के चलते अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात कही गई है। संयुक्त किसान मोर्चा की 7 सदस्यीय कमेटी से भी चढूनी बाहर कर दिए गए हैं। इसके बाद गुरनाम सिंह चढूनी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कुछ लोग उनके बढ़ते कद को लेकर जलते हैं। चढूनी ने ये भी कहा कि कि मुमकिन है उन पर बदले की कार्रवाई की गई हो।न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि यह संयुक्त किसान मोर्चा के आरोप नहीं हो सकते नहीं बल्कि एक व्यक्ति के हैं। ये हैं कक्का जी (शिवकुमार सिंह) के आरोप जो खुद आरएसएस के एजेंट हैं। वे लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा राष्ट्रीय किसान संघ के प्रमुख रहे हैं। वे फूट डालो और राज करो की कोशिश कर रहे हैं।चढ़ूनी ने आगे कहा कि जिस अखबार ने ऐसा आर्टिकल छापा है हम उसको और कक्का जी को नोटिस जारी करेंगे। उन्हें कुछ सबूत दिखाने चाहिए थे। ये सरकार के प्रदर्शन को तोड़ने की चाल है। वे सफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि कई राजनीतिक लोग हमारे टेंट में आते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम उनका दुरुपयोग कर रहे हैं या वो हमारा उपयोग कर रहे हैं। हम कभी किसी को मंच पर नहीं ले गए। जो लोग हमारे खिलाफ हैं वे भी यहां आते हैं। अगर वे यहां हमारा समर्थन करने आएंगे, तो हम उन्हें बाहर नहीं करेंगे बल्कि उनका स्वागत करेंगे।
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किसानों की हिंसा पर वामपंथी दलों का बड़ा बयान, केंद्र सरकार पर लगाया आरोप
देश के प्रमुख वामपंथी दलों ने मंगलवार को प्रदर्शनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की निंदा की और आरोप लगाया कि सरकार ने समय रहते हालात नहीं संभाले तथा स्थिति बिगड़ने दी।
नई दिल्ली: देश के प्रमुख वामपंथी दलों ने मंगलवार को प्रदर्शनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की निंदा की और आरोप लगाया कि सरकार ने समय रहते हालात नहीं संभाले तथा स्थिति बिगड़ने दी। गौरतलब है कि किसान समूहों की ट्रैक्टर परेड के दौरान कई स्थानों पर पुलिस के साथ झड़प हुई। इसके बाद पुलिस ने किसान समूहों पर आंसू गैस के गोले छोड़े तथा लाठीचार्ज किया। दिल्ली की सीमा पर कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक तोड़ दिए। राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर परेड के लिए जो मार्ग पूर्व में निर्धारित किया गया था उन्होंने उसका अनुसरण नहीं किया। ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित मार्ग से हटकर प्रदर्शनकारी किसानों का एक समूह मंगलवार को लालकिले में घुस गया और राष्ट्रीय राजधानी स्थित इस ऐतिहासिक स्मारक के कुछ गुंबदों पर अपने संगठनों के झंडे लगा दिए। लाल किले की प्राचीर पर जब प्रदर्शनकारियों ने अपना झंडा फहराया था तो यहां वाम दलों का झंडा भी दिखा था।माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार द्वारा हालात को यहां तक पहुंचाया गया। किसान 60 दिनों से सर्दीं के बीच शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें दिल्ली में नहीं आने दिया गया। 100 से अधिक किसानों की मौत हो गई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हिंसा किसी चीज का जवाब नहीं है और यह अस्वीकार्य है। लेकिन भाजपा की ट्रोल आर्मी अपने अधिकार मांगने वालों को बदनाम करती है, मंत्री निराधार आरोप लगाते हैं, विधि अधिकारी अदालत में बिना किसी आधार के दावे करते हैं। किसानों की वाजिब मांगों के निदान का यह कोई तरीका नहीं है।’’भाकपा महासचिव डी राजा ने दावा किया कि हिंसा किसी भी पक्ष के लिए कोई रास्ता नहीं है, लेकिन सरकार ने स्थिति को नियंत्रण से बाहर जाने दिया। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को किसानों को विश्वास दिलाना चाहिए था कि संसद के आगामी सत्र में वह तीनों कानूनों को वापस लेने के लिए विधेयक लाएगी।’’(इनपुट- भाषा और इंडिया टीवी)
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25 अप्रैल का इतिहास: वो दिन जब रंगीन हुआ था दूरदर्शन, जानें इस तरीख का अहम घटनाएं
देश में ‘बुद्धू बक्सा’ यानी दूरदर्शन का आना जितनी बड़ी खबर थी, उतनी ही बड़ी खबर थी उसका रंगीन हो जाना। 25 अप्रैल 1982 ही वह दिन था जब दूरदर्शन ब्लैक एंड व्हाइट से रंगीन हो गया।
नई दिल्ली। एक जमाने में लोग सिनेमा के पर्दे पर लोगों को चलते फिरते देखकर हैरान हुआ करते थे। फिर टेलीविजन के रूप में कुछ इंच का यह जादू घरों तक पहुंचने लगा। घर कितना बड़ा है इसका अंदाजा उसपर लगे ‘एंटेना’ से लगाया जाता था। शाम के वक्त ‘एंटेना’ की दिशा बदलना और चिल्लाकर पूछना ‘आया क्या’ इस बात का संकेत होता था कि फलाने घर में टेलीविजन पर तस्वीर साफ नहीं आ रही है। ये बातें पुरानी जरूर हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों के जहन में आज भी ताजा हैं। देश में ‘बुद्धू बक्सा’ यानी दूरदर्शन का आना जितनी बड़ी खबर थी, उतनी ही बड़ी खबर थी उसका रंगीन हो जाना। 25 अप्रैल 1982 ही वह दिन था जब दूरदर्शन ब्लैक एंड व्हाइट से रंगीन हो गया। देश दुनिया के इतिहास में 25 अप्रैल की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:- 1809: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और पंजाब के सिख शासक रणजीत सिंह के बीच अमृतसर संधि पर हस्ताक्षर किए गए। 1867: जापान की राजधानी टोक्यो में विदेशी व्यापार की अनुमति दी गई। 1905: दक्षिण अफ्रीका में अश्वेतों को मताधिकार मिला। 1954: बेल लैब्स ने न्यूयार्क में पहली बार सोलर बैटरी बनाने की घोषणा की। 1953: कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के दो वैज्ञानिकों जेम्स डी वॉटसन और फ्रांसिस क्रिक ने डीएनए की संरचना की व्याख्या कर जीव विज्ञान की इस बुनियादी पहेली का जवाब खोज लिया कि जीव अपना वंश कैसे बढ़ाते हैं। इन दोनों वैज्ञानिकों को उनकी इस खोज के लिए 1962 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।1957: सोडियम परमाणु रिएक्टर पहली बार संचालित किया गया। 1975: सोवियत संघ ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया। 1980: अमेरिकी सेना ने तेहरान स्थित अपने दूतावास से 53 बंधकों को छुड़ाने का गोपनीय अभियान चलाया, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पाई और आठ अमेरिकी सैनिक मारे गए। ये संकट 444 दिन तक चला और अंतत: जनवरी 1981 में इन बंधकों की रिहाई हो पाई। 1981: जापान के सुरूगा में एक परमाणु संयंत्र में मरम्मत कार्य के दौरान 100 से अधिक मजदूर परमाणु विकिरण का शिकार हुए। 1982: दिल्ली में टेलीविजन पर पहली बार रंगीन प्रसारण की शुरूआत हुई। 1983: जर्मनी की पत्रिका 'स्टर्न' ने हिटलर की उस विवादास्पद डायरी को छापना शुरू किया, जिसे उसने कथित रूप से दूसरे विश्वयुद्घ के दौरान कलमबद्ध किया था। डायरी की प्रामाणिकता पर कई सवाल उठाए गए। 1989: इथियोपिया में दिमागी बुखार से 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत। यह बीमारी सूडान तक फैली और वहां भी कम से कम 400 लोगों की मौत।2010: भारतीय नौसेना ने पुराने हो चुके चेतक हेलीकाप्टरों की जगह लाइट यूटिलिटी हेलीकाप्टर खरीदने की प्रक्रिया शुरू की। 2013: ब्रिटेन ने सोमालिया में अपना दूतावास 27 वर्ष के बाद दोबारा खोला। 2015: नेपाल में भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई। राजधानी काठमांडू के नजदीक आए इस भूकंप से जानमाल का बड़ा नुकसान हुआ। 2020: देश में कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 779 पहुंची थी, संक्रमण के मामले बढ़ कर 24,942 हो गये थे। 2021: पद्म भूषण से सम्मानित मशहूर शास्त्रीय गायक पंडित राजन मिश्र का कोविड के कारण निधन।
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जानिए किन सीटों पर BJP और TMC के बीच हुआ कांटे का मुकाबला, 1000 से कम रहा अंतर
सबसे कड़ा और नजदीकी मुकाबला कूचबिहार के दिनहाटा विधानसभा क्षेत्र में हुआ जहां मुकाबला भाजपा के सांसद निषिथ पारामाणिक और तृणमूल कांग्रेस के उदयन गुहा के बीच था। इस मुकाबले में बाजी पारामाणिक के हाथ लगी। उन्होंने गुहा को 57 मतों के अंतर से पराजित किया। इस मुकाबले में पारामाणिक को 1,16,035 मत मिले जबकि गुहा को 1,15,978 मत मिले।
नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सात सीटें ऐसी रहीं जहां सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे का मुकाबला हुआ और जीत-हार का अंतर एक हजार से कम मतों का रहा। इनमें एक सीट तो ऐसी रही जहां 57 मतों से जीत-हार का फैसला हुआ। चार राज्यों और केंद्र शासित पुडुचेरी में हुए विधानसभा चुनाव के मतगणना के दौरान कांटे के मुकाबले के लिए सबसे अधिक चर्चा में पश्चिम बंगाल का नंदीग्राम रहा जहां मुकाबला ममता बनर्जी और उनके पूर्व सिपहसालार शुभेंदु अधिकारी के बीच था। इस सीट पर अधिकारी ने ममता को 1,956 मतों से पराजित किया लेकिन इससे भी कड़ा मुकाबला दिनहाटा, बलरामपुर, दंतन, कुल्टी, तमलुक, जलपाईगुड़ी और घाटाल में रहा जहां जीत-हार का अंतर 57 से लेकर 966 मतों का रहा।
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लखनऊ: हुसैनाबाद ट्रस्ट के कर्मचारियों को मिला बड़ा तोहफा, बढ़ाया गया वेतन
हुसैनाबाद ट्रस्ट के कर्मचारियों को दशहरा से पहले बड़ा तोहफा मिला है। ट्रस्ट के लखनऊ में विभिन्न पदों पर कार्यरत कुल 215 कर्मचारियों का मूल वेतन बढ़ाया गया है।
लखनऊ: हुसैनाबाद ट्रस्ट के कर्मचारियों को दशहरा से पहले बड़ा तोहफा मिला है। ट्रस्ट के लखनऊ में विभिन्न पदों पर कार्यरत कुल 215 कर्मचारियों का मूल वेतन बढ़ाया गया है। लखनऊ के जिलाधिकारी और हुसैनाबाद एवं सम्बद्ध ट्रस्ट के अध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने न्यूनतम वेतन व्यवस्था के आधार पर वेतन वृद्धि का आदेश जारी किया है। क्रियान्वयन के लिए आदेश को ट्रस्ट के सचिव किंशुक श्रीवास्तव को सौंपा गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि इन कर्मचारियों की वेतन वृद्धि के संदर्भ में सहायक श्रमायुक्त, अपर श्रमायुक्त एवं मुख्य कोषाधिकारी के अभिमत के आधार पर वेतन वृद्धि स्वीकार की गई है।मुख्य रूप से ट्रस्ट के कार्यालयाध्क्ष, सहायक कार्यालयाध्यक्ष, लेखाकार, कैशियर, लिपिक, हेड सिपाही, सिपाही, मुआजिन पेशनमांज, कुरआन खान, सोच खान, मुकब्बिर, हाजी सकान जल्लाद, इलेक्ट्रिशियन पम्प, ऑपरेटर, माली, स्वीपर आदि कुल 215 कर्मियों को वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। इस प्रकार मूल वेतन में प्रति माह कुल 4 लाख 75 हजार रुपये की वृद्धि की गई है। वहीं मंहगाई भत्ते में भी मूल वेतन के सापेक्ष लगभग 2 लाख 13 हजार रुपये की वृद्धि भी जोड़ी गई है। इस प्रकार वेतन के मद में ट्रस्ट पर लगभग 7 लाख रुपये का अतिरिक्त प्रतिमाह वित्तीय भार पड़ेगा। ऐसे में कुल मिलाकर सभी कार्मिकों को 19 लाख 46 हजार रुपये का प्रतिमाह भुगतान किया जाएगा।
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मोदी-योगी पर केजरीवाल का ज़ुबानी हमला, बोले- प्रधानमंत्री का बयान झूठ, योगी निर्दयी शासक
सोमवार को संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ने के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। अब अरविंद केजरीवाल ने भी इस पर जवाब दिया है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इस बीच संसद का बजट सत्र भी चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद में कहा था, 'दिल्ली में जो सरकार है उसने जीप पर माइक बांधकर झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों से कहा कि कोरोना का संकट बड़ा है, भागो गांव की तरफ। दिल्ली से जाने के लिए बसें भी दीं, आधे रास्ते छोड़ दिया और श्रमिकों के लिए मुसीबतें पैदा कीं।'प्रधानमंत्री ने आगे कहा था, 'ये उसी का नतीजा है कि यूपी, पंजाब और उत्तराखंड में कोरोना की इतनी गति नहीं थी, इस पाप को कारण कोरोना ने वहां भी अपना कहर मचाया।' इस वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए केजरीवाल ने लिखा, 'प्रधानमंत्री जी का ये बयान सरासर झूठ है। देश उम्मीद करता है कि जिन लोगों ने कोरोना काल की पीड़ा को सहा, जिन लोगों ने अपनों को खोया, प्रधानमंत्री जी उनके प्रति संवेदनशील होंगे। लोगों की पीड़ा पर राजनीति करना प्रधानमंत्री जी को शोभा नहीं देता।'एक अन्य ट्वीट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा, 'सुनो केजरीवाल, जब पूरी मानवता कोरोना की पीड़ा से कराह रही थी, उस समय आपने यूपी के कामगारों को दिल्ली छोड़ने पर विवश किया। छोटे बच्चों व महिलाओं तक को आधी रात में यूपी की सीमा पर असहाय छोड़ने जैसा अलोकतांत्रिक व अमानवीय कार्य आपकी सरकार ने किया। आपको मानवताद्रोही कहें या ...'इसके जवाब में केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'सुनो योगी, आप तो रहने ही दो। जिस तरह UP के लोगों की लाशें नदी में बह रहीं थीं और आप करोड़ों रुपए खर्च करके Times मैगज़ीन में अपनी झूठी वाह वाही के विज्ञापन दे रहे थे। आप जैसा निर्दयी और क्रूर शासक मैंने नहीं देखा।'
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उधमपुर में लैंडस्लाइड, जम्मू कश्मीर राजमार्ग पर ट्रैफिक जाम
जम्मू कश्मीर के उधमपुर जिले में बुधवार रात भूस्खलन हो जाने के चलते 270 किमी लंबे जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर यातयात अवरूद्ध हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
जम्मू। जम्मू कश्मीर के उधमपुर जिले में बुधवार रात भूस्खलन हो जाने के चलते 270 किमी लंबे जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर यातयात अवरूद्ध हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उधमपुर के समरोली खंड में देवाल ब्रिज के नजदीक राजमार्ग पर एक बड़ा चट्टान पहाड़ी से गिर गया। अधिकारियों ने बताया कि मार्ग को यातायात के लिए खोलने का कार्य शुरू कर दिया है और कार्य प्रगति पर है। रामबन जिला प्रशासन ने बताया कि राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही ठप है। अधिकारियों ने बताया कि बड़ी संख्या में वाहन राजमार्ग पर फंसे हुए हैं। ट्रैफिक विभाग ने लोगों से कहा है कि वे जब तक हाईवे पर मलवे को हटाने का काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक वे हाईवे पर यात्रा न करें।आपको बता दें कि गत शनिवार को महज आठ घंटों तक खुला रहने के बाद जम्मू श्रीनगर हाईवे मगरकोट में भूस्खलन के कारण फिर से बंद हो गया था। मलबा हटाने के बाद इसे दस घंटों के बाद खोल दिया गया। मगर देर रात समरोली के देवाल इलाके में एक बार फिर हाईवे पर भूस्खलन होने की वजह से मलवा सड़क पर आ गया जिसकी वजह से एक बार फिर हाईवे पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। मलवा हटाने का काम युद्धस्तर पर जारी है।इससे पहले शनिवार को भी कैफेटेरिया मोड़ सहित कई जगहों पर बंद हाईवे पर गिरे मलबे को हटा कर शनिवार शाम को छह बजे हाईवे खोला गया था। मगर आठ घंटों तक ही हाईवे पर यातायात चला पाया था। इसी बीच शनिवार और रविवार की रात दो बजे मगरकोट में सड़क पर काफी मलबा आ गिरा था। जिससे हाईवे बंद हो गया। जिस समय मलबा गिरा उस समय हाईवे पर दोनों तरफ से फंसे हुए वाहनों को निकाला जा रहा था। ऐसे में एक बार फिर से मलबा गिरने से बंद हाईवे के कारण दोनों तरफ फिर से काफी वाहन फंस गए।इसके बाद मलबे को हटाने का काम शुरू कर दिया गया। तकरीबन दस घंटों की मशक्कत के बाद हाईवे पर गिरे मलबे को साफ कर रविवार दोपहर 12 बजे हाईवे को फिर से खोल यातायात बहाल कर दिया गया। मगर हाईवे पर यातायात की रफ्तार बेहद मंद गति से चल रही थी।डीएसपी रामबन पारुल भारद्वाज ने बताया कि खराब मौसम के कारण हाईवे ठीक से नहीं चल पाया और दोनों तरफ काफी वाहन फंस गए। उन्होंने बताया कि समरोली में एक बार फिर भूस्खलन होने से हाईवे बंद हो गया है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे ट्रैफिक कंट्रोल रूम से हाईवे की जानकारी हासिल करने के बाद ही हाईवे पर उतरें। फिलहाल श्रीनगर जाने वाले वालों को ऊधमपुर व जम्मू में रोक दिया गया है।
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Hijab Controversy: छात्राओं को हिजाब पहनने से रोकने पर कर्नाटक में प्रिंसिपल को मिली जान से मारने की धमकी
प्रिंसिपल ने शनिवार को पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि एक व्यक्ति ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। मदिकेरी जूनियर कॉलेज के प्रिंसिपल विजय की शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है।
बेंगलुरु: कर्नाटक के मदिकेरी जिले के एक जूनियर कॉलेज के प्रिंसिपल को जान से मारने की धमकी मिली है। प्रिंसिपल ने हिजाब पहनकर आई छात्राओं को कॉलेज से वापस भेज दिया था, जिसके बाद उन्हें धमकी मिली है। प्रिंसिपल ने शनिवार को पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि एक व्यक्ति ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। मदिकेरी जूनियर कॉलेज के प्रिंसिपल विजय की शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है।सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी देने वाले मोहम्मद तौसीफ नाम के शख्स के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। प्रिंसिपल विजय ने बताया कि उन्हें धमकी दी गई है कि अब तुम जिंदा नहीं बचेंगे। प्रिंसिलप ने बताया कि उन्होंने बच्चों (स्टूडेंट्स) को केवल सरकारी आदेश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के बारे में समझाने की कोशिश की थी। विजय ने कहा, "बच्चों ने इस मुद्दे पर बहस की और जवाब दिया, जिससे हमें दुख हुआ। हम दुखी हैं लेकिन वे निर्दोष हैं। इसे लेकर अच्छे संदेश भी हैं। लेकिन, इस व्यक्ति ने गाली दी है और धमकी दी है।"सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें प्रिंसिपल विजय को तेज आवाज में छात्राओं से बात करते हुए सुना जा सकता है। हिजाब पहनने और कक्षाओं में भाग लेने पर जोर देने पर उन्होंने पुलिस की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कही।इस बीच, राजस्व मंत्री आर. अशोक ने राज्य में हिजाब विवाद के पीछे आतंकी संगठन आईएसआईएस का हाथ होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, "यह (हिजाब विवाद) एक छोटे से शहर, उडुपी में शुरू हुआ था और यह एक सप्ताह में वैश्विक स्तर तक कैसे पहुंच सकता है? बच्चे संभवत: ऐसा नहीं कर सकते।"मंत्री ने आगे कहा कि हिजाब विवाद में एक अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठन की अहम भूमिका है। एक आतंकवादी संगठन का लिंक है, जो पाकिस्तान, इराक और ईरान देशों में सक्रिय है। स्कूली बच्चों को सावधान रहने की जरूरत है और वे अपनी धार्मिक प्रथाओं को कक्षाओं में नहीं ले जा सकते। उन्होंने कहा कि न तो हिजाब होना चाहिए और न ही भगवा शॉल।मंत्री अशोक ने कहा, "हम हिजाब विवाद पर साजिश के लिए अचानक बच्चों से पूछताछ नहीं कर सकते। हम इससे आसान तरीके से निपटेंगे। जांच चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। विवाद के पीछे आतंकवादी तत्वों का पदार्फाश करने की जरूरत है और यह होगा। आतंकी साजिश बच्चों को यह बताने के लिए है कि उनकी धार्मिकता शिक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण है।"छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि बाहरी लोगों की संलिप्तता ने बहुत भ्रम पैदा किया है। अगर कॉलेज प्रशासन, छात्र और अभिभावक मामले को सुलझाते तो अब तक यह सुलझ चुका होता। उन्होंने आगे कहा, "मैं सभी मामलों की जानकारी लूंगा और फिर इस पर गौर करूंगा।"(इनपुट- एजेंसी)
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Singhu Border Murder Case: सिंघू बॉर्डर हत्याकांड के आरोपी सरबजीत को पुलिस ने किया गिरफ्तार
सूत्रों के मुताबिक, सिंघू बॉर्डर हत्याकांड में दो आरोपियों की पहचान हुई है। वहीं कुंडली में एक व्यक्ति का शव मिलने के मामले में हरियाणा पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया।
नई दिल्ली। सिंघू बॉर्डर पर लखबीर सिंह हत्याकांड के आरोपी निहंग सरबजीत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मेडिकल कराने के बाद शनिवार को उसे अदालत में पेश किया जाएगा। सिंघु बॉर्डर की घटना को लेकर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने हाई लेवल बैठक की है। सीएम की बैठक में अनिल विज और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल हुए हैं। कुंडली में एक व्यक्ति का शव मिलने के मामले में हरियाणा पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है।सोनीपत पुलिस के मुताबिक, सरबजीत सिंह पिता कश्मीर सिंह निवासी विटवा गुरदासपुर पंजाब को सोनीपत पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सरबजीत सिंह को कुंडली बॉर्डर इलाके से गिरफ्तार किया गया है। हरियाणा के कुंडली में एक व्यक्ति का शव मिलने पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त मोर्चा ने अपना बयान जारी कर दिया है, कानून अपना काम करेगा। हमारा इस तरह की घटना से कोई मतलब नहीं है।सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियोगौरतलब है कि, हरियाणा में सोनीपत जिले के कुंडली में किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास शुक्रवार को एक व्यक्ति का शव धातु के एक अवरोधक से बंधा हुआ मिला। शव का एक हाथ कटा हुआ था। सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में कुछ निहंगों को जमीन पर खून से लथपथ पड़े एक व्यक्ति के पास खड़े हुए देखा गया है और उसका बायां हाथ कटा हुआ पड़ा है। निहंगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मृत व्यक्ति को सिखों की पवित्र पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के लिए सजा दी गयी है।मृतक की पहचान लखबीर सिंह के रुप में हुईदिल्ली-हरियाणा की सीमा पर किसानों के कुंडली स्थित प्रदर्शन स्थल के नजदीक एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई और उसका हाथ काट दिया गया। उसके शरीर को भी धातु के तार से बांध दिया गया था। इस घटना के लिए कथित रूप से निहंगों के एक समूह को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। पुलिस ने बताया कि मृतक लखबीर सिंह को पंजाब के तरण तारण का एक मजदूर बताया गया है और उसकी आयु 35 वर्ष के आसपास है। उसका शव धातु के एक अवरोधक से बंधा हुआ मिला जो केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 10 महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा बनाए एक मंच के पास स्थित है। सूत्रों के मुताबिक, लखबीर सिंह पंजाब का रहने वाला था और मजदूरी करता था। लखबीर सिंह के माता-पिता की मौत हो चुकी है और परिवार में एक बहन है। लखबीर सिंह की तीन बेटियां हैं, जो अपनी मां के साथ रहती हैं।मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्जसोनीपत पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘कुंडली पुलिस थाने को सुबह 5 बजे सूचना मिली कि किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास एक शव मिला है।’’ उन्होंने बताया कि मृतक ने केवल पतलून पहन रखी थी। पुलिस महानिरीक्षक, रोहतक रेंज, संदीप खिरवार ने बताया, ‘‘हमने एक मामला दर्ज किया है और दोषियों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है।’’ अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज किया गया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सोनीपत सिविल अस्पताल में भेजा गया है। जानिए संयुक्त किसान मोर्चा ने क्या कहा?कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगती सीमाओं पर तीन स्थानों पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के साझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बताया कि इस नृशंस हत्या की जिम्मेदारी निहंगों के समूह ने ली है। उनका दावा है कि मृतक ने सिखों की पवित्र किताब सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश की थी। वरिष्ठ किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने बताया कि निहंगों के समूह ने कथित तौर पर उस व्यक्ति की हत्या की है और वे एसकेएम के प्रदर्शन का हिस्सा नहीं है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि मृतक कुछ समय से निहंगों के उसी समूह के साथ रह रहा था।पुलिस ने बताया कि मृतक लखबीर सिंह पंजाब के तरण तारण जिले के चीमा खुर्द का रहने वाला था और पेशे से मजदूर था। उसकी आयु 35 वर्ष के आसपास है। उसका शव धातु के एक अवरोधक से बंधा हुआ मिला जो केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 10 महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा बनाए एक मंच के नजदीक है। किसानों का प्रदर्शन स्थल दिल्ली-हरियाणा सीमा के पास सिंघू बार्डर पर स्थित है। एसकेएम ने कहा कि वह किसी भी धर्म के ग्रंथ या प्रतीक के अपमान के खिलाफ है लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। किसान निकाय ने कहा, ‘‘मौके पर मौजूद निहंग समूह ने घटना की जिम्मेदारी ली है और कहा कि यह इसलिए हुआ क्योंकि मृतक ने सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश की थी।’’ एसकेएम ने मांग की कि हत्या और बेअदबी के पीछे की साजिश की जांच के बाद दोषियों को कानून के तहत सजा दी जानी चाहिए।
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गौतमबुद्ध नगर में कोरोना वायरस संक्रमण के 183 नए मामले सामने आए, अब तक 73 लोगों की मौत
गौतमबुद्ध नगर जिले में बुधवार सुबह कोरोना वायरस संक्रमण के 183 नए मामले सामने आए, जिसके बाद यहां संक्रमण के मामले बढ़कर 20,749 हो गए।
नोएडा: गौतमबुद्ध नगर जिले में बुधवार सुबह कोरोना वायरस संक्रमण के 183 नए मामले सामने आए, जिसके बाद यहां संक्रमण के मामले बढ़कर 20,749 हो गए। जिला निगरानी अधिकारी डॉक्टर सुनील दोहरे ने बताया कि जनपद में अब तक 73 लोगों की संक्रमण की वजह से मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 से संक्रमित 119 मरीज उपचार के दौरान ठीक होकर 24 घंटे के अंदर अस्पताल से घर जा चुके हैं वहीं 1,300 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है। जिला निगरानी अधिकारी ने बताया कि अब तक 19,376 मरीज उपचार के बाद संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि 4,54,749 नमूनों की जांच की चुकी है। वहीं दिल्ली से नोएडा आने वाले लोगों की आज से एंटीजन किट के माध्यम से कोरोना वायरस की जांच की जा रही है। जिलाधिकारी सुहास एल वाई के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने आज डीएनडी और नोएडा प्रवेशद्वार पर दिल्ली से आने वाले लोगों की जांच शुरू कर दी है। स्वास्थ विभाग की चार टीमें दिल्ली सीमा पर लोगों की एंटीजन जांच कर रही हैं । इस दौरान दिल्ली से नोएडा के बीच यातायात पूरी तरह सामान्य रहा। जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने बताया कि विगत कुछ दिनों में दिल्ली में कोविड-19 का प्रसार तेजी से हुआ है और दिल्ली से रोजाना नोएडा में लाखों लोग काम करने के लिए आते और जाते हैं। उन्होंने बताया कि इसी वजह से दिल्ली से नोएडा आने वालों की एंटीजन किट के माध्यम से जांच की जा रही है और यह प्रक्रिया अभी जारी रहेगी। इनपुट-भाषा
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यूपी चुनाव 2022: दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल 26 अक्टूबर को अयोध्‍या जाएंगे, रामलला के करेंगे दर्शन
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के करीब आते ही नेताओं के अयोध्या जाने का सिलसिला तेज हो गया है। इसी क्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिवाली से पहले अयोध्या की यात्रा पर जाएंगे और राम लला के दर्शन करेंगे।
नई दिल्ली। यूपी में अगले साल यानी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के अयोध्‍या जाने का सिलसिला तेज हो गया है। इसी क्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी अयोध्या में रामलला के दर्शन करने जाएंगे। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताकि, दिल्‍ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आगामी 26 अक्टूबर को ‘राम लला दर्शन’ के लिए अयोध्या जाएंगे। दीपावली के शुभ अवसर पर इस बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अयोध्या जाएंगे। बता दें कि, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अगले साल यानी 2022 की शुरुआत में होने हैं। इससे पहले बीते दिनों आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया और आप सांसद संजय सिंह अयोध्‍या पहुंचे और श्रीराम लला के दर्शन करने पहुंचे थे। अब अरविंद केजरीवाल अयोध्‍या में रामलला के दर्शन करेंगे। वहीं आम आदमी पार्टी (आप) ने बीते दिनों उत्‍तर प्रदेश में चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर ‘फ्री बिजली की बात जनता के साथ’ अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान की शुरुआत आप के उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने 10 अक्टूबर को सुल्तानपुर जिले से की थी। आप ने इस मुद्दे पर जनता की राय जानी और 300 यूनिट फ्री बिजली, किसानों को मुफ्त बिजली सहित बकाया बिल माफ करने की अरविंद केजरीवाल की गारंटी वाला कार्ड नागरिकों को दिया था।वहीं गोवा और पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल कई बड़ी घोषणाएं कर चुके हैं। सीएम केजरीवाल ने पहले घोषणा की थी कि, अगर आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब में अगली सरकार बनाती है, तो वह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देगी और निर्बाध आपूर्ति का आश्वासन देगी। पंजाब के दो दिवसीय दौरे पर आए केजरीवाल ने राज्य के लोगों से 6 वादे किए और कहा कि अस्पतालों में जनता को मुफ्त स्वास्थ्य लाभ मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि बेहतर इलाज के लिए सार्वजनिक अस्पतालों को अपग्रेड किया जाएगा।
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भारत के खिलाफ चीन का प्लान 'नापाक' हुआ बेनकाब, खुफिया रिपोर्ट में खुलासा
लद्दाख में भारत की कड़ी कार्रवाई से मुंह की खाने वाली चीन (India-China Dispute) अब नई चाल चल रहा है। चीन अपने कथित दोस्त पाकिस्तान (Pakistan) के साथ मिलकर भारत को अप्रत्यक्ष रूप से निशाना बनाने की कोशिश में है।
नई दिल्ली/इस्लामाबाद/बीजिंग: लद्दाख में भारत की कड़ी कार्रवाई से मुंह की खाने वाली चीन (India-China Dispute) अब नई चाल चल रहा है। चीन अपने कथित दोस्त पाकिस्तान (Pakistan) के साथ मिलकर भारत को अप्रत्यक्ष रूप से निशाना बनाने की कोशिश में है। दरअसल, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में मिसाइल (Missile) तैनात करने में चीन पाकिस्तान की मदद कर रहा है। पाकिस्तान यहां जमीन से हवा में वार करने वाली मिसाइल तैनात कर रहा है।रिपोर्ट्स के अनुसार, जमीन से हवा में वार करने वाली मिसाइल (SAM) प्रणाली की स्थापना के लिए POK में लासादन्ना ढोक के पास निर्माण कार्य जोरों पर है। मिली जानकारी के मुताबिक, लगभग 120-130 पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) के जवान और 25 से 40 नागरिक निर्माण स्थलों (New SAM sites in PoK) पर काम कर रहे हैं। इस मिसाइल प्रणाली (Surface-To-Air Missile System) का नियंत्रण कक्ष (Control Room) बाग जिले में स्थित है।खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, झेलम जिले के चिनारी और POK के हटियन बाला जिले के चकोठी में भी इसी तरह के निर्माण की सूचना मिली थी। रिपोर्ट आगे बताती है कि चल रहे निर्माण कार्य स्थल पर पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ PLA (China's Army) कर्मियों को भी तैनात किया जाएगा। गौरतलब है कि चीन और पाकिस्तान अपनी सेना के बेहतर एकीकरण के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इसी साल जून में इस्लामाबाद ने बीजिंग में PLA मुख्यालय में अपने एक वरिष्ठ सेना अधिकारी को तैनात भी किया था।पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर मई की शुरुआत से ही स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। चीन को उसकी हर हरकत का करारा जवाब मिल रहा है लेकिन फिर भी वह बाज नहीं आ रहा है। वह लगातार भारत को उकसाने की रणनीति पर काम कर रहा है। लेकिन, जब उसे उसकी सभी रणनीतियां भारत के सामने फेल होती नजर आईं तो अब उसने पाकिस्तान की मदद के जरिए भारत को अप्रत्यक्ष रूप से निशाना बनाने का प्लान बनाया।चीन के साथ सीमा विवाद को हल करने के लिए एक बार फिर से भारत और चीन के बीच आगामी 12 अक्तूबर (सोमवार) को कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता हो सकती है। भारतीय सेना से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है। अब तक भारत और चीन के बीच सीमा विवाद सुलझाने के लिए छह दौर की कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई भी परिणाम नहीं निकला है।
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शराब से भरा ट्रक गायब होने के 5 दिन बाद मिला, लेकिन नहीं बची थी एक भी बोतल
उत्तराखंड में 450 पेटी शराब गायब होने का मामला सामने आया है। टिहरी से हल्द्वानी भेजी गई आबकारी महकमे की करीब 35 लाख रुपये की विदेशी शराब गायब होने के मामले में द्वाराहाट के प्रभारी थानाध्यक्ष हरीश प्रसाद को निलंबित कर दिया गया है।
देहरादून: उत्तराखंड में 450 पेटी शराब गायब होने का मामला सामने आया है। टिहरी से हल्द्वानी भेजी गई आबकारी महकमे की करीब 35 लाख रुपये की विदेशी शराब गायब होने के मामले में द्वाराहाट के प्रभारी थानाध्यक्ष हरीश प्रसाद को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस को ट्रक थाना द्वाराहाट क्षेत्र में लावारिस अवस्था में मिला है।बता दें कि विंदेश्वरी एक्जिम लिमिटेड टिहरी के डडुवा सोडूं स्थित बाटलिंग प्लांट से एक दिसंबर की शाम एक ट्रक यूके 01 सीए 8933 विदेशी शराब की 450 पेटियां लोड कर हल्द्वानी को रवाना किया गया। वाहन को तीन दिसंबर को हल्द्वानी पहुंचना था लेकिन 6 दिसंबर तक भी माल नहीं पहुंचा। पता लगाने पर ट्रक की लोकेशन द्वाराहाट के आसपास मिली। तब कंपनी की टीम द्वाराहाट पहुंची।इसके बाद कुमाऊं प्रौद्योगिकी संस्थान से लगे गैस गोदाम के पास ट्रक लावारिस हाल में मिला लेकिन करीब 35 लाख रुपये की शराब और ट्रक चालक विजय जोशी गायब था। संयुक्त आबकारी सचिव बीएस चौहान ने डीजीपी से मामले की शिकायत की। शिकायत मिलते ही डीजीपी ने अल्मोड़ा एसपी को मामले में लापरवाही बरतने वाले कोतवाल को सस्पेंड करने के आदेश दिए। साथ ही मामले की जांच करने के निर्देश भी दिए।
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आंदोलन दबाने में विफल रही केंद्र सरकार अब किसानों को कुचल रही है: सचिन पायलट
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को भाजपा को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार जब किसान आंदोलन को दबाने में सफल नहीं हो सकी तो अब भाजपा किसानों को कुचल रही है।
जयपुर: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को भाजपा को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार जब किसान आंदोलन को दबाने में सफल नहीं हो सकी तो अब भाजपा किसानों को कुचल रही है। उन्होंने कहा भाजपा के नेता हिंसा को बढ़ावा देने की बातें कर रहे हैं। पायलट ने टोंक जिले के अरनियामाल गांव में केन्द्र की विगत कांग्रेस सरकार तथा वर्तमान भाजपा सरकार के शासनकाल के कार्यों की तुलना करते हुए कहा कि कांग्रेस ने 10 साल में 18 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से उपर लाने का काम किया जबकि भाजपा के राज में उद्योग-धन्धे बन्द हो गए है, बेरोजगारी बेतहाशा बढ़ गई है, किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो गये हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार मनरेगा योजना लेकर आयी, खाद्य सुरक्षा कानून, सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार कानून लागू किया, जिससे गरीब, पिछड़ों, दलितों, किसानों, महिलाओं एवं नौजवानों को सम्बल मिला। ठीक इसके विपरीत भाजपा सरकार किसान विरोधी तीन काले कानून लेकर आयी है। उन्होंने कहा, “चन्द लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से भाजपा सरकार जो कानून लेकर आयी है, उससे किसान बर्बाद हो जायेंगे। इन काले कानूनों के विरोध में हमारे किसान भाई साल भर से आंदोलन कर हैं। भाजपा सरकार जब किसान आंदोलन को दबाने में सफल नहीं हो सकी तो अब भाजपा किसानों को कुचल रही है। भाजपा के नेता हिंसा को बढ़ावा देने की बातें कर रहे हैं।”पायलट ने यहां एक स्वास्थ्य शिविर में नि:शुल्क रक्तचाप जांच भी करवाई। इसकी फोटो ट्विटर पर साझा करते हुए पायलट ने लिखा, “मेरे निर्वाचन क्षेत्र में एक सरकारी शिविर में नि:शुल्क जांच करवाई। खुशी है कि 'रक्तचाप' की जांच सामान्य आई!!” उन्होंने कहा, ‘‘प्रशासन गांवों/शहरों के संग अभियान’’ के माध्यम से लोगों के रोजमर्रा के कामों को एक ही स्थान पर पूरा किया जा रहा है। उनकी समस्याओं का तत्काल निदान हो रहा है। शिविर में सभी अधिकारी मौजूद रहते हैं। इन शिविरों का हमें ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहिए। कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में पायलट ने कोयले की कमी के कारण पैदा हुए बिजली संकट के बाद राज्य में चल रही बिजली कटौती पर कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि कोई बहुत भारी संकट नहीं आएगा और बिजली की कटौती और ज्यादा नहीं होगी। पायलट ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि बिजली के संकट में केन्द्र सरकार भी पूरा सहयोग नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा, “चाहे राजस्थान सरकार हो, दिल्ली सरकार या अन्य राज्य, वो कई दिनों से कह रहे है कि ऐसा न हो कि बहुत बड़ा संकट पैदा हो जाये। इसलिये समय रहते हुए हम लोगों ने केन्द्र सरकार को सचेत किया था और वहां से कितना कोल (कोयला) मिल पायेगा या नहीं मिल पायेगा यह उन पर निर्भर करता है। लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि कोई बहुत भारी संकट नहीं आयेगा और बिजली की कटौती और ज्यादा नहीं होगी।”
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क्या यूपी में ब्राह्मणों को साधने के लिए कांग्रेस ने बनाया है प्लान? जितिन प्रसाद ने विधायकों से की ये अपील
जितिन प्रसाद ने सभी विधायकों से अपील की है कि वो गुरुवार से शुरू हो रहे यूपी विधानसभा सत्र में ब्राह्मण उत्पीड़न का मामला जोरदार तरीके से उठाएं।
लखनऊ. गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर के बाद से उत्तर प्रदेश में सभी विपक्षी राजनीतिक दल ब्राह्मण को लुभाने के प्रयास में लग गए हैं। इन दलों में सपा-बसपा के साथ-साथ प्रदेश की राजनीति में हाशिये पर चल रही कांग्रेस पार्टी भी शामिल हैं। अब यूपी कांग्रेस के नेता और सांसद रह चुके जितिन प्रसाद ने सभी विधायकों से एक अपील की है। जितिन प्रसाद ने सभी विधायकों से अपील की है कि वो गुरुवार से शुरू हो रहे यूपी विधानसभा सत्र में ब्राह्मण उत्पीड़न का मामला जोरदार तरीके से उठाएं।पढ़ें- क्या बढ़ेंगी योगी की मुश्किलें? विकास दुबे एनकाउंटर के बाद जोर पकड़ने लगी है 'परशुराम' के नाम पर राजनीतिप्रसाद ने एक पत्र में कहा, ''मैं प्रदेश में ब्राहमण समाज के लोगों की हत्याओं, हमले एवं बढ़ते अत्याचार की ओर आप सभी सर्व समाज के विधायकों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए आप सभी से अपील करता हूं कि आप सभी दलगत भावना से उपर उठकर आगामी 20 अगस्त से शुरू हो रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र में अपने अपने जनपदों, विधानसभा क्षेत्रों में ब्राहमण उत्पीडन के प्रकरणों को सरकार के सम्मुख प्रभावी ढंग से उठाकर इस अन्याय, अत्याचार एवं उपेक्षा पर अविलंब अंकुश लगाने की सरकार से मांग करें।'' जितिन प्रसाद ने कहा, ''आपके इस कदम के लिए संपूर्ण प्रदेश का ब्राहमण समाज आप सभी का आभारी रहेगा।''पढ़ें- कानपुर गोलीकांड: विकास दुबे का एक और वीडियो वायरलकांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने 'भाषा' से बातचीत करते हुए कहा, ''उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा, बेरोजगारी, किसानों की आत्महत्या, अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला, पत्रकारों का उत्पीडन, यूरिया का मुद्दा, कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने में सरकार की अक्षमता और बाढ की समस्या जैसे मुददे उठाये जाएंगे।'' उनसे सवाल किया गया था कि बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान पार्टी कौन से मुददे प्रमुखता से उठाएगी। जब पूछा गया कि क्या ब्राह्मण उत्पीडन का मुद्दा भी उठेगा, तो उनका जवाब था, ''कानून व्यवस्था में सब आ जाता है।''लखनऊ. गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर के बाद से उत्तर प्रदेश में सभी विपक्षी राजनीतिक दल ब्राह्मण को लुभाने के प्रयास में लग गए हैं। इन दलों में सपा-बसपा के साथ-साथ प्रदेश की राजनीति में हाशिये पर चल रही कांग्रेस पार्टी भी शामिल हैं। अब यूपी कांग्रेस के नेता और सांसद रह चुके जितिन प्रसाद ने सभी विधायकों से एक अपील की है। जितिन प्रसाद ने सभी विधायकों से अपील की है कि वो गुरुवार से शुरू हो रहे यूपी विधानसभा सत्र में ब्राह्मण उत्पीड़न का मामला जोरदार तरीके से उठाएं।प्रसाद ने एक पत्र में कहा, ''मैं प्रदेश में ब्राहमण समाज के लोगों की हत्याओं, हमले एवं बढ़ते अत्याचार की ओर आप सभी सर्व समाज के विधायकों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए आप सभी से अपील करता हूं कि आप सभी दलगत भावना से उपर उठकर आगामी 20 अगस्त से शुरू हो रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र में अपने अपने जनपदों, विधानसभा क्षेत्रों में ब्राहमण उत्पीडन के प्रकरणों को सरकार के सम्मुख प्रभावी ढंग से उठाकर इस अन्याय, अत्याचार एवं उपेक्षा पर अविलंब अंकुश लगाने की सरकार से मांग करें।'' जितिन प्रसाद ने कहा, ''आपके इस कदम के लिए संपूर्ण प्रदेश का ब्राहमण समाज आप सभी का आभारी रहेगा।''पढ़ें- कानपुर गोलीकांड: विकास दुबे का एक और वीडियो वायरलकांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने 'भाषा' से बातचीत करते हुए कहा, ''उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा, बेरोजगारी, किसानों की आत्महत्या, अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला, पत्रकारों का उत्पीडन, यूरिया का मुद्दा, कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने में सरकार की अक्षमता और बाढ की समस्या जैसे मुददे उठाये जाएंगे।''
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भारत की एक्ट-ईस्ट पॉलिसी का मजबूत स्तंभ है वियतनाम: PM मोदी
वियतनाम को भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में योगदान दे सकता है।
नयी दिल्ली: वियतनाम को भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में योगदान दे सकता है। वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक के साथ एक डिजिटल शिखर सम्मेलन में मोदी ने कहा कि भारत वियतनाम के साथ अपने संबंधों को दीर्घकालिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से देखता है। उन्होंने कहा, ‘‘वियतनाम भारत की ऐक्ट ईस्ट नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।’’ उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी का दायरा काफी विस्तृत है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि हमारा साझा उद्देश्य है। हमारा सहयोग क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में योगदान दे सकता है।’’ सम्मेलन के दौरान भारत और वियतनाम के बीच संयुक्त दृष्टि दस्तावेज और 2021 से 2023 तक द्विपक्षीय भागीदारी के लिए एक कार्ययोजना भी जारी की गई। मोदी ने कहा, ‘‘शांति, समृद्धि और लोगों के लिए जारी इस संयुक्त दृष्टि से विश्व को हमारे संबंधों की गहराई का एक मजबूत संदेश जायेगा।’’सम्मेलन में दोनों देशों के बीच रक्षा, वैज्ञानिक शोध, परमाणु ऊर्जा, पेट्रो रसायन, नवीकरणीय ऊर्जा तथा कैंसर के इलाज जैसे विविध विषय पर सात महत्वपूर्ण समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम अपने विकास सहयोग, और सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्र में भी नई पहल कर रहे हैं। ये सभी हमारे बढ़ते आपसी सहयोग और क्षमता को दर्शाती हैं।" उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर कई चुनौतियों के बारे में, और क्षेत्र के भविष्य के बारे में तथा विचारों में समानता है और हम साथ मिल कर साझा मूल्यों को आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगले साल हम दोनों संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में एक साथ सदस्य होंगे और इसलिए वैश्विक मंच पर हमारे सहयोग का महत्व और भी बढ़ जाता है।’’ उन्होंने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए वियतनाम की सराहना की और हाल ही में वहां बाढ़ और भू-स्खलन के कारण हुई क्षति के मद्देनजर देशवासियों की तरफ से संवेदनाएं भी प्रकट की। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस परिस्थिति से निपटने में भारत द्वारा भेजी गई राहत सामग्री वियतनाम के काम आएगी। भारत और वियतनाम ने 2016 में अपने द्विपक्षीय संबंधों को समग्र रणनीतिक साझेदारी तक विस्तारित किया और रक्षा सहयोग तेजी से बढते इन द्विपक्षीय संबंधों में सबसे महत्वपूर्ण स्तभों में से एक रहा। दोनों ही देशों का हिंद-प्रशांत क्षेत्र में काफी कुछ दांव पर है और उनका लक्ष्य इस क्षेत्र के लिए अपने-अपने दृष्टिकोण के आधार पर वहां सहयोग बढ़ाने की संभावनाएं तलाशने का हैं। पिछले साल बैंकाक में पूर्व एशिया सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्री क्षेत्र के संरक्षण और सतत इस्तेमाल तथा सुरक्षित समुद्री क्षेत्र के निर्माण के वास्ते सार्थक प्रयास करने के लिए हिंद-प्रशांत महासागर पहल की स्थापना का प्रस्ताव दिया था। दस सदस्यीय आसियान ने आसियान आउटलुक ऑन इंडो पैसफिक (एओआईपी) नामक दस्तावेज में इस क्षेत्र के वास्ते अपना दृष्टिकोण सामने रखा है। आसियान के अहम सदस्य देश वियतनाम का दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद है। भारत की वहां वियतनाम की समुद्री सीमा में तेल उत्खनन परियोजनाएं हैं।
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पंजाब में सरकार बनने पर 300 यूनिट मुफ्त बिजली देंगे, बकाए बिजली बिलों को किया जाएगा माफ: अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी शुरु कर दी है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को पंजाब कि जनता से वादा किया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार बनने पर प्रत्येक घर को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली हर महीने दी जाएगी।
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी शुरु कर दी है। केजरीवाल ने मंगलवार को पंजाब कि जनता से वादा किया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार बनने पर प्रत्येक घर को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली हर महीने दी जाएगी। उन्होंने कहा, अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो पंजाब में सभी को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाएगी और सभी बकाए बिजली बिलों को माफ करने का वादा किया। केजरीवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए ये घोषणाएं की।केजरीवाल ने कहा कि पंजाब, बिजली उत्पादक राज्य होने के बावजूद पूरे देश में लगभग सबसे महंगी बिजली पंजाब में मिलती है। उन्होंने कहा, हम दिल्ली में बिजली का उत्पादन नहीं करते हैं। हम इसे दूसरे राज्यों से खरीदते हैं और इसके बावजूद हमारे पास राष्ट्रीय राजधानी में लगभग सबसे सस्ती दरों पर बिजली है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यदि उनकी आम आदमी पार्टी पंजाब विधानसभा चुनाव में जीतती है तो पहली ही कैबिनेट मीटिंग में बिजली की कीमतों में राहत देने का फैसला लिया जाएगा। आप की पंजाब इकाई के अध्यक्ष भगवंत मान, पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी जरनैल सिंह, सह प्रभारी राघव चड्ढा, विधायक हरपाल सिंह चीमा आदि भी इस मौके पर उपस्थित थे। बता दें कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की सभी सीटों पर अगले साल होने वाले चुनावों में उतरने का ऐलान किया है। वहीं कांग्रेस भी अकेले ही मैदान में उतर रही है और अकाली दल ने मायावती की पार्टी बीएसपी के साथ गठबंधन का ऐलान किया है।
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बिकरू कांड: 37 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश, 8 की हो सकती है सेवा समाप्ति
उत्‍तर प्रदेश सरकार ने राज्‍य के पुलिस महानिदेशक को विशेष जांच दल (SIT) की सिफारिश के आधार पर कानपुर के बिकरू कांड में 37 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश सरकार ने राज्‍य के पुलिस महानिदेशक को विशेष जांच दल (SIT) की सिफारिश के आधार पर कानपुर के बिकरू कांड में 37 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। राज्य के गृह सचिव तरुण गाबा ने SIT की रिपोर्ट के आधार पर पिछले दिनों पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक कानपुर को 37 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। इसमें वृहद दंड (सेवा समाप्‍त) और लघु दंड (पदावनति) की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इन 8 पुलिसकर्मियों की सेवा हो सकती है समाप्तबिकरू गांव के गैंगस्‍टर विकास दुबे से संबंधों के आरोप में 8 पुलिसकर्मियों की सेवा समाप्‍त, 6 पुलिसकर्मियों की पदावनति और 23 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाही जल्‍द शुरू हो सकती है। प्रशासन ने जिन 8 पुलिस अधिकारियों की सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए हैं, उनमें कानपुर के चौबेपुर थाने में तैनात पूर्व थानाध्‍यक्ष विनय तिवारी (अब जेल में निरूद्ध), पूर्व में चौबेपुर में तैनात पुलिस उपनिरीक्षक अजहर इशरत, कृष्‍ण कुमार शर्मा, कुंवर पाल सिंह, विश्‍वनाथ मिश्रा, लखनऊ के कृष्‍णानगर में तैनात उपनिरीक्षक अवनीश कुमार सिंह, चौबेपुर में तैनात रहे आरक्षी अभिषेक कुमार और रिक्रूट आरक्षी राजीव कुमार का नाम शामिल है।6 पुलिसकर्मियो का होगा डिमोशनशासन से पदावनति के लिए जिन पुलिसकर्मियों का नाम प्रस्‍तावित किया गया है, उनमें बजरिया के निरीक्षक राममूर्ति यादव, लखनऊ कृष्‍णानगर के पूर्व निरीक्षक अंजनी कुमार पांडेय, उपनिरीक्षक चौबेपुर दीवान सिंह, मुख्‍य आरक्षी लायक सिंह, आरक्षी विकास कुमार और कुंवर पाल सिंह शामिल हैं। इसके अलावा शासन ने 23 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाही के निर्देश दिए हैं। सरकार ने कानपुर में पुलिस प्रमुख रह चुके IPS अधिकारी अनंत देव को गैंगस्‍टर विकास दुबे से साठगांठ के आरोप में पिछले हफ्ते सस्पेंड कर दिया था। अपर मुख्‍य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्‍थी ने कहा कि अनंत देव को SIT की रिपोर्ट के आधार पर निलंबित किया गया है।जानें, क्या हुआ था 2 जुलाई की रातबता दें कि 2 जुलाई की रात को जब बिकरू गांव में पुलिस विकास दुबे को पकड़ने पहुंची थी, तो उसने अपने साथियों के साथ छतों से गोलियां बरसाकर 8 पुलिस‍कर्मियों की हत्या कर दी थी। पुलिस के अनुसार, इस घटना के बाद 10 जुलाई को उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद कानपुर वापस लाए जाने के दौरान जब विकास दुबे ने भागने की कोशिश की, तो उसे मुठभेड़ में मार दिया गया था। सरकार ने इसके बाद पुलिस कर्मियों और गैंगस्‍टर के बीच साठ-गांठ की जांच के लिए तीन सदस्‍यीय एसआईटी का गठन किया था। SIT ने बीते दिनों राज्‍य सरकार को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें पुलिस कर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।‘पुलिसकर्मी करते थे मुखबिरी’इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिसकर्मी विकास दुबे के लिए कथित रूप से मुखबिरी करते थे और पुलिस जब भी छापेमारी के लिए पहुंचती थी, तो उसे बता देते थे। SIT ने विकास दुबे के मोबाइल फोन के पिछले एक वर्ष तक के रिकार्ड खंगाले, तो पता चला कि कई पुलिसकर्मी उसके नियमित संपर्क में थे। सरकार ने 11 जुलाई को अपर मुख्‍य सचिव स्‍तर के अधिकारी संजय भूस रेड्डी के नेतृत्‍व में SIT का गठन किया था जिसमें ADG हरीराम शर्मा और DIG जे. रवींद्र गौड़ शामिल थे। SIT को पहले 31 जुलाई तक रिपोर्ट देनी थी, लेकिन सरकार ने बाद में समय सीमा बढ़ा दी थी।
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अखिलेश सरकार में था गुंडाराज-दबंगों का दबदबा, योगी सरकार ने दिलाई मुक्ति: अनुराग ठाकुर
केंद्रीय सूचना प्रसारण, खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की सरकार की पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए तो वहीं, योगी सरकार की सराहना करते नहीं थके।
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी जोर-शोर के साथ रैलियां कर रही हैं। साथ ही इनके नेता विपक्षी दलों को कोसने का कोई कसर नहीं छोड़ रहे। इसी बीच केंद्रीय सूचना प्रसारण, खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की सरकार की पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए तो वहीं, योगी सरकार की सराहना करते नहीं थके।शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने समाजवादी पार्टी सरकार पर माफियाराज और गुंडाराज का आरोप लगाया। अपने संबोधन में ठाकुर ने कहा, ‘‘सपा प्रमुख अखिलेश यादव की सरकार के पांच वर्ष का कार्यकाल उठाकर देखिए, एक तरफ गुंडाराज था, माफियाराज था तो वहीं दूसरी ओर एक के बाद एक दंगे होते थे लेकिन पिछले पांच वर्ष में योगी आदित्यनाथ की सरकार के कार्यकाल में दंगों का दूर दूर तक नामोनिशान नहीं है।’’"जो आतंक फैलाते थे, आज खुद गायब हैं"उन्होंने यह भी कहा,‘‘जो आतंक का वातावरण पैदा करते थे आज वह नजर नहीं आते। जो कल तक तोड़ फोड़ करते थे आज उनकी संपत्ति पर बुलडोजर चलता है। जो आतंक फैलाते थे, आज खुद गायब हैं। अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी जैसे लोग जिनकी तूती कल तक सपा सरकार में बोलती थी, आज उनसे मुक्ति दिलाने का काम योगी सरकार ने किया है। भाजपा सरकार ने गुंडाराज, भ्रष्टाचार तो खत्म किया ही है, माफिया से मुक्ति दिलाने का काम भी किया है।’’"5 साल पहले यहां की बेटियों का निकलना मुश्किल था"उन्होंने आगे कहा, ''पांच साल पहले यहां की बेटियों का सड़कों पर निकलना मुश्किल हो जाता था, व्यापारी भी शाम होने से पहले दुकानों में ताला लगाकर घर चले जाते थे। आज माहौल बदला है। जो डर 2017 से पहले देखने को मिलता था वह आज नहीं है। आज बेटियां कालेज जा सकती हैं, काम पर जा सकती हैं, महिलायें सुरक्षित हैं व्यापारी अपने कामकाज को बढ़ा सकता है।’’"राज्य में तीन लाख करोड़ रूपये का निवेश"इसके अलावा योगी सरकार के विकास कार्यों पर उन्होंने कहा,‘‘यही कारण है कि राज्य में तीन लाख करोड़ रूपये का निवेश अब तक हो चुका है। यह गुंडाराज, माफियाराज से मुक्ति के कारण ही हुआ है।'' उन्होंने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य में भारतीय जनता पार्टी पिछले चुनाव से अधिक सीटों पर विजय हासिल कर सरकार बनाएगी।सीएम योगी ने स्टूडेंट्स को दिया तोहफासीएम योगी ने अपने क्षेत्र गोरखपुर से यूपी के छात्रों को सौगात दी। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने कहा कि प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को मुफ्त कोचिंग देने की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही जिन छात्रों के पास ऑनलाइन एजुकेशन के माध्यम नहीं हैं उन्हें टैबलेट आदि दिए जाएंगे। इसके लिए चुने गए छात्रों को सरकार मदद करेगी।
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पादरी पर लगा कानपुर में जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप, पुलिस ने हिरासत में लिया
घटना की सूचना मिलने पर ईसाई समुदाय के लोग भी थाने पहुंचे और पुलिस पर पक्षपात करने का आरोप लगाया।
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में कुछ हिंदू कार्यकर्ताओं ने एक पादरी और उसके सहयोगियों पर एक परिवार के सदस्यों को जबरन ईसाई बनाने का आरोप लगाया है। कार्यकर्ताओं ने रविवार को इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया और आरोप लगाया कि पादरी इस परिवार को लोगों को गुमराह कर रहा है और एक शख्स की पत्नी और बेटियों को ईसाई बना रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चकेरी पुलिस ने पादरी को हिरासत में ले लिया है और मामले की जांच की जा रही है।‘ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया’बताया जा रहा है कि इस बीच घटना की सूचना मिलने पर ईसाई समुदाय के लोग भी थाने पहुंचे और पुलिस पर पक्षपात करने का आरोप लगाया। उन्होंने पुलिस पर पादरी के साथ बदसलूकी करने का भी आरोप लगाया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लालबंगला क्षेत्र के काजी खेरा निवासी गुलाब वर्मा ने आरोप लगाया है कि कुछ महीने पहले एक ईसाई पादरी और उसके साथियों ने आर्थिक और अन्य लाभों के एवज में उसकी पत्नी और उसकी 2 बेटियों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया था।‘उचित जांच के बाद होगी कार्रवाई’वर्मा ने कहा, ‘अब मेरी पत्नी मुझ पर भी ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बना रही है, जिससे परिवार में विवाद चल रहा है।’ मामले को बिगड़ता देख वर्मा ने स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं को अपने परिवार में धर्मांतरण के बारे में सूचित किया और उनकी मदद मांगी। रविवार को हिंदू कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर हंगामा किया। चकेरी थाने के इंस्पेक्टर मधुर मिश्रा ने बताया कि दोनों पक्षों को पूछताछ के लिए थाने लाया गया था। उन्होंने कहा, ‘उचित जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।’ /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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Hijab Controversy: हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले की 4 बड़ी बातें
हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट के फैसले से पहले राज्य सरकार ने राजधानी बेंगलुरु में सार्वजनिक शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी सभाओं पर एक हफ्ते के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
दिल्लीः कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद पर आज अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने पिछले महीने ही अपनी सुनवाई पूरी कर ली थी। कर्नाटक हाईकोर्ट में उडुपी की लड़कियों ने एक याचिका दायर की थी। इस पर 9 फरवरी को चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच का गठन किया गया था। लड़कियों ने याचिका दायर कर मांग की थी कि उन्हें क्लास के अंदर भी हिजाब पहनने की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि यह उनकी आस्था का हिस्सा है। हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट के फैसले से पहले राज्य सरकार ने राजधानी बेंगलुरु में सार्वजनिक शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी सभाओं पर एक हफ्ते के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले की चार बड़ी बातें इस प्रकार से है-1. कर्नाटक हाईकोर्ट ने कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति मांगने के संबंध में मुसलमान लड़कियों द्वारा दायर याचिकाएं खारिज कर दीं। हाईकोर्ट ने कहा, क्लास रूम के अंदर कोड ऑफ कंडक्ट जरूरी है। क्लास रूम के बाहर छात्र चाहे कोई भी ड्रेस पहने लेकिन क्लास रूम में स्कूल-कॉलेज के ड्रेस कोड को मान्यता दी जाए। स्कूल और कॉलेज को अपनी ड्रेस कोड तय करने का पूरा अधिकार है। 2. कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि मुसलमान महिलाओं का हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार के पास आदेश जारी करने की शक्ति है। 3. कोर्ट ने कहा कि इस विवाद से जुड़े प्रतिवादी के खिलाफ किसी तरह की अनुशासनात्मक जांच को लेकर अबतक इस तरह की कोई तैयारी नहीं है। 4. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि स्कूल में यूनिफार्म पहनने के लिए बाध्य करना ठीक है। छात्र इसका विरोध नहीं कर सकते। कैसे शुरू हुआ हिजाब-विवादकर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत जनवरी में हुई थी। यहां उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी। कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था, लेकिन वे फिर भी पहनकर आ गई थीं। इसके बाद लड़कियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज किया था।इसके विवाद कर्नाटक से लेकर पूरे देशभर में हिजाब को लेकर विवाद शुरू हुआ। स्कूलों में हिजाब के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन किए गए। यहां तक कि मामला सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया।कर्नाटक सरकार ने यूनिफॉर्म को लेकर किया था फैसला विवाद को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने स्कूल- कॉलेज में यूनिफॉर्म को अनिवार्य करने का फैसला किया था। इसके तहत सरकारी स्कूल और कॉलेज में तो तय यूनिफॉर्म पहनी ही जाएगी, प्राइवेट स्कूल भी अपनी खुद की एक यूनिफॉर्म चुन सकते हैं। अगले आदेश तक धार्मिक पोशाक पर लगी है रोक हिजाब पर रोक को लेकर कुछ छात्रों ने कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया था। लेकिन हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने इसे तीन जजों की बेंच में ट्रांसफर कर दिया। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अगले आदेश तक स्कूल कॉलेजों में धार्मिक पोशाक पहनने पर रोक लगा दी थी।
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देश में डराने लगे हैं कोरोना के बढ़ते मामले, 20 अप्रैल को दिल्ली सरकार करेगी अहम बैठक
राजधानी दिल्ली सहित 6 राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामले डराने लगे हैं। दिल्ली में तो पॉजिटिविटी की दर 0.5 फीसदी से बढ़कर 2.39 प्रतिशत हो गई है।
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामले फिर डराने लगे हैं। यहां पॉजिटिविटी की दर 0.5 फीसदी से बढ़कर 2.39 प्रतिशत हो गई है। राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को 325 नए मामले दर्ज किए गए। इससे पहले बुधवार को 299 कोरोना के मामले दर्ज किए गए थे। वहीं मंगलवार को 202 नए मामले सामने आए थे। मंगलवार को यह बढ़ोतरी पिछले दिन से 50 फीसदी ज्यादा थी। इस तरह बढ़ते मामले दिल्ली सरकार के माथे पर सलवटें लाने का काम कर रहे हैं। देश के कुल 734 जिलों में से 29 ऐसे हैं, जहां वीकली पॉजिटिविटी रेट 5% से ज्यादा है। यानी WHO के मुताबिक इन जिलों में संक्रमण अभी बेकाबू है। इनमें से 23 में हाल और खराब है। इन 23 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10% से ज्यादा है, जबकि 8 जिले ऐसे हैं जहां पॉजिटिविटी रेट 20% से ज्यादा है। पॉजिटिविटी रेट का मतलब है कि हर 100 टेस्ट होने पर कितने कोरोना मरीज मिल रहे हैं।कोरोना के ऐसे ही मामले आगे जाकर समस्या खड़ी न कर दें, इसके लिए 20 अप्रैल को दिल्ली आपदा प्रबंधन की बैठक होगी, जिसमें उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और दिल्ली सरकार के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहेंगे। इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली सरकार कोविड 19 की स्थिति पर नजर रखे हुए है। हालांकि केजरीवाल ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या काफी कम है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट अभी नियंत्रण में है, लेकिन यह बढ़ी तो चिंता भी बढ़ सकती है। दिल्ली में 14 जनवरी 2022 को तीसरी लहर के दौरान 30.6 प्रतिशत की सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट दर्ज की गई थी, यह स्थिति बड़े पैमाने पर कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण आई थी। वहीं 13 जनवरी को महामारी की तीसरी लहर के दौरान दिल्ली में दैनिक कोरोना के मामलों की संख्या 28,867 के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गई थी।गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में दिल्ली आपदा प्रबंधन ने सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना का निर्णय कोविड की सामान्य स्थिति को देखते हुए वापस ले लिया था। वहीं 28 फरवरी को, दिल्ली सरकार ने सभी प्रतिबंध हटा दिए थे।दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में स्कूलों के लिए कोविड-19 से संबंधित एक नई एडवाइजरी जारी की है। इस नई एडवाइजरी में सरकार ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि यदि किसी छात्र या कर्मचारी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि होती है तो समूचे परिसर को या खास हिस्से को अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाए। शिक्षा निदेशालय ने यह भी कहा कि छात्रों और कर्मचारियों को मास्क पहनना चाहिए तथा यथासंभव आपस में दूरी बनाये रखनी चाहिए।दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में कुछ छात्रों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की खबरों के बीच 13 अप्रैल को यह परामर्श जारी किया गया। परामर्श में कहा गया है, ‘यदि स्कूल प्रशासन को कोविड के किसी नये मामले का पता चलता है या जानकारी दी जाती है तो इससे शिक्षा निदेशालय को तुरंत अवगत कराया जाए और स्कूल के संबद्ध हिस्से को या समूचे स्कूल को अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाना चाहिए।’एडवाइजरी में सूचीबद्ध किये गये अन्य उपायों में छात्रों, शिक्षकों और स्कूल के अन्य कर्मचारियों द्वारा मास्क पहनना तथा आपस में यथासंभव दूरी बनाये रखना शामिल है। परामर्श में, नियमित रूप से हाथ धोने और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने तथा कोविड की रोकथाम के बारे में छात्रों, शिक्षकों एवं अन्य सहायक कर्मचारियों और आगंतुक अभिभावकों के बीच जागरूकता पैदा करने की सलाह दी गई है।
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जींद में चोर ने वैक्सीन लौटाई, बोला-'सॉरी, पता नहीं था ये कोरोना की दवाई है'
जींद सिविल अस्पताल से चोरी गई कोरोना वैक्सीन वापस मिल गई है। वैक्सीन चोरी करनेवाले शख्स ने सॉरी कहते हुई वैक्सीन लौटा दी है।
गुरुग्राम: जींद सिविल अस्पताल से चोरी गई कोरोना वैक्सीन वापस मिल गई है। वैक्सीन चोरी करनेवाले शख्स ने सॉरी कहते हुई वैक्सीन लौटा दी है। हालांकि यह वैक्सीन अब किसी काम की नहीं रह गई है क्योंकि इसकी पैकिंग खुली हुई थी। वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए इसे एक नियंत्रित तापमान पर रखना होता है। दरअसल जींद के सिविल हॉस्पिटल से कोरोना वैक्सीन की डोज चोरी हो गईं थी। वैक्सीन चोरी की खबर फैलते ही अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। इसके बाद सिविल लाइन थाने के सामने चाय की दुकान पर प्लातस्टिक बैग में वैक्सीन की शीशियां मिली। वैक्सीन के साथ चोर ने एक पर्ची भी छोड़ दी थी। इस पर्ची में लिखा था-सॉरी मुझे माफ कर दीजिए. मुझे पता नहीं था कि यह कोरोना की दवाई है। सिविल अस्पताल के PPC सेंटर से वैक्सीन की चोरी हुई थी। चोरो ने कोविशील्ड की 1270 और कोवैक्सीन की 440 डोज चोरी की थी। चोरी की घटना सामने आते हीं हर तरफ खलबली मच गई थी। पूरा प्राशसनिक अमला इस घटना से परेशान था। लेकिन इस बीच चोर को भी मामले की गंभीरता का अंदाजा हो गया होगा। उसने एक पर्ची के साथ कोरोना वैक्सीन की शीशियों को चाय की दुकान के पास छोड़ दिया था। उसने पर्ची में इस चोरी के लिए माफी मांगी और लिखा कि उसे पता नहीं था कि ये कोरोना की दवाई है। हालांकि अब ये वैक्सीन किसी काम की नहीं रह गई है। क्योंकि फ्रीजर से निकाले जाने के बाद ये वैक्सीन किसी काम की नहीं रह जाती है। आपको बता दें कि इससे पहले जयपुर से भी कोरोना वैक्सीन चोरी की खबर आई थी।