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hindi_2022_11243 | जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में बीएसएफ को मिली सुरंग, आतंकी घुसपैठ के लिए होता था इस्तेमाल | जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में सीमा सुरक्षा बल (BSF) को एक सुरंग मिली है। बीएसएफ ने कठुआ के हीरानगर सेक्टर में एक खुफिया सुरंग का पता लगाया है। | जम्मू: जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में सीमा सुरक्षा बल (BSF) को एक सुरंग मिली है। बीएसएफ ने कठुआ के हीरानगर सेक्टर में एक खुफिया सुरंग का पता लगाया है। बीएसएफ को शक है कि अंतराराष्ट्रयीय सीम पर बनाए गए इस सुरंग से आतंकी घुसपैठ होती है। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार सुबह एक अभियान के दौरान बीएसएफ के जवानों ने बोबियान गांव में सीमा पार से बनाई गई एक सुरंग का पता लगाया। बताया जाता है कि इस सुरंग का निर्माण आतंकियों को सीमा के इसपार घुसपैठ कराने के लिए किया गया है। बीएसएफ और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी पूरे मामले की जांच में जुट गए हैं। आपको बता दें कि इससे पहले भी बीएसएफ को सांबा में एक सुरंग मिली थी। यह सुरंग जम्मू में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़बंदी के पास थी। यह सुरंग 20 फीट लंबी और 3-4 फीट चौड़ी थी। खुफिया सूत्रों से इस सुरंग के बारे में जानकारी मिली थी। यह बॉर्डर से 150 गज जीरो लैंड से भारत की तरफ थी।अगस्त महीने में इस सुरंग का पता चलने के बाद बीएसएफ की तरफ से बड़ा अभियान चलाया गया था ताकि पता लगाया जा सके कहीं और भी ऐसी सुरंगें तो नहीं हैं, लेकिन उस समय किसी और सुरंग का पता नहीँ चल पाया था। सुरक्षाबलों का मानना है कि आतंकी घुसपैठ, मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी के लिए करते हैं। पढ़ें:- IMD Weather Alert: दिल्ली में शीतलहर से पारा 4 डिग्री तक लुढ़का, घने कोहरे से उत्तर भारत में बढ़ी ठिठुरनपढ़ें:- Covishield के बाद अब शुरू हुई Covaxin की सप्लाई, हैदराबाद से दिल्ली पहुंची भारत बायोटेक की 'देसी वैक्सीन' |
hindi_2022_11244 | कश्मीर में मारा गया जैश का टॉप कमांडर सज्जाद अफगानी | पुलिस ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान, जैसे ही आतंकवादियों की उपस्थिति का पता चला, उन्हें आत्मसमर्पण करने का अवसर दिया गया, हालांकि, उन्होंने संयुक्त दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसके विरुद्ध जवाबी कार्रवाई की गई। | श्रीनगर. दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के रावलपोरा में मुठभेड़ के दौरान जैश-ए-मुहम्मद (जेएम) का शीर्ष आतंकवादी सज्जाद अफगानी सोमवार को मारा गया। डीजीपी जम्मू और कश्मीर, दिलबाग सिंह ने आईएएनएस को पुष्टि करते हुए कहा कि आतंकवादियों को भर्ती करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अफगानी को तीसरे दिन मुठभेड़ में मार दिया गया है। जैश आतंकवादी के अलावा, अब तक मारे गए अन्य आतंकवादी की पहचान लश्कर से जुड़े जहांगीर अहमद वानी के रूप में हुई है।आईजीपी कश्मीर, विजय कुमार, ने शोपियां पुलिस और सुरक्षा बलों को शनिवार को शुरू हुई तीन दिन तक चले मुठभेड़ के दौरान अफगानी को ढेर करने के लिए बधाई दी। सुरक्षाबलों को आतंकवादियों की उपस्थिति के संबंध में विशेष इनपुट मिला था। शनिवार को पुलिस, सेना के 34 आरआर और सीआरपीएफ द्वारा एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया गया था।पुलिस ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान, जैसे ही आतंकवादियों की उपस्थिति का पता चला, उन्हें आत्मसमर्पण करने का अवसर दिया गया, हालांकि, उन्होंने संयुक्त दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसके विरुद्ध जवाबी कार्रवाई की गई।पुलिस ने कहा कि रविवार सुबह फिर से आतंकवादी को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया, लेकिन आतंकवादी ने संयुक्त दल पर गोलीबारी की, जिसमें जहांगीर अहमद वानी को मार गिराया गया। वानी लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी था। मुठभेड़ स्थल से अमेरिका निर्मित एम 4 कार्बाइन राइफल और अन्य आपत्तिजनक सामग्री सहित हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए। |
hindi_2022_11245 | तमिलनाडु में लॉकडाउन में ढील देते ही लगी शराब की दुकानों पर भीड़, नारियल फोड़ कर किया स्वागत | कोरोना महामारी के चलते 10 मई से लागू सख्त लॉकडाउन में राज्य सरकार के छूट देने के बाद सोमवार को चाय दुकान, सैलून और शराब की दुकानों पर लोगों की भीड़ नजर आई। | चेन्नई: तमिलनाडु में कोरोना महामारी के चलते 10 मई से लागू सख्त लॉकडाउन में राज्य सरकार के छूट देने के बाद सोमवार को चाय दुकान, सैलून और शराब की दुकानों पर लोगों की भीड़ नजर आई। सरकार संचालित तमिलनाडु राज्य विपणन निगम लिमिटेड (टीएएसएमएसी) की दुकानों पर ज्यादातर स्थानों पर लोगों की लंबी कतारें नजर आईं। राज्य के कुछ जिलों में शराब का सेवन करने वाले लोगों ने शराब की दुकानें फिर से खोले जाने पर नारियल फोड़ कर इसका स्वागत किया।राज्य के पश्चिमी हिस्से के सात जिलों और कावेरी डेल्टा क्षेत्र के चार जिलों को छोड़ अन्य जिलों में आज सुबह शराब की फिर से बिक्री शुरू हो गई। इन जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण की दर के मद्देनजर लॉकडाउन के सख्त नियमों में छूट नहीं दी गई है। नयी छूट शेष 27 जिलों में दी गई है, जिनमें चेन्नई भी शामिल है। कुछ स्थानों पर ग्राहकों से सामाजिक दूरी के नियमों का पालन कराने के लिए इन दुकानों पर पुलिसकर्मी भी तैनात किये गये थे। शराब की दुकानें फिर से खोले जाने से पहले, टीएएसएमएसी ने इसके प्रबंधकों को रविवार को एक परिपत्र भेजा था। इसमें उनसे भीड़ से सामाजिक दूरी के नियमों का सख्त अनुपालन कराने, मास्क पहनने, दुकानें पूर्वाह्न 10 बजे से शाम पांच बजे तक खोलने के नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा गया था। सैलून, ब्यूटी पार्लर और स्पा को सुबह छह बजे से शाम पांच बजे तक खोलने की अनुमति दी गई है।वही, चाय या कॉफी पीना पसंद करने वाले लोगों को इसे दुकानों से पार्सल के जरिए घर ले जाने की अनुमति दी गई है। हालांकि, इस छूट से भी इन दुकानदारों के चेहरों पर मुस्कान है। एस सतीश नाम के एक दुकानदार ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि सरकार ने चाय दुकानों को खोलने और दुकान से पार्सल ले जाने की अनुमति दी है।’’ इस बीच, पीएमके संस्थापक डॉ एस रामदॉस ने महामारी को फैलने से रोकने के लिए शराब की सभी दुकानों को बंद करने की राज्य सरकार से अपील की है। उनकी पार्टी राज्य में अन्नाद्रमुक की सहयोगी है।रामदॉस ने ट्विटर पर कहा कि सरकार को शराब के बुरे प्रभावों से लोगों को बचाने के लिए पूर्ण शराबबंदी लागू करनी चाहिए। अन्नाद्रमुक और भाजपा, दोनों ही पार्टियां शराब की बिक्री का विरोध कर रही हैं और उन्होंने राज्य की द्रमुक सरकार पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह कदम संक्रमण को फैला सकता है। ये भी पढ़ें |
hindi_2022_11246 | टैरर फंडिंग: NIA ने कसा शिकंजा, पीडीपी के युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष वहीद पर्रा से की पूछताछ | राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद से संबंधित एक मामले के सिलसिले में पीडीपी के युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष वहीद पर्रा से पूछताछ की। | नयी दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद से संबंधित एक मामले के सिलसिले में पीडीपी के युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष वहीद पर्रा से पूछताछ की। पर्रा यहां एनआईए के मुख्यालय में उसके समक्ष पेश हुए। उन्होंने हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश में आगामी जिला विकास परिषद चुनावों के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। दक्षिणी कश्मीर, खासकर आतंकवाद से प्रभावित पुलवामा में पीडीपी के पुनरुद्धार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पर्रा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि एनआईए ने उनसे उनके राजनीतिक करियर और पीडीपी की राजनीति के बारे में पूछा। एनआईए की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) आतंकियों की वित्तीय कमर तोड़ने में जुटी हुई है। इसी सिलसिले में अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और दिल्ली के नौ ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। जिन नौ ठिकानों पर छापेमारी हुई, उनमें छह गैर सरकारी संगठन और ट्रस्ट शामिल हैं। जिनके नाम फलाह-ए-आम ट्रस्ट, चैरिटी अलायंस, ह्यूमन वेलफेयर फाउंडेशन, जेके यतीम फाउंडेशन, सालवेशन मूवमेंट और जे एंड के वॉयस ऑफ विक्टिम हैं। एनआईए ने एक बयान में कहा कि छापे के दौरान दोष साबित करने वाले कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त किए गए हैं। जिनके परिसरों की तलाशी ली गई उनमें खुर्रम परवेज (जम्मू-कश्मीर कोअलिशन ऑफ सिविल सोसाइटी के समन्वयक), उनके सहयोगी परवेज अहमद बुखारी, परवेज अहमद मट्टा और बंगलूरू में सहयोगी स्वाति शेषाद्रि तथा 'एसोसिएशन ऑफ पैरेंट्स ऑफ डिसैपियर्ड पर्सन्स' की अध्यक्ष परवीना अहंगर भी शामिल हैं। बयान में कहा गया कि एनजीओ एथ्राउट और जीके ट्रस्ट के कार्यालयों की भी तलाशी ली गई। |
hindi_2022_11247 | यूपी में योगी सरकार ने बंद किए 150 अवैध बूचड़खाने, 319 गौ तस्कर गिरफ्तार | उत्तर प्रदेश में गाय की तस्करी हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है, जिसके कारण राज्य में लगातार हिंसा की घटनाएं होती रही हैं। | लखनऊ: सत्ता में काबिज होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध बूचड़खानों पर हंटर चलाना शुरू कर दिया था। इसी का नतीजा है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने गायों की रक्षा और तस्करी पर रोक लगाने के अपने चल रहे मिशन के तहत 150 अवैध बूचड़खानों को बंद कर दिया है और 356 पशु माफियाओं की पहचान की है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, राज्य सरकार ने पिछले 4.5 वर्षों में यूपी गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत बुक किए गए 1823 आरोपियों और 68 तस्करों की 18 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है।राज्य में चल रहे हैं 35 बूचड़खानेशहरी विकास विभाग के अनुसार निर्धारित मानकों का पालन नहीं करने पर कई जिलों में प्रतिदिन 300, 400 और 500 पशुओं को वध करने की क्षमता वाले 150 बूचड़खानों को बंद कर दिया गया है। वर्तमान में राज्य में निर्धारित मानकों का पालन करने वाले 35 बूचड़खाने ही चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में गाय की तस्करी हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है, जिसके कारण राज्य में लगातार हिंसा की घटनाएं होती रही हैं। बूचड़खानों के संचालन और रखरखाव के नियमों को पहले ठीक से लागू नहीं किया गया था और नियमों का पालन सुनिश्चित किए बिना अंधाधुंध बूचड़खाने खोलने के इच्छुक लोगों को अनुमति दी गई थी।319 गौ तस्करों को किया गया गिरफ्तारयोगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश और केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशोंको लागू करने के सख्त निर्देश जारी किए गए थे। पुलिस विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले 4.5 साल में 319 गौ तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 2 की संपत्ति कुर्क की गई है और 14 पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा 280 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट, 114 पर गुंडा एक्ट के तहत जबकि 156 हिस्ट्रीशीटर के मामले भी दर्ज किए गए हैं।पशुपालकों को दिया जाता है 900 रुपये का भत्तायोगी आदित्यनाथ सरकार ने निराश्रित गायों के लिए एक नई गाय गोद लेने की पहल भी शुरू की, ताकि किसानों को आगे आने और आवारा मवेशियों को अपनाने और उन्हें पालने के लिए प्रेरित किया जा सके। इस योजना के तहत इच्छुक किसानों और पशुपालकों को आवारा पशुओं को पालने के लिए 900 रुपये प्रति माह का भत्ता दिया जाता है। ग्रामीण विकास एवं पशुधन विभाग के अनुसार इस वर्ष जुलाई तक राज्य में 43,168 से अधिक लोगों को 83,203 से अधिक गायें दी जा चुकी हैं। राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लगभग 5,86,793 गायों के आवास के लिए कुल 5,278 स्थाई गौशालाएं बनाई गई हैं। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_11248 | भारत में Coronavirus से संक्रमण मुक्त हुए लोगों की संख्या उपचाराधीन मरीजों से 48 लाख अधिक | भारत कोरोना वायरस से संक्रमण मुक्त हुए मरीजों की संख्या के मामले में विश्व में शीर्ष स्थान पर बना हुआ है और दुनियाभर में इस रोग से उबरने वाले मरीजों में 21 प्रतिशत लोग भारत में हैं। | नयी दिल्ली: भारत कोरोना वायरस से संक्रमण मुक्त हुए मरीजों की संख्या के मामले में विश्व में शीर्ष स्थान पर बना हुआ है और दुनियाभर में इस रोग से उबरने वाले मरीजों में 21 प्रतिशत लोग भारत में हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि देश में संक्रमण मुक्त हो चुके लोगों की संख्या उपचाराधीन लोगों की तुलना में 6.32 गुना अधिक है। मंत्रालय ने बताया कि करीब 57.50 लाख लोगों के ठीक होने के बाद देश में मरीजों के ठीक होने की दर 85 प्रतिशत के पार चली गई है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘पिछले कुछ सप्ताह में अधिक संख्या में लोगों के संक्रमण मुक्त होने से देश में मरीजों के ठीक होने की दर 85 प्रतिशत के पार चली गई है। पिछले 24 घंटे में संक्रमण मुक्त हुए लोगों की संख्या कोविड-19 के सामने आए नए मामलों से अधिक थी।’’ उसने कहा कि पिछले 24 घंटे में करीब 82,203 लोग संक्रमण मुक्त हुए और कुल संक्रमण मुक्त हुए लोगों की संख्या उपचारधीन लोगों से 48 लाख से अधिक है। मंत्रालय ने बताया कि 24 घंटे में ठीक हुए लोगों में से 75 प्रतिशत लोग महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और दिल्ली से थे। उसने कहा, ‘‘एक दिन में सबसे अधिक 17,000 लोग महाराष्ट्र में ठीक हुए। वहीं कर्नाटक में 10,000 से अधिक लोग ठीक हुए।’’ मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 नए आए मामलों में 78 प्रतिशत मामले इन्हीं 10 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से थे। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 72,04 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 67,57,131 हो गई, जबकि 986 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,04,555 हो गई। कोविड-19 से मृत्यु दर 1.55 प्रतिशत है। |
hindi_2022_11249 | तस्वीरों में देखिए बारिश से बेहाल हुआ गुरुग्राम, नदी बनीं सड़कें कुंए बने अंडरपास, तैरकर निकले लोग | सबसे बुरा हाल खस्ताहाल इंफ्रास्ट्रक्चर की मार झेल रहे गुरुग्राम का रहा। यहां कुछ ही घंटों की बारिश में सड़कें नदियों में बदल गईं, इन पर चल रही कारें नाव जैसी दिखने लगीं। | मानसून के सीजन में बुधवार को दिल्ली एनसीआर के लोगों ने पहली बार बारिश का लंबा दौर देखा। इस झमाझम बारिश से जहां लोगों को उमस भरी गर्मी से निजात मिली, वहीं आफिस आने जाने वाले लोगों के लिए बारिश मुसीबत लेकर आई। सबसे बुरा हाल खस्ताहाल इंफ्रास्ट्रक्चर की मार झेल रहे गुरुग्राम का रहा। यहां कुछ ही घंटों की बारिश में सड़कें नदियों में बदल गईं, इन पर चल रही कारें नाव जैसी दिखने लगीं। सबसे बुरा हाल अंडरपास का था, लबालब भरे अंडरपास किसी अंधे कुंए में बदल गए थे। गोल्फ कोर्स रोड, सेक्टर 10, डीएलएफ फेज 4 में पानी भरने की तस्वीरें सामने आई हैं। एक जगह तो पूरी कार डूब जाने से उसमें बैठे लोगों को तैरकर बाहर आना पड़ा।Image Source : ANIGurugramभारी बारिश के बाद कुछ ऐसा दिख रहा है गुड़गांव का नजारा। चारों तरफ सड़कों पर नजर आ रहा है पानी ही पानी। Image Source : ANIबारिश के चलते छत तक डूबी कारबारिश के पानी से गुरुग्राम की सड़कों पर नदियों सा नजाराImage Source : ANIGurugramImage Source : ANIGurugram |
hindi_2022_11250 | अरुणाचल प्रदेश के लापता युवक को चीनी सैनिकों ने भारतीय सेना को सौंपा, रिजिजू ने दी जानकारी | चीनी सैनिकों (पीएलए) ने अरुणाचल प्रदेश के युवक मिराम तारोन को आज अरुणाचल प्रदेश के वाचा दमाई में भारतीय सेना को सौंप दिया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट करके ये जानकारी दी है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि चीनी पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के युवक मिराम तारोन को भारतीय सेना को सौंप दिया है। मेडिकल जांच सहित उचित प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है। | नयी दिल्ली: कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को बताया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने अरुणाचल प्रदेश के लापता युवक को भारतीय सेना को सौंप दिया है। अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले से 19 वर्षीय मिराम तारोन 18 जनवरी को लापता हो गया था। मंत्री ने एक ट्वीट में बताया कि लड़के की चिकित्सकीय जांच सहित अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट किया, ‘‘चीन के पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के मिराम तारोन को भारतीय सेना को सौंप दिया। चिकित्सकीय जांच सहित अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं।’’लोकसभा सांसद रिजिजू ने मंगलवार को बताया था कि चीन ने 20 जनवरी को भारतीय सेना को सूचित किया था कि उन्हें अपनी ओर एक लड़का मिला है और उसकी पहचान की पुष्टि के लिए और जानकारी मांगी थी। रिजिजू ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा था, ‘‘पहचान की पुष्टि करने में चीन की मदद के लिए, भारतीय सेना ने उनके साथ उसका व्यक्तिगत विवरण और तस्वीर साझा की है। चीन के जवाब का इंतजार है।’’बयान में कहा गया था, ‘‘ कुछ लोगों ने बताया है कि चीन के पीएलए ने उसे हिरासत में लिया है।’’ रिजिजू ने कहा था कि युवक के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब एक क्षेत्र से लापता होने के बाद भारतीय सेना ने तुरंत 19 जनवरी को चीन से सम्पर्क किया। उसके गलती से चीन के क्षेत्र में दाखिल होने या पीएलए के उसको हिरासत में लेने पर उसका पता लगाने तथा उसकी वापसी के लिए सहयोग मांगा। मंत्री ने कहा कि चीन ने आश्वासन दिया था कि वे उसकी तलाश करेंगे और स्थापित नियमों के तहत उसे वापस सौंप देंगे। |
hindi_2022_11251 | Constitution Day: आज का दिवस बाबासाहेब अम्बेडकर को नमन करने का है- PM मोदी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में हमारे लिए आवश्यक है कि कर्तव्य के पथ पर आगे बढ़ें ताकि अधिकारों की रक्षा हो। महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन में आधिकारों को लिए लड़ते हुए भी, कर्तव्यों के लिए तैयार करने की कोशिश की थी। अच्छा होता अगर देश के आजाद होने के बाद कर्तव्य पर बल दिया गया होता। | नई दिल्ली. देश में आज संविधान दिवस मनाया जा रहा है। संसद के सेंट्रल हाल में इस मौके पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। हालांकि कांग्रेस सहित कई दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया। इस कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिवस बाबासाहेब अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद जैसे दुरंदेशी महानुभावों का नमन करने का है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिवस इस सदन को प्रणाम करने का है। आज पूज्य बापू को भी नमन करना है। आजादी के आंदोलन में जिन-जिन लोगों ने बलिदान दिया, उन सबको भी नमन करने का है। आज 26/11 हमारे लिए एक ऐसा दुखद दिवस है, जब देश के दुश्मनों ने देश के भीतर आकर मुंबई में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया। देश के वीर जवानों ने आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया। आज उन बलिदानियों को भी नमन करता हूं।उन्होंने कहा कि हमारा संविधान ये सिर्फ अनेक धाराओं का संग्रह नहीं है, हमारा संविधान सहस्त्रों वर्ष की महान परंपरा, अखंड धारा उस धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है। इस संविधान दिवस को इसलिए भी मनाना चाहिए, क्योंकि हमारा जो रास्ता है, वह सही है या नहीं है, इसका मूल्यांकन करने के लिए मनाना चाहिए। बाबासाहेब अम्बेडकर की 125वीं जयंती थी, हम सबको लगा इससे बड़ा पवित्र अवसर क्या हो सकता है कि बाबासाहेब अम्बेडकर ने जो इस देश को जो नजराना दिया है, उसको हम हमेशा एक स्मृति ग्रंथ के रूप में याद करते रहें।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि भारत एक ऐसे संकट की ओर बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है, लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है और वो है पारिवारिक पार्टियां। योग्यता के आधार पर एक परिवार से एक से अधिक लोग जाएं, इससे पार्टी परिवारवादी नहीं बन जाती है। लेकिन एक पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी राजनीति में है। संविधान की भावना को भी चोट पहुंची है, संविधान की एक-एक धारा को भी चोट पहुंची है, जब राजनीतिक दल अपने आप में अपना लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो देते हैं। जो दल स्वयं लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं। |
hindi_2022_11252 | JEE-NEET और अन्य परीक्षा देने वाले छात्रों की मदद के लिए आगे आई सरकार, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने की बड़ी घोषणा | रेल मंत्री पीयूष गोयल ने उत्तर प्रदेश से जेईई मेन्स, नीट और एनडीए एवं अन्य परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों के लिए बड़ी घोषणा की है। | रेल मंत्री पीयूष गोयल ने उत्तर प्रदेश से जेईई मेन्स, नीट और एनडीए एवं अन्य परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों के लिए बड़ी घोषणा की है। रेल मंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा है कि 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में JEE Mains, NEET, NDA एवं अन्य परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों को सेंटर तक आने-जाने की सुविधा हेतु भारतीय रेल ने उत्तर प्रदेश में 5 जोड़ी स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया हैं।'उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज के मुताबिक, 1 से 13 सितंबर तक आयोजित होने वाले जेईई मेन्स, नीट, एनडीए एवं अन्य परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को सेंटर तक आने-जाने की सुविधा के लिए 3 सितंबर से 30 सितंबर तक 5 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है। इन स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करने वाले परीक्षार्थियों/यात्रियों को यात्रा के दौरान कोविड-19 के सभी प्रोटोकाल का पालन करना होगा जैसे मास्क पहनना, सोशल डिस्सटेंसिंग एवं सेनिटाइजेशन नियमों का पालन करना अनिवार्य हो।Image Source : INDIA TVNEET JEE mains NDA exam special trains for students in uttar pradeshनोट- सभी स्पेशल ट्रेनों के प्रारंभिक स्टेशन से चलने की तिथि 3 सितंबर से 30 सितंबर तक है। |
hindi_2022_11253 | लखीमपुर खीरी कांड: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष को पूछताछ के लिए बुलाया गया, अबतक 2 गिरफ्तार | चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने आज इस मामले की सुनवाई की और यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है | लखीमपुर खीरी मामले को लेकर जहां सियासत गरमाई हुई है वहीं अदालत भी सख्त रुख अपनाए हुए है। आज सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की और यूपी सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब मांगा है कि किन लोगों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज है और उन्हें अभी तक गिरफ़्तार किया गया है या नहीं।उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका ने बुधवार देर रात लखीमपुर हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी वहीं आज भी कई सियासी दलों के नेता लखीमपुर खीरी पहुंचने वाले हैं।राहुल और प्रियंका ने केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे की गिरफ्तारी में हो रही देरी को लेकर योगी सरकार को घेरा और सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए। इन दोनों ने कहा कि जब तक किसानों को न्याय नहीं मिलता उनका संघर्ष जारी रहेगा। राहुल और प्रियंका पलिया, निघासन और धरौहरा में मृतकों के घर गये और उनके परिजनों से मुलाकात की। राहुल गांधी इस हिंसा में मारे गए पत्रकार के घर भी गए और शोक संतप्त परिवार को सात्वना दी। लखीमपुर खीरी में आज भी राजनीतिक दलों के नेता पीड़ितों के घर पहुंचनेवाले हैं। लखीमपुर खीरी मामले से जुड़ी खबर का अपडेट आपको इस पेज पर मिलता रहेगा। |
hindi_2022_11254 | Rajat Sharma’s Blog | द कश्मीर फाइल्स: जगमोहन को दोष क्यों? | उमर अब्दुल्ला ने अपने पिता फारूक अब्दुल्ला को क्लीन चिट दे दी, जो राज्यपाल शासन लागू होने से ठीक पहले मुख्यमंत्री थे। | नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को एक ऐसी बात कह दी, जिसने नब्बे के दशक के दौरान घाटी से पलायन कर गए कश्मीरी पंडितों के जख्मों को फिर से हरा कर दिया। उन्होंने कहा कि 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म 'झूठ का पुलिंदा' है और इसकी कहानी हकीकत से दूर है।उमर ने कहा, ‘मैं इस फिल्म के निर्माताओं से सिर्फ यह पूछना चाहता हूं कि यह एक डॉक्यूमेंट्री है या कोई कमर्शल फिल्म। अगर यह एक डॉक्यूमेंट्री है, तो हम समझेंगे कि यह सब सच है, लेकिन फिल्म के निर्माता खुद कह रहे हैं कि यह कोई डॉक्यूमेंट्री नहीं बल्कि वास्तविकता पर आधारित फिल्म है। यह फिल्म कश्मीरी पंडितों के पलायन के समय के राजनीतिक परिदृश्य को गलत तरीके से दर्शाती है। सच तो यह है कि जब पलायन हुआ तब फारूक अब्दुल्ला मुख्यमंत्री नहीं थे। यह गवर्नर राज के दौरान हुआ था, और तब जगमोहन साहब गवर्नर थे। वी. पी. सिंह केंद्र में सत्ता में थे, और उन्हें समर्थन किसका था, बीजेपी का।’उमर ने पूछा कि फिल्म में यह क्यों नहीं दिखाया गया कि जब कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ तब बीजेपी केंद्र में वी.पी.सिंह की सरकार का समर्थन कर रही थी। उन्होंने कहा, ‘सच्चाई को तोड़े-मरोड़े नहीं। यह सही चीज नहीं है।’उमर ने कहा कि उस समय केवल कश्मीरी पंडित ही आतंकवाद के शिकार नहीं थे। उन्होने कहा, ‘हमें उन मुसलमानों और सिखों के संघर्ष को भी नहीं भूलना चाहिए, जिन्हें उसी बंदूक से निशाना बनाया गया था। कई मुसलमानों और सिखों ने भी कश्मीर से पलायन किया और आज तक वापस नहीं लौटे।’पूर्व सीएम ने यह भी कहा कि कश्मीरी पंडितों का जबरन पलायन 'अफसोसनाक था, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कश्मीरी पंडितों को सुरक्षित वापस लाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की कोशिश की है और यह कोशिश अब भी जारी है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि इस फिल्म के निर्माता विस्थापित कश्मीरी पंडितों की वापसी चाहते हैं, वे चाहते हैं कि वे हमेशा घाटी से बाहर ही रहें।'कुल मिलाकर उमर अब्दुल्ला ने अपने पिता फारूक अब्दुल्ला को क्लीन चिट दे दी, जो राज्यपाल शासन लागू होने से ठीक पहले मुख्यमंत्री थे। उनके 2 मिनट के बयान ने पिछले तीन दशकों से पीड़ित कश्मीरी पंडितों के दुख को, उनके दर्द को और बढ़ा दिया।यह सच है कि 19 जनवरी 1990 को जब मस्जिदों के लाउडस्पीकरों से दी जा रही धमकियों, आगजनी और हत्याओं से डरे लाखों कश्मीरी पंडित जान बचाकर भाग रहे थे, तब घाटी में राज्यपाल शासन था। जगमोहन ने कुछ देर पहले ही राज्यपाल का पद संभाला था, लेकिन क्या उन्हें पलायन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है?उमर अधूरा सच बता रहे हैं। ये सही है कि घाटी में पलायन के शुरू होने के वक्त उनके पिता मुख्यमंत्री नहीं थे, लेकिन उमर पूरा सच जानते हुए भी बताना नहीं चाहते। सच ये है कि 19 जनवरी 1990 को जब मस्जिदों से ऐलान होने लगा, कश्मीरी पंडितों से घाटी छोड़ने को कहा गया, उनके घर जलाए जाने लगे, उनका कत्ल होने लगा, उससे ठीक 10 घंटे पहले तक फारूक अब्दुल्ला ही जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने 18 जनवरी को इस्तीफा दिया और तुरंत लंदन चले गए। 19 जनवरी को जब जगमोहन को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया गया, तब तक हिंसा शुरू हो चुकी थी। नए-नए राज्यपाल बने जगमोहन कुछ ही घंटों में क्या कर लेते? क्या जगमोहन को कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्मों के लिए जिम्मेदार ठहराना अन्याय नहीं है?मुझे यह देखकर भी हैरानी होती है कि उमर ने कहा कि आतंकवादियों ने तो मुसलमानों को मारा और उनका भी घाटी से पलायन हुआ। जब भी कश्मीरी पंडितों की बात होती है तभी ये सवाल क्यों उठाए जाते हैं? ये कश्मीरी पंडितों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।जब उमर कहते हैं कि उनकी पार्टी घाटी में पंडितों के पुनर्वास के लिए काम कर रही है, तो यह मुझे हास्यास्पद लगता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए 500 करोड़ रुपये की बड़ी परियोजना तैयार की थी, लेकिन उमर के पिता फारूक अब्दुल्ला इसके विरोध में थे। यहां तक कि घाटी में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए अलग से जमीन की तलाशी जा रही थी, लेकिन उमर की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस ने इसका तीखा विरोध किया था।उमर अब्दुल्ला के आरोपों का पीएमओ में मंत्री जितेंद्र सिंह ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘जो लोग भी ऐसी बातें कह रहे हैं वे या तो इतिहास भूल गए हैं या जो हुआ था उसके बारे में उन्होंने पढ़ा ही नहीं है। देश के बंटवारे के बाद से कश्मीर पर सभी बड़े फैसले तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ शेख अब्दुल्ला ने लिए थे, और अस्सी के दशक के दौरान, कश्मीर पर सभी बड़े फैसले राजीव गांधी और फारूक अब्दुल्ला ने लिए थे। आतंकवाद के लिए ट्रिगर पॉइंट 1987 बना जब घाटी में चुनावों में धांधली हुई थी क्योंकि कांग्रेस को लगा था कि फारूक हार रहे हैं। चुनावों में धांधली के चलते हारने वाले लोग बाद में JKLF में शामिल हो गए।जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘जो लोग कह रहे हैं कि इस सबके पीछे बीजेपी थी, उन्हें पता होना चाहिए कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष टीका लाल टपलू पहले ऐसे नेता थे जिनकी आतंकियों ने हत्या की थी। आतंकियों के हाथों जान गंवाने वाले दूसरे नेता बीजेपी समर्थक प्रेम नाथ भट्ट थे। आतंकियों के तीसरे शिकार जस्टिस नीलकंठ गंजू थे। क्या विपक्ष यह कहना चाहता है कि बीजेपी ने आतंकियों से कहकर अपने ही समर्थकों की हत्या करवाई?’शुक्रवार को शहीद टीका लाल टपलू के बेटे आशुतोष टपलू ने आरोप लगाया कि फारूक अब्दुल्ला के शासन के दौरान ही कश्मीरी पंडितों की हत्याएं शुरू हुईं। उन्होंने कहा, 'यह सब एक बड़ी साजिश का हिस्सा था। इस साजिश के तहत फारूक अब्दुल्ला इस्तीफा देने के तुरंत बाद लंदन के लिए रवाना हो गए। कश्मीरी पंडितों को तो आज बी लगता है कि फारूक को कश्मीरी पंडितों पर होने वाले हमले की पूरी जानकारी थी। शायद इसीलिए जैसे ही उन्होंने इस्तीफा दिया, उसके कुछ ही घंटे बाद कश्मीरी पंडितों की हत्याएं और पलायन शुरू हो गया।’जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता कविंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि कश्मीरी पंडितों और मुसलमानों के बीच नफरत की गहरी खाई 1990 में हुए पलायन से कई साल पहले खोद दी गई थी। घाटी में मुसलमानों को सियासी फायदे के लिए उकसाया गया था। शुक्रवार की रात हमारे शो 'आज की बात' में दिखाया कि कुछ महीने पहले ही फारूक अब्दुल्ला अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कश्मीरी पंडितों और मुसलमानों के बीच बढ़ी नफरत की बात कर रहे थे।अपने शो में हमने नरेंद्र मोदी की करीब 8 साल पुरानी साउंडबाइट भी दिखाई जिसमें वह कह रहे थे, ‘जम्मू कश्मीर में जिस तरह से धर्म के आधार पर पहचान करके लोगों को घर-बार छोड़कर भागने पर मजबूर किया गया, ऐसा जुल्म दुनिया में कहीं नहीं हुआ, कभी नहीं हुआ। फारूक अब्दुल्ला शीशे का सामने खड़े होकर, चेहरा देखेंगे तो उन्हें गुनाहों के दाग नजर आएंगे। फारूक के पिता (शेख अब्दुल्ला) का इसमें क्या रोल था, ये भी फारूक जानते होंगे।’यह एक स्थापित तथ्य है कि घाटी में रहने वाले कश्मीरी पंडितों का कत्लेआम हुआ, उन्हें धमकाया गया और घाटी से भागने के लिए मजबूर किया गया। आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर 1989 में घाटी में 3.35 लाख कश्मीरी पंडित रह रहे थे। अब यह आंकड़ा घटकर 3,000 से भी कम हो गया है। 1990 में जब जगमोहन को राज्यपाल नियुक्त किया गया, तब तक पंडितों को घाटी से निकालने की स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी थी। कश्मीरी पंडितों को न तो पुलिस पर भरोसा था, न ही प्रशासन पर और राज्यपाल भी बेबस थे।आपातकाल के दौरान जगमोहन संजय गांधी के भरोसेमंद साथी थे, और जब राजीव गांधी 1984 में कांग्रेस के महासचिव थे, तब उन्हें 5 साल के लिए जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया गया। जगमोहन उस समय तक राजीव गांधी को चेतावनी दे चुके थे कि कश्मीर में एक तूफान के आसार दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने अपनी किताब में जिक्र किया है कि कैसे उन्होंने चिट्ठी लिखकर राजीव गांधी से कहा था कि आप और आपके दोस्त फारूक अब्दुल्ला पूरे मुल्क के सामने कश्मीर की झूठी तस्वीर पेश करने पर तुले हुए हैं। जगमोहन को यकीन था कि न तो राजीव और न ही फारूक ने कश्मीरी पंडितों को बचाने की कोशिश की। जब तक वी. पी. सिंह प्रधानमंत्री बने, और जगमोहन को दूसरी बार राज्यपाल के रूप में भेजा गया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।यदि आप जगमहोन की किताब ‘My Frozen Turbulence In Kashmir’ पढ़ेंगे तो यह जानकर कांप उठेंगे कि गवर्नर पूरी रात सो नहीं सके, क्योंकि उनके टेलीफोन की घंटी लगातार बज रही थी और कश्मीरी पंडित उनकी मदद मांग रहे थे। कई कश्मीरी पंडितों ने उन्हें फोन पर बताया कि वे काफी डरे हुए हैं और उनमें से कुछ ने उनसे कहा, 'आज की रात हमारी आखिरी रात हो सकती है।' इसके बाद गवर्नर के रूप में जगमोहन के पास सिर्फ एक ही रास्ता बचा था कि वह किसी तरह कश्मीरी पंडितों को घाटी से सुरक्षित निकलने में उनकी मदद करें। संक्षेप में कहें तो 'द कश्मीर फाइल्स' इसी बारे में है कि सियासी लोग कैसे आधा-अधूरा सच दिखाकर अपनी कमियों और साजिशों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 18 मार्च, 2022 का पूरा एपिसोड /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ 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hindi_2022_11255 | स्टाफ नर्स द्वारा आक्सीजन हटाने से महिला की मौत, परिजनों ने किया हंगामा | हरियाणा के जींद जिले के नागरिक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में सांस लेने की दिक्कत के चलते दाखिल महिला की एक स्टाफ नर्स द्वारा कथित रूप से ऑक्सीजन हटाते ही मौत हो गई। | जींद। हरियाणा के जींद जिले के नागरिक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में सांस लेने की दिक्कत के चलते दाखिल महिला की एक स्टाफ नर्स द्वारा कथित रूप से ऑक्सीजन हटाते ही मौत हो गई। पुलिस ने इसकी जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि महिला की मौत होते ही उसके परिजनों ने इमरजेंसी में हंगामा कर दिया और जबरदस्ती ऑक्सीजन हटाकर दूसरे मरीज को लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि बाद में पुलिसकर्मियों ने वार्ड में पहुंचकर परिजनों को शांत किया। उन्होंने बताया कि मरने वाली महिला की पहचान अमरहेड़ी गांव निवासी 72 वर्षीय कृष्णा देवी के रूप में की गयी है। उन्होंने बताया कि महिला को फेफड़ों की बीमारी थी और तीन दिन पहले सांस लेने में दिक्कत के चलते नागरिक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में दाखिल करवाया और तब से वह आक्सजीन सपोर्ट पर थी। नागरिक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गोपाल गोयल ने बताया कि महिला कोरोना पॉजिटिव नहीं थी लेकिन सांस लेने में दिक्कत के चलते उसे दाखिल किया गया था। महिला का ऑक्सीजन लेवल 90 था इसलिए इमरजेंसी में 40 ऑक्सीजन लेवल के आए मरीज के लिए पांच मिनट के लिए ऑक्सीजन हटाई थी लेकिन इसी दौरान अचानक उसकी मौत हो गई। इस बीच स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में कोरोना वायरस संक्रमण से सोमवार को जिले में 14 लोगों की मौत हो गई जबकि 312 नए कोरोना संक्रमित मामले सामने आये । फिलहाल जिले में उपचाराधीन मामलों की संख्या 2370 है। |
hindi_2022_11256 | Facebook, Twitter पर नकेल कसने की तैयारी में सरकार? जानें, अश्विनी वैष्णव ने क्या कहा | वैष्णव ने कहा, हमें अपनी महिलाओं और भावी पीढ़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाने की खातिर संतुलन और आम सहमति बनानी होगी। | नयी दिल्ली: सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि सोशल मीडिया को और अधिक जवाबदेह बनाने की जरूरत है और इस विषय पर राजनीतिक सहमति होने पर कठोर नियम लाए जा सकते हैं। वैष्णव ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जब कभी सरकार ने सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाने के लिए कोई कदम उठाया तो विपक्ष का आरोप था कि सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही है। अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘लेकिन ऐसा नहीं है।’मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने वाली ‘बुली बाई’ जैसी वेबसाइट के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मामला के संज्ञान में आते ही सरकार ने तुरंत कार्रवाई की। वैष्णव ने कहा, ‘हमें अपनी महिलाओं और भावी पीढ़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाने की खातिर संतुलन और आम सहमति बनानी होगी।’ उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के नियमों को मजबूत बनाना होगा और अगर विपक्ष सरकार पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का आरोप लगाता है, तो यह गलत है।कांग्रेस सदस्य आनंद शर्मा के एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा, ‘अगर सदन में आम सहमति बनती है, तो हम सोशल मीडिया के लिए और भी सख्त नियम बनाने को तैयार हैं। मेरा निजी तौर पर मानना है कि अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हमें नियमों को और सख्त करना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि हमें एक समाज के रूप में आगे आना होगा और सोशल मीडिया की और अधिक जवाबदेही तय करनी होगी।वैष्णव ने कहा कि सरकार इस समय संवैधानिक ढांचे के भीतर काम कर रही है और राज्यों तथा केंद्र दोनों की भूमिका को इस परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे देश में होने वाले किसी भी साइबर अपराध के लिए एक ढांचा बनाया गया है और केंद्रीय पोर्टल पर इसकी जानकारी दी जा सकती है और यह संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसी के पास जाती है। ‘बुली बाई’ जैसी वेबसाइट के खिलाफ कार्रवाई पर वैष्णव ने कहा, ‘यह एक बहुत ही संवेदनशील मामला है। महिलाओं की गरिमा के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।’सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा, ‘यह हमारी प्रतिबद्धता है और इसमें किसी भी धर्म या क्षेत्र की कोई बात नहीं है।’ उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है और यह कार्रवाई केवल सतह पर नहीं है बल्कि आईटी मंत्रालय जड़ तक गया है। वैष्णव ने कहा कि सोशल मीडिया काफी प्रचलित है और हमारे जीवन में इसका बहुत महत्व है और सोशल मीडिया के दुरुपयोग से बचने के लिए तथा सोशल मीडिया को सुरक्षित और जवाबदेह बनाने के लिए सरकार ने 2021 में व्यापक दिशा-निर्देश जारी किया था। (भाषा) /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_11257 | लगातार बढ़ रहा है मुख्तार अंसारी का संकट! अब योगी सरकार ने लिया ये एक्शन | शनिवार को भी मुख्तार अंसारी द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए भूखंड़ों को खाली कराने की मुहिम जारी रही। मऊ में शनिवार को जिला प्रशासन द्वारा एक भूखंड पर बने गोदाम को बुलडोजर से ढहा दिया गया। | मऊ. बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा लगातार ही मुख्तार अंसारी से जुड़ी अवैध प्रॉपर्टी पर एक्शन लिया जा रहा है। शनिवार को भी मुख्तार अंसारी द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए भूखंड़ों को खाली कराने की मुहिम जारी रही। मऊ में शनिवार को जिला प्रशासन द्वारा एक भूखंड पर बने गोदाम को बुलडोजर से ढहा दिया गया। जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि गोदाम अंसारी की पत्नी के नाम पर था और इसमें कुल चार साझेदार हैं।पढ़ें- मुख्तार अंसारी को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कही ये बातउन्होंने बताया कि गोदाम बनाने के लिए अवैध रूप से ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा कर गया लिया था। त्रिपाठी ने बताया कि इस मामले में ग्राम समाज की जमीन का अवैध तरीके से दाखिल-खारिज करा लिया गया था। उन्होंने बताया कि इस मामले में और भी जांच चल रही है, जिसमें कई और काश्तकारों के नाम शामिल हैं और जिसका अभी जल्द ही एग्रिमेंट कराकर लिखवाने का काम किया गया।पढ़ें- मशहूर बॉडी बिल्डर Satnam Khattra की heart attack की वजह से मौतगोदाम मुख्तार अंसारी की पत्नी आफसा अंसारी और साले आतिफ अंसारी के नाम पर था। इससे पहले शुक्रवार को जिले के सदर विधानसभा से मुख्तार के करीबी सहयोगी रईस कुरैशी के अवैध बूचड़खाने को जिला प्रशासन ने गिरा दिया था।शुक्रवार को ध्वस्त किया गया था बूचड़खानाशुक्रवार को मऊ जिला प्रशासन द्वारा मुख्तार अंसारी के करीबी सहयोगी रईस कुरैशी के अवैध बूचड़खाने को गिराया गया था। यह अवैध बूचड़खाना दशकों पहले मुख्तार अंसारी गिरोह के करीबी रईस कुरैशी ने बनवाया था, जिसकी कीमत करीब 40 लाख रुपये बतायी जाती है। शुक्रवार को पुलिस क्षेत्राधिकारी नरेश कुमार और सिटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में भारी पुलिस बल के साथ इसे ध्वस्त कर दिया गया।पढ़ें- 'जय भीम-जय मीम' के जवाब में विश्व हिंदू परिषद ने दिया ये नारालखनऊ में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा कि इस अवैध बूचड़खाने के तार मुख्तार अंसारी गिरोह से जुड़े थे जिसे स्थानीय प्रशासन ने गिरवा दिया है और वहां पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के स्वामित्व वाले दो अवैध निर्माण राजधानी लखनऊ के डालीबाग क्षेत्र में ध्वस्त कर दिए गए थे। राज्य सरकार ने मऊ से बसपा के वर्तमान विधायक मुख्तार के निकट सहयोगियों की संपत्तियां हाल ही में विभिन्न जिलों में जब्त की हैं और गाजीपुर में मुख्तार के चार सहयोगियों के शस्त्र लाइसेंस भी पहले निरस्त किए जा चुके हैं। With inputs from Bhasha |
hindi_2022_11258 | संविधान, महर्षि वाल्मीकि के विचार और दलितों पर हो रहे हैं हमले: राहुल गांधी | कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जोर देकर कहा, कांग्रेस पार्टी दलित भाई-बहनों पर हो रहे हमले को रोकेगी। | नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार के तहत संविधान, महर्षि वाल्मीकि के विचार और दलित समुदाय के लोगों पर हमले किए जा रहे हैं। उन्होंने वाल्मीकि जयंती के अवसर पर कांग्रेस मुख्यालय से ‘शोभा यात्रा’ को हरी झंडी दिखाने के बाद कहा कि वाल्मीकि जी ने जो बातें कही थी उसी विचार के मुताबिक संविधान बना था। राहुल ने कहा कि कांग्रेस दलित भाई-बहनों पर हो रहे हमले को रोकेगी और देश को जोड़ने का काम करेगी।‘दलित भाई-बहनों पर हमले हो रहे हैं’राहुल गांधी ने कहा, ‘वाल्मीकि जी ने देश और दुनिया को एक रास्ता दिखाया। उनका संदेश प्यार और भाईचारे का था। आज वाल्मीकि जी के संदेश पर आक्रमण हो रहा है। हमारा संविधान वाल्मीकि जी की विचारधारा का संविधान है। वाल्मीकि जी ने जो बातें कही थी उसी विचार के मुताबिक संविधान बना था। संविधान, वाल्मीकि जी के विचार और दलित भाई-बहनों पर हमले हो रहे हैं। पूरे देश को यह बात मालूम है। सिर्फ कुछ लोगों को पूरा फायदा दिया जा रहा है।’समारोह में कांग्रेस के कई दिग्गज थे मौजूदकांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने जोर देकर कहा, ‘कांग्रेस पार्टी दलित भाई-बहनों पर हो रहे हमले को रोकेगी। ये लोग जितना देश को तोड़ेंगे, उतना ही हम देश को जोड़ेंगे। जितनी ये नफरत फैलाएंगे, उतना ही हम भाईचारे की बात करेंगे।’ ‘शोभा यात्रा’ से जुड़े समारोह में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार, प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष नितिन राउत और कई अन्य नेता एवं कार्यकर्ता शामिल हुए। |
hindi_2022_11259 | यूपी पंचायत अध्यक्ष चुनाव: बीजेपी ने लहराया जीत का परचम, 75 में से 65 सीटों पर पार्टी का कब्जा, समाजवादी पार्टी को लगा करारा झटका | उत्तर प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी ने रिकॉर्ड जीत हासिल की है। प्रदेश में हुए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बीजेपी ने 75 में से 65 सीटों पर कब्जा कर लिया है तो वहीं समाजवादी पार्टी के हिस्से में महज 6 सीटें आई है। | लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी ने रिकॉर्ड जीत हासिल की है। प्रदेश में हुए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बीजेपी ने 75 में से 65 सीटों पर कब्जा कर लिया है तो वहीं समाजवादी पार्टी के हिस्से में महज 6 सीटें आई है। बुलेंदखंड की सभी सीटों पर बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया है। बीजेपी ने सपा के 63 सीटों के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है। संतकबीर नगर, बलिया, आजमगढ़ और एटा में सपा ने जीत दर्ज की है, जबकि बागपत में राष्ट्रीय लोकदल की प्रत्याशी ने बीजेपी प्रत्याशी को हरा दिया है।लखनऊ, कानपुर, जौनपुर, हाथरस समेत 65 जिलों में बीजेपी के प्रत्याशियों ने जोरदार जीत हासिल की है। 29 जून को 75 जिला पंचायतों में अध्यक्ष पद के लिए नामांकन हुआ था। 3 जुलाई को चुनाव को शांति पूर्ण संपन्न कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने पुख्ता इंतजाम किए थे। शनिवार को मतदान के बाद दोपहर 3 बजे से जिला पंचायत अध्यक्ष के परिणाम आने शुरू हो गए।उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने शनिवार को कहा कि पंचायत के चुनावों में भाजपा 75 में 67 सीटें जीती है। हम कार्यकर्ताओं के दम पर 2022 का भी चुनाव जीतेंगे। अपने ज़िला पंचायत अध्यक्ष जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे। क्षेत्र पंचायत के चुनावों में भी भाजपा बड़ी जीत दर्ज़ करेगी। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_11260 | पीएम मोदी आज करेंगे 'मन की बात', शाम को ग्रहण करेंगे पहला लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में अपने विचार लोगों के साथ शेयर करेंगे। आज ही वे जम्मू कश्मीर में विकास के लिए 20 हजार करोड़ रुपए की सौगात देंगे। शाम को मुंबई में पहला लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड ग्रहण करेंगे। | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में अपने विचार लोगों के साथ शेयर करेंगे। सुबह 11 बजे रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम में देश-विदेश के लोगों से पीएम बात करेंगे और अपने विचार साझा करेंगे। ये इस मासिक रेडियो कार्यक्रम की 88वीं कड़ी होगी, जिसका प्रसारण आकाशवाणी और दूरदर्शन के सभी नेटवर्क पर किया जाएगा। मन की बात कार्यक्रम आकाशवाणी और दूरदर्शन के अलावा विभिन्न प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा। आकाशवाणी समाचार, दूरदर्शन समाचार, प्रधानमंत्री कार्यालय तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय के यू-ट्यूब चैनलों पर भी कार्यक्रम सीधा प्रसारित होगा। पीएम मोदी आज रविवार को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर रहेंगे। वे यहां राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह में भी भाग लेंगे। इस दौरान वह देश की सभी ग्राम सभाओं को संबोधित करेंगे। वह सांबा जिले की पल्ली पंचायत का भी दौरा करेंगे। यात्रा के दौरान श्री मोदी करीब 20 हजार करोड रूपये लागत की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री तीन हजार एक सौ करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली बनिहाल-काजीगुंड सडक सुरंग का उद्घाटन भी करेंगे। लगभग नौ किलोमीटर लंबी इस सुरंग के शुरू हो जाने से बनिहाल और काजीगुंड के बीच 16 किलोमीटर की यात्रा लगभग डेढ घंटे में ही पूरी हो जायेगी। श्री मोदी सात हजार पांच सौ करोड रूपये लागत वाले दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस वे की आधारशिला भी रखेंगे। वे अमृत सरोवर की शुरूआत भी करेंगे।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार शाम मुम्बई में मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार समारोह में शामिल होंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री को पहले लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। ये पुरस्कार भारत रत्न लता मंगेशकर की याद में दिया जा रहा है, जिनका इस वर्ष फरवरी में निधन हो गया था। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण और अनुकरणीय योगदान के लिए दिया जाएगा। पुरस्कार की घोषणा करते हुए मास्टर दीनानाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान ने कहा कि श्री मोदी एक अंतरराष्ट्रीय राजनेता हैं जिन्होंने विश्व पटल पर देश का कुशल नेतृत्व किया है। |
hindi_2022_11261 | 'कोविड संबंधी असफलताओं के बावजूद UP में चुनाव जीतेंगे योगी' | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए अच्छी खबर है। बहुमत मानता है कि वह 2022 में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव जीतेंगे। | नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए अच्छी खबर है। बहुमत मानता है कि वह 2022 में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव जीतेंगे। आईएएनएस-सी वोटर स्नैप पोल के अनुसार, राज्य में कोविड महामारी से निपटने में विफल रहने के बावजूद 52 प्रतिशत उत्तरदाता मानते हैं कि योगी यूपी चुनाव जीतेंगे। हालांकि, 37 फीसदी लोगों का मानना है कि योगी यूपी विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाएंगे। बीजेपी ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में जिला परिषद चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की है। उत्तर प्रदेश के जिला पंचायत चुनाव में बीजेपी ने 75 में से 65 सीटें हासिल कर शानदार जीत दर्ज की है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के जिला पंचायत चुनावों में भाजपा की प्रचंड जीत जनता जनार्दन का विकास, जनसेवा और कानून के शासन का आशीर्वाद है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा, "उत्तर प्रदेश जिला पंचायत चुनाव में भाजपा की शानदार जीत, विकास, लोक सेवा और कानून के शासन के लिए 'जनता जनार्दन का आशीर्वाद है। इसका श्रेय मुख्यमंत्री योगी जी की नीतियों और पार्टी कार्यकर्ताओं की अथक मेहनत को जाता है। इसके लिए यूपी सरकार और भाजपा संगठन को हार्दिक बधाई।"भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश राज्य इकाई के प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह और कार्यकतार्ओं को शानदार जीत के लिए बधाई दी। नड्डा ने ट्वीट में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार सभी के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। यह जीत भाजपा की नीतियों में लोगों के विश्वास का प्रतीक है।"एक अन्य ट्वीट में नड्डा ने कहा, "जिला पंचायत चुनावों से संदेश स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश के लोग विकास और सुशासन के भाजपा के एजेंडे के साथ हैं। मैं लोगों को भाजपा के प्रति उनके विश्वास और स्नेह के लिए सलाम करता हूं। मैं एक बार फिर उत्तर प्रदेश भाजपा नेतृत्व और कार्यकतार्ओं को बधाई देता हूं।" |
hindi_2022_11262 | कोर्ट ने IMA अध्यक्ष से कहा- किसी धर्म का प्रचार न करें, चिकित्सा क्षेत्र में प्रगति पर ध्यान दें | दिल्ली की एक अदालत ने इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष जे. ए. जयालाल को संगठन के मंच का प्रयोग किसी भी धर्म के प्रचार के लिए नहीं करने का निर्देश दिया है। | नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष जे. ए. जयालाल को संगठन के मंच का प्रयोग किसी भी धर्म के प्रचार के लिए नहीं करने का निर्देश दिया है। अदालत ने ‘मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना’ कहते हुए उन्हें आगाह किया कि जिम्मेदार पद की अध्यक्षता करने वाले किसी व्यक्ति से हल्की टिप्पणी की उम्मीद नहीं की जा सकती। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश अजय गोयल ने जयालाल के खिलाफ दायर वाद में आदेश पारित किया। IMA अध्यक्ष पर ईसाई धर्म के प्रचार का आरोपजयालाल पर कोविड-19 रोगियों के उपचार में आयुर्वेद पर एलोपैथिक दवाओं की श्रेष्ठता साबित करने की आड़ में ईसाई धर्म का प्रचार कर हिंदू धर्म के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक अभियान शुरू करने का आरोप लगाया गया था। शिकायतकर्ता रोहित झा ने कहा कि जयालाल हिंदुओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए जोर देने के मकसद से IMA की ओट लेकर, अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और देश और उसके नागरिकों को गुमराह कर रहे हैं।'कोई आदेश देने की जरूरत नहीं है'आईएमए के अध्यक्ष के लेखों और साक्षात्कारों का हवाला देकर, झा ने अदालत से लिखित निर्देश देकर उन्हें हिंदू धर्म या आयुर्वेद के लिए अपमानजनक सामग्री लिखने, मीडिया में बोलने या प्रकाशित करने से रोकने का अनुरोध किया है। यह गौर करते हुए कि यह मुकदमा एलोपैथी बनाम आयुर्वेद के संबंध में एक मौखिक द्वंद्व का परिणाम प्रतीत होता है, अदालत ने गुरुवार को कहा कि जयालाल द्वारा दिए गए आश्वासन कि वह ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे, के आधार पर कोई आदेश देने की जरूरत नहीं है।'IMA के मंच का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए'अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने 3 जून को पारित आदेश में निर्देश दिया, ‘उन्हें किसी भी धर्म के प्रचार के लिए आईएमए के मंच का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और इसके बजाय उन्हें चिकित्सा समुदाय के कल्याण और चिकित्सा क्षेत्र में प्रगति पर ध्यान देना चाहिए।’ न्यायाधीश ने उन्हें भारत के संविधान में निहित सिद्धांतों के विरोध में किसी गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए और अपने पद की गरिमा बरकरार रखनी चाहिए। |
hindi_2022_11263 | IPL 2022 से पहले MNS कार्यकर्ताओं ने की Delhi Capitals की बसों में तोड़फोड़, जानिए क्या है पूरा मामला | पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। दरअसल मुंबई के तीन अलग-अलग मैदानों में IPL का मैच खेला जाएगा। लेकिन MNS कार्यकर्ताओं का कहना है कि BCCI ने बस का कॉन्ट्रैक्ट दिल्ली की ट्रैवल कंपनी को दे दिया है। | IPL 2022 (इंडियन प्रीमियर लीग) का आगाज होने जा रहा है। इससे पहले, MNS कार्यकर्ताओं ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। यहां से एक वीडियो सामने आया है जहां MNS कार्यकर्ता दिल्ली कैपिटल्स की बस के साथ तोड़फोड़ करते हुए नज़र आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, वायरल हो रहा वीडियो मुंबई के ताज होटल की पार्किंग का है। यहां MNS के 5-6 कार्यकर्ता आए और अचानक बस पर हमला कर दिया और तोड़फोड़ करना शुरू हो गए। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। दरअसल मुंबई के तीन अलग-अलग मैदानों में IPL का मैच खेला जाएगा। लेकिन MNS कार्यकर्ताओं का कहना है कि BCCI ने बस का कॉन्ट्रैक्ट दिल्ली की ट्रैवल कंपनी को दे दिया है। जबकि मुंबई में मैच हो रहे हैं तो ये कॉन्ट्रैक्ट भी महाराष्ट्र की ट्रैवल कंपनी को मिलना चाहिए था। MNS कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि ये कॉन्ट्रैक्ट जानबूझकर महाराष्ट्र के बाहर की ट्रैवल कंपनी को दिया गया। इससे सूबे में बेरोजगारी भी तेजी से बढ़ रही है।ये घटना मंगलवार देर रात 12 बजे की है। तोड़फोड़ करने के बाद MNS कार्यकर्ताओं ने पोस्टर भी लगा दिए थे। पुलिस द्वारा आईपीसी की धारा 143, 147, 149 और 427 के तहत केस दर्ज किया गया है। इस घटना में किसी को भी कोई चोट नहीं पहुंची है। बता दें, मनसे राज ठाकरे की पार्टी है और कई बार ऐसी घटनाओं के चलते चर्चा में रहती है। |
hindi_2022_11264 | Earthquake: मुंबई के बाद सिक्किम में भी लगे भूकंप के झटके, किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं | Earthquake in Sikkim: पूर्वी भारत के सिक्किम में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की तीव्रता 4.2 आंकी गई है। | Earthquake in Sikkim: पूर्वी भारत के सिक्किम में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की तीव्रता 4.2 आंकी गई है। इस भूकंप से अभी तक किसी भी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप का केंद्र सिक्किम के पेलिंग से 30 किमी दक्षिण पश्चिम में जमीन से 10 किमी भीतर रिकॉर्ड किया गया। इससे पहले आज सुबह शुक्रवार (11 सितंबर) सुबह मुंबई के आसपास भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.5 तीव्रता मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप मुंबई के 98 किलोमीटर दूर उत्तर में आज सुबह 03:57 बजे आया।बता दें कि सोमवार से लेकर शुक्रवार तक पिछले 5 दिनों में 5 वीं बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। महाराष्ट्र के नासिक में मंगलवार और बुधवार को भूकंप के तीन झटके महसूस किए गए हैं। मंगलवार सुबह आए दो लगातार झटकों के बाद बुधवार तड़के यहां एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप के झटके सुबह तड़के 4.17 बजे महसूस हुए। भूकंप का केंद्र नासिक से 93 किमी. पश्चिम की ओर था। मंगलवार को महाराष्ट्र के नासिक में भूकंप आया था। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार सुबह करीब 9.50 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए। भूकंप का केंद्र नासिक से 103 किमी पश्चिम की ओर था। बता दें कि मुंबई सहित देश के पश्चिमी तट पर सोमवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप के झटके सुबह 8 बजे के करीब महसूस हुए। भूकंप का केंद्र मुंबई से 102 किमी. दूरी पर था। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 मापी गयी। भूकंप में किसी नुकसान की कोई खबर नही है। |
hindi_2022_11265 | चोरी के नए-नए आईडिया खोज रहे हैं चोर! अब PPE Kit पहनकर की चोरी, उड़ाया 25 किलो सोना, देखिए वीडियो | राजधानी नई दिल्ली के कालकाजी इलाके में हुई इस वारदात को अंजाम देने के लिए चोर ने एक हेल्थ वर्कर का रूप धरा। वो रात के अंधेरे में PPE Kit पहनकर चोरी करने के लिए गया। | नई दिल्ली. चोरी करना गलत बात है, ये तो हम सभी जानते हैं लेकिन फिर भी चोरी की वारदातें बढ़ती ही जा रही हैं। चोर चोरी करने के एक से एक नए आईडिया ढूंढकर ला रहे है। चोरी करने के लिए इस तरह की कोशिशें की जा रही हैं कि आसानी से चोर को पहचाना न जा सके। ताजा मामला सामने आया है राजधानी नई दिल्ली से जहां इस साल की सबसे बड़ी चोरी की वारदात सामने आई है।पढ़ें- उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए गुड न्यूज!पढ़ें- स्कूल मालिकों ने दिखाई धौंस! बोले- फीस नहीं दोगे तो...नई दिल्ली. चोरी करना गलत बात है, ये तो हम सभी जानते हैं लेकिन फिर भी चोरी की वारदातें बढ़ती ही जा रही हैं। चोर चोरी करने के एक से एक नए आईडिया ढूंढकर ला रहे है। चोरी करने के लिए इस तरह की कोशिशें की जा रही हैं कि आसानी से चोर को पहचाना न जा सके। ताजा मामला सामने आया है राजधानी नई दिल्ली से जहां इस साल की सबसे बड़ी चोरी की वारदात सामने आई है।पढ़ें- उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए गुड न्यूज!आपको जानकर हैरानी होगी कि राजधानी नई दिल्ली के कालकाजी इलाके में हुई इस वारदात को अंजाम देने के लिए चोर ने एक हेल्थ वर्कर का रूप धरा। वो रात के अंधेरे में PPE Kit पहनकर चोरी करने के लिए गया। चोर ने कालकाजी इलाके से एक ज्वैलरी शॉप से 25 किलोग्राम सोने की चोरी को अंजाम दिया। चोरी की ये घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। पढ़ें- भारत में हुआ बेहद खास सर्वे, नतीजे जानकर चीन की उड़ जाएंगी नींदपढ़ें- मंदिर में मिली पुजारी की खून से सनी लाश, पुलिस बोली- चोरी का नहीं है मामला...CTV में साफ देखा जा सकता है कि PPE किट पहनकर एक चोर इमारत में उतर रहा है लेकिन कहते हैं न कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं। PPE Kit चोर को ज्यादा देर तक बचा न सकी। शेख नूर नाम के इस चोर को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। बताया जा रहा है कि शेख नूर बिजली का काम करता है। चोरी के बाद वो बंगाल भागने की फिराक में था लेकिन दिल्ली पुलिस ने उसे समय रहते गिरफ्तार कर लिया औऱ उसके पास से 25 किलो सोना भी बरामद कर लिया है।पढ़ें- Tandav Web Series: और बढ़ीं निर्माताओं की मुश्किलें!पढ़ें- क्या यूपी BJP और योगी सरकार में होंगे बड़े बदलाव? दो दिन के लिए लखनऊ जा रहे हैं नड्डादेखिए वीडियो |
hindi_2022_11266 | देश में कोविड-19 के 71 प्रतिशत नए मामले 10 राज्यों में सामने आए, संक्रमण की दर 21.47 प्रतिशत | देश में कोविड-19 संक्रमण के एक दिन में सामने आए 3,57,229 नए मामलों में से 71.71 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश समेत 10 राज्यों के हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। | नयी दिल्ली: देश में कोविड-19 संक्रमण के एक दिन में सामने आए 3,57,229 नए मामलों में से 71.71 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश समेत 10 राज्यों के हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। भारत में लोगों के संक्रमित होने की दर 21.47 प्रतिशत है। मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र में सर्वाधिक नए मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र में 48,621, इसके बाद कर्नाटक में 44,438 और उत्तर प्रदेश में 29,052 नए मामले सामने आए हैं। जिन राज्यों में संक्रमण के नए मामलों के 71.71 प्रतिशत मामले सामने आए हैं, उनमें केरल, दिल्ली, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ भी शामिल हैं। देश में अभी 34,47,133 संक्रमित लोगों का उपचार चल रहा है, जो देश में संक्रमण के कुल मामलों का 17 प्रतिशत है। संक्रमण के कुल उपचाराधीन मामलों में पिछले 24 घंटे में 33,491 मामलों की बढ़ोतरी हुई है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में कुल उपचाराधीन मामलों में से 81.41 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल, राजस्थान, गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, बिहार और हरियाणा में सामने आए हैं। उसने कहा, ‘‘राष्ट्रीय मृत्युदर लगातार गिर रही है और यह इस समय 1.10 प्रतिशत है।’’ पिछले 24 घंटे में 3,449 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 73.15 प्रतिशत लोगों की मौत 10 राज्यों में हुई हैं। इस दौरान महाराष्ट्र में सर्वाधिक 567 और इसके बाद दिल्ली में 448 और उत्तर प्रदेश में 285 लोगों की मौत हुई है। भारत में पिछले 24 घंटे में 3,20,289 लोग बीमारी से ठीक हुए है और अब तक स्वस्थ हो चुके लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,66,13,292 हो गई है, जिनमें से 73.14 प्रतिशत लोग 10 राज्यों में हैं। इनपुट-भाषा |
hindi_2022_11267 | कांग्रेस सांसद ने पूछा- सरकार OBC जनगणना क्यों नहीं कर रही, मुंडे ने भी उठाई थी इसकी मांग | राज्यसभा में कांग्रेस के एक सदस्य ने शुक्रवार को अन्य पिछड़ा वर्गों (OBC) की जनगणना में हो रही देरी का मुद्दा उठाया और सरकार पर यह कहते हुए तंज कसा कि वह यदि जानवरों और पेड़ों की भी गणना करा सकती है तो ओबीसी की क्यों नहीं? | नई दिल्ली: राज्यसभा में कांग्रेस के एक सदस्य ने शुक्रवार को अन्य पिछड़ा वर्गों (OBC) की जनगणना में हो रही देरी का मुद्दा उठाया और सरकार पर यह कहते हुए तंज कसा कि वह यदि जानवरों और पेड़ों की भी गणना करा सकती है तो ओबीसी की क्यों नहीं? शून्यकाल में इस मामले को उठाते हुए कांग्रेस के राजीव सातव ने सरकार से जल्द से जल्द ओबीसी जनगणना करने की मांग करने की। उन्होंने कहा कि लंबे समय से ओबीसी जनगणना की मांग हो रही है और बीजेपी के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे ने भी मजबूती से इस मांग को लोकसभा में कई बार उठाया था।‘जानवरों की गिनती हो सकती है तो OBC की क्यों नहीं’सातव ने कहा, ‘सरकार जब जानवरों की गणना कर सकती है, पेड़ों की गणना कर सकती है तो समाज के इस महत्वपूर्ण घटक ओबीसी की क्यों नहीं? इस बारे में सरकार ने 2018 में आश्वस्त किया था। वर्ष 2019 में भी सरकार ने कहा था कि हम जनगणना की दिशा में जा रहे हैं। अभी देखा गया कि उसमें ओबीसी का कॉलम हटा दिया गया है। ओबीसी को सही लाभ देना है तो उनकी जनगणना जरूरी है। जनगणना होगी तभी सही मायनों में पता चल पाएगा कि उन्हें सरकारी योजनाओं और नीतियों का कितना लाभ मिल रहा है और नहीं मिल रहा है। इसलिए ओबीसी की जनगणना के बारे में सरकार को तुरंत सोचना चाहिए।’‘पिछले 3 महीने में 225 रुपये बढ़ी LPG की कीमत’YSR कांग्रेस के अयोध्या रामी रेड्डी ने विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्र के निजीकरण का मामला उठाया और इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की। वहीं, बिहार से कांग्रेस के सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह ने रसोई गैस की बढ़ी कीमतों पर चिंता जताते हुए इसे वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल नवंबर में रसोई गैस की कीमत 594 रुपये थी जो आज बढ़कर 809 रुपये हो गई है। पिछले 3 महीने में रसोई गैस की कीमतों में 225 रुपये की वृद्धि हुई है। कीमतों में वृद्धि से गरीब लोग इंधन के पारंपरिक स्रोतों की ओर लौट रहे हैं।’ |
hindi_2022_11268 | इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लगाया यूपी के इन 5 शहरों में कंप्लीट लॉकडाउन | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के पांच सबसे अधिक कोरोना प्रभावित शहरों में 26 अप्रैल तक कंप्लीट लॉक डाउन का दिया आदेश। राज्य सरकार को पूरे प्रदेश में 15 दिन के लॉकडाउन पर विचार करने को भी कहा। | लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के पांच सबसे अधिक कोरोना प्रभावित शहरों में 26 अप्रैल तक कंप्लीट लॉकडाउन का आदेश दिया है। राज्य सरकार को पूरे प्रदेश में 15 दिन के लॉकडाउन पर विचार करने को भी कहा। आज रात से प्रभावी होगा लॉकडाउन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर में लॉकडाउन का आदेश दिया है।आदेश के मुताबिक, सोमवार रात से ही लॉकडाउन प्रभावी हो जाएगा। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से प्रदेश में 15 दिनों के लॉकडाउन पर विचार करने के लिए कहा है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को लेकर हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में रविवार (18 अप्रैल) को कोरोना वायरस से एक दिन में अब तक सर्वाधिक 129 लोगों की मौत हो गई जबकि 30,596 नये मामले सामने आये। वहीं कोविड-19 टीका लेने के बावजूद राजधानी लखनऊ में लगभग 30 प्रतिशत हेल्थ वर्कर कोरोना पॉजिटिव हुए हैं। इनमें प्रमुख कोविड अस्पतालों के डॉक्टर, नर्स, तकनीशियन, वार्ड बॉय और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं। इससे विभिन्न अस्पतालों में कोविड की सेवाएं पर काफी असर पड़ा रहा है।ये भी पढ़ें |
hindi_2022_11269 | Hijab Controversy: Supreme Court ने तत्काल सुनवाई करने से किया इनकार, सनसनी न फैलाने की दी दियाहत | प्रधान न्यायाधीश एन.वी.रमण और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की एक पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत के अनुरोध को खारिज कर दिया। कामत ने कहा था कि परीक्षाएं चल रही हैं, इसलिए मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। | नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया। जिसमें अदालत ने कक्षा के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था। साथ ही कहा था कि हिजाब इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है। प्रधान न्यायाधीश एन.वी.रमण और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की एक पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत के अनुरोध को खारिज कर दिया। कामत ने कहा था कि परीक्षाएं चल रही हैं, इसलिए मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। पीठ ने कहा, ‘‘ परीक्षाओं का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।’’सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वे बार-बार मामले का जिक्र कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘ सॉलिसिटर जनरल जी, क्या आप इंतजार कर सकते हैं।’’ वहीं, उसने कामत से कहा कि मामले को संवेदनशील ना बनाएं। कामत ने कहा, ‘‘ इन लड़कियों की 28 तारीख को परीक्षा है। उन्हें स्कूल में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा। उनका एक साल बर्बाद हो जाएगा।’’ न्यायालय ने हालांकि उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया। उच्चतम न्यायालय कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति देने से इनकार करने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर होली के अवकाश के बाद सुनवाई करने के लिए 16 मार्च को सहमत हो गया था।न्यायालय ने कुछ छात्राओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े की उन दलीलों पर गौर किया था कि आगामी परीक्षाओं को देखते हुए तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है। मामले में उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ के आदेश के खिलाफ कुछ याचिकाएं दायर की गयी हैं। उच्च न्यायालय ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है। उच्च न्यायालय ने कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली उडुपी स्थित ‘गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज’ की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग की याचिकाएं खारिज कर दी थीं। उसने कहा था कि स्कूल की वर्दी का नियम एक उचित पाबंदी है और संवैधानिक रूप से स्वीकृत है, जिस पर छात्राएं आपत्ति नहीं उठा सकतीं।कर्नाटक में हिजाब विवाद की शुरुआत जनवरी महीने में उस समय हुई जब उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में हिजाब पहनीं 6 छात्राओं को कॉलेज प्रशासन ने क्लास में प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। छात्राओं को क्लास में प्रवेश नहीं दिए जाने के पीछे कॉलेज प्रशासन ड्रेस कोड का हवाला दिया था। जिसके बाद हिजाब पहनकर कक्षाओं में प्रवेश की मांग करने वाली छात्राओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें छात्राओं ने कॉलेज के फैसले को संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत उनके मौलिक अधिकार का हनन बताया था। कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करने के बाद केस को 9 फरवरी को बड़ी बेंच के पास भेजा था। बड़ी बेंच ने 11 दिनों तक चली सुनवाई के बाद राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए कहा था कि हिजाब इस्लामिक मान्यता में अनिवार्य नहीं है। जिसके बाद छात्राओं ने सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।(इनपुट भाषा) |
hindi_2022_11270 | यूपी: चुनाव आयोग हुआ सख्त, तेजी से हटाए जा रहे हैं नेताओं के पोस्टर-बैनर | निर्वाचन आयोग ने शनिवार को उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीख तय की। इसके बाद आचार संहिता लागू कर दिया गया। साथ ही सार्वजनिक स्थलों से पोस्टर-बैनर हटाने का काम हो रहा है। | यूपी चुनाव 2022: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद आदर्श आचार संहिता लागू है। राज्य के सभी जिलों में इसका पालन कराने के लिए प्रशासनिक मशीनरी सक्रिय हो गई है। शनिवार शाम से ही जगह-जगह लगे राजनीतिक होर्डिंग-बैनर, पोस्टर हटाने के साथ ही दीवारों पर लिखे नारे मिटाने शुरू कर दिए।निर्वाचन आयोग ने शनिवार को उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीख तय की। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ल ने रविवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया,‘‘राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है और उसका अक्षरशः: पालन कराया जाएगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘सभी जिलाधिकारियों/ जिला निर्वाचन अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है और वे अपनी नियमित रिपोर्ट भेजेंगे। आचार संहिता लागू होने के साथ ही राज्य के सभी जिलों में जिलाधिकारियों के निर्देश पर निकायों और अन्य प्रशासनिक इकाइयों ने बैनर, पोस्टर, होर्डिंग हटाने के साथ ही दीवारों पर लिखे नारे मिटाने शुरू कर दिए।’’चुनाव आयोग ने 15 जनवरी तक चुनावी रैली, रोड शो, पद यात्रा और साइकिल रैली पर भी रोक लगा दी है। लखनऊ के जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने शनिवार को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही नगर निगम के आयुक्त को भेजे गये आदेश में कहा कि शनिवार को विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 की घोषणा के साथ ही तत्काल प्रभाव से आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। प्रकाश ने चेतावनी दी कि किसी भी स्तर पर शिथिलता को गंभीरता से लिया जाएगा और संबंधित के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी का निर्देश मिलते ही लखनऊ के नगर आयुक्त ने बैनर-पोस्टर, होर्डिंग आदि उतारने के लिए टीम लगा दी। शनिवार शाम से सक्रिय यह टीम रविवार को बैनर-पोस्टर हटाते देखी गई। बस्ती से मिली खबर के अनुसार शनिवार को जैसे ही आचार संहिता लागू हुई तुरंत प्रशासन ने जगह जगह पर लगे होर्डिंग व बैनर पोस्टर वाल पेंटिंग को हटाने का काम शुरू कर दिया।उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 403 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं। राज्य में पुलिस, प्रशासन और निकाय के अधिकारियों ने आचार संहिता का पालन कराने के लिए मोर्चा संभाल लिया है और इसके लिए अब सभी विधानसभा क्षेत्रों में पर्यवेक्षकों की भी नियुक्ति होगी। |
hindi_2022_11271 | उत्तराखंड में आज से चारधाम यात्रा शुरू, ई-पास होगा तो ही जा पाएंगे धाम, एसओपी जारी | कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय तक स्थगित रहने के बाद इस वर्ष की चारधाम यात्रा आज से शुरू हो रही है। इस यात्रा के लिए यात्रियों को कड़े नियमों का पालन करना होगा। | देहरादून: कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय तक स्थगित रहने के बाद इस वर्ष की चारधाम यात्रा आज से शुरू हो रही है। इस यात्रा के लिए यात्रियों को कड़े नियमों का पालन करना होगा। कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने के 15 दिन के बाद सर्टिफिकेट दिखाने पर ही यात्रा की अनुमति मिलेगी। दर्शन के लिए आने वाले यात्रियों को पंजीकरण करने के बाद ई-पास जारी किए जाएंगे। जिसके बाद ही चारधामों में दर्शन की अनुमति मिलेगी। बता दें कि उच्च गढवाल हिमालयी क्षेत्र के चारधाम के नाम से प्रसिद्ध बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर हर साल अप्रैल-मई में दर्शनों के लिए खुलते हैं लेकिन इस बार कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण यह यात्रा शुरू नहीं हो पाई थी।उच्च न्यायालय के श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखे जाने के निर्देशों के मद्देनजर एसओपी में बदरीनाथ में प्रतिदिन अधिकतम 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी गई है। यात्रा के लिए प्रत्येक तीर्थयात्री को 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर कोरोना मुक्त रिपोर्ट या कोविड रोधी टीके की दोनों खुराक लगे होने का प्रमाणपत्र पेश करना जरूरी होगा। इसके अलावा, कोरोना की दृष्टि से संवेदनशील राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए 72 घंटे पहले की कोरोना मुक्त जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा। इसके लिए राज्य के बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण के समय कोविड मुक्त रिपोर्ट या टीकाकरण का प्रमाणपत्र अपलोड करना होगा।बच्चों एवं बीमार एवं अति वृद्धों को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। मंदिर में दर्शन हेतु एक बार में तीन श्रद्धालु ही प्रवेश करेंगे । मंदिर में मूर्तियों या घंटियों को छूने पर मनाही होगी। देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि तीर्थ यात्री सामाजिक दूरी के साथ पूजा में शामिल हो सकेंगे लेकिन उन्हें मंदिर के गर्भगृहों में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। केदारनाथ के कपाट 17 मई, बदरीनाथ के कपाट 18 मई, यमुनोत्री के 14 मई तथा गंगोत्री के 15 मई को कपाट खुले थे लेकिन श्रद्धालुओं को उनके दर्शन की अनुमति नहीं थी।अक्टूबर-नवंबर में चारधाम यात्रा के समापन से पहले अभी भी चारधाम यात्रा के लिए डेढ़ से दो महीने का समय शेष है। इस बीच, मुख्य सचिव एसएस संधु ने शुक्रवार को केदारनाथ का दौरा किया और हिमालयी धाम की सुरक्षित तीर्थयात्रा के लिए अधिकारियों को पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिए। संधु ने केदारपुरी में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की और उन्हें गुणवत्ता के साथ तेजी से करने के निर्देश दिए। |
hindi_2022_11272 | भारत में रोहिंग्या मुसलमानों की तस्करी का खुलासा, 6 आरोपी गिरफ्तार | NIA (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) ने भारतीय क्षेत्र में रोहिंग्या मुसलमानों की कथित रूप से अवैध तस्करी करने वाले एक गिरोह के छह लोगों को गिरफ्तार किया है। | NIA (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) ने भारतीय क्षेत्र में रोहिंग्या मुसलमानों की कथित रूप से अवैध तस्करी करने वाले एक गिरोह के छह लोगों को गिरफ्तार किया है। शनिवार को इसकी जानकारी एनआईए के एक अधिकारी ने दी। देश के शीर्ष जांच एजेंसी के अधिकारी ने कहा कि यह गिरोह असम, पश्चिम बंगाल, मेघालय के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों के सीमावर्ती इलाकों में सक्रीय था। गौरतलब है कि म्यांमार सेना की कठोर कार्रवाई से तंग आकर करीब सात लाख रोहिंग्या मुस्लमानों ने भारत और बांग्लादेश में शरण ली। म्यांमार से करीब 60,000 रोहिंग्या भारत आए और अब देश के कई राज्यों में रह रहे हैं। |
hindi_2022_11273 | Coronavirus: नोएडा में इस साल नहीं किया जाएगा रामलीला का आयोजन | श्री सनातन धर्म रामलीला समिति के महासचिव संजय बाली ने बताया कि संक्रमण को लेकर जारी दिशा निर्देशों के मुताबिक आयोजन में केवल 100 लोगों को आने की अनुमति दी गई है और इसे देखते हुए भव्य रामलीला का आयोजन कराना कतई संभव नहीं है। | नोएडा. पूरा देश इस वक्त कोरोना महामारी से जूझ रहा है। मार्च से शुरू हुआ कोरोना का प्रकोप अब भी जारी है। आने वाले दिनों में त्योहारों का समय शुरू हो जाएगा। सरकार को चिंता है कि इस दौरान घर से बाहर निकलने पर लोग कोरोना संक्रमण का शिकार न हो जाएं और ऐसे मामलों कि संख्या में एकदम से इजाफा न होने लगे। इसी वजह से इस साल दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर में रामलीला का आयोजन नहीं किया जाएगा और विजयदशमी का पर्व भी प्रतीकात्मक तौर पर मनाया जाएगा। आयोजकों ने इसबात की जानकारी दी।नोएडा सेक्टर-21ए स्थित श्रीसनातन धर्म रामलीला समिति, सेक्टर-46 में श्रीराम लखन धार्मिक लीला समिति तथा सेक्टर- 62 में श्रीराम मित्र मंडल रामलीला समिति प्रत्येक वर्ष भव्य रामलीला का आयोजन करती है। संक्रमण के कारण शहर की सभी प्रमुख समितिओं ने रामलीलाओं का मंचन नहीं करने का निर्णय लिया है।श्री सनातन धर्म रामलीला समिति के महासचिव संजय बाली ने बताया कि संक्रमण को लेकर जारी दिशा निर्देशों के मुताबिक आयोजन में केवल 100 लोगों को आने की अनुमति दी गई है और इसे देखते हुए भव्य रामलीला का आयोजन कराना कतई संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि समिति के सदस्य भगवान श्रीराम की प्रतिदिन आरती करेंगे और विजयदशमी के दिन प्रतीकात्मक तौर पर रावण, कुंभकरण, मेघनाथ के छोटे पुतलों का दहन किया जाएगा। श्रीराम लखन धार्मिक लीला समिति के महासचिव राघवेंद्र दुबे ने बताया कि संक्रमण के कारण इस बार रामलीला का आयोजन नहीं किया जाएगा। (भाषा) |
hindi_2022_11274 | पंजाब बीजेपी के नेताओं ने अकाली दल के NDA छोड़ने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया | NDA के साथ संबंध तोड़ने के अकाली दल के फैसले को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए पंजाब के वरिष्ठ बीजेपी नेता मनोरंजन कालिया और मास्टर मोहन लाल ने रविवार को कहा कि पार्टी 2022 के पंजाब चुनावों में अकेले चुनाव लड़ने और जीतने में सक्षम है। | चंडीगढ़: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ संबंध तोड़ने के शिरोमणि अकाली दल के फैसले को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए पंजाब के वरिष्ठ बीजेपी नेता मनोरंजन कालिया और मास्टर मोहन लाल ने रविवार को कहा कि पार्टी 2022 के पंजाब चुनावों में अकेले चुनाव लड़ने और जीतने में सक्षम है। अकाली दल ने शनिवार रात को कृषि विधेयकों के मुद्दे पर एनडीए छोड़ने का ऐलान किया था। विपक्षी दलों के विरोध के बीच संसद में पारित किए गए 3 कृषि विधेयकों के खिलाफ पंजाब में किसानों के बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने यह घोषणा की।‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने संबंध तोड़ दिया’SAD के NDA से नाता तोड़ने के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोरंजन कालिया ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने लंबे समय से चले आ रहे संबंध को तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि अकाली दल में पीढ़ीगत बदलाव हुआ है क्योंकि सुखदेव सिंह ढींडसा, रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा और सेवा सिंह सेखवान जैसे कई वरिष्ठ नेताओं ने शिरोमणि अकाली दल छोड़ दिया है, जो कभी पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल के करीबी थे और उनके साथ काम करते थे। कालिया ने कहा, ‘अब, दूसरी पीढ़ी ने कार्यभार संभाल लिया है और कुछ नेता अधिक प्रतिक्रियाशील हैं।’‘प्रकाश सिंह बादल का यू-टर्न लेना दुर्भाग्यपूर्ण’कालिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को साथ लेकर चलने की कोशिश की और उन्होंने इसका एक उदाहरण दिया कि 2007 में उपमुख्यमंत्री का पद गठबंधन सहयोगी अकाली दल को दिया गया था जब पंजाब में बीजेपी के अच्छे प्रदर्शन के कारण सरकार बनी थी। कालिया ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भी इसके पक्ष में बयान दिया, लेकिन बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। कालिया ने कृषि विधेयकों का बचाव करते हुए कहा कि ये किसानों के हित में हैं। साल 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के बारे में पूछे जाने पर, कालिया ने कहा कि पार्टी अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।‘हम चुनाव लड़ेंगे और जरूर सरकार बनाएंगे’कालिया ने कहा, ‘हम तैयार हैं। हम (चुनाव) लड़ेंगे और हम निश्चित रूप से सरकार बनाएंगे।’ भारतीय जनता पार्टी के एक अन्य नेता मास्टर मोहन लाल ने अकालियों के एनडीए से बाहर निकलने के कदम को 'जल्दबाजी में लिया गया निर्णय' बताया। लाल ने कहा कि अकालियों को भाजपा के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आता कि अकालियों की मजबूरियां क्या थीं और उन्होंने यह फैसला क्यों लिया।’ पूर्व मंत्री ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल और भाजपा ने पंजाब में विकास, शांति और सद्भाव के लिए गठबंधन किया था। (भाषा) |
hindi_2022_11275 | बीजेपी ने सर्बानंद सोनोवाल, मुरुगन को राज्यसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया | सर्बानंद सोनोवाल और एल मुरुगन को राज्यसभा उपचुनावों के लिए क्रमश: असम तथा मध्य प्रदेश से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। पार्टी के एक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई। दोनों नेताओं को हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद में शामिल किया है। उन्हें छह महीने के अंदर संसद सदस्य बनना होगा। | नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को केंद्रीय मंत्रियों सर्बानंद सोनोवाल और एल मुरुगन को राज्यसभा उपचुनावों के लिए क्रमश: असम तथा मध्य प्रदेश से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। पार्टी के एक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई। दोनों नेताओं को हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद में शामिल किया है। उन्हें छह महीने के अंदर संसद सदस्य बनना होगा। सोनोवाल और मुरुगन का राज्यसभा में आना लगभग तय है क्योंकि भाजपा को दोनों राज्यों की विधानसभा में बहुमत प्राप्त है। असम में बिस्वजीत दैमारी के इस्तीफा देने से राज्यसभा की एक सीट खाली हो गयी थी। दैमारी विधानसभा अध्यक्ष बने हैं। मध्य प्रदेश में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत के इस्तीफे के बाद उच्च सदन की एक सीट खाली हो गयी जिन्हें कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है। |
hindi_2022_11276 | उत्तर प्रदेश के पूर्व CM कल्याण सिंह की हालत गंभीर बनी हुई है: अस्पताल | संक्रमण की वजह से लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में भर्ती उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह अब भी जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं और उनकी सेहत में कोई बदलाव नहीं आया है। | लखनऊ: संक्रमण की वजह से लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में भर्ती उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह अब भी जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं और उनकी सेहत में कोई बदलाव नहीं आया है। एसजीपीजीआई द्वारा शनिवार को जारी बुलेटिन में बताया कि "राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं और उनकी सेहत में कोई बदलाव नहीं आया है।"बयान में कहा गया है कि वह क्रिटिकल केयर मेडिसिन, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी एवं कार्डियोलॉजी विभागों के वरिष्ठ चिकित्सकों की देखरेख में हैं। संस्थान के निदेशक प्रो आर के धीमान उनके स्वास्थ्य से जुड़े सभी पहलुओं पर कड़ी नजर रखे हुए हैं।गौरतलब है कि 89 वर्षीय कल्याण सिंह को पिछली चार जुलाई को संक्रमण और हल्की बेहोशी की वजह से एसजीपीजीआई के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। इससे पहले उनका इलाज डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल में किया जा रहा था। |
hindi_2022_11277 | Air India की महिला पायलट भरेंगी दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग पर उड़ान, जोया बोलीं- अलग अनुभव होगा | एयर इंडिया (Air India) की महिला पायलट (All-Women Pilot Team) की एक टीम को दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग पर उड़ान भरने जा रही है। यह टीम दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग पर उत्तरी ध्रुव के ऊपर उड़ान भरेगी। | नई दिल्ली: एयर इंडिया (Air India) की महिला पायलट (All-Women Pilot Team) की एक टीम को दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग पर उड़ान भरने जा रही है। यह टीम दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग पर उत्तरी ध्रुव के ऊपर उड़ान भरेगी। यह सैन फ्रांस्सिको (एसएफओ) से उड़ान भरेंगी और 9 जनवरी को बेंगलुरु पहुंचेगी। इस उड़ान से लगभग 16,000 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी।एयर इंडिया के एक अधिकारी ने बताया कि 'उत्तरी ध्रुव (North Pole) के ऊपर से उड़ान भरना बहुत चुनौतीपूर्ण होता है। इस मार्ग के लिए एयरलाइन कंपनियां अपने अनुभवी और सर्वश्रेष्ठ पायलटों को भेजती हैं। एयर इंडिया ने इस बार एक महिला कप्तान को सैन फ्रांस्सिको से बंगलुरू जाने के लिए ध्रुवीय मार्ग से यात्रा की जिम्मेदारी दी है।' जोया अग्रवाल फ्लाइट की कमांडिंग कप्तान होंगी।समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, कैप्टन जोया अग्रवाल ने कहा, "यह पहली बार है जब पायलटों की ऐसी टीम, जिसमें सिर्फ महिलाएं होंगी, वह उत्तरी ध्रुव के ऊपर से उड़ान भरेगी। यह एक तरह से इतिहास रचना होगा। यह करना किसी भी पेशेवर पायलट के लिए सपने की तरह है, जो सच होने जा रहा है। मुझे गर्व है कि मेरी टीम में कैप्टन पापागारी, आकांक्षा सोनावने और शिवानी मन्हास जैसी अनुभवी कैप्टन हैं।"उड्डयन विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तरी-ध्रुव पर उड़ान भरना बहुत टेक्निकल और चुनौतीपूर्ण है। इसके लिए कौशल और अनुभव की जरूरत होती है। कप्तान जोया अग्रवाल ने कहा कि महिला पायलटों के लिए वास्तव में यह एक अलग एहसास होगा, जब वह उत्तरी ध्रुव से गुजरेंगी। जोया अग्रवाल ने अपने बारे में बताया कि वह 2013 में बोइंग -777 उड़ाने वाली सबसे कम उम्र की महिला पायलट थी।(इनपुट- ANI) |
hindi_2022_11278 | पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र पर निशाना, कहा- कोरोना वैश्विक महामारी से निपटने के प्रयासों में UN कहां है? | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को ऑनलाइन संबोधित करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। कोरोना वायरस महामारी के कारण संयुक्त राष्ट्र महासभा का आयोजन ऑनलाइन किया जा रहा है। | नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि 21वीं सदी में दुनिया के सामने चुनौतियां काफी अलग हैं, इसलिए विश्व समुदाय के सामने यह बहुत बड़ा सवाल है कि जिस संस्था का गठन अपने समय की समस्याओं को देखते हुए हुआ था, क्या वह आज को देखते हुए प्रासंगिक है। प्रधानमंत्री नोदी ने अपने भाषण में कोरोना वायरस महामारी को लेकर भी यूएन के एक्शन पर सवाल उठाए। उन्होनें कहा कि पिछले 8-9 महीने से पूरा विश्व कोरोना वैश्विक महामारी से संघर्ष कर रहा है। इस वैश्विक महामारी से निपटने के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र कहां है? एक प्रभावशाली रिस्पांस कहां है? संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रियाओं में बदलाव, व्यवस्थाओं में बदलाव, स्वरूप में बदलाव, आज समय की मांग है। |
hindi_2022_11279 | विदेशों को वैक्सीन निर्यात फिलहाल नहीं बढ़ाएगा भारत, घरेलू जरूरत पूरी करने पर ध्यान: सूत्र | दुनियाभर के करीब 80 देशों को भारत वैक्सीन की सप्लाई कर चुका है और 6 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन के डोज एक्सपोर्ट हो चुके हैं। इसमें वह एक्सपोर्ट सप्लाई भी शामिल जिसे COVAX करार के तहत भारत ने दुनिया के अलग अलग देशों को भेजा है। | नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए भारत ने फिलहाल तय किया है कि विदेशों को वैक्सीन के निर्यात को बढ़ाया नहीं जाएगा। मामले की पूरी जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि वैक्सीन की घरेलू जरूरत को देखते हुए फिलहाल इसका निर्यात बढ़ाने पर फोकस नहीं है। हालांकि वैक्सीन निर्यात के लिए पहले से जितने भी कॉन्ट्रेक्ट हो चुके हैं उनके तहत वैक्सीन की सप्लाई होती रहेगी और कोरोना से लड़ने में भारत दुनिया के अलग अलग देशों की मदद भी करता रहेगा। दुनियाभर के करीब 80 देशों को भारत वैक्सीन की सप्लाई कर चुका है और 6 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन के डोज एक्सपोर्ट हो चुके हैं। इसमें वह एक्सपोर्ट सप्लाई भी शामिल जिसे COVAX करार के तहत भारत ने दुनिया के अलग अलग देशों को भेजा है। लेकिन अब वैक्सीन की घरेलू मांग पर भारत फोकस कर रहा है और निर्यात पर घरेलू मांग को ध्यान में रखते हुए ही विचार किया जाएगा। भारत में कोरोना वैक्सीन से वैक्सिनेशन की शुरुआत 16 जनवरी से हुई है और 20 जनवरी से भारत ने दुनिया के अलग अलग देशों को वैक्सीन का एक्सपोर्ट करना भी शुरू कर दिया है। शुरुआत में भारत ने अपने पड़ौसी देशों को वैक्सीन भेजी है और उसके बाद दुनिया के अलग-अलग देशों में वैक्सीन की सप्लाई की गई है। अबतक भारत दुनिया के लगभग 80 देशों को वैक्सीन भेज चुका है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से भारत में भी कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैला है और अब घरेलू स्तर पर वैक्सिनेशन को बढ़ाने की मांग हो रही है। इसी मांग को ध्यान में रखते हुए पहली अप्रैल से उन सभी लोगों को वैक्सीन लगवाने की अनुमति दे दी गई है जिनकी आयु 45 वर्ष से ऊपर है। 16 जनवरी को जब वैक्सिनेशन की शुरुआत हुई थी तब सबसे पहले फ्रंट लाइन वारियर्स और 60 वर्ष से ऊपर की आयु के लोगों को वैक्सीन लगवाने की अनुमति दी गई थी, उसके बाद पहली मार्च से उन लोगों को भी अनुमति दे दी गई थी जिनकी आयु 45 वर्ष से ऊपर है और साथ में वे को-मॉर्बिड हैं, लेकिन अब को-मॉर्बिड होने की शर्त को भी हटा लिया गया है और पहली अप्रैल से उन सभी लोगों को वैक्सीन लगवाने की अनुमति है जिनकी आयु 45 वर्ष से ऊपर है। |
hindi_2022_11280 | 75 के हुए नवीन पटनायक, कोविंद, नायडू, मोदी ने दी जन्मदिन पर बधाई | ओडिशा के लोकप्रिय मुख्यमंत्री के 75 साल में प्रवेश करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर नवीन पटनायक को जन्मदिन की शुभकामना देने के साथ ही स्वस्थ एवं दीर्घायु होने की कामना की है। पटनायक 75 वर्ष के हो गए। | भुवनेश्वर: ओडिशा के लोकप्रिय मुख्यमंत्री के 75 साल में प्रवेश करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर नवीन पटनायक को जन्मदिन की शुभकामना देने के साथ ही स्वस्थ एवं दीर्घायु होने की कामना की है। पटनायक 75 वर्ष के हो गए। बता दें कि प्रदेश एवं देश में फैली कोरोना महामारी के कारण नवीन पटनायक ने आज अपना 75वां जन्मदिन नहीं मनाया।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर पटनायक को फोन पर बधाई दी। प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके भी बीजद अध्यक्ष को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक जी को जन्मदिन की बधाई। उनके लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना करता हूं।’’ पटनायक ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह कोविड-19 संकट को देखते हुए इस साल किसी समारोह में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने अपनी पार्टी के सदस्यों, समर्थकों और शुभचिंतकों को सलाह दी थी कि वे उनके जन्मदिन पर जरूरतमंदों की मदद करें। विभिन्न दलों के नेताओं ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पटनायक को उनके जन्मदिन पर बधाई दी। इन नेताओं में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और धर्मेंद्र प्रधान शामिल थे। वहीं त्रिपुरा, नगालैंड और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी पटनायक के स्वस्थ एवं लंबे जीवन के लिए प्रार्थना की। कलाकार सुदर्शन पटनायक ने मुख्यमंत्री पटनायक को बधाई देने के लिए रेत पर उनकी आकृति बनायी। इससे पहले भी पटनायक कई बार अपने जन्मदिन समारोहों में शामिल नहीं हुए हैं। पटनायक पिछले वर्ष भी समारोहों में शामिल नहीं हुए थे जब राज्य में चक्रवात ‘फोनी’ आया था। पटनायक अपने पिता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक के निधन के बाद 1997 में राजनीति में आये थे। उन्होंने 2000 में ओडिशा की सत्ता संभाली थी और उसके बाद से मुख्यमंत्री के पद पर हैं। |
hindi_2022_11281 | 30 साल देश की सेवा करने के बाद अंतिम सफर पर निकला INS विराट, जानें पूरी कहानी | भारतीय नौसेना का सेवामुक्त विमानवाहक युद्धपोत INS विराट शनिवार को अपनी अंतिम समुद्री यात्रा पर गुजरात स्थित अलंग के लिए रवाना हुआ। अलंग में इस जहाज को टुकड़े-टुकड़े करने के बाद कबाड़ के रूप में बेच दिया जाएगा। | मुंबई: भारतीय नौसेना का सेवामुक्त विमानवाहक युद्धपोत INS विराट शनिवार को अपनी अंतिम समुद्री यात्रा पर गुजरात स्थित अलंग के लिए रवाना हुआ। अलंग में इस जहाज को टुकड़ों में काटकर कबाड़ के रूप में बेच दिया जाएगा। विशालकाय युद्धपोत विराट को पूर्व नौसैनिकों ने गेटवे ऑफ इंडिया से भावभीनी विदाई दी। मार्च 2017 में सेवामुक्त किए जाने के बाद नौसेना डॉकयार्ड से विराट की अंतिम यात्रा की शुरुआत हो गई थी। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि विराट को शुक्रवार को ही जाना था लेकिन कुछ कारणों से एक दिन का विलंब हुआ।पहले ब्रिटेन की शाही नौसेना में था यह शानदार युद्धपोतINS विराट मूल रूप से ब्रिटेन की रॉयल नेवी में HMS हरमेस नामक युद्धपोत था। भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने के बाद इसका नाम भारतीय नौसैनिक पोत (INS) विराट रखा गया था। यह पोत मुंबई में 2017 में सेवामुक्त होने से पहले 30 वर्षों तक भारतीय नौसेना की सेवा में था। यह भारतीय बेड़े में एकमात्र युद्धपोत था जिसने ब्रिटेन की शाही नौसेना और बाद में भारतीय नौसेना में सेवा दी थी। तत्कालीन ब्रिटेन निर्मित जहाज ने 2258 दिनों तक समुद्र में रहकर भारतीय नौसेना की सेवा की और 5,90,000 समुद्री मील और 22,622 घंटे देश की सेवा में उड़ान संचालन को कवर किया।नहीं सफल हुई INS विराट को संग्रहालय बनाने की कोशिशविराट को संग्रहालय बनाने का प्रयास किया गया था लेकिन वह सफल नहीं हुआ। एमएसटीसी लिमिटेड द्वारा की गई एक नीलामी में इस जहाज को गुजरात के अलंग की श्रीराम ग्रीन शिप रिसाइक्लिंग इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा 38.50 करोड़ रुपये में खरीदा गया और इसी ग्रुप ने इस युद्धपोत के विघटन की जिम्मेदारी ली है। एक अधिकारी ने कहा कि कंपनी के उच्च क्षमता वाले पोत विराट को समुद्र में खींच कर अलंग ले जा रहे हैं और इस गंतव्य तक पहुंचने में 2 दिन लगेंगे। अलंग में पोत का विघटन करने का विश्व का सबसे बड़ा यार्ड है।बेहद शानदार रहा है INS विराट का रिकॉर्ड'HMS हर्मिस' के रूप में इस युद्धपोत ने नवंबर 1959 से अप्रैल 1984 तक ब्रिटिश नौसेना की सेवा की थी। साल 1974 में प्रिंस चार्ल्स ने 'HMS हर्मिस' पर सवार 845 नेवल एयर स्क्वॉड्रन उड़ाए थे। बाद में इसे भारतीय नौसेना में ‘INS विराट' के रूप में मई 1987 में व्यापक नवीनीकरण और इसकी युद्धक क्षमताओं को बढ़ाने के बाद शामिल किया गया था। करीब 1,500 क्रू दल के साथ वह लड़ाकू-तैयार हवाई जहाजों और हेलीकाप्टरों का एक बड़ा भार उठा सकता था। इसने अक्टूबर 2001-जुलाई 2002 में ऑपरेशन पराक्रम में भाग लिया, 18 जुलाई से 17अगस्त, 1989 तक श्रीलंका में ऑपरेशन पवन में भाग लिया, और अपने लंबे समुद्री करियर में उसने कई अन्य असाधारण उपलब्धियां हासिल की थीं।‘पुराने पोत कभी मरते नहीं, अमर होते हैं’रक्षा मंत्रालय के मुंबई स्थित जनंसपर्क कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘एक युग का अंत। भारतीय नौसेना के इतिहास का गौरवशाली अध्याय। युद्धपोत मुंबई से अपनी अंतिम यात्रा के लिए निकल रहा है। पुराने पोत कभी मरते नहीं। वे अमर होते हैं।’ विराट के अलावा भारतीय नौसेना के एक अन्य विमानवाहक युद्धपोत विक्रांत को भी संग्रहालय बनाने का प्रयास विफल रहा था। सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों ने इसको लेकर पूर्ववर्ती सरकारों की आलोचना की। उनका कहना था कि युद्धपोत को कबाड़ के रूप में बेचने से अच्छा था कि उन्हें संग्रहालय बनाकर देश की सामुद्रिक शक्ति की धरोहर को सुरक्षित रखा जाता। |
hindi_2022_11282 | राजस्थान: 5 दिन से लापता थीं ग्राम प्रधान, अचानक प्रेमी के साथ लौटीं | राजस्थान के बाड़मेर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां घर से लापता हुई ग्राम प्रधान पांच दिन बाद अचानक प्रेमी के साथ लौट आईं जिसके बाद पूरे इलाके में यह मामला चर्चा का विषय बन गया। | बाड़मेर: राजस्थान के बाड़मेर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां घर से लापता हुई ग्राम प्रधान पांच दिन बाद अचानक प्रेमी के साथ लौट आईं जिसके बाद पूरे इलाके में यह मामला चर्चा का विषय बन गया। बता दें कि यह पूरा मामला बाड़मेर के समदड़ी का है, यहां पांच दिन पहले बीजेपी नेता और ग्राम प्रधान पिंकी चौधरी अचानक ही लापता हो गई थीं जिसके बाद प्रधान के पिता ने थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।पढ़ें- भगवान राम को काल्पनिक बताना सपा नेता को पड़ा भारीलापता होने के 5 दिन बाद प्रधान पिंकी चौधरी रविवार को अपने प्रेमी अशोक चौधरी के साथ अपने घर वापस लौटीं तो सब हैरान हो गए। प्रधान पिंकी चौधरी ने पुलिस के पास अपना बयान भी दर्ज करवाया, जिसमें उन्होंने पूरी कहानी पुलिस को बताई। पिंकी ने अपने ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने कहा कि वह अब ना तो मायके जाना चाहती हैं और ना ही ससुराल। वह तलाक लेना चाहती हैं और लिव इन रिलेशनशिप में अशोक चौधरी के साथ रहना चाहती हैं।पढ़ें- Coronavirus: Plasma Therapy को लेकर WHO ने कही ये बातसाथ ही यह भी बात सामने आई है कि लापता होने के दौरान ही पिंकी ने पुलिस को ईमेल भेजकर पति और ससुर पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं इसके बाद रविवार दोपहर वह अपने गांव पहुंचीं तो ना ही वह ससुराल गईं और ना ही मायके। वह तलाक लेने की बात कर रही हैं और गांव में रहने वाले अशोक चौधरी के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहती हैं। उसने यह भी बताया कि जब तक तलाक ना हो तब तक उसी के घर पर रहेंगी।पढ़ें- रायगढ़: 5 मंजिला इमारत गिरी, मलबे में 70 से 80 लोगों के दबे होने की आशंकापुलिस को पिंकी ने बताया कि वह अपनी मर्जी से घर से निकली थीं और अपनी मर्जी से अब वह लौट आई हैं। अब वह अपने प्रेमी के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहती हैं और पति से तलाक होने के बाद शादी को लेकर विचार करेगी। हालांकि ग्राम प्रधान ने यह जरूर कहा कि वह ससुराल वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चाहती हैं, बस अपने पति से तलाक लेना चाहती हैं।इंटरनेट स्पीड को लेकर बना ये नया विश्व रिकॉर्ड, 1 सेकेंड से कम समय में डाउनलोड कर सकते हैं पूरा Netflix उधर थानाधिकारी मीठालाल चौहान ने अपने बयान में बताया कि प्रधान पिंकी चौधरी ने अपने ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उसने बताया है कि उस पर सामाजिक दबाव डाला जा रहा है। |
hindi_2022_11283 | रेलवे ने की 85 ट्रेनें रद्द, 22 आंशिक तौर पर रद्द, 12 रीशेड्यूल की गई, 10 कोहरे के कारण लेट | भारतीय रेलवे ने देशभर में मंगलवार को कई ट्रेनों का परिचालन रद्द किया है तो कई के रूट में बदलाव किया है। रेलवे के मुताबिक 22 ट्रेनों को आंशिक तौर पर रद्द किया गया है। 5 ट्रेनों के रूट डायवर्ट कर उसमें बदलाव किए गए हैं जबकि 385 ट्रेनें पूरी तरह रद्द कर दी गई हैं। | नई दिल्ली: रेलवे ने मंगलवार को देशभर में 385 ट्रेनों को पूरी तरह रद्द कर दिया है जबकि 5 ट्रेनों के रूट में बदलाव किया है। 22 रेलगाड़ियां आंशिक तौर पर रद्द की गई और 10 ट्रेनें कोहरे के कारण लेट रहीं। 12 ट्रेनों को रीशेड्यूल भी किया गया है। भारतीय रेल देश की लाइफलाइन है। देशभर में लाखों यात्री रोज रेल सफर करते हैं। भारतीय रेलवे ने देशभर में मंगलवार को कई ट्रेनों का परिचालन रद्द किया है तो कई के रूट में बदलाव किया है। रेलवे के मुताबिक 22 ट्रेनों को आंशिक तौर पर रद्द किया गया है। 5 ट्रेनों के रूट डायवर्ट कर उसमें बदलाव किए गए हैं जबकि 385 ट्रेनें पूरी तरह रद्द कर दी गई हैं। वहीं 12 ट्रेनों को रीशेड्यूल किया गया है।दरअसल उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। सर्दी की वजह से सुबह के समय घना कोहरा छाया रहता है, जिसका असर ट्रेनों के आवागमन पर पड़ रहा है, मंगलवार को 10 ट्रेनें कोहरे के कारण लेट रहीं। नई दिल्ली आने वाली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से 2 घंटे 15 मिनट देरी से चल रही है। सहरसा - नई दिल्ली हमसफर स्पेशल ट्रेन अपने निर्धारित समय से 1 घंटे 15 मिनट देरी से चल रही है। ट्रेन संख्या 12451 कामपुर - नई दिल्ली श्रम शक्ति सुपरफास्ट एक्सप्रेस 1 घंटे 15 मिनट देरी से चल रही है। ट्रेन संख्या 12303 हावड़ा - नई दिल्ली पूरवा सुपरफास्ट एक्सप्रेस 1 घंटे 45 मिनट देरी से चल रही है। ट्रेन संख्या 12427 रीवा- आनंद विहार सुपरफास्ट एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से 1 घाटे देरी से चल रही है।फैजाबाद- पुरानी दिल्ली निर्धारित समय से 1 घंटे 45 मिनट देरी से चल रही है। ट्रेन संख्या 12557 मुजफ्फरपुर से आनंद विहार आने वाली सप्त क्रांति एक्स्प्रेस 1 घंटे देरी से चल रही है। भोपाल (रानी कमलापति) से हजरत निजामुद्दीन आने वाली शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से 1 घंटे देरी से चल रही है। बेंगलूरु से हजरत निजामुद्दीन आने वाली राजधानी एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से 1 घंटे 30 मिनट देरी से चल रही है।इसके साथ ही पश्चिम रेलवे के अहमदाबाद मंडल के जखवाड़ा स्टेशन पर नॉन इंटरलॉकिंग के चलते राजकोट मंडल से होकर चलने वाली कुछ ट्रेनें पूरी तरह से रद्द रहेंगी। बुधवार को ट्रेन संख्या 19119 अहमदाबाद-सोमनाथ एक्सप्रेस पूरी तरह से रद्द रहेगी। ट्रेन संख्या 22959 वडोदरा-जामनगर इंटरसिटी एक्सप्रेस 19 जनवरी को पूरी तरह से रद्द रहेगी। इसके साथ ही सोमनाथ-अहमदाबाद एक्सप्रेस बुधवार को भी रद्द रहेगी। वहीं 20 जनवरी को भी ट्रेन संख्या 22960 जामनगर-वडोदरा इंटरसिटी एक्सप्रेस पूरी तरह से रद्द रहेगी।जो रेलगाड़िया आंशिक तौर पर रद्द की गई हैं, उनमें ट्रेन संख्या 19320 इंदौर-वेरावल एक्सप्रेस ट्रेन अहमदाबाद स्टेशन पर शॉर्ट टर्मिनेट होगी तथा अहमदाबाद और वेरावल के बीच मंगलवार को आंशिक रूप से रद्द रहेगी। इसके साथ ही वेरावल-इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन बुधवार को भी अहमदाबाद के बीच आंशिक रूप से रद्द रहेगी।(इनपुट- एजेंसी) |
hindi_2022_11284 | NEET PG Counselling: सुप्रीम कोर्ट से रेजिडेंट डॉक्टर्स को मिली राहत, जारी रहेगा EWS कोटा | सुप्रीम कोर्ट ने इस सत्र के लिए सरकार की 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण योजना को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा NEET एडमिशन में EWS कैटेगरी के लिए भी 10 प्रतिशत ऑल-इंडिया कोटा (AQI) को भी मंजूरी मिल गई है। | NEET PG Counselling: सुप्रीम कोर्ट ने नीट OBC, EWS कोटा मामले पर अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस सत्र के लिए सरकार की 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण योजना को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा NEET एडमिशन में EWS कैटेगरी के लिए भी 10 प्रतिशत ऑल-इंडिया कोटा (AQI) को भी मंजूरी मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस सत्र के लिए जारी आरक्षण को मंजूरी देते हुए कहा कि आगे के सेशन के लिए कोटा सीटों पर आरक्षण के मामले पर कोर्ट मार्च के महीने में सुनवाई करेगा।गौरतलब है कि रेजिडेंट डॉक्टर्स लंबे समय से काउंसलिंग शुरू करने की मांग कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद PG काउंसलिंग और एडमिशन का रास्ता साफ हो गया है। MCC बहुत जल्द काउंसलिंग की डेट्स जारी कर सकता है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिए नीट पीजी की काउंसलिंग पहले के मानदंडों के आधार पर ही होगी। पीठ ने कहा कि आने वाले वर्षों में ईडब्ल्यूएस के लिए आठ लाख की आय संबंधी मानदंड की वैधता पर निर्णय याचिकाओं पर सुनाई के बाद ही लिया जाएगा। पीठ ने याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच मार्च की तारीख तय की है।केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ से कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का आरक्षण असंवैधानिक है, यह कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं है। मेहता ने कहा, ‘सबसे पहले, मैं इस भ्रम को दूर करना चाहता हूं कि खेल के नियमों में बीच में बदलाव हुआ है। हम ‘गोलपोस्ट’ नहीं बदल रहे हैं। खेल के नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जिस विषय को चुनौती दी गई है वह 2019 से ही लागू है।’कुछ उम्मीदवारों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने कहा था कि अगर शीर्ष अदालत इस साल नीट-एआईक्यू में ईडब्ल्यूएस आरक्षण की अनुमति देना चाहती है तो यह मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एस.आर.सिन्हा द्वारा अनुशंसित 2.5 लाख रुपये वार्षिक आय मानदंड पर आधारित होना चाहिए, न कि केंद्र द्वारा निर्धारित आठ लाख रुपये की सकल वार्षिक आय सीमा होनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और शुक्रवार को इस मामले पर अपना फैसला सुना दिया है। |
hindi_2022_11285 | विहिप ने हाथरस घटना पर पारित किया 4 सूत्रीय प्रस्ताव, फांसी की मांग उठाई | विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने हाथरस में दरिंदगी की शिकार बिटिया के परिवार वालों को सुरक्षा देने की मांग उठाई है। विहिप ने कहा है कि घटना की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कर हत्यारों को शीघ्र फांसी पर लटकाया जाए। | कासगंज: विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने हाथरस में दरिंदगी की शिकार बिटिया के परिवार वालों को सुरक्षा देने की मांग उठाई है। विहिप ने कहा है कि घटना की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कर हत्यारों को शीघ्र फांसी पर लटकाया जाए। कासगंज में शुक्रवार को हुई विहिप के बृज प्रांत की बैठक में बोलते हुए विहिप के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि बेटियों की सुरक्षा और मजबूत करने के लिए हम समाज को जागरूक कर उनके आत्म रक्षार्थ प्रशिक्षण कार्यक्रमों में और तेजी लाएंगे।उन्होंने कहा कि यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारी बेटियों को दरिंदे उठा ले जाते हैं और समाज मूकदर्शक बना रहता है। हम इन सब स्थितियों को ठीक करेंगे।बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि देश में विभिन्न स्थानों पर हो रहीं महिला उत्पीड़न व दुष्कर्म की घटनाएं चिंताजनक हैं। हाल ही में हाथरस जिले में हुई घटना ने तो सम्पूर्ण देश को हिला कर रख दिया है। विश्व हिन्दू परिषद बृज प्रांत की प्रांत बैठक में बहन- बेटियों की सुरक्षा के लिए लोगों से आगे आने की अपील की गई। इस दौरान दुर्गा वाहिनी की ओर से बेटियों के आत्म रक्षार्थ संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम में तेजी लाने का निर्णय हुआ।इस दौरान विहिप ने चार सूत्रीय मांगपत्र राज्य सरकार के सामने रखा। विहिप ने पीड़ित परिवार को सुरक्षा और उचित मुआवजा, घटना की जांच शीघ्र पूरी कर, मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई करने की मांग उठाई। हत्यारों को जल्द से जल्द फांसी की सजा देने के साथ भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की मांग की।कासगंज के विक्रम गेट स्थित राव महेंद्र सिंह सरस्वती शिशु मंदिर में हुई इस बैठक में विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री राघवल्लू, क्षेत्रीय संगठन मंत्री मनोज वर्मा, प्रांत मंत्री राजीव सिंह सहित प्रांत की टोली, जिलों के अध्यक्ष, मंत्री, बजरंगदल व दुर्गा वाहिनी पदाधिकारी उपस्थित रहे। |
hindi_2022_11286 | आईबीएसए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ एनएसए अजीत डोभाल ने बैठक की | जारी बयान में कहा गया है कि आईबीएसए देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की यह पहली ऐसी बैठक थी जो दुनिया में बढ़ती राजनीतिक और सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग की अहमियत को दर्शाती है। | नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बुधवार को आईबीएसए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की एक उद्घाटन बैठक की मेजबानी की। विदेश मंत्रालय ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित इस बैठक में समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध और साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। सुरक्षा सलाहकारों ने सहमति व्यक्त की कि आतंकवाद, विशेष रूप से, राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद मौजूदा वक्त में वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है और इसे एकजुट प्रयासों के माध्यम से लड़ा जाना चाहिए। इस दौरान वे खुफिया जानकारी साझा करने, संबंधित राष्ट्रीय एजेंसियों के बीच आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए। बैठक में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में क्षमता निर्माण की दिशा में एक दूसरे का सहयोग करने पर बल दिया गया। तीनों देशों के प्रतिनिधि साइबर सुरक्षा में व्यावहारिक सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए और साइबर सुरक्षा पर विशेषज्ञ समूह की बैठक आयोजित करने के भारत के प्रस्ताव को स्वीकार किया।यह बैठक अगले आईबीएसए नेताओं के शिखर सम्मेलन की तैयारियों की प्रक्रिया के रूप में बुलाई गई थी। आईबीएसए नेताओं का शिखर सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाले इस शिखर सम्मेलन की थीम 'जनसांख्यिकी और विकास के लिए लोकतंत्र' है।जारी बयान में कहा गया है कि आईबीएसए देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की यह पहली ऐसी बैठक थी जो दुनिया में बढ़ती राजनीतिक और सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग की अहमियत को दर्शाती है। मालूम हो कि इस मंच के भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका तीन बड़े विकासशील और सदस्य देश हैं जो तीन अलग-अलग महाद्वीपों में मौजूद हैं और लोकतंत्र और बहुलवाद के समान मूल्यों से बंधे हुए हैं। ये सभी समुद्री राष्ट्र भी हैं।ये भी पढ़ें |
hindi_2022_11287 | स्वतंत्रता दिवस पर केजरीवाल की 3 अपील, आचरण और वातावरण रखें क्लीन | स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली सचिवालय में आयोजित विशेष कार्यक्रम में कोरोना योद्धाओं को आमंत्रित किया गया। इन कोरोना योद्धाओं में प्रशासनिक, चिकित्सा, नर्सिग, पुलिस, सिविल डिफेंस और सफाई कर्मचारी अपने बाकी साथियों के प्रतिनिधियों के तौर पर शामिल हुए। | नई दिल्ली. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली वासियों से तीन अपील की हैं। अपनी अपील के माध्यम से मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार और प्रदूषण रोकने की बात कही। अपने इस अभियान के लिए केजरीवाल ने दिल्ली वालों का साथ मांगा है। इसके साथ ही कोरोना योद्धाओं को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली सचिवालय में सम्मानित किया गया।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "भारत के विकास में हमें भी अपना योगदान देना है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मैं दिल्लीवासियों से तीन अपील करता हूं। इनमें सबसे पहली अपील है भ्रष्टाचार को रोकने में योगदान देना। हम यह निश्चय कर लें कि न तो किसी काम के लिए रिश्वत देंगे और न ही किसी काम के बदले रिश्वत लेंगे।"मुख्यमंत्री ने कहा, "रिश्वत देना और लेना-देश के साथ गद्दारी है। सीमा पर लड़ने वाले हमारे जवानों के साथ गद्दारी है। देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ गद्दारी है।"दूसरी अपील के तहत मुख्यमंत्री ने लोगों से जल, थल एवं वायु प्रदूषण कम करने में सहयोग मांगा। मुख्यमंत्री ने कहा, "प्रदूषण बढ़ाकर हम आने वाली पीढ़ियों का जीवन भी दांव पर लगा रहे हैं, इसलिए हमें ऐसे काम करने चाहिए जिससे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण कम हो सके।"तीसरी अपील के तहत केजरीवाल ने शहर को स्वच्छ रखने में मदद मांगी। मुख्यमंत्री ने कहा, "हम अपना घर या ड्राइंग रूम तो साफ रखते हैं, लेकिन सड़कों का ध्यान नहीं रखते। इस्तेमाल करने के बाद बची हुई चीजों और कचरे को सड़कों पर फेंक देते हैं। इससे हमारा शहर प्रदूषित होता है और गंदगी फैलती है। अपनी उन्नति के लिए हमें अपनी सड़कों और आसपास के इलाकों को भी साफ रखना होगा।"वहीं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली सचिवालय में आयोजित विशेष कार्यक्रम में कोरोना योद्धाओं को आमंत्रित किया गया। इन कोरोना योद्धाओं में प्रशासनिक, चिकित्सा, नर्सिग, पुलिस, सिविल डिफेंस और सफाई कर्मचारी अपने बाकी साथियों के प्रतिनिधियों के तौर पर शामिल हुए।यह वह लोग हैं जो अपनी जान जोखिम में डाल कर कोरोना से प्रभावित लोगों की सेवा कर रहे हैं। दिल्ली सरकार ने कहा, "इनकी मेहनत, लगन और समर्पण की बदौलत ही प्रभावित लोगों को समय पर इलाज, खाना और अन्य राहत सामग्री मुहैया कराई जा सकी और दिल्ली मॉडल की पूरी दुनिया में पहचान बनी। |
hindi_2022_11288 | मानहानि मामले में दिग्विजय सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी, ओवैसी की पार्टी पर लगाया था यह आरोप | कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि के एक मामले में हैदराबाद की एक अदालत ने उसके समक्ष उपस्थित नहीं होने को लेकर सोमवार को गैर जमानती वारंट जारी किया। यह मामला उनके खिलाफ 2017 में दायर किया गया था। | हैदराबाद: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि के एक मामले में हैदराबाद की एक अदालत ने उसके समक्ष उपस्थित नहीं होने को लेकर सोमवार को गैर जमानती वारंट जारी किया। यह मामला उनके खिलाफ 2017 में दायर किया गया था। सांसदों/विधायकों के खिलाफ मामलों पर सुनवाई के लिये गठित विशेष अदालत ने दिग्विजय सिंह के उसके समक्ष उपस्थित होने में विफल रहने के बाद गैर जमानती वारंट जारी किया। सिंह के खिलाफ मानहानि का यह मामला एआईएमआईएम नेता एस ए हुसैन अनवर ने दायर किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि सिंह ने यह कहकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मानहानि की कि हैदराबाद के सांसद की पार्टी वित्तीय लाभों के लिये दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ रही है। याचिकाकर्ता के वकील, मोहम्मद आसिफ अमजद ने कहा कि उन्होंने दिग्विजय सिंह और लेख प्रकाशित करने वाले एक उर्दू दैनिक के संपादक दोनों को कानूनी नोटिस भेजे थे और माफी मांगने को कहा था लेकिन उन दोनों ने जवाब नहीं दिया जिसके बाद उन्होंने अदालत का रुख किया। सुनवाई की पिछली तारीख के दौरान, अदालत ने निर्देश दिया था कि दिग्विजय सिंह और संपादक 22 फरवरी को उसके समक्ष उपस्थित हों। अमजद ने बताया कि संपादक ने ऐसा किया, लेकिन सिंह अदालत में पेश नहीं हुए। अमजद ने कहा कि दिग्विजय सिंह के वकील ने एक याचिका दायर करके चिकित्सा आधार पर उपस्थिति से छूट की मांग की थी, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया और गैर जमानती वारंट जारी किया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई आठ मार्च को तय की है। सिंह के वकील ने कहा कि उन्होंने कार्यवाही को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष पहले ही रोक को बढ़ाने के लिये याचिका दायर कर दी है। सुनवाई की पिछली तारीख के दौरान अदालत ने निर्देश दिया था कि दिग्विजय सिंह और संपादक 22 फरवरी को उसके समक्ष उपस्थित हों। सोमवार को सुनवाई में उर्दू अखबार के संपादक अदालत ें पेश हुए, लेकिन दिग्विजय उपस्थित नहीं हुए। दिग्विजय सिंह के वकील ने एक याचिका दायर करके स्वास्थ्य के आधार पर उपस्थिति से छूट की मांग की थी, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया और गैर जमानती वारंट जारी किया।ये भी पढ़ें /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_11289 | Rajat Sharma’s Blog: सुशांत केस के चश्मदीदों ने जवाबों से ज्यादा सवाल खड़े कर दिए हैं | सवाल उठता है कि सुशांत की मौत के पीछे की वजह क्या थी? CBI को इन सभी सवालों के जवाब ठोस सबूतों के साथ देने होंगे, और यह कोई आसान काम नहीं है। | ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के रहस्य की जांच करने वाले CBI अफसर पहले दिन से ही तेजी से काम करना शुरू कर चुके हैं। उन्होंने इस मामले की अलग-अलग ऐंगल से जांच करने के लिए शुक्रवार को खुद को 5 टीमों में बांटा। पहली टीम ने संदिग्धों से पूछताछ करने का काम शुरू कर दिया है, दूसरी टीम सभी सबूतों और दस्तावेजों की जांच करने में लगी है, तीसरी टीम का काम सबसे अहम है- यह पता लगाना कि क्या इसमें किसी तरह का फाउल प्ले या कवर अप हुआ है, चौथी टीम सुशांत के घर जाकर क्राइम सीन को रीक्रिएट करेगी, और फॉरेंसिक विशेषज्ञों की पांचवी टीम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और विसरा रिपोर्ट की जांच करेगी। साथ ही यह टीम एक डमी टेस्ट भी कर सकती है।पहली टीम उन 4 चश्मदीदों से पूछताछ करेगी जो सुशांत के बेडरूम का दरवाजा तोड़े जाने के वक्त वहां मौजूद थे। ये 4 चश्मदीद हैं- नीरज कुमार, दीपेश सावंत, केशव और सिद्धार्थ पिठानी। इनमें से पहले 3 सुशांत के घरेलू नौकर थे जबकि पिठानी उनका क्रिएटिव मैनेजर था। नीरज वह पहला शख्स है जिससे CBI ने शुक्रवार को पूछताछ की। उससे सुशांत के साथ हुई उनकी आखिरी बातचीत के बारे में पूछा गया जैसे कि अभिनेता ने आखिरी बार क्या खाया या पिया, दरवाजा खोलने की कोशिश किसने की, चाभी वाले को किसने बुलाया, पुलिस को सूचना किसने दी और दरवाजा खुलने पर उसने क्या देखा।इंडिया टीवी के रिपोर्टर सचिन चौधरी ने ताला तोड़ने वाले रफीक से बात की, जिसने कहा कि उसे दोपहर करीब 1 बजे एक फोन आया था कि एक बेडरूम का ताला खोलना है। जब वह वहां गया, तो उसने कमरे के बाहर 3-4 लोगों को खड़े देखा। रफीक ने उन्हें बताया कि यह एक कंप्यूटराइज्ड लॉक है और इसे खोलने में कम से कम एक घंटा लगेगा। ‘वे लोग जल्दी में थे और उन्होंने मुझसे हथौड़े से ताला तोड़ने को कहा।’ रफीक ने कहा कि जवब वह ताला तोड़ रहा था, तो वे लोग यह सुनने की कोशिश कर रहे थे कि कमरे से कोई आवाज आ रही है या नहीं। उन्होंने उससे कहा कि अगर कमरे के अंदर सोया शख्स जाग जाता है तो वह ताले को तोड़ना बंद कर दे।रफीक ने कहा कि जैसे ही उसने ताला तोड़ा, वहां मौजूद लोगों ने उससे अपने औजार समेटकर चले जाने को कहा। उसे कमरे के अंदर झांकने की इजाजत नहीं दी गई। रफीक ने कहा कि उसने तुरंत अपने औजार समेटे और वहां से चला गया। उसने कहा कि उसे एक घंटे के बाद मुंबई पुलिस का फोन आया जिन्होंने उसे अपने दफ्तर आने के लिए कहा। रफीक ने इंडिया टीवी से कहा, ‘मैं छठी मंजिल पर गया जहां ढेर सारे पुलिसवाले मौजूद थे। इसके बाद मुझे पता चला कि ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत हो गई है। उसने कहा, ‘जब मैं पहली बार फ्लैट में गया था तो मैंने वहां सुशांत की बहन को नहीं देखा था, लेकिन बाद में जब पुलिस मुझे फ्लैट में ले गई, तो वहां पर उनकी बहन मौजूद थीं।' रफीक ने जोर देकर कहा कि उन्हें कमरे के अंदर देखने नहीं दिया गया था। उसने बताया, ‘पुलिस ने मुझे दो-तीन बार फोन किया, और मैंने उन्हें वही बात बताई। मुझे कमरे के अंदर कुछ भी देखने की इजाजत नहीं थी।’सुशांत के परिजन 2 जायज सवाल उठा रहे हैं: दरवाजे का ताला टूटते ही चाभी वाले को वहां से क्यों भेज दिया गया? जब चाभी वाले को बुलाया गया तो सुशांत की बहन को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई? सीबीआई को इन सवालों के जवाब तलाशने होंगे। CBI ने शुक्रवार को सुशांत के नौकर नीरज से पूछताछ की। इंडिया टीवी की रिपोर्टर प्रिया ने बाद में नीरज से पूछा कि उसने CBI अधिकारियों को क्या बताया।नीरज ने कहा, ‘बॉस सुबह 6 बजे उठे थे, अच्छे मूड में थे, और वह छत पर टहले भी थे। मैंने उन्हें एक गिलास ठंडा पानी दिया। सर ने मुझसे पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है। मैंने कहा, हां। वह खुशदिल लग रहे थे। फिर वह अपने बेडरूम में चले गए। सर के साथ यह मेरी आखिरी मुलाकात थी और मैं नीचे चला गया। कुक ने उनसे पूछा था कि वह नाश्ते के लिए क्या पसंद करेंगे। बॉस ने एक गिलास नारियल पानी और अनार का जूस लाने को कहा। शेफ ने उनके कमरे के अंदर जाकर ये चीजें दीं और वहां से चला गया। सुबह करीब 10.30 बजे शेफ ग्लास लेने के लिए गया, लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था। जब सर घर पर होते थे तो आमतौर पर हम ही दरवाजा खोलते थे, लेकिन उस दिन दरवाजा अंदर से बंद था।’नीरज ने आगे कहा, ‘हमने सोचा कि सर सो रहे होंगे, और हम उन्हें डिस्टर्ब नहीं करना चाहते थे। सिद्धार्थ ने, जो कि उस वक्त नीचे थे, सर को 2 बार कॉल किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसके बाद उन्होंने सर की बहन को फोन किया, जिन्होंने सिद्धार्थ से कहा कि वह सर को फोन करेंगी और यदि उन्होंने फिर भी फोन नहीं उठाया तो वह आ जाएंगी। उन्होंने सिद्धार्थ से किसी भी तरह दरवाजा खोलने के लिए कहा।’ नीरज के मुताबिक, CBI ने उनसे पूछा कि उन्होंने डुप्लीकेट चाभी से दरवाजा क्यों नहीं खोला। नीरज ने कहा, ‘मैंने उनसे कहा कि हमने चाभी खोजने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे और फिर चाभी वाले को बुलाने का फैसला किया गया। चाभी वाला आया और उसने कहा कि ताला तोड़ने में सिर्फ 5 मिनट लगेंगे जबकि इसे चाभी से खोलने में कम से कम एक घंटा लग जाएगा। हमने उसे ताला तोड़ने के लिए कहा। जैसे ही ताला टूटा, हमने चाभी वाले से दरवाजा खुलने से पहले ही जाने के लिए कह दिया। इसके बाद हम अंदर दाखिल हुए।नीरज ने कहा, ‘सबसे पहले सिद्धार्थ अंदर गए, उनके बाद दीपेश और सबसे बाद में मैं। केशव चाभी वाले को नीचे छोड़ने गया था। सुशांत की बॉडी देखकर सिद्धार्थ बुरी तरह घबरा गए और कमरे से बाहर निकल गए। हम भी यह सब देखकर स्तब्ध रह गए। हमारे दिमाग ने प्रैक्टिकली काम करना बंद कर दिया था। सर सीलिंग फैन से लटक रहे थे।’ यह तो वक्त ही बताएगा कि CBI नीरज के बयान पर किस हद तक भरोसा करती है। नीरज ने इंडिया टीवी से कहा, ‘रिया मैम घर का खर्च देख रही थीं क्योंकि वह सर के करीब थीं। रिया मैम हमें सर से ज्यादा ऑर्डर देती थीं। ज्यादातर कैश वही संभालती थीं। व्यावहारिक तौर पर वह हमारी मालकिन थीं। मैम ही सर को दवाएं देती थीं, हमने उन्हें कभी भी दवाई नहीं दीं। सर जब यूरोप गए थे तो ठीक थे, लेकिन वहां से वापस आने के बाद वह बीमार लग रहे थे।’नीरज ने आगे कहा, ‘8 जून को लंच तैयार था, लेकिन रिया ने मुझे उनका सामान पैक करने के लिए कहा। मैंने 2 सूटकेस में उनके सामान पैक किए। उस दिन सर ने दोपहर का खाना खाने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि उनका मूड ठीक नहीं है।’ नीरज ने यह भी कहा कि सुशांत ने उससे एक बार पूछा था कि क्या उसे फ्लैट के अंदर अजीब-सी आवाजें सुनाई देती हैं। इस पर उसने कहा था, हां, उसने भी कुछ अजीब आवाजें सुनी हैं। सुशांत ने तब उससे कहा कि वह अपने फार्महाउस में पूजा करवाएंगे।CBI ने अब तक सुशांत के 3 सेलफोन, उनके लैपटॉप और उस मग को अपने कब्जे में ले लिया है जिसमें उन्होंने उस सुबह जूस पिया था। इसके अलावा सुशांत के कमरे की बेडशीट, कंबल और 13 एवं 14 जून के CCTV फुटेज भी CBI ने अपने कब्जे में लिए हैं। CBI अधिकारी सुशांत के फ्लैट पर जल्द ही क्राइम सीन को भी रीक्रिएट करेंगे। CBI सुशांत का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों से भी पूछेगी कि विसरा रिपोर्ट में सुशांत के पेट में जूस की मौजूदगी क्यों नहीं दर्ज की गई, जबकि उनके नौकरों ने बताया कि उन्होंने उस सुबह एक ग्लास जूस लिया था। CBI को यह भी पता लगाना होगा कि ताला टूटते ही चाभी वाले को वहां से जाने के लिए क्यों कहा गया। अभी तक सामने आए सभी बयान और सबूत यही इशारा कर रहे हैं कि सुशांत किसी फाइनेंशियल या प्रोफेशनल दिक्कत का सामना नहीं कर रहे थे, वह लोकप्रिय भी थे और पेशेवर तौर पर सफल भी, उनकी किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं थी, और नेपोटिज्म की बात में भी कोई दम नहीं निकला। ऐसे में सवाल उठता है कि सुशांत की मौत के पीछे की वजह क्या थी? CBI को इन सभी सवालों के जवाब ठोस सबूतों के साथ देने होंगे, और यह कोई आसान काम नहीं है। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 21 अगस्त, 2020 का पूरा एपिसोड /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); } var jwconfig_5977317762 = {"file": "https://indiatv-vh.akamaihd.net/i/vod/0_2dbt9pbe_,20,21,22,.mp4.csmil/master.m3u8","image": "https://thumbs.indiatvnews.com/vod/0_2dbt9pbe_big_thumb.jpg","title": "आज की बात रजत शर्मा के साथ | 21 अगस्त 2020","height": "440px","width": "100%","aspectratio": "16:9","autostart": false,"controls": true,"mute": false,"volume": 100,"floating": false,"sharing": {"code": "","sites": ["facebook","twitter","email"]},"stretching": "exactfit","primary": "html5","hlshtml": true,"duration": 3104,"advertising": {"client": "vast","autoplayadsmuted": true,"skipoffset": 5,"cuetext": "","skipmessage": "Skip ad in xx","skiptext": "SKIP","preloadAds": true,"schedule": [{"offset": "pre","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_PreRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator=","type": "linear"},{"offset": "50%","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_MidRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator="},{"offset": "post","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_PostRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator=","type": "linear"}]}}; var jwvidplayer_5977317762 = ''; jwsetup_5977317762(); function jwsetup_5977317762() {jwvidplayer_5977317762 = jwplayer("jwvidplayer_5977317762").setup(jwconfig_5977317762);jwvidplayer_5977317762.on('ready', function () { ns_.StreamingAnalytics.JWPlayer(jwvidplayer_5977317762, {publisherId: "20465327",labelmapping: "c2=\"20465327\", c3=\"India TV Hindi\", c4=\"null\", c6=\"null\", ns_st_mp=\"jwplayer\", ns_st_cl=\"0\", ns_st_ci=\"0_2dbt9pbe\", ns_st_pr=\"आज की बात रजत शर्मा के साथ | 21 अगस्त 2020\", ns_st_sn=\"0\", ns_st_en=\"0\", ns_st_ep=\"आज की बात रजत शर्मा के साथ | 21 अगस्त 2020\", ns_st_ct=\"null\", ns_st_ge=\"News\", ns_st_st=\"आज की बात रजत शर्मा के साथ | 21 अगस्त 2020\", ns_st_ce=\"0\", ns_st_ia=\"0\", ns_st_ddt=\"2020-08-21\", ns_st_tdt=\"2020-08-21\", ns_st_pu=\"India TV Hindi\", ns_st_cu=\"https://indiatv-vh.akamaihd.net/i/vod/0_2dbt9pbe_,20,21,22,.mp4.csmil/master.m3u8\", ns_st_ty=\"video\"" });});jwvidplayer_5977317762.on('all', function (r) { if (jwvidplayer_5977317762.getState() == 'error' || jwvidplayer_5977317762.getState() == 'setupError') {jwvidplayer_5977317762.stop();jwvidplayer_5977317762.remove();jwvidplayer_5977317762 = '';jwsetup_5977317762();return; }});jwvidplayer_5977317762.on('error', function (t) { jwvidplayer_5977317762.stop(); jwvidplayer_5977317762.remove(); jwvidplayer_5977317762 = ''; jwsetup_5977317762(); return;});jwvidplayer_5977317762.on('mute', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_5977317762.on('adPlay', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_5977317762.on('adPause', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_5977317762.on('pause', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_5977317762.on('error', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_5977317762.on('adBlock', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_5977317762.on('adSkipped', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);}); } |
hindi_2022_11290 | राहुल गांधी ने AAP, DMK, शिवसेना और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से की मुलाकात | कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को डीएमके, शिवसेना, AIUDF, CPI (M), CPI, IUML, केरला कांग्रेस (M), विदुथलाई चिरुथाईगाल काची (VCK), आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं के साथ कांग्रेस संसदीय दल कार्यालय में बैठक की। | नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को डीएमके, शिवसेना, AIUDF, CPI (M), CPI, IUML, केरला कांग्रेस (M), विदुथलाई चिरुथाईगाल काची (VCK), आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं के साथ कांग्रेस संसदीय दल कार्यालय में बैठक की। बताया जा रहा है कि नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच विपक्षी दल नई रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। संसद के बजट सत्र में कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल किसानों के मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं। |
hindi_2022_11291 | Coronavirus के कुल मामले 60 लाख के करीब, लेकिन 82% के पार रिकवरी रेट, लगातार घट रहे हैं एक्टिव केस | कोरोना के नए मामलों की बात करें तो पिछले 24 घटों यानि शनिवार सुबह 8 बजे से लेकर रविवार सुबह 8 बजे के दौरान देशभर में कुल 88636 नए मामले आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब कुल कोरोना वायरस मामलों का आंकड़ा बढ़कर 59.95 लाख हो गया है। | नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के नए मामले आने का सिलसिला लगातार बना हुआ है लेकिन अब ठीक होने वाले लोगों की संख्या नए आने वाले मामलों से ज्यादा हो चुकी है जिस वजह से कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों में लगातार कमी आ रही है और देश में कोरोना के एक्टिव मामलों में कमी देखी जा रही है। हालांकि कोरोना की वजह से मौतों का आंकड़ा अभी भी चिंताजनक बना हुआ है, क्योंकि रोजाना देश में 1000 से ज्यादा जाने कोरोना की वजह से जा रही है। कोरोना के नए मामलों की बात करें तो पिछले 24 घटों यानि शनिवार सुबह 8 बजे से लेकर रविवार सुबह 8 बजे के दौरान देशभर में कुल 88636 नए मामले आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब कुल कोरोना वायरस मामलों का आंकड़ा बढ़कर 59.95 लाख हो गया है। सोमवार को आंकडा 60 लाख का स्तर पार कर सकता है।लेकिन राहत की बात ये है कि कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या ज्यादा तेजी से बढ़ रही हैऔर रोजाना नए मामलों के मुकाबले ठीक होने वाले ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कुल 92.43 लोग ठीक हुए हैं और अबतक देशभर में कुल 49,41,627 लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। देश में कोरोना वायरस का रिकवरी रेट 82.42 प्रतिशत तक पहुंच गया है। क्योंकि कोरोना से ठीक होने वाले लोग ज्यादा है और नए मामले कम ऐसे में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 956402 रह गई है। पिछले 9 दिनों में सिर्फ 1 दिन एक्टिव केस बढ़े हैं और बाकी 8 दिन इनमें कमी आई है। लेकिन सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि कोरोना वायरस की वजह से जान गंवाने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 24 घंटों में 1124 लोगों ने देशभर में कोरोना की वजह से जान गंवाई है। कोरोना वायरस अबतक देश में 94503 लोगों की मौत का कारण बन चुका है।कोरोना मरीजों की पहचान के लिए देशभर में लगातार टेस्टिंग हो रही है, शनिवार को देशभर में 9.87 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट हुए हैं। देश में कुल कोरोना वायरस टेस्टिंग का आंकड़ा अब बढ़कर 7.12 करोड़ को पार कर चुका है। दुनियाभर में अमेरिका के बाद भारत में ही सबसे ज्यादा कोरोना टेस्ट हो रहे हैं। वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के मामलों की बात करें तो दुनियाभर में कुल मामलों का आंकड़ा बढ़कर 3.30 करोड़ के पार पहुंच गया है, अबतक दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से 9.98 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि पूरी दुनिया में 2.44 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से ठीक भी हो चुके हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले अमेरिका में हैं जहां पर 72.87 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 2.09 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद भारत का स्थान है और भारत के बाद तीसरे नंबर पर ब्राजील है जहां पर 47.18 लाख मामले सामने आए हैं और 1.41 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई है। रूस में भी 11.43 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। |
hindi_2022_11292 | Gyanvapi Masjid Case : ज्ञानवापी मस्जिद में पहले दिन का सर्वे पूरा, वकील का दावा- 'उम्मीद के मुताबिक साक्ष्य मिले' | ज्ञानवापी मस्जिद में शनिवार को पहले दिन के सर्वे का काम शनिवार को पूरा हो गया है। दोपहर 12 बजे तक यह सर्वे का काम हुआ। | Gyanvapi Masjid Case : ज्ञानवापी मस्जिद में शनिवार को पहले दिन के सर्वे का काम शनिवार को पूरा हो गया है। दोपहर 12 बजे तक यह सर्वे का काम हुआ। पहले दिन 4 घंटे तक सर्वे का काम चला। इस दौरान हिंदू पक्ष के वकील ने दावा किया है कि सर्वे के दौरान हमारी उम्मीदों के मुताबिक साक्ष्य मिले। हालांकि अभी इनके बारे में कुछ नहीं बताया जा सकता। वकील कह रहे हैं कि यह मामला गोपनीय है। जो कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा। वादी पक्ष के वकील ने कहा तहखानों के सर्वे का काम आधा हो गया, आधा कल होगा। कोर्ट कमिश्नर ने सर्वे का काम पूरा होने के बाद कहा कि सर्वे का काम शांतिपूर्ण तरीके से हुआ। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि एक दो दिन और चलेगा सर्वे का काम। कितने तहखाने मिले इस पर वकीलों ने कहा अभी इस बारे में नहीं बता सकते। 17 मई को कोर्ट में रिपोर्ट पेश की जाएगी। ज्ञानवापी सर्वे के दौरान दोनों तहखानों वीडियोग्राफी की गई। कल 8 बजे से फिर सर्वे का काम शुरू होगा। कल पूरा हो गया सर्वे का काम तो ठीक, नहीं तो अगले दिन सर्वे का काम संपन्न कराया जाएगा। ज्ञानवापी में नंदी के आसपास सर्वे किया गया। जानकारी के मुताबिक सर्वे टीम के साथ वादी-प्रतिवादी पक्ष भी परिसर में मौजूद थे। वहीं एहतियातन मस्जिद परिसर के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया। मस्जिद परिसर के 500 मीटर के दायरे में दुकानों को बंद कर दिया गया । एक किमी के दायर में 1500 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात रहे।कोर्ट के आदेश के मुताबिक मस्जिद के चप्पे-चप्पे की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई गई। मस्जिद के तहखाने का भी सर्वे कराया गया। इस सर्वे को पूरा कराने की जिम्मेदारी डीएम और पुलिस कमिश्नर को दी गई थी। कोर्ट ने आदेश दिया था कि वादी, प्रतिवादी, वकील, एडवोकेट कमिश्नर और उनके सहायक भी सर्वे में मौजूद रहेंगे। कोर्ट के आदेश मुताबिक आज सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक सर्वे का काम संपन्न हुआ।कोर्ट ने आदेश दिया था कि एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ही रहेंगे। वहीं कोर्ट ने विशाल सिंह और अजय सिंह को सहायक कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है। कोर्ट ने पूरी सर्वे रिपोर्ट 17 मई को अदालत में पेश करने का आदेश दिया है। ज्ञानवापी मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ धाम के करीब स्थित है और स्थानीय अदालत महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति मांगने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही है।ज्ञानवापी मस्जिद पर एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि समाजवादी पार्टी और बहुजनसमाजवादी पार्टी के लोग खामोश हैं। ज्ञानवापी मस्जिद थी और हमेशा रहेगी। उन्होंने कहा कि 1991 के कानून का उल्लंघन हो रहा है। सारे दल मुस्लिमों को डरा रहे हैं। |
hindi_2022_11293 | झारखंड में दीपावली पर रात आठ बजे से दस बजे तक पटाखे चलाने की अनुमति | राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के अनुसार झारखंड में दीपावली के दिन रात आठ से दस बजे तक ही पटाखे चलाने की अनुमति दी गई है। | रांची: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के अनुसार झारखंड में दीपावली के दिन रात आठ से दस बजे तक ही पटाखे चलाने की अनुमति दी गई है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद् के सदस्य सचिव राजीव लोचन बख्शी ने इस सिलसिले में आज जारी आदेश में कहा कि झारखंड के सभी जिलों में दीपावली के दिन रात आठ बजे से दस बजे तक ही लोगों को पटाखे चलाने की अनुमति होगी।आदेश में कहा गया है कि राजधानी रांची समेत रामगढ़, बोकारो, पलामू, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवां, हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद, देवघर, गोड्डा, पाकुड़ एवं साहिबगंज के शहरी क्षेत्रों में मध्यम स्तर का प्रदूषण होने के चलते इन सभी जिलों में ग्रीन पटाखे ही बेचे जा सकेंगे और इन्हें दीपावली के दिन रात में सिर्फ आठ बजे से दस बजे तक दो घंटे ही चलाया जा सकेगा।आदेश में कहा गया है कि अन्य सभी जिलों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 125 डेसिबल तक ध्वनि के पटाखे दीपावली के दिन रात में आठ बजे से दस बजे तक चलाए जा सकेंगे। इसमें कहा गया है कि आदेश का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत तथा वायु प्रदूषण निवारण अधिनियम 1981 की धारा 37 के तहत कार्रवाई की जाएगी। आदेश में दीपावली के बाद छठ, क्रिसमस एवं नए वर्ष के मौके पर भी सिर्फ दो घंटे ही पटाखे चलाने की छूट दी गयी है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि दीपावली एवं गुरु पर्व पर रात आठ बजे से रात 10 बजे तक, छठ पर सुबह छह बजे से सुबह आठ बजे तक तथा क्रिसमस एवं नव वर्ष के दिन मध्य रात्रि 11.55 से मध्य रात्रि 12.30 बजे तक ही पटाखे चलाए जा सकेंगे। एनजीटी ने पिछले दिनों इस आशय का आदेश जारी किया था तथा सभी राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को अपने यहां इसका अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा था। |
hindi_2022_11294 | आजम खान के हाथ से छिन सकती है जौहर यूनिवर्सिटी, जल्द हो सकती है कार्रवाई | उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की जमीन सरकार द्वारा अधिग्रहित किये जाने के खिलाफ समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद आजम खान की याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किये जाने के बाद अब यह यूनिवर्सिटी कभी भी आजम खान के हाथ से छिन सकती है। | रामपुर (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की जमीन सरकार द्वारा अधिग्रहित किये जाने के खिलाफ समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद आजम खान की याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किये जाने के बाद अब यह यूनिवर्सिटी कभी भी आजम खान के हाथ से छिन सकती है। जिलाधिकारी रवींद्र कुमार मांदड़ ने बुधवार को बताया कि अदालत के पिछले सोमवार के निर्णय का अध्ययन किया जा रहा है, उसी के अनुसार इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) की अदालत ने गत 16 जनवरी को जौहर ट्रस्ट की 70.005 हेक्टेयर जमीन, उसे देने के लिए लगाई गई शर्तें पूरी नहीं करने पर सरकार में निहित करने का आदेश दिया था। उन्होंने बताया कि उसके बाद ही जौहर विवि की जमीन को सरकार में निहित कर लिया गया था और अब उच्च न्यायालय के निर्णय का अध्ययन किया जा रहा है। मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को वर्ष 2005 में कुछ शर्तों पर इस विश्वविद्यालय का निर्माण करने के लिए जमीन दी गई थी और इन शर्तों का पालन नहीं करने के लिए राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू की है। आजम खान ने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। रामपुर से सपा सांसद मोहम्मद आजम खान इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं, जबकि उनकी पत्नी डॉक्टर तजीन फातिमा ट्रस्ट की सचिव और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान इस ट्रस्ट के सक्रिय सदस्य हैं। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद विश्वविद्यालय को अपने स्वामित्व में लेने की कानूनी अड़चनें भी दूर हो गई हैं। ऐसे में आजम खान के हाथ से कभी भी जौहर विश्वविद्यालय छिन सकता है। खान, जौहर विश्वविद्यालय के आजीवन कुलाधिपति हैं। जिला प्रशासन के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने जौहर विवि की जमीन को लेकर शिकायतें की थीं। सूत्रों के अनुसार, जांच की गयी तो पता चला कि जौहर ट्रस्ट के नाम पर 2005 से लेकर अब तक 75.0563 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई थी। सूत्रों के अनुसार, मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार की कैबिनेट के फैसले में जौहर ट्रस्ट द्वारा खरीदने वाली जमीन पर शुल्क से छूट दी थी। सूत्रों के अनुसार ट्रस्ट के नाम पर जो 70.005 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई उसके लिए स्टांप शुल्क का भुगतान नहीं किया। सूत्रों के अनुसार कैबिनेट से जो प्रस्ताव पारित हुआ था उसमें शर्तें थीं कि ट्रस्ट की ओर से लोकहित से जुड़े कार्य कराने होंगे और अल्पसंख्यकों और गरीबों को नि:शुल्क शिक्षा देनी होगी लेकिन ऐसा नहीं किया गया। शर्तों के उल्लंघन के आरोप में अपर जिलाधिकारी (एडीएम) की अदालत में वाद दायर किया गया था जिस पर 16 जनवरी को जौहर ट्रस्ट की 70.005 हेक्टेयर जमीन सरकार में निहित करने का आदेश दिया गया था। गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रामपुर स्थित मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की जमीन अधिग्रहित करने की कार्यवाही के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने उस जमीन पर निर्माण के संबंध में एसडीएम द्वारा 16 मार्च, 2020 को सौंपी रिपोर्ट और जमीन राज्य सरकार को देने के लिए एडीएम (प्रशासन) द्वारा 16 जनवरी, 2021 को पारित आदेश रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि संबंधित एसडीएम की रिपोर्ट के मुताबिक, उस जमीन पर एक मस्जिद का निर्माण कराया गया, जबकि जमीन केवल शैक्षणिक उद्देश्य के लिए थी। इस तरह से, यह राज्य सरकार द्वारा दी गई अनुमति का उल्लंघन है। अदालत ने कहा, “एडीएम रामपुर के आदेश में किसी तरह के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। यह एक ऐसा मामला है जहां 2005 में लाए गए एक कानून के तहत एक शैक्षणिक संस्थान की स्थापना के लिए बड़े पैमाने पर जमीन खरीद की गई और साथ ही भूमिधरी और ग्राम सभा की जमीन पर एक पूर्व कैबिनेट मंत्री द्वारा अतिक्रमण किया गया। अतः संहिता की धारा 104/105 के तहत कार्यवाही के लिए पारित उक्त आदेश सही है और 12.50 एकड़ जमीन को छोड़कर बाकी जमीन राज्य सरकार में निहित है।" वर्ष 2005 में राज्य सरकार ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय अधिनियम पारित किया था जिससे इस विश्वविद्यालय के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था। इसके बाद, राज्य सरकार ने ट्रस्ट को 12.5 एकड़ की सीमा से परे जाकर 400 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने की अनुमति दी थी और साथ ही कुछ शर्तें लगाई थीं जिनमें एक शर्त यह थी कि उस जमीन का उपयोग केवल शैक्षणिक उद्देश्य के लिए किया जाएगा। कानून के मुताबिक, यदि शर्त का उल्लंघन किया जाता है तो राज्य सरकार द्वारा दी गई अनुमति वापस ले ली जाएगी। |
hindi_2022_11295 | Vaccination Update: वैक्सीनेशन को लेकर पीएम मोदी ने थपथपाई गोवा की पीठ, अहम बैठक में दिए खास निर्देश | देश में कोरोना वैक्सीनेशन का काम तेजी से चल रहा है। देश में कोविड वैक्सीनेशन का आंकड़ा 73 करोड़ (72,97,50,724) के पास पहुंचा। देश में शुक्रवार (10 सितंबर) शाम 7 बजे तक वैक्सीन की 56 लाख से ज़्यादा डोज़ लगाई गई हैं। | नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कोविड-19 पर उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य की शत प्रतिशत पात्र आबादी को कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक देने के लिए शुक्रवार को गोवा की सराहना की। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के एक ट्वीट को टैग करते हुए प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘शाबाश गोवा। शानदार प्रयास, जिसे सामूहिक भावना की मजबूती से और चिकित्सकों व नवप्रर्वतकों की दिलेरी ने संभव कर दिखाया।’’मुख्यमंत्री सावंत ने शत प्रतिशत पात्र आबादी को टीके की पहली खुराक देने के लिए चिकित्सकों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों का आभार जताया और कहा, ‘‘गोवा की जनता की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को 18 साल से ऊपर की उम्र के सभी लोगों के मुफ्त टीकाकरण और कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में निर्बाध टीकों की आपूर्ति के लिए मैं धन्यवाद देता हूं।’’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते रहना है ताकि टीके की दूसरी खुराक सभी के लिए सुनिश्चित हो।’’ देश में कोविड वैक्सीनेशन का आंकड़ा 73 करोड़ के पास पहुंचादेश में कोरोना वैक्सीनेशन का काम तेजी से चल रहा है। देश में कोविड वैक्सीनेशन का आंकड़ा 73 करोड़ (72,97,50,724) के पास पहुंचा। देश में शुक्रवार (10 सितंबर) शाम 7 बजे तक वैक्सीन की 56 लाख से ज़्यादा डोज़ लगाई गई हैं। ये जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है।पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीनेशन पर की अहम बैठक, दिए ये निर्देशगौरतलब है कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कोविड-19 पर उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी ने बैठक में राज्यों को प्रत्येक जिले में दवाओं का बफर स्टॉक रखने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले कुछ महीनों के लिए टीकों के उत्पादन, आपूर्ति, आगे की योजना की समीक्षा की। पीएम मोदी ने म्यूटेंट के उद्भव की निगरानी के लिए जीनोम के निरंतर अनुक्रमण की आवश्यकता को रेखांकित किया। सरकार ने कोविड की स्थिति पर कहा कि महाराष्ट्र, केरल जैसे राज्यों के आंकड़े संकेत देते हैं कि ढिलाई के लिए कोई जगह नहीं हो सकती। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सांद्रक, सिलेंडर, पीएसए संयंत्रों सहित ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को तेजी से बढ़ाने की जरूरत है। |
hindi_2022_11296 | International Flights Resume: 15 दिसंबर से नियमित अतंरराष्ट्रीय उड़ानों को सरकार ने दी मंजूरी | लंबे इंजतार के बाद भारत 15 दिसंबर से निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें फिर से शुरू करेगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शुक्रवार शाम को यह जानकारी दी। हालांकि उन देशों के लिए उड़ानों पर प्रतिबंध जारी रहेगा जहां कोरोना वायरस का संक्रमण अभी भी फैला हुआ है। | International Flight News: वैश्विक कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले साल मार्च के बाद से भारत में आने वाली और यहां से अन्यत्र जाने वाली अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों को लेकर बड़ी खबर आयी है। नागर विमानन मंत्रालय ने बताया कि भारत से/के लिए शेड्यूल कमर्शियल इंटरनेशनल पैसेंजर सर्विस 15 दिसंबर 2021 से शुरू की जा सकती है। नागर विमानन मंत्रालय ने बताया कि भारत 15 दिसंबर से अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन शुरू करेगा। 14 देशों को लिए जारी रहेगा प्रतिबंधसूत्रों के मुताबिक, भारत दिसंबर के तीसरे सप्ताह से, प्रतिबंधित 14 देशों को छोड़कर नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन को फिर से शुरू करेगा। हालांकि, इन 14 देशों के साथ मौजूदा एयर-बबल उड़ान व्यवस्था जारी रहेगी। गौरतलब है कि भारत आने-जाने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें कोविड-19 महामारी के कारण 23 मार्च, 2020 से ही बंद हैं। हालांकि, पिछले साल जुलाई से करीब 28 देशों के साथ हुए एयर बबल समझौते के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें संचालित हो रही हैं। नागर विमानन मंत्रालय ने एक आदेश में कहा, 'भारत आने-जाने वाली अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक यात्री उड़ानों को फिर से शुरू करने के संबंध में फैसला गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सलाह से लिया गया है। सभी ने मिलकर भारत ये आने-जाने वाली अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों को 15 दिसंबर से फिर से शुरू करने का निर्णय किया है।' |
hindi_2022_11297 | 1990 में कृष्ण कौल कश्मीर में छोड़ आये सारी जायदाद, ला सके तो सिर्फ उर्दू में लिखी 'गीता' | करीब 70 वर्षीय महाराज कृष्ण कौल की मानें तो उनकी रूह इस गीता में बसती है। 1990 में हुए अत्याचार के बाद वह और उनके परिवार के छह सदस्यों के अलावा कई अन्य कश्मीरी पंडित अपना सबकुछ छोड़ भागने पर मजबूर हुए। अभी फिलहाल वह गाजियाबाद जिले के राजेन्द्र नगर में रह रहे हैं। | गाजियाबाद: 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म के बाद कश्मीरी पंडितों का मसला काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। गाजियाबाद में रह रहे एक कश्मीरी पंडित का उस दौरान सब कुछ छूट गया, लेकिन कुछ नहीं छूटा तो वह थी उर्दू में लिखी श्रीमद भगवत गीता। करीब 70 वर्षीय महाराज कृष्ण कौल की मानें तो उनकी रूह इस गीता में बसती है। 1990 में हुए अत्याचार के बाद वह और उनके परिवार के छह सदस्यों के अलावा कई अन्य कश्मीरी पंडित अपना सबकुछ छोड़ भागने पर मजबूर हुए। अभी फिलहाल वह गाजियाबाद जिले के राजेन्द्र नगर में रह रहे हैं। महाराज कृष्ण कौल उस वक्त को याद कर काफी भावुक हो जाते हैं और बताते हैं कि किस तरह उनकी जमीन जायदाद पीछे रह गई और वह अपने साथ कुछ लाने में कामयाब हो सके तो वह थी उर्दू में लिखी श्रीमद भगवत गीता।इस बात का भी वह जिक्र करते हैं कि उस दौरान एक ट्रक में 10-10 परिवार किस तरह से अपनी जान बचाकर भागे और उन हालातों से बाहर निकले। कृष्ण कौल को यह गीता उनके मामा ने 1966 में दी थी, उस वक्त उनकी उम्र करीब 10 वर्ष रही होगी, उन्होंने तभी से गीता पढ़ना शुरू कर दिया। उनको गीता पढ़ने की आदत ऐसी लगी कि वह सुबह शाम उसे पढ़ने लगे। महाराज कृष्ण कॉल ने बताया कि, श्रीनगर में उनकी शुरुआती पढ़ाई हुई और कश्मीर यूनिवर्सिटी से उनकी कॉलेज की पढ़ाई हुई। उन्हें अच्छी खासी उर्दू भी आती है।Image Source : IANSShrimad Bhagwat Geetaउन्होंने बताया, जिस वक्त कश्मीर में डर का माहौल बन गया था, उस दौरान मैं नौकरी कर रहा था। मेरी इस गीता में जान बसती है, मैं इसके बिना नहीं रह सकता। जहां यह होगी वहीं मैं होऊंगा। इसलिए मैं सिर्फ इसे लेकर ही वहां से निकलने में कामयाब हुआ। यह लाहौर में ख्वाजा दिल मोहम्मद सहाब द्वारा लिखी गई थी। इस गीता में जितने साफ उच्चारण दिए हैं उतना हिंदी को पढ़कर संतुष्टि नहीं मिलती।उन्होंने बताया कि, पलायन के वक्त सब कुछ मेरा पीछे छूट गया, तीन कोठियां, बाग ,चावल के खेत, सोना -जेवर आदि। मैंने उस वक्त सिर्फ उर्दू में लिखी गीता को ही साथ ले जाना उचित समझा, क्योंकि उसके बिना मैं रह नहीं सकता था।महाराज कृष्ण कौल जैसे और न जाने कितने लोग हैं जो उस दौरान अपना घर छोड़कर भागे। गृह मंत्रालय के मुताबिक, जम्मू कश्मीर सरकार का डेटा कहता है कि 44684 कश्मीरी विस्थापित परिवार राहत और पुनर्वास आयुक्त (विस्थापित) जम्मू के कार्यालय में पंजीकृत हैं। वहीं, वापस विस्थापित किए गए लोगों की जानकारी दें तो कश्मीरी विस्थापित परिवारों के पुनर्वास के उद्देश्य से जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने 5 अगस्त 2019 से 1697 ऐसे व्यक्तियों को नियुक्ति प्रदान की है और इस संबंध में अतिरिक्त 1140 व्यक्तियों का चयन किया गया है।(इनपुट- एजेंसी) |
hindi_2022_11298 | दुनिया में कोरोना की तीसरी लहर की होने लगी हैं बातें, पीएम मोदी ने भी अपने मंत्रियों को किया आगाह | सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिपरिषद की बैठक में पीएम ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हम तस्वीरों और वीडियो में देख रहे हैं कि सभी लोग भीड़-भाड़ वाली जगहों पर बिना मास्क और बिना सामाजिक दूरी बनाएं घूम रहे हैं। यह अच्छा नजारा नहीं है और इससे हममें डर की भावना पैदा होनी चाहिए। | नई दिल्ली। दुनिया में कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर पीएम मोदी ने गुरुवार को मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अपने मंत्रियों को अहम सलाह दी है। सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिपरिषद की बैठक में पीएम ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हम तस्वीरों और वीडियो में देख रहे हैं कि सभी लोग भीड़-भाड़ वाली जगहों पर बिना मास्क और बिना सामाजिक दूरी बनाएं घूम रहे हैं। यह अच्छा नजारा नहीं है और इससे हममें डर की भावना पैदा होनी चाहिए। नए मंत्रियों को अनावश्यक बयानबाजी से बचने की सलाह दीसूत्रों के मुताबिक, बैठक में पीएम मोदी ने नए मंत्रियों को कुछ टिप्स दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए मंत्रियों को अपने पूर्ववर्तियों से मिलकर उनके अनुभवों से सीखने के लिये कहा है। प्रधानमंत्री ने नए मंत्रिपरिषद की बैठक में कहा कि अब इसका हिस्सा नहीं रहे मंत्रियों ने काफी योगदान दिया, नए मंत्री उनसे सीख सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों से समय पर कार्यालय पहुंचने और अपनी सारी ऊर्जा को मंत्रालय के काम में लगाने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने नए मंत्रियों को अनावश्यक बयानबाजी से बचने की सलाह दी।सूत्रों के मुताबिक, नए मंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भीड़-भाड़ वाली जगहों, बिना मास्क के घूम रहे लोगों या सामाजिक दूरी के उल्लंघन वाले दृश्यों पर चिंता जताई। पीएम मोदी ने कहा कि कोविड के खिलाफ भारत की लड़ाई पूरे जोश के साथ चल रही है, इसमें लापरवाही या कमी के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र और केरल से लगातार बड़ी संख्या में कोविड मामले आने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारे COVID योद्धाओं और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं द्वारा संचालित वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई पूरे जोश के साथ चल रही है। हम अपने देश की आबादी की पर्याप्त संख्या में लगातार टीकाकरण कर रहे हैं और परीक्षण भी लगातार किए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि ऐसे समय में लापरवाही या शालीनता के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एक गलती के दूरगामी प्रभाव होंगे और COVID-19 पर काबू पाने की लड़ाई कमजोर होगी। पीएम ने कहा कि सभी को याद रखना चाहिए कि COVID-19 का खतरा अभी टला नहीं है। कई अन्य देशों में संक्रमण में वृद्धि देखी जा रही है। वायरस भी म्यूटेटिंग कर रहा है। मंत्रियों के रूप में हमारा उद्देश्य भय पैदा करना नहीं बल्कि लोगों से हर संभव सावधानी बरतने का अनुरोध करना होना चाहिए ताकि हम आने वाले समय में इस महामारी से आगे बढ़ सकें। उन्होंने महाराष्ट्र और केरल से लगातार उच्च संख्या में मामले आने पर भी चिंता व्यक्त की। |
hindi_2022_11299 | राजस्थान के रहने वाले आनंद गिरि की पूरी 'कुंडली', खुद को बताते थे महंत नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी | बाघम्बरी मठ के लोगों का कहना है कि आनन्द गिरि पहले नरेंद्र गिरि के सबसे चहेते शिष्य हुआ करते थे। आनन्द गिरि राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की आसिम तहसील के रहने वाले हैं। आनन्द गिरि के गांव का नाम ब्राह्मण की सरेरी है। बचपन में ही आनन्द गिरि हरिद्वार आ गए। करीब 18 साल की उम्र में प्रयागराज आए। | लखनऊ/प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध हालात में बाघंबरी मठ में मौत मामले में फिलहाल यूपी पुलिस आत्महत्या मानकर जांच कर रही है। नरेंद्र गिरी के शिष्य अमर गिरी पवन महाराज ने आनन्द गिरि के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है, इसलिए पुलिस आनन्द गिरी से जुड़े हर पहलू की जांच कर रही है। योग गुरु आनंद गिरि को यूपी पुलिस हरिद्वार से लेकर प्रयागराज पहुंच गई है। पुलिस सिविल लाइन थाने में उनसे पूछताछ कर रही है। आनन्द गिरि राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की आसिम तहसील के रहने वाले हैंलखनऊ/प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध हालात में बाघंबरी मठ में मौत मामले में फिलहाल यूपी पुलिस आत्महत्या मानकर जांच कर रही है। नरेंद्र गिरी के शिष्य अमर गिरी पवन महाराज ने आनन्द गिरि के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है, इसलिए पुलिस आनन्द गिरी से जुड़े हर पहलू की जांच कर रही है। योग गुरु आनंद गिरि को यूपी पुलिस हरिद्वार से लेकर प्रयागराज पहुंच गई है। पुलिस सिविल लाइन थाने में उनसे पूछताछ कर रही है।बाघम्बरी मठ के लोगों का कहना है कि आनन्द गिरि पहले नरेंद्र गिरि के सबसे चहेते शिष्य हुआ करते थे। आनन्द गिरि राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की आसिम तहसील के रहने वाले हैं। आनन्द गिरि के गांव का नाम ब्राह्मण की सरेरी है। बचपन में ही आनन्द गिरि हरिद्वार आ गए। करीब 18 साल की उम्र में प्रयागराज आए। आनन्द गिरि ने 2020 में सन्यास ले लिया और नरेंद्र गिरि के संरक्षण में प्रयागराज में रहने लगे। धीरे-धीरे आनन्द गिरि महंत नरेंद्र गिरी के काफी करीबी हो गए। संगम के किनारे लेटे हनुमानजी का मंदिर हो या बाघम्बरी मठ नरेंद्र गिरि बड़े महाराज जी और आनन्द गिरि छोटे महाराज कहलाने लगे। आनन्द गिरि ने अपने को नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी बताया थानरेंद्र गिरि का आनन्द गिरि से पहला विवाद 2013-14 में हुआ, जब आनन्द गिरि अपने को नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी बताने लगे। नरेंद्र गिरि ने इसका विरोध किया और कहा कि आनन्द गिरि उनके उत्तराधिकारी नहीं सिर्फ शिष्य हैं। आनन्द गिरि का प्रभाव बढ़ता गया, आनन्द गिरि ने अपनी गंगा सेवा संस्था बना ली और माघ और कुंभ मेले में आनन्द गिरि अपना अलग शिविर भी लगाने लगे। लेटे हनुमान जी के मंदिर के महंत तो नरेंद्र गिरि थे लेकिन आनन्द गिरि वहां बहुत ताकतवर हो गए। आनन्द गिरि योग सिखाने के लिए कई बार विदेश भी जा चुके हैं। आस्ट्रेलिया में आनन्द गिरि के खिलाफ 2 महिलाओं ने छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कराया था आस्ट्रेलिया में आनन्द गिरि के खिलाफ दो महिलाओं ने छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें आनन्द गिरि जेल भी गए थे। कहते है कि नरेंद्र गिरि ने अपने शिष्य आनन्द गिरि को बचाने के लिए आगे आए और आनन्द गिरि आस्ट्रेलिया में इस केस से बरी हो गए। आनन्द गिरि की कई तस्वीरें लग्ज़री गाड़ियों के साथ वायरल हुई हैं। आनन्द गिरि फेसबुक पर भी काफी एक्टिव रहते। बड़े-बड़े नेताओं के साथ अपने वीडियो और फ़ोटो पोस्ट करते हैं। बाघम्बरी मठ की करोड़ों की जमीन को लेकर आनन्द गिरि और नरेंद्र गिरि में था विवादधीरे-धीरे आनन्द गिरी और नरेंद्र गिरी के बीच की दूरियां बढ़ने लगी और कई दूसरे शिष्य नरेंद्र गिरि के करीबी हो गए। फिर बाघम्बरी मठ की करोड़ों की जमीन को लेकर आनन्द गिरि और नरेंद्र गिरि में इतना विवाद हो गया कि नरेंद्र गिरि ने निरंजनी अखाड़े और बाघम्बरी मठ से आनन्द गिरि को निष्कासित कर दिया। बाद में आनन्द गिरि ने माफी मांग ली लेकिन दोनों के बीच पुराने रिश्ते नहीं रहे। अब सुसाइड नोट में आनन्द गिरी का नाम आने से पुलिस इस जांच में जुटी है कि आनन्द गिरि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि को किस बात को लेकर परेशान कर रहे थे। |
hindi_2022_11300 | फारूक अब्दुल्ला ने कहा, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने के लिए नफरत फैला रही बीजेपी | पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, हमें हिंदुओं और मुसलमानों के बीच खड़ी की जा रही नफरत की दीवार को गिराना है। | जम्मू: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने 'नफरत' को भारत में चुनाव जीतने का कारगर हथियार बताते हुए गुरुवार को आरोप लगाया कि बीजेपी अगले साल के प्रारम्भ में उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव जीतने के लिए नफरत फैला रही है। अब्दुल्ला ने लोगों का आह्वान किया कि वे जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ देश को बचाने के लिए नफरत से लड़ें। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर नफरत इसी तरह बढ़ती रही तो भारत का विघटन नहीं रोका जा सकता।‘अगर हमें भारत को बचाना है, तो हमें इस नफरत को खत्म करना होगा’पूर्व मुख्यमंत्री ने जम्मू में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘हमें सांप्रदायिकता से लड़ना है। हमें हिंदुओं और मुसलमानों के बीच खड़ी की जा रही नफरत की दीवार को गिराना है। हमें इस नफरत को खत्म करना है। इसके बिना, न तो भारत बचेगा, न ही यह राज्य। अगर हमें भारत को बचाना है, तो हमें इस नफरत को खत्म करना होगा।’ उन्होंने कहा कि नफरत की राजनीति को हथियार बना दिया गया है, जिसके आधार पर आजादी के बाद से चुनाव जीते जाते रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने आजादी के बाद से हर चुनाव में इसे देखा है। मुस्लिम नेताओं को मुस्लिम इलाकों में ले जाया जाता है और हिंदू नेता हिंदू इलाकों में जाते हैं।’‘पिछला चुनाव भी बालाकोट स्ट्राइक के आधार पर जीता गया था’अब्दुल्ला ने बीजेपी पर उत्तर प्रदेश में चुनाव जीतने के लिए नफरत पैदा करने और फूट डालने की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के परिणामस्वरूप पाकिस्तान के बालाकोट में किए गए हवाई हमले का जिक्र करते हुए कहा, ‘पिछला चुनाव भी बालाकोट (स्ट्राइक) के आधार पर जीता गया था। बीजेपी सरकार सत्ता में आई थी। आज, वे वही काम कर रहे हैं। वे उत्तर प्रदेश में चुनाव जीतने के लिए जम्मू में भी नफरत फैला रहे हैं। क्या रेखा (नियंत्रण रेखा) बदल गई है। क्या हमने पाकिस्तान से कोई क्षेत्र वापस ले लिया है? रेखा जमीन पर मौजूद है। उन्होंने वहां अपनी ही योजना को विफल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’‘मैं दिल्ली में शासन करने वालों से कहना चाहता हूं कि सावधान रहें’यह कहते हुए कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) जम्मू-कश्मीर को विघटन से बचाएगी, उन्होंने कहा कि जम्मू, कश्मीर का प्रवेश द्वार है और कश्मीर, लद्दाख का प्रवेश द्वार है। उन्होंने कहा,‘अगर वे (बीजेपी सरकार) सोचते हैं कि वे इस राज्य को तोड़ देंगे, तो मैं उनसे कहना चाहता हूं: सावधान, ऐसी मानसिकता न रखें। यह देश नहीं बचेगा।’ अब्दुल्ला ने केंद्र के सत्तारूढ़ दल को चेतावनी दी कि बढ़ती नफरत भारत को विघटित कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘अगर यह नफरत यहां बढ़ती रही, तो मैं दिल्ली में शासन करने वालों से कहना चाहता हूं कि सावधान रहें, भारत टुकड़ों में बिखर जाएगा, जिसे वे रोक नहीं सकेंगे। वे इसे नहीं बचा सकते।’ |
hindi_2022_11301 | झारखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के 184 नए मामले, चार मरीजों की मौत | झारखंड में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 184 नये मामले सामने आये जिन्हें मिलाकर राज्य में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 343793 हो गयी जबकि संक्रमण से चार और व्यक्तियों की मौत के साथ पिछले साल शुरू हुई कोरोना महामारी में मृतकों की संख्या 5089 हो गयी। | रांची: झारखंड में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 184 नये मामले सामने आये जिन्हें मिलाकर राज्य में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 343793 हो गयी जबकि संक्रमण से चार और व्यक्तियों की मौत के साथ पिछले साल शुरू हुई कोरोना महामारी में मृतकों की संख्या 5089 हो गयी। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राज्य के 343793 संक्रमितों में से 336058 अब तक ठीक होकर अपने घरों को लौट चुके हैं। इसके अलावा, 2646 अन्य संक्रमितों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में जारी है। पिछले 24 घंटों में राज्य में कुल 34684 नमूनों की जांच की गयी जिनमें से 184 संक्रमित पाये गये। विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में जहां रांची में कोरोना संक्रमण के केवल नौ मामले पाये गये वहीं पूर्वी सिंहभूम में 31 लोग इस वायरस से संक्रमित पाये गये। इसी प्रकार, राजधानी रांची में कोरोना संक्रमण से पिछले 24 घंटों में सिर्फ एक मरीज की मौत हुई जबकि पूर्वी सिंहभूम, खूंटी और लोहरदगा में भी एक-एक व्यक्ति की मौत कोरोना संक्रमण से हुई।इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ब्लैक फंगस को राज्य में महामारी घोषित करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने मंगलवार देर शाम ट्वीट किया, ‘‘मुख्यमंत्री ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने का निर्देश दिया है।’’ उसमें आगे कहा गया है, मुख्यमंत्री के इस संदेश के बाद राज्य में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है। बता दें कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान देश के अन्य हिस्सों की तरह झारखंड में भी ब्लैक फंगस का प्रकोप बढ़ गया है और अब तक राज्य में इसके कुल 79 मामलों की पुष्टि हुई है जबकि इस संक्रमण से 25 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार यहां ब्लैक फंगस के 52 अन्य संदिग्ध मामले भी हैं जिनकी पुष्टि होनी बाकी है। ब्लैक फंगस के 37 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं।ये भी पढ़ें |
hindi_2022_11302 | कानून तोड़ने पर ममता बनर्जी के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है CBI: सुप्रीम कोर्ट | सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उनके कानून मंत्री या कानून तोड़ने करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सीबीआई स्वतंत्र है। | नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उनके कानून मंत्री या कानून तोड़ने करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सीबीआई स्वतंत्र है। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा नारदी मामले में चार टीएमसी नेताओं की नजरबंदी को चुनौती देने वाली सीबीआई की अपील पर सुनवाई कर रही थी।सीबीआई के अनुसार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री 17 मई को उनके कार्यालय पहुंची और उन्होंने जांच एजेंसी के बारे में कई अपमानजनक टिप्पणियां की। एजेंसी ने कहा कि वह छह घंटे तक धरने पर बैठी रही, जबकि एक अनियंत्रित भीड़ संगठित तरीके से बढ़ती रही, जिससे जांच अधिकारी द्वारा आरोपी व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बाद की जाने वाली कार्रवाई में बाधा उत्पन्न हुई।सीबीआई ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के हजारों समर्थकों ने पिछले सोमवार को कोलकाता के निजाम पैलेस में सीबीआई की इमारत की घेराबंदी की और लगातार पथराव में शामिल होकर कानून की प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश की।न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई ने सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि उन्होंने सीबीआई कार्यालय की घेराबंदी करने में मुख्यमंत्री और कानून मंत्री के आचरण को स्वीकार नहीं किया है और न ही उन्होंने इसकी अनुमति दी है।पीठ ने कहा कि ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए संविधान में पर्याप्त उपाय हैं। पीठ ने टिप्पणी की, हम यहां सरकार या सीबीआई को सलाह देने के लिए नहीं हैं। मुख्यमंत्री और कानून मंत्री के धरने के कारण आरोपी व्यक्तियों को पीड़ित क्यों बनाया जाए?अदालत ने कहा कि आप उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए आगे बढ़ सकते हैं जिन्होंने कानून अपने हाथ में लिया है। पीठ ने कहा कि वह एजेंसी पर दबाव बनाने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह के धरने की सराहना नहीं करती।पीठ ने कहा, हम नागरिकों की स्वतंत्रता को राजनेताओं के किसी भी अवैध कृत्य के साथ मिलाना पसंद नहीं करते हैं। हम ऐसा नहीं करेंगे।कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ पहले से ही मामले की सुनवाई कर रही है और इसे देखते हुए शीर्ष अदालत ने सीबीआई से पूछा कि क्या वह उच्च न्यायालय के खिलाफ अपील वापस लेना चाहेगी।मेहता ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि सीबीआई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपनी अपील वापस लेगी, जिसमें टीएमसी नेताओं को नजरबंद करने का आदेश दिया गया था।2016 के नारद स्टिंग टेप मामले में सीबीआई के अधिकारियों द्वारा तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्रियों फरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी के साथ ही वर्तमान विधायक मदन मित्रा और कोलकाता नगर निगम के पूर्व मेयर सोवन चट्टोपाध्याय को गिरफ्तार करने के बाद राजनीति गर्मा चुकी है। कोलकाता में 17 मई को गिरफ्तारी के बाद से इस मामले में भारी ड्रामा देखने को मिला है। इस कथित टेप में कई राजनेता और एक उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारी कथित रूप से एक फर्जी कंपनी को अनौपचारिक लाभ प्रदान करने के लिए नकदी स्वीकार करते पाए गए थे। |
hindi_2022_11303 | राहुल गांधी चाहते हैं पूरी तरह से रद्द हों कृषि कानून,ट्वीट कर कही यह बात | कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी चाहते हैं कि कृषि कानून पूरी तरह से रद्द कर दिया जाए। ये बात उन्होंने अपने ट्वीटर पर किसानों और सरकार से बातचीत शुरू होने से पहले पोस्ट की। | नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी चाहते हैं कि कृषि कानून पूरी तरह से रद्द कर दिया जाए। ये बात उन्होंने अपने ट्वीटर पर किसानों और सरकार से बातचीत शुरू होने से पहले पोस्ट की हैय़ उन्होंने ट्वीट कर कहा-काले कृषि कानूनों को पूर्ण रूप से रद्द करने से कम कुछ भी स्वीकार करना भारत और उसके किसानों के साथ विश्वासघात होगा।इससे पहले कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार को बिना किसी देरी के तीन "काले" कृषि कानूनों को निलंबित करना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रदर्शनकारी किसानों से सीधे वार्ता करनी चाहिए। केंद्र सरकार और आंदोलन कर रहे किसानों संघों के बीच एक दिन पहले हुई वार्ता नए कृषि कानूनों पर गतिरोध खत्म करने में नाकाम रही और दोनों पक्ष बृहस्पतिवार को फिर मिलेंगे। संगठनों ने किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों को देखने के लिए एक समिति गठित करने की सरकार की पेशकश को खारिज कर दिया। सुरजेवाला ने पत्रकारों से कहा, " कृषि मंत्री (नरेंद्र सिंह तोमर) वार्ता करने के लिये अक्षम हैं, इसलिए प्रधानमंत्री को सभी पूर्वाग्रहों एवं पहले से तय धारणाओं को एक तरफ रखकर यह वार्ता करनी चाहिए।" कांग्रेस प्रवक्ता के मुताबिक, करीब 20,000 किसानों के खिलाफ पराली जलाने या "दिल्ली चलो" मार्च के संबंध में मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा, " मोदी सरकार को बिना किसी देरी के इन तीन काले कानूनों को निलंबित करना चाहिए, पराली जलाने के संबंध में किसानों को दंडित करने के लिए जारी अधिसूचना और किसानों के खिलाफ दर्ज सभी आपराधिक मामलों को वापस लेना चाहिए।" सुरजेवाला ने कहा, "मामले के समाधान तक कानूनों को निलंबित कर देना चाहिए।" कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कृषि मंत्री ने विशेष समिति गठित करने का एक "लॉलीपॉप" दिया है। उन्होंने पूछा कि कानून बनाने से पहले अलग-अलग किसान संगठनों, उनके प्रतिनिधियों, पक्षकारों और राज्य सरकारों से विमर्श करने के लिए समिति क्यों गठित नहीं की गई? सुरजेवाला ने जानना चाहा कि कृषि संबंधी कानूनों को विशेष संसदीय समिति के पास क्यों नहीं भेजा गया, जैसा कि संसद में विपक्ष मांग कर रहा था। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "मोदी सरकार एक बार फिर न सिर्फ किसानों के हितों को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि अपने पूंजीपति दोस्तों के कारण किसानों को गुलाम बनाने और उनके हितों को दबाने पर आमादा है।" |
hindi_2022_11304 | कमलनाथ ने गोडसे भक्त बाबूलाल चौरसिया को दिलाई कांग्रेस की सदस्यता, BJP ने उठाया सवाल | पिछले चुनाव में हिंदू महासभा से पार्षद बनकर नगर निगम परिषद में पहुंचे गोडसे समर्थक बाबूलाल चौरसिया ने निगम चुनाव से पहले कांग्रेस का हाथ थामा है। | भोपाल: पिछले चुनाव में हिंदू महासभा से पार्षद बनकर नगर निगम परिषद में पहुंचे गोडसे समर्थक बाबूलाल चौरसिया ने निगम चुनाव से पहले कांग्रेस का हाथ थामा है। भोपाल में एक कार्यक्रम में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलाई है। बाबूलाल पहले भी कांग्रेसी थे। बीते चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर उन्होंने हिंदू महासभा से पार्षद का चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की थी।उनके कांग्रेस में शामिल होने पर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठाया है। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ''गोडसे के पुजारी और कांग्रेस की सवारी, कांग्रेस महात्मा गांधी का प्रयोग नोटों और वोटों के लिए करती है। कांग्रेस की सोच विभाजनकारी है।'' वहीं, आपको बता दें कि कांग्रेस का दामन थामने के बाद उठ रहे सवालों पर बाबूलाल चौरसिया ने सफाई दी है। चौरसिया ने कहा, ''मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं। हिन्दू महासभा ने मुझे अंधेरे में रखकर गोडसे की पूजा कराई थी। पिछले 2-3 साल से मैं इनके इस तरह के कार्यक्रम से दूरी बनाकर चल रहा था। मेरे मन में हिन्दू महासभा की विचारधारा समाहित नहीं हो सकी।''बाबूलाल के बारे में बता दें कि काफी समय से उनके कांग्रेस में शामिल होने को लेकर चर्चा चल रही थी। इससे पहले भी वह कांग्रेस के ही सदस्य थे लेकिन पिछले नगर निगम चुनाव में वार्ड-44 से कांग्रेस की ओर से कांग्रेस नेता शम्मी शर्मा को टिकट दिया गया था। जिस पर बाबूलाल चौरसिया ने बगावत कर कांग्रेस छोड़ दी थी। उन्होंने हिंदू महासभा की सदस्यता लेकर चुनाव लड़ा और जीता था। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के शम्मी शर्मा को हराया था। |
hindi_2022_11305 | काबिले-तारीफ: लखनऊ में रोजा रहते हुए चांद कुरैशी फ्री में रिफिल कर रहे ऑक्सीजन सिलेंडर | दारुल उलूल फिरंगी महल के प्रवक्ता सुफियान निज़ामी ने भी इस कार्य के लिए ट्रस्ट के लोगों की जमकर तारीफ की और कहा कि हर कोई ऐसी मदद करने सामने आ जाए तो इस महामारी को भी मुश्किल हालात में हराया जा सकता है। | लखनऊ। कोरोना के इस मुश्किल दौर में जब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लाशों का अंबार लग गया है। अस्पतालों में लोगों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं, ventiletor मिलना लोगों के लिए सपना हो चुका है। ऐसे समय में कड़ी दोपहरी में रोजा रहते हुए लखनऊ के राहत-ए-इंसानियत ट्रस्ट के ट्रस्टी चांद कुरैशी लोगों के लिए बड़ी सौगात का काम कर रहे हैं। जी हां, जिस शहर में लोग मेडिकल ऑक्सीजन (oxygen) की कालाबाज़ारी कर रहे हो वहां राहत-ए-इंसानियत ट्रस्ट की तरफ से पुराने लखनऊ में बाकायदा सभी जरूरतमंदों को free of cost oxygen cylinder refil किया जा रहा है। दारुल उलूल फिरंगी महल के प्रवक्ता सुफियान निज़ामी ने भी इस कार्य के लिए ट्रस्ट के लोगों की जमकर तारीफ की और कहा कि हर कोई ऐसी मदद करने सामने आ जाए तो इस महामारी को भी मुश्किल हालात में हराया जा सकता है। चांद कुरैशी का कहना है कि इस महामारी के समय हर एक को एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए, केवल प्रशासन या सरकार के भरोसे नहीं बैठे रहे।गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो रही है। ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen cylinder) के लिए लोगों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धि के साथ ही लखनऊ में कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की खपत कई गुना तक बढ़ गई है। लखनऊ में ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत को लेकर लोगों के तरह-तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आ रहे हैं। वहीं राहत-ए-इंसानियत ट्रस्ट के ट्रस्टी चांद कुरैशी की रोजा रखते हुए इस तरह का सराहयनीय कार्य काबिले तारीफ है।Coronavirus Second Wave: देश में कोरोना को लेकर पैनिक हो रही स्थिति, जानिए डॉ. हर्षवर्धन ने क्या कहाAlert: यूपी में बिना मास्क और थूकते पकड़े जाने पर कटेगा भारी चालान लखनऊ। कोरोना के इस मुश्किल दौर में जब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लाशों का अंबार लग गया है। अस्पतालों में लोगों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं, ventiletor मिलना लोगों के लिए सपना हो चुका है। ऐसे समय में कड़ी दोपहरी में रोजा रहते हुए लखनऊ के राहत-ए-इंसानियत ट्रस्ट के ट्रस्टी चांद कुरैशी लोगों के लिए बड़ी सौगात का काम कर रहे हैं। जी हां, जिस शहर में लोग मेडिकल ऑक्सीजन (oxygen) की कालाबाज़ारी कर रहे हो वहां राहत-ए-इंसानियत ट्रस्ट की तरफ से पुराने लखनऊ में बाकायदा सभी जरूरतमंदों को free of cost oxygen cylinder refil किया जा रहा है। दारुल उलूल फिरंगी महल के प्रवक्ता सुफियान निज़ामी ने भी इस कार्य के लिए ट्रस्ट के लोगों की जमकर तारीफ की और कहा कि हर कोई ऐसी मदद करने सामने आ जाए तो इस महामारी को भी मुश्किल हालात में हराया जा सकता है। चांद कुरैशी का कहना है कि इस महामारी के समय हर एक को एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए, केवल प्रशासन या सरकार के भरोसे नहीं बैठे रहे।गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो रही है। ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen cylinder) के लिए लोगों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धि के साथ ही लखनऊ में कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की खपत कई गुना तक बढ़ गई है। लखनऊ में ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत को लेकर लोगों के तरह-तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आ रहे हैं। वहीं राहत-ए-इंसानियत ट्रस्ट के ट्रस्टी चांद कुरैशी की रोजा रखते हुए इस तरह का सराहयनीय कार्य काबिले तारीफ है।Coronavirus Second Wave: देश में कोरोना को लेकर पैनिक हो रही स्थिति, जानिए डॉ. हर्षवर्धन ने क्या कहाAlert: यूपी में बिना मास्क और थूकते पकड़े जाने पर कटेगा भारी चालान |
hindi_2022_11306 | भारत से अलग Jammu Kashmir का कोई भविष्य नहीं हो सकता: उमर अब्दुल्ला | Jammu Kashmir: पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा खत्म करने और उसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद उमर अब्दुल्ला को हिरासत में ले लिया गया था। | नई दिल्ली. नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने एक नयी पुस्तक में कहा कि वह ''न तो धुर दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी नेताओं के नजरिए वाला भारतीय बन सकते हैं'' और ''न ही ऐसे लोगों के नजरिए वाला कश्मीरी बन सकते हैं, जो भारत के एक हिस्से के तौर पर कश्मीर का कोई भविष्य नहीं देखते।'' अब्दुल्ला ने अपनी पुस्तक ''इंडिया टुमॉरो: कन्वर्सेशन विद द नेक्स्ट जेनरेशन ऑफ पॉलिटिकल लीडर्स'' में कहा कि ऐसे में सबसे अच्छा यही है कि आप दूसरों के हिसाब से खुद को नहीं ढालें और आप जो हैं, वही बने रहें। इस पुस्तक का हाल में विमोचन हुआ है।पढ़ें- Coronavirus: भारत में हो चुकी है 65 हजार से ज्यादा मौतें, खतरा बढ़ा लेकिन इस तरह बचाई जा सकती हैं लाखों जिंदगियांपिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा खत्म करने और उसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद उमर अब्दुल्ला को हिरासत में ले लिया गया था। अब्दुल्ला ने कहा कि 232 दिन की हिरासत ने उन्हें ''चिड़चिड़ा'' और ''गुस्सैल'' बना दिया था, फिर भी जम्मू-कश्मीर को भारत का एक अभिन्न अंग मानने के उनके जांचे-परखे रुख में कोई बदलाव नहीं आया।पढ़ें- इस राज्य में प्रवेश करने वाले सभी यात्रियों की कोरोना जांच होगीअब्दुल्ला ने पुस्तक के लेखकों प्रदीप छिब्बर और हर्ष शाह के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ''जम्मू-कश्मीर भारत का एक अभिन्न हिस्सा है। मेरी हिरासत और पांच अगस्त के बाद के हालात ने भी मेरे ये विचार बदलने के लिये मजबूर नही कर पाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि मैंने यह सोच सभी तरह की चीजों को जोड़ते हुए बनाई है। मुझे नहीं लगता कि भारत से अलग जम्मू-कश्मीर का कोई भविष्य हो सकता है।''पढ़ें- Coronavirus in Delhi: फिर मिले 2 हजार से ज्यादा मरीज, एक्टिव केस- 15,870यह पुस्तक पाठकों को देश की अगली पीढ़ी के 20 सबसे प्रभावशाली नेताओं के साक्षात्कारों के जरिये भारत की समकालीन राजनीति की दिशा जानने का मौका देती है। अब्दुल्ला ने पुस्तक में कहा, ''मैंने यह हकीकत कबूल कर ली है कि मैं कभी धुर दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी नेताओं के नजरिए वाला भारतीय नहीं बन सकता हूं। लेकिन, तब मैं कभी ऐसे लोगों के नजरिये वाला कश्मीरी भी नहीं बन सकता हूं, जो भारत के एक हिस्से के तौर पर कश्मीर का कोई भविष्य नहीं देखते। लिहाजा, सबसे अच्छा यही है कि आप दूसरों के हिसाब से खुद को नहीं ढालें और आप जो हैं, वही बने रहें।''पढ़ें- अब यूपी में सिर्फ रविवार को होगा lockdownउन्होंने जोर देकर कहा कि ''भारत ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर के साथ'' जो किया उसे किसी भी तरह जायज नहीं ठहराया जा सकता। पचास वर्षीय अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें लगता है कि जम्मू-कश्मीर के साथ ''बहुत, बहुत बुरा'' सलूक किया गया और ''उससे किया गया हर एक वादा तोड़ दिया गया।'' उन्होंने कहा, ''मेरे जैसे लोगों के लिये यह समझाना मुश्किल हो गया है कि मुझे क्यों लगता है कि जम्मू-कश्मीर भारत का ही अंग रहना चाहिये। दिल्ली ने हमें इस मुद्दे पर और बात करने लायक नहीं छोड़ा।'' |
hindi_2022_11307 | IMD Alert: इन इलाकों में छाया घना कोहरा, पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड | दिल्ली, हरियाणा और चंड़ीगढ़ में भी कोहरे की चादर देखी जा सकती है। यूपी ईस्ट, बिहार, असम और मेघालय में भी कई इलाकों भी घना कोहरा लोगों की दिक्कतें बढ़ा रहा है। | नई दिल्ली. उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड के साथ पिछले कुछ दिनों से घना कोहरा भी लोगों की मुसीबतें बढ़ा रहा है। आज (रविवार) सुबह से ही पश्चिमी यूपी और पंजाब के कई इलाकों में बहुत घना कोहरा छाया हुआ है। दिल्ली, हरियाणा और चंड़ीगढ़ में भी कोहरे की चादर देखी जा सकती है। यूपी ईस्ट, बिहार, असम और मेघालय में भी कई इलाकों भी घना कोहरा लोगों की दिक्कतें बढ़ा रहा है। इस बात की जानकारी मौसम विभाग ने दी। मौसम विभाग ने बताया कि आज न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस रहेगा। पढ़ें- दर्दनाक हादसा, हाईटेंशन लाइन के संपर्क में आने से बस में फैला करंट, लगी आग पढ़ें- यहां पढ़िए आज की सभी बड़ी खबरेंदिल्ली में शनिवार को विजिबिलिटी रही जीरोराष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार को घने कोहरे के कारण दृश्यता कम होकर शून्य मीटर रह गयी, जिससे यातायात प्रभावित हुआ। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी। मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस मौसम में यह तीसरा मौका है जब दृश्यता कम होकर शून्य मीटर रह गयी है। इससे पहले पिछले साल आठ दिसंबर को और इस वर्ष एक जनवरी को दृश्यता कम होकर शून्य मीटर हो गयी थी।नई दिल्ली. उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड के साथ पिछले कुछ दिनों से घना कोहरा भी लोगों की मुसीबतें बढ़ा रहा है। आज (रविवार) सुबह से ही पश्चिमी यूपी और पंजाब के कई इलाकों में बहुत घना कोहरा छाया हुआ है। दिल्ली, हरियाणा और चंड़ीगढ़ में भी कोहरे की चादर देखी जा सकती है। यूपी ईस्ट, बिहार, असम और मेघालय में भी कई इलाकों भी घना कोहरा लोगों की दिक्कतें बढ़ा रहा है। इस बात की जानकारी मौसम विभाग ने दी। मौसम विभाग ने बताया कि आज न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस रहेगा। दिल्ली में शनिवार को विजिबिलिटी रही जीरोपढ़ें- Coronavirus Vaccination शुरू होने से पहले जब पीएम मोदी हो गए भावुकपढ़ें- Coronavirus Vaccination: कांग्रेस पार्टी के नेता मनीष तिवारी ने उठाए ये सवालअधिकारी ने बताया कि बहुत घना कोहरा होने के कारण पालम एवं सफदरजंग में दृश्यता कम होकर शून्य मीटर पर आ गयी है। मौसम विभाग के अनुसार दृश्यता जब शून्य से 50 मीटर के बीच होती है तो वह ‘बहुत घने कोहरे’ की श्रेणी में आता है। इसी प्रकार दृश्यता 51 से 200 मीटर के बीच रहने पर घना कोहरा, 201 से 500 मीटर के बीच मध्यम और 501 से 1000 मीटर के बीच दृश्यता रहने पर कम कोहरा होता है। शनिवार को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से एक डिग्री कम है। लोधी रोड मौसम केंद्र में न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पढ़ें- अफवाहों पर ध्यान न दें, विशेषज्ञों ने टीकों को सुरक्षित करार दिया है: केजरीवालपढ़ें- अमेरिका ने पाकिस्तान को दिया झटका! |
hindi_2022_11308 | कश्मीर में सरपंच की हत्या में शामिल हिज़बुल मुजाहिद्दीन मॉड्यूल का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार | एक सरपंच की हत्या में शामिल हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने बाद आतंकवादियों के तीन सहयोगियों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया। सरपंच शब्बीर अहमद मीर की आतंकवादियों ने शुक्रवार रात कुलगाम के अदौरा स्थित उनके आवास के पास हत्या कर दी थी। | जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में एक सरपंच की हत्या में शामिल हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने बाद आतंकवादियों के तीन सहयोगियों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया। सरपंच शब्बीर अहमद मीर की आतंकवादियों ने शुक्रवार रात कुलगाम के अदौरा स्थित उनके आवास के पास हत्या कर दी थी।कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी), विजय कुमार ने ट्विटर पर कहा, ‘कुलगाम पुलिस ने हाल ही में सरपंच शब्बीर अहमद मीर की हत्या में शामिल प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया और सक्रिय रूप से शामिल आतंकवादियों के तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया।’ उन्होंने कहा कि पुलिस ने संबंधित सामग्री के साथ-साथ अपराध को अंजाम देने में इस्तेमाल किए गए वाहनों को भी जब्त कर लिया है। कुमार ने कहा, ‘जांच के दौरान पता चला कि सरपंच की हत्या हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी मुश्ताक यातू ने हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख आतंकवादी फारूक नल्ली के निर्देश पर की।’ पुलिस ने पहले कहा था कि मीर को श्रीनगर के एक सुरक्षित होटल में आवास दिया गया था, लेकिन वह इसे छोड़ कर बिना अधिकारियों को बताए अपने घर पहुंच गए। |
hindi_2022_11309 | Hijab Row : कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर ओवैसी ने किया ट्वीट, जानिए क्या कहा | ओवैसी ने ट्वीट किया- मैं कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हूं, फैसले से असहमत होना मेरा हक है। मुझे उम्मीद है कि याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। | नयी दिल्ली : एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिजाब विवाद को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर असहमति जताते हुए यह उम्मीद जताई है कि याचिककर्ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब को लेकर दाखिल याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि हिजाब धार्मिक अनिवार्यता का हिस्सा नहीं है। कर्नाटक हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सियासत तेज हो गई है। इस मामले में याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट में अपील की बात कह रहे हैं वहीं सियासी दलों के लोग भी मुखर हो उठे हैं। इसी क्रम में ओवैसी ने ट्वीट कर फैसले पर असहमति जताई है।ओवैसी ने ट्वीट किया- मैं कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हूं, फैसले से असहमत होना मेरा हक है। मुझे उम्मीद है कि याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।ओवैसी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि मुझे उम्मीद है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ बाकी संगठन भी इस फैसले के खिलाफ अपील करें। आपको बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति देने का अनुरोध करने वाली उडुपी स्थित ‘गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज’ की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग की याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं और कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है। तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि स्कूल की वर्दी का नियम एक उचित पाबंदी है और संवैधानिक रूप से स्वीकृत है, जिस पर छात्राएं आपत्ति नहीं उठा सकती। कर्नाटक के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी सी नागेश ने आदेश का स्वागत किया और इसे ‘‘ऐतिहासिक’’ बताया। चीफ जस्टिस ऋतु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित और जस्टिस जे एम खाजी की पीठ ने आदेश का एक अंश पढ़ते हुए कहा, ‘‘हमारी राय है कि मुस्लिम महिलाओं का हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है।’’ पीठ ने यह भी कहा कि सरकार के पास पांच फरवरी, 2022 के सरकारी आदेश को जारी करने का अधिकार है और इसे अवैध ठहराने का कोई मामला नहीं बनता है। इस आदेश में राज्य सरकार ने उन वस्त्रों को पहनने पर रोक लगा दी है, जिससे स्कूल और कॉलेज में समानता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था बाधित होती है। मुस्लिम लड़कियों ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।इनपुट-भाषा |
hindi_2022_11310 | Year Ender 2021: सुर्खियों में रहा किसान आंदोलन, जानिए कैसे झुकी सरकार और खत्म हुए तीनों कृषि कानून | तीनों कानूनों के खिलाफ यूं तो आंदोलन की शुरुआत 2020 में हो गई थी। वर्ष 2021 से पहले ही किसान दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाल चुके थे। सरकार की ओर से भी बातचीत की पहल चल रही थी। | नयी दिल्ली: वर्ष 2021 में किसान आंदोलन ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं। इस आंदोलन में मुख्य तौर पर तीन राज्य पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान ही शामिल रहे लेकिन यह देशभर के किसानों के संघर्ष का प्रतीक बन गया था। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में धीरे-धीरे इस आंदोलन को देशभर से लोगों का समर्थन मिलने लगा। हालांकि इस आंदोलन का विवादों से भी खूब नाता रहा। तरह-तरह के विवादों के बीच भी यह आंदोलन जारी रहा। करीब 380 दिनों तक चले इस आंदोलन के दौरान इसके नायकों ने संयुक्त किसान मोर्चा की छत्रछाया में संगठित होकर इसे आगे बढ़ाया और सरकार को अपनी मांगों के आगे घुटने टेकने को मजबूर कर दिया। तीनों कृषि कानून 17 सितंबर 2020 को संसद से पास हुए थे। केंद्र सरकार के इन कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी। ये तीन कानून निम्नलिखित थे।26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर दूसरा झंडा लगायाइन तीनों कानूनों के खिलाफ यूं तो आंदोलन की शुरुआत 2020 में हो गई थी। वर्ष 2021 से पहले ही किसान दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाल चुके थे। सरकार की ओर से भी बातचीत की पहल चल रही थी लेकिन 26 जनवरी को हुई ट्रैक्टर रैली और लाल किले पर तिरंगा उतारकर दूसरा झंडा लहराने की घटना ने इस आंदोलन पर एक बदनुमा दाग लगा दिया। इससे आंदोलन विवादों में घिर गया। हालांकि बाद में संयुक्त किसान मोर्चा ने इस घटना की निंदा की और कहा कि कुछ लोगों ने आंदोलन को बदनाम करने के लिए लाल किले की घटना को अंजाम दिया। Image Source : AP26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पहुंचकर प्रदर्शनकारियों ने तिरंगे की जगह दूसरा झंडा लगायासरकार से बातचीत के दौरान मांगों पर अड़े रहे किसानसरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत बेनतीजा रही। किसान अपनी जिद पर अड़े रहे और तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने से कम पर कोई भी बात मानने को तैयार नहीं हुए। किसान संगठनों का कहना था कि तीने कृषि कानूनों के लागू होते ही कृषि क्षेत्र भी पूंजीपतियों या कॉरपोरेट घराने के हाथों में चला जाएगा। इससे किसानों को बड़ा नुकसान होगा। इस कानून में यह भी स्पष्ट नहीं किया गया था कि मंडी के बाहर किसानों को न्यूनतम मूल्य मिलेगा या नहीं। ऐसे में हो सकता था कि किसी फसल का ज्यादा उत्पादन होने पर व्यापारी किसानों को कम कीमत पर फसल बेचने के लिए मजबूर करें। एक और बात जिस पर किसान संगठन विरोध कर रहे थे वह यह कि सरकार फसल के भंडारण का अनुमति दे रही है, लेकिन किसानों के पास इतने संसाधन नहीं होते हैं कि वे सब्जियों या फलों का भंडारण कर सकें। पीएम मोदी ने किया कानून वापसी का ऐलानबातचीत के दौरान सरकार किसानों के हिसाब से संशोधन के लिए तैयार थी लेकिन किसानों ने सरकार की कोई शर्त नहीं मानी और तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े रहे। अंतत: किसानों की जिद के आगे सरकार को झुकना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को गुरु पूर्णिमा के दिन देश को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया और कहा कि हमने किसानों को अपनी बात समझाने की पूरी कोशिश की लेकिन उन्हें समझा नहीं पाए। इसलिए उनकी सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला लिया है।लखीमपुर खीरी में किसानों को जीप से कुचलाहालांकि 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह मंत्री अजय मिश्रा टेनी की यात्रा का विरोध कर रहे किसानों पर जीप चढ़ाने की घटना ने किसानों के अंदर गुस्से को और हवा दे दी। जीप से कुचलकर चार किसानों की मौत हो गई जबकि चार लोग बाद की हिंसा में मारे गए। इस घटना के बाद सरकार पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे का दबाव भी बढ़ने लगा था। इस मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री के बेटे समेत अन्य आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पांच राज्यों में हार के डर से झुकी सरकार?हालांकि सियासी गलियारों में यह चर्चा जोरों पर रही कि अगर सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती तो आनेवाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता था। वर्ष 2022 के शुरुआती महीनों में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा के चुनाव होनेवाले हैं। जानकारों का मानना है कि किसान आंदोलन के साये में अगर ये चुनाव होते तो खासतौर पर बीजेपी को इन राज्यों में मुंह की खानी पड़ती। इसी आकलन के मद्देनजर सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया। यानी विधानसभा चुनावों में हार के डर से सरकार ने यह फैसला लिया। हालांकि किसानों का कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी पर समिति का गठन, आंदोलन के दौरान किसानों पर हुए मुकदमों की वापसी, मारे गए लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता जैसे मुद्दे अभी बाकी हैं। Image Source : PTIYear Ender 2021: सुर्खियों में रहा किसान आंदोलन, जानिए कैसे झुकी सरकार और खत्म हुए तीनों कृषि कानून किसान आंदोलन-इस साल का अहम घटनाक्रम |
hindi_2022_11311 | धनबाद जज मौत मामला: झारखंड सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की, ऑटो ने मारी थी टक्कर | झारखंड सरकार ने धनबाद में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश उत्तम आनंद की कथित हत्या की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की सिफारिश की है। | धनबाद: झारखंड सरकार ने धनबाद में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश उत्तम आनंद की कथित हत्या की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट ने धनबाद में जज उत्तम आनंद की एक वाहन से कथित तौर पर कुचलने की ‘‘वीभत्स घटना में दुखद मौत’’ पर शुक्रवार को स्वत: संज्ञान लिया और इसकी जांच की प्रगति के बारे में झारखंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से एक हफ्ते के भीतर स्थिति रिपोर्ट मांगी है। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने साथ ही यह स्पष्ट कर दिया कि न्यायिक अधिकारी की मौत की जांच पर निगरानी के लिए झारखंड उच्च न्यायालय में चल रही कार्यवाही जारी रहेगी। पीठ ने कहा कि वह मामले पर इसलिए स्वत: संज्ञान ले रहा है क्योंकि न्यायिक अधिकारियों और विधि समुदाय पर हमले की घटनाएं देशभर में हो रही हैं। पीठ ने कहा कि देशभर में न्यायिक अधिकारियों और विधि समुदाय पर हमलों की घटनाओं पर गौर करते हुए उसने मामले पर स्वत: संज्ञान लेना ‘‘उचित’’ समझा क्योंकि इस मुद्दे की विस्तृत जांच की आवश्यकता है। पीठ ने कहा, ‘‘हम झारखंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की दुखद मौत पर जांच की स्थिति पर एक हफ्ते में रिपोर्ट देने का निर्देश देते हैं।’’ पीठ ने कहा कि वह ‘‘न्यायिक अधिकारियों की अदालत परिसर के भीतर और बाहर सुरक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए कदमों और घटना की प्रकृति’’ जैसे वृहद मुद्दों को लेकर चिंतित है। न्यायालय ने मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई के वक्त झारखंड के महाधिवक्ता को उपस्थिति रहने के निर्देश दिए और कहा कि वह फिर दूसरे राज्यों को नोटिस जारी करने के मुद्दे पर विचार करेगा। शीर्ष अदालत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने न्यायिक अधिकारी की कथित हत्या से संबंधित मामले पर पहले ही संज्ञान लिया है। वरिष्ठ वकील और एससीबीए अध्यक्ष विकास सिंह ने मामले को रखा था और कहा था कि यह न्यायपालिका की आजादी पर ‘‘हमला’’ है। सीसीटीवी फुटेज में दिखायी दिया कि धनबाद अदालत के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद बुधवार सुबह रणधीर वर्मा चौक पर अच्छी-खासी चौड़ी सड़क के एक ओर सैर कर रहे थे तभी एक ऑटो रिक्शा उनकी तरह आया, उन्हें पीछे से टक्कर मारी और मौके से फरार हो गया। स्थानीय लोग उन्हें नजदीक के अस्पताल में लेकर गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। साथ ही न्यायालय ने न्यायाधीश की मौत की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया और कहा है कि जांच की निगरानी उच्च न्यायालय करेगा। उच्च न्यायालय ने न्यायाधीश की संदिग्ध हत्या की जांच के लिए पुलिस महानिदेशक ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अभियान संजय आनंद लाटकर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने का बुधवार को आदेश दिया। उच्च न्यायालय ने कहा कि वह जांच की निगरानी करेगा और उसने एसआईटी से समय-समय पर जानकारी देते रहने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने कहा था कि अगर किसी भी वक्त अदालत को यह लगा कि जांच सही दिशा में नहीं जा रही है तो मामले को सीबीआई को सौंपा जाएगा।इनपुट-भाषा |
hindi_2022_11312 | रविशंकर प्रसाद ने संसद में कहा, इस्लाम या ईसाई धर्म अपनाने वाले दलितों को नहीं मिलेगा आरक्षण | धर्म परिवर्तन कर इस्लाम या ईसाई धर्म अपनाने वाले दलित वर्ग के लोग अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। | नई दिल्ली: धर्म परिवर्तन कर इस्लाम या ईसाई धर्म अपनाने वाले दलित वर्ग के लोग अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए साथ ही कहा कि दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले ऐसे लोग आरक्षण से जुड़े अन्य लाभ भी नहीं ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि हिंदू, सिख या बौद्ध धर्म को मानने वाले दलित अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं और आरक्षण का लाभ भी ले सकते हैं।कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में बीजेपी सांसद जीवीएल नरसिंहा राव के आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों में पात्रता के सवाल पर पूछे गए सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। कानून मंत्री ने अपने जवाब में कहा, 'संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश, का पैरा-3 अनुसूचित जातियों की राज्यवार सूची को परिभाषित करती है. इसके अंतर्गत कोई व्यक्ति जो हिंदू, सिख या बौद्ध धर्म से अलग धर्म मानता है, अनुसूचित जाति का सदस्य नहीं समझा जाएगा. वैध अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र के साथ कोई भी व्यक्ति आरक्षित स्थानों से चुनाव लड़ने के लिए योग्य है।'इस सवाल पर कि क्या सरकार लोक प्रतिनिधित्व कानून और निर्वाचन नियमावली में ऐसे किसी संशोधन पर विचार कर रही है जिसमें यह स्पष्ट रूप से उल्लेख हो कि ईसाई या इस्लाम में धर्मपरिवर्तन करने वाले दलित आरक्षित सीटों से चुनाव लड़ने के योग्य नहीं होंगे, कानून मंत्री ने कहा कि ऐसा कोई भी प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा-4 (क) के मुताबिक, लोकसभा में किसी स्थान को भरने के लिए चुने जाने के लिए कोई व्यक्ति तब तक अर्हित न होगा जब तक कि अनुसूचित जातियों के लिए किसी राज्य में आरक्षित स्थान की दशा में, वह उस राज्य की या किसी अन्य राज्य की अनुसूचित जातियों में से किसी का सदस्य न हो और किसी संसदीय निर्वाचन-क्षेत्र के लिए निर्वाचक न हो।वहीं, धारा-5 (क) के मुताबिक, किसी राज्य की विधान सभा में के स्थान को भरने के लिए चुने जाने के लिए कोई व्यक्ति तब तक अर्हित न होगा जब तक कि उस राज्य की अनुसूचित जातियों के लिए या अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित स्थान की दशा में, वह, यथास्थिति, उन जातियों में से या उन जनजातियों में से किसी का सदस्य न हो और उस राज्य में के किसी सभा निर्वाचन-क्षेत्र के लिए निर्वाचक न हो। |
hindi_2022_11313 | Rajat Sharma’s Blog: खेल मंत्री ने स्ट्रेंथ लिफ्टर सुनीता देवी की मदद का वादा क्यों किया | हरियाणा के रोहतक जिले के सीसर खास गांव की रहने वाली सुनीता देवी ने पिछले साल बैंकॉक में हुई वर्ल्ड स्ट्रेंथ लिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था। | आज जब करोड़ों भारतीय 23 जुलाई से शुरू होने जा रहे तोक्यो ओलंपिक गेम्स में हिस्सा ले रहे अपने प्लेयर्स को चीयर्स करने की तैयारी कर रहे हैं, मैं आपके सामने एक ऐसी खिलाड़ी का केस सामने लाना चाहता हूं, जिसने वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता, भारत का नाम रोशन किया, लेकिन आज दो जून की रोटी के लिए लोगों के घरों में बर्तन धोने को मजबूर है।हरियाणा के रोहतक जिले के सीसर खास गांव की रहने वाली सुनीता देवी ने पिछले साल बैंकॉक में हुई वर्ल्ड स्ट्रेंथ लिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था। उन्होंने 2019 में छत्तीसगढ़ में आयोजित नेशनल स्ट्रेंथ लिफ्टिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल और इस साल पश्चिम बंगाल में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता।सुनीता देवी के परिवार की आर्थिक हालत आज इतनी खराब है कि उन्हें अपने परिवार का पेट पालने के लिए बतौर घरेलू सहायिका काम करना पड़ रहा है। उनके पिता ईश्वर सिंह दिहाड़ी मजदूर हैं और उनकी मां जमुना देवी घरेलू सहायिका हैं। एक वेटलिफ्टर, जिसे अपनी ताकत बढ़ाने के लिए रोजाना पौष्टिक आहार की जरूरत होती है, वह रोटी और हरी मिर्च खाकर अपनी भूख मिटा रही है। सुनीता इस पेड़ों की शाखाओं और ईंटों से प्रैक्टिस करके अपने आपको इस स्पोर्ट के लिए फिट रखती रही हैं। वह अब शादियों और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में खाना बनाती हैं, बर्तन धोती हैं जिसके बदले में उन्हें 500 रुपये की दिहाड़ी मजदूरी मिलती है।एक वर्ल्ड चैंपियन, जिसे लगातार जिम में प्रैक्टिस करनी चाहिए, लोगों के घरों में काम करके दो वक्त की रोटी कमा रही है। सुनीता ने बचपन से ही वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना देखा था और इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। पिछले 3 सालों में उन्होंने स्ट्रेंथ लिफ्टिंग में 20 से ज्यादा मेडल जीते हैं।जब उन्हें वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए बैंकॉक जाने का मौका मिला, तो उनके परिवार के पास पैसे नहीं थे। सुनीता के पिता ने अपनी बेटी का दिल टूटने नहीं दिया और उन्हें बैंकॉक भेजने के लिए ऊंची ब्याज दर पर 1.5 लाख रुपये का लोन लिया। सुनीता बैंकॉक गईं, अपनी कैटिगरी में वर्ल्ड चैंपियन बनीं और अपना सपना पूरा किया। सुनीता को लगता था चैंपियन बनने के बाद उनकी जिंदगी बदल जाएगी, बहुत सारे इनाम मिलेंगे, सरकार की तरफ से मदद मिलेगी, लेकिन उनकी सारी उम्मीदें धराशायी हो गईं। उनके पास लोन का ब्याज चुकाने के लिए भी पैसे नहीं रह गए। इसी बीच कोरोना का कहर टूटा और लॉकडाउन की वजह से पिता को मिलने वाली मजदूरी भी बंद हो गई, मां को भी काम मिलना बंद हो गया, और परिवार की आर्थिक हालत बदतर होती गई।अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में हमने ग्राम पंचायत की जमीन पर बने उनके टूटे-फूटे घर की हालत दिखाई थी। हमने शो में सुनीता और केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू के बीच एक विशेष बातचीत की भी व्यवस्था की। मंत्री ने सुनीता को आश्वासन दिया कि वह और उनका मंत्रालय उनकी मदद करेंगे और हर संभव तरीके से उनका मार्गदर्शन करेंगे ताकि वह अपने स्पोर्ट्स करियर को जारी रख सकें। बातचीत के दौरान सुनीता ने रिजिजू से कहा कि चूंकि एशियान गेम्स या ओलंपिक गेम्स में स्ट्रेंथ लिफ्टिंग को खेल के रूप में मान्यता नहीं दी गई है, इसलिए उन्हें सरकार से कोई मदद नहीं मिल पाई। उन्होंने मंत्री से कहा कि उन्होंने वेटलिफ्टिंग का विकल्प इसलिए नहीं चुना क्योंकि इसके लिए प्रॉपर ट्रेनिंग और अच्छी डाइट चाहिए थी, जिसके लिए उनके पास पैसे नहीं थे।रिजिजू ने कहा कि चूंकि स्पोर्ट्स राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए वह अपेक्षा करते हैं कि राज्य सरकार उनकी मदद करेगी। खेल मंत्री ने कहा कि उन्हें सभी तरह के स्पोर्ट्स पसंद हैं, लेकिन ओलंपिक गेम्स में स्ट्रेंथ लिफ्टिंग को मान्यता न होने के कारण वह नियमों से बंधे हैं। ओलंपिक गेम्स में मेडल जीतने वाले प्लेयर्स को ही मदद दी जाती है। रिजिजू ने वादा किया, ‘इसके बावजूद मैं सुनीता की मदद करूंगा और उनका मार्गदर्शन करूंगा।’मैं जानता हूं कि किरन रिजिजू वाकई में बहुत अच्छे इंसान हैं और वह सुनीता देवी के सपनों को पूरा करने में उनकी मदद जरूर करेंगे। भारत के लोग अपने प्लेयर्स से प्यार करते हैं चाहे वह विराट कोहली हों, सानिया मिर्जा हों, साइना नेहवाल हों, पीवी सिंधु हों या बॉक्सिंग चैंपियन एम. सी. मैरी कॉम हों। पी.टी. उषा जैसी खिलाड़ियों ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर वर्ल्ड स्पोर्ट्स में अपनी पहचान बनाई है। लेकिन जब हम सुनीता देवी जैसे खिलाड़ियों को अपने सपनों को हासिल करने में नाकाम होते हुए देखते हैं, तो दुख होता है। हमें उनका हौसला बरकरार रखने की कोशिश करनी चाहिए और सुनीता देवी जैसे गरीब खिलाड़ियों की हर संभव मदद करने के लिए आगे आना चाहिए। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 18 जून, 2021 का पूरा एपिसोड |
hindi_2022_11314 | गोवा मुक्ति दिवस समारोह: PM मोदी बोले- नेशन फर्स्ट हमारा मंत्र, एक ही संकल्प- एक भारत, श्रेष्ठ भारत | पीएम मोदी गोवा पहुंच गए हैं। वो कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन तो करेंगे ही लेकिन उनका मुख्य कार्यक्रम गोवा मुक्ति दिवस समारोह के दौरान ऑपरेशन विजय में शामिल स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने का होगा। | नई दिल्ली: अगले साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ताबड़तोड़ रैलियों का दौर जारी है। गोवा के लिबरेशन डे के मौके पर गोवा पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कि गोवा की धरती को, गोवा की हवा को, गोवा के समंदर को प्रकृति का अद्भुत वरदान मिला हुआ है। आज आप सभी का गोवा की धरती पर ये जोश, गोवा की हवाओं में मुक्ति के गौरव को और बढ़ा रहा है। आज गोवा न केवल अपनी मुक्ति की डायमंड जुबली मना रहा है बल्कि 60 वर्षों की इस यात्रा की स्मृतियां भी हमारे सामने हैं। हमारे सामने आज संघर्ष और बलिदानों की गाथा भी है, लाखों गोवा वासियों के परिश्रम और लगन के वो परिणाम हैं जिनकी वजह से हमने एक लंबी दूरी तय की है।पीएम मोदी ने आगे कहा कि गोवा एक ऐसे समय में पुर्तगाल के अधीन गया था जब देश के दूसरे बड़े भूभाग में मुगलों की सल्तनत थी। उसके बाद कितने ही सियासी तूफान इस देश ने देखे, सत्ताओं की कितनी उठक पटक हुई। समय और सत्ताओं की उठापटक के बीच सदियों की दूरियों के बाद भी न गोवा अपनी भारतीयता को भूला, न भारत अपने गोवा को भूला। ये एक ऐसा रिश्ता है जो समय के साथ और सशक्त ही हुआ है। गोवा के लोगों ने भी मुक्ति और स्वराज के लिए आंदोलनों को थमने नहीं दिया। उन्होंने भारत के इतिहास में सबसे लम्बे समय तक आज़ादी की लौ को जलाकर रखा। भारत एक ऐसा भाव है जहां राष्ट्र ‘स्व’ से ऊपर होता है, सर्वोपरि होता है। जहां एक ही मंत्र होता है- राष्ट्र प्रथम। जहां एक ही संकल्प होता है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज गोवा न केवल अपनी मुक्ति की डायमंड जुबली मना रहा है बल्कि 60 वर्षों की इस यात्रा की स्मृतियां भी हमारे सामने हैं। हमारे सामने आज संघर्ष और बलिदानों की गाथा भी है, लाखों गोवा वासियों के परिश्रम और लगन के वो परिणाम हैं जिनकी वजह से हमने एक लंबी दूरी तय की है। गोवा की डायमंड जुबली आज़ादी के अमृत महोत्सव के साथ मन रही है इसलिए गोवा के सपने और गोवा के संकल्प आज देश को ऊर्जा दे रहे हैं। आज हम एक ओर गोवा मुक्ति दिवस मना रहे हैं तो दूसरी ओर गोवा के विकास के लिए नए कदम भी बढ़ा रहे हैं। गोवा एक ऐसे समय में पुर्तगाल के अधीन गया था जब देश के दूसरे बड़े भूभाग में मुगलों की सल्तनत थी। उसके बाद कितने ही सियासी तूफान इस देश ने देखे लेकिन समय और सत्ताओं की उठापटक के बीच सदियों की दूरियों के बाद भी न गोवा अपनी भारतीयता को भूला न भारत अपने गोवा को भूला।गोवा में प्रधानमंत्री ने पुनर्निमित फोर्ट अगुआड़ा कारागार संग्रहालय, गोवा चिकित्सा महाविद्यालय में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक, न्यू साउथ गोवा जिला अस्पताल, मोपा हवाई अड्डे पर विमानन कौशल विकास केंद्र और डावोरलिम-नावेलिम, मडगांव में गैस इंसुलेटेड उपकेंद्र का उद्घाटन किया। गोवा मुक्ति दिवस महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराने के लिए भारतीय सेना द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन विजय' के स्वतंत्रता सेनानियों और पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। |
hindi_2022_11315 | पीयूष जैन के कानपुर- कन्नौज ठिकाने से कैश, सोने के बिस्किट समेत कुल 213 करोड़ जब्त, DRI ने कस्टम एक्ट में केस दर्ज किया | डीआरआई को शक है दुबई से ये सोना तस्करी के जरिए लाया गया और इसी वजह से सोने के बिस्किट के सीरियल नंबर मिटाने की कोशिश की गई है। | नयी दिल्ली: पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज दोनों ठिकानों से कुल जब्ती 213.45 करोड़ रुपए की है। कानपुर से 177.45 करोड़ रुपए कैश, कन्नौज से 19 करोड़ रुपए कैश, 23 किलो सोने के बिस्किट जिसकी कीमत 11 करोड़, चंदन की लकड़ी का तेल 600 किलो जिसकी कीमत 6 करोड़ रुपए है। कैश को जीएसटी विभाग ने सीज करके CGST एक्ट के सेक्शन 132 के तहत कार्रवाई की जबकि बरामद 23 किलो सोने के बिस्किट को कल डीआरआई ने अपने कब्जे में ले लिया था। आज डीआरआई ने कस्टम एक्ट 110 के तहत पीयूष जैन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। डीआरआई को शक है दुबई से ये सोना तस्करी के जरिए लाया गया और इसी वजह से सोने के बिस्किट के सीरियल नंबर मिटाने की कोशिश की गई है। डीआरआई जल्द कोर्ट में आवेदन देकर पीयूष जैन की कस्टडी लेगी ताकि विदेश से सोना किस तरीके से लाया गया, कितने कस्टम ड्यूटी का फर्जीवाड़ा किया गया और दुबई समेत सिंगापुर में वो कौन सी कंपनी है जो इत्र के रॉ मैटिरियल के बदले कस्टम एक्ट का उलंघन करके सोने के बिस्किट पीयूष जैन को भेज रही थी। सीबीआईसी अधिकारियों द्वारा नकदी की यह अब तक की सबसे बड़ी जब्ती है।आपको बता दें कि टैक्स चोरी के आरोप में गिरफ्तार किए गए इत्र व्यवसायी पीयूष जैन को जैन को रविवार को गिरफ्तार किया गया था। सोमवार को जिला अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। अदालत में पेश किए जाने से पहले जैन का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया और उसकी कोविड-19 जांच भी हुई जिसकी रिपोर्ट के मुताबिक उसे ऐसा कोई संक्रमण नहीं है। |
hindi_2022_11316 | Covishield टीका ले चुके यात्रियों को फ्रांस ने दी आवागमन की मंजूरी, अदार पूनावाला बोले- 'अच्छी खबर है' | फ्रांस ने भारत में उत्पादित कोविड-19 के टीके एस्ट्राजेनेका (भारत में कोविशील्ड नाम से) की खुराक लेने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को देश में आने की अनुमति दे दी है। | नई दिल्ली: फ्रांस ने भारत में उत्पादित कोविड-19 के टीके एस्ट्राजेनेका (भारत में कोविशील्ड नाम से) की खुराक लेने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को देश में आने की अनुमति दे दी है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के CEO अदार पूनावाला ने इस फैसले का स्वागत किया है। बता दें कि यह टीका भारत में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा ही बनाया जा रहा है।अदार पूनावाला ने कहा, "यात्रियों के लिए वास्तव में यह अच्छी खबर है। 16 यूरोपीय देश प्रवेश के लिए स्वीकार्य वैक्सीन के रूप में COVISHIELD को मान्यता दे रहे हैं। हालांकि, टीका लगाए जाने के बावजूद अलग-अलग देशों में प्रवेश दिशानिर्देश भिन्न हो सकते हैं।"गौरतलब है कि फ्रांस ने भारत के सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा उत्पादित एस्ट्राजेनेका टीका लगवाने वालों को देश में आने की अनुमति यूरोपीय संघ द्वारा केवल यूरोप में उत्पादित एस्ट्राजेनेका टीके को मान्यता देने पर हुई आलोचना के बाद दी है। कई यूरोपीय देश पहले ही भारत में निर्मित एस्ट्राजेनेका टीके को मान्यता दे चुके हैं, जिनका बड़े पैमाने पर ब्रिटेन और अफ्रीका में इस्तेमाल हो रहा है। प्रत्येक देश में अलग-अलग नियम होने की वजह से इस साल गर्मी की छुट्टियों में यात्रा करना और जटिल हो गया है। फ्रांस ने अबतक चीन या रूसी टीकों को मान्यता नहीं दी है। यूरोपीय संघ के औषधि नियामक ने अबतक फाइजर/बायोएनटेक, मॉडर्ना, जॉनसन ऐंड जॉनसन और एस्ट्राजेनेका के टीके को अधिकृत किया है। |
hindi_2022_11317 | दिवाली पर बसों में बढ़ रही भीड़, 39 लाख यात्री कर सकते हैं सफर | दिवाली की तैयारियां अपने चरम पर हैं। हर बार की तरह इस बार भी घर से दूर रहने वाले लोग त्यौहार अपने परिवार के साथ मनाने की चाह रखते हुए घर जाने की जुगत में लग गए हैं। | नई दिल्ली: दिवाली की तैयारियां अपने चरम पर हैं। हर बार की तरह इस बार भी घर से दूर रहने वाले लोग त्यौहार अपने परिवार के साथ मनाने की चाह रखते हुए घर जाने की जुगत में लग गए हैं। देश के सबसे बड़े ऑनलाइन बस टिकटिंग प्लटेफॉर्म रेडबस पर अब तक इंटरसिटी बसों के लिए हुई टिकट बुकिंग के आंकड़े इस ओर इशारा करते हैं। 14 नवंबर को दीपोत्सव के त्यौहार से 15 दिन पहले ही रेड बस पर टिकट के लिए बुकिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी।त्यौहार के इस खास मौके पर यात्रियों की बढ़ती वाहन जरूरत को ध्यान में रखते हुए राज्य सड़क परिवहन निगम की 17 बसें और 1,900 से अधिक प्राइवेट बसें रोजाना 40,000 दैनिक सेवाएं देंगी, जिनके माध्यम से 39 लाख यात्रियों के सफर करने की उम्मीद जताई जा रही है। रेडबस से प्राप्त अब तक के आंकड़ों से पता चला है कि दिवाली के लिए चेन्नई और मदुरै के बीच बस से सफर करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। यह इस ओर भी इशारा करता है कि पूरे भारत में चेन्नई से सफर करने वालों की संख्या भी सबसे अधिक है।चूंकि देश में रेल सेवाओं के संचालन को अभी तक सीमित रखा गया है, ऐसे में घर वापसी के लिए बसों की ओर रुख करने वाले यात्रियों की संख्या भी सबसे ज्यादा है। कुछ रेल मार्ग ऐसे हैं, जहां सफर की जरूरतों को बसें पूरा कर रही हैं, वे हैं - पटना से कोलकाता, बलिया से लखनऊ, पलासा से विशाखापट्टनम, बरहमपुर से कोलकाता और भुवनेश्वर से कोलकाता।फिलहाल, 60 प्रतिशत बुकिंग राज्य के भीतर सफर करने के लिए हुई है और शेष 40 फीसदी अंतर्राज्यीय सफर के लिए हुई है। मौजूदा बुकिंग में से 58 फीसदी वातानुकूलित बसों के सफर के लिए की गई है। शीर्ष पांच राज्य जहां रेडबस को सबसे अधिक सफर के लिए मांग देखने को मिल रही है, उनमें तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात शामिल हैं। |
hindi_2022_11318 | स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- बैलेट पेपर में 304 सीटों पर सपा जीती, EVM में हुआ बड़ा खेल | स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, "बैलेट पेपर के मतदान में समाजवादी पार्टी 304 सीट पर जीती है, जबकि भाजपा मात्र 99 पर। लेकिन ईवीएम से मतों की गिनती में भाजपा चुनाव जीती, इसका मतलब है कि कोई न कोई बड़ा खेल हुआ है।" | लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल में संपन्न उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी का परोक्ष रूप से आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि कोई ना कोई 'बड़ा खेल' हुआ है। मौर्य ने एक ट्वीट में बैलेट पेपर की वोटिंग में समाजवादी पार्टी को 403 में से 304 सीट मिलने का दावा किया। उन्होंने कहा, "बैलेट पेपर के मतदान में समाजवादी पार्टी 304 सीट पर जीती है, जबकि भाजपा मात्र 99 पर। लेकिन ईवीएम से मतों की गिनती में भाजपा चुनाव जीती, इसका मतलब है कि कोई न कोई बड़ा खेल हुआ है।"मौर्य विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही प्रदेश की भाजपा सरकार से इस्तीफा देकर सपा में शामिल हुए थे। उन्होंने फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 255 सीट जीत कर एक बार फिर सत्ता में जोरदार वापसी की है, जबकि उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी को कुल 18 सीट मिली हैं। बता दें कि, स्वामी प्रसाद मौर्य विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। चुनाव प्रचार के दौरान वो खुद को नेवला और बीजेपी को सांप बता रहे थे। फाजिलनगर सीट पर स्वामी प्रसाद मौर्य 26 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से BJP के सुरेन्द्र कुशवाहा से हार गए हैं। स्वामी की हार में सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष इलियास अंसारी का बागी होना मुख्य वजह माना जा रहा है। BJP ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश में भारी बहुमत हासिल किया है, जल्द ही योगी आदित्यनाथ एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। |
hindi_2022_11319 | Rahul Vs Yogi: ट्विटर पर राहुल गांधी ने तंज कसा तो योगी आदित्यनाथ ने दिया जवाब | एक दिन पहले भी राहुल गांधी ने एक ऐसा ही ट्वीट कर सीएम योगी पर तंज कसा था। उन्होंने लिखा था, "तुम हिंदू सिख ईसाई न मुसलमान के हो। बस मित्रों के हो, ना देश ना इंसान के हो।" | लखनऊ: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच ट्विटर पर टकराव दिखा है। राहुल गांधी ने एक ट्वीट संदेश के जरिए योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा था और उसके जवाब में योगी आदित्यनाथ ने भी अपने अंदाज में उत्तर दिया। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट संदेश में लिखा था, 'जो नफरत करे, वह योगी कैसा', इसके जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'जिन्ह कें रही भावना जैसी। प्रभु मूरति तिन्ह देखी तैसी'योगी आदित्यनाथ ने राहुल गांधी के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा, "श्रीमान राहुल जी! अपराधियों और उपद्रवियों के साम्राज्य पर बुलडोजर चलाना अगर नफरत है, तो ये नफरत अनवरत जारी रहेगी।" एक दिन पहले भी राहुल गांधी ने एक ऐसा ही ट्वीट कर सीएम योगी पर तंज कसा था। उन्होंने लिखा था, "तुम हिंदू सिख ईसाई न मुसलमान के हो। बस मित्रों के हो, ना देश ना इंसान के हो।"दूसरी तरफ कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश मामलों की प्रभारी प्रियंका गांधी के लखनऊ के तीन दिनों के प्रवास में कई बैठकों के बाद पार्टी ने अगले साल की शुरुआत में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारों से आवेदन लेना प्रारंभ कर दिया है। कांग्रेस मुख्यालय से शनिवार को जारी बयान के अनुसार उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव, 2022 की तैयारियों में जुटी कांग्रेस ने चुनाव लड़ने के इच्छुक पार्टी कार्यकर्ताओं से आवेदन लेना शुरू कर दिया है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_11320 | Cyclone Nivar की वजह से कई और ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द, ये रही लिस्ट | दक्षिण रेलवे ने पहले 12 ट्रेनों को कैंसिल किया था, अब 6 अन्य ट्रेनों को आंशिक रूप से निरस्त किया है। | चेन्नई. चक्रवाती तूफान ‘निवार’ अगले 12 घंटे में अति विकराल रूप धर बुधवार आधी रात या बृहस्पतिवार तड़के तमिलनाडु और पुडुचेरी के बीच तट से टकराएगा। इस तुफान का असर भारतीय रेल सेवा भी पड़ा है। दक्षिण रेलवे ने पहले 12 ट्रेनों को कैंसिल किया था, अब 6 अन्य ट्रेनों को आंशिक रूप से निरस्त किया है। दक्षिण रेलवे ने कहा है कि जो गाडियां कैंसिल की गई हैं उनके पूरा रिफंड दिया जाएगा। पैंसिजर 6 महीने तक अपने टिकट का रिफंड क्लेम कर सकते हैं।कई ट्रेनें आंशिक रूप से कैंसिल 02624 तिरुवनंतपुरम-MGR चेन्नई सेंट्रेल के बीच चलने वाली स्पेशल ट्रेन को जो 25 नवंबर को तिरुवनंतपुरम से चलनी थी, उसे ईरोड और MGR चेन्नई सेंट्रेल के बीच रद्द किया गया है।02602 मंगलुरु सेंट्रल-MGR चेन्नई सेंट्रेल के बीच चलने वाली स्पेशल ट्रेन जो 25 नवंबर को मंगलुरु से चलनी थी, सलेम और MGR चेन्नई सेंट्रेल के बीच रद्द की गई है।02640 अलाप्पुझा- MGR चेन्नई सेंट्रेल के बीच चलने वाली स्पेशल ट्रेन जो 25 नवंबर को अलाप्पुझा से चलनी थी, ईरोड और MGR चेन्नई सेंट्रेल के बीच रद्द की गई है।02623 MGR चेन्नई सेंट्रेल- तिरुवनंतपुरम के बीच चलने वाली स्पेशल ट्रेन जो 26 नवंबर को चेन्नई से चलनी थी, MGR चेन्नई सेंट्रेल और ईरोड के बीच रद्द किया गया है।02601 MGR चेन्नई सेंट्रेल-मंगलुरु सेंट्रल के बीच चलने वाली स्पेशल ट्रेन जो 26 नवंबर को चेन्नई से चलनी थी, MGR चेन्नई सेंट्रेल और सलेम के बीच रद्द की गई है।02639 MGR चेन्नई सेंट्रेल-अलाप्पुझा के बीच चलने वाली स्पेशल ट्रेन जो 26 नवंबर को चेन्नई से चलनी थी, MGR चेन्नई सेंट्रेल और ईरोड के बीच कैंसिल की गई है।ये ट्रेनें हुई हैं कैंसिलImage Source : TWITTER/GMSRAILWAYCancel Train Listविकराल रूप ले सकता है चक्रवातआपको बता दें कि बुधवार को आईएमडी द्वारा जारी बुलेटिन में कहा गया, “चक्रवाती तूफान के अगले 12 घंटे में अति विकराल रूप धरने की आशंका प्रबल है। इसके उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने और 25 नवंबर की रात या 26 नवंबर तड़के तमिलनाडु और पुडुचेरी के बीच कराईकल और मामल्लापुरम पर तट से टकराने की आशंका है। तूफान की गति 120-130 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी जो बढ़कर 145 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है।”चेन्नई. चक्रवाती तूफान ‘निवार’ अगले 12 घंटे में अति विकराल रूप धर बुधवार आधी रात या बृहस्पतिवार तड़के तमिलनाडु और पुडुचेरी के बीच तट से टकराएगा। इस तुफान का असर भारतीय रेल सेवा भी पड़ा है। दक्षिण रेलवे ने पहले 12 ट्रेनों को कैंसिल किया था, अब 6 अन्य ट्रेनों को आंशिक रूप से निरस्त किया है। दक्षिण रेलवे ने कहा है कि जो गाडियां कैंसिल की गई हैं उनके पूरा रिफंड दिया जाएगा। पैंसिजर 6 महीने तक अपने टिकट का रिफंड क्लेम कर सकते हैं।कई ट्रेनें आंशिक रूप से कैंसिल ये ट्रेनें हुई हैं कैंसिलImage Source : TWITTER/GMSRAILWAYCancel Train Listविकराल रूप ले सकता है चक्रवातचेन्नई और आसपास के क्षेत्रों में रातभर बारिश हुई और निचले स्थानों में जलभराव हो गया। चक्रवात के खतरे को देखते हुए तमिलनाडु में बुधवार को अवकाश घोषित किया गया है। इस बीच लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने कहा कि चेम्बरमबक्कम झील से एक हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा क्योंकि इसमें पानी अधिकतम स्तर पर पहुंचने वाला है। उन्होंने कहा कि पानी मध्याह्न 12 बजे से छोड़ा जाएगा। |
hindi_2022_11321 | सुल्ली डील्स ऐप केस: आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत याचिका खारिज, पुलिस के वकील ने दी थी ये दलील | ओंकारेश्वर के वकीलों की तरफ से दलील दी गई कि आरोपी पर आईपीसी 153A साबित नहीं होता है बल्कि पुलिस मीडिया और सोसाइटी के दबाव में काम कर रही है। | बुल्ली बाई ऐप बनाने वाले आरोपी नीरज बिश्नोई को स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने असम से गिरफ्तार करके कस्टडी ली थी, आरोपी के वकीलों की तरफ से जमानत याचिका लगाई गई और पटियाला हाउस कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जमानत याचिका पर सुनवाई की गई। नीरज बिश्नोई के वकीलों की तरफ से दलील दी गई कि आरोपी 20 साल का लड़का है और उसपर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं।वकीलों ने कोर्ट को बताया कि नीरज बिश्नोई बुल्ली बाई ऐप को किसी महिला की बदनामी के मकसद से नही बनाया था और उसके पास से न ही कोई रिकवरी हुई है और न ही उसकी कस्टडी की आगे जरूरत है वो काफी दिनों से न्यायिक हिरासत में है लिहाजा उसे जमानत दे दी जाए। इसपर स्पेशल सेल की IFSO यूनिट की तरफ से दलील दी गई कि आरोपी ने बुल्ली बाई ऐप बनाई थी और उस पर मुस्लिम महिलाओं की फोटो डालकर ऑक्शन करने की कोशिश की थी, मुस्लिम महिला पत्रकारों और ऐसी मुस्लिम महिलाएं जो सोशल मीडिया पर एक्टिव थी उनकी फोटो डालजर जानबूझ कर ये साजिश रची गई और जिस ट्विटर एकाउंट से ये फोटो शेयर की गई वो सब आरोपी का ही था लिहाजा केस अभी शुरुआती दौर में है ऐसे में जमानत न दी जाए।इसके बाद 14 जनवरी को बुल्ली बाई ऐप बनाने वाले आरोपी नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका पटियाला हाउस कोर्ट के जज ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कैंसिल कर दी और फिलहाल साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के किशनगढ़ वाले सुल्ली डील्स ऐप केस में नीरज बिश्नोई को पुलिस ने दो दिन की कस्टडी में लिया है और इसके बाद मुंबई पुलिस अपने केस में आरोपी की कस्टडी की मांग करेगी।इसी तरह सुल्ली डील्स बनाने वाले आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर को स्पेशल सेल की टीम ने मध्यप्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार करके इसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया था इस आरोपी के वकील की तरफ से भी पटियाला हाउस कोर्ट में आज यानी 15 जनवरी को जमानत याचिका लगाई गई जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया।ओंकारेश्वर के वकीलों की तरफ से दलील दी गई कि आरोपी पर आईपीसी 153A साबित नहीं होता है बल्कि पुलिस मीडिया और सोसाइटी के दबाव में काम कर रही है। इस पर पुलिस की तरफ से दलील दी गई कि आरोपी ने सुल्ली डील्स ऐप बनाकर उसमें मुस्लिम महिलाओं की फोटो डालकर एक कम्युनिटी को बदनाम किया और महिलाओं का अपमान किया, सुल्ली डील्स शब्द अपने आप मे महिलाओं की रेस्पेक्ट के मद्देनजर शर्मनाक शब्द है। केस अभी शुरुआती स्टेज में है लिहाजा आरोपी बेल पर आकर सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है। आरोपी ने इस तरह का ब्राउजर इस्तेमाल किया जिससे उसकी पहचान न हो सके। सुल्ली डील्स ऐप मामले में कई शिकायतें आई हुई हैं। इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट के जज ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत की अर्जी को भी रद्द कर दिया। |
hindi_2022_11322 | Kisan Andolan: पूरे पश्चिमी यूपी में फैलेगा किसान आंदोलन? आज मथुरा में खाप पंचायत | आज भाकियू मथुरा में अपने आंदोलन को और गति देने के लिए 'खाप पंचायत' का आयोजन करने जा रहा है। इस पंचायत में भाकियू के अध्यक्ष नरेश टिकैत खुद शिरकत करने वाले हैं। भारतीय किसान यूनियन से जिले के सभी किसानों से आज खाप पंचायत में पहुंचने का निवेदन किया है। | मथुरा. दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन लगातार जारी है। गाजीपुर बॉर्डर पर इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता के राकेश टिकैत की 'आंखों में आंसू' आने के बाद इस आंदोलन को नई जान मिल गई है। प्रदर्शन में लगातार बढ़ रही भीड़ से किसान यूनियन भी उत्साहित है। अब किसान यूनियन इस आंदोलन को पश्चिमी यूपी के अन्य हिस्सों में ले जाने की कोशिश करता दिखाई दे रहा है। आज भाकियू मथुरा में अपने आंदोलन को और गति देने के लिए 'खाप पंचायत' का आयोजन करने जा रहा है।पढ़ें- मिलिए भारत की सबसे कम उम्र की महिला पायलट से आयशा अजीज से, जानिए कैसे भरी 'ऊंची उड़ान'इस पंचायत में भाकियू के अध्यक्ष नरेश टिकैत खुद शिरकत करने वाले हैं। भारतीय किसान यूनियन से जिले के सभी किसानों से आज खाप पंचायत में पहुंचने का निवेदन किया है। किसान यूनियन के इस कार्यक्रम को देखते हुए मथुरा प्रशासन ने सुरक्षा के बंदोबस्त बढ़ाए हुए हैं। मथुरा के अलावा आज हरियाणा के जींद में भी किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत के हिस्सा लेने की खबरे आ रही हैं। ये पंचायत कंडेला गांव के स्टेडियम में की जाने वाली है।पढ़ें- भारतीय रेलवे ने किया कई नई स्पेशल ट्रेनें चलाने का ऐलान, ये रही पूरी लिस्टगाजीपुर बॉर्डर से जींद रवाना होने से पहले राकेश टिकैत ने कहा कि आज हम जींद जा रहे हैं, हमारा उद्देश्य यही रहेगा कि हम सभी गांव में जाएंगे और उन्हें इकठ्ठा करेंगे। जब तक सरकार किसानों की मांग को पूरा नहीं करते तब तक पूरे देश में ऐसी ही महापंचायत चलेगी। बता दें कि गाज़ीपुर बॉर्डर (दिल्ली-यूपी बॉर्डर), टिकरी बॉर्डर और सिंघू बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा कर दी गई है। किसानों को प्रदर्शन करते हुए आज करीब 70 दिन हो गए हैं।पढ़ें- बंगाल में बढ़ेगा 'सियासी पारा', BJP निकालेगी परिवर्तन यात्रामायावती ने केंद्र सरकार पर बोला हमलाबसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा कि तीन कृषि कानूनों की वापसी की वाजिब मांग को लेकर खासकर दिल्ली की सीमाओं पर आन्दोलित किसानों के प्रति सरकारी रवैये के कारण संसद के बजट सत्र में भी जरूरी कामकाज व जनहित के खास मुद्द पहले दिन से ही काफी प्रभावित हो रहे हैं। केन्द्र किसानों की मांग पूरी करके स्थिति सामान्य करे। उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा कि लाखों आन्दोलित किसान परिवारों में दहशत फैलाने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर जो कंटीले तारों व कीलों आदि वाली जबर्दस्त बैरिकेडिंग की गई है वह उचित नहीं है। इनकी बजाए यदि आतंकियों आदि को रोकने हेतु ऐसी कार्रवाई देश की सीमाओं पर हो तो यह बेहतर होगा।मथुरा. दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन लगातार जारी है। गाजीपुर बॉर्डर पर इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता के राकेश टिकैत की 'आंखों में आंसू' आने के बाद इस आंदोलन को नई जान मिल गई है। प्रदर्शन में लगातार बढ़ रही भीड़ से किसान यूनियन भी उत्साहित है। अब किसान यूनियन इस आंदोलन को पश्चिमी यूपी के अन्य हिस्सों में ले जाने की कोशिश करता दिखाई दे रहा है। आज भाकियू मथुरा में अपने आंदोलन को और गति देने के लिए 'खाप पंचायत' का आयोजन करने जा रहा है।पढ़ें- मिलिए भारत की सबसे कम उम्र की महिला पायलट से आयशा अजीज से, जानिए कैसे भरी 'ऊंची उड़ान'इस पंचायत में भाकियू के अध्यक्ष नरेश टिकैत खुद शिरकत करने वाले हैं। भारतीय किसान यूनियन से जिले के सभी किसानों से आज खाप पंचायत में पहुंचने का निवेदन किया है। किसान यूनियन के इस कार्यक्रम को देखते हुए मथुरा प्रशासन ने सुरक्षा के बंदोबस्त बढ़ाए हुए हैं। मथुरा के अलावा आज हरियाणा के जींद में भी किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत के हिस्सा लेने की खबरे आ रही हैं। ये पंचायत कंडेला गांव के स्टेडियम में की जाने वाली है।पढ़ें- भारतीय रेलवे ने किया कई नई स्पेशल ट्रेनें चलाने का ऐलान, ये रही पूरी लिस्टगाजीपुर बॉर्डर से जींद रवाना होने से पहले राकेश टिकैत ने कहा कि आज हम जींद जा रहे हैं, हमारा उद्देश्य यही रहेगा कि हम सभी गांव में जाएंगे और उन्हें इकठ्ठा करेंगे। जब तक सरकार किसानों की मांग को पूरा नहीं करते तब तक पूरे देश में ऐसी ही महापंचायत चलेगी। बता दें कि गाज़ीपुर बॉर्डर (दिल्ली-यूपी बॉर्डर), टिकरी बॉर्डर और सिंघू बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा कर दी गई है। किसानों को प्रदर्शन करते हुए आज करीब 70 दिन हो गए हैं।पढ़ें- बंगाल में बढ़ेगा 'सियासी पारा', BJP निकालेगी परिवर्तन यात्रामायावती ने केंद्र सरकार पर बोला हमलापढ़ें- NSUI का मंदिर निर्माण के लिए धन जुटाने का अभियान |
hindi_2022_11323 | 'गगनयान' पर भी पड़ी कोरोना वायरस संक्रमण की मार, अभियान में हो सकती है देरी | Gaganyaan Mission: गगनयान परियोजना का उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा में मानव को भेजने की क्षमता दिखाना है, जिसके तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को कक्षा में भेजा जाएगा। इससे पहले इसरो ने पिछले महीने कहा था कि गगनयान मिशन के लिए जीएसएलवी एमके-तीन प्रक्षेपण वाहन को चिह्नित किया गया है। | बेंगलुरु. अंतरिक्ष में मानव को भेजने के भारत के प्रथम अभियान ‘गगनयान’ में कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रतिकूल प्रभाव के कारण एक साल की देरी हो सकती है। भारतीय अंतरिक्ष अअनुसंधान संगठन (इसरो) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ‘गगनयान’ के तहत मानव को पहली बार अंतरिक्ष में भेजने की योजना से पहले दो मानवरहित मिशनों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना है। पहले मानवरहित मिशन को दिसंबर 2020 और दूसरे मानवरहित मिशन को जून 2021 में भेजने की योजना बनाई गई। इसके बाद ‘गगनयान’ के तहत दिसंबर 2021 में मानव को पहली बार अंतरिक्ष में भेजने की योजना बनाई गई थी।ISRO के अध्यक्ष के.सिवन ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘कोविड-19 के कारण इसमें देरी होगी।’’उन्होंने दो प्रस्तावित मानवरहित मिशनों में से पहले मिशन की संभावित समय-सीमा पर कहा, ‘‘हम अगले साल के अंत में या उसके अगले साल का लक्ष्य रख रहे हैं।’’गगनयान परियोजना का उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा में मानव को भेजने की क्षमता दिखाना है, जिसके तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को कक्षा में भेजा जाएगा। इससे पहले इसरो ने पिछले महीने कहा था कि गगनयान मिशन के लिए जीएसएलवी एमके-तीन प्रक्षेपण वाहन को चिह्नित किया गया है। सिवन ने कहा कि चंद्रयान तीन मिशन पर भी काम जारी है, जिनमें एक ‘लैंडर’ और एक ‘रोवर’ होगा।उन्होंने कहा, ‘‘हमने (चंद्रयान तीन के प्रक्षेपण) इसके लिए अभी समयसीमा तय नहीं की है।’’ सिवन ने प्रस्तावित 'शुक्रयान' मिशन के बारे में कहा कि इस परियोजना पर काम जारी है। इसरो अधिकारियों के अनुसार, उसने अपने प्रस्तावित 'शुक्रयान' मिशन के लिए फ्रांस के प्रस्ताव सहित अंतरिक्ष-आधारित 20 प्रायोगिक प्रस्तावों का चयन किया है। इसरो सूत्रों ने बताया कि इसमें रूस, फ्रांस, स्वीडन और जर्मनी का ‘‘सहयोगात्मक योगदान’’ भी शामिल है।बेंगलुरु. अंतरिक्ष में मानव को भेजने के भारत के प्रथम अभियान ‘गगनयान’ में कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रतिकूल प्रभाव के कारण एक साल की देरी हो सकती है। भारतीय अंतरिक्ष अअनुसंधान संगठन (इसरो) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ‘गगनयान’ के तहत मानव को पहली बार अंतरिक्ष में भेजने की योजना से पहले दो मानवरहित मिशनों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना है। पहले मानवरहित मिशन को दिसंबर 2020 और दूसरे मानवरहित मिशन को जून 2021 में भेजने की योजना बनाई गई। इसके बाद ‘गगनयान’ के तहत दिसंबर 2021 में मानव को पहली बार अंतरिक्ष में भेजने की योजना बनाई गई थी।ISRO के अध्यक्ष के.सिवन ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘कोविड-19 के कारण इसमें देरी होगी।’’उन्होंने दो प्रस्तावित मानवरहित मिशनों में से पहले मिशन की संभावित समय-सीमा पर कहा, ‘‘हम अगले साल के अंत में या उसके अगले साल का लक्ष्य रख रहे हैं।’’गगनयान परियोजना का उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा में मानव को भेजने की क्षमता दिखाना है, जिसके तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को कक्षा में भेजा जाएगा। इससे पहले इसरो ने पिछले महीने कहा था कि गगनयान मिशन के लिए जीएसएलवी एमके-तीन प्रक्षेपण वाहन को चिह्नित किया गया है। सिवन ने कहा कि चंद्रयान तीन मिशन पर भी काम जारी है, जिनमें एक ‘लैंडर’ और एक ‘रोवर’ होगा।उन्होंने कहा, ‘‘हमने (चंद्रयान तीन के प्रक्षेपण) इसके लिए अभी समयसीमा तय नहीं की है।’’ सिवन ने प्रस्तावित 'शुक्रयान' मिशन के बारे में कहा कि इस परियोजना पर काम जारी है। इसरो पूर्व में शुक्र पर जून 2023 में देश का प्रथम मिशन भेजने की योजना बना रहा था। संगठन के एक अधिकारी ने बताया कि लेकिन महामारी की स्थिति के कारण देरी हुई जिस वजह से मिशन की समयसीमा की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसे 2024 या 2026 में प्रक्षेपित किया जा सकता है। इस संबंध में उल्लेख किया गया कि मिशन को प्रक्षेपित करने का बेहतरीन अवसर हर 19 महीने में आता है जब शुक्र ग्रह पृथ्वी के सबसे निकट होता है। (भाषा) |
hindi_2022_11324 | RT-PCR टेस्ट में ली गई ‘अत्यधिक धनराशि’, क्या वापस मिलेगा पैसा? याचिका दायर | याचिका में उन्होंने पूरे भारत में आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन) जांच का अधिकतम मूल्य 400 रुपये तय किये जाने का आग्रह किया था, जैसा ओडिशा ने किया है। | नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय में शनिवार को एक याचिका दायर कर अनुरोध किया गया है कि कोविड-19 का पता लगाने के वास्ते आरटी-पीसीआर जांच करने के लिए निजी प्रयोगशालाओं और अस्पतालों द्वारा ली गई ‘‘अत्यधिक’’ धनराशि की वापसी सुनिश्चित करने की खातिर केन्द्र को निर्देश दिये जाएं। वकील और भाजपा नेता अजय अग्रवाल ने अंतरिम आवेदन अपनी लंबित जनहित याचिका में दायर किया है। याचिका में उन्होंने पूरे भारत में आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन) जांच का अधिकतम मूल्य 400 रुपये तय किये जाने का आग्रह किया था, जैसा ओडिशा ने किया है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणयन की एक पीठ ने अग्रवाल की जनहित याचिका पर 24 नवम्बर को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को नोटिस जारी किया था और दो सप्ताह के भीतर उनका जवाब मांगा था। नयी याचिका में कहा गया है कि जांच के लिए विभिन्न अस्पताल और प्रयोगशालाएं 4,500 रुपये का शुल्क ले रही हैं जबकि जांच किट समेत वास्तविक लागत 800 रुपये से 1,200 रुपये थी और अब भी, विभिन्न राज्यों में ‘‘अत्यधिक’’ शुल्क लिया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि लोगों से लिया जा रहा अत्यधिक पैसा जबरन वसूली के अलावा कुछ भी नहीं है और जिम्मेदार व्यक्तियों को दंडित किया जाना चाहिए तथा जल्द से जल्द उस राशि को वापस किया जाना चाहिए जो तय दरों से ज्यादा ली जा रही है। याचिका में कहा गया है कि ओडिशा ने सभी पहलुओं की जांच और विश्लेषण के बाद आरटी-पीसीआर परीक्षण के लिए अधिकतम दर 400 रुपये तय किए हैं। |
hindi_2022_11325 | कोयला घोटाले में ED का बड़ा खुलासा, 1300 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई थी | कोयला घोटाले में 1300 करोड़ की रिश्वत ली गई थी, इसका खुलासा प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने किया है। ईडी ने पहली बार ये खुलासा किया है कि घोटाले में 730 करोड़ रुपये अकेले मिश्रा बंधुओं यानी विनय मिश्रा और विकास मिश्रा ने लिए। | कोलकाता: कोयला घोटाले में 1300 करोड़ की रिश्वत ली गई थी, इसका खुलासा प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने किया है। ईडी ने पहली बार ये खुलासा किया है कि घोटाले में 730 करोड़ रुपये अकेले मिश्रा बंधुओं यानी विनय मिश्रा और विकास मिश्रा ने लिए। इस समय विकास मिश्रा से पूछताछ चल रही है। उसने टीएमसी नेताओं समेत कुछ नौकरशाहों के नाम भी लिए हैं। ईडी सूत्रों के मुताबिक विकास मिश्रा ने खुलासा किया है कि कि रिश्वत की रकम कैश के अलावा कुछ लोग गोल्ड तथा अन्य चीजों के तौर पर भी लेते थे। विकास मिश्रा से पूछताछ के आधार पर ईडी कुछ नेताओं और नौकरशाहों को पूछताछ के लिए बुला सकता है।वहीं, इस मामले में कल केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने छापेमारी की। सीबीआई ने कोलकाता, दुर्गापुर, आसनसोल समेत 5 से ज्यादा जगहों पर कोयला घोटाले के मुख्य आरोपी अनूप मांझी उर्फ लाला के खास साथी अमित अग्रवाल के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक अमित अग्रवाल का कोलकाता में 10 हजार गज स्कायर फीट जमीन पर दफ्तर है, इसने अपने दफ्तर के बाहर बोर्ड लगाया हुआ है कि ये कई इंडस्ट्री का मालिक है। अनूप मांझी के साथ मिलकर इसने भी कोयला तस्करी में काफी पैसा कमाया है। इस पर आरोप है कई जगह जमीनों और इंड्रस्ट्री पर अवैध कब्जा कर रखा है। इसके अलावा कोलकाता में राजनीतिक गलियारों में भी इसके अच्छे संबंध है और पुलिस की सुरक्षा भी मिली हुई है। |
hindi_2022_11326 | सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानूनों और किसान आंदोलन से जुड़ी याचिकाओं पर आज को होगी सुनवाई | उच्चतम न्यायालय नए कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं और दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी याचिकाओं पर आज (11 जनवरी) को फिर सुनवाई करेगा। | नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान संगठनों के साथ बातचीत के बीच सुप्रीम कोर्ट आज फिर सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा आज की जाने वाली सुनवाई इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि केंद्र और किसान नेताओं के बीच 15 जनवरी को नौवें दौर की बैठक निर्धारित है। शीर्ष न्यायालय को केंद्र सरकार ने पिछली सुनवाई पर बताया था कि उसके और किसान संगठनों के बीच सभी मुद्दों पर 'स्वस्थ चर्चा' जारी है और इस बात की संभावना है कि दोनों पक्ष निकट भविष्य में किसी समाधान पर पहुंच जाएं।कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े किसानउच्चतम न्यायालय ने इससे पहले तीनों विवादित कृषि कानूनों को लेकर दायर कई याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर उससे जवाब मांगा था। गौरतलब है कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले करीब 46 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं और कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं सरकार ने कृषि कानूनों की वापसी पर साफ इनकार कर दिया है। इससे पहले, भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने दावा किया कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान अब तक कुल 60 किसानों ने अपनी जान गंवाई है।ये भी पढ़ें: Weather Forecast: अगले 3 दिनों में और बढ़ेगी शीतलहर, यहां होगी भारी बारिशकिसान नेता आगे के लिए बना चुके हैं रणनीति भारतीय किसान यूनियन दोआब के अध्यक्ष मंजीत सिंह राय ने रविवार को कहा कि आज हमने बैठक में 8 तारीख को सरकार के साथ होने वाली बैठक पर चर्चा की। हमारी मांग वही रहेगी कि सभी कृषि क़ानूनों को वापस लिया जाए। 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च में ज्यादा से ज्यादा ट्रैक्टर लाए जाएं, इसपर चर्चा हुई। किसान नेता हन्ना मौला का कहना है कि किसान मरते दम तक यह आंदोलन चलाएगा। अब संयुक्त मोर्चा 11 जनवरी को अपना अंतिम निर्णय लेगा।13 जनवरी को कृषि कानूनों की जलाएंगे प्रतियां संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डॉ दर्शन पाल ने प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि हम देश-दुनिया की जनता से अपील करते है कि 13 जनवरी को लोहड़ी का पर्व तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर मनाया जाए। 18 जनवरी को महिला किसान दिवस पर देशभर में तहसील, जिला एवं शहर स्तर पर और दिल्ली बोर्डर्स के मोर्चे पर महिलाएं आंदोलन की अगुवाई करेंगी। यह दिन कृषि में महिलाओं के अहम योगदान के सम्मान के रूप मनाया जाएगा। 20 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह की के प्रकाश पर्व पर देश दुनिया में किसानी संघर्ष को कामयाब करने की संकल्प/शपथ ली जाएगी।ये भी पढ़ें: LPG गैस सिलिंडर की बुकिंग पर मिल रहा बड़ा कैशबैक, ऐसे उठाए ऑफर का लाभकिसानों के समर्थन में 15 जनवरी को राजभवनों का घेराव करेगी कांग्रेसकांग्रेस ने शनिवार को फैसला किया कि वह तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर बल देने के लिए 15 जनवरी को सभी राज्यों में 'किसान अधिकार दिवस' मनाएगी और उसके नेता एवं कार्यकर्ता राजभवनों का घेराव करेंगे। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि किसानों के समर्थन में हर प्रांतीय मुख्यालय पर कांग्रेस पार्टी 15 जनवरी को किसान अधिकार दिवस के रूप में एक जन आंदोलन करेगी।" पार्टी नेताओं के अनुसार, सोनिया गांधी के साथ पार्टी के महासचिवों और राज्य के प्रभारियों की वर्चुअल बैठक में यह निर्णय लिया गया है। सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी 15 जनवरी को विरोध प्रदर्शन और आंदोलन का आयोजन करेगी, जिसमें तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करने के लिए राजभवन में एक मार्च आयोजित किया जाएगा।ये भी पढ़ें: दिल्ली में यहां लगेगा कोरोना का टीका, देखें अस्पतालों की लिस्ट /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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hindi_2022_11327 | Lakhimpur Case: राष्ट्रपति से मिला कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल, अजय मिश्रा को मंत्रिपद से हटाने की मांग | कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद से अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ को बर्खास्त किया जाए ताकि निष्पक्ष जांच हो सके। | नयी दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद से अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ को बर्खास्त किया जाए ताकि निष्पक्ष जांच हो सके और पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सके। पार्टी ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के दो वर्तमान न्यायाधीशों का आयोग गठित किया जाए तथा राष्ट्रपति इस बारे में सरकार को निर्देश दें। कांग्रेस के इस प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा भी शामिल थीं। पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने इस बारे में राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी सौंपा। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जिन परिवारों के सदस्यों को कुचला गया था, उन्होंने बताया कि वे न्याय चाहते हैं। वो चाहते हैं कि जिस व्यक्ति ने यह हत्या की है उसको सजा मिले। उन्होंने यह भी कहा है कि जिस व्यक्ति ने हत्या की है उसके पिता देश के गृह राज्य मंत्री हैं और जब तक वह व्यक्ति मंत्री है तब तक सही जांच नहीं हो सकती।’’ उन्होंने बताया, ‘‘ये बातें हमने राष्ट्रपति जी को बताई हैं और हमने उनसे कहा कि यह सिर्फ इन परिवारों की आवाज नहीं, बल्कि हर किसान की आवाज है।’’ मिश्रा के एक बयान का हवाला देते हुए कांग्रेस ने नेता ने कहा, ‘‘इस व्यक्ति ने हत्या से पहले कहा था कि सुधरोगे नहीं तो सुधार दूंगा, किसानों को धमकी दी थी। हमने राष्ट्रपति से कहा कि जब तक यह व्यक्ति मंत्री है तब किसानों को न्याय नहीं मिल सकता। इसलिए उच्चतम न्यायालय के दो वर्तमान न्यायाधीशों के जरिये इसकी जांच होनी चाहिए।’’ प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘शहीद किसानों और पत्रकार रमेश कश्यप के परिजन न्याय चाहते हैं। वर्तमान न्यायाधीशों के जरिये जांच हो। उनका मानना है कि मंत्री की बर्खास्तगी के बिना सही जांच नहीं हो सकती। यह सिर्फ शहीद किसानों की मांग नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश की सारी जनता की मांग है और सही सोच रखने वाले हर व्यक्ति की मांग है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘यह सरकार संदेश दे रही है कि आप दलित हैं, किसान हैं, महिला हैं तो आपको न्याय नहीं मिलेगा। लेकिन अगर आप सत्ताधारी हैं, भाजपा के मंत्री है तो आप पर कानून लागू नहीं होगा।’’ कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘ शहीद परिवार की ओर से हमने राष्ट्रपति जी के समक्ष मांग रखी है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह आज इस पर सरकार से बातचीत करेंगे। (भाषा) |
hindi_2022_11328 | दिल्ली से सटे शहरों की वायु गुणवत्ता में आया सुधार, अब भी ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में कायम | सीपीसीपी के समीर ऐप के मुताबिक, गाजियाबाद में शुक्रवार के गत 24 घंटे का औसत एक्यूआई 391 दर्ज किया गया जबकि ग्रेटर नोएडा में 376, नोएडा में 386, फरीदाबाद में 328 और गुरुग्राम में एक्यूआई 302 रहा। | नोएडा: दिल्ली से सटे पांच शहरों नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम की औसत वायु गुणवत्ता में सुधार आया है और ‘गंभीर’ से यह ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में आ गयी है। यह जानकारी सरकारी एजेंसी द्वारा शुक्रवार को गत 24 घंटों के जारी आंकड़ों में दी गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई)पर नजर रखी जाती है और उसके मुताबिक दिल्ली से सटे पांचों शहरों में पीएम-2.5 और पीएम10 का उच्च स्तर अब भी बना हुआ है।सीपीसीपी के समीर ऐप के मुताबिक, गाजियाबाद में शुक्रवार के गत 24 घंटे का औसत एक्यूआई 391 दर्ज किया गया जबकि ग्रेटर नोएडा में 376, नोएडा में 386, फरीदाबाद में 328 और गुरुग्राम में एक्यूआई 302 रहा। बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा, 51 और 100 के बीच एक्यूआई संतोषजनक, 101 और 200 के बीच एक्यूआई सामान्य 201 और 300 के बीच एक्यूआई खराब, 301 और 400 के बीच एक्यूआई बेहद खराब और 401 से 500 के बीच एक्यूआई गंभीर की श्रेणी में आता है।एजेंसी के मुताबिक, गत तीन दिन से नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में एक्यआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया जा रहा था। सीपीसीबी ने कहा कि बेहद खराब श्रेणी के एक्यूआई से सांस संबंधी परेशानी हो सकती है और लंबे समय तक इस हालात में रहने पर, यहां तक कि स्वस्थ और पहले से ही बीमारी से जूझ रहे लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है।एजेंसी के मुताबिक, बृहस्पतिवार को गाजियाबाद में एक्यूआई 440 दर्ज किया गया था। वहीं ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 448, नोएडा का 441, फरीदाबाद का 408 और गुरुग्राम का एक्यूआई 361 था। |
hindi_2022_11329 | हरियाणा में 16 नवंबर से फिर खुलेंगे कॉलेज और विश्वविद्यालय, राज्य सरकार ने लिया फैसला | हरियाणा में कॉलेज और विश्वविद्यालय फिर से खुलने जा रहे है। राज्य सरकार ने इन्हें खोलने की अनुमति दे दी है। अब मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करते हुए कॉलेज और विश्वविद्यालयों को 16 नवंबर से फिर से खोलने की अनुमति मिल गई है। | चंडीगढ़: हरियाणा में कॉलेज और विश्वविद्यालय फिर से खुलने जा रहे है। राज्य सरकार ने इन्हें खोलने की अनुमति दे दी है। अब मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करते हुए कॉलेज और विश्वविद्यालयों को 16 नवंबर से फिर से खोलने की अनुमति मिल गई है। इससे पहले रक्षा सचिव अजय कुमार ने बताया था कि सैनिक स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2021-2022 से अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी। रक्षा मंत्रालय के तहत कार्य करने वाली सैनिक स्कूल सोसाइटी देश में ऐसे 33 आवासीय विद्यालयों का प्रबंधन करती है। कुमार ने ट्विटर पर कहा था, ‘‘वर्ष 2021-22 से सैनिक स्कूलों में ओबीसी आरक्षण लागू किया जाना है।’’ उन्होंने 13 अक्टूबर के उस परिपत्र की तस्वीर पोस्ट की जो देशभर के सभी सैनिक स्कूलों के प्राचार्यों को भेजा गया था। परिपत्र में कहा गया है कि किसी सैनिक स्कूल में 67 प्रतिशत सीटें उस राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं, जिसमें स्कूल स्थित है और शेष 33 प्रतिशत उन लोगों के लिए आरक्षित हैं जो उस राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के बाहर से आते हैं। इन दो सूचियों को सूची ‘ए’ और सूची ‘बी’ कहा जाएगा। परिपत्र में कहा गया है कि प्रत्येक सूची में 15 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं, 7.5 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए हैं और 27 प्रतिशत सीटें गैर-क्रीमी लेयर ओबीसी के लिए हैं। इसमें कहा गया है कि यह आरक्षण नीति शैक्षणिक सत्र 2021-22 से लागू होगी। |
hindi_2022_11330 | किसान आंदोलन: किसान नेता बोले- ट्रैक्टर मार्च अभी रद्द नहीं हुआ, राकेश टिकैत ने किया ये ट्वीट | भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा है कि- 'आंदोलन को यह मुकाम 700 किसानों की शहीदी देकर मिला है। किसान न इस बात को भूलेगा और न ही हुकूमत को भूलने देगा।' | नयी दिल्ली: आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान संसद तक प्रस्तावित दैनिक ट्रैक्टर मार्च को अभी रद्द नहीं किया गया है और इस बारे में अंतिम फैसला तथा किसान आंदोलन की आगे की रूपरेखा के बारे में निर्णय रविवार को एक बैठक में लिया जाएगा। किसान नेताओं ने शनिवार को यह जानकारी दी। किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि 22 तारीख को लखनऊ की रैली को कामयाब करना है। अगर लखीमपुर खीरी में हमारे साथियों को परेशान करने की कोशिश की जाती है तो फिर हम लखीमपुर खीरी इलाके में आंदोलन चलाएंगे। आज की बैठक में फैसला लिया गया कि हमारे 22, 26 और 29 नवंबर को जो कार्यक्रम होने वाले हैं वो जारी रहेंगे। 22 को लखनऊ रैली, 26 को पूरे देश में किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर जश्न मनाया जाएगा और 29 को ट्रैक्टर मार्च (संसद तक) होगा। आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन को यह मुकाम 700 किसानों की शहीदी देकर मिला है- राकेश टिकैतवहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार पर एक बार फिर से हमला बोला है। राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा है कि- 'आंदोलन को यह मुकाम 700 किसानों की शहीदी देकर मिला है। किसान न इस बात को भूलेगा और न ही हुकूमत को भूलने देगा।' बता दें कि, इससे पहले शुक्रवार को राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों के वापस होने के बावजूद दिल्ली के बार्डर नहीं खाली करने की बात कही थी। सिंघू बॉर्डर से किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार ने तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने के लिए बोला है तो वो इसको कब तक वापस लेंगे इसके बारे में कुछ ठोस नहीं है। MSP पर अभी कोई ठोस बात नहीं हुई है और जो मामले किसानों पर दर्ज़ हुए हैं उनको भी वापस लेना चाहिए।29 नवंबर से शुरू हो रहा है संसद का शीतकाली सत्रकिसान संगठनों के संघ संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों के एक साल पूरा होने के मौके पर 29 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के दौरान रोजाना संसद तक 500 किसान शांतिपूर्ण ट्रैक्टर मार्च में भाग लेंगे। बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शुक्रवार को घोषणा की थी कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेगी और इस तरह सरकार ने किसानों की मांग को मान लिया। एसकेएम ने प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत किया लेकिन कहा कि वे इस घोषणा के संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से प्रभाव में आने तक की प्रतीक्षा करेंगे। उसने यह संकेत भी दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की वैधानिक गारंटी और विद्युत संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग के लिए उसका आंदोलन जारी रहेगा। एसकेएम की कोर समिति की रविवार को बैठक में होगा फैसलाकिसान नेता और एसकेएम की कोर कमेटी के सदस्य दर्शन पाल ने शनिवार को कहा, ‘‘संसद तक ट्रैक्टर मार्च का हमारा आह्वान अभी तक कायम है। आंदोलन की भावी रूपरेखा और एमएसपी के मुद्दों पर अंतिम फैसला रविवार को सिंघू बॉर्डर पर एसकेएम की बैठक में लिया जाएगा।’’ किसान नेता तथा भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने टिकरी बॉर्डर पर कहा कि ट्रैक्टर मार्च का फैसला अभी तक वापस नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘एसकेएम संसद तक ट्रैक्टर ट्रॉली मार्च पर फैसला लेगा। अभी तक इसे वापस लेने का कोई निर्णय नहीं हुआ है। एसकेएम की कोर समिति की बैठक के बाद रविवार को फैसला हो सकता है।’’ केंद्र सरकार को सभी फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी देनी चाहिए- जोगिंदर सिंह उगराहां उगराहां ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार संसद में इन कानूनों को औपचारिक रूप से निरस्त नहीं कर देती तब तक किसान टिकरी और दिल्ली की अन्य सीमाओं पर बैठे रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की शुक्रवार की घोषणा के बाद अनेक किसान संघ खेती के मुद्दों पर तथा भावी रणनीति पर विचार करने के लिए अलग-अलग बैठक कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इन किसान संघों के प्रतिनिधि कल एसकेएम की बैठक में भाग लेंगे।’’ जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि केंद्र सरकार को सभी फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी देनी चाहिए। गौरतलब है कि 26 जनवरी को राजधानी में प्रदर्शनकारियों की ट्रैक्टर रैली ने हिंसक रूप ले लिया था जो लाल किले में घुस गये थे और वहां धार्मिक ध्वज फहराया गया। किसान कृषि कानूनों पर केंद्र पर भरोसा नहीं कर सकते- सुदेश गोयतटिकरी बॉर्डर पर एक और किसान नेता तथा एसकेएम की सदस्य सुदेश गोयत ने कहा, ‘‘किसान कृषि कानूनों पर केंद्र पर भरोसा नहीं कर सकते क्योंकि पहले भी उन्होंने एक रैंक-एक पेंशन देने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक नहीं दी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने तय किया है कि संसद में इन कानूनों के औपचारिक रूप से वापस लिये जाने तक हम यह जगह नहीं छोड़ेंगे। आंदोलन को एक साल पूरा होने के मौके पर 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं पर किसानों की आमद जारी रहेगी।’’ गोयत ने भी कहा कि अभी तक ट्रैक्टर मार्च को रद्द करने का कोई फैसला नहीं हुआ है। |
hindi_2022_11331 | Hathras सामूहिक दुष्कर्म मामले में कहानी ले रही करवट | आरोपी राम कुमार के पिता राकेश कुमार ने कहा कि कथित घटना के समय उनका बेटा एक स्थानीय दूध संयंत्र में ड्यूटी पर था, जहां वह काम करता था। उन्होंने कहा, "आप दूध संयंत्र में उसकी उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए सीसीटीवी फुटेज और उपस्थिति रजिस्टर भी देख सकते हैं।" | हाथरस. जैसे-जैसे दिन बीतते जा रहे हैं, हाथरस की 'भयावह' घटना में कहानी करवट लेती जा रही है और आरोपियों को अब कई नेताओं का समर्थन मिलने लगा है। पीड़िता के परिवार के कॉल डिटेल रिकॉर्डस (सीडीआर) से खुलासा हुआ है कि उन्होंने पांच महीने में 104 बार मुख्य आरोपी संदीप सिंह से बात की थी। पुलिस सूत्रों ने कहा कि सीडीआर साबित करता है कि दोनों परिवारों में अच्छी खासी बातचीत हुई है। कॉल रिकॉर्ड बताते हैं कि दो फोन नंबरों के बीच 62 आउटगोइंग कॉल और 42 इनकमिंग कॉल, यानी कुल 104 कॉल थे।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "पीड़िता के परिवार ने हम सभी से इस जानकारी को छुपाया है। इस मामले की जांच करनी होगी और हम इस मुद्दे पर लड़की के भाइयों से पूछताछ करेंगे।"पीड़िता के भाई ने स्वीकार किया है कि वह फोन नंबर उसी का है, लेकिन साथ ही उन्होंने आरोपी परिवार के किसी भी सदस्य से बात करने से इनकार किया है। वहीं पीड़ित परिवार द्वारा नार्को-टेस्ट से मना करना भी उन्हें संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। एक स्थानीय निवासी ठाकुर सोमेश सिंह ने कहा, "यह ऑनर किलिंग का मामला है। सरकार ने पुष्टि की है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था। मेडिकल रिपोर्ट में भी पाया गया कि दुष्कर्म नहीं हुआ। तो कुछ अन्य लड़कों ने उसका गला क्यों घोंट दिया।"आरोपी राम कुमार के पिता राकेश कुमार ने कहा कि कथित घटना के समय उनका बेटा एक स्थानीय दूध संयंत्र में ड्यूटी पर था, जहां वह काम करता था। उन्होंने कहा, "आप दूध संयंत्र में उसकी उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए सीसीटीवी फुटेज और उपस्थिति रजिस्टर भी देख सकते हैं।"वहीं आरोपी संदीप के पिता गुड्डू ने कहा कि उनका बेटा उनकी गायों को पानी दे रहा था, तभी कुछ लोग आए और कहा कि लड़की बेहोश पड़ी है। हमने उन्हें लड़की को होश में लाने के लिए पानी भी दिया और कुछ घंटों बाद पुलिस ने मेरे बेटे को गिरफ्तार कर लिया।एक अन्य आरोपी लवकुश की मां मुन्नी देवी ने कहा कि जब वह पास के ही एक खेत में काम कर रही थी, तभी कुछ हंगामा हुआ। उन्होंने कहा, "मैंने वहां जाकर देखा कि लड़की बेहोश पड़ी है। मैंने उसे पानी पिलाया, लेकिन बाद में मेरे बेटे को पुलिस ले गई।"घटना क्षेत्र यानी बुलगड़ी गांव के आस-पास के कई गांवों में अब ऊंची जाति की पंचायतें हो रही हैं और स्थानीय ठाकुर और ब्राह्मण एकमत होकर चारों आरोपियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दिया, उसमें दुष्कर्म होने की बात खारिज की गई है, जिससे अभियुक्त पक्ष के लिए अभियान को और मजबूती मिल गई है।हाथरस की घटना 14 सितंबर को पीड़िता के एक खेत में काम करने के दौरान हुई थी और आरोपी द्वारा उसे पास के खेत में खींचकर ले जाने और वारदात को अंजाम देने की बात सामने आई थी। परिवार ने आरोप लगाया है कि लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसका गला घोंटा गया।पीड़िता के गर्दन की हड्डियों और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटों के कारण उसे अलीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई। इस घटना से पूरे देश में आक्रोश फैल गया। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा रात में ही लड़की के शव का अंतिम संस्कार करवाए जाने के बाद पीड़िता को न्याय दिलाने की आवाज बुलंद हुई। परिजनों ने कहा कि शव का अंतिम संस्कार करने से पहले पुलिस ने उनकी सहमति नहीं ली, शव को देखने तक नहीं दिया। |
hindi_2022_11332 | उत्तराखंड में बादल फटने से खीरी में शारदा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ा, अलर्ट जारी | सभी उपजिलाधिकारियों (एसडीएम), तहसीलदारों और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को सतर्क रहने और आसन्न बाढ़ के खतरे को देखते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया गया है | लखीमपुर खीरी (उप्र): उत्तराखंड में सोमवार को कई स्थानों पर बादल फटने की घटना के बाद उत्तर प्रदेश के खीरी जिले में शारदा नदी का जलस्तर सोमवार रात से अचानक बढ़ गया। अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी । उत्तराखंड में बादल फटने की खबर के बाद खीरी के जिलाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने सोमवार शाम को खीरी में बाढ़ का अलर्ट जारी किया। जिलाधिकारी ने अलर्ट नोटिस में सभी उपजिलाधिकारियों (एसडीएम), तहसीलदारों और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को सतर्क रहने और आसन्न बाढ़ के खतरे को देखते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि शारदा नदी के जलस्तर में अचानक हुई वृद्धि के कारण गोला तहसील के एक गांव में पानी के बहाव से गन्ने और धान की फसल डूब गई। गोला के एसडीएम अखिलेश यादव ने बताया कि 'बझेड़ा गांव में शारदा की धारा का अतिप्रवाह अस्थायी थी, और अगले 24 घंटों के भीतर स्थिति सामान्य हो जाएगी।'' उन्होंने कहा कि "राजस्व विभाग की टीमों को स्थिति की समीक्षा के लिए मौके पर भेजा गया है।" बाढ़ विभाग के अधिशासी अभियंता राजीव ने बझेड़ा गांव में कटाव रोधी परियोजना को किसी भी बड़े नुकसान से इनकार किया। अभियंता ने कहा, "शारदा धारा का अतिप्रवाह उत्तराखंड में बादल फटने का परिणाम है और अगले कुछ घंटों में जल स्तर सामान्य हो जाएगा।" उन्होंने कहा कि कटाव को रोकने के लिए बझेड़ा गांव में 920 मीटर लंबी कटाव रोधी परियोजना पहले से ही निचले इलाकों में है और पानी का अतिप्रवाह असामान्य नहीं है। |
hindi_2022_11333 | Covishield आने वाले हफ्तों में वैक्सीनेशन के लिए तैयार है: आदर पूनावाला | Coronavirus Vaccine: आदर पूनावाला (Adar Poonawala) ने रविवार को कहा कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का कोविड-19 टीका ‘कोविशील्ड’ आगामी सप्ताहों में टीकाकरण के लिए तैयार है। | पुणे. DCGI ने भारत में दो कोरोना वैक्सीनों (Coronavirus Vaccine) को मंजूरी दे दी है। इनमें सीरम इंस्टिट्यूट (Serum Institute) की 'कोविशील्ड' (Covishield) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोवैक्सीन (Covaxin) शामिल है। DCGI द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आदर पूनावाला (Adar Poonawala) ने रविवार को कहा कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का कोविड-19 टीका ‘कोविशील्ड’ आगामी सप्ताहों में टीकाकरण के लिए तैयार है। भारत के दवा नियामक द्वारा कोविशील्ड के सीमित आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने के तत्काल बाद पूनावाला ने यह बयान दिया।पढ़ें- कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद ये बोले पीएम मोदीपढ़ें- चिंताजनकर खबर! मध्य प्रदेश में घुसे 100 नक्सली, मचा हड़कंपपुणे. DCGI ने भारत में दो कोरोना वैक्सीनों (Coronavirus Vaccine) को मंजूरी दे दी है। इनमें सीरम इंस्टिट्यूट (Serum Institute) की 'कोविशील्ड' (Covishield) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोवैक्सीन (Covaxin) शामिल है। DCGI द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आदर पूनावाला (Adar Poonawala) ने रविवार को कहा कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का कोविड-19 टीका ‘कोविशील्ड’ आगामी सप्ताहों में टीकाकरण के लिए तैयार है। भारत के दवा नियामक द्वारा कोविशील्ड के सीमित आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने के तत्काल बाद पूनावाला ने यह बयान दिया।पढ़ें- कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद ये बोले पीएम मोदीपूनावाला ने ट्वीट किया, ‘‘सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने टीके के भंडारण के लिए जो जोखिम उठाए, अंतत: उनका फल मिल रहा है। भारत का पहला कोविड-19 टीका ‘कोविशील्ड’ आगामी सप्ताह में टीकाकरण के लिए स्वीकृत, सुरक्षित, प्रभावी और तैयार है।’’ उन्होंने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन समेत उन सभी लोगों और संस्थाओं को धन्यवाद दिया, जिन्होंने टीका विकसित करने में सहयोग दिया।पढ़ें- पुलिस को चकमा देने के लिए ड्रग सप्लायर ने किया ऐसा काम सभी रह गए हैरान!पढ़ें- किसानों की सरकार को चेतावनी |
hindi_2022_11334 | Olympic में गोल्ड जीतने वाले नीरज चोपड़ा के माता-पिता के पैर छूने पहुंचे हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज | हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले भाला फेंक के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा के माता-पिता से पानीपत में मुलाकात की। | पानीपत (हरियाणा): हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले भाला फेंक के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा के माता-पिता से पानीपत में मुलाकात की। नीरज चोपड़ा के माता-पिता से मिलने पहुंचे अनिल विज ने कहा, "मैं उन मां-बाप के चरण स्पर्श (पैर छूने) करने आया हूं, जिनके बेटे नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड (Gold Medal) जीतकर हिन्दुस्तान का नाम सारे विश्व में ऊंचा कर दिया।"टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा की स्वर्णिम सफलता में उनकी प्रतिबद्धता, अनुशासन और कड़ी मेहनत के अलावा परिवार के मजबूत समर्थन ने भी अहम भूमिका निभायी। नीरज ने शनिवार को एथलेटिक्स में भारत के लिये ओलंपिक का पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। वह व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले केवल दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं। चोपड़ा के पिता सतीश चोपड़ा ने भी अपने बेटे की उपलब्धि के पीछे परिवार के समर्थन को श्रेय दिया। उन्होंने कहा, ‘‘जब किसी का बच्चा सफलता हासिल करता है और देश का नाम रोशन करता है तो माता-पिता और पूरे परिवार की खुशियां शब्दों में बयां नहीं की जा सकती है। हम संयुक्त परिवार में रहते हैं और हम चार भाई हैं। इस मामले में नीरज भाग्यशाली रहा कि उसे पूरे परिवार का समर्थन मिला, जिन्होंने लगातार उसको प्रेरित किया।’’ इस स्टार एथलीट की मां सरोज ने कहा, ‘‘आज वह हर किसी की उम्मीदों पर खरा उतरा और भारत का गौरव बढ़ाया।’’ चोपड़ा के करियर में अहम भूमिका निभाने वाले उनके चाचा भीम चोपड़ा ने अपने भाई की बातों से सहमति जतायी। उन्होंने कहा, ‘‘ईश्वर ने हमारी प्रार्थनाओं को सुन लिया। खिलाड़ी की कड़ी मेहनत और मजबूत दृढ़ संकल्प के साथ परिवार का समर्थन, लगातार उत्साहवर्धन करना और अच्छे जीवन संस्कार भी महत्वपूर्ण होते हैं। नीरज के पास ये सब हैं जिससे उसे अपना लक्ष्य हासिल करने में मदद मिली।’’ चोपड़ा के शनिवार को स्वर्ण पदक जीतने के बाद पानीपत जिले में स्थित उनके गांव खांद्रा में जश्न का माहौल बन गया। यहां तक की गांव की वृद्ध महिलाएं भी नाच गा रही थी। सतीश ने कहा कि यदि दिग्गज मिल्खा सिंह जीवित होते तो उन्हें उनके बेटे पर गर्व होता। उन्होंने कहा, ‘‘काश मिल्खा जी आज जीवित होते तो वह बहुत खुश होते और उन्हें गर्व होता।’’ भीम ने कहा कि चोपड़ा ने पिछले 10 वर्षों से अपने खान पान पर विशेष ध्यान दिया लेकिन अब परिवार उन्हें उनका पसंदीदा भोजन करने की छूट देगा। |
hindi_2022_11335 | इस बार पंजाब सरकार के लिए चुनौती बन गई है किसानों की मांग, रद्द करनी पड़ी हैं कई ट्रेनें | गन्ने के ज्यादा सरकारी भाव की मांग में किसानों ने जालंधर कैंट के पास चेहरू स्टेशन पर 20 अगस्त से ट्रैक पर धरना दिया हुआ है, धरने की वजह से 20 अगस्त को 13, 21 अगस्त को 61, 22 अगस्त को 59 तथा 23 अगस्त को 65 गाड़ियां रद्द कर दी गई थी। | चंडीगढ़. किसान कानूनों के विरोध में एक तरफ जहां दिल्ली में कई किसान संगठन डेरा डाले बैठे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ पंजाब सरकार के लिए वहां के किसानों की मांग नई चुनौती बन गई है। पंजाब में गन्ने के ज्यादा सरकारी भाव की मांग में वहां के किसान रेलवे ट्रैक धरने पर बैठ गए हैं राज्य सरकार से अपनी मांगों को मनाने के लिए दबाव बना रहे हैं। किसानों के विरोध प्रदर्शन की वजह से पिछले एक हफ्ते के दौरान पंजाब आने-जाने वाली कई रेलगाड़ियां प्रभावित हुई हैं और कुछ तो रद्द करनी पड़ी हैं। गन्ने के ज्यादा सरकारी भाव की मांग में किसानों ने जालंधर कैंट के पास चेहरू स्टेशन पर 20 अगस्त से ट्रैक पर धरना दिया हुआ है, धरने की वजह से 20 अगस्त को 13, 21 अगस्त को 61, 22 अगस्त को 59 तथा 23 अगस्त को 65 गाड़ियां रद्द कर दी गई थी, आज यानि 24 अगस्त के लिए भी 14 रेलगाड़ियों को अबतक रद्द किया जा चुका है और 25 अगस्त के लिए 3 रेलगाड़ियों के रद्द किए जाने की घोषणा की गई है। अबतक कुल 2015 रेलगाड़ियों को रद्द किया जा चुका है, 47 के रूट बदले गए हैं और 68 रेलगाड़ियों का रूट गंतव्य से पहले ही समाप्त किया जा चुका है। पंजाब में गन्ने के स्टेट एडवायजरी प्राइस (SAP) यानि राज्य में गन्ने के सरकारी भाव को लेकर राजनीति तेज हो गई है। पंजाब में कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने गन्ने के सरकारी भाव को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और कहा है कि पंजाब में किसानों को हरियाणा और उत्तर प्रदेश से कम गन्ने का भाव मिलता है जबकि पंजाब में गन्ने की खेती की लागत ज्यादा है। अपने ट्वीट संदेश में नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था, "गन्ना किसानों के मुद्दे का जल्द समाधान करने की जरूरत है, हैरानी है कि पंजाब में गन्ने की खेती की लागत ज्यादा है लेकिन पंजाब में किसानों के लिए सरकार की तरफ से निर्धारित किया गया गन्ने का भाव (SAP) उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा से कम है। कृषि के मुद्दों की मशाल उठाने वाले पंजाब गन्ने का SAP और अच्छा होना चाहिए।" |
hindi_2022_11336 | पुलिस की कार्यवाही निष्पक्ष है तो उस पर सवालिया निशान नहीं लगेगा: योगी आदित्यनाथ | गौरतलब है कि कानपुर के एक व्यापारी की गोरखपुर में पुलिस की कथित पिटाई से मौत के मामले में पुलिस की खूब किरकिरी हुई थी। | लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ में पुलिस अलंकरण समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 75 पुलिसकर्मियों को विभिन्न पदकों से सम्मानित किया और पुलिस बल को नसीहत देते हुए कहा कि 'किसी भी मामले को सुलझाने में पुलिस की निष्पक्ष विवेचना अत्यन्त आवश्यक है। पुलिस की कार्यवाही यदि निष्पक्ष है, तो उस पर सवालिया निशान नहीं लगेगा, अन्यथा मीडिया ट्रायल शुरू हो जाएगा, जिससे जनता के मन में पुलिस की छवि धूमिल होगी।' उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस ऐसी चूक न करे कि वह खलनायक बन जाए।‘यूपी पुलिस से जुड़कर प्रत्येक पुलिसकर्मी को गौरवान्वित होना चाहिए’गौरतलब है कि कानपुर के एक व्यापारी की गोरखपुर में पुलिस की कथित पिटाई से मौत के मामले में पुलिस की खूब किरकिरी हुई और राज्य सरकार ने परिजनों की मांग पर घटना की जांच CBI से कराए जाने के लिए शुक्रवार को केंद्र सरकार से सिफारिश की है। पुलिस मुख्यालय में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए योगी ने पुलिस बल को कर्तव्य और उत्तरदायित्व की याद दिलाते हुए कहा, 'उत्तर प्रदेश का पुलिस बल देश ही नहीं वरन दुनिया का सबसे बड़ा पुलिस बल है और इतने बड़े संगठन से जुड़कर प्रत्येक पुलिसकर्मी को गौरवान्वित होना चाहिए।’‘प्रत्येक पुलिसकर्मी को सक्रिय और सकारात्मक योगदान देना चाहिए’योगी ने कहा, ‘इस विशाल पुलिस बल से जुड़े पुलिसकर्मियों को अपने संगठन की उन्नति और उसकी विश्वसनीयता को बनाये रखने में अपना सक्रिय और सकारात्मक योगदान देना चाहिए। प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाये रखने में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है, अच्छी कानून-व्यवस्था का सकारात्मक प्रभाव प्रदेश के चतुर्दिक विकास पर पड़ता है और प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश आता है, जिससे रोजगार का सृजन होता है।'‘प्रयास हो कि किसी भी मामले में मीडिया ट्रायल की स्थिति न बने’शनिवार को जारी सरकारी बयान के मुताबिक, पुलिस मुख्यालय में आयोजित समारोह में 15 पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक, 35 कर्मियों को वीरता के लिए पुलिस पदक तथा 25 पुलिसकर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 'हर हाल में इस बात का प्रयास होना चाहिए कि किसी भी मामले में मीडिया ट्रायल की स्थिति न बने। इसे रोकने के लिए यह आवश्यक है कि पुलिस मीडिया के सामने सही तथ्यों को संक्षेप में समयबद्धता के साथ रखे।'‘जनता की सुरक्षा राज्य सरकार का दायित्व है’योगी ने सोशल मीडिया की निगरानी पर भी बल दिया और कहा कि जनता की सुरक्षा राज्य सरकार का दायित्व है और इसमें पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है।' इस मौके पर महात्मा गांधी को नमन करते हुए योगी ने कहा, 'महात्मा गांधी ने हमेशा निर्धन और कमजोर वर्ग के उत्थान पर विशेष ध्यान दिया, समाज के वंचित, उपेक्षित और गरीब लोगों की रक्षा करना, उन्हें न्याय दिलाना हमारा कर्तव्य है और आम जनता पुलिस से अपेक्षा करती है कि वह अपने अच्छे आचरण एवं व्यवहार से जनता की सेवा करे तथा सही दिशा देकर जनमानस का विश्वास अर्जित करे।'साइबर क्राइम पर केन्द्रित एक फिल्म का भी हुआ प्रदर्शनमुख्यमंत्री के समक्ष साइबर क्राइम पर केन्द्रित एक फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री ने ‘उत्तर प्रदेश पुलिस मानव सम्पदा पोर्टल’ की शुरुआत की। अतिथियों का स्वागत पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने किया जबकि अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। |
hindi_2022_11337 | जहरीली शराब कांड: SSP अलीगढ़ की टीम को मिली बड़ी कामयाबी, 25 हजार का इनामी बदमाश गिरफ्तार | एसएसपी अलीगढ़ के नेतृत्व में गठित टीम ने 25000 हजार रुपए के इनामी नीरज चौधरी (अनिल चौधरी का साला) सहित अपमिश्रित शराब का सामान सप्लाई करने वाले ठेकेदार चौब सिंह व बनवारी लाल को गिरफ्तार कर लिया है। | अलीगढ़। अलीगढ़ जहरीली शराब कांड को लेकर एसएसपी कलानिधि नैथानी द्वारा लगातार अपराधियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। एसएसपी अलीगढ़ के नेतृत्व में गठित टीम ने 25000 हजार रुपए के इनामी नीरज चौधरी (अनिल चौधरी का साला) सहित अपमिश्रित शराब का सामान सप्लाई करने वाले ठेकेदार चौब सिंह व बनवारी लाल को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी नैथानी ने बताया कि जहरीली शराब प्रकरण में जनपद के थानों में अबतक कुल 17 अभियोग पंजीकृत किए गए हैं और 40 को गिरफ्तार किया गया है। 50000 हजार रुपए के इनामी विपिन यादव सहित 25000 हजार के इनामी मुनीश शर्मा के बाद 25000 हजार का इनामी नीरज चौधरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस प्रशासन ने शराब अपराधियों की पांच करोड़ की सम्पति ध्वस्त कर दी है और 100 करोड़ की सम्पति चिह्नित की है। गठित टीमों द्वारा 05 राज्यों के 200 से अधिक ठिकानों पर दबिश दी गई है। एसएसपी नैथानी ने बताया कि नामजद 34 अभियुक्तों सहित 06 सामने आए अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है। शराब प्रकरण में अब तक गिरफ्तार अभियुक्तों के बयान व निशानदेही के आधार पर भारी मात्रा में अपमिश्रित शराब (7476 लीटर अवैध शराब), 5723 नकली ढक्कन बरामद, 3200 से अधिक रेपर बरामद, 5410 क्यूआर कोड बरामद किए गए हैं। 1 हजार लीटर से अधिक स्प्रिट भी बरामद किया गया है। साथ ही पुलिस ने 150 से अधिक अवैध शराब की पेटी, पैकिंग कार्टून सहित सदिंग्ध दस्तावेज बरामद कर 3 चार पहिया वाहनों को सीज कर दिया है।शनिवार (5 जून) को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,अलीगढ़ कलानिधि नैथानी द्वारा गठित टीमों द्वारा पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिए गए अभियुक्त शिव कुमार ने सघन पूछताछ में बताया कि चौब सिंह पुत्र राम सिंह, बनवारी पुत्र ओमप्रकाश निवासीगण चौमुहा थाना अतरौली, अलीगढ़ दोनों हमें अवैध अपमिश्रित शराब बनाने का सामान देते हैं। सख्ती से पूछताछ करने पर अभियुक्तगणों ने स्वीकार कि हम QR कोड, रैपर, ढक्कन, बोतल, एल्कोहल आदि सामान शिवकुमार व इसके साथी को अवैध नकली शराब बनाने के लिए देते हैं जो 50 शराब के क्वार्टर मिले हैं यह भी नकली मिलावटी शराब है।वहीं एसएसपी अलीगढ़ नैथानी द्वारा हिरासत में लिए गए अनिल चौधरी के साले और 25000 रुपए के इनामी बदमाश नीरज चौधरी से सघन पूछताछ और बरामदगी के लिए टीमों को आदेशित किया गया है। एसएसपी द्वारा गठित टीमों द्वारा गिरफ्तार अभियुक्तों की निशादेही पर अभियुक्त की धरपकड़ व बरामदगी का सिलसिला जारी है। |
hindi_2022_11338 | राज्यसभा के 72 निवर्तमान सांसदों के विदाई भोज में बजेगा गिटार, गाए जाएंगे देशभक्ति के गीत, फेयरवेल स्पीच देंगे प्रधानमंत्री मोदी | सभी 72 सेवानिवृत होने वाले सदस्यों के लिए उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने रात्रिभोज का भी आयोजन किया है। इस भोज का आयोजन सभापति के सरकारी आवास पर होगा। इस दौरान सभी सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों और इससे पहले रिटायर हुए 19 अन्य सदस्यों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाएगा। | नयी दिल्ली: आज राज्यसभा में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं होगा। क्योंकि राज्यसभा से रिटायर होने वाले 72 सदस्यों को यह समय बोलने के लिए दिया जाएगा। ताकि वे खुलकर अपनी बातें सामने रख सकें। बता दें कि इस साल अगस्त में ये सभी सदस्य अपनी सेवाओं से सेवानिवृत्त होंगे। सदन में इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सभापति वेंकैया नायडू, सदन और विपक्ष के नेता और विभिन्न दलों के नेता भी इस अवसर पर अपनी बात रखेंगे। राज्यसभा के सेवानिवृत्त सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, उप सभापति हरिवंश और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ फोटो खिंचवाई। सभी 72 सेवानिवृत होने वाले सदस्यों के लिए उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने रात्रिभोज का भी आयोजन किया है। इस भोज का आयोजन सभापति के सरकारी आवास पर होगा। इस दौरान सभी सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों और इससे पहले रिटायर हुए 19 अन्य सदस्यों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाएगा। वहीं सदस्यों के रिटायरमेंट पर होने वाले रात्रि भोज में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। जिसमें राज्यसभा सदस्य अपनी सांस्कृतिक प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। सदस्यों ने इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। खबर है कि बीजेपी की रूपा गांगुली हिंदी गीत प्रस्तुत करेंगी। बीजेपी नेता रामचंद्र झांगड़ाएक देशभक्ति गीत सुनाएंगे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नेता वंदना चव्हाण हिंदी गाना गाएंगी। तृणमूल कांग्रेस नेता डॉ. शांतनु सेन गिटार बजाएंगे। तृणमूल कांग्रेस के डोला सेन रवींद्र संगीत पेश करेंगे। |
hindi_2022_11339 | Breaking: स्वास्थ्य मंत्रालय में बड़ा बदलाव, हेल्थ मिनिस्टर हर्षवर्धन हटाए गए, अश्विनी चौबे की भी छुट्टी | मंत्रिमडल विस्तार से पहले कई नेताओं ने इस्तीफा दिया है। इनमें सबसे बड़ा नाम है हेल्थ मिनिस्टर हर्षवर्धन का। सूत्रों का दावा है कि डॉ हर्षवर्धन ने इस्तीफा दे दिया है। उनके अलावा अश्विनी चौबे को भी हटाया गया है। | नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में आज शाम नए नेताओं की एंट्री होगी। मंत्रिमडल विस्तार से पहले कई नेताओं ने इस्तीफा दिया है। इनमें सबसे बड़ा नाम है हेल्थ मिनिस्टर हर्षवर्धन का। सूत्रों का दावा है कि डॉ हर्षवर्धन ने इस्तीफा दे दिया है। उनके अलावा अश्विनी चौबे को भी हटाया गया है। |
hindi_2022_11340 | Budget Session:संसदीय मंत्री ने कहा-31 जनवरी को बजट सत्र से पहले होगी सभी दलों की वर्चुअल बैठक | 31 जनवरी को संसद का बजट सत्र शुरू होगा। यह संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि बजट सत्र से पहले सभी दलों की वर्चुअल बैठक आयोजित की जाएगी।राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद 31 जनवरी को सुबह 11 बजे संसद का बजट सत्र शुरू होगा। इस दिन संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया जाएगा। | 31 जनवरी को संसद का बजट सत्र शुरू होगा। यह संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि बजट सत्र से पहले सभी दलों की वर्चुअल बैठक आयोजित की जाएगी। बता दें कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद 31 जनवरी को सुबह 11 बजे संसद का बजट सत्र शुरू होगा। इस दिन संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया जाएगा। इसके अगले दिन 1 फरवरी, 2022 बजट पेश किया जाएगा। सर्वदलीय बैठक में सरकार विपक्ष के साथ अगले एक वर्ष के दौरान संसदीय कार्यों तथा उनके मुद्दों को लेकर विचार-विमर्श करेगी।सूत्रों ने बताया कि ऑल पार्टी मीटिंग से पहले भारतीय जनता पार्टी की संसदीय कार्यकारी कमेटी की बैठक तथा एनडीए के नेताओं की बैठक के बाद होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन बैठकों में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री सभी दल के नेताओं से सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए आग्रह करेंगे। साथ ही पीएम सभी मुद्दों पर चर्चा कराएगी।हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं पिछले दो सत्रगौरतलब है कि संसद के पिछले दो सत्र काफी हंगामा भरे रहे। पेगासस पर चर्चा की जिद को लेकर मानसून सत्र तो विपक्ष के विरोध तथा हंगामे की भेंट ही चढ़ गया। वहीं दूसरी ओर शीतकालीन सत्र विपक्ष द्वारा गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामे से खत्म हो गया। बजट सत्र 11 फरवरी तक चलेगा। बजट सत्र का दूसरा भाग 14 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा। 18 मार्च को होली के उपलक्ष में अवकाश रहेगा। |
hindi_2022_11341 | बूस्टर डोज कब लगेगी और बच्चों को वैक्सीन कब दी जाएगी? स्वास्थ्य मंत्री ने संसद में दिया जवाब | मांडविया ने आरोप लगाया कि इस गंभीर आपदा के काल में कुछ राजनीतिक दलों ने वैक्सीन पर संशय फैलाने का प्रयास करके, वैक्सीनेशन अभियान पर सवाल उठाकर एवं प्रधानमंत्री पर आरोप लगाकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने का प्रयास किया। | नई दिल्ली: कोविड वैक्सीन की बूस्टर या तीसरी अतिरिक्त खुराक तथा 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन पर भी विशेषज्ञ विचार कर रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने सदन में कहा कि हमारे पास दो ही विकल्प हैं जिसमें से एक राजनीतिक और दूसरा वैज्ञानिक है। उन्होंने कहा कि वायरस के संक्रमण को लेकर दो विशेषज्ञ समूह अनुसंधान कर रहे हैं जिन्होंने वैक्सीन अनुसंधान में सहयोग दिया है और इस विषय पर भी विशेषज्ञ विचार कर रहे हैं।मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में कहा, "वैज्ञानिक गहन विचार कर रहे हैं और जब वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ तय करेंगे और जैसा तय करेंगे उनके मार्गदर्शन के आधार पर सरकार आगे चलेगी। जब बच्चों और बूस्टर डोज के संदर्भ में वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ तय करेंगे, वो जो भी मार्गदर्शन देंगे उसी के आधार पर हम आगे चलेंगे।’’ मांडविया ने आरोप लगाया कि इस गंभीर आपदा के काल में कुछ राजनीतिक दलों ने वैक्सीन पर संशय फैलाने का प्रयास करके, वैक्सीनेशन अभियान पर सवाल उठाकर एवं प्रधानमंत्री पर आरोप लगाकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने का प्रयास किया। मंडाविया ने कहा, "कुछ विपक्षी दल के लोगों ने सदी के सबसे कठिन समय में भी राजनीति से बाहर नहीं आकर देश की कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने का हर संभव प्रयास किया। पहले लॉकडाउन में लोगों को उकसाया, फिर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का मजाक उड़ाया। दशकों तक इन्हीं लोगों ने ही लोगों को गरीब रखा था। देश में बनी वैक्सीन होने के कारण उसपर सवाल उठाए, वैक्सीन ड्राइव शुरू हुआ तो लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया और वैक्सीन लेने के लिए डराया गया।"उन्होंने कहा, "कई लोगों ने वैक्सीनेशन की शुरुआत से ही कह दिया कि पीएम ने क्यों नहीं ली। जब प्रधानमंत्री जी ने ली तो कहा यह वैक्सीन बीजेपी की वैक्सीन है। हिंदुस्तान के इतिहास की राजनीति में मेरे दल ने तो कभी ऐसा व्यव्हार नहीं किया। 17 सितंबर को आदरणीय प्रधानमंत्री जी का जन्मदिन था, भाजपा उसे एक दल के तौर पर सेवा सप्ताह के तौर पर मनाती है और सभी कार्यकर्ताओं तथा सरकारों ने मेहनत की, मैने केवल वैक्सीन लगवाने के लिए ट्वीट करके आहवान किया था। 1-2 सरकारों को छोड़ सारी संस्थाएं, एनजीओ, मेरी पार्टी लगी, कई लोग बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक जगहों पर जाकर वैक्सीन ड्राइव शुरू किया।"लोकसभा में उन्होंने कहा, "सरकार की तरफ से वैक्सीन, सिरिंज उपलब्ध कराई गई और ढाई करोड़ डोज लगाकर एक रिकॉर्ड वैक्सिनेशन किया। कई देशों की कुल जनसंख्या भी ढाई करोड़ नहीं होता, उनकी 70-80 लाख जनसंख्या का वैक्सीनेशन होता है तो भी वे गौरव करते हैं। सबको वैक्सीन मुफ्त वैक्सीन के महामंत्र के साथ 125 करोड़ डोज लग चुके हैं। देश में 18 साल से अधिक आयु वाली जनसंख्या लगभग 94 करोड़ है जो वैक्सीन के लिए योग्य हैं और इसमें से 79 करोड़ को पहली डोज मिल चुकी है तथा 46.38 करोड़ से ज्यादा लोग पूरी तरह से वैक्सिनेटिड हो चुके हैं जो रिकॉर्ड है।" |
hindi_2022_11342 | प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना: आज रेहड़ी-पटरी वालों से संवाद करेंगे PM नरेंद्र मोदी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को रेहड़ी-पटरी वालों से संवाद करने वाले हैं। बता दें कि ये सभी रेहड़ी पटरी वाले प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभार्थी हैं। | नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को रेहड़ी-पटरी वालों से संवाद करने वाले हैं। बता दें कि ये सभी रेहड़ी पटरी वाले प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभार्थी हैं। स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (SVANidhi Yojana) योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे दुकानदारों को 10 हजार रुपये तक का कर्ज दिया जाता है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को लॉकडाउन से परेशान छोटे दुकानदारों को राहत देने के लिए जून में लागू किया गया था। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी तक प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लिए कुल 10 लाख से भी ज्यादा आवेदन मिले हैं जिनमें से 3 लाख से भी ज्यादा आवेदकों के लिए राशि स्वीकृत की जा चुकी है।बुधवार को PM की रेहड़ी-पटरी वालों से बातबुधवार को पीएम मोदी प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से बात करने वाले हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस योजना ने लॉकडाउन के दौरान दिक्कतें झेल रहे रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे दुकानदारों को राहत पहुंचाई थी। बता दें कि इस योजना के बारे में बात करते हुए केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने कहा था कि इसे को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत फेरीवाले, रेहड़ी-पटरी, खोमचा लगाने वालों को 10,000 रुपये तक का कामकाजी पूंजी ऋण मिल सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इस राशि को सालभर में मासिक किस्तों में लौटाना होगा।अभी तक मिले हैं 10 लाख से ज्यादा आवेदनइस योजना के बारे में खोमचे, रेहड़ी लगाने वालों के संगठन का मानना है कि ‘पीएम स्वनिधि’ योजना से उनकी काफी ऊंचा ब्याज वसूलने वाले महाजनों पर निर्भरता कम हो सकेगी। इस योजना का मिशन ऐसे छोटे कारोबारियों को सूदखोरों के चंगुल से निकालने का है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूदखोर अक्सर छोटे कारोबारियों से 100 से लेकर 300 प्रतिशत तक ब्याज वसूलते हैं। बता दें कि स्वनिधि योजना के लिए सरकार को अब तक 10,06,228 आवेदन मिले हैं जिनमें से 3,32,983 लोगों के लिए राशि स्वीकृत की जा चुकी है। इसके अलावा 69,279 से भी ज्यादा आवेदकों को कर्ज का भुगतान भी किया जा चुका है। |